मैं 138 वर्ष पुराना कॉलेज का प्रोफेसर के रैंक का रिटायर्ड प्रिंसिपल हूं आपकी राग शब्दों का चयन चेहरे पर टपकता गांव की भंगिमा मुझे आपका।मुरीद।बना दिया निलोत्पल जी आपके प्रतिभा के तुल्य मेरे पास के प्रशंसा के सारे।शब्द छोटे लग रहें हैं फिर भी आपको कोटि कोटि धन्यवाद साधुवाद
हम मिट्टी के लोग हैं बाबू मिट्टी ही उड़ाएंगे मिट्टी के बने मिट्टी मे सने फिर मिट्टी के हो जाएंगे.......बहुत खूब खूबसूरत गीत है नीलोत्पल मृणाल जी शुभकामनाएं बधाई
नौजवान भाई ने बहुत अच्छी कबिता पाठ किया। आप काफी योग्य और समझदार इंसान है। कोई बात नही आप बिना यूपीएससी क्लियर किए देश की सेवा कर सकते है। आपकी आवाज भी बहुत अच्छी है। शुभ आशीर्वाद।
भारत की आत्मा गांव में बसती है,, भाई को सुनकर एकदम मज़ा आ गया।। युवा हृदय युवा मन युवा विचार और गांव के संस्कार जब एक साथ मिलते हैं तो शानदार कविता तो हो ही जाती है।। मिट्टी की महिमा को पहचानने की जरूरत है,, पश्चिमी रंग और आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम भारत के मूल तत्व को भूल गए हैं। भारत का राष्ट्रीय प्राण धर्म है।। युवा बनो भारतीय बनो,, जय हिंद वंदेमातरम।।
Mnch pr mkhn etna n lgaw ki dibba khali ho jay agli bar lgane ko kdwa tel bhi na rh jay khali bk...cho....se kam nhi chalega kuch pr pida pr bolo kuch be gunah psuo ki httya pr bolo manwta ki chr cha pr muh to kholo mnusy kise khte h yh bhi bolo
आपका जीतनी भी तारीफ़ की जाय उतना ही कम पड़ता हैं मानों जैसा, कि दारिया भरी दरियाव दिल में सागर में गागर का पानी भी कम पड़ जा रहा हैं... बहुत ही मार्मिक भाव रहा निलोत्पल भईया जहां मानव की सच्ची भावना हो वहीं मानव की मानवता ही सबसे बड़ी पूंजी यानी धर्म जीवित हैं!!❤🏝️🏞️🌾🌳🌿🍂🙏
Kya baat hai bhaia meri to duniya hi jeet liye aap apni kavita se. Mai to bina kisi sahare ke hi apke kavitao ke raaste me pad gya. Kya gajab hai apki kavita
बहुत सुन्दर नीलोत्पल। ईश्वर तुम्हें यश दें। धन्यवाद् सुरेन्द्रजी को जिन्होंने इस स्वार्थी युग में अच्छे कवियों को आगे बढ़ाने का पुण्यकर्म जारी रखा है और साधुवाद बापू को जो ऐसे अनूठे आयोजनों से संस्कृति, साहित्य और सर्वधर्म आराधना का हेतु बने हुए हैं। अद्भुत! बस दिनेश अगर थोड़े से संजीदा रहते तो कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ती।
आपकी आवाज में तो दीवाना ही बना दिया यह उदास मौसम कभी उदास मत होना क्या पंक्ति सचमुच आपने कहा है यह पीढ़ी आखरी है जो कुछ बचा के रखना है वह बचा लो आने वाली पीढ़ी नहीं याद रख पाएगी
जी बिल्कुल आंनद ही आ जाता है,जब जब भी आपको सुनते हैं,एक अलग ही आनंद कि अनुभूति होती है ।। बापू जी को सादर प्रणाम ।। अपनी मिट्टी का अदभुद कवि ❤ Love you dost 🎉 jio हजारों साल और साल के दिन हों पचास हजार ❤ आपकी तो बात ही निराली है ।।
After a long time to day it seemed_as if, गांव,प्रकृति,पर्यावरण से जुड़ा गांव के मिट्टी की सौंधी खुशबू लिए हुए गणमान्य मूर्धन्य कवि गोष्ठी के बीच एक सरल हृदय वाले महान महान कवि ने अपनी मजबूत उपस्थिति के साथ आगाज़ कर दिया है ... आगाज़ भी ऐसा कि इनकी दूरदृष्टी की पहुंच और ऊंचाई का अंदाजे बयां के बाहर है... मृणाल जी के उज्ज्वल भविष्य की अनंत शुभकामनाएं....
