Same thing happened with me 12 - 13 years back. They are behaving like gundas. Pedi people are completely in their side. Serious action is needed to save our great heritage. Great courage shown by Maharshi bhai & family.🙏🏻
उपर का video📷 राणकपुर तीर्थ की एक सत्य घटना जिनके साथ हुई, महर्षिभाई, जानिए उनकी जुबानी सूरेशभाइ चेन्नई के साथ Pls Share and Forward this FACT and Be aware... जागो जैनो जागो... देव द्रव्य बचाओ 2 मिनिट का समय निकालने से आपकी ऑंखे खुल जाएंगी... Date:- 23-June 2023 नाम :- महर्षि शाह अहमदाबाद 9825880028 नाम और नंबर इस लिए दिया गया है कि ये कहानी नही है.. हकीकत है सिर्फ 15 दिन पहले की घटना है..। हमारा परिवार राणकपुर तीर्थ में गया था। भगवान की पूजा करके हमने चैत्यवंदन चालू किया । पाटले पर ₹200 रखा था। चैत्यवंदन खत्म हुआ , जब हम देरासर में दाखिल हुए थे तब आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी पर एक बोर्ड पढ़ा था की देरासर का भंडार पेढ़ी में रखा है पैसे भंडार में डालना । हमने चैत्यवंदन करके पैसे लिए पुजारी ने बोला:- के यहां थाली में रख दो.. हमने बोला :- कि नहीं यह पैसे पेढ़ी के भंडार में जाएगा । वहां से झगड़े की शुरुआत हुई थोड़ा झगड़ा करने के बाद पुजारी जी बोले:- कि मैं आपके साथ पेढ़ी पर चलता हूं ।वह हमारे साथ पेढ़ी पर आए। पेढ़ी से बात किया :- उन्होंने बोला :- आप मुझे पैसे दोगे तो मैं पहुंच बनाऊंगा आपको जो करना है वह करो। पुजारी जी ने बोला :- "यहां पर पाटले पर जो भी पैसा रखा जाता है वह हमारे हक का है। चाहे आप भगवान को सोने का सेट भी चढ़ाओंगे तो वहभी हमारा रहेगा।" हमने बोला :- "हमने एक पैसाभी आपको नहीं चढ़ाया है.. भगवान को चढ़ाया है और वह आपको नहीं मिल सकता है।" पुजारी जी बोले :- "600 साल से यहां हमारा परिवार ही काम कर रहा है और धरना सा सेठ (जिन्होंने राणकपुर तीर्थका निर्माण किया है) ने हमें तब से बोला है कि यहां पर कोई मंदिर में जो भी रखता है वह आपका ही होगा।" हमने बोला कि "तब आप थे ?" वह बोले "उन्होंने हमको ताम्रपत्र पर लिख कर दिया है।" हमने बोला:- "आप हमें दिखाइए" वे बोले:- "यहां पेढ़ी भी देखने के लिए बैठी है.. लेकिन हम किसी को नहीं दिखाएंगे और हमारे साथ ज्यादा माथाकूट मत करो यहां पर आपके जैसे बहुत सारे लोग, ट्रस्टी और अनेक गच्छाधिपति भी आ चुके है.. हम शास्त्र और शस्त्र दोनो जानते हैं। आप यहां से बाहर भी नहीं जा पाएंगे।" उस तरह से उन लोगों की *धमकियां शुरु हो गई और शस्त्र की धमकी भी देने लगे। हमने बोला:- "भाई आपको जो करना है वह कर लो.. लेकिन आप अपनी 600 साल की परंपरा बता रहे हो हम ऋषभदेव परमात्मा से चली आई व्यवस्था बता रहे हैं। शास्त्र में लिखा है कि भगवान को रखा गया रुपया देव द्रव्य में ही जाता है.. हम यह रुपया भंडार में ही रखेंगे। और रही बात मरने की तो शास्त्र के लिए हम अपना सर भी कटवा सकते हैं।" तकरीबन 2 घंटे तक यह लंबा झगड़ा चला बहुत सारी धमकियां भी दी गई और हम अपने फैसले पर अटल रहे आखिर में हमने वह पैसा भंडार में ही रखा। लेकिन यह सोचने की बात है कि शायद हम उनकी धमकियों से डर गए होते या हमने झगड़ा करना मुनासिब नहीं समझा होता तो यह रुपया भी पुजारी जी को ही जाता। तो हमको देव द्रव्य का रक्षण नहीं करने का कितना बड़ा पाप लगता .....??? तभी मुनीमजीने पुजारीजी के जाने के बाद बताया " मैं 3 साल से यहां हूं यह दिनों में कितने झगड़े हुए आज कोई पहली बार पुजारीजी के सामने ही भंडार में रुपए रखकर जाते हैं।" हमारी कायरता और बेवकूफी ने हमको कहां लाकर खड़ा रख दिया है कि आज पूरे मंदिर पर पुजारीजी अपना हक जता रहे हैं और इतने सारे जैन लोग मिलकर भी हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं.... मैं आणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी को भी गुजारिश करूंगा की..बोर्ड पर साफ शब्दों में लिखें की :- "यहां पाटले पर रखे पैसे पुजारी जी को ही जाते हैं" तो हम वहां पैसे ही नहीं रखें और सारे जैन समुदाय को भी गुजारिश करूंगा की हम लोग जब ग्रुप में जाए या अकेले जाए हर बार पाटले पर ही पैसे रखें और बिना डरे, बिना हिचकिचाहट अपने साथ वह पैसे ले जाकर भंडार में रखें। हां.. मैंने उस झगड़ेमें पुजारी जी को भी एक बात बताई थी वह आपको भी बताना चाहूंगा कि "हमारे से जब काम नहीं होता है हम अपने घर पर आदमी रखते हैं तो क्या हमारी घर की मालिकी वह नौकर की हो जाती है...???? वैसे ही भगवान की पूजा के लिए हम जब पुजारीजी को रखते हैं तो क्या मंदिर में आए सारे पैसों की मालीकी पुजारी की हो जाती है...??? मुझे पता है अहिंसा, दया, धर्म, यह सारी चीज बोलने वाले लोग ऐसा ही बोलेंगे कि हमको झगड़ा नहीं करना चाहिए लेकिन कभी शास्त्र भी पढ़ लेना.. की इसके लिए तो कितने लोगो ने अपने सर कटवाए हैं अपनी जान दे दी है..... एक और बात, आणंदजी कल्याणजी पेढीका "करोडो" का पगार ठुकराके ये लोग देवद्रव्य भक्षण कर रहे है.. प्रणाम
Big salute to this man. What a beautiful way he has explained all the scene. Ranakpur is such a beautiful tirth but the way the people there handling the tirth is very sad.😢 I wish some people take a good effort .
