भूकानून मूलनिवास राज्य बनते ही प्रथम लक्ष्य था! लेकिन दुर्भाग्य उत्तराखंड के इतने मुख्यमंत्री सबने एक ही निति अपनाई बन्दर बांट वाली कोई भी पहाड़ और पहाड़ी के लिए कुछ नहीं? जनता निराश?
pradeep jee... lekin in hi uttarakhadiyon ne in saari sarkar ko chuna... quarter pee ke rajya ka bhavishya girvi rakhne walon ke sath aisa hi hota hai...... moradabad, amroha, bareilley ke logon ko aaj bhi uttarakhandi sharab ki bottle ke badle apni zameen bech rahe hai
मेरा अनुरोध है कि किस प्रकार गांव में चकबंदी की जाए क्योंकि हम लोगों की जमीन एक खेत कही है एक खेत कहीं है और कुछ कुछ खेतों का तो अब पता भी नहीं रह गया है अगर गांव में चकबंदी की व्यवस्था की जाए उसका कोई आर्थिक मापदंड बनाया जाए तो उत्तराखंड में भी हिमाचल की तरह बागवानी की जा सकती है हमारे अधिकतर क्षेत्र 4500 फुट से ज्यादा ऊंचाई पर हैं इन पहाड़ों में अनार अखरोट और सेब की बागवानी को प्रोत्साहित किया जाए तब एक मजबूत भू कानून बने। और ऐसा कानून बनाया जाए जिससे पहाड़ियों की जमीन भी बच जाए पलायन भी रुक जाए। चकबंदी हो जाने के बाद जब 1012 नाली इकट्ठे हो जाएगी तो उस पर 2 ०० 400 पेड़ अगर फल के लगाए जाएंगे तो वह व्यक्ति अपना रोजगार भी बना पाएगा अपने बच्चों को वहां पढ़। पाएगा और प्रसन्न रह पाए गा। अब एक दो खेत में 15 पेड़ लग गए फिर कहीं और 15 पेड़ लग गए अलग अलग जगह की देखभाल कैसेकी जाए।
तो क्या उन्हें गोली मार दे या फांसी चढ़ा दे उन्होंने तुमसे जमीन मुफ्त नहीं ली पैसा खर्च कर ली है और तुमने उन्हें बेची तब ली मै खुद एक फौजी हु और सारी नौकरी ज्यादातर उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर मे की अब उत्तराखंड में मकान बनाया अपनी पूरी जिंदगी की कमाई उसमें लगा दी अभी भी बैंक की किश्त चुका रहा हु अगर मुझसे कोई दिक्कत थी तो मुझे जमीन बेचनी ही नहीं थी अब मेरी क्या गलती हर समय दिमाग में टेंशन रहती है अपनी ड्यूटी पर होता हु पर हर समय डर लगा रहता है कि सरकार ने अपने वोट बैंक को खुश करने के चक्कर में कही कोई कानून न बना दिया हो
भू कानून तत्काल लागू होना चाहिए । हम हिंदू होने के वावजूद भी पहाड़ में 2 कमरे बनाने के लिए जमीन अथवा मकान नहीं खरीद पा रहे हैं स्वयं के लिए, क्योंकि प्रत्येक स्थान पर एक न एक जिहादी अगल-बगल रह रहा है और उसके आसपास रहने से वह जिहादी किसी भी निम्न स्तर पर जो सकता है । भू कानून तत्काल लागू नहीं हुआ तो किसी भी अनहोनी के लिए तीनों पालिकाएं यथा- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जिम्मेदार रहेगी ।।
हिमाचल प्रदेश में सशख्त भू कानून बनने का मुख्य कारण है वहां के राजनेताओं की अपने राज्य के प्रति ईमानदारी से समर्पण की भावना है। जब कि उत्तराखंड के राजनेता उत्तराखंड के प्रति समर्पित भावना नहीं रखते हैं। उत्तराखंड में सख्त भू कानून को त्रिवेन्द्र सिंह सरकार सबसे अधिक आसान बनाया जो कि सर्वथा राज्य हित में नहीं माना जा सकता है। यदि ईमानदारी से सोचा जाए तो यहां भी हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सख्त भू कानून बनाया जा सकता है।अब धामी सरकार कितनी ईमानदारी दिखायेगी समय के साथ ही पता चल पाएगा।
बहुत सटीक विश्लेषण। सरकारों को सिर्फ अपने लिए पैसा चाहिए चाहे mla हो mp हो या नीचे के छूट भय्ये नेता। गैरसैंण के आसपास राज्य बनने के बाद किसने कितनी जमीन खरीदी। अयोध्या की तरह
माननीय मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं भू कानून भू कानून पर काम चल रहा है अरे भाई यह कानून से थोड़ेपास करना है करना है कर दो संविधान में बिल पास करना है और हो जाएगा अल्पमत सरकारभी नहीं है इनकी मन इच्छा ही नहीं है काम करने
एक बाहरी आदमी को अधिकतम 1 नाली जमीन एक गांव में 10 बाहरी से ज्यादा नही अर्थात किसी भी गांव में 10 नाली से ज्यादा जमीन बाहर वालों के पास न जाए। इस सीमा से ज्यादा की जमीन जब्त हो, उनको सर्किल रेट से सरकार मुआवजा देकर जमीन वापस खरीदी करे। अब भू कानून नाम सुनने के बाद बेनामी होंगी बहुत, इसलिए भू कानून आने तक दाखिल खारिज पर रोक लगे।
मुख्य मंत्री जी मूलनिवास और भू कानून बनाने के लिए इतना लंबा समय देने का कारण यह है की। ताकि भू माफिया कुछ ना कुछ तोड़ निकाल सके और भू माफिया अपना सेटल मेंट कर सके एक बात देखने लायक है की किसी भी पार्टी का कोई माननीय इस संबंध में एक भी। बात नही बोल रहा हैं यह भी नही चाहते है की उत्तराखंड में मूल निवास और भू कानून बने
UK and HP jaisa land law, baki ki states ko bhi bna hi lena chahiye, baki state ke log HP UK me land nahi le sakte but yeh log har state me settle ho rahe, desh ek hai to law bhi ek ho, nahi to declare kar do ki HP UK alag country hai, indian union ki states nahi hai. Partiality kab tak chale gi? Kashmir ki dhara 370 , ek desh ek law bol kar khatm ki thi, HP UK ke partial land law bhi khatam hai, varna baki ki state me bhi yeh law implement ho