भाई दिल खुशी से झुम वुठा आपकी वाणी सुनकर । आपके जैसे लोगों की वीचारो की इस भारतीय लोगों को आईएस की जरूरत है।मेरी दुआ है आप जल्दी सफल होंगे। एक कीसान हुमै।कभी जवान थाम मैं तैनात तंगधार की सीमाओं पर। जयहिंद वंदेमातरम।
अति सुंदर जी। आज आपको पहली बार सुन कर मै आपका भी मुरीद हो गया। कुमार विश्वास जी के बाद आप मेरी जिंदगी के दूसरे कवि हो जिनकी हर नई कविता का मैं इंतज़ार करा करूँगा। साथ ही आपने जो अपनी पुस्तक डार्क हॉर्स में जो लिखा था वो अद्भुत हैं।
अंतर्मन में शब्दों का भंडार उमड़ रहा है परंतु आपकी प्रशंसा के लिए शब्दों के मायने काम पड़ रहे है। आपने ह्रदय में अमिट छाप छोड़ी हैं। ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
यदि आप 60/70 के दशक में पैदा हुए होते तो यक़ीनन फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए सौभाग्य की बात होती ग़ज़ब की प्रतिभा है आप में। ऐसा प्रतीत होता है कि हम किसी पुरानी फ़िल्म के किसी गीतकार को सुन रहे हैं ❤❤❤❤❤
dil ki gehraii ko chu lene wali .... word kam par rhe hai aapki tariff mai ... सच में हम लोगों को भारत की पुश्तैनी परंपरा और संस्कारों तीज त्यौहारों को बचाने की जरूरत है ......
Nilotpal सर आपकी कविता तभी सुनता हूँ जब कभी लगने लगता है की हम अकेले तो नहीं है तो सुनने के बाद सब कुछ मिल जाता है सर बो बिछड़ा हुआ दोस्त बिछड़ी हुई यादें सब याद याने लगता है और आंखों में सावन की बदली उमड़ आती है सर Love you sir hum bihar ke nalanda jila se hai sir
मिट्टी की मीठी महक का कवि ।दिल को छू लेने वाली कविता ।भावनाओं के संसार में ले जाने वाली कविता ग्रामीण भारत का बेटा ।हमारे भाग्य धन्य है जो हमने आपको सुना।
प्राकृतिक के मनोरम दृश्य से ओत -प्रोत एवं ग्रामीण परिवेश में सजा हुआ कविता वापू के मंच से महान कवि शर्मा जी के उद्योषणा के उपरान्त आपके मुखारविन्दु से परोसा जाना अपने आप में एक सपन सा लगा ! - बहुत-बहुत धन्यवाद और आर्शीवाद !
