क्या सूक्ष्म शरीर की मृत्यु होती है ? क्या देवता भी मरते हैं ?
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- Опубліковано 10 лют 2025
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सुनी सुनाई,अप्रामाणिक व अवैज्ञानिक बातें बता रहे हो,मौलिक चिंतन शून्य है।इसलिए निरर्थक हैं ।
आत्मा, अपने को शरीर मानकर उस में आसक्त हो जाना अज्ञान, भ्रम, दुख का कारण बनता है🙏💕 स्थूल, सूक्ष्म, कारण, महा व परम कारण आदि सभी शरीर मरणधर्मा, विनाशी व माया है। देवताओं का सूक्ष्म शरीर होता है। उनकी आयु "ब्रह्मा का एक दिन" है। आचार्य श्री जी को सादर नमन🙏💕🎉बेहद की परमशान्ति🙏💕🎉
Nice. #paramshanti
Have you seen "atma" . Can you tell me where in the body does the "atma" reside.?
ब्रह्म का मतलब विस्तार no words
🕉 तत् सत् सदगुरु देव जी को बारम्बार सादर चरण स्पर्श 🌹🙏🌹
जय गुरुदेव
☘️🕉☘️🕉☘️🕉☘️🙏
pranam Guruji 🌹🙏🌹🙏
सूक्ष्म शरीर मिट जाना तो मुक्ति है जय गुरुदेव
Om tat sat guru ji
शुक्ष्म शरीर तो जड (चेतना रहित) उसमे जीना - मरना बरावर ! जीवन क्या ? पांच भूतों का और जीवात्मा का संयोग, मरना , जीवात्मा और भूतों से बने शरीर का वियोग ।
ॐ तत् सत् प्रणाम गुरुजी 🙏🏻
ओम tatsat ओम 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
जीव और आत्मा एक ही हैं या अलग है यदि एक है तो मोक्ष किसका होता है। कृपया उत्तर अवश्य दें।
Very good sir Thanks 🙏🙏
Pranaam Guru Ji 🙌🏻🌹🙏🏻Om Tat Sat 🙌🏻🌹🙏🏻
आत्मा के तीन शरीर होते है स्थूल, सूक्ष्म और कारण । जो सबको दीखता है वह तो स्थूल शरीर है जो मरण पर्यंत रहता है। पंच तन्मात्रायें 5 ज्ञानेंद्रिय पांच प्राण मन और बुद्धि इन 17 तत्वों का सूक्ष्म शरीर होता है जो प्रलय तक रहता है कारण शरीर बुद्धमय होता है जो प्रलय में गहरी निंद्रा सुषुप्त अवस्था जैसी में रहता है। जब आत्मा के तीनों बंधन शरीर नष्ट हो जाते हैं तब आत्मा मोक्ष एवं निर्वाण को प्राप्त हो जाता है।
आदरणीय गुरु जी ,
नमस्कार।
Namaste sir
मरता वो है जो होता है जो होता ही नहीं वो मरेगा कैसे
Namaskaram
Gurudev ko bahut dhanyvad aapka Anubhav aapki baten aapki yah Prapti hai jo bhi hai Kai Janmon Ki Hai
हरि ॐ
Bahut bahut dhanyvad Gurudev aapka aabhar
Hariom
Guruji mera beta ips Harshvardhan kaise cala gya wo wapas aa sakata h 26 27saal ka tha
आप कह रहे हैं परछाई का अस्तित्व नहीं होता रामचरित मानस की कथा है कि हनुमान जी जब समुद्र लांघ रहे थे तब एक राक्षसी ने उनकी छाया को पकड़ लिया था हनुमान जी की गति रूक गयी थी यह कैसे सम्भव हुआ जब परछाई का अस्तित्व ही नही होता
Good to hear fanciful stories. These stories help in earning a lot. I just want to know as to what you say death ?
Guru adura Gyan
Read book , Mein mrityu sekhata Hu.....OSHO
Namaskar guru dev.
I am from Bhutan. Could I please have the details of the meditation program to enable me to join it. And also how can I make the payment
जीव और आत्मा में क्या अंतर है,कृपया समझाने की कृपा करें।
Sir aapane to jiwan ka paribha hi achhi trah se batadi aapake wachan se jo nahi samjhega wah kabhi nahi smajh payega
सूक्ष्म आत्मा और सूक्ष्म सरिरमे क्या भिन्न्ताअ है गुरुजी?
Barhm kya hai
Privrtan.stya.he.to.mot.Stya.he.shabdo.ka.fer
क्यों बाज नहीं आते तुम जैसे आत्म,परमात्मा की बातों के झांसों की वजह से देश गर्त में चल गया लेकिन तुम जैसों की गिनती बढ़ती ही जाती है।
क्यों बोलने वाले तुम कौन होते हो? तू बोलता है या तेरा शरीर!जो कहो शरीर। लेकिन शरीर में बोलने वाला जब निकल जाता है तब शरीर क्यों नहीं बोलता है? जिसके रहने से शरीर सक्रिय रहता है और जिसके न रहने से शरीर निष्क्रिय हो जाता है वही तो तेरी आत्मा है यदि तुम आत्मा का अस्तित्व नहीं मानते हो तो तुम मरे हुए हो।
Pelte.rho.jese pel.sakte.ho
ज्ञानी बंधु हमको यह बताइए आप की मृत्यु होगी या नहीं होगी। अगर होगी तो आपका बोलना आपका ज्ञान बकवास है। नहीं होगी तभीआप ज्ञानी हो।
Om tat sat guru ji