Janta ab dhire dhire sab chal samajh chuki hai bjp kongresh ka khel ND Tiwari and B C Khanduri k rule me change bhi dono partiyo ne milkar kiya AWAZ DO HAM EK HAI
आजकल उत्तराखण्ड में जमीन खरीदने वालों की बाढ़ आ रखी है आप किसी भी क्षेत्र में चले जाएं बाहरियों ने आकर कई कई सौ नाली जमीन खरीद कर छोड़ रखी हैं । इसका मतलब उत्तराखण्ड के मूल निवासियों का भविष्य गर्त में । सोचिए सख्त भू कानून जरुरी है
सही बात है पहाड़ों में ऐसी कोई और लोगों को नहीं बेचे देना चाहिए हमारे मुख्यमंत्री जी भी सहायता कर रहे हैं और लोग भी सहायता करो जिस की पहाड़ में और लोग इधर उधर के नहीं आए हमारे यहां पहाड़ में तो देवी देवताओं को कोई औरत छू नहीं सकती है बिगर नियम से यहां तो पूरे जो है लेडिस दिया भी चल आती हैं नियम कम होता हैउत्तराखंड में
Bhu Kanoon banane se pahle Chavkbandi honi chahiye. Phir bhukanoon bane aur kishi bhi bahari byakti ko jamin kharidne par shimsa lage ki wah kitani jamin le sakta hai. Jai hind. Jai Uttarakhand. .
उत्तराखंड से यूनाइटेड किंगडम,जर्मन, जापान, अमेरिका मतलब विदेशों में रह रहे उत्तराखंडियों के अंदर भी मूल निवास भू कानून को लेकर एक चिंगारी सी जल उठी है और आज खेत खलियान को बचाने की बात को लेकर सभी को चिंता होने लगी है। हालांकिपर मुख्यमंत्री ने भी कह दिया की बहुत जल्द सशक्त भू कानून लाएंगे लेकिन कब और कैसा होगा स्वरूप? देहरादून में मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने पत्रकार वार्ता में कहा। उत्तराखंड से यूनाइटेड जन समीक्षा के बाद ही बने मूल निवास और मजबूत भू-कानून इन्वेस्टमेंट के नाम पर दी गई जमीनों की रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार मलिन बस्तियों को जमीन का न मिले मालिकाना हक उद्योगों के लाभांश में जमीन मालिक की भी हो बराबर की हिस्सेदारी, लीज पर ही दी जाय जमीन। देहरादून। मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि मूल निवास और भूमि कानून जनता की भावनाओं के अनुरूप होना चाहिए। विधानसभा में कानून पारित होने से पूर्व इसके ड्रॉफ्ट के स्वरूप को लेकर सर्वदलीय और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ सरकार को चर्चा करनी चाहिए। आम सहमति के बाद ही विधानसभा में मूल निवास और भू-कानून बनने चाहिए। प्रेस क्लब देहरादून में पत्रकारों से वार्ता करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि वर्ष 2022 में भू-कानून को लेकर सुभाष कुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए। उद्योगों के नाम पर दी गई जमीनों का ब्यौरा भी सार्वजनिक होना चाहिए। स्थिति यह है कि जिस प्रयोजन के लिए जमीन दी जा रही है, वहां उस प्रयोजन के बजाय प्रोपर्टी डीलिंग का काम चल रहा है। ऐसे बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं। उत्तराखंड में जितने भी इन्वेस्टमेंट सम्म्मेल हो रहे हैं, वह सब जमीनों की लूट के सम्मेलन थे। इस लूट की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला जमीनों का है। जमीनों की लूट में शामिल और भू-कानून को कमजोर करने वाले मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, नौकरशाह और इनके करीबियों की गहन जांच भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 30 साल से रह रहे व्यक्ति को ही घर बनाने के लिए 200 वर्ग मीटर तक जमीन मिलनी चाहिए। इसके साथ ही मलिन बस्तियों को जमीन का मालिकाना हक नहीं मिलना चाहिए। किसी भी तरह के उद्योग में जमीन के मालिक की बराबर की हिस्सेदारी होनी चाहिए और उद्योगों के लिए जमीन को दस साल की लीज पर ही दी जाय। उन्होंने कहा की प्रदेश में कृषि भूमि की खरीद पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगना चाहिए और शहरी क्षेत्रों में निकायों का विस्तार भी रुकना चाहिए। उन्होंने आंदोलन की रणनीति को लेकर कहा कि केदारनाथ में जल्द स्वाभिमान महारैली आयोजित करेंगे। इसके बाद हरिद्वार, पिथौरागढ़, रामनगर, पौड़ी, विकासनगर सहित अन्य हिस्सों में स्वाभिमान महारैलियाँ आयोजित की जायेंगी। यह आंदोलन निरंतर चलता रहेगा। इस मौके पर संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशुन टोडरिया, सचिव प्रांजल नौडियाल, संरक्षक मोहन सिंह रावत, कोर मेंबर विपिन नेगी, मनीष गोनियाल आदि मौजूद थे।
Congerss bhi nahi karegi balki wo to bahar se Muslim ko la kar yaha basa kar apna vote bank bana kar hamesha ke liye sata main rehne ke liye Yisa kar sakti hai. Humko na BJP na congerss kisi ki nahi lana chahiye humko apni local party UKD ko support karna Chayiye. Ya koi nahi party banai hogi jo Uttarakhand ke adhikaro ki raksha kare.