इन दिनों में जब हर जगह से बस प्रेम प्रसंग की कविताएं सुन कर ऊब गया था , तब ये तार्किक और भावयुक्त कविता सुनी जो न केवल सुनने में अच्छी लगी बल्कि अपनी बात भी बताती रही❣️❣️❣️❣️ आयोजकों का सुक्रिया की आपने इतने सुन्दर कवि से परिचय कराया इस प्रस्तुति के माध्यम से🙏
विपिन विहारी नंदन आपके गीतों ने गाँव की माटी की याद दिला दी------बहुत सुन्दर नीलोत्पल जी सुनकर लगा कि हम अपने गाँव में बैठकर सुन रहे हैं, सारा दृश्य सामने आकर खड़ा हो गया, बधाई, यशस्वी हों आप,हार्दिक शुभकामनाएँ
आप को पहली बार सुना अच्छा बहोत अच्छा लगा मे ऐसे लोगो को खोजता हूँ दिल की बात दिल से करते है मे 24 साल का युवा मुरीद हो गया हूँ आप का जिस तरह की आप की कविता है कसम से गाँव याद आ गया मालिक 🌹👌
आपको सुनकर बचपन की वो भीनी भीनी खुशबू ,जो हमने देखा जाना समझा था 'भारत माता ग्रामवासीनी "फिर से विचारों मे मह्क्ने लगी है। मैं पूरी उम्र अपने आस पास वैसा ही वातावरण बनाने की भरपुर कोशिश रखूँगा । धन्यवाद ।🙏
मुझे गर्व होता आप बिहार की धरती पर जन्म लिए है और बिहार की ही धरती (झारखंड) में आप शिक्षा ग्रहण किए है । भले ही आज बिहार में कोई कल- कारखाना, बड़े बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर नही है लेकिन एक चीज है वह है शिक्षा। जय हिन्द, जय बिहार
प्रिय नीलोत्पल जी आपका काव्य पाठ दिल को छूने वाला है । आप UPSC. मे सफल नही हो पाये , शायद ईश्वर ने आपको स्वतंत्र रूप से भारत भ्रमण कर देश की जनता को जागरूक करने के लिए बनाया हो ।आपके गीतों में एक-दूसरे के प्रति प्यार और सद्भावना का संदेश भी मिलता है ।
bhut bhut badhai ho isse ak bat samjha my ayi ki aaj bhai apani sanskrati ko bachane ke liye kam kar rahe or bharat ko vishv Guru banane ke liye kam kar rahe pujya bapu ji yah pahal sarahaniya have 🙏jay siya ram bapu ji🙏
मिट्टी का यह जो आपका गीत है वह भगवान कृष्ण की गीता में कही हुई वाणी है भगवान कृष्ण अर्जुन से कहते हैं इस संसार में जो कुछ है वह सब मिट्टी है वही बात आपने इस गीत में कही है चाहे कांच चाहे लोहा चाहे सोना चाहे चांदी इस पृथ्वी का कोई भी पदार्थ सब मिट्टी से बने हैं और सब मिट्टी में मिल जाएंगे आपको बहुत बहुत साधुवाद बहुत अच्छे प्रस्तुति आपका बहुत भला भला चेहरा बापू को बहुत पसंद आया
मैं 138 वर्ष पुराना कॉलेज का प्रोफेसर के रैंक का रिटायर्ड प्रिंसिपल हूं आपकी राग शब्दों का चयन चेहरे पर टपकता गांव की भंगिमा मुझे आपका।मुरीद।बना दिया निलोत्पल जी आपके प्रतिभा के तुल्य मेरे पास के प्रशंसा के सारे।शब्द छोटे लग रहें हैं फिर भी आपको कोटि कोटि धन्यवाद साधुवाद
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हम मिट्टी के लोग हैं बाबू मिट्टी ही उड़ाएंगे मिट्टी के बने मिट्टी मे सने फिर मिट्टी के हो जाएंगे.......बहुत खूब खूबसूरत गीत है नीलोत्पल मृणाल जी शुभकामनाएं बधाई
Upsc का दुर्भाग्य है कि आप जैसे हीरे को परख नहीं कर पाया ।प्रणाम आप को ।
UPSC angrejo ki najayaj aulad hai unhe hindustan k sapooton aur heeron se koi matlab nahi
Vaha se achha yaha perfomance kar lete h
दोस्त ये upsc ही है जो उन्हें यहां तक ले आया।
@@vidyapathak552 है ई
I,b,tiwari
नौजवान भाई ने बहुत अच्छी कबिता पाठ किया। आप काफी योग्य और समझदार इंसान है। कोई बात नही आप बिना यूपीएससी क्लियर किए देश की सेवा कर सकते है। आपकी आवाज भी बहुत अच्छी है। शुभ आशीर्वाद।
ऐ उदास मौसम उदास नहींहोना
सुख दुख का चलता रहता अपना जादू टोना....... बहुत खूब मृणाल जी
भारत की आत्मा गांव में बसती है,, भाई को सुनकर एकदम मज़ा आ गया।। युवा हृदय युवा मन युवा विचार और गांव के संस्कार जब एक साथ मिलते हैं तो शानदार कविता तो हो ही जाती है।। मिट्टी की महिमा को पहचानने की जरूरत है,, पश्चिमी रंग और आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम भारत के मूल तत्व को भूल गए हैं। भारत का राष्ट्रीय प्राण धर्म है।। युवा बनो भारतीय बनो,, जय हिंद वंदेमातरम।।
बहुत खूब भैयाजी।
👍👍
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Mnch pr mkhn etna n lgaw ki dibba khali ho jay agli bar lgane ko kdwa tel bhi na rh jay khali bk...cho....se kam nhi chalega kuch pr pida pr bolo kuch be gunah psuo ki httya pr bolo manwta ki chr cha pr muh to kholo mnusy kise khte h yh bhi bolo
थोड़ा सा नदी का पानी मुट्ठी भर रेत रख लो.........कि दुनिया ऐसी हुआ करती थी बहुत गहन संदेश हैं नीलोत्पल मृणाल जी सादर अभिवादन अभिनंदन है
ये ही असली हीरे हैं,इस मिट्टी के !मन मुग्ध हो गया !!