आपने बहुत सही कार्य किया है. पहले व्यवस्था काफी अच्छी थी पहले आज के बीस पचीस साल पहले is तरह की दादागिरी नहीं थी, भोजन की व्यवस्था भी अच्छी थी, पैठी को भी ध्यान रखना चाहिए 😮
आपकी खूब खूब अनुमोदना आपकी हिम्मत की तारीफ है आपने इस विषय को उजागर किया । हमे जागरूकता हेतु जब तक यह स्पष्ट नहीं होता तब तक श्री राणकपुर मंदिरजी में रुपया नही चढ़ाना है । इसे जागरूकता बनाकार जन आंदोलन बनाना चाहिए ।
આત્મિય સુશ્રાવક મહર્ષિભાઈ, આપે કરેલ સાહસ ખુબ સરાહનીય છે.. તીર્થમાં વર્ષોથી ચાલતી અવ્યવસ્થા અને અન્યાય સામે આપે જે લડત આપી છે તેની અંતઃકરણથી ખુબ અનુમોદના.. આપના જેવી ખુમારી, શાસનદાઝ અમને પણ મળે, અમે પણ શાસનરક્ષા માટે તત્પર બની શકીએ તેવા શુભાશિષ આપશોજી.. 🙏
आप की खुब खुब अनुमोदना करते है आप के जैसे रत्न जिन शासन में है जो अपनी विरासत को आख उठाकर भी नही देखते है धमकिया से डर जाते है लेकिन आप ने हिम्मत नही हारी
पू पंडित महाराज इस तीर्थ की रक्षा के लिए सक्रिय है। पेढी अपनी गलतीयो के कारण मालिकी अधिकार खोकर बैठी है। पहेले मालिकीयत अधिकार जैन संघ का करना होगा। फिर सब सोल्यूशन निकलेगा। #ReclaimRanakpur
जैन मंदिरों में सेवा देने वाले पुजारियों के अधिकारों का स्पष्टीकरण होना चाहिए और साथ ही हरेक मंदिर के बाहर और पेढ़ी पर इसका स्पष्ट दिशा निर्देश लिखा होना चाहिए।
उपर का video📷 राणकपुर तीर्थ की एक सत्य घटना जिनके साथ हुई, महर्षिभाई, जानिए उनकी जुबानी सूरेशभाइ चेन्नई के साथ Pls Share and Forward this FACT and Be aware... जागो जैनो जागो... देव द्रव्य बचाओ 2 मिनिट का समय निकालने से आपकी ऑंखे खुल जाएंगी... Date:- 23-June 2023 नाम :- महर्षि शाह अहमदाबाद 9825880028 नाम और नंबर इस लिए दिया गया है कि ये कहानी नही है.. हकीकत है सिर्फ 15 दिन पहले की घटना है..। हमारा परिवार राणकपुर तीर्थ में गया था। भगवान की पूजा करके हमने चैत्यवंदन चालू किया । पाटले पर ₹200 रखा था। चैत्यवंदन खत्म हुआ , जब हम देरासर में दाखिल हुए थे तब आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी पर एक बोर्ड पढ़ा था की देरासर का भंडार पेढ़ी में रखा है पैसे भंडार में डालना । हमने चैत्यवंदन करके पैसे लिए पुजारी ने बोला:- के यहां थाली में रख दो.. हमने बोला :- कि नहीं यह पैसे पेढ़ी के भंडार में जाएगा । वहां से झगड़े की शुरुआत हुई थोड़ा झगड़ा करने के बाद पुजारी जी बोले:- कि मैं आपके साथ पेढ़ी पर चलता हूं ।वह हमारे साथ पेढ़ी पर आए। पेढ़ी से बात किया :- उन्होंने बोला :- आप मुझे पैसे दोगे तो मैं पहुंच बनाऊंगा आपको जो करना है वह करो। पुजारी जी ने बोला :- "यहां पर पाटले पर जो भी पैसा रखा जाता है वह हमारे हक का है। चाहे आप भगवान को सोने का सेट भी चढ़ाओंगे तो वहभी हमारा रहेगा।" हमने बोला :- "हमने एक पैसाभी आपको नहीं चढ़ाया है.. भगवान को चढ़ाया है और वह आपको नहीं मिल सकता है।" पुजारी जी बोले :- "600 साल से यहां हमारा परिवार ही काम कर रहा है और धरना सा सेठ (जिन्होंने राणकपुर तीर्थका निर्माण किया है) ने हमें तब से बोला है कि यहां पर कोई मंदिर में जो भी रखता है वह आपका ही होगा।" हमने बोला कि "तब आप थे ?" वह बोले "उन्होंने हमको ताम्रपत्र पर लिख कर दिया है।" हमने बोला:- "आप हमें दिखाइए" वे बोले:- "यहां पेढ़ी भी देखने के लिए बैठी है.. लेकिन हम किसी को नहीं दिखाएंगे और हमारे साथ ज्यादा माथाकूट मत करो यहां पर आपके जैसे बहुत सारे लोग, ट्रस्टी और अनेक गच्छाधिपति भी आ चुके है.. हम शास्त्र और शस्त्र दोनो जानते हैं। आप यहां से बाहर भी नहीं जा पाएंगे।" उस तरह से उन लोगों की *धमकियां शुरु हो गई और शस्त्र की धमकी भी देने लगे। हमने बोला:- "भाई आपको जो करना है वह कर लो.. लेकिन आप अपनी 600 साल की परंपरा बता रहे हो हम ऋषभदेव परमात्मा से चली आई व्यवस्था बता रहे हैं। शास्त्र में लिखा है कि भगवान को रखा गया रुपया देव द्रव्य में ही जाता है.. हम यह रुपया भंडार में ही रखेंगे। और रही बात मरने की तो शास्त्र के लिए हम अपना सर भी कटवा सकते हैं।" तकरीबन 2 घंटे तक यह लंबा झगड़ा चला बहुत सारी धमकियां भी दी गई और हम अपने फैसले पर अटल रहे आखिर में हमने वह पैसा भंडार में ही रखा। लेकिन यह सोचने की बात है कि शायद हम उनकी धमकियों से डर गए होते या हमने झगड़ा करना मुनासिब नहीं समझा होता तो यह रुपया भी पुजारी जी को ही जाता। तो हमको देव द्रव्य का रक्षण नहीं करने का कितना बड़ा पाप लगता .....??? तभी मुनीमजीने पुजारीजी के जाने के बाद बताया " मैं 3 साल से यहां हूं यह दिनों में कितने झगड़े हुए आज कोई पहली बार पुजारीजी के सामने ही भंडार में रुपए रखकर जाते हैं।" हमारी कायरता और बेवकूफी ने हमको कहां लाकर खड़ा रख दिया है कि आज पूरे मंदिर पर पुजारीजी अपना हक जता रहे हैं और इतने सारे जैन लोग मिलकर भी हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं.... मैं आणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी को भी गुजारिश करूंगा की..बोर्ड पर साफ शब्दों में लिखें की :- "यहां पाटले पर रखे पैसे पुजारी जी को ही जाते हैं" तो हम वहां पैसे ही नहीं रखें और सारे जैन समुदाय को भी गुजारिश करूंगा की हम लोग जब ग्रुप में जाए या अकेले जाए हर बार पाटले पर ही पैसे रखें और बिना डरे, बिना हिचकिचाहट अपने साथ वह पैसे ले जाकर भंडार में रखें। हां.. मैंने उस झगड़ेमें पुजारी जी को भी एक बात बताई थी वह आपको भी बताना चाहूंगा कि "हमारे से जब काम नहीं होता है हम अपने घर पर आदमी रखते हैं तो क्या हमारी घर की मालिकी वह नौकर की हो जाती है...???? वैसे ही भगवान की पूजा के लिए हम जब पुजारीजी को रखते हैं तो क्या मंदिर में आए सारे पैसों की मालीकी पुजारी की हो जाती है...??? मुझे पता है अहिंसा, दया, धर्म, यह सारी चीज बोलने वाले लोग ऐसा ही बोलेंगे कि हमको झगड़ा नहीं करना चाहिए लेकिन कभी शास्त्र भी पढ़ लेना.. की इसके लिए तो कितने लोगो ने अपने सर कटवाए हैं अपनी जान दे दी है..... एक और बात, आणंदजी कल्याणजी पेढीका "करोडो" का पगार ठुकराके ये लोग देवद्रव्य भक्षण कर रहे है.. प्रणाम
@@hrishitajain8800 Yes but he is still fighting and standing tall. Lets we all Jain support him in Reclaim Ranakpur and bring back ownership rights of this Maha Tirth.