श्रीमान जी प्रदेश को भू कानून और मूल निवासी के अलावा ट्राइब स्टेटस और संविधान की 5th अनुसूची में भी शामिल होना चाहिए इसके लिए भी एक कार्यक्रम आयोजित कीजिए
हमारे मुख्यमंत्री जी खुद पार्वतीमूल के हैं, वह वहां की भौगोलिक स्थिति से बहुत अच्छी तरहपरिचित है, आवश्यकता है पर्वती क्षेत्र में चकबंदी अनिवार्य चकबंदी की, जिसकी वजह से एक चेक होने से जंगली जानवर की सुरक्षा भी की जा सकती है और पलायन भी काफी हद तक रोका जा सकता है,
पुराने भू कानून निरस्त और नया भू क़ानून 1950 ही इसका इलाज है।अगर किसी बाहरी व्यक्ति कारख़ाना लगाना चाहता है,तो वह agreement और किरायेदार की हैसियत से भूमि ले सकता है,मालिकाना हक़ केवल मूल निवासी के पास ही रहे ।
भू कानून कुछ और नहीं दूसरे प्रदेश वालो को धमकाना है। जिस तरह से पहाड़ी लोग मनमानी कर रहे है ये प्रदेश और देश दोनो के लिए बहुत घातक है। अगर इसी नीति पर सब प्रदेश चलने लगे तो देश बर्बाद हो जाएगा
चकबंदी न होने के कारण भी बाहरी खरिददार प्रापटी डीलरों की मदद से बाउंड्री वाल बनाकर आने जाने वाले रास्ते मैढ़ को बन्द कर देते ताकि मजबूर होकर जमीन बेचनी पडे।
हिमाचल के मुकाबले भू-कानून के संदर्भ में उत्तराखंड के नेता और सरकारें ग्याड़ू-घ्यंताड़ू साबित हुए। बीजेपी और कांग्रेस को उत्तराखंड की राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
भूकानून मूलनिवास राज्य बनते ही प्रथम लक्ष्य था! लेकिन दुर्भाग्य उत्तराखंड के इतने मुख्यमंत्री सबने एक ही निति अपनाई बन्दर बांट वाली कोई भी पहाड़ और पहाड़ी के लिए कुछ नहीं? जनता निराश?
pradeep jee... lekin in hi uttarakhadiyon ne in saari sarkar ko chuna... quarter pee ke rajya ka bhavishya girvi rakhne walon ke sath aisa hi hota hai...... moradabad, amroha, bareilley ke logon ko aaj bhi uttarakhandi sharab ki bottle ke badle apni zameen bech rahe hai
@@pradeepchauhan6730 ji sabne दिल्ली की गुलामी को हरीश रावत को छोड़ कर
@negibs687 9 pagal hai vo log baad mein unke bachho par hi aafat aayegi
@@rajendrarangar2329 Harish Rawat ne khud ne kitne rohingyo or chudalmano ko basaya h Devbhoomi m
त्रिबेंद्र रावत सब से बड़ चुकातिय cm बन था कोन कोन मानत है इस के चक्कर में पहाड़ बिक 😢 सक्त 1950 भू कानून मूल निवास लागू होन चाहिए ✊ हर हर महादेव 🙏🚩
Sare aisi hi raje
Trivendra ने पूरे उत्तराखंड को बेच दिया
Bilkul sahi sabse bda chor vhi h vaise dhami ji bhi kam nhi h😅
अब इन चोर cm ka किया इलाज है जनता तय करे धामी सरकार द्वारा चलाई गई नियम भी सख्त नही है उत्तराखंड में बाहरी लोगों पर पूर्ण रूप से प्रीतिवंद
@@uttarakhandculture9013 sare cm ase he hain bhai sab chor.
मेरा अनुरोध है कि किस प्रकार गांव में चकबंदी की जाए क्योंकि हम लोगों की जमीन एक खेत कही है एक खेत कहीं है और कुछ कुछ खेतों का तो अब पता भी नहीं रह गया है अगर गांव में चकबंदी की व्यवस्था की जाए उसका कोई आर्थिक मापदंड बनाया जाए तो उत्तराखंड में भी हिमाचल की तरह बागवानी की जा सकती है हमारे अधिकतर क्षेत्र 4500 फुट से ज्यादा ऊंचाई पर हैं इन पहाड़ों में अनार अखरोट और सेब की बागवानी को प्रोत्साहित किया जाए तब एक मजबूत भू कानून बने। और ऐसा कानून बनाया जाए जिससे पहाड़ियों की जमीन भी बच जाए पलायन भी रुक जाए। चकबंदी हो जाने के बाद जब 1012 नाली इकट्ठे हो जाएगी तो उस पर 2 ०० 400 पेड़ अगर फल के लगाए जाएंगे तो वह व्यक्ति अपना रोजगार भी बना पाएगा अपने बच्चों को वहां पढ़। पाएगा और प्रसन्न रह पाए गा। अब एक दो खेत में 15 पेड़ लग गए फिर कहीं और 15 पेड़ लग गए अलग अलग जगह की देखभाल कैसेकी जाए।
8:28
मूल निवास 1950 लागू हुआ हिमाचल के तर्ज पर भू कानून बने
शक्त भू कानून तुरंत लागू होना चाहिए।।
भू कानून आ जाए तब तो माने, बयान बाजी हम भी दें देगे ❤❤❤ आपकी पत्रकारी को हमारा 🙏🙏 है
भू कानून चैणु च 🇮🇳
Bahut sundar information Jai uttarakhand 🙏🙏💐
हमारे अनुसूचित जाति के परिवारों को कृषि भूमि पर्याप्त मात्रा में आवंटित होनी चाहिए।
Hamare yahan pahadi log bina registry ke reh rahe hai kya unhe bhi wapas pahad bhej diya jayega aur hamari bhoomi hame wapas kar di jayegi 😢
Molll niwas/bhoo kanoon jruri hai... Yai bahri log aakr hmri seat khaa gye reservation wale bhi 😢😢😢... Sare phadi ekk hoo reee... Love from uk 01
Uttarakhand के सरकारों ने उत्तराखण्ड को खोखला कर दिया । उत्तराखंड मांगे भू कानून✊
Jo uttarakhand mein bahari log bas chuke hai aur yah farm house aur hotel etc bana chuke hai un par bhi action hona chahiye
Kya karna chye unke sath??
