Brihadaranyaka Upanishad | Part- 1 | बृहदारण्यक उपनिषद |Swami Abhayanand Saraswati |उपनिषद परिचय
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- Опубліковано 5 кві 2021
- अध्याय -१ , प्रथम ब्राह्मण , सम्बन्ध -भाष्य (शाङ्करभाष्य स्वाध्याय) भाग -1.
अनंत श्री विभूषित महामण्डलेश्वर
स्वामी अभयानंद सरस्वती जी महाराज (श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी)
स्वामी अभयानन्द संस्कृत विद्यालय ,पपनामऊ,अनौरा कलां ,फैज़ाबाद रोड़ ,(लखनऊ )
सम्पर्क सूत्र स्वामी अनंतानन्द जी :---9956578080
सम्पर्क सूत्र स्वामी रामानन्द जी :---9415344798
सम्पर्क सूत्र स्वामी प्रणवानंद सरस्वती जी :---9557867016
हरि ॐ सद्गुरुदेवभगवान जी महाराज को सादर प्रणाम व चरण स्पर्श सहितं।
जय गुरु देव
PRANAM.SWAMIJI..OM NMHSHIVÀY
हरि ओम्, नमो नमः
❤❤❤.❤❤ અતિસુંદર ❤❤❤❤❤
Pram pujya gurudev ji ke charno me koti koti pranam
Pranam swamiji..om nmhshivay
Param pujya sadgurudev bhagwan ke charno me koti koti Naman 🙏🏻
✨🙏✨
नमन गुरूदेव 💕🙏💕
ओम
Pranam gurudev
सादर प्रणाम
Koti koti naman
प्रणाम गुरु जी
परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी जी कल 14/09/23 आश्रम पर दिए आदेशानुसार उपनिषद् स्वाध्याय प्रारंभ कर दिया गया है।आपकी कृपा बनी रही तो नियमित स्वाध्याय होता रहेगा।आपके श्रीचरणों में दंडवत प्रणाम 🙏 योगेश अलीगढ़। कोटि-कोटि वंदन
Gurudev Bhagwan ke Charanon Mein Koti Koti Naman
Braham swaroop guru ji ko pranaam
Sharan-JAI SADGURUDEV BHAGWAN-CHARAN SPARSH
श्री सद्गुरुदेव ने प्रारम्भ में ही गागर में सागर भर दिया है । बहुत ही उत्साह वर्धक है । जय हो ।
गुरूदेव चरणवंदन🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Never Listen Osho or Any Philosopher without completing Veda other wise we are detached from it. Thanks Guruji
Excellent swami ji
🌹🌹🌺🌺
नमस्ते गुरुजी🙏🙏🙏🙏
Very good spich
हम सब पर गुरुजी की यह विशेष कृपा है।बहुत बहुत वंदन एवं सादर प्रणाम।
स्वामी जी मुझे यह उपनिषद आपसे पूरा पढ़ना है कैसे सम्भव है
Thank you swamiji for sharing this. Fantastic exposition 🙏🏼 I hope you upload the Satsangs for the whole Upanishad. Thank you.
उपनिषद्को बेदान्त कहाजाता है | बेद +अन्त=बेदान्त | बिद् धातु ज्ञानार्थक | ज्ञान सदृश और कुछ् नहिं | गीताका चौथा अध्यायमे भगबानने कहा---न हि ज्ञानेन सदृशं पबित्रमिह बिद्यते |.....ज्ञानलाभकरनेके लिये मनुष्यको जिज्ञासु होना जरुरत होता है | जिज्ञासु ज्ञानका अधिकारी होता है | ज्ञान अनेकप्रकारका है | आध्यात्मिकज्ञानके लिये उपनिषद्जानना जरुरत है |