*देवद्रव्य के पैसे पूजारी लेते है, वह गलत बात सबको समजती है।* *तो पूरे तीर्थ की जमीन(जो देवद्रव्य ही है!) सरकार पेढीकी मंजुरी से जंगल विभाग में ले गई... तो जिनशासन को पू. पंडित मसा की लडत को शाथ देना चाहीये ना ?*
खास मेरी पूज्य साधू साध्वी जी महाराज साहिब से विनंती ही की आप लोग गुजरात, दक्षिण भारत, महाराष्ट्र का कुछ समय के लिए मोह त्याग कर दिल्ली, यूपी, राजस्थान, बिहार आदि क्षेत्रों में विचरण करे, जिससे वहा मंदिरों की व्यवस्था में सुधार होगा, स्थानीय संघों में जागृति आएगी और अनेकों आत्माएं धर्म से जुड़ेगी आशीष पालावत
Going to the Root Cause of all such issues,we need to find a Permanent Solution and that’s Getting back the Ownership of Our Tirth. Only if we Own our Tirths we will be able to maintain them as of Jain’s in long run.. Pandit ms is already working on it since a year, let’s Support him and individually in our capacity be active and fight for Ownership of Our various Tirths.
में ब्राह्मण वर्ग से हूं और आपका समर्थन करता हूं। आजकल कुछ पुजारियों के लालच के कारण ही धर्म का पतन हो रहा है। आपने अच्छा कार्य किया धर्म का उत्थान जरूरी है।
Example सूरत में लगभग इस साल 2000 (दो हजार) साधु साध्वी जी का चतुर्मास हे सिर्फ 2000 के 10% युवा साधु साध्वी जी अपने गुरु आज्ञा से उत्तर भारत का पाच साल विचरण करे, जब वो जाए तो दुर्सरे ग्रुप अपने गुरु आज्ञा से आए ऐसा क्रम हो 20 से 25 साल भी चला तो जहा प्रभु ने सबसे ज्यादा विचरण किया , ज्याहा प्रभु ने सबसे ज्यादा चतुर्मास किए वो उत्तर भारत क्षेत्र(राजस्थान, दिल्ली, यूपी, एमपी, बिहार) सब एकदम खिल उठेंगे आशीष पालावत
इस घटना से ये जाहिर होता है कि हम हमारे पुरातन तीर्थों की व्यवस्था व रक्षा नही कर पा रहे है और जहां देखो नित नए तीर्थ बन रहे है , जहां की व्यवस्था अजैन कर्मचारियो के हाथ में है । आज ये हालात हैं ?, तो भविष्य और भी विकट ही होने वाला हैं।
Vinodbhai jainsamaj ko sabi tirth sthano par alagse niyam vyvstha banani hogi or Jain samaj ka paisa tite security me lagana chaiye naito anevalo dinome kuchbi ho saktahe or har ek jain ko thoda strike hone ki avshakta he jyada sant rehnemebi maja naihe abhi sastara ke sath sastra anivarya karna padega kyoki pehle bot kuch kho chukehe ham .
Wow wow wow👏 Khub khub Dhanyawad 🤝 Anumodhana🙏 Aapke sahaas k liye, Ye poore samaj k liye ek msg he, inspiration he Chalo apna rukh Prachin thirtho ki aur kare, apni virasat ko bachaye
Let's unite and fight for our tirth . Pujya pandit m.s. is drawing our attention but we are not listening. So let's all of us join the fight save Ranakpur
Since so long Panditmarasaheb is showing us this picture…Whatever this gentleman went through, so many videos are shared by Jyotindia to alert us for our tirths…but we all are not bothered till we all face the same problem or even worse! It’s time to unite! Also sign the forms of Reclaim Ranakpur to get the ownership back , only then these things will not take place !
Sorry my personal opinion here....Shri Pandit Maharaj is busy fitting with Sheth Anandji Kalyanji Pedhi. Need knowing even if singke Tirth or small Jinalay saved
Pujya Pandit Ms has noted all such odds of Ranakpur and trying his best to Convince APK who is looking after it's Management to take Necessary action against such climate in Jain Sangh Tirth. Also the ownership of the land is been transfered in the name of Government which is a very big & Sad news. #ReclaimRanakpur mission is already going on so as to bring things in order. If this Campaign is supposed by all other Jain Dharma charya and APK act's actively on it soon we can get control over all odds which are there currently.
सुरेशभाइ मैं तीर्थ बचाने के लिए तन-मन-धन से भोग देने के लिए तैयार हूं। पंडित महाराज साहेब तीर्थ बचाने के लिए महेनत कर रहे है। हमें साथ मिलकर तीर्थ बचाना ही चाहिए। पेढीने लापरवाही से, तीर्थ गंवाए है। तीर्थ बचाने हेतु त्वरित कदम उठाने चाहिए।
जबतक भगवान को सोने चूक पैसो से मढोगे तब तक ऐसाही होना है।इस से अच्छा है की ध्यान केंद्र बनावे और उस में सीर्फ ध्यान ही हो और साधकोंको अच्छी सुविधा मीले।तब अपने आप यह भ्रष्टाचार कम होगा। भगवान ने राजपाट सब छोडकर जंगलो में जाकर सिर्फ ध्यान करके ही मुक्ती पाई थी।
*देवद्रव्य के पैसे पूजारी लेते है, वह गलत बात सबको समजती है।* *तो पूरे तीर्थ की जमीन(जो देवद्रव्य ही है!) सरकार पेढीकी मंजुरी से जंगल विभाग में ले गई... तो जिनशासन को पू. पंडित मसा की लडत को शाथ देना चाहीये ना ?*
@@sameershah9898CHHEJ NE BHAI... RECLAIM RANAKPUR CAMPAIGN RUN TO KARYU TU.... PAN BAKI SAMUDAYO NO SUPPORT TO JOIYE NE... ULTA NU VIRODH KARE CHHE ANE ENE SANGH ANE SHASHAN VIRODHI JEVA CHIT RAY CHHE AA KETLU YOGYA CHHE...