आपका जीतनी भी तारीफ़ की जाय उतना ही कम पड़ता हैं मानों जैसा, कि दारिया भरी दरियाव दिल में सागर में गागर का पानी भी कम पड़ जा रहा हैं... बहुत ही मार्मिक भाव रहा निलोत्पल भईया जहां मानव की सच्ची भावना हो वहीं मानव की मानवता ही सबसे बड़ी पूंजी यानी धर्म जीवित हैं!!❤🏝️🏞️🌾🌳🌿🍂🙏
"लीपना " "कोडना " इन शब्दो का प्रयोग !
वाह मज़ा आ गया ।
नीलोत्पल भाई
बहुत खूब, बधाई।
कोई तो मिला जिसने मिट्टी को , किसान के हृदय को छुआ है।
भावना को व्यक्त किया है, साधुवाद ।
क्या कहने है भैया.. दिल, गुर्दा सब जीत ले गए आप.. वाकयी ये Upsc है साहेब कुछ न कुछ बना ही देती है.. जय हो 💐🤘
Kya mast comment kiye ho bhai.
Kya baat hai bhaia meri to duniya hi jeet liye aap apni kavita se.
Mai to bina kisi sahare ke hi apke kavitao ke raaste me pad gya.
Kya gajab hai apki kavita
Pĺll
मैं तो मिट्टी में मिलना चाहता हुं
Ias nahi to insaan bana deta hai
मौन रहकर सुनते हुए एक संत को देखकर बङा अच्छा लगा और मैं बापू का दीवाना हो गया।
प्रणाम बापू
बापू का पूरा नाम क्या हैं?
@@rahulkrishnvanshi3836 mulla hai yah bapu,,,,,full muslim premi hai yah
जय झारखंड जय बिहार जय यूपी
जो श्रेष्ठ वक्ता है वह निश्चित ही श्रेष्ठ श्रोता होगा
भाई ने किया खूब कविता पढ़ी वाह वाह क्या बात अल्लाह अच्छा रखे पुराने दिनो कि याद आ गई
आपको aaj ham पहली बार सुने ...... दिल ko छु लिया आपने 👌👌👌🙏🙏🙏🤭
बहुत सुन्दर नीलोत्पल। ईश्वर तुम्हें यश दें।
धन्यवाद् सुरेन्द्रजी को जिन्होंने इस स्वार्थी युग में अच्छे कवियों को आगे बढ़ाने का पुण्यकर्म जारी रखा है और साधुवाद बापू को जो ऐसे अनूठे आयोजनों से संस्कृति, साहित्य और सर्वधर्म आराधना का हेतु बने हुए हैं। अद्भुत!
