Bilkul nai aur alag tarah ka gyan milta hai maharaj se.aisa to koi bhi nahi sochta na samjha sakta hai.maja aa jata hai maharaj ki ek ek baat sunkar.sochne ko majboor kar dete hain maharaj ke shabd.dhanyawad maharaj ji.kabhi saubhagya jaga to aapke darshan ki chah hai.
प्रणाम महाराज जी🙏 | चेतना मात्र द्वैतभाव है गणित की तरह समाधान, वाणी है, स्पष्ट, स्वच्छ ।| विवेक ही जीवन है प्रकृति द्वारा बेहोश अवस्था में रहना मृत्यु है जीवन की सच्चाई का इतना सार्थक इतना सुंदर वर्णन, महाराज जी ।।प्रणाम महाराज जी🙏
धन्यवाद महाराज जी, आपके प्रत्येक शब्द ने गहराई से मेरे हृदय को छुआ। आपकी बातों से न केवल ज्ञान मिलता है बल्कि जीवन जीने का नया तरीका भी समझ आता है। आपका विडियो बार-बार देखने योग्य है। 🙏💖
वाह महाराज जी, आपका वीडियो देखकर मन प्रसन्न हो गया। जीवन के प्रति आपकी दृष्टि और विचार सच में विचारणीय हैं। आपके द्वारा दी गई सीख हमेशा के लिए मेरे साथ रहेगी। 🌸
The idea that the body is merely a concept rather than a reality adds a profound layer to understanding our existence. Thank you for sharing such deep insights! 🙏💡
रामचरित मानस में आया है - जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। राम चरितमानस के बालकांड की इस चौपाई का अर्थ हैं- जिसकी जैसी भावना होती है, उसे उसी रूप में भगवान दिखते है। ये समग्र सृष्टि उसी एक का तो रूप हमारी भावना आपका सत्संग निश्चित ही सुधार देगा तो सृष्टा ही सृष्टि है ये बात ज्ञात हो जाएगी धन्यवाद महाराज जी 🙏
आपका हर सत्संग हमारी पुरानी मान्यताओं और धारणाओं पर हथोड़े की तरह चोट करता है...सच रूबरू करवाते रहे...शब्द नहीं है कैसे आपको आभार व्यक्त करूँ...आपका एक छोटा भगत 🙏
प्रभावशाली वीडियो! महाराज जी, आपका संदेश सुनकर मन प्रफुल्लित हो उठा। बौद्ध धर्म के थेरवाद साधना पर आपकी चर्चा ने तो और भी रुचि जगाई। आपके द्वारा दिए गए ज्ञान को जीवन में उतारने की कोशिश करूंगा। 🌼🙏
What an enlightening video, Maharaj Ji! Your discourse really opened my eyes to new perspectives. Your brief discussion on the Theravada Buddhist sadhana was very intriguing and offered a fresh viewpoint on spiritual practices. 🌹🌹
Pranam Maharaj ji🙏🙏 Aapka Satsang Samjhane Ka Tarika Aise Jaan padta hai Jaise sui mein dhaaga dalna itne Barik dhang se aap udaharan ke sath Jivan ke Aur adhyatm Ke marm samjhate hain aapka Koti Koti dhanyvad❤❤
आपको सुनने समझने के लिए ऊँचा उठना ही पड़ेगा...शायद श्रवण इसी को कहते है तर्क उठते है पर हार जाने के लिए...शायद मनन इसी को कहते है जीवन बदल रहा है एक नई दृष्टि आ रही है...शायद निदिध्यासन इसी को कहते है।
महाराज जी प्रणाम। आपने कहा कि व्यक्ति की सत्ता है हीं नहीं।शरीर भाव से तो सत्य है, परंतु चेतना के स्तर पर यह कैसे संभव है। अगर संभव नहीं है तो मुसलमान पीर सुलेमान का वाकया क्या झूठ है।