ऐसा मेरे साथ भी हुआ था रानकपुर में ही ८ या ९ साल पहले पुजारी जी की पूरी सेटिंग रहती है फटाफट आ जाते है पूरा ध्यान रखते है कोई भंडार पे या आरती में या अक्षत पूजा में पैसे रखते ही जैसे ही विधि पूरी होती है सब उठाके एक दूसरे को पास करते है
આટલું બધું ખુલ્લેઆમ દાદાગીરી થાય છે.. તો પણ *પૂજારી બાપડા દેરાસર નો કેટલો ખ્યાલ રાખે છે...!!* 😉 લોકોએ *હિંમત રાખી લડત આપવી...* પૂજારીને પૈસા નહીં આપવા.. એમ પેઢીએ બોર્ડ ઉપર લખાવી જાહેરમાં જણાવેલ જ છે... પણ પેઢી કાંઈ એકશન લેશે... તે કેમ બોલાય ?... *આનું નિવારણ પબ્લિકે જ કરવું.* પેઢીએ બિચારીએ તો ફક્ત બોર્ડ મૂકી.. પોતાની જવાબદારી પૂર્ણ કરી... 👎🤙🤙🤙
जय जिनेंद्र🙏🏻 रणकपुर जी दर्शन करने वाले सभी श्रद्धालुओं से विनम्र निवेदन है कि परमात्मा के आगे जो थाल रखा हुआ है उसमें रुपये का चढ़ावा ना चढ़ावे, बाहर पेढ़ी के आगे भंडार लगे हुए वहा डालें धन्यवाद🙏🏻
जैन समाज में कुछ लोग ही है जो हिम्मत वाले है, ज्यादातर देखा गया है कोई गलत का विरोध करता है तो कोई साथ देने को तैयार नहीं होता है, अपने श्रावक के विरुद्ध ही खड़े हो जाते हैं।
अपने मंदिर में अपना कार्य के लिए हिम्मत क्यों चाहिए? जो पैसे लेकर पुजारी बनते हैं उनका हक़ सिर्फ़ वेतन तक ही है। अपने मंदिर के अंदर में दूसरे लोग की हिम्मत बढ़ रही है।
देवद्रव्य के पैसे पूजारी लेते है, वह गलत बात सबको समजती है। तो पूरे तीर्थ की जमीन सरकारने पेढीकी मंजुरी से जंगल विभाग में ले गई... तो जिनशासन को *पू. पंडित मसा की लडत को शाथ देना चाहीये ना ?*
किसी भी तीर्थ पर जाओ, तो सिर्फ अक्षत या पुष्प चढाओ.... एक भी पैसा रोकडा ना चढाए, तभी इन पूजारियों की अक्ल व अकड ठिकाने आएगी । तीर्थ के लिए जो भी योगदान करना हो, तीर्थ पेढी में भेंट कर रसीद लेनी चाहिए |
Khub khub Dhanyawad
जैनों के बुजर्ग और बच्चे जो सेवा देना चाहते है उनका आर्थिक सहयोग करे और उनको ही पुजारी बनाये
आवाज उठाने वाले भाई कोबहुत बहुत धंयवाद
अपने बहुत तीर्थ पर यही सिथती हे
Same thing happened with me 12 - 13 years back. They are behaving like gundas. Pedi people are completely in their side. Serious action is needed to save our great heritage. Great courage shown by Maharshi bhai & family.🙏🏻
उपर का video📷 राणकपुर तीर्थ की एक सत्य घटना जिनके साथ हुई, महर्षिभाई, जानिए उनकी जुबानी सूरेशभाइ चेन्नई के साथ
Pls Share and Forward this FACT and Be aware...
जागो जैनो जागो... देव द्रव्य बचाओ
2 मिनिट का समय निकालने से आपकी ऑंखे खुल जाएंगी...
Date:- 23-June 2023
नाम :- महर्षि शाह
अहमदाबाद
9825880028
नाम और नंबर इस लिए दिया गया है कि ये कहानी नही है.. हकीकत है
सिर्फ 15 दिन पहले की घटना है..। हमारा परिवार राणकपुर तीर्थ में गया था। भगवान की पूजा करके हमने चैत्यवंदन चालू किया । पाटले पर ₹200 रखा था। चैत्यवंदन खत्म हुआ , जब हम देरासर में दाखिल हुए थे तब आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी पर एक बोर्ड पढ़ा था की देरासर का भंडार पेढ़ी में रखा है पैसे भंडार में डालना । हमने चैत्यवंदन करके पैसे लिए पुजारी ने बोला:- के यहां थाली में रख दो.. हमने बोला :- कि नहीं यह पैसे पेढ़ी के भंडार में जाएगा ।
वहां से झगड़े की शुरुआत हुई थोड़ा झगड़ा करने के बाद पुजारी जी बोले:- कि मैं आपके साथ पेढ़ी पर चलता हूं ।वह हमारे साथ पेढ़ी पर आए। पेढ़ी से बात किया :- उन्होंने बोला :- आप मुझे पैसे दोगे तो मैं पहुंच बनाऊंगा आपको जो करना है वह करो।
पुजारी जी ने बोला :- "यहां पर पाटले पर जो भी पैसा रखा जाता है वह हमारे हक का है। चाहे आप भगवान को सोने का सेट भी चढ़ाओंगे तो वहभी हमारा रहेगा।"
हमने बोला :- "हमने एक पैसाभी आपको नहीं चढ़ाया है.. भगवान को चढ़ाया है और वह आपको नहीं मिल सकता है।"
पुजारी जी बोले :- "600 साल से यहां हमारा परिवार ही काम कर रहा है और धरना सा सेठ (जिन्होंने राणकपुर तीर्थका निर्माण किया है) ने हमें तब से बोला है कि यहां पर कोई मंदिर में जो भी रखता है वह आपका ही होगा।"
हमने बोला कि "तब आप थे ?"
वह बोले "उन्होंने हमको ताम्रपत्र पर लिख कर दिया है।"
हमने बोला:- "आप हमें दिखाइए"
वे बोले:- "यहां पेढ़ी भी देखने के लिए बैठी है.. लेकिन हम किसी को नहीं दिखाएंगे और हमारे साथ ज्यादा माथाकूट मत करो यहां पर आपके जैसे बहुत सारे लोग, ट्रस्टी और अनेक गच्छाधिपति भी आ चुके है.. हम शास्त्र और शस्त्र दोनो जानते हैं। आप यहां से बाहर भी नहीं जा पाएंगे।"
उस तरह से उन लोगों की *धमकियां शुरु हो गई और शस्त्र की धमकी भी देने लगे।
हमने बोला:- "भाई आपको जो करना है वह कर लो.. लेकिन आप अपनी 600 साल की परंपरा बता रहे हो हम ऋषभदेव परमात्मा से चली आई व्यवस्था बता रहे हैं। शास्त्र में लिखा है कि भगवान को रखा गया रुपया देव द्रव्य में ही जाता है.. हम यह रुपया भंडार में ही रखेंगे। और रही बात मरने की तो शास्त्र के लिए हम अपना सर भी कटवा सकते हैं।"
तकरीबन 2 घंटे तक यह लंबा झगड़ा चला बहुत सारी धमकियां भी दी गई और हम अपने फैसले पर अटल रहे आखिर में हमने वह पैसा भंडार में ही रखा।
लेकिन यह सोचने की बात है कि शायद हम उनकी धमकियों से डर गए होते या हमने झगड़ा करना मुनासिब नहीं समझा होता तो यह रुपया भी पुजारी जी को ही जाता। तो हमको देव द्रव्य का रक्षण नहीं करने का कितना बड़ा पाप लगता .....???
