कैवल्य उपनिषद् | सत्र 1 | स्वामी अभेदानन्द |

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  • Опубліковано 1 гру 2024

КОМЕНТАРІ • 5

  • @jyotigandhi3834
    @jyotigandhi3834 6 днів тому

    Hari om Swamiji sadar Charan sparsh

  • @prasannapareek4933
    @prasannapareek4933 6 днів тому +1

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @umarawatisharma7672
    @umarawatisharma7672 6 днів тому

    🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹❤️

  • @santoshagarwal5488
    @santoshagarwal5488 5 днів тому +1

    Summary & key points till 11.45 minutes of above Satsang PART-A
    🌹प्रश्न ये है कि उपनिषद् की आवश्यकता क्यों है ??
    🌹अगर हम उपनिषद् को ना पढ़े तो नुकसान क्या है?
    🌹आपने सुना होगा कि चार पुरुषार्थ होते हैंअर्थ, काम, धर्म एवं मोक्ष |
    🌹Actually अर्थ पुरुषार्थ का अर्थ मतलब धन नहीं होता |
    🌹अर्थ पुरुषार्थ - जहाँ कहीं से हमें सुरक्षा मिले, इसके लिए हमारे लिए जो इच्छा है कि हम बहुत सुरक्षित रहें |
    🌹जब सुरक्षित बोल रहें हैं तो उसमें हमारा परिवार भी आ गया, हमारा अस्तित्व भी आ गया, हमारा अहंकार भी आ गया, हमारा घर भी आ गया, इसके लिए बाहर हम जो काम करते हैं, उसको बोलते है - अर्थ पुरुषार्थ |
    🌹ध्यान दीजिएगा, ये जो अर्थ पुरुषार्थ है, इसमें एक बहुत बड़ी गलती हो रही है इसको बोलते हैं, पुरुषार्थ निश्चय |
    🌹हम जब मान लीजिए, बाहर गए बाजार में, किसी ने कहा क्यों गए? - हम यहाँ पर चीनी लेने आए हैं, यहाँ हम groceries लेने आये हैं, इससे पता चलता है कि आपके घर में वो groceries नहीं है, तभी तो बाहर लेने आए हैं |
    🌹अगर हम अपने को सुरक्षित करने आए हैं, इसका मतलब हमारे में असुरक्षा है | हमारे में असुरक्षा आपने माना है उसके बाद फिर आपको जो है अर्थ पुरुषार्थ के लिए प्रयास कर रहें है |
    🌹You have already thought that I am insecure therefore I have to secure myself through money, through house through family.
    🌹In any way it is a ego reacted पुरुषार्थ, आपने मान लिया है कि हम असुरक्षित हैं |
    🌹बहुत बड़ी -बड़ी गलत धारणाएं है हमारे पास, हमने मान लिया कि कहीं न कहीं हमारे अंदर असुरक्षा का भाव है, इसलिए हमें बाहर की चीज से सुरक्षा चाहिए |
    🌹अब बताए ये सही है या गलत ??
    🌹आपको क्या लगता है कि सब कुछ पाने के बाद सुरक्षा बढ़ जाएगी??
    🌹आप हमको एक चीज बताइए, जो आपके जीवन में उस चीज को लाने से आप और सुरक्षित हो गए?? - बोले धन से |
    🌹धन आने से सच बोल रहें हैं आपसे कि कहीं न कहीं से असुरक्षा आती है कि धन को कैसे बचाया जाय, कहाँ use किया जाए, हमारे जाने के बाद कैसे धन परिवार को सुरक्षित रखेगा?? हम ये कहना चाहते हैं कि आप एक चीज नहीं बता सकते और आपको धन को सुरक्षित करना पड़ेगा न की धन आपको सुरक्षित करेगा |
    🌹दुनिया में कोई चीज ऐसी नहीं है जो आपको बहुत देर तक सुरक्षित रख सके
    🌹इसलिए अर्थ पुरुषार्थ मिथ्या पुरुषार्थ है, मतलब हमने मान के रखा है कि हम असुरक्षित हैं |
    🌹हमने already assume किया कि एक असुरक्षित अहम् है, उसके बाद हम उसको सुरक्षित करने की कोशिश कर रहें हैं |
    🌹ये जो है असुरक्षित अहम् ये question mark ???

  • @chandramukundj
    @chandramukundj 6 днів тому

    Hari om pujya swamiji.sadar pranam