@@gurpalsohal3526 गुरू का खालसा झुकता नहीं था या बजीद खां की फौज देखकर भागते समय पजामें गिले पीले करता रूकता नहीं था !बाकि दूसरे को नीचे जबाब दिया है पढ ले !
@@meghavaishnav1845 BABA BANDA SINGH BAHADUR Ji JAMMU ke REASI ke rehne wale the ,Aur REASI mei Jaha ye Rehte the AAJ waha bahut bada GURUDWARA Bana hua hai.Inki aur inke Bete Ajay Singh ji ki ASTHIYAN bhi Rakhi hui hai Waha ....
@ganpatibppa5071to fir maansingh aur beerbal to gaddar huye jo akbar ke senapati aur navratan me the😅😅😅 beta akbar ko aaj bhi akber the great khte hai phle history padho andhbhakt😅😅
बाबा बंदा सिंह बहादुर के चरणों में मेरा प्रणाम कितने बहादुर थे वो सिख भाई जी होने अपना जीवन दे दिया लेकिन मुहम्मद का इस्लाम कबूल नहीं किया 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Are Hindu Sikh ek hi hai, Sikh ek kttr Hindu hai, Krishna, Rama बहिगुरू ek hi hai, SB ek ko hi mante hai, langar मैं प्रसाद veg hi bnta hai chahe Hindu ke lngar m bne ya Sikh ke, nfrt Mt felao, Pooja ka trika apna niji ho skta hai, we are one, Manas ki jat ekhi pehchanvo, Jo sbhi प्राणियों को एक ही njr se dekhta hai vo parmatma ka sbse प्रिय है
सिर्फ एक कानून नार्कोटेस्ट, ब्रेनमेपिंग पॉलीटेस्ट भारत जल्द से जल्द लागू हो जायेगा तो भारत के भी गददार चाहे, नेता, राजनेता, अधिकारी, कर्मचारी, चोर, डकैत, भ्रष्टाचार, घूसखेंरी, जमाखोरी सब कुछ जड से समाप्त हो जायेगा । आज पूरा देश देख रहा है कि कांग्रेस के साथ साथ उनके सभी गददारों की मिलीभगत है अब हाथ जोडकर सभी लंका में रह रहे विभीषणों से हो कि यदि हमारा राष्ट्रविरोधी है तो उसे त्याग देना ही अच्छा है और सम्मान जनक है । कम से कम अपने संतोनों की नजरों में तो ना गिरो कि जब सारा सनातन एक हो रहा था तब आप लोग क्यों रावण का साथ दे रहे थे । हर इंसान इस धरती पर अपने पूर्वजों और अपनी आाने वाली संतानों के लिये ही सबकुछ करते हैं । मेरा लंका रूपी कांग्रेस में रह रहे है विभषणों से विशेष अनुरोध है कि विभीषण की तरह आप लोग भी राष्ट्रहित, देशहित में निर्णय लें । जय हिन्द जय भारत । आम जनता से विशेष अनुरोध है :- अब समय हो गया सभी भारतीयों को अपना तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित सोचता हूं देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं । जय हिन्द , जय भारत ।
इतिहास का चैप्टर में आज बंदा बहादुर जी की बीर गाथा सुनकर बहुत ही अच्छा लगा ऐसे ऐसे बीर योद्धाओं के बारे में बच्चो से छुपाया गया लेकिन वक्त बदल चुका है और आज भारत अपनी असली हीरो की इतिहास पढ़ रहा हे जान रहा हे , बंदा बहादुर जी जेसे बहादुर योद्धाओं को भूमिस्ठ प्रणाम 🙏🙏
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
गुरु तेग बहादुर ,गुरु नानक देव ,गुरु गोविंद सिंह भारत के महान सिख गुरुओ ने हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु अपना सर्वशःअर्पण कर दिया और क्रूर आततायियों से युद्ध किया ,इन महान गुरुओ को हमरा कोटि कोटि नमन ,जो बोले सो निहाल शत श्री अकाल वाहे गुरु ज़ी का खालसा वाहे गुरु ज़ी की फतह जय श्री राम
देश ओर जुर्म के लिए लड़े थे गुरु जी ना कि अपने धर्म के लिए सब धर्म के लिए लड़े थे जुर्म और अत्याचार के खिलाफ लड़े थे और मुगल सल्तनत की जड़ खत्म कर दी ❤❤ वाहेगुरु ji ka Khalsa waheguru ji ki Fateh 🙏
Kisi ko nai bhoole lekin koi Hamme bole ki tum hamara dharam follow karte ho toh unko jawab dena jaruri hai. Guru Nanak dev ji n sikh kaum ko Hinduo se alag kiya tha Hinduo k karam kaand dekh kar aur pagdi k liye hamara hazaaro sikho n jaan kurban kiya. Dusri baat raajput v na hotte agar Guru Tegbahadur ji kurbani na dete. Ham respect karte hai Baba Banda Singh bahadur ki aur usne v Amrit shak kar Singh ban kar hi badla liya tha. Guru Tehgbahadur na hotte ajj tum logon k maa baap muslamaan hotte
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
@@Pushkar_rajpoot simple hai vo power to sikh bnane ke baad hi aayi , phale to dusre sadhu aur kshtriyo ki trah chupa hua aur dara hua hi rahta tha ,..., tum log GURU GOBIND SINGH JI MAHARAJ Ke GURU hone se itna jealousy kyo rakhte ho, ..., GURU hai to GURU to kuch bhi krwa sakte hai, Koi bhi power de sakte hai...., Tum log kyo Banda bahadur singh ko Singh htaa kr beragi sabit krne me lge rhte ho ,..., Jo beragi tha usne to koi bhi yogdaan nhi kiya ..., jisne julm kaa mukbala kiya vo to Singh tha veragi nhi , Sab jante ho tum log par ehsanframoshi ki gandgi andar se jaati hi nhi , ego, jealous ye sab tumhari maa bn ke jo andar bethe hai
@@RSB143 Abe maine guru Gobind Singh ke bare me kaha kuch bola or usme power pahle se tha bus jagane wala guru Gobind Singh Ji the or banda singh bahadur pahle se singh tha bairagi Hiran ka sikar karne ke bad bana tha
Bhai woh hindu phele theyy sab bacche theyy lekin fir woh Sikh theyy aap aise mix mat kara karo dharmo ko agar woh guru govind singh ji se nhi milte toh ek aam sant hi reh jate na aur woh mahaan bane kyuki logo ki raksha ki aur guru govind singh ji ke bande bane aur achayi ke liye ladhayi ki aur jab ki he was not a hindu warrior he was a sikh. Hope you understand, hindu warriors are shivaji maharana pratap, etc
@@gurupratapsinghsidhu6557हारकर कौण गया था गुरू गोबिंद या श्रीठाकुर बेरागी! 36 साल के श्रीठाकुर बेरागी डोगरी राजपूत जी की गुरू थीं 🚩माताकाली जी 🚩जिनकी शरण में आये थे गुरू गोबिंद जी !अगर गुरू गोबिंद को अपनी बनाई खालसा सेना पर भरोसा होता तो,नांदेड जाते क्यों? गुरू गोबिंद खुद पंजाब आना तो दूर अपने परिवार का बदला लेने नहीं आयें !