Jo bas gya hain unko basne do usmein unki kya galti hain galti toh sarkar ke hai na kyu sarkar ne jamen lene de ???
तो क्या उन्हें गोली मार दे या फांसी चढ़ा दे उन्होंने तुमसे जमीन मुफ्त नहीं ली पैसा खर्च कर ली है और तुमने उन्हें बेची तब ली मै खुद एक फौजी हु और सारी नौकरी ज्यादातर उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर मे की अब उत्तराखंड में मकान बनाया अपनी पूरी जिंदगी की कमाई उसमें लगा दी अभी भी बैंक की किश्त चुका रहा हु अगर मुझसे कोई दिक्कत थी तो मुझे जमीन बेचनी ही नहीं थी अब मेरी क्या गलती हर समय दिमाग में टेंशन रहती है अपनी ड्यूटी पर होता हु पर हर समय डर लगा रहता है कि सरकार ने अपने वोट बैंक को खुश करने के चक्कर में कही कोई कानून न बना दिया हो
मूल निवास 1950 एवं सशक्त भू कानून अति शीघ्र लागू किया जाए 🙏🙏जय देवभूमि उत्तराखंड 🚩
Bjp congress bhagao 60 lac desi or muslim basa dye yha
Ukd
Desi se kya matlab h aapka?? Chuslim se to hum bhi ghrina karte h
Thoda hinsak hona parega uk walo
Desi kya hota hai?? Tum sb kya videsh se tapke thay??
@@ankitpandey-lq1lotu ho phle apne pariwar wale ko kra .. bccho ko krana apne fir dusro ko bhadakana
सर्वप्रथम उत्तराखंड में भूमि बन्दोवस्त करवाओ फिर हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर भू-कानून लाओ।
हमारू हक सख्त भू कानून ,,मूल निवास 1950 ,,,,
उत्तराखंड में जब तक कोई क्षेत्रीय पार्टी नहीं आती तब तक उत्तराखंड का भला होने वाला नहीं।
भू कानून तत्काल लागू होना चाहिए । हम हिंदू होने के वावजूद भी पहाड़ में 2 कमरे बनाने के लिए जमीन अथवा मकान नहीं खरीद पा रहे हैं स्वयं के लिए, क्योंकि प्रत्येक स्थान पर एक न एक जिहादी अगल-बगल रह रहा है और उसके आसपास रहने से वह जिहादी किसी भी निम्न स्तर पर जो सकता है ।
भू कानून तत्काल लागू नहीं हुआ तो किसी भी अनहोनी के लिए तीनों पालिकाएं यथा- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जिम्मेदार रहेगी ।।
Sundr dhami ji.
हां अपना उत्तराखंड बचाना है नेताओ के हाथों से
जल्दी लाए भू कानून
हिमाचल प्रदेश में सशख्त भू कानून बनने का मुख्य कारण है वहां के राजनेताओं की अपने राज्य के प्रति ईमानदारी से समर्पण की भावना है। जब कि उत्तराखंड के राजनेता उत्तराखंड के प्रति समर्पित भावना नहीं रखते हैं। उत्तराखंड में सख्त भू कानून को त्रिवेन्द्र सिंह सरकार सबसे अधिक आसान बनाया जो कि सर्वथा राज्य हित में नहीं माना जा सकता है। यदि ईमानदारी से सोचा जाए तो यहां भी हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सख्त भू कानून बनाया जा सकता है।अब धामी सरकार कितनी ईमानदारी दिखायेगी समय के साथ ही पता चल पाएगा।
आपका प्रोग्राम और बारामासा का X cover फिलहाल no 1 पर हैं विश्वास के मामले में 🎉🎉🎉🎉🎉
Thank you.
Bhut bhut jarurat hai... hamaara uttrakhand...hamari devbhoomi.....