इसका एक ही अर्थ है जिसका सांस खत्म हो गया और कामना खत्म नहीं हुआ उसी का जन्म मरण फिर से होगा और जिसका सांस खत्म नहीं हुआ है और कामना खत्म हो गया वही चैतन्य को प्राप्त कर सकता है होश को प्राप्त कर सकता है,, वही मंदबुद्धि से परे निर्विचार में डब, सकता हे
Aapne Mera uljhan Sampat kar di
Hey prabhu apke charno ko mera koti koti pranam 🙏🙏🙏🙏
Pranaam Prabhu
बहुत ही अद्भुत वीडियो महाराज जी। आपने जीवन और ज्ञान के मर्म को बहुत ही सरल और प्रभावशाली ढंग से समझाया है। 🙏🙏
🙇♀️🙇♀️🙇♀️❤️❤️❤️🌹🌹🌹
धन्यवाद आपके इस गहराई से भरे संदेश के लिए। आपके विचारों पर चिंतन करना और उन्हें आत्मसात करना हम सभी के लिए अनिवार्य है। 🙏🌼
Dhanyvad Maharaj ji itni gehri aur sacchi baat batane ke liye
Bilkul nai aur alag tarah ka gyan milta hai maharaj se.aisa to koi bhi nahi sochta na samjha sakta hai.maja aa jata hai maharaj ki ek ek baat sunkar.sochne ko majboor kar dete hain maharaj ke shabd.dhanyawad maharaj ji.kabhi saubhagya jaga to aapke darshan ki chah hai.
प्रणाम महाराज जी🙏 | चेतना मात्र द्वैतभाव है
गणित की तरह समाधान, वाणी है, स्पष्ट, स्वच्छ ।| विवेक ही जीवन है
प्रकृति द्वारा बेहोश अवस्था में रहना मृत्यु है
जीवन की सच्चाई का इतना सार्थक इतना सुंदर वर्णन, महाराज जी ।।प्रणाम महाराज जी🙏
Excellent 👌👌👌
आपके ज्ञान में धर्म का मर्म अनुस्युत है...सरल व्यवहारिक गूढ़ उपदेश ! सादर नमन 🙏
आपके वचनों की गहराई में
आपके ज्ञान की ऊँचाई है
आपके स्वर में जो एक ठहराव है
वह अद्वितीय है ! सादर नमन 🙏
महाराज जी आप यूँ ही हमें मार्गदर्शन करते रहें..पूर्वाग्रहों और धारणाओं के गिरने से जीवन में निर्भयता आ गई है ..अनंत धन्यवाद 🙏
धन्यवाद महाराज जी, आपके प्रत्येक शब्द ने गहराई से मेरे हृदय को छुआ। आपकी बातों से न केवल ज्ञान मिलता है बल्कि जीवन जीने का नया तरीका भी समझ आता है। आपका विडियो बार-बार देखने योग्य है। 🙏💖
bahut hi sundar satsang...saargarbhit evan hriday ko chhu lene wala
❤❤❤
वाह महाराज जी, आपका वीडियो देखकर मन प्रसन्न हो गया। जीवन के प्रति आपकी दृष्टि और विचार सच में विचारणीय हैं। आपके द्वारा दी गई सीख हमेशा के लिए मेरे साथ रहेगी। 🌸
अनोखा और सटीक है आपके समझाने का तरीका...कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🙏
The idea that the body is merely a concept rather than a reality adds a profound layer to understanding our existence. Thank you for sharing such deep insights! 🙏💡
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
depending upon our perspective towards the body our perspective towards the life is defined...sir i do agree dhanyavaad
Pranaam maharaj ji 🙏 how easily you explained in very short time ,what is life? Dhanyawaad🙏
रामचरित मानस में आया है -
जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
राम चरितमानस के बालकांड की इस चौपाई का अर्थ हैं- जिसकी जैसी भावना होती है, उसे उसी रूप में भगवान दिखते है।
ये समग्र सृष्टि उसी एक का तो रूप
हमारी भावना आपका सत्संग निश्चित ही सुधार देगा तो सृष्टा ही सृष्टि है ये बात ज्ञात हो जाएगी