@@PkSk-hw4sn oye gande ande ki pedaish..soch samaj k bakwas kar..do kodi ke janwar jin guru gobind singh ji k bare me bol rha hai pehle history check kar agar padna likhna ata hai to....itni aukat nahi tum logo ki jitna social media pe bhonk jate ho ..itna bahadur hai to apna number send kr...pta chal jaega tujhe
@@PkSk-hw4snBhai history acche se padho kam knowledge aadmi ko Gyani nahi murkh banati hai Us samay ke sab hindu or muslim peer fakir Guruji ko Guru , peer ja parmatma maante the bhai aap history ko thoda acche se thoda deep study karo or agar aap such mein dharmik hai parmatm ke maarg (satya ki khoj) ke toh sahi or sach ( true,sahi ) Baat Ko accept karo
धर्म की रक्षा के लिए साधना छोड़कर शस्त्र उठाना एक सच्चे संन्यासी का कर्तव्य है क्योंकि उनका पूरा जीवन ही समाज और मानवता के लिए समर्पित होता है नमन है बाबा वीर बंदा सिंह बहादुर जी को ⚔️🙏🏼🚩🙏🏼⚔️
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
@@msteddyy99 bhai sahib ya toh aapki jankari galat hai ya ap jan bujh kar yeh fake jankari faila kar apni aatma ko shanti de rahe hai। Bhagwan apki aatma ko shanti de।
HINDUO KI BAHADUR KOM HAMARE SIKHKHH BHAI. NIDE - AAJ BHI SIKHH BHAI PANCH PYARE KO MANTE HAI JO GURU GOND SING KI PAREEKSHA ME SAFAL HUYE. OR HINDUO KI SHANTI AHINSA PRIAY KOM HAMARE JAIN BHAI HAI BHARAT MATA KI JAI.
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
Banda Singh Bahadur Amrit ki daat liya aur Khalsa bn gye. Guru Gobind Singh Ji ki shiksha pr chal kr jeevan bateet kiya aur Shaheed ho gye. Parnam Shaheedan nu.
अगर सौभाग्य से आप के माता पिता के पूर्वजों के पूर्वजों ने पूरे होश में मानवतावादी विचारधारा का सत्य सनातन हिंदू राष्ट्र भारत माता का सत्य सनातन हिंदू धर्म का विद्या बुद्धि देनेवाली भगवान श्री कृष्ण जी का सत्य सनातन पवित्र धर्म ग्रंथ भगवदगीता को वीवेक और सम्पूर्ण तन मन धन से मान्यता। सम्मान। और आचरण। करने का वादा कर के निभाते पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे हैं। तो वो आपके दिन नित्य का मानवतावादी पवित्र सोच आचार विचार और जीवन शैली बन गई है। नतीजा वही पवित्र धार्मिक मानवतावादी सोच। विचार। आचार्ण। पालन करनेवाला अच्छा विवेकी इंसान के रूप परिवर्तन हो जाते हैं। वैसे ही आपके दिन नित्य का आचार विचार। आचरण। कार्य कलाप और जीवन का लक्ष्य। जीवन का नियम और जीवन शैली भी हो जाता हैं। लिहाजा। दुर्भाग्य से। यदि आप के माता पिता के पूर्वजों के पूर्वजों ने जाने या अंजाने में कोई अन्य देश और भाषा का अनजान। अनसुनी। अनदेखी। बिना सोचे समझे। कोइ आसमानी। क्रूर। खुंकार। अनाचारी। अत्याचारी। आतंकवादी। विद्या देनेवाली शैतानी। अधार्मिक। अपवित्र। ग्रंथों का मान्यता। सम्मान। और आचरण करने का वादा किए हैं। तो आपके दिन नित्य जीवन का आचार। विचार और आप का सोचने समाज ने का अंदाज भी बिना आप के जाने समझे। बिना होश। अंजाने में आप निश्चित रूप से ही एक आतंकवादी। अत्याचारी। अनाचारी। बलात्कारी। अमानवीय। अपवित्र और शैतानी सोच विचार आचरण करने वाला हैवानी। अमानुष। व्यक्ति में अपने आप में ही अनजाने में बिना कोई मालूमात। दिन नित्य बेहोशी में जीवन बीतनेवाले व्यक्ती में परिवर्तन हो जाते हो। और आप को उस बात की मालूम तक नही रहता हैं। नतीजा आप एक आतंकवादी। शैतानी। अपवित्र। अधार्मिक। विचारधारा। में अंध विश्वास रखनेवाला एक अविवेकी। अक्ल का अंधा व्यक्ति में परिवर्तन हो रहें हैं। वही आप का दिन नित्य जीवन का सोच विचार। कार्य कलाप का जीवन जीने का अंदाज़। जीवन शैली। जीवन का लक्ष्य। और जीवन का नियम हो गया हैं। लिहाजा अच्छी तरह से जान लो की आप का कल का भविष्य इसी एक बात पर निर्भर होता है कि आप आज और अभी। क्या मानते हैं। क्या सम्मान करते हैं। क्या सोचते हैं। और क्या करनेवाले हैं। जय श्री राम। 🚩
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
बाबा बंदा सिंह बहादुर बहुत ही महान थे गुरु नानक ने कहा है एक ने कहा दूसरे ने मानी नानक कहें दोनों है ज्ञानी जय हो बाबा काशी विश्वनाथ की हर हर महादेव हर हर नमो घर घर नमो भारत माता की जय
Ohno ne Amrit chaka tha guru Gobind Singh Ji na unhe last Amrit chakya tha guru ki foje the na ki hindhu dharm k ladye the guru ji na unhe jo galat kam karte the unko khatam karne k liya Punjab bheja tha
@@ankitakaur4225 kya baat kr rhe ho Bhai sabhi sikh guruo ne bharat ke har dharam ki raksha ki he hindu Jain sikh bauddh sabhi ki raksha ki he Ye khalistani itihas kahi or jaake peliye
कोटि कोटि प्रणाम है उन सनातनी वीरों को जिन्होने सनातन धर्म के लिए अपने बलिदान दिये।उन्होने जीवन से ज्यादा धर्म को प्यार किया।जो धर्म इतना महान है कि कभी भी धर्म के कारण भगवान के कारण कभी दुसरे लोगो को प्रताड़ित नही किया ।ऋषियो और विरो ,वीरांगनाएँ, त्याग,राक्षसो का नाश ये सब सनातन के आभूषण है ।इसके विपरित मजहब पाप,प्रपंच,साजिश,शोषण,स्त्रियो के लिए पाबंदियों,शोषण,पशु-पक्षियों के लिये भी दुश्मन आदी है फिर भी हिन्दुओं से तुलना करके अपना मन बहलाते है वो मूर्ख है । जय श्री राम🙏🚩 जय श्री कृष्ण 🙏🚩
विर बंन्दा बहादुर का नाम कही नाही हे. .... महाराष्ट्र मे. ... सरकार से विनंती हेय कि बंन्दा बैरागी का इतिहास लाय जाये भारत सरकार से विनंती बैरागी समाज कि विनंती आहे जय हो वीर बंन्दा बैरागी... अमर रहे
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
वैष्णव संत बाबा बंदा बैरागी ( बंदा सिंह) को शत् शत् नमन.... The hindu warrior who established the first sikh empire. बंदा बैरागी जी ने मुगल सेनापति वजीर खान को मारकर गुरु गोविंद सिंहजी की माता गुजरी और चार साहिबजादे की हत्या का बदला लिया!
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
@@rocyo pehele ap ne be kabi chori chakari ki hogi .........rajputo ko gawalior ke kile me se hamere guru hargobind sahib ji ne chudya ta ....apan asan mat karo ...tu log kabi be kise ke sage Nehi ho sakte .....
we all salute to u sir.. wah kiya true & truthful of nation faithfully.. history ki jankari di hei... sir yeh bilkul sach hei... ❤❤ salute to brave Banda Singh Bhadur..
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
Banda singh created first independent sikh sovereign state in Northwest of mughal empire.. It is said from outskirts of dehli to Lahore, banda ruled the roost..
