लगता है कि ये महाशय जी 3 इडिएट्स फिल्म से प्रेरित होकर ये हास्य कविता लिख कर सुनाई है कि ये तो सिर्फ वाह भाई वाह में ही हो सकता है इसलिए तो ये हम सबका सबसे पसंदीदा कार्यक्रम में से एक है। और इस पर शैलेश जी एंकर और भी चार चांद लगा देते हैं। इसलिए तो हम सभी प्रेम से बोलते हैं वाह भाई वाह ❤🎉😊😅😅😊🎉❤❤❤
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लोहे की तलवार से पहले लोग बहुत डरते थे आज तो कलम ही काफी है किसी को नहीं मालूम कि हम आए कहा से जाना कहा है