बहुत सटीक विश्लेषण। सरकारों को सिर्फ अपने लिए पैसा चाहिए चाहे mla हो mp हो या नीचे के छूट भय्ये नेता। गैरसैंण के आसपास राज्य बनने के बाद किसने कितनी जमीन खरीदी। अयोध्या की तरह
माननीय मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं भू कानून भू कानून पर काम चल रहा है अरे भाई यह कानून से थोड़ेपास करना है करना है कर दो संविधान में बिल पास करना है और हो जाएगा अल्पमत सरकारभी नहीं है इनकी मन इच्छा ही नहीं है काम करने
बहुत सुंदर ज्ञान दिया अपने।❤
एक बाहरी आदमी को अधिकतम 1 नाली जमीन
एक गांव में 10 बाहरी से ज्यादा नही
अर्थात किसी भी गांव में 10 नाली से ज्यादा जमीन बाहर वालों के पास न जाए।
इस सीमा से ज्यादा की जमीन जब्त हो, उनको सर्किल रेट से सरकार मुआवजा देकर जमीन वापस खरीदी करे।
अब भू कानून नाम सुनने के बाद बेनामी होंगी बहुत, इसलिए भू कानून आने तक दाखिल खारिज पर रोक लगे।
वो उनका अधिकार है ताकि वो वहीं बस सके ।
Bahut badhiya
Bhu kanoon❤❤❤❤❤❤
उत्तराखंड का दुर्भाग्य है जो उत्तराखंड अलग राज्य बना, हिमाचल ने भू कानून बनाया तो उत्तराखंड क्यों नहीं बना पा रहा है
Invite Sonam Wangchuk for a rally
बहुत सुंदर लगा है
मुख्य मंत्री जी मूलनिवास और भू कानून बनाने के लिए इतना लंबा समय देने का कारण यह है की। ताकि भू माफिया कुछ ना कुछ तोड़ निकाल सके और भू माफिया अपना सेटल मेंट कर सके एक बात देखने लायक है की किसी भी पार्टी का कोई माननीय इस संबंध में एक भी। बात नही बोल रहा हैं यह भी नही चाहते है की उत्तराखंड में मूल निवास और भू कानून बने
उत्तराखंड में मलिन बस्तियों में 10% लोग भी मूल निवासी नहीं है ज्यादातर भारी लोगों ने किया हुआ है अवैध कब्जा
जय देवभूमि उत्तराखण्ड
राज्य आंदोलनकारी
शहीदों को श्रद्धांजलि एवं
शत शत नमन
🙏❤ ॐ ❤🙏
धामी जी ज़िंदाबाद
🙏❤ ॐ ❤🙏
सभी सम्मानित देशभक्त ज़िंदाबाद
🙏❤ ॐ ❤🙏
सही कहा है🙏💕
We join bhukanoon
Uttarakhand mange bhu-kanoon✊✌️
5th Schedule me include karo uttarakhand ko
UK and HP jaisa land law, baki ki states ko bhi bna hi lena chahiye, baki state ke log HP UK me land nahi le sakte but yeh log har state me settle ho rahe, desh ek hai to law bhi ek ho, nahi to declare kar do ki HP UK alag country hai, indian union ki states nahi hai. Partiality kab tak chale gi? Kashmir ki dhara 370 , ek desh ek law bol kar khatm ki thi, HP UK ke partial land law bhi khatam hai, varna baki ki state me bhi yeh law implement ho
Sahi baat fir ye pahadi log bahar kyu aate hai pahad chhodkar mero pahad mero pahad krte hai to wahi rahe aaye bosadiwalo ko Jamin kharidane dete hai
बोल पहाड़ी हल्ला बोल 🗻🗻👍👍
Jai uttrakhand
Jai uttrakhand..Pushkar singh Dhami jindabad...tribhuvan Rawat ne jo kiya wo apne hi pahadiyo ka vinash kiya ....
हमारा उत्तराखण्ड भी सीमांचल की तरह होना चाहिए जय श्री राम हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🙏
#5thScheduleForUttarakhand
हम भी अपने उत्तराखंड वापिस आ जाइगे भू कानून मजबूत हो जायेगा
Kaas dhami sarkaar aapki video dekhe or is par amal kare❤
भू कानून में देरी क्यों हुई
भू कानून के हिसाब से हिमालय क्षेत्र के लोगों को भी कहीं जमीन नही खरीदने देना चाहिए ।
इनलोगो का भी विरोध होना चाहिए।
Sahi baat
Janta ab dhire dhire sab chal samajh chuki hai bjp kongresh ka khel
ND Tiwari and B C Khanduri k rule me change bhi dono partiyo ne milkar kiya
AWAZ DO HAM EK HAI
Himanchal jainsa bhu kanoon hona chahiye......
आजकल उत्तराखण्ड में जमीन खरीदने वालों की बाढ़ आ रखी है आप किसी भी क्षेत्र में चले जाएं बाहरियों ने आकर कई कई सौ नाली जमीन खरीद कर छोड़ रखी हैं । इसका मतलब उत्तराखण्ड के मूल निवासियों का भविष्य गर्त में । सोचिए सख्त भू कानून जरुरी है
Boycott bjp congress,
*जय श्री गणेश जी🍎👏*
*जय श्री💪हनुमान जी🍎👏*
*जय🚩गऊ🚩माता🚩मां🌻🍎🌹👏*
*👉तैंतीस🚩कोटि के👏*
*देवी🚩देवताओं🚩को👏*
*अपने🚩शरीर में🚩👏*
*धारण🚩करने🚩वालीं👏*
*गऊ🚩माता मां🚩को👏*
*चरणस्पर्श👏प्रणाम👏🌹🍎🌻👏*
*👉सभी सम्मानित पित्रों को👏*
*शत शत नमन👏ॐसांति👏*
*ॐसांति👏ॐसांति👏*
*सम्मानित गुरुजनों को👏*