बस दिनेश अगर थोड़े से संजीदा रहते तो कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ती।
Wah..कैसे कैसे हीरे भरे पड़े है साहब भारत मै...आत्मा की सच्चाई से और पूरे भावभरे दिल से सुनाया....साधुवाद... निलोत्पल जी।...जय सियाराम 🙏❤️🙏
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आपकी आवाज में तो दीवाना ही बना दिया यह उदास मौसम कभी उदास मत होना क्या पंक्ति सचमुच आपने कहा है यह पीढ़ी आखरी है जो कुछ बचा के रखना है वह बचा लो आने वाली पीढ़ी नहीं याद रख पाएगी
माँ शारदा की कृपा बनी रहे भैया... गांव हमाई आत्मा है माँ परमात्मा है और सनातन के पुत्र साधू संत महात्मा है
जी बिल्कुल आंनद ही आ जाता है,जब जब भी आपको सुनते हैं,एक अलग ही आनंद कि अनुभूति होती है ।। बापू जी को सादर प्रणाम ।। अपनी मिट्टी का अदभुद कवि ❤ Love you dost 🎉 jio हजारों साल और साल के दिन हों पचास हजार ❤ आपकी तो बात ही निराली है ।।
कविता में भाषा का भारीपन कितना आवश्यक होता है वह आज आपने बता दिया है बहुत-बहुत धन्यवाद ।
मेरा प्रणाम स्वीकार करें बापू 🙏🙏
आज तक मैने ऐसी आवाज नही सुनी है मजा आ गया दिल को छू गई भाई
After a long time to day it seemed_as if,
गांव,प्रकृति,पर्यावरण से जुड़ा गांव
के मिट्टी की सौंधी खुशबू लिए हुए
गणमान्य मूर्धन्य कवि गोष्ठी के बीच
एक सरल हृदय वाले महान महान कवि ने
अपनी मजबूत उपस्थिति के साथ आगाज़ कर दिया है ...
आगाज़ भी ऐसा कि इनकी
दूरदृष्टी की पहुंच और ऊंचाई का
अंदाजे बयां के बाहर है...
मृणाल जी के उज्ज्वल भविष्य की
अनंत शुभकामनाएं....
Bahut sundar purana bharat fir kab banega mere Ram🙏 bharat par kripa kardo ek bar he prabhu🙏nevedan h
आनंद तो गांव में ही है, मज़ा आ गया
वाह वाह । बहुत मीनिंग वाली कविता!🎉. जियो!
भाई दिल खुशी से झुम वुठा आपकी वाणी सुनकर । आपके जैसे लोगों की वीचारो की इस भारतीय लोगों को आईएस की जरूरत है।मेरी दुआ है आप जल्दी सफल होंगे। एक कीसान हुमै।कभी जवान थाम मैं तैनात तंगधार की सीमाओं पर। जयहिंद वंदेमातरम।
बहुत सुंदर शैली है
बहुत-बहुत सुन्दर प्रस्तुति रचना 🙏
सर आप की जितनी भी तारीफ की जाय कम है। आप सच में हीरा है।।
नीलोत्पल जी जो आप के आवाज में गांव की महक और सुगन्ध है वो गांव की तरफ खींच के ले जाता है।और फिर अपने बचपन में खो जाते हैं क्योंकि ये सब हमने देखा है।।
निःशब्द। कविता में ऐसी फकीरी दुर्लभ। मैं एक कवि और साहित्यकार हूं और पूरे मन से कहता हूं कि आपको सुन कर धन्य हो गया।
Bhuthibdhiya
अति सुंदर जी।
आज आपको पहली बार सुन कर मै आपका भी मुरीद हो गया। कुमार विश्वास जी के बाद आप मेरी जिंदगी के दूसरे कवि हो जिनकी हर नई कविता का मैं इंतज़ार करा करूँगा।
साथ ही आपने जो अपनी पुस्तक डार्क हॉर्स में जो लिखा था वो अद्भुत हैं।
मैं आपके कार्यक्रम में आपको सुन नही पाया क्योकि उस दिन हॉस्पिटल में व्यस्त था, पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी, आज आपको सुन भी लिया 🙏जय श्री राम
मिट्टी का बदन कर दिया मिट्टी के हवाले
मिट्टी को कहीं ताज-महल में नहीं रक्खा
🌹 🌹 🌹 🌹 बहुत बढ़िया सुनाया सर 🙏
आंगन में लगने वाली बुढ़िया की खाट रखना
दिल को छू गया भाई💯❤️❤️❤️
Mi
Hmm
अंतर्मन में शब्दों का भंडार उमड़ रहा है परंतु आपकी प्रशंसा के लिए शब्दों के मायने काम पड़ रहे है। आपने ह्रदय में अमिट छाप छोड़ी हैं। ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
कोई है कुमार विश्वास का छोटा भाई जैसा है एवंम् क्षमा वाणी उनसे भी अधिक हृदय स्पर्शी🙌🙌🙌🙌🙌
अपनी मिट्टी से जुड़ी हुई कविता अत्यंत सुंदर और आवाज का जादू तो क्या कहना वाह वाह
यदि आप 60/70 के दशक में पैदा हुए होते तो यक़ीनन फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए सौभाग्य की बात होती ग़ज़ब की प्रतिभा है आप में। ऐसा प्रतीत होता है कि हम किसी पुरानी फ़िल्म के किसी गीतकार को सुन रहे हैं ❤❤❤❤❤
शब्द, क्रमबद्धता, माधुर्य, अर्थगौरव,
इन सबके साथ
एक्शन लाजवाब लाजवाब लाजवाब
वाह भैया जी वाह देश की जनता को आपके जैसे कवियों की बहुत आवश्यकता है आप ही जैसे युवा देश की संस्कृति को बचा सकते हैं
Right
बेहद खूबसूरत पंक्तियां। सर जी।
हम तो दीवाना होगये आपकी आवाज के
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Waah saab waah kya aawaj h kya sukun mila h sun k
आपके सभी गीत बहुत ही शानदार है नीलोत्पल जी। सुनकर मन प्रफुल्लित हो गया। गांव और बचपन याद आ गया।
dil ki gehraii ko chu lene wali .... word kam par rhe hai aapki tariff mai ...
