Rohtak Satish Nandal | मां के साथ बिना बैलों के की थी खेत की जुताई…अब राजनीति और बिजनेस में बड़ा नाम

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  • Опубліковано 7 жов 2024
  • #local18 #rohtaknews #poltics #news18haryana
    धीरेन्द्र चौधरी/रोहतक : अगर इंसान कुछ भी करने की ठान ले तो सब कुछ मुमकिन है, बशर्ते इसके लिए मेहनत और जुनून होना लाजमी है. आज हम एक ऐसे ही शख्स से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसने अपनी मां के साथ मिलकर 'मदर इंडिया' फिल्म की तरह खेत की जुताई की और हमेशा बड़े सपने देखे और आज वह किसी परिचय का मोहताज नहीं.
    हुड्डा के खिलाफ तीन बार लड़ा चुनाव
    एक सफल बिजनेसमैन होने के साथ-साथ वह राजनीति में भी सक्रिय तौर पर भागीदारी रखता है. हम बात कर रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सतीश नांदल की, जो पहले तो इंडियन नेशनल लोकदल और अब भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हुड्डा को गढी सांपला किलोई से चुनौती दे रहे हैं.
    सतीश नांदल लगातार तीन बार हुड्डा के सामने चुनाव लड़ चुके हैं और उनका मानना है कि वे जब तक हुड्डा को चित नहीं कर देंगे, तब तक चुनाव लड़ते रहेंगे और उन्हें विश्वास है कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा. बकौल नांदल राजनीति हो या बिजनेस वह हमेशा सकारात्मक सोच रखते हैं.
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    संघर्ष से सफलता तक का सफर
    सतीश नांदल रोहतक के नजदीकी बोहर गांव के रहने वाले हैं.छोटे-से थे, तब बीमारी के कारण उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. घर में इतना पैसा नहीं था कि खेती-बाड़ी का काम भी सही ढंग से कर सकें. सतीश नांदल के मुताबिक एक वक्त तो ऐसा भी आया कि भाड़े पर खेत की जुताई कराने में भी सक्षम नहीं थे.
    मां के साथ मिलकर कस्सी से पूरे खेत की खुदाई की और पीछे-पीछे उसकी बुवाई की. कई दिन में एक एकड़ की खुदाई हुई और जब तक पूरी जुताई हुई, तब तक पीछे-पीछे ज्वार भी उग गई थी. लेकिन उन्होंने कभी संघर्ष के सामने घुटने नहीं टेके. हर परिस्थिति में खुश होकर जीवन बिताया, पढ़ाई की तो उसमें भी अव्वल रहे. इंजीनियर बनकर नौकरी भी की. उसके बाद कंस्ट्रक्शन का बिजनेस भी शुरू किया. बिजनेस में सफलता मिली और आज तकरीबन हर प्रदेश में उनकी कंपनी के कंस्ट्रक्शन के काम चल रहे हैं.
    बड़े कारोबारी भी हैं नांदल
    कंपनी का सालाना हजारों करोड रुपए का टर्नओवर भी है.उनका दावा है कि उन्होंने कभी बिजनेस में राजनीति का सहारा नहीं लिया और कोई भी व्यक्ति यह नहीं कह सकता कि वे बिजनेस के लिए राजनीति में आए हैं.उनका बिजनेस और राजनीति बिल्कुल अलग हैं.
    पूर्व सीएम ओपी चौटाला को मानते हैं राजनीतिक गुरु
    नांदल चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं और जब इनेलो टूटी तो उसके बाद वह काफी वक्त तक इनेलो में ही रहे लेकिन बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली.गढी सांपला किलोई भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ है, लेकिन सतीश नांदल हमेशा मजबूती के साथ हुड्डा के सामने चुनाव लड़ते हैं और दावा करते हैं कि हुड्डा का कोई गढ़ नहीं है.जनता फैसला करती है और एक दिन जनता उन्हें जरूर आशीर्वाद देगी.

КОМЕНТАРІ • 4

  • @raghubirnandal5847
    @raghubirnandal5847 Місяць тому

    Veri.good

  • @ajayghanghas2201
    @ajayghanghas2201 Місяць тому

    नांदल साहब यदि आप कांग्रेस में होते तो विधायक होते.

  • @akhilnandal2838
    @akhilnandal2838 4 місяці тому +2

    Gobbarr