*चरणस्पर्श👏प्रणाम जी👏*
*सम्मानित देशभक्त सज्जनों को👏*
*जय जय श्री राधे कृष्णा जी🍎👏*
*जय श्री राम👏🏹🌹🍎👏*
*वाहेगुरु जी👏सतनाम🌹🪯🕉️🌻*
*आपका हर दिन*
*आपके परिवार*
*आपके मित्रों सहित हमेशा*
*शुभ एवं मंगलमय हो जी🌹🍎🌻👏*
*👉भारत🇦🇷का😞बंटवारा😞-?-*
*हिंदुओं🚩🇦🇷की😞लाशों😞पर-?-,*
*👉😱पाकिस्तान😱से😱-?-*
*हिंदू🚩🇦🇷हिंदुस्तान🇦🇷*
*आने😞वाली😞रेलगाड़ियों😞में,*
*हिंदुओं🚩🇦🇷की😞कटी लाशें-?-*
*हिंदू🚩🇦🇷हिंदुस्तान😞आईं😞थी-?-*
*😞जो😞हमारे🚩हिंदू🇦🇷हिंदुस्तानी👏*
*अपने😞 हिंदुओं🚩की😞कटी😞*
*लाशों😞के😞नीचे😞बचकर-?+*
*हिंदू🚩हिंदुस्तान🇦🇷आए😞थे+?-*
*👉🚩हिंदू🚩👏🇦🇷हिंदुस्तानी👏*
*😞🚩हिंदुओं की😞बर्बादी*
*😞पीड़ा😞कष्टों😞को😞हिंदू🚩*
*🇦🇷हिंदुस्तानी😞भूल गए😞थे-?-*
*👉लेकिन😞फिर कुछ साल बाद,*
*कश्मीर😞से😞रातों😞रात😞*
*हिंदुओं🚩🇦🇷को👏उनके😞घरों से-?-*
*उन😱पाकिस्तानी😱खतरनाक*
*😱आतंकियों😱जिहादियों😱ने-?-*
*😞कश्मीरी😞पंडितों🚩🇦🇷को-?-*
*बेईजत्त😞करके😞मारकर😞मगाया-?-*
*हिंदू🚩हिंदुस्तानियों😞की😞 मां*
*😞बहनों😞बेटियों😞के😞साथ-?-,*
*बहुत😞गंदे😞गंदे😞काम😞किए-?-*
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*👉72 वर्षों😞का😞एक😞सवाल-?-*
*👉कश्मीर😱में😱-?-*
*पाकिस्तानी😱रह😱सकते😱थे-?-*
*लेकिन🚩🇦🇷भारतीय🚩हिंदू😞नहीं-?-*
*ये😞कानून😞बनाने😞वाले😞-?-*
*देशभक्त😱कैसे😱हो😱सकते😱हैं-?-*
*सोचियेगा😞जरूर-?+👏ॐ*
*वाहेगुरु👏जी🪯सतनाम🌹🍎🍇🌻*
*जय जय श्री राधे कृष्णा जी🍎👏*
*जय🚩गऊ🚩माता🚩मां🍎👏*
*जय श्री राम🏹🌹🍎🌻*
*👏❤ॐ❤👏*
*भारत🇦🇷माता🚩की🚩जय हो🚩👏*
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*👉लेकिन😞ऐसा😞लगता😞है😞*
*हमारे😞ही😞बीच😞के😞*
*कुछ😞 स्वार्थी😞🚩हिंदू👏*
*🇦🇷हिंदुस्तानी😞तो👏उन😱*
*खतरनाक😱पाकिस्तानी😱*
*उन😱बंगलादेशी😱*
*उन😱रोहिंग्याओं😱के😱*
*अबैध😱कब्जे😱करने😱वाले😱*
*उन😱घुसपैठियों😱के😱*
*वोट😱बैंक😱के😱भाईचारे😱से-?-*
*😞हमारे😞कुछ😞लोग😞 अपने*
*😞व्यक्तिगत😞स्वार्थों😞के😞लिए-?-*
*😞पूरे😞हिंदू🚩👏*
*🇦🇷हिंदुस्तान😡को👏*
*हमेशा😞के😞लिए😞-?-*
*गहरी😞नींद😞में😞*
*सुलाना😞चाहते😞हैं😞-?-*
*👉सावधान👏हिंदू🚩🇦🇷हिंदुस्तान👏सावधान+?+👏*
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*👉 हिंदू🚩हिंदुस्तान 🇦🇷के👏,*
*सभी🚩🇦🇷प्रदेशों👏में*
*सभी"सम्मानित👏देशभक्तों 👏+?+*
*सही,सच्चे,सभ्य🍎ईमानदार+?+,*
*हिन्दू🚩🇦🇷हिंदुस्तानियों"के लिए+?+👏*
*बराबर👏मजबूत,सुरक्षित,*
*कठोर,कानून व्यवस्था+जल्दी+से,*
*लागू+होनी👏चाहिए+एक समान+?+*
👆👏👇
*👉ताकि हिंदू🚩हिंदुस्तान से,*
*👉हमेशा+के+लिए😱जड़😱से+?*
*😱खत्म😱हो😱भय😱भ्रष्टाचार+?+*
*सारे😱खतरनाक😱आतंक😱अपराध-?-*
*बाहरी😱अबैध😱घुसपैठियों😱के😱*
*सारे😱अबैध😱कब्जे😱जड़😱से*
*😱खत्म😱हों😱जी😞महाराज-?+*
*👉ए😱कोई😱उनका😱खतरनाक*
*बंगलादेश😱पिकिस्तान😱नहीं-?-*
*👉ए😞हमारा🚩हिंदू👏हिंदुस्तान🇦🇷है😞जी👏सरकार +?-*
👆👏👇
*👉कारतूस😞में😞*
*गाय😞की😞चर्बी😞है-?-*
*इतना😞पता😞चलते😞ही,*
*1857😞में😞इसी😞बात😞पर*
*😞क्रांति😞हो😞गई😞थी-!-?*
*आज😞प्रसाद में😞गौ😞माता*
*😞मां😞की😞चर्बी है-?-!*
*लेकिन😞किसी😞को😞कोई😞*
*फर्क😞नहीं😞पड़ता/जरा😞सोचिए-?+*
*हम😞तब😞गुलाम😞थे😞या*
*😞अब😞इनके😱गुलाम😱-?-?-*
*👉जातियों😞में😞वंटा😞कटा😞-?-*
*हिंदू🚩🇦🇷हिंदुस्तान👏सावधान+?*
*👉 अगर"हम,आप"पिछली",*
*छोटी,बड़ी"गलतियों से"सबक लेकर,*
*आज अभी से केवल+?+*
*शुभ,अच्छे कर्म करेंगे तो,*
*भविष्य में"हमको"हमारी'*
*भविष्य की"पीढ़ियों को,*
*शुभ,एवं"अच्छे"ही"फल🍎मिलेंगे+?+*
*👉कभी"अंनजान"व्यक्ति से,*
*कोई काम पड़ने पर"पहले उस,*
*अंनजान व्यक्ति"का"नाम,पता,*
*आधार कार्ड देख लेना+?*
*👉अपने"बीच"के"जयचंदों से-?-*
*अपने"बीच के"इंन्सान रूपी,*
*आस्तीन के सांपों से,*
*नकली"भिखारियों,बहुरूपियों से,*
*हर दिन,हर जगह,हर पल,*
*सावधान👏हिंदू🚩👏*
*🇦🇷हिंदुस्तान👏सावधान+?+*
Humko cahiye bhoo kanoon ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
सही बात है पहाड़ों में ऐसी कोई और लोगों को नहीं बेचे देना चाहिए हमारे मुख्यमंत्री जी भी सहायता कर रहे हैं और लोग भी सहायता करो जिस की पहाड़ में और लोग इधर उधर के नहीं आए हमारे यहां पहाड़ में तो देवी देवताओं को कोई औरत छू नहीं सकती है बिगर नियम से यहां तो पूरे जो है लेडिस दिया भी चल आती हैं नियम कम होता हैउत्तराखंड में
Jb tk pura phadi sadak pe nahi utrea kuch nahi krenge ye log
उम्दा
Developement has to be there, but it has be sustainable.