सच में हम लोगों को भारत की पुश्तैनी परंपरा और संस्कारों तीज त्यौहारों को बचाने की जरूरत है ......
बहुत ही सुंदर गीत भारतीय संस्कृति एवं धरोहर से,मिट्टी से सना तन मन को भिगो दिया।
वाह क्या बात है युवा कवि।
**परम आदरणीय श्री श्री मुरारी बापु का आशीर्वाद बना रहे **
आपका भविष्य बहुत-बहुत सुनहरा हो गया है।
Nilotpal सर आपकी कविता तभी सुनता हूँ जब कभी लगने लगता है की हम अकेले तो नहीं है तो सुनने के बाद सब कुछ मिल जाता है सर बो बिछड़ा हुआ दोस्त बिछड़ी हुई यादें सब याद याने लगता है और आंखों में सावन की बदली उमड़ आती है सर Love you sir hum bihar ke nalanda jila se hai sir
मिट्टी की मीठी महक का कवि ।दिल को छू लेने वाली कविता ।भावनाओं के संसार में ले जाने वाली कविता ग्रामीण भारत का बेटा ।हमारे भाग्य धन्य है जो हमने आपको सुना।
प्राकृतिक के मनोरम दृश्य से ओत -प्रोत एवं ग्रामीण परिवेश में सजा हुआ कविता वापू के मंच से महान कवि शर्मा जी के उद्योषणा के उपरान्त आपके मुखारविन्दु से परोसा जाना अपने आप में एक सपन सा लगा ! - बहुत-बहुत धन्यवाद और आर्शीवाद !
बहुत ख़ूब
Nilotpl जी को सुनने को बाद सबको भूल गया ,आपकी रचनाएं दिल को छू के जाती है
इन दिनों में जब हर जगह से बस प्रेम प्रसंग की कविताएं सुन कर ऊब गया था , तब ये तार्किक और भावयुक्त कविता सुनी जो न केवल सुनने में अच्छी लगी बल्कि अपनी बात भी बताती रही❣️❣️❣️❣️
आयोजकों का सुक्रिया की आपने इतने सुन्दर कवि से परिचय कराया इस प्रस्तुति के माध्यम से🙏
मिट्टी वाली हकीकत बताकर सबका मन मोह लिया पहली बार आपका गीत सुनाओ बहुत ही प्यारा अंदाज आपका
विपिन विहारी नंदन
आपके गीतों ने गाँव की माटी की
याद दिला दी------बहुत सुन्दर नीलोत्पल जी
सुनकर लगा कि हम अपने गाँव में बैठकर
सुन रहे हैं, सारा दृश्य सामने आकर खड़ा हो
गया, बधाई, यशस्वी हों आप,हार्दिक
शुभकामनाएँ
शानदार ।बापू की उपस्थिति में आपके इस कार्यक्रम का प्रत्यक्ष दर्शन आनंददायी रहा।बधाई को नीलोत्पल ।
भैया सही कहा आपने जाती हुयी तहजीबे और आती हुई बद्मशीयां 🙏 भैया हम सभी को बहुत तहजीबे अपनी मुठ्ठी मे बचाना पड़ेगा 🙏
वाकई में सुनकर बहुत अच्छा लगा।
ग्रामीण परिवेश की एक अद्भुत झलक देखने को मिली।
इस प्रस्तुति से एक बात तो पता चली कि बापू जहां होते हैं ज्ञान वहां स्वतः चला आता है ।
🙏 सादर जयसियाराम 🙏
आपको तो अक्समात एक दिन पहले फेसबुक पर देखा, फिर आज यूट्यूब पर ढूंढ़ा बहुत सुंदर लगा, आपके उज्जवल भविष्य की अनंत शुभकामनाएं।
Adbhut kavita... सुर और शब्दो का ऐसा तालमेल पहली बार देखा। पहली बार कविता इतनी अधिक मधुर लगी। वाह अद्भुत
आप को पहली बार सुना अच्छा बहोत अच्छा लगा मे ऐसे लोगो को खोजता हूँ दिल की बात दिल से करते है मे 24 साल का युवा मुरीद हो गया हूँ आप का जिस तरह की आप की कविता है कसम से गाँव याद आ गया मालिक 🌹👌
Great ❤️
झलमुडी !क्या बात है... बहुत दिनों बाद यह शब्द फिर से सुना
