Sahitya Aaj Tak 2024 : हिंदू सभ्यता : पहचान और प्रतीक के सवाल Hindu | Akshaya Mukul | Rahul Dev |

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  • Опубліковано 28 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 29

  • @ashwanikumarbajpai6938
    @ashwanikumarbajpai6938 11 годин тому

    आदरणीय वर्मा जी को बहुत बहुत धन्यवाद

  • @niranjankumarsingh2096
    @niranjankumarsingh2096 День тому +2

    Hindu panth nahi Dharm hai baki panth . Yah sanatan Dharm hai. N k singh D A V public school Katar Dehrionsone Bihar.

  • @ashwanikumarbajpai6938
    @ashwanikumarbajpai6938 11 годин тому

    बिलकुल सही वर्मा जी ने बताया, प्रणाम

  • @ashwanikumarbajpai6938
    @ashwanikumarbajpai6938 11 годин тому

    कल्याण जैसी संस्थान भारत का गर्व व गौरव हैं

  • @RAKESHGUPTA-d9j
    @RAKESHGUPTA-d9j 4 дні тому +2

    चराचर जगत को सुखी करने का मार्ग है इसे आप सनातन कहें, हिन्दुत्व कहें, भारतीयता कहें

  • @RAKESHGUPTA-d9j
    @RAKESHGUPTA-d9j 6 днів тому +2

    राहुल जी तो राहुल जी की तरह जलेबी बना रहे हैं, हिन्दू धर्म सर्वसमावेशी है, हर विचार, हर पूजा पद्धति का, ईश्वर प्राप्ति के हर मार्ग का सम्मान केवल हिन्दू धर्म करता है, अन्य कोई परंपरा बताओ कोई है तो

  • @ashwanikumarbajpai6938
    @ashwanikumarbajpai6938 11 годин тому

    अक्षय मुकुल जी पक्षपात पूर्ण से विचार करते हैं जो नहीं होना चाहिए।

  • @zulaakigaming7146
    @zulaakigaming7146 7 годин тому

    राहुल जी संघ का काम व्यक्ति निर्माण एवं राष्ट्र निर्माण है जिसे वह बखूबी कर रहा है ,, जय सियाराम जयहिंद

  • @zulaakigaming7146
    @zulaakigaming7146 8 годин тому

    मोदी जी पवन वर्मा जी का सदुपयोग क्यों नहीं कर रहे हैं,,, उन्हें राज्यपाल होना चाहिए,, जय सियाराम जयहिंद

  • @ashokchillu
    @ashokchillu 3 дні тому +1

    हमारी प्राचीन सभ्यता में, रक्षसों पर दंड का भी प्रावधान था,कोई हमारे सर पर तांडव करे,हमारे संसाधनों का अधिग्रहड़ करे ,हमारी संसकृति को पद दलित करे हम भाई भाई करें तो इसे बेवकूफी नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।इन महानुभावों के विचार ही हमारी सभ्यता के क्षरण के कारण हैं,इन्हें चैनल क्यों महत्व देता है।

  • @ashwanikumarbajpai6938
    @ashwanikumarbajpai6938 11 годин тому

    बन्धु आज भी वेद हमारे अभिन्न अंग हैं नामों में देखें ,त्रिवेदी, चतुर्वेदी आदि आदि ध्यान दें।

  • @RAKESHGUPTA-d9j
    @RAKESHGUPTA-d9j 4 дні тому

    लगता है राहुल जी ने कल्याण के विशेषांक नहीं पढे़, प्राचीन ग्रंथ तो यथा रूप ही छपेंगे!
    साहित्य और इतिहास में सबसे अधिक पूर्वाग्रह है कथित विद्वानों में

  • @RAKESHGUPTA-d9j
    @RAKESHGUPTA-d9j 4 дні тому

    अपने विचार को सुहाने वाले ग्रंथ ही पढ़ते हैं

  • @ashwanikumarbajpai6938
    @ashwanikumarbajpai6938 11 годин тому

    राहुल जी आप हिन्दू धर्म को नहीं मानते तो अन्य के बारे में आपके विचार क्या हैं स्पष्ट करते तो अच्छा होता। अन्य पंथों के बारे में जानकारी देना का साहस कम लोग ही कर पाते हैं।

  • @user-ghds4df
    @user-ghds4df 3 дні тому +1

    *Mahan hindu sabyata ??? If hindu sabyata was mahan , than what was buddhist sabyata of india. The native sabyata of india which was anhillated by persecution by aryans like pushmitra sunga under guidance of shankaracharya*

  • @RAKESHGUPTA-d9j
    @RAKESHGUPTA-d9j 6 днів тому

    पहले अघोषित ,1975 में घोषित धर्मनिरपेक्षता ने हिन्दू धर्म का अध्ययन करने कहाँ दिया इस देश में

  • @ashokchillu
    @ashokchillu 3 дні тому +1

    राहुल जी बहुत हो गया।आप इतने ग्यानी हैं जरा इस्लाम पर भी भाषण दीजिये।कब आया क्या कर रहा है,क्या किया,क्यों किया,इस देश के पिछड़ेपन का ऐक ही कारण है आप और आप जसों के विचार।

  • @RAKESHGUPTA-d9j
    @RAKESHGUPTA-d9j 6 днів тому

    कुछ विषय किसी कालखंड में संकुचित सोच के कारण अनुचित हो जाने से गीता प्रेस का योगदान कम नहीं हो जाता, रहा प्रश्न कल्याण का उसमें अनेक लोग अपने विचार रखते हैं जैसे इस संवाद में हो रहा है

  • @gopalaggarwal1908
    @gopalaggarwal1908 3 дні тому

    Gita press ka ek bhi partinidhi kayo nahi h.janbujhkar nahi bulaya .agenda set karne ke liye nahi bulaya

  • @Setmax-b1x
    @Setmax-b1x 6 днів тому

    kam

  • @ashokchillu
    @ashokchillu 3 дні тому +2

    हमारी प्राचीन सभ्यता में, रक्षसों पर दंड का भी प्रावधान था,कोई हमारे सर पर तांडव करे,हमारे संसाधनों का अधिग्रहड़ करे ,हमारी संसकृति को पद दलित करे हम भाई भाई करें तो इसे बेवकूफी नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।इन महानुभावों के विचार ही हमारी सभ्यता के क्षरण के कारण हैं,इन्हें चैनल क्यों महत्व देता है।