यदि ऐसे शुभ होने लगा तो कर्मविधान का क्या होगा, मूल सिद्धांत की बात तो करते नही, शास्त्र स्वाध्याय की प्रेरणा नही देंगे, क्योंकि साधुओं सही स्वरूप श्रावक समझ लेगें और कर्मकांड की पोल खुल जायेगी। इसीलिए शास्त्रों को ही मंदिरों से निकलवा दिया, जलवा दिये, धन्य हो पंचमकाल । विकथा का बोलबाला।
नमोस्तु गुरूजी 🙏🙏🙏
Nmostu gurudev😊
Namostu gurudev🙏🙏🙏🙏
Namostu gurudev
जय जय गुरुदेव
यदि ऐसे शुभ होने लगा तो कर्मविधान का क्या होगा, मूल सिद्धांत की बात तो करते नही, शास्त्र स्वाध्याय की प्रेरणा नही देंगे, क्योंकि साधुओं सही स्वरूप श्रावक समझ लेगें और कर्मकांड की पोल खुल जायेगी। इसीलिए शास्त्रों को ही मंदिरों से निकलवा दिया, जलवा दिये, धन्य हो पंचमकाल । विकथा का बोलबाला।
मंदिर मै शासत्र भी हैं स्वाध्याय करने बारे करते भी हैं
पंचम काल मै मुनि भी दिख रहे हैं विकथा की बाते तुम्हारे मुख से शोभा नहीं देती