धन्यवाद महाराज जी 🙏
जैसा आप बताते हैं महाराज जी यदि वैसा इस शरीर को देंखे तो इससे अलग मेरा होना ज्ञात हो सके...प्रणाम महाराज जी
शरीर की नश्वरता का सच्चा अर्थ
शरीर कैसे एक धारणा मात्र है
ये सब बहुत ही अच्छे से समझाया आपने...बहुत ही आभारी हूं...धन्यवाद
भौंदू तोतों की कहानी जबरदस्त है
महाराज जी हमने भी माइक पर दिन भर ओम ओम रटते भौंदू तोते देखे है 😁😁🙏
आपका हर सत्संग हमारी पुरानी मान्यताओं और धारणाओं पर हथोड़े की तरह चोट करता है...सच रूबरू करवाते रहे...शब्द नहीं है कैसे आपको आभार व्यक्त करूँ...आपका एक छोटा भगत 🙏
प्रभावशाली वीडियो! महाराज जी, आपका संदेश सुनकर मन प्रफुल्लित हो उठा। बौद्ध धर्म के थेरवाद साधना पर आपकी चर्चा ने तो और भी रुचि जगाई। आपके द्वारा दिए गए ज्ञान को जीवन में उतारने की कोशिश करूंगा। 🌼🙏
महाराज जी ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहें..हमें बहुत शांति एवं सहयोग प्राप्त हो रहा है।
प्रणाम!
What an enlightening video, Maharaj Ji! Your discourse really opened my eyes to new perspectives. Your brief discussion on the Theravada Buddhist sadhana was very intriguing and offered a fresh viewpoint on spiritual practices. 🌹🌹
आपका यह सत्संग भर्तृहरि के वैराग्य शतक के समान जान पड़ा..🦢
Pranam Maharaj ji🙏🙏
Aapka Satsang Samjhane Ka Tarika Aise Jaan padta hai Jaise sui mein dhaaga dalna itne Barik dhang se aap udaharan ke sath Jivan ke Aur adhyatm Ke marm samjhate hain aapka Koti Koti dhanyvad❤❤
जी महाराज जी
सही है कि जैसी हमारी दृष्टि होगी वैसी सृष्टि दिखाई पड़ेगी...प्रणाम महाराज जी
dhanyavaad....really life is defined as per our perspective
Listening to you is like a challenge because each time you eradicate something and implant new ideas...it has become a journey ✨️
Thanks
Hariom. Guruji❤
आपको सुनने समझने के लिए ऊँचा उठना ही पड़ेगा...शायद श्रवण इसी को कहते है
तर्क उठते है पर हार जाने के लिए...शायद मनन इसी को कहते है
जीवन बदल रहा है एक नई दृष्टि आ रही है...शायद निदिध्यासन इसी को कहते है।
To me, it took 2 yrs to understand how body is a concept
You explained it superbly in only 20 to 30 minutes
Great!
Hari om🙏🙏
प्रणाम प्रभु 🙏
🙏🙏🙏🙏
🙏🙏
अब समझ मे आया कि क्यूँ भगवान बुद्ध अपने भिक्षु शिष्यों को श्मशान में साधना हेतु भेजा करते थे।❤
महाराज जी प्रणाम। आपने कहा कि व्यक्ति की सत्ता है हीं नहीं।शरीर भाव से तो सत्य है, परंतु चेतना के स्तर पर यह कैसे संभव है। अगर संभव नहीं है तो मुसलमान पीर सुलेमान का वाकया क्या झूठ है।
इसका एक ही अर्थ है जिसका सांस खत्म हो गया और कामना खत्म नहीं हुआ उसी का जन्म मरण फिर से होगा और जिसका सांस खत्म नहीं हुआ है और कामना खत्म हो गया वही चैतन्य को प्राप्त कर सकता है होश को प्राप्त कर सकता है,, वही मंदबुद्धि से परे निर्विचार में डब, सकता हे
महाराजजी, मेरा शरीर और वह देवाल वह घर में भेद समझ नही आ रहा है। कृपया वर्धन करे
🙏🙏
प्रणाम प्रभु 🙏