Tumloh unhi mughalo ko manne walo ke talwe chaat rahe ho unki thooki hui biryani khaa rahe hai usme bahut se hindu bi hai ab rakesh tikat ko dekh lo wo aurangeb ki majhat par gya thaa
@@shashankshrivastava2131 mugal sa apni maa bahan ki shaadi kis na kiti. Sikh Guru na qurbani di thi sanatan dharam ke liye. Hindu raja log apna raj ke liye ladai karta tha.histriy sab ko pta ha.
@@satveendersinghkala mai tumhari baat se poora sehmat hu bahut se hindu raja unke talwe chat te thee aur dusre rajao ke sath dhoka dete thee isiliye tou wo yaha kabza kar paaye aur muje yab kisi bi hinduvadi ko dekh lena uski juban par guru gobind ya baba banda singh bahadur guru teg bahadur ka naam hoga unke liye respect hoga,,lekin mera matlab ye hai jo converted hindu matlab indian muslm unn aurangjeb babar khilzi ko baap dada maante hai jo unlpgo ne kiya unn par garva karte hai tou unse hum dosti ya unke gale kaise lag sakte hai? Ye wohi hua ki jews ke desh israel mai mai Christian,hitlar ko glorify kar rahe ho,, lekin ek bi Christian even germam kabi bi hitlar ko glorify nahi karta usse hate karte hai sabi jabki unse Germany ko bahut aage badhaya tha lekin yaha india mai Muslim openly mugal, khilzi ko apna baap dada maante hai,,jabki unka arab turki se koi lena dena nahi hai...
@@shashankshrivastava2131 me bhi kasmir ka bharaman sikh hu sanatan dharam bhi ham sab ka hai. Mera dada gi bhi hindu tha .par kyu ye log sach nahi bolta.ram mandir ki ladai bhi sikh na ladai thi. Jab sikh bhut hi kam tha.sanatan dharam ke liye kon sa raja na ladai ki thi. Kuch log jhut bolta ha ham na Aurngjab sa ladai kiti. Sirf raj ke liye. Fhir ye Aurngjab ki aulad kaha sa yi. Mugal sa ladai sikh dharam na ladai.sadvi deva thakur gi na apni video me bol ha agar Guru pita gobind Singh gi na hota tu sunt hoti sab ki aaj sab ke nam Salman Rushdie mumtaz Naz Ali hota bhut mandiryo ke liye ladai ladi thi sikh na. Me tu bolta hu sanatan dharam ki jai ho
Sikhon ne hind bachane ke liye bahut kurbaniya di hai.Shri Guru Gobind Singh ji ne apne charon bache aur apni man ko kurban kar diya.Auranjeb sava mann janeu utarkar khana khata tha.aur sikhon ne hi hinduon ko muslim banane se bachaya. inki history sunane se josh aa jata hai.proud to be a sikh and an indian.waheguru ji da khalsa waheguru ji di fateh🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद बन्दा सिंह बहादुर की स्टोरी करने के लिए, हमारा तो सारा इतिहास ही खून से और शहीदियों से भरा हुआ है, लेकिन अपने आधा इतिहास बताया है, माधो दास ने सिख धर्म क्यों अपनाया ये नहीं बताया, ये देखने के लिए चार साहिबजादे 2 फिल्म देखिए रोंगटे खड़े हो जाएंगे वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह 🙏🙏🙏।।
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
Dhan guru Nanak dev ji dhan guru gobind Singh ji baba ji tuhada he asra tuhade singha nu Waheguru naam jahaj he Jo chade so utre paar Waheguru ji ka Khalsa Waheguru ji ki fateh 🙏🏼mera ruse na kalgia vala jag bhanve sara rus je tuhada he asra baba ji 🙏🏼
Baba banda singh Bahadur aaj tak jinda h dilo me, guru pita k vachan, kuch kamino ne hame dur karne k koshish ki h, par guruo se dur nhi kar skte, sanatan Or guruo ka rishta bahut grah h, ye kabhi nhi tutega
मुझे गर्व है कि मैं भी बाबा बन्दा सिंह बहादुर जी के गांव से हूं (राजौरी) ।
उनकी याद में बना गुरुद्वारा मेरे घर के पास ही है।❤❤❤❤❤
Waheguru jii
Aapse mil k khushi huyi🙏🙏🙏
❤bhai
@@tijendarsingh8961 🙏🙏🙏 satnaam shree waheguru ji 🙏
@@akg958 🙏🙏🙏
इतना बड़ा सत्य हमको मालूमही नहीं था
Aaj tak hme akabar shkbar hi pdaya gya asli hero ko shupa ke hi rkha
kyu ki India ki History Book mai esa kuch hai hi nahi, history books main Akbar it birbal bas yehi kuch hai
@@SanjeevKumarJagdish learning Ranjit Singh books.
Banda Bahadur mughlon Ka kaal tha mughal darte the banda Singh se
Sikh history read kare apko sab pta chl jaiye ga or khalistani bolna band kardo ge ap
गुरुगोविनद सिह तो धन हे ऐसा ईशवर परभु पहली बार सुना हे जिनहोने ऐसे सिख खालसा तेयार किया जो जुकता ही नही हे
@@gurpalsohal3526 गुरू का खालसा झुकता नहीं था या बजीद खां की फौज देखकर भागते समय पजामें गिले पीले करता रूकता नहीं था !बाकि दूसरे को नीचे जबाब दिया है पढ ले !
@@PkSk-hw4sntumhari aurten bhikh mangti thi sikho se k bacha de doo ek Aisaa suna hai kahi hijdee😂
Vajid khan woh thulla ithiass pad oski naak mein naath khalse ne daala tha
Or aaj use Khalsa ko aatankwad ke naam se jante hai. Khalsa+stan. Khalistani 😢
@@GopalSingh-g5v8bTum logon ke dil se nafrat ki bhawna koi nahi nikal sakta. Baki khalistani toh ham hain. Khalistan jindabad
क्षत्रिय कुल में जन्मे बाबा बंदा सिंह बहादुर जय क्षत्रिय जय क्षात्र धर्म जय भवानी जय राजपूताना जय बाबा बंदा सिंह बहादुर जी को शत-शत नमन करते हैं।
Bas aa gye jaatvaad krne
Baba nanak dhann they jinhone hume hindu dharm ko nakarana btaya or chhua chhoot vaalo ko b hataaya
@@hskreshusingbyheartofficia6583to majvi sardar kon h ho aaj Christian ban rahe h punjab main????
Woh fuddu hai,sbhi mjbi thoda glt hai@@ankitdhanda5596
😂😂😂😂
मुझे गर्व है हमारे समाज के ऐसे योध्दा पर जय वीर बंदा बैरागी
Banda Singh Bahadur ....
Beragi keh tum unka niradar kr rahe ho
@@meghavaishnav1845 BABA BANDA SINGH BAHADUR Ji JAMMU ke REASI ke rehne wale the ,Aur REASI mei Jaha ye Rehte the AAJ waha bahut bada GURUDWARA Bana hua hai.Inki aur inke Bete Ajay Singh ji ki ASTHIYAN bhi Rakhi hui hai Waha ....