Toofaani mirchaa
सर आपकी आवाज में एक सच्चाई दिखाई देती है। कितना खूबसूरत बखान किया है।
आपकी आवाज़ मेरे दिल को चीर रही है भैया गाँव नानी का मामा का याद आ रहा 😭😭है न जाने क्या होगा आगे राम जाने 😭😭😭😭
।। जय सिया राम ।।वाह बहुत खूबसूरत कविता पढ़ी आपने बहुत बहुत साधुवाद भईया जी। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
युवाओं के लिए अच्छी सोच को सलाम
कवि आप कमाल हो।
उज्वल भविष्य की कामना के साथ पुनः बधाईयाँ और शुभकामनाएं।
सफलता भी फीकी लगती है, यदि कोई बधाई देने वाला न हो,
और विफलता भी सुन्दर लगती है, यदि आपके साथ कोई अपना खड़ा हो..!!👍👍
Ap prasad,pant,Nirala,Mahadevi koti ke ashu kavi h nilotpal Mrinaljee
धरती बजड़ी पर कोपल फूटे हैं शोहर गाओ
बहुत सुंदर नीलोत्पल मृणाल जी शुभकामनाएं
भाई आपने पुरानी बातों को याद दिला दिया जय हो AGRA 👍👍👍👍👍👍
आप जहां हैं वही सर्वश्रेष्ठ बिन्दु है जहां से पूरी दुनियां दिखाई पड़ती है,,,,👍👍👍
दुर्भाग्य upsc का😢
आपको सुनकर बचपन की वो भीनी भीनी खुशबू ,जो हमने देखा जाना समझा था 'भारत माता ग्रामवासीनी "फिर से विचारों मे मह्क्ने लगी है। मैं पूरी उम्र अपने आस पास वैसा ही वातावरण बनाने की भरपुर कोशिश रखूँगा । धन्यवाद ।🙏
😊😊😊
अवाक ही आँख नम हो गई। अद्भुत है नीलोत्पल भईया।🙏💐❤️
जिओ मृणाल भाई मेरे पास आपकी तारीफ़ के लिए शब्द नहीं हैं।आपका कवित्व तो है ही निराला किंतु विनम्र भाव अत्यंत प्रभावशाली है।आगे बढ़ो🙏🏼
मुझे गर्व होता आप बिहार की धरती पर जन्म लिए है और बिहार की ही धरती (झारखंड) में आप शिक्षा ग्रहण किए है । भले ही आज बिहार में कोई कल- कारखाना, बड़े बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर नही है लेकिन एक चीज है वह है शिक्षा।
जय हिन्द, जय बिहार
Sarahniye kavyatamak prastuti ke liye Nilotpal Mrinal ji ko hardik dhanyawad
आप ने जो कहा वह एक पूर्वजो की पुरानी धरोहर संस्कृति को जीवित रखने का सार्थक प्रयास किया है जो एक महान व धन्यवाद योग्य वास्तव में है
ऐ उदास मौसम उदास नहीं होना
भीतर में झांक भरा पड़ा सोना।
बहुत खूब।
हृदय को गहराई तक छू गए भाई साहब।
मेरे पास कोई शब्द नहीं है ।सर आपकी तारिफ के लिए।😅👏👏👏
प्रिय नीलोत्पल जी आपका काव्य पाठ दिल को छूने वाला है । आप UPSC. मे सफल नही हो पाये , शायद ईश्वर ने आपको स्वतंत्र रूप से भारत भ्रमण कर देश की जनता को जागरूक करने के लिए बनाया हो ।आपके गीतों में एक-दूसरे के प्रति प्यार और सद्भावना का संदेश भी मिलता है ।
आपके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं, अद्भुत, अतुलनीय, अविस्मरणीय।
जय हो बापू जी के चरणों में प्रणाम भाई ने बापू का दिल जीत लिया धन्य हो भाई को
दिल जीत लिए हो भैया....कलेजा निकाल रख दिये।
His journey of success just started.. I have seen him in mukherjee nagar IAS PROTEST TIME.
