Latko chhod de re jogiya asal fakiri dhaar || jogiya bhajan Gayak mooldash kamad Bhajan kirtan satsa
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- Опубліковано 8 вер 2024
- लटको छोड़ दे रे जोगीया असल फकीरी धार ||जोगीया भजन गायक मूलदास कामड़ भजन कीर्तन सत्संग
#mooldashkamad
#chetawanibhajan
Wow ji bhut sundar 🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice
Nice
सत साहेब
Bhoot pyari bani hai
Sh Grwaji maharaj ki jai ho ram
Sat sahib ji
Ramramramram
Nice baniya muladash no>.
bahut khub
Gjb
जय हो मूलदास जी की
Doulatram Nandiwal -Dholkio
Bahot khub ji
Anand aa gya ji
Jai guru dev ri sa
,,
@@user-sc9xo4ld2y ,etc
D
Super bhajan
वाह वाह मुलदास कामङ
Kya khub Gaya h ji muldss ji
Bhut Sundar awaz Ram Ram ji
Very good vinod
bhut bdiya bhajan
Nice bhajn muldas ji
नाईस भजन
Very very nice
ओम प्रकाश पंवार
वाह जी मूलदास जी
सतगुरु दयाल की जय हो
Nice bhajan
😊😊😊
😅
Bhuat nice ji
Wah.ji.mooldas.ji
Very nice beautiful and Rajasthani bhajan muldas Kamad thank you very much thank you very much
🙏🙏
Nice 👌👌👌👌
Very nice bhajan
देवर। जभील
देवर। जभील
देवर। जभील
Very quiet bhajan
Bahut khoob dil khush ker diya. Nice bhajan
जय श्री नाथ जी की आदेश आदेश
Very good
Aasa गायक nhi hoga enke jane k bad bhut achha gate h
Thank u g
ल। ईक
ल। ईक
Sat Sahib ji
nice
Kya baat verry nice dadaji prnam h aapko randev ji ke bhajan bhi sunao muldas kamer ji ke
Satsaheb
Dharmpal Sen Kheri barki hissr haryana goad nice vani
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका चैनल को सब्सक्राइब करें वह अपने जानकारों से सब्सक्राइब करवाएं
जय संता की जय
Super song
राम राम जय श्री राम
राम राम जी
Ram Ram g
Sat saheb ji
Nice Bajan
बणा रहीयो संता
Baba Ramdev g ga bhajan b sunao muldas g ga
OK try krunga
ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ??
परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता सम्मुख होते ही बिमारी को जङ से समाप्त कर देता है... परमात्मा का कोई ज्ञान नहीं होता जिसे लेकर दुकान चलायी जा सके .. ज्ञान नहीं वह तो समाधान है जो बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं।
शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है।
समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं।
सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे
वस्तव मे नि:शब्द ,आत्मा, परमात्मा भगवान,गोड,वाहे गुरु, ईश्वर,अल्हा,व्याकरण के शब्द हैं यह मन को समझाने के लिए उस परम सत्य को बताने के ईसारे मात्र ही हैं।सत्य को तो बताया जा ही नहीं सकतावह मन बुद्धि के लिये अलख है और मन की औकात नहीं उसको अपने प्रयत्न से जान सके पर *नि:शब्द*अन्य समस्त ईसारों से ज्यादा सत्य को अच्छी तरह दर्शाता है क्योंकि परमात्मा कम्पलीट साईलेंस (पूर्ण शान्त) अवस्था है जिसे कोई भी परिस्थिति विचलित नहीं कर सके परम शांत अचल,अविचल,स्थित-प्रज्ञ,भावातीत
और जो समष्टि का आधार है,समरस,भेदभाव रहित,सर्वव्यापक, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है।ऐसी अवस्था नि:शब्द के अतिरिक्त क्या हो सकती है????
अन्य कुछ भी हो ही नहीं सकती।
जितने भी पंथ, धर्म, ग्रंथ किताबें हैं यह मनुष्य क्रत हैं
इनमें कभी भी आपको पूर्ण सत्य नहीं मिलेगा।
पूर्ण सत्य का अनुभव मन के पार ही होता है।
इस प्रथ्वी पर सबसे निक्रष्ट प्राणी मनुष्य ही है जिसने अपने स्वार्थ के लिए हवा, पानी,जमीन को प्रदूषित करदी
उसकी क्रतियों पर विश्वास करते हो भयंकर धोका
खावोगे अब भी चेत जावो।
*नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा ऐक ही हैै इसके अतिरिक्त कोई सत्य नहीं।
Jay shri ram
K bat h
७^०८
धन्यवाद
Sat saheb
Super ji
.
Tordi bhajan aplod kro
Tordi MIL Nhi rhi Aapke ppas kessate h kya
Nice
वाह वाह क्या खूब लिखा है आपने इस रचना के लिए हार्दिक बधाई 9950543259
धन्यवाद
धन्यवाद
मोबाइल नम्बर दो जी
Very nice
Sh Grwaji maharaj ki jai ho ram
Nice
nice
Nice jogoya bhajan
Very nice
Nice