आओ झुककर नमन करे ऐसे वीरो को जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है खुशनसीब होता है वही खून जो देश के काम आता है 🌴🙏🌴🌴🇮🇳🌴
Bhut khoob 👍👍👍
@@param220 धन्यवाद
Bhai agar Punjab aye to sarhand m shaheed hoye baba jorawar singh baba fathe singh ji ki shadet ka itihas Jane Niki umar m kitne honsle the
सलाम वह करते हैं, हम नमन करते हैं, भाई ।
वीरता का यह इतिहास अब जाकर सुनने को मिलता है , thank you sir
Punjabi movie v ban chuki
देह शिवा बर मोहे इहै
शुभ करमन ते कबहुँ ना टरूँ:
न डरों अरि सो जब जाइ लरूं:
निश्चै कर अपुनी जीत करूँ:
Waheguru ji
सुशांत जी आपको शत शत नमन वास्तव में देश को वास्तविकता के साथ सच्चाई देश के सामने रखने को बहुत बहुत धन्यवाद ।
☬ Guru Gobind Singh Sahib Ji ☬
हमारे इतिहास की किताबों में ऐसे वीरो की गाथा होनी चाहिए। गर्व है हमे वैरागी जी पर।आपको भी धन्यवाद सर्।
Yes
आपने सही कहा है।
अपने सही बात कहा भाई जी
To fir rani jodha bai aur maan singh gaddaar huye
@@saeedraza7496 ग़द्दार तो वोहर व्यक्ति है जो अपने देश का नमक खाकर गद्दारी करें।
जो हर देश में है।
@ganpatibppa5071to fir maansingh aur beerbal to gaddar huye jo akbar ke senapati aur navratan me the😅😅😅 beta akbar ko aaj bhi akber the great khte hai phle history padho andhbhakt😅😅
बाबा बंदा सिंह बहादुर के चरणों में मेरा प्रणाम
कितने बहादुर थे वो सिख भाई जी होने अपना जीवन दे दिया लेकिन मुहम्मद का इस्लाम कबूल नहीं किया
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Shikh nhi thhe bhai Hindu h
@@rajarajput8674 right 🚩🕉️🚩
❤❤❤❤❤❤❤☝️☝️☝️☝️🙏🙏🙏
Are Hindu Sikh ek hi hai, Sikh ek kttr Hindu hai, Krishna, Rama बहिगुरू ek hi hai, SB ek ko hi mante hai, langar मैं प्रसाद veg hi bnta hai chahe Hindu ke lngar m bne ya Sikh ke, nfrt Mt felao, Pooja ka trika apna niji ho skta hai, we are one, Manas ki jat ekhi pehchanvo, Jo sbhi प्राणियों को एक ही njr se dekhta hai vo parmatma ka sbse प्रिय है
सिर्फ एक कानून नार्कोटेस्ट, ब्रेनमेपिंग पॉलीटेस्ट भारत जल्द से जल्द लागू हो जायेगा तो भारत के भी गददार चाहे, नेता, राजनेता, अधिकारी, कर्मचारी, चोर, डकैत, भ्रष्टाचार, घूसखेंरी, जमाखोरी सब कुछ जड से समाप्त हो जायेगा ।
आज पूरा देश देख रहा है कि कांग्रेस के साथ साथ उनके सभी गददारों की मिलीभगत है अब हाथ जोडकर सभी लंका में रह रहे विभीषणों से हो कि यदि हमारा राष्ट्रविरोधी है तो उसे त्याग देना ही अच्छा है और सम्मान जनक है । कम से कम अपने संतोनों की नजरों में तो ना गिरो कि जब सारा सनातन एक हो रहा था तब आप लोग क्यों रावण का साथ दे रहे थे । हर इंसान इस धरती पर अपने पूर्वजों और अपनी आाने वाली संतानों के लिये ही सबकुछ करते हैं । मेरा लंका रूपी कांग्रेस में रह रहे है विभषणों से विशेष अनुरोध है कि विभीषण की तरह आप लोग भी राष्ट्रहित, देशहित में निर्णय लें ।
जय हिन्द जय भारत ।
आम जनता से विशेष अनुरोध है :-
अब समय हो गया सभी भारतीयों को अपना तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित सोचता हूं देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं ।
जय हिन्द , जय भारत ।
भारत के वीर सपूत सैनिक योद्धाओं राजाओं सहिद्धो को परणाम ❤
इतिहास का चैप्टर में आज बंदा बहादुर जी की बीर गाथा सुनकर बहुत ही अच्छा लगा ऐसे ऐसे बीर योद्धाओं के बारे में बच्चो से छुपाया गया लेकिन वक्त बदल चुका है और आज भारत अपनी असली हीरो की इतिहास पढ़ रहा हे जान रहा हे , बंदा बहादुर जी जेसे बहादुर योद्धाओं को भूमिस्ठ प्रणाम 🙏🙏
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
Ol..LM. 🌰
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🙏
0:25 0:25 0:25 in i
इस् योधा को दंडवत प्रणाम 🙏🙏
धर्मो सर्बोपरि।🚩🚩🚩🚩🚩🚩
ये गाथा में बचपन मेरे दादाजी से सुनाई थी।आज भिर से सुन रहा हूं बहुत अच्छी लगी।। धन्यवाद ❤❤❤❤
Being a Sikh i always stand by my nation till my last breath Jai Hind 🇮🇳.
You don't need to give any certificate bro Chill Waheguruji ka Khalsa Waheguruji ki Fateh 🙏🙏
ਕਿਸਾਨ ਅੰਦੋਲਨ ਦੌਰਾਨ
750 ਜਾਨ ਗਵਾਉਣ ਵਾਲੇ ਕਿਸਾਨਾ ਮਜ਼ਦੂਰਾਂ ਵਿੱਚੋ 326 ਨੂੰ ਸਰਕਾਰੀ ਨੌਕਰੀਆ ਪਿਛਲੀ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਗਈ ਹੁਣ ਵਾਲੀ ਆਮ ਆਦਮੀ ਸਰਕਾਰ ਬਾਕੀਆਂ ਨੂੰ ਪੁੱਛ ਨਹੀ ਰਹੀ । 22 ਮਈ 2022 ਨੂੰ ਤੇਲਗਾਨਾ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ 3 ਲੱਖ ਮੁਆਵਜਾ ਦਿੱਤਾ ਸੀ ਜੋ ਕਿ ਅੱਜ ਤੱਕ ਸਾਨੂੰ ਨਹੀ ਮਿਲਿਆ।
Chill aap kro challenge bahut hai@@Khatrii-wx8th
Aur ye Arya Samaji, BJP, RSS ye to sikhi aur Sikh Kom koo hi mitane aur genocide me lge huye hai
@@GoldyLahoria-r3u
Maharashtra Congress ne kissanu per golia chalakar andholan ko khatam kia tha search Google
बाबा बंदा शिंह बैरागी थे हमे गर्व है, की उन्हे लाख लाख प्रणाम 2:08🙏🙏🙏🙏
Ye koi naam nhi tha sahi naam likho
गुरु तेग बहादुर ,गुरु नानक देव ,गुरु गोविंद सिंह भारत के महान सिख गुरुओ ने हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु अपना सर्वशःअर्पण कर दिया और क्रूर आततायियों से युद्ध किया ,इन महान गुरुओ को हमरा कोटि कोटि नमन ,जो बोले सो निहाल शत श्री अकाल वाहे गुरु ज़ी का खालसा वाहे गुरु ज़ी की फतह जय श्री राम
Julm k khilaf ldhe hai guru Gobind singh na ki kisi ek dharam Ko bchane k liye
देश ओर जुर्म के लिए लड़े थे गुरु जी ना कि अपने धर्म के लिए सब धर्म के लिए लड़े थे जुर्म और अत्याचार के खिलाफ लड़े थे और मुगल सल्तनत की जड़ खत्म कर दी ❤❤ वाहेगुरु ji ka Khalsa waheguru ji ki Fateh 🙏
guru nanak ne hindu muslim ki kuritiyon ya anya dharam ke pakhand ka virodh kiya...