LIFE HAS ITS OWN PLAN..
Bhagwan neabul kalam aur kavi Kumar viswas ke lie alag plan banaya sahi kahA hum vahi banege jo god chahe
बहुत खूब चांद को गेंहू की वाली
सुंदर कविता पाठ
जितनी बार सुनो हर बार ऐसा लगता कि नया है बहुत खूब भाई
वाह क्या बात है, गांवों की मिट्टी का सुगंध आ रही हैं, आपकी कविताओं में, धन्यवाद आपका 🎉
Aap jaise kavi ko sunna hamara saubhagya.Meri duaain aapk liye aap khoob tarakki karen.
भैया आपकी इस प्रस्तुति मे बहुत गहराई है😞 इनको सुनकर गर्व भी हुआ और आने वाली और अभी की अपने उम्र की पीढी के लिए चिंता भी
Hum pahli baar aapkoo sun rahe hai aapse aachaa hamne aisi poet nahi sunaa
I proud of you
कविवर निलोत्पल जी, बहुत-बहुत धन्यवाद महोदय आपका।अद्भूत प्रस्तुति! प्राकृतिक चित्रण अपने कविता के माध्यम से किया है सराहनीय कार्य है। जयहिंद।
bhut bhut badhai ho isse ak bat samjha my ayi ki aaj bhai apani sanskrati ko bachane ke liye kam kar rahe or bharat ko vishv Guru banane ke liye kam kar rahe pujya bapu ji yah pahal sarahaniya have 🙏jay siya ram bapu ji🙏
जो सुनता है वही अच्छा वक्ता होता है बापू तो महान हैं निःसंदेह।
बहुत खूब मृणाल सर❤️🙏
मैं आपकी लेखनी और कल्पनाओं का दीवाना हो गया हूँ। ❤️❤️❤️
मिट्टी का यह जो आपका गीत है वह भगवान कृष्ण की गीता में कही हुई वाणी है भगवान कृष्ण अर्जुन से कहते हैं इस संसार में जो कुछ है वह सब मिट्टी है वही बात आपने इस गीत में कही है चाहे कांच चाहे लोहा चाहे सोना चाहे चांदी इस पृथ्वी का कोई भी पदार्थ सब मिट्टी से बने हैं और सब मिट्टी में मिल जाएंगे आपको बहुत बहुत साधुवाद बहुत अच्छे प्रस्तुति आपका बहुत भला भला चेहरा बापू को बहुत पसंद आया
Aisi kalpana ka koi jawab nhi... Love u Nilotpal Sir.
भावपूर्ण अभिव्यक्ति धन्यवाद महोदय जी। धन्य आपकी गीतों भरी कविता।
One of the best poet I have ever heard....Sir apne Dharti se sona nikal ke rakh diya....Dharti aapka dil hai aur sona apki Kavita hai.
संस्कार संस्कृति आप के गीतों में है आदरणीय
भाई ने किया खूब कविता पढ़ी वाह वाह क्या बात अल्लाह अच्छा रखे
सादर नमस्कार भैय्या,
बहुत ही सुंदर एवं उपयोगी कविताएं..!!
बहुत बहुत धन्यवाद.!!
Wah bhai wah,Mitti,Chand me chhed karke gehu ki Bali pahnana dil ko chhoo gaya.Apko jitna bhi mubarakbad dun wo Kam pad raha hai.