Bhu Kanoon banane se pahle Chavkbandi honi chahiye. Phir bhukanoon bane aur kishi bhi bahari byakti ko jamin kharidne par shimsa lage ki wah kitani jamin le sakta hai. Jai hind. Jai Uttarakhand.
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Dhami sahab bura mat manana yeh kaam aap se na ho payega. Aap bhi yahi aur mai bhi yahi mujhe khushi hogi agar mai galat savit hua.
Nice video
भू कानून जल्द जल्द आना चाहिए औऱ उत्तराखंड पहाड़ियों को अपनी ज़मीन कीसी को ना दे
Good Riport
जय देव भूमि
Ukd में पूर्ण रूप से partivand और राज्य बनने के बाद kharidi जमीन गेर कानूनी है उत्तराखंड में किसी भी प्रकार से जमीन नही खरीदी जा सकती है
और जहां भी भू कानून लागू है वहां के लोगो का कहीं भी जमीन नही खरीदेंने देना चाहिए।
उत्तराखंड से यूनाइटेड किंगडम,जर्मन, जापान, अमेरिका मतलब विदेशों में रह रहे उत्तराखंडियों के अंदर भी मूल निवास भू कानून को लेकर एक चिंगारी सी जल उठी है और आज खेत खलियान को बचाने की बात को लेकर सभी को चिंता होने लगी है।
हालांकिपर मुख्यमंत्री ने भी कह दिया की बहुत जल्द सशक्त भू कानून लाएंगे लेकिन कब और कैसा होगा स्वरूप?
देहरादून में मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने पत्रकार वार्ता में कहा।
उत्तराखंड से यूनाइटेड जन समीक्षा के बाद ही बने मूल निवास और मजबूत भू-कानून
इन्वेस्टमेंट के नाम पर दी गई जमीनों की रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार
मलिन बस्तियों को जमीन का न मिले मालिकाना हक
उद्योगों के लाभांश में जमीन मालिक की भी हो बराबर की हिस्सेदारी, लीज पर ही दी जाय जमीन।
देहरादून। मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि मूल निवास और भूमि कानून जनता की भावनाओं के अनुरूप होना चाहिए। विधानसभा में कानून पारित होने से पूर्व इसके ड्रॉफ्ट के स्वरूप को लेकर सर्वदलीय और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ सरकार को चर्चा करनी चाहिए। आम सहमति के बाद ही विधानसभा में मूल निवास और भू-कानून बनने चाहिए।
प्रेस क्लब देहरादून में पत्रकारों से वार्ता करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि वर्ष 2022 में भू-कानून को लेकर सुभाष कुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए। उद्योगों के नाम पर दी गई जमीनों का ब्यौरा भी सार्वजनिक होना चाहिए। स्थिति यह है कि जिस प्रयोजन के लिए जमीन दी जा रही है, वहां उस प्रयोजन के बजाय प्रोपर्टी डीलिंग का काम चल रहा है। ऐसे बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं। उत्तराखंड में जितने भी इन्वेस्टमेंट सम्म्मेल हो रहे हैं, वह सब जमीनों की लूट के सम्मेलन थे। इस लूट की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला जमीनों का है। जमीनों की लूट में शामिल और भू-कानून को कमजोर करने वाले मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, नौकरशाह और इनके करीबियों की गहन जांच भी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 30 साल से रह रहे व्यक्ति को ही घर बनाने के लिए 200 वर्ग मीटर तक जमीन मिलनी चाहिए। इसके साथ ही मलिन बस्तियों को जमीन का मालिकाना हक नहीं मिलना चाहिए। किसी भी तरह के उद्योग में जमीन के मालिक की बराबर की हिस्सेदारी होनी चाहिए और उद्योगों के लिए जमीन को दस साल की लीज पर ही दी जाय। उन्होंने कहा की प्रदेश में कृषि भूमि की खरीद पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगना चाहिए और शहरी क्षेत्रों में निकायों का विस्तार भी रुकना चाहिए।
उन्होंने आंदोलन की रणनीति को लेकर कहा कि केदारनाथ में जल्द स्वाभिमान महारैली आयोजित करेंगे। इसके बाद हरिद्वार, पिथौरागढ़, रामनगर, पौड़ी, विकासनगर सहित अन्य हिस्सों में स्वाभिमान महारैलियाँ आयोजित की जायेंगी। यह आंदोलन निरंतर चलता रहेगा। इस मौके पर संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशुन टोडरिया, सचिव प्रांजल नौडियाल, संरक्षक मोहन सिंह रावत, कोर मेंबर विपिन नेगी, मनीष गोनियाल आदि मौजूद थे।
Uttrakhand k alawa Jo bhi bahri rajyo k hai। Sab ko bhagao
Jitne bhi pahadi log humare rajya m base huve h, property liye huve h or business kar rahe h unke bhagade pehle??