तभी मुनीमजीने पुजारीजी के जाने के बाद बताया " मैं 3 साल से यहां हूं यह दिनों में कितने झगड़े हुए आज कोई पहली बार पुजारीजी के सामने ही भंडार में रुपए रखकर जाते हैं।"
हमारी कायरता और बेवकूफी ने हमको कहां लाकर खड़ा रख दिया है कि आज पूरे मंदिर पर पुजारीजी अपना हक जता रहे हैं और इतने सारे जैन लोग मिलकर भी हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं....
मैं आणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी को भी गुजारिश करूंगा की..बोर्ड पर साफ शब्दों में लिखें की :- "यहां पाटले पर रखे पैसे पुजारी जी को ही जाते हैं" तो हम वहां पैसे ही नहीं रखें
और सारे जैन समुदाय को भी गुजारिश करूंगा की हम लोग जब ग्रुप में जाए या अकेले जाए हर बार पाटले पर ही पैसे रखें और बिना डरे, बिना हिचकिचाहट अपने साथ वह पैसे ले जाकर भंडार में रखें।
हां.. मैंने उस झगड़ेमें पुजारी जी को भी एक बात बताई थी वह आपको भी बताना चाहूंगा कि "हमारे से जब काम नहीं होता है हम अपने घर पर आदमी रखते हैं तो क्या हमारी घर की मालिकी वह नौकर की हो जाती है...???? वैसे ही भगवान की पूजा के लिए हम जब पुजारीजी को रखते हैं तो क्या मंदिर में आए सारे पैसों की मालीकी पुजारी की हो जाती है...???
मुझे पता है अहिंसा, दया, धर्म, यह सारी चीज बोलने वाले लोग ऐसा ही बोलेंगे कि हमको झगड़ा नहीं करना चाहिए लेकिन कभी शास्त्र भी पढ़ लेना.. की इसके लिए तो कितने लोगो ने अपने सर कटवाए हैं अपनी जान दे दी है.....
एक और बात, आणंदजी कल्याणजी पेढीका "करोडो" का पगार ठुकराके ये लोग देवद्रव्य भक्षण कर रहे है..
प्रणाम
Its a very good initiative Mahershi bhai. The Jain samaj is there with you to support & stand by you. ❤❤❤ Jai Jinendra
खूब खूब अनुमोदना जिनशासन के सारे भक्तों इनके जैसे ही शासन को समर्पित होंगे तो सारे तीर्थ सुरक्षित रहेंगे
आवाज़ उठाने वाले भाई का खूब खूब धन्यवाद 🙏🙏
खूब खूब अनुमोदना आपकी
Big salute to this man. What a beautiful way he has explained all the scene.
Ranakpur is such a beautiful tirth but the way the people there handling the tirth is very sad.😢 I wish some people take a good effort .
આપને ખૂબ ખૂબ ધન્યવાદ મહર્ષિભાઈ, આપની હિંમતને દાદ દેવી પડે, શાસન ધર્મ વિરુદ્ધની આવી ઘટનાઓનો આપણે દરેકે વિરોધ કરવોજ જોઈએ, મહર્ષિભાઈએ અમને એક સરસ ઉદાહરણ, પ્રેરણા પૂરી પાડી છે, Salute Maharshibhai 👌🙏
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
મહર્ષિભાઇ,જય જિનેન્દ્ર 🙏.
તમારી અને તમારા પરીવાર ને ખુબ ખુબ ધન્યવાદ
Jain sasan feel proud of u and fly. We should learn from this incident.
आपने बहुत सही कार्य किया है. पहले व्यवस्था काफी अच्छी थी पहले आज के बीस पचीस साल पहले is तरह की दादागिरी नहीं थी, भोजन की व्यवस्था
भी अच्छी थी, पैठी को भी ध्यान रखना चाहिए 😮
Thank u
For bringing this topic in highlight 🙏
Yeh jinshashan ka parivaar Hai.
Jai jai shree aadinath 🙏🙏
🙏🙏🙏
आपकी खूब खूब अनुमोदना
आपकी हिम्मत की तारीफ है आपने इस विषय को उजागर किया ।
हमे जागरूकता हेतु जब तक यह स्पष्ट नहीं होता तब तक श्री राणकपुर मंदिरजी में रुपया नही चढ़ाना है ।
इसे जागरूकता बनाकार जन आंदोलन बनाना चाहिए ।
આત્મિય સુશ્રાવક મહર્ષિભાઈ,
આપે કરેલ સાહસ ખુબ સરાહનીય છે.. તીર્થમાં વર્ષોથી ચાલતી અવ્યવસ્થા અને અન્યાય સામે આપે જે લડત આપી છે તેની અંતઃકરણથી ખુબ અનુમોદના..
આપના જેવી ખુમારી, શાસનદાઝ અમને પણ મળે, અમે પણ શાસનરક્ષા માટે તત્પર બની શકીએ તેવા શુભાશિષ આપશોજી.. 🙏
Jai jinendra...A true Jain...for truth...!
Khub Khub Anumodna and Dhanyavad 🙏🙏
आप की खुब खुब अनुमोदना करते है आप के जैसे रत्न जिन शासन में है जो अपनी विरासत को आख उठाकर भी नही देखते है धमकिया से डर जाते है लेकिन आप ने हिम्मत नही हारी
पू पंडित महाराज इस तीर्थ की रक्षा के लिए सक्रिय है। पेढी अपनी गलतीयो के कारण मालिकी अधिकार खोकर बैठी है। पहेले मालिकीयत अधिकार जैन संघ का करना होगा। फिर सब सोल्यूशन निकलेगा। #ReclaimRanakpur
एकदम सही बात
Sahi baat hai in log se darakar chup Beth nahi sakte
@@hemalshah75055
श्वेतांबर समाज को अब अपनी भूल सुधार लेना चाहिए समाज के ही व्यक्ति को पुजारी बनाये
Aapke himmat ki khub khub Anumodana nd Thanks Mahrshi bhai nd family
आवाज उठाने भाईसाबको ❤धन्यवादमंदीर व्यवस्थापन पर कारवाईहोणी आवश्यक समाजने आवाज उठाया चाहिये।
जैन मंदिरों में सेवा देने वाले पुजारियों के अधिकारों का स्पष्टीकरण होना चाहिए और साथ ही हरेक मंदिर के बाहर और पेढ़ी पर इसका स्पष्ट दिशा निर्देश लिखा होना चाहिए।
🙏🙏.. Thanku for sharing this video....
🙏🙏🙏
The sad part is Pandit MS is fighting for it single handedly. He is a one man army. Standing against all odds.