Ye कहानी तो मुझे पहले से पता थी। लेकिन इसको tv पर सुनाने के लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद। बहुत बहुत धन्यवाद
बंदा बहादुर की विर गाथा सुनके बड़ी खुशी हुई। सरकार से, मैं अनुरोध करता हूं कि इतिहास के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
We pays Salute to BANDA BAHADUR ONE OF THE REAL HEROES OF BHARAT....JAI HIND. BHARAT MAATAKI JAI...
हमारी संस्कृति में बहुत शक्ति है,
उसे बढ़ावा देना भी देश भक्ति है।।
❤❤
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सच्चे सरदार - हिन्दू द्वारा हिन्दू हित की रक्षा की जिम्मेदारी की पगड़ी । और सम्मान में सरदार कहलाए ।🙏🚩🚩🚩
Trea dimaag kharab ho giya,jubaan nu laggam de,hum sikh h,guru Gobind Singh g de singh,sannu koi hor kom ka bol ke gali na de,
Kyu hinduo mei koi yodha paida nai hota jo sikh kaum aapki raksha karegi
Govind rai gi banda bahadur laxman dev singh minhas ne hi bachya tha badla liya tha ...bhul gy ho kya rajputo ko
Kisi ko nai bhoole lekin koi Hamme bole ki tum hamara dharam follow karte ho toh unko jawab dena jaruri hai. Guru Nanak dev ji n sikh kaum ko Hinduo se alag kiya tha Hinduo k karam kaand dekh kar aur pagdi k liye hamara hazaaro sikho n jaan kurban kiya. Dusri baat raajput v na hotte agar Guru Tegbahadur ji kurbani na dete. Ham respect karte hai Baba Banda Singh bahadur ki aur usne v Amrit shak kar Singh ban kar hi badla liya tha. Guru Tehgbahadur na hotte ajj tum logon k maa baap muslamaan hotte
@@ParamjeetKaur-tn5px Dimag thoda khrab hoya sare guru hindu dhram ch hi paida hoye koi guru sikh family ch nhi paida hoya na hi sikh dhram si odon
सच्चा क्षत्रिय योद्धा , जय हिंद
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
Sikh Yodha
@@RSB143 descendents of kshatriya
@@Pushkar_rajpoot simple hai vo power to sikh bnane ke baad hi aayi , phale to dusre sadhu aur kshtriyo ki trah chupa hua aur dara hua hi rahta tha ,..., tum log GURU GOBIND SINGH JI MAHARAJ Ke GURU hone se itna jealousy kyo rakhte ho, ...,
GURU hai to GURU to kuch bhi krwa sakte hai, Koi bhi power de sakte hai....,
Tum log kyo Banda bahadur singh ko
Singh htaa kr beragi sabit krne me lge rhte ho ,...,
Jo beragi tha usne to koi bhi yogdaan nhi kiya ...,
jisne julm kaa mukbala kiya vo to Singh tha veragi nhi ,
Sab jante ho tum log par ehsanframoshi ki gandgi andar se jaati hi nhi , ego, jealous ye sab tumhari maa bn ke jo andar bethe hai
@@RSB143 Abe maine guru Gobind Singh ke bare me kaha kuch bola or usme power pahle se tha bus jagane wala guru Gobind Singh Ji the or banda singh bahadur pahle se singh tha bairagi Hiran ka sikar karne ke bad bana tha
इतिहास के महान हिन्दू योद्धा भाई माधो दास उर्फ बंदा सिंह बहादुर को शत शत नमन,,,
Bhai woh hindu phele theyy sab bacche theyy lekin fir woh Sikh theyy aap aise mix mat kara karo dharmo ko agar woh guru govind singh ji se nhi milte toh ek aam sant hi reh jate na aur woh mahaan bane kyuki logo ki raksha ki aur guru govind singh ji ke bande bane aur achayi ke liye ladhayi ki aur jab ki he was not a hindu warrior he was a sikh. Hope you understand, hindu warriors are shivaji maharana pratap, etc
@@gurupratapsinghsidhu6557हारकर कौण गया था गुरू गोबिंद या श्रीठाकुर बेरागी! 36 साल के श्रीठाकुर बेरागी डोगरी राजपूत जी की गुरू थीं 🚩माताकाली जी 🚩जिनकी शरण में आये थे गुरू गोबिंद जी !अगर गुरू गोबिंद को अपनी बनाई खालसा सेना पर भरोसा होता तो,नांदेड जाते क्यों? गुरू गोबिंद खुद पंजाब आना तो दूर अपने परिवार का बदला लेने नहीं आयें !
@@PkSk-hw4sn oye gande ande ki pedaish..soch samaj k bakwas kar..do kodi ke janwar jin guru gobind singh ji k bare me bol rha hai pehle history check kar agar padna likhna ata hai to....itni aukat nahi tum logo ki jitna social media pe bhonk jate ho ..itna bahadur hai to apna number send kr...pta chal jaega tujhe
@@PkSk-hw4snBhai history acche se padho kam knowledge aadmi ko Gyani nahi murkh banati hai Us samay ke sab hindu or muslim peer fakir Guruji ko Guru , peer ja parmatma maante the bhai aap history ko thoda acche se thoda deep study karo or agar aap such mein dharmik hai parmatm ke maarg (satya ki khoj) ke toh sahi or sach ( true,sahi ) Baat Ko accept karo
Mujhe toh ye fake id lag rahi hai aap hindu nahi ho Bus nafrat faila rahe ho
धर्म की रक्षा के लिए साधना छोड़कर शस्त्र उठाना एक सच्चे संन्यासी का कर्तव्य है क्योंकि उनका पूरा जीवन ही समाज और मानवता के लिए समर्पित होता है नमन है बाबा वीर बंदा सिंह बहादुर जी को ⚔️🙏🏼🚩🙏🏼⚔️
सावधान.... 🤔🤔
पहले था नेह,रूद्दीन 😫
अब है.. केजरूद्दीन 😡
@@jayntibhailukhi2449 0
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
@@msteddyy99 bhai sahib ya toh aapki jankari galat hai ya ap jan bujh kar yeh fake jankari faila kar apni aatma ko shanti de rahe hai। Bhagwan apki aatma ko shanti de।
HINDUO KI BAHADUR KOM HAMARE SIKHKHH BHAI.
NIDE - AAJ BHI SIKHH BHAI PANCH PYARE KO MANTE HAI JO GURU GOND SING KI PAREEKSHA ME SAFAL HUYE.
OR HINDUO KI SHANTI AHINSA PRIAY KOM HAMARE JAIN BHAI HAI
BHARAT MATA KI JAI.
Salute Banda Bahadur Singh 🇮🇳 JAI HIND. Really Sir, Keep updating more such unknown itihaas
Im American 🇺🇸 but I love ❣️ indian 🇮🇳 culture jai shri Ram 🕉 🚩🚩Waheguru
Jai maa vabani
🙏
you not american ok your surname is hindu
Can I come to america Elizabeth ji
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
बहुत बहुत बधाई हो आपको भारत माता की उन वीरों बारे में हीनमाना हो गये होए ईन भारतीयों याद दिलवाना के लिए
Banda Singh Bahadur Amrit ki daat liya aur Khalsa bn gye. Guru Gobind Singh Ji ki shiksha pr chal kr jeevan bateet kiya aur Shaheed ho gye. Parnam Shaheedan nu.
