आदि काल से भारत कृषि प्रधान देश रहा है। आज भी स्कूलों की किताबों में यही पढा़या जाता है। लेकिन भारतीय युवा छात्र छात्राओं को एग्रिकल्चर विषय की पढ़ाई करनी पड़ रही है यही सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। क्योंकि
जो मिट्टी, कीचड़, छोटे-छोटे गड्ढों में खुद खेला हो, उनके अंदर छोटे छोटे जीवों से , घोंघा, केंचुआ , गुबरेला आदि की दुनिया से परिचित हो, कम्फर्ट हो, मौसम के बदलाव और प्रकृति से सामंजस्य रखना जानता हो ; वही , आप जो कहना चाह रहे हैं उसे समझ पायेगा 🙏
सर जी मै आप की बात से सहमत हू मै भी तीन साल से प्राकृतिक खेती कर रहा हू ईसी सीजन मे मै 10 बिस्वा उरद मे 2 कुंतल पैदावार हुई है जबकि उस खेत मे फसल से बड़ी घास थी
जय हिन्द, 🇮🇳🙏जय भारत, 🇮🇳🙏जय किसान,🙏🇮🇳 श्री मान जी आप ने हमे बहुत अच्छी जानकारी प्रदान की । आप का हम बहुत बहुत धन्यवाद करते हैं। आप से विनम्र निवेदन है।जो छतों पर गमले आदि लगा कर, फूल पौधे, सब्जियां ,फल उगाते हैं। और कुछ पैदा करना चाहते है। उनके बारे में भी कुछ जानकारी प्रदान किया करें । जिससे हम सहर ,नगर आदि में कुछ फूल पौधे लगाते हैं। तो हम कैसे फसल उगायें। जय हिन्द, आप का बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🇮🇳🌹🌷💐
महोदय मैंने आपकी बात पूरी तरह से समझ ली है मैं कभी-कभी में कभी कभी सोचताहूं कि आप जैसे महान पुरुषों को बड़ी बड़ी कंपनी के गुंडे कहीं मरवा ना दे अगर आपकी बात देश के किसानों को समझ में आ गई तो बड़ी बड़ी दवाई की फैक्ट्री खाद के कारखाने पूरी तरह से बंद हो सकते हैं महोदय हम अपने बगीचे में जंगल में गिरे हुए सूखे पत्ते बगीचे की घास काटकर बगीचे में ही डाल देते हैं बरसात में उसमें जीवामृत डाल देते हैं और गाय का गोबर भी डाल देतेहैं लोग बगीचेके पत्तों को जिला देते हैं मैं उन पत्तों को भी बगीचे में ही डाल देता हूं हमें किसी भी प्रकार की खाद डालने की आवश्यकता ही नहीं है हमारा बहुत बढ़िया हरा भरा चल रहा है अब हम कीटनाशक फफूंदी नाशक दवाइयां भी घर में बना रहे हैं हम आपका प्रोग्राम हर समय देखते रहते हैं भगवान करे आपकी आयु बहुत लंबीहो
BHAISAHAB , I will soon be starting organic farming and have reserached a lot of videos and newly started looking at your videos. I appreciate your passion for nature and biodiversive farming.
प्राकृतिक संसाधन का उपयोग करना आपसे सीखे
आदि काल से भारत कृषि प्रधान देश रहा है। आज भी स्कूलों की किताबों में यही पढा़या जाता है। लेकिन भारतीय युवा छात्र छात्राओं को एग्रिकल्चर विषय की पढ़ाई करनी पड़ रही है यही सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। क्योंकि
The Best Informative video on agriculture science, thank you for such Information...