उपर का video📷 राणकपुर तीर्थ की एक सत्य घटना जिनके साथ हुई, महर्षिभाई, जानिए उनकी जुबानी सूरेशभाइ चेन्नई के साथ
Pls Share and Forward this FACT and Be aware...
जागो जैनो जागो... देव द्रव्य बचाओ
2 मिनिट का समय निकालने से आपकी ऑंखे खुल जाएंगी...
Date:- 23-June 2023
नाम :- महर्षि शाह
अहमदाबाद
9825880028
नाम और नंबर इस लिए दिया गया है कि ये कहानी नही है.. हकीकत है
सिर्फ 15 दिन पहले की घटना है..। हमारा परिवार राणकपुर तीर्थ में गया था। भगवान की पूजा करके हमने चैत्यवंदन चालू किया । पाटले पर ₹200 रखा था। चैत्यवंदन खत्म हुआ , जब हम देरासर में दाखिल हुए थे तब आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी पर एक बोर्ड पढ़ा था की देरासर का भंडार पेढ़ी में रखा है पैसे भंडार में डालना । हमने चैत्यवंदन करके पैसे लिए पुजारी ने बोला:- के यहां थाली में रख दो.. हमने बोला :- कि नहीं यह पैसे पेढ़ी के भंडार में जाएगा ।
वहां से झगड़े की शुरुआत हुई थोड़ा झगड़ा करने के बाद पुजारी जी बोले:- कि मैं आपके साथ पेढ़ी पर चलता हूं ।वह हमारे साथ पेढ़ी पर आए। पेढ़ी से बात किया :- उन्होंने बोला :- आप मुझे पैसे दोगे तो मैं पहुंच बनाऊंगा आपको जो करना है वह करो।
पुजारी जी ने बोला :- "यहां पर पाटले पर जो भी पैसा रखा जाता है वह हमारे हक का है। चाहे आप भगवान को सोने का सेट भी चढ़ाओंगे तो वहभी हमारा रहेगा।"
हमने बोला :- "हमने एक पैसाभी आपको नहीं चढ़ाया है.. भगवान को चढ़ाया है और वह आपको नहीं मिल सकता है।"
पुजारी जी बोले :- "600 साल से यहां हमारा परिवार ही काम कर रहा है और धरना सा सेठ (जिन्होंने राणकपुर तीर्थका निर्माण किया है) ने हमें तब से बोला है कि यहां पर कोई मंदिर में जो भी रखता है वह आपका ही होगा।"
हमने बोला कि "तब आप थे ?"
वह बोले "उन्होंने हमको ताम्रपत्र पर लिख कर दिया है।"
हमने बोला:- "आप हमें दिखाइए"
वे बोले:- "यहां पेढ़ी भी देखने के लिए बैठी है.. लेकिन हम किसी को नहीं दिखाएंगे और हमारे साथ ज्यादा माथाकूट मत करो यहां पर आपके जैसे बहुत सारे लोग, ट्रस्टी और अनेक गच्छाधिपति भी आ चुके है.. हम शास्त्र और शस्त्र दोनो जानते हैं। आप यहां से बाहर भी नहीं जा पाएंगे।"
उस तरह से उन लोगों की *धमकियां शुरु हो गई और शस्त्र की धमकी भी देने लगे।
हमने बोला:- "भाई आपको जो करना है वह कर लो.. लेकिन आप अपनी 600 साल की परंपरा बता रहे हो हम ऋषभदेव परमात्मा से चली आई व्यवस्था बता रहे हैं। शास्त्र में लिखा है कि भगवान को रखा गया रुपया देव द्रव्य में ही जाता है.. हम यह रुपया भंडार में ही रखेंगे। और रही बात मरने की तो शास्त्र के लिए हम अपना सर भी कटवा सकते हैं।"
तकरीबन 2 घंटे तक यह लंबा झगड़ा चला बहुत सारी धमकियां भी दी गई और हम अपने फैसले पर अटल रहे आखिर में हमने वह पैसा भंडार में ही रखा।
लेकिन यह सोचने की बात है कि शायद हम उनकी धमकियों से डर गए होते या हमने झगड़ा करना मुनासिब नहीं समझा होता तो यह रुपया भी पुजारी जी को ही जाता। तो हमको देव द्रव्य का रक्षण नहीं करने का कितना बड़ा पाप लगता .....???
तभी मुनीमजीने पुजारीजी के जाने के बाद बताया " मैं 3 साल से यहां हूं यह दिनों में कितने झगड़े हुए आज कोई पहली बार पुजारीजी के सामने ही भंडार में रुपए रखकर जाते हैं।"
हमारी कायरता और बेवकूफी ने हमको कहां लाकर खड़ा रख दिया है कि आज पूरे मंदिर पर पुजारीजी अपना हक जता रहे हैं और इतने सारे जैन लोग मिलकर भी हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं....
मैं आणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी को भी गुजारिश करूंगा की..बोर्ड पर साफ शब्दों में लिखें की :- "यहां पाटले पर रखे पैसे पुजारी जी को ही जाते हैं" तो हम वहां पैसे ही नहीं रखें
और सारे जैन समुदाय को भी गुजारिश करूंगा की हम लोग जब ग्रुप में जाए या अकेले जाए हर बार पाटले पर ही पैसे रखें और बिना डरे, बिना हिचकिचाहट अपने साथ वह पैसे ले जाकर भंडार में रखें।
हां.. मैंने उस झगड़ेमें पुजारी जी को भी एक बात बताई थी वह आपको भी बताना चाहूंगा कि "हमारे से जब काम नहीं होता है हम अपने घर पर आदमी रखते हैं तो क्या हमारी घर की मालिकी वह नौकर की हो जाती है...???? वैसे ही भगवान की पूजा के लिए हम जब पुजारीजी को रखते हैं तो क्या मंदिर में आए सारे पैसों की मालीकी पुजारी की हो जाती है...???
मुझे पता है अहिंसा, दया, धर्म, यह सारी चीज बोलने वाले लोग ऐसा ही बोलेंगे कि हमको झगड़ा नहीं करना चाहिए लेकिन कभी शास्त्र भी पढ़ लेना.. की इसके लिए तो कितने लोगो ने अपने सर कटवाए हैं अपनी जान दे दी है.....
एक और बात, आणंदजी कल्याणजी पेढीका "करोडो" का पगार ठुकराके ये लोग देवद्रव्य भक्षण कर रहे है..
प्रणाम
Dusre bohot M.S lad Kar chor chuke hai
@@hrishitajain8800 Yes but he is still fighting and standing tall. Lets we all Jain support him in Reclaim Ranakpur and bring back ownership rights of this Maha Tirth.
