Radio Play - Rat Beetne Tak by Mohan Rakesh

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  • Опубліковано 20 вер 2024
  • #AkashvaniAIR
    #Akashvani #AIR
    #RadioNatak
    जिन श्रोताओं को हिंदी उपन्यासों , कहानियों और नाटकों में दिलचस्पी है उनके लिए मोहन राकेश एक जाना पहचाना नाम है | आज हम आपको हिंदी के बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न नाट्यलेखक और उपन्यासकार मोहन राकेश का लिखा नाटक सुनवा रहे हैं , शीर्षक है ‘ रात बीतने तक’ |
    नाटक सुनाने से पहले कुछ बातें इस नाटक के जन्म की | रात बीतने तक को मोहन राकेश ने शुरू में एक कहानी के रूप में लिखा था,उन्नीस सौ छियालीस-सैंतालिस में | बाद में इसे ‘सुंदरी’ शीर्षक से रेडियो-नाटक के रूप में लिखा | उन दिनों वो मुंबई में थे | आकाशवाणी मुंबई से जब इस नाटक का प्रसारण हुआ तो उन्हें बहुत ख़ुशी नहीं हुई क्योंकि एक ईरानी होटल में चाय पीते हुए शोरगुल के बीच उन्होंने ये नाटक सुना था और नाटक कम, ध्वनि प्रभाव ही ज्यादा सुनाई देता रहा | खैर, सात-आठ साल बाद जब राकेश जी जालंधर में थे तब वहां आकाशवाणी के नाटक निर्देशक रमेश पाल जी के आग्रह पर दोबारा ‘रात बीतने तक’ नाटक लिखा गया और प्रसारित किया गया | इस बार नाटक सुनने के बाद उन्हें बहुत ख़ुशी हुई | नाटक जैसा वो चाहते थे , वैसा ही बना था | आगे चलकर इसी कहानी को और विस्तार देकर मोहन राकेश ने अपना प्रसिद्द नाटक ‘लहरों के राजहंस’ लिखा जो 1963 में प्रकाशित हुआ |
    Title : “Raat Beetne Tak”
    Writer : Mohan Rakesh
    Director : Anjali Sharma
    Assistance : Vijay Laxmi Sharma
    Artists : Mala Kumar, Sharda Gupta , Deepali Tandon, Man Mohan Joshi
    ( a Central Drama Unit presentation)

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