@@significanthardik3542kahan par
पर यह भी सत्य है जिस बी जे पी ने पूरे पहाड़ खोदकर रख दिये है वो कभी भी पहाड़ियों के हित में कुछ नही करेगी ....
Congerss bhi nahi karegi balki wo to bahar se Muslim ko la kar yaha basa kar apna vote bank bana kar hamesha ke liye sata main rehne ke liye Yisa kar sakti hai.
Humko na BJP na congerss kisi ki nahi lana chahiye humko apni local party UKD ko support karna Chayiye. Ya koi nahi party banai hogi jo Uttarakhand ke adhikaro ki raksha kare.
मौजुदा हालात में चकबंदी बहुत जरूरी है कई युवा स्वरोजगार करना चाहाते है लेकिन नहीं कर पा रहे हैं
🎉
Himanchal jesa bhu kanoon uk me lagoo hona cahiye❤
श्रीमान जी प्रदेश को भू कानून और मूल निवासी के अलावा ट्राइब स्टेटस और संविधान की 5th अनुसूची में भी शामिल होना चाहिए इसके लिए भी एक कार्यक्रम आयोजित कीजिए
सर्वप्रथम ग्रामीण और बाहरी प्रापर्टी डीलरों पर रोक लगानी आवश्यक क्यों कि यही लोग जमीन बिकवाने में अहम रोल अदा करते हैं ।
Uttrakhand mage bhu kanoon
हमारे मुख्यमंत्री जी खुद पार्वतीमूल के हैं, वह वहां की भौगोलिक स्थिति से बहुत अच्छी तरहपरिचित है, आवश्यकता है पर्वती क्षेत्र में चकबंदी अनिवार्य चकबंदी की, जिसकी वजह से एक चेक होने से जंगली जानवर की सुरक्षा भी की जा सकती है और पलायन भी काफी हद तक रोका जा सकता है,
घुघुति वासूति क्य खाॅन्दि दुध भाति😢
Without uttarakhand uttarakhand he nhi hai
Ye kya tha
Bahut jaruri he Bhoo kanoon.
Dhami sarkar ko isme dekhna chahiye
BHoo kanon hona chahiye
Chor sarkar
पुराने भू कानून निरस्त और नया भू क़ानून 1950 ही इसका इलाज है।अगर किसी बाहरी व्यक्ति कारख़ाना लगाना चाहता है,तो वह agreement और किरायेदार की हैसियत से भूमि ले सकता है,मालिकाना हक़ केवल मूल निवासी के पास ही रहे ।
ये भी कानून हो कि उत्तराखंड के लोगो को किसी भी राज्य में नौकरी नहीं मिले चाहे सरकारी हो या प्राइवेट। या ना उत्तराखंड का कोई राज्य में ज़मीन ले सके
भू कानून कुछ और नहीं दूसरे प्रदेश वालो को धमकाना है। जिस तरह से पहाड़ी लोग मनमानी कर रहे है ये प्रदेश और देश दोनो के लिए बहुत घातक है। अगर इसी नीति पर सब प्रदेश चलने लगे तो देश बर्बाद हो जाएगा
Bhukanoon uttarakhand turant lagu hona chahiye... ....Jai bharat...Jai uttrakhand......
सबसे पहले तो उत्तराखंड की जमीनों का परिसीमन किया जाए व चकबंदी की जाए हिमाचल से ज्यादा वह सख्त कानून बनाया जाए
राष्ट्रीय पार्टियों पहाड़ और उत्तराखंड को खत्म करके रखेंगे
Dhami ji bhoo kanoon to hum lekar rahenge..
Bhoo kanun nhi to vote nhi
Bhoo kanoon Lana hoga Sarkar ko
मूल निवास होगा.तभख भूकानून होगा उत्तराखंड बनाया.पर सरकार ने बाहर के लोगो को ।फ़ायदा पहुँचाया सब देहरादून और पहाड मै बाहर के लोग जमीन खरीद रहे हघ.
भू कानून लाओ तो केवल हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर लाओ... वरना नाम का भू कानून ना लाना प्रदेश में
चकबंदी न होने के कारण भी बाहरी खरिददार प्रापटी डीलरों की मदद से बाउंड्री वाल बनाकर आने जाने वाले रास्ते मैढ़ को बन्द कर देते ताकि मजबूर होकर जमीन बेचनी पडे।
हिमाचल की तरह भू कानून लागू हो
सबसे बड़ी समस्या अलग राज्य बसाया उससे बना नया राज्य पैसे के मलाले में गरीब होता है और इस कारण सारी मुसीबाते बढ़ती है
हिमाचल के मुकाबले भू-कानून के संदर्भ में उत्तराखंड के नेता और सरकारें ग्याड़ू-घ्यंताड़ू साबित हुए। बीजेपी और कांग्रेस को उत्तराखंड की राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
Group banao bhoo kanoon ka