अगर सौभाग्य से आप के माता पिता के पूर्वजों के पूर्वजों ने पूरे होश में मानवतावादी विचारधारा का सत्य सनातन हिंदू राष्ट्र भारत माता का सत्य सनातन हिंदू धर्म का विद्या बुद्धि देनेवाली भगवान श्री कृष्ण जी का सत्य सनातन पवित्र धर्म ग्रंथ भगवदगीता को वीवेक और सम्पूर्ण तन मन धन से मान्यता। सम्मान। और आचरण। करने का वादा कर के निभाते पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे हैं। तो वो आपके दिन नित्य का मानवतावादी पवित्र सोच आचार विचार और जीवन शैली बन गई है। नतीजा वही पवित्र धार्मिक मानवतावादी सोच। विचार। आचार्ण। पालन करनेवाला अच्छा विवेकी इंसान के रूप परिवर्तन हो जाते हैं। वैसे ही आपके दिन नित्य का आचार विचार। आचरण। कार्य कलाप और जीवन का लक्ष्य। जीवन का नियम और जीवन शैली भी हो जाता हैं।
लिहाजा। दुर्भाग्य से। यदि आप के माता पिता के पूर्वजों के पूर्वजों ने जाने या अंजाने में कोई अन्य देश और भाषा का अनजान। अनसुनी। अनदेखी। बिना सोचे समझे। कोइ आसमानी। क्रूर। खुंकार। अनाचारी। अत्याचारी। आतंकवादी। विद्या देनेवाली शैतानी। अधार्मिक। अपवित्र। ग्रंथों का मान्यता। सम्मान। और आचरण करने का वादा किए हैं। तो आपके दिन नित्य जीवन का आचार। विचार और आप का सोचने समाज ने का अंदाज भी बिना आप के जाने समझे। बिना होश। अंजाने में आप निश्चित रूप से ही एक आतंकवादी। अत्याचारी। अनाचारी। बलात्कारी। अमानवीय। अपवित्र और शैतानी सोच विचार आचरण करने वाला हैवानी। अमानुष। व्यक्ति में अपने आप में ही अनजाने में बिना कोई मालूमात। दिन नित्य बेहोशी में जीवन बीतनेवाले व्यक्ती में परिवर्तन हो जाते हो। और आप को उस बात की मालूम तक नही रहता हैं। नतीजा आप एक आतंकवादी। शैतानी। अपवित्र। अधार्मिक। विचारधारा। में अंध विश्वास रखनेवाला एक अविवेकी। अक्ल का अंधा व्यक्ति में परिवर्तन हो रहें हैं। वही आप का दिन नित्य जीवन का सोच विचार। कार्य कलाप का जीवन जीने का अंदाज़। जीवन शैली। जीवन का लक्ष्य। और जीवन का नियम हो गया हैं।
लिहाजा अच्छी तरह से जान लो की आप का कल का भविष्य इसी एक बात पर निर्भर होता है कि आप आज और अभी। क्या मानते हैं। क्या सम्मान करते हैं। क्या सोचते हैं। और क्या करनेवाले हैं। जय श्री राम। 🚩
शत शत नमन 🙏🙏🙏🚩
ऐसे बलिदानी धर्म योद्धाओं को . जिन्होंने गुरु जी के आदेश पर साहेब जादों के हत्यारों को खत्म कर अपना सर्वश्व बलिदान कर दिया .
😊😊🙏🙏🙏
जय राजपुताना जय सनातन धर्म शानदार इतिहास।
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
He was Sikh
@@ajitpalsingh3389 कोई बात नही सिख ओर हिंदू एक है
@@pritamdomle5559 bilcul
@@ajitpalsingh3389 Banda sing bahadur hindu the unhone sikh ka sath diya tha Mughal se ladne ke liye isse wo sikh nahi ho jaye
कोटी कोटी नमन अमर शहीद बंदा बहादुर सिंह जी को
Every Indian should know the real history of the India.
Itihaas yad dilane ke liye aapka bahut bada aabhar
देश और धर्म के हित के लिए जीवन और अपने सुख की न्यौछावर करने वाले सभी गुरुओं को कोटि कोटि प्रणाम। आज देश सेवा के नाम पर स्वयं की पेट और जेब सेवा हो गई।
बाबा बंदा सिंह बहादुर ने मुगलों के छक्के छुड़ा दिए, और नस्तो नाबूत कर दिया। कोटि कोटि नमन करते हैं हिन्दुवा सूर्य को 🙏🙏🙏🙏🙏
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
@@msteddyy99 ofcourse bro you are right 👍
bhai hinduva surya kya hota h??
Hinduyo ko sodkr sikh bna thaa
Baba Banda Singh bahadur tha not hindu
जय हिंद वंदे मातरम् जागो हिंदू जागते रहो सनातनी हिन्दू
वाहे गुरु जी दि खालसा वाहेगुरु जी दि फतेह 🎉🎉🎉
धन्य धन्य है इन वीरा के माॅ जो कोहिनूर हीरे को जन्म दिया है उन माता-पिता के चरणो में शत-शत प्रणाम
जय हिंद बाबा बंदा सिंह बहादुर जी को कोटि कोटि प्रणाम
बहुत सराहनीय प्रयास किया है कि जिन्हें इन वीर योद्धाओं के कृतित्व और व्यक्तित्व के विषय में , देश की युवा पीढ़ी को बताना होगा। धन्यवाद।
देवता स्वरूप इस महान् आत्मा को बार बार प्रणाम। वे अभी भी हमारे दिलों में जिंदा हैं और सदा रहेंगे।
जो यह कहते हैं मुस्लिम धर्म प्यार से और मुस्लिम धर्म की अच्छाइयों से फैला है उनको ये इतिहास जानना चाहिए ।
बाबा बंदा सिंह बहादुर बहुत ही महान थे गुरु नानक ने कहा है एक ने कहा दूसरे ने मानी नानक कहें दोनों है ज्ञानी जय हो बाबा काशी विश्वनाथ की हर हर महादेव हर हर नमो घर घर नमो भारत माता की जय
जय सत्य सनातन संस्कृति,नमन है ऐसे सुर वीरों को।
हिंदू धर्म के महान योध्दायो को मेरा नमन.....
Ohno ne Amrit chaka tha guru Gobind Singh Ji na unhe last Amrit chakya tha guru ki foje the na ki hindhu dharm k ladye the guru ji na unhe jo galat kam karte the unko khatam karne k liya Punjab bheja tha
@@ankitakaur4225 kya baat kr rhe ho Bhai sabhi sikh guruo ne bharat ke har dharam ki raksha ki he hindu Jain sikh bauddh sabhi ki raksha ki he
Ye khalistani itihas kahi or jaake peliye
@@kattarhindu144 kha hu phelu samjh aya 1984 main jo hindu na ki sikh mare the ab nahi mar sakte ab tum log hath laga dekhna fir pta lagega
@@kattarhindu144 tu kattar hindu main ve kattar sikh hu
Mut pina
सनातन और सिख धर्म एक है। 🚩🚩🚩
कोटि कोटि प्रणाम है उन सनातनी वीरों को जिन्होने सनातन धर्म के लिए अपने बलिदान दिये।उन्होने जीवन से ज्यादा धर्म को प्यार किया।जो धर्म इतना महान है कि कभी भी धर्म के कारण भगवान के कारण कभी दुसरे लोगो को प्रताड़ित नही किया ।ऋषियो और विरो ,वीरांगनाएँ, त्याग,राक्षसो का नाश ये सब सनातन के आभूषण है ।इसके विपरित मजहब पाप,प्रपंच,साजिश,शोषण,स्त्रियो के लिए पाबंदियों,शोषण,पशु-पक्षियों के लिये भी दुश्मन आदी है फिर भी हिन्दुओं से तुलना करके अपना मन बहलाते है वो मूर्ख है ।
जय श्री राम🙏🚩 जय श्री कृष्ण 🙏🚩
मुगलों का पूरा इतिहास खून, दरिंदगी से भरा हुआ है और उनकी सच्चाई देश के हिंदुओं के सामने लाना चाहिए ताकि वह इनकी असलियत समझ सकें।
अमर रहे.... बंदा वीर बैरागी 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Ye naam hi nhi hai....sikh tha phale rajput tha , beragi to kese bhi nhi banta
विर बंन्दा बहादुर का नाम कही नाही हे. .... महाराष्ट्र मे. ... सरकार से विनंती हेय कि बंन्दा बैरागी का इतिहास लाय जाये भारत सरकार से विनंती बैरागी समाज कि विनंती आहे
जय हो वीर बंन्दा बैरागी... अमर रहे
जय गोभक्त वाहेगुरु जी
जय गोभक्त बाबा बंदा सिंह बहादुर जी
Jai सिख धर्म जय बंदा बहादुर जी
Salute to बंदा बहादुर, great warrior...
