रेवासा धाम, सीकर, राजस्थान
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- Опубліковано 12 гру 2024
- आस्था का प्रमुख केन्द्र सीकर जिले का रैवासा धाम आध्यात्मिक रूप से भगवान श्रीराम व सीता से जुड़ा है। यहां न केवल संवत 1517 में बना जानकीनाथ का सबसे पुराना मंदिर है, बल्कि काशी व अयोध्या तक प्रख्यात सीताराम की मधुरोपासना भी इसी पीठ की देन है। मां सीता की सहेली के रूप में ग्रंथों की रचना करने वाले रैवासा पीठ के संस्थापक महाराज अग्रदेवाचार्य को यहां सीताजी के साक्षात दर्शन का भी जिक्र है। वहीं, महाकाव्य रामचरित मानस के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदासजी जी भी इस पीठ में पहुंचकर पदों की
रचना कर चुके हैं36 साल से 24 घंटे की रामधुनी
जानकीनाथ मंदिर में भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण व हनुमानजी की आदमकद मूर्तियां हैं। जो दिव्य, भव्य और आकर्षक लगती है। खास बात यहां दिन रात होने वाली रामधुनी भी है। जो पिछले करीब 36 सालों से लगातार दिन-रात जारी है। इसके लिए पीठ के साधु-संत व शिष्य आठ-आठ घंटे रामधुनी के लिए सेवा देते है।
भक्तमाल ग्रंथ की रचना यहीं पर हुई थी। अग्रदेवाचार्य जी महाराज मानसी पुरुष थे। ठाकुर जी की पूजा मानसी रूप में करते थे। उनके एक शिष्य थे नाभा दास महाराज, जो हमेशा गुरुदेव की सेवा में लगे रहते थे। मानसी सेवा का मतलब हकीकत में वह काम करना होता है। jeenmata मंदिर से यहां की दूरी ११ km है। खाटूश्यामजी से ४५ km , और सालासर बालाजी मंदिर से ७३ km, जयपुर से १०३ km है।
जय जानकीनाथ 🙏🏼🙏🏼🪷🪷
!! " " राम " " !!
ऐसे को के रक्षक ब्राह्मण और संत के रक्षक शिक्षार्थी और शिक्षा देने वाले गुरुदेव आप चले गए आपके चरणो में कोटि कोटि प्रणाम
जय सियाराम कौटी कौटी प्रणाम
❤❤❤shree ram ram ram ram ram ram ❤❤❤
❤ जय श्री राम ❤
भगवान जी आप मेरी पुकार सुन रहे हो
Jai shree ram
Jai shri Ram
Lovely
🙏🙏🙏🙏
यहां का संपर्क नंबर बताइए ।
यहां कौनसे संत रहते हैं कृपया बताए
वर्तमान में यहां के पीठाधीश्वर स्वामी राघवाचार्य जी महाराज है।
Raghvacharya ji maharaj
सम्पर्क नम्बर है क्या
Swami doctor Shri raghavacharya Ji Maharaj aur Bade Dukh ke sath mein batana pad raha hai ki Pujya Maharaj Shri ka aaj Devlok Gaman Ho Gaya@@wanderlustblog2010