*देवद्रव्य के पैसे पूजारी लेते है, वह गलत बात सबको समजती है।*
*तो पूरे तीर्थ की जमीन(जो देवद्रव्य ही है!) सरकार पेढीकी मंजुरी से जंगल विभाग में ले गई... तो जिनशासन को पू. पंडित मसा की लडत को शाथ देना चाहीये ना ?*
Vo iske khilaf nahi lad rahe,pedhi ke khilaf lad rahe hai 😢
खास मेरी पूज्य साधू साध्वी जी महाराज साहिब से विनंती ही की आप लोग गुजरात, दक्षिण भारत, महाराष्ट्र का कुछ समय के लिए मोह त्याग कर दिल्ली, यूपी, राजस्थान, बिहार आदि क्षेत्रों में विचरण करे, जिससे वहा मंदिरों की व्यवस्था में सुधार होगा, स्थानीय संघों में जागृति आएगी और अनेकों आत्माएं धर्म से जुड़ेगी
आशीष पालावत
Ye sab jagaho pe suraksha ka bada saval he
Pandit ms is fighting for ownership of tirth .......
We all must support Pujya pandit ms for tirthraksha
Going to the Root Cause of all such issues,we need to find a Permanent Solution and that’s Getting back the Ownership of Our Tirth. Only if we Own our Tirths we will be able to maintain them as of Jain’s in long run..
Pandit ms is already working on it since a year, let’s Support him and individually in our capacity be active and fight for Ownership of Our various Tirths.
Great act of courage. Highly appreciated.
में ब्राह्मण वर्ग से हूं और आपका समर्थन करता हूं। आजकल कुछ पुजारियों के लालच के कारण ही धर्म का पतन हो रहा है। आपने अच्छा कार्य किया धर्म का उत्थान जरूरी है।
Example
सूरत में लगभग इस साल 2000 (दो हजार) साधु साध्वी जी का चतुर्मास हे
सिर्फ 2000 के 10% युवा साधु साध्वी जी अपने गुरु आज्ञा से उत्तर भारत का पाच साल विचरण करे,
जब वो जाए तो दुर्सरे ग्रुप अपने गुरु आज्ञा से आए
ऐसा क्रम हो 20 से 25 साल भी चला तो
जहा प्रभु ने सबसे ज्यादा विचरण किया , ज्याहा प्रभु ने सबसे ज्यादा चतुर्मास किए वो उत्तर भारत क्षेत्र(राजस्थान, दिल्ली, यूपी, एमपी, बिहार) सब एकदम खिल उठेंगे
आशीष पालावत
Aapko khub khub dhanyvad
🙏🙏🙏
Jankari ke liye khoob khoob anumodna
We salute you bhai , very brave with faith in Bhagwan Adinath dada. No body can harm you. 🙏
Maharshi bhai n family ko dhanyavad
You have opened our eyes
इस घटना से ये जाहिर होता है कि हम हमारे पुरातन तीर्थों की व्यवस्था व रक्षा नही कर पा रहे है और जहां देखो नित नए तीर्थ बन रहे है , जहां की व्यवस्था अजैन कर्मचारियो के हाथ में है ।
आज ये हालात हैं ?, तो भविष्य और भी विकट ही होने वाला हैं।
Vinodbhai jainsamaj ko sabi tirth sthano par alagse niyam vyvstha banani hogi or Jain samaj ka paisa tite security me lagana chaiye naito anevalo dinome kuchbi ho saktahe or har ek jain ko thoda strike hone ki avshakta he jyada sant rehnemebi maja naihe abhi sastara ke sath sastra anivarya karna padega kyoki pehle bot kuch kho chukehe ham .
Tg 😮@@bhooshanshah5720aaaaaaaak
आप की खुब खुब अनुमोदना . हमें आशातना रोकनी ही होगी.पुरुषार्थ करना ही होगा.
Wow wow wow👏
Khub khub Dhanyawad 🤝
Anumodhana🙏
Aapke sahaas k liye,
Ye poore samaj k liye ek msg he, inspiration he
Chalo apna rukh Prachin thirtho ki aur kare, apni virasat ko bachaye
🙏🙏🙏
Let's unite and fight for our tirth . Pujya pandit m.s. is drawing our attention but we are not listening.
So let's all of us join the fight save Ranakpur
Since so long Panditmarasaheb is showing us this picture…Whatever this gentleman went through, so many videos are shared by Jyotindia to alert us for our tirths…but we all are not bothered till we all face the same problem or even worse! It’s time to unite! Also sign the forms of Reclaim Ranakpur to get the ownership back , only then these things will not take place !
Sorry my personal opinion here....Shri Pandit Maharaj is busy fitting with Sheth Anandji Kalyanji Pedhi.
Need knowing even if singke Tirth or small Jinalay saved
Pujya Pandit Ms has noted all such odds of Ranakpur and trying his best to Convince APK who is looking after it's Management to take Necessary action against such climate in Jain Sangh Tirth. Also the ownership of the land is been transfered in the name of Government which is a very big & Sad news. #ReclaimRanakpur mission is already going on so as to bring things in order.
If this Campaign is supposed by all other Jain Dharma charya and APK act's actively on it soon we can get control over all odds which are there currently.
Khub Khub dhanyavad.🙏🏼🙏🏼
One must get the ownership back of Ranakpur Tirth and Muchhala Mahavir Tirth to solve many such ongoing issues.
RECLAIM RANAKPUR
🙏🏻🙏🏻 SHRAVAK. BHAI. APKI KHUB KHUB ANUMODNA 🙏🏻🙏🏻
🙏🙏🙏
Tysm for sharing this video sir ji 👍
Jai Jinendra Hum sabhi ko himmat dikhani hai jo Maharshi bhai ne dikhayi hai.Hamare har tirth ke liye
MAHARSHI BHAI APKE SHASAN EVAM DHARM RAKSHA KE SAMYAG PURUSHARTH KO NAMAN...🌹🌻🌻🙏🙏🙏🌻🌻🌹 BAHUT BAHUT ANUMODNA🌻🌻🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌻🌻
Khub khub anumodna 🙏🙏🙏 , aapne jo sahas dikhakar jo example diya hai vo har jain ko karane ki himmat aayegi 🙏
Khub Khub Anumodna Maharishi Bhai 🙏🙏🙏🙏
सुरेशभाइ मैं तीर्थ बचाने के लिए तन-मन-धन से भोग देने के लिए तैयार हूं। पंडित महाराज साहेब तीर्थ बचाने के लिए महेनत कर रहे है। हमें साथ मिलकर तीर्थ बचाना ही चाहिए। पेढीने लापरवाही से, तीर्थ गंवाए है। तीर्थ बचाने हेतु त्वरित कदम उठाने चाहिए।
Please spread this matter more and more
🙏🙏🙏
Good initiatives by Maharshi bhai and We support him
ખૂબ ખૂબ અનુમોદના મહર્ષિ ભાઈ🙏
Good you are very Brave Jainam Jayati Shasanam
Aho jinshanam
🙏🙏🙏
Superb
Hats off to bhaiya n family
Khub khub dhanyavad
Khub khub danyavad 100000000000000000000000000000000000000000000000000.
Maharshi bhai aap ko bohot bohot DHANYAVAD...