जो मिट्टी, कीचड़, छोटे-छोटे गड्ढों में खुद खेला हो, उनके अंदर छोटे छोटे जीवों से , घोंघा, केंचुआ , गुबरेला आदि की दुनिया से परिचित हो, कम्फर्ट हो, मौसम के बदलाव और प्रकृति से सामंजस्य रखना जानता हो ; वही , आप जो कहना चाह रहे हैं उसे समझ पायेगा 🙏
आपने बहुत अच्छे ढंग से किसानो को समझाया है। भ्रांतिया दूर हो गई। धन्यवाद सर।
सर जी मै आप की बात से सहमत हू मै भी तीन साल से प्राकृतिक खेती कर रहा हू ईसी सीजन मे मै 10 बिस्वा उरद मे 2 कुंतल पैदावार हुई है जबकि उस खेत मे फसल से बड़ी घास थी
आज कल की एग्रीकल्चर की बुक्स में युरोपीय केमिकल खेती का ही ज्ञान परोसा जा रहा हैं।
सर आपने जो biomass humus ki bat ki hai wah100% sahi bat kahi hai😊 aapka bahot धन्यवाद
जय हिन्द, 🇮🇳🙏जय भारत, 🇮🇳🙏जय किसान,🙏🇮🇳 श्री मान जी आप ने हमे बहुत अच्छी जानकारी प्रदान की । आप का हम बहुत बहुत धन्यवाद करते हैं। आप से विनम्र निवेदन है।जो छतों पर गमले आदि लगा कर, फूल पौधे, सब्जियां ,फल उगाते हैं। और कुछ पैदा करना चाहते है। उनके बारे में भी कुछ जानकारी प्रदान किया करें । जिससे हम सहर ,नगर आदि में कुछ फूल पौधे लगाते हैं। तो हम कैसे फसल उगायें। जय हिन्द, आप का बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🇮🇳🌹🌷💐
Apke prayas se bahut kisan bhaiyo ko labh milega
सर बहुत सुंदर जानकारी दी गई है। बहुत बहुत धन्यवाद।इस बिषय को कोई गौर नही करता है।
महोदय मैंने आपकी बात पूरी तरह से समझ ली है मैं कभी-कभी में कभी कभी सोचताहूं कि आप जैसे महान पुरुषों को बड़ी बड़ी कंपनी के गुंडे कहीं मरवा ना दे अगर आपकी बात देश के किसानों को समझ में आ गई तो बड़ी बड़ी दवाई की फैक्ट्री खाद के कारखाने पूरी तरह से बंद हो सकते हैं महोदय हम अपने बगीचे में जंगल में गिरे हुए सूखे पत्ते बगीचे की घास काटकर बगीचे में ही डाल देते हैं बरसात में उसमें जीवामृत डाल देते हैं और गाय का गोबर भी डाल देतेहैं लोग बगीचेके पत्तों को जिला देते हैं मैं उन पत्तों को भी बगीचे में ही डाल देता हूं हमें किसी भी प्रकार की खाद डालने की आवश्यकता ही नहीं है हमारा बहुत बढ़िया हरा भरा चल रहा है अब हम कीटनाशक फफूंदी नाशक दवाइयां भी घर में बना रहे हैं हम आपका प्रोग्राम हर समय देखते रहते हैं भगवान करे आपकी आयु बहुत लंबीहो
You are best traner i am effectiv for you
Thank you so much for natural farming information sir ji🙏🙏🙏
Dr sahib namaskar ji 🙏
My thought process is similar to yours Dr Saab ! I am a tecnocrat by profession , but I respect and try to understand principles of nature
बहुत ही बेहतरीन जानकारी जी आपके द्वारा दी गई जानकारी का बहुत लोग फायदा उठाते हैं जिनमें से मैं भी एक हूं श्रीमान
मैंने भी वही जमाना देखा है भाऊ जी नौकरी वाले आराम से हैं मैंने पूरा जीवन किसानी की रोटी के अलावा कुछ हाथ नहीं
You are on a mission chacha ji ... pranaam always regards and kindly keep it doing.
BHAISAHAB , I will soon be starting organic farming and have reserached a lot of videos and newly started looking at your videos. I appreciate your passion for nature and biodiversive farming.