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
You are really great Sushant ji👍👍
बंदा बहादुर जी को सत सत नमन।🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
शानदार प्रस्तुति के लिए सुशांत जी और नवभारत टाइम्स को नमन 🙏🙏
गर्वित प्रणाम वीर शिरोमणि बंदा सिंह बहादुर महाराज को 🙏🙏🌹🚩🚩🚩⚔️⚔️
banda singh bahadur ji maharaj nhi theyy bhai, hope you understand. For him the maharaj was always Guru govind singh ji
Such historical facts should be taught in schools.
But RSS is destroying our real history
Baba SHREE BANDA SINGH BAHADUR VEER ❤
सिखों ने धर्म और देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान किया है 🙏🙏🙏
Jai Rajputana.......jai shatriya Dharma
GURU GOBIND SINGH JI MAHARAJ 🙏
😂😂😂
@@msteddyy99 💩💩💩💩
@@msteddyy99KYu has raha h bc
@@msteddyy99saleya teri nikal gai ,hasan deya 😂😂😂😂
@@msteddyy99 🤡🤡
वैष्णव संत बाबा बंदा बैरागी ( बंदा सिंह) को शत् शत् नमन.... The hindu warrior who established the first sikh empire. बंदा बैरागी जी ने मुगल सेनापति वजीर खान को मारकर गुरु गोविंद सिंहजी की माता गुजरी और चार साहिबजादे की हत्या का बदला लिया!
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
Very nice
He was a sikh not hindu shut your propoganda.
@@gamingsquarestudios7968 tumri hinduo ko baap bnane ki aadat nhi gyi ?😆😆
@@gamingsquarestudios7968 chupp Halala ki najayaj aulad
बाबा बांदा सिंग बहादुर की जय हो
सत्य ही सनातन है सनातन ही सत्य ही
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
हर हर महादेव बहुत बहुत सही बात है ❤❤
Banda Singh Bahadur was a brave Hindu and sikh❤
धन्यवाद इस चैनल को। 🙏🙏
Bring more & more story like this to now our brave person who's fight with mugal
Remember Haldighati it was not against Mughal and rajputs, it was against rajput and rajputs.
😂
हिंदू सिख जैन बौद्ध चारो ही सनातन धर्म का अंग है, वाहे गुरू जी खालसा, वाहे गुरू जी फतेह।🙏🙏🚩🚩
Bakwas na kar
@@jagtarsingh2713 THUJME ARABI VIRUS HAI THUME SACCHIE JANKAR BHI DIMAG KO ARABI VIRUS KHARAB KAR DIYA HAI
@@rocyo pehele ap ne be kabi chori chakari ki hogi .........rajputo ko gawalior ke kile me se hamere guru hargobind sahib ji ne chudya ta ....apan asan mat karo ...tu log kabi be kise ke sage Nehi ho sakte .....
@@rocyo majboor kis ne kiya ..pehale ye pata karo....
Tum gand ma rehna chahte ho to rho auto ko apna hisa kyo keh rhe ho snatan rakshak
😢😢🙌🙏सो सो तोपो की सलामी हे ऐशे सिख घरम के विरो को 🙌😊
we all salute to u sir.. wah kiya true & truthful of nation faithfully.. history ki jankari di hei... sir yeh bilkul sach hei... ❤❤ salute to brave Banda Singh Bhadur..
Bharat Mata k is mahan sapoot ko mera sat-sat naman....
Include all our iconic figures in our history books .that will only inspire our next generation .
💖💖🙏🙏💖💖सनातनी वीर को कोटि - कोटि नमन है वंदन है 💖💖🙏🙏💖💖🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩💖💖💕💕🙏🙏💖💖💕💕
बाबा बंदा सिंह बहादुर जी को मेरा बार बार नमन
🙏Dhan Dhan Shri Guru Gobind Singh Ji Maharaj 🙏
🙏Dhan Dhan Shri Baba Banda Singh Bahadur ji🙏
baba banda singh bahadur ji ko koti koti pranam🚩🚩🚩🚩🚩🚩
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
Banda singh created first independent sikh sovereign state in Northwest of mughal empire.. It is said from outskirts of dehli to Lahore, banda ruled the roost..
Dhan Dhan Shri Guru pita Gobind Singh gi
Tumloh unhi mughalo ko manne walo ke talwe chaat rahe ho unki thooki hui biryani khaa rahe hai usme bahut se hindu bi hai ab rakesh tikat ko dekh lo wo aurangeb ki majhat par gya thaa
😂😂😂
@@shashankshrivastava2131 mugal sa apni maa bahan ki shaadi kis na kiti. Sikh Guru na qurbani di thi sanatan dharam ke liye. Hindu raja log apna raj ke liye ladai karta tha.histriy sab ko pta ha.
@@satveendersinghkala mai tumhari baat se poora sehmat hu bahut se hindu raja unke talwe chat te thee aur dusre rajao ke sath dhoka dete thee isiliye tou wo yaha kabza kar paaye aur muje yab kisi bi hinduvadi ko dekh lena uski juban par guru gobind ya baba banda singh bahadur guru teg bahadur ka naam hoga unke liye respect hoga,,lekin mera matlab ye hai jo converted hindu matlab indian muslm unn aurangjeb babar khilzi ko baap dada maante hai jo unlpgo ne kiya unn par garva karte hai tou unse hum dosti ya unke gale kaise lag sakte hai? Ye wohi hua ki jews ke desh israel mai mai Christian,hitlar ko glorify kar rahe ho,, lekin ek bi Christian even germam kabi bi hitlar ko glorify nahi karta usse hate karte hai sabi jabki unse Germany ko bahut aage badhaya tha lekin yaha india mai Muslim openly mugal, khilzi ko apna baap dada maante hai,,jabki unka arab turki se koi lena dena nahi hai...
@@shashankshrivastava2131 me bhi kasmir ka bharaman sikh hu sanatan dharam bhi ham sab ka hai. Mera dada gi bhi hindu tha .par kyu ye log sach nahi bolta.ram mandir ki ladai bhi sikh na ladai thi. Jab sikh bhut hi kam tha.sanatan dharam ke liye kon sa raja na ladai ki thi. Kuch log jhut bolta ha ham na Aurngjab sa ladai kiti. Sirf raj ke liye. Fhir ye Aurngjab ki aulad kaha sa yi. Mugal sa ladai sikh dharam na ladai.sadvi deva thakur gi na apni video me bol ha agar Guru pita gobind Singh gi na hota tu sunt hoti sab ki aaj sab ke nam Salman Rushdie mumtaz Naz Ali hota bhut mandiryo ke liye ladai ladi thi sikh na. Me tu bolta hu sanatan dharam ki jai ho
आदरणीय महोदय जी, आपके वचन बिल्कुल कड़वे सच है जी, सो वैरी वैरी प्राउड्स जी साहाब, बोलो सनातन हिन्दू धर्म संस्कृति की सदा सदा ही जय विजय.❤❤❤🎉🎉🎉🎉
जय हो बाबा बंदा सिंह बहादुर जी की🙇🏻♂️🙏🏻
Veer Rajput banda singh bahadur ji ki jai....