Very good sureshbhai
जबतक भगवान को सोने चूक पैसो से मढोगे तब तक ऐसाही होना है।इस से अच्छा है की ध्यान केंद्र बनावे और उस में सीर्फ ध्यान ही हो और साधकोंको अच्छी सुविधा मीले।तब अपने आप यह भ्रष्टाचार कम होगा। भगवान ने राजपाट सब छोडकर जंगलो में जाकर सिर्फ ध्यान करके ही मुक्ती पाई थी।
Khub khub anumodhana.. aise shravako ki zaroorat hai jinshashan ko
Correct 💯 we have to do something
🙏🙏🙏
Khub khub anumodana
@@rameshjain3333 🙏🙏🙏
Strict action should be taken immediately against those pandits,voice should be raised by us all.
*देवद्रव्य के पैसे पूजारी लेते है, वह गलत बात सबको समजती है।*
*तो पूरे तीर्थ की जमीन(जो देवद्रव्य ही है!) सरकार पेढीकी मंजुरी से जंगल विभाग में ले गई... तो जिनशासन को पू. पंडित मसा की लडत को शाथ देना चाहीये ना ?*
Aapko or aapki famli ko bahut dhanyavatrith ke liye aage aaye
Khub khub Anumondan 🙏🙏🙏🙏
આભાર મહર્ષિભાઈ.એક ભગીરથ કાર્ય કર્યું છે આપે.
🙏🙏🙏
Very good Maharshibhai for your courage
Khub khub anumodna aap jeise bhaiyo ko 🙏🏻🙏🏻
Suresh bhai i amagree with you hundred percent
We are all with u ,
Please plz
Initiate any process we all will definitely be there to support.
But we need someone to lead from front 🙏
🙏🙏🙏
Be ready
Pandit maharaj pehle se keh rahe the par kuch apsi man mutav se unki baat koi nahi manta hai
Par abhi kuch krna padega
Maharshibhai khub khub anumodna.
तीर्थ के मालीकी के बारेमें पू. पंडित मसा को शाथ देना यानी सत्य को शाथ देना। यदी जिनशासन जागृत है... तो कहां है वह जागृत लोग ?
Pandit maharaj agad koi solution che ??
@@sameershah9898CHHEJ NE BHAI... RECLAIM RANAKPUR CAMPAIGN RUN TO KARYU TU.... PAN BAKI SAMUDAYO NO SUPPORT TO JOIYE NE... ULTA NU VIRODH KARE CHHE ANE ENE SANGH ANE SHASHAN VIRODHI JEVA CHIT RAY CHHE AA KETLU YOGYA CHHE...
❤❤❤
good
ऐसा मेरे साथ भी हुआ था
रानकपुर में ही
८ या ९ साल पहले
पुजारी जी की पूरी सेटिंग रहती है
फटाफट आ जाते है पूरा ध्यान रखते है कोई भंडार पे या आरती में या अक्षत पूजा में पैसे रखते ही जैसे ही विधि पूरी होती है सब उठाके एक दूसरे को पास करते है
Ek rupaya mat daalo,bhandar me daalo ya bahar jaakar bhikhari ko dedo
જય જિનેન્દ્ર પ્રણામ ભાઈ આપ ને ખૂબ સરસ કારિયવાહી ખૂબ સરસ છે
Ye Program Banane ke liye khub khub Aabhar🙏
हां, हमारे साथ भी ऐसा ही किया था।वे झगड़ने लगे थे।और भगवान के बाजु में किसी देवी की पूजा वे धुमधाम से करते हैं।
આટલું બધું ખુલ્લેઆમ દાદાગીરી થાય છે.. તો પણ *પૂજારી બાપડા દેરાસર નો કેટલો ખ્યાલ રાખે છે...!!* 😉
લોકોએ *હિંમત રાખી લડત આપવી...* પૂજારીને પૈસા નહીં આપવા.. એમ પેઢીએ બોર્ડ ઉપર લખાવી જાહેરમાં જણાવેલ જ છે... પણ પેઢી કાંઈ એકશન લેશે... તે કેમ બોલાય ?...
*આનું નિવારણ પબ્લિકે જ કરવું.* પેઢીએ બિચારીએ તો ફક્ત બોર્ડ મૂકી.. પોતાની જવાબદારી પૂર્ણ કરી... 👎🤙🤙🤙
Khub khub anumodana 🙏🏻🙏🏻
जय जिनेंद्र🙏🏻 रणकपुर जी दर्शन करने वाले सभी श्रद्धालुओं से विनम्र निवेदन है कि परमात्मा के आगे जो थाल रखा हुआ है उसमें रुपये का चढ़ावा ना चढ़ावे, बाहर पेढ़ी के आगे भंडार लगे हुए वहा डालें धन्यवाद🙏🏻
जैन समाज संगठित नहीं हुआ तो सभी तीर्थों, संस्थाओं, संपत्तियों पर अन्य जातियों वाले कब्जा कर लेंगे
🙏khub khub anumodna
महर्षि भाई आप के साहस की खूब खूब अनुमोदना
Khub Khub Anumodana
Brave action 🙏🙏🙏
Proud of you Sir
जैन समाज में कुछ लोग ही है जो हिम्मत वाले है, ज्यादातर देखा गया है कोई गलत का विरोध करता है तो कोई साथ देने को तैयार नहीं होता है, अपने श्रावक के विरुद्ध ही खड़े हो जाते हैं।
Jaynam jayati Shashnam 🙏
अपने मंदिर में अपना कार्य के लिए हिम्मत क्यों चाहिए? जो पैसे लेकर पुजारी बनते हैं उनका हक़ सिर्फ़ वेतन तक ही है। अपने मंदिर के अंदर में दूसरे लोग की हिम्मत बढ़ रही है।
कोई भी किसी भी मंदिर में तीर्थ स्थल पर देखे की पाटले के ऊपर पैसे रखे हुए हैं तो तुरंत उठाकर सीधे भंडार में पुर दे चाहे किसी ने भी रखे हो l
Aur ye haq aapko kisne de diya ?
Ranakpur ko mandir batane ke liye dhanyawad mai to use tourist spote samaj raha tha
Maharshi Bhai ki Khub khub anumodna 👏👏👏🙏🙏🙏
ખુબ ખુબ અનુમોદન મહર્ષિ ભાઈ આપ ખોટા પ્રવૃતિના સામે ઝૂક્યા નહિ
Great effort.....need same effort for general SOCIETY.......will be call THE GREATEST EFFORT
Hum aapke sath hai ..
ખુબ ખુબ ઘનયવાદ
देवद्रव्य के पैसे पूजारी लेते है, वह गलत बात सबको समजती है। तो पूरे तीर्थ की जमीन सरकारने पेढीकी मंजुरी से जंगल विभाग में ले गई... तो जिनशासन को *पू. पंडित मसा की लडत को शाथ देना चाहीये ना ?*
🎉🎉
किसी भी तीर्थ पर जाओ, तो सिर्फ अक्षत या पुष्प चढाओ....
एक भी पैसा रोकडा ना चढाए, तभी इन पूजारियों की अक्ल व अकड ठिकाने आएगी ।
तीर्थ के लिए जो भी योगदान करना हो, तीर्थ पेढी में भेंट कर रसीद लेनी चाहिए |
जय जिनशासन 🙏
@@manojkumarjain7630 🙏🙏🙏
Aap ne jo Kiya wo bahut acchha kiya
जय जिनेंद्र सा
🙏🙏👍
🙏🙏🙏
V. Nice