सारे सिख भाई के गुरु हमारे सत्य सनातन धर्म हिंदू ही थे
Sikh is a different religion but originated from Hindu u can say
Waheguru ji 🙏🌹🙏
hindu ne sikho ka badla liya aur guruo ki izzat bachai by killing wazir khan....
🙏🙏
😂😂😂
@@msteddyy99 tu suar
waheguru
Sikhon ne hind bachane ke liye bahut kurbaniya di hai.Shri Guru Gobind Singh ji ne apne charon bache aur apni man ko kurban kar diya.Auranjeb sava mann janeu utarkar khana khata tha.aur sikhon ne hi hinduon ko muslim banane se bachaya. inki history sunane se josh aa jata hai.proud to be a sikh and an indian.waheguru ji da khalsa waheguru ji di fateh🙏🙏🙏🙏🙏
Par in hinduo ko koi matlb nhi hum sikho k guruo se na unki qurbani se inko to bas sab Sikh khalistani najar atey he.
बहुत बहुत धन्यवाद बन्दा सिंह बहादुर की स्टोरी करने के लिए, हमारा तो सारा इतिहास ही खून से और शहीदियों से भरा हुआ है, लेकिन अपने आधा इतिहास बताया है, माधो दास ने सिख धर्म क्यों अपनाया ये नहीं बताया, ये देखने के लिए चार साहिबजादे 2 फिल्म देखिए रोंगटे खड़े हो जाएंगे वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह 🙏🙏🙏।।
तलवार की नोक पे जिनहोने सलवार खोल दिए
वो आज खुद पर गर्व कर रहे हैं😂😂
युध् का नाम् सुनते ही हग् देते थे 😀
राइट
🙏🙏🙏🚩🚩🚩
😂😂😂😂
Apki jati kon se hai
Talwar ke nok par to jadatar hindu community ne salvar kholi
Very well articulated Sir! Excellent endeavour to glorify the unsung hero...Baba Banda Singh Bahadur!
बाबा बंदा सिंह बहादुर राजपूत कौम के सच्चे सपूत है।
कट्टर हिन्दू वीर छत्रपति संभाजी महाराज की जय ❤️🔱🚩
Jai Hind Banda Singh Bahadur ( Shree Waheguru ji )
सारे हिन्दू अज्ञानतावश हिन्दू पहाड़ी राजपूत योद्धा जिसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदेव भारद्वाज जो सन्यास लेकर माधवदास वैरागी बना था और जो कभी जीवन में सिख नहीं बना था उसे सिखों की देखा देखी नकली नाम "बन्दा सिंह बहादुर" कहकर बुलाते हैं । इन सिखों की शुरू से ये आदत रही है कि ये लोग पँजाब के हर ऐतिहासिक हिन्दू योद्धा के नाम को या तो छुपाते हैं और या फिर उसका एक फ़र्जी सिख नाम गढ़कर प्रचार करते हैं । उदाहरण के लिए पण्डित प्रगा दास, पण्डित कृपा दास जैसे अनेकों वीर योद्धा हुए हैं जिन्होंने सिखों के लिए बढ़ चढ़कर युद्ध लड़े परन्तु सिख तो इनका नाम क्यों ही लेंगे जबकि आम हिन्दू भी इन नामों को नहीं जानता है । कौन हिन्दू ये बात जानता है कि हरि सिंह नलवा जिसकी वीरता के किस्से ये लोग सुनाते हैं उनके साथ एक वैश्य हिन्दू दिवान मोहकम चंद भी था जो वीरता में नलवा से किसी दृष्टि में कम नहीं था परन्तु उस महानायक का नाम ये सिख लोग कभी नहीं लेते । इन सिखों की शुरू से ये सोच रही है कि हिन्दू रीढ़विहीन प्राणी है और ये कभी योद्धा या सिखों से बढ़कर हो ही नहीं सकते । जब इनको कोई सिख योद्धा दिखाने को नहीं मिलता तो ये ऐतिहासिक हिन्दू वीरों को ही सिख बनाकर पेश करते फिरते हैं । यही काम इन्होंने वीर माधवदास के साथ किया । जिनकी कीर्ति सुनकर सिखों का दसवाँ गुरु गोबिंद जो कि पँजाब के चमकौर की जंग से कपड़े बदलकर 'उच्च दा पीर' बनकर भागा था, इनकी (वैरागी) की शरण में आया और सहायता मांगने लगा । जिसको ये सिख लोग बड़े ही झूठे ढंग से पेश करते हैं और मूर्ख हिन्दू उसी झूठी कहानी को दोहराते हुए तनिक भी लज्जित नहीं होते । मक्कार सिख इतिहासकार बताते हैं कि गुरु ने वैरागी पर कृपा की और उसे कर्तव्य बोध करवाया । जबकि प्रश्न ये है कि इनके गुरु को ये कर्तव्य बोध स्वयं क्यों नहीं हुआ ? क्यों पँजाब छोड़कर महाराष्ट्र भाग आये ? इनका गुरु जब स्वयं ही वैरागी से सहायता मांगने गया तो फिर वैरागी अपने से उस सहायता मांगने वाले का चेला क्यों बनेगा ?? और क्यों सिख बनेगा । बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि गोबिंद की दोनों औरतों साहिब कौर और सुंदरी को वैरागी से इसी बात की चिढ़ थी कि जो काम सिखों के 10 गुरु मिलकर 500 साल में नहीं कर सके तो वही काम एक हिन्दू वैरागी ने 5 साल में कैसे कर दिखाया ? और इस हिन्दू योद्धा का नाम गोबिंद से भी अधिक क्यों लिया जाने लगा ? इसके कारण इन दोनों औरतों ने दिल्ली के चालाक बादशाह फरुखसियर की बातों में आकर वैरागी पर सिख बनने का दबाव बनाया लेकिन वैरागी ने पत्र लिखकर स्पष्ट मना कर दिया । और इसी बात को अपमान समझकर इन औरतों ने फरुखसियर से अंधी कर ली और अपने गिरोह तत खालसा जो कि वैरागी के साथ मुल्लों से युद्ध लड़ता था उस गिरोह को अलग करवा लिया । और इन्ही इसी गद्दारी के कारण वैरागी पकड़ा गया और उसका बलिदान हो गया । लेकिन इन सब बातों को भूलकर आज यही झूठे और मक्कार सिख इतिहासकार उसे बन्दा सिंह बहादुर बनाकर पेश कर रहे हैं । और मूर्ख हिन्दू हाँ में हाँ मिला रहे हैं ।
Kya baat hai aaj pahli baar midia pe hindu yodhaa ki baat suni hai bahut accha laga 🚩
Banda Bahadur ji ko sat sat naman 🙏🙏🙏
Thank you bro for high lighting the bravery of a very rare Sikh warrior Banda Singh Bahadur.
Dhan guru Nanak dev ji dhan guru gobind Singh ji baba ji tuhada he asra tuhade singha nu Waheguru naam jahaj he Jo chade so utre paar Waheguru ji ka Khalsa Waheguru ji ki fateh 🙏🏼mera ruse na kalgia vala jag bhanve sara rus je tuhada he asra baba ji 🙏🏼
Baba banda singh Bahadur aaj tak jinda h dilo me, guru pita k vachan, kuch kamino ne hame dur karne k koshish ki h, par guruo se dur nhi kar skte, sanatan Or guruo ka rishta bahut grah h, ye kabhi nhi tutega