दम्भी ब्रह्महत्यारों की प्रतिष्ठा सर्कस के जोकर जितनी भी नहीं, जगद्गुरु क्या बनेंगे ? ― निग्रहाचार्य

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  • Опубліковано 26 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 115

  • @SwamiNigrahacharya
    @SwamiNigrahacharya  5 днів тому +9

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    • @notoriousboy9642
      @notoriousboy9642 5 днів тому +2

      प्रणाम गुरुदेव 🙏🏻
      मैं आपका बहुत प्रारंभ का और नियमित दर्शक हूं अनुकरण करता हूं 🙏🏻
      गुरुदेव illuminatii Freemasonn मलिच्छ राज्य पर जो श्रृंखला लाने वाले थे , उसका बहुत ही उत्सुकता , उल्लास से प्रतीक्षा कर रहे हैं हम सभी सच्चे शुद्ध सनातनी ।
      आपसे निवेदन है कि यथाशीघ्र उस श्रृंखला का श्री गणेश करें 🙏🏻😊
      और उस दूसरे चैनल एवं वीडियो का link इत्यादि साझा करने का कष्ट करें 🙏🏻
      हर हर महादेव 🚩
      जय श्री राम 🚩
      पूज्य श्री अनंत विभूति हरिहरानंद अभिनव शंकर धर्मसम्राट स्वामी करपात्रीजी महाराज 🚩
      पूज्य श्री भागवतानंद स्वामी निग्रहाचार्य जी महाराज 🚩
      पूज्य श्री पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज 🚩
      प्रेषक
      आयुष पासी प्रयागराज

    • @mohitagrawalviii
      @mohitagrawalviii 4 дні тому

      Sriman Narayan
      Hare krishna
      Swami nigrahacharya ji aapki saari baatein exact iskcon wale bhi bolte haii...
      Guru sisyaparampara
      Vaishnav acharan
      Shrota acharan
      Guru kaun
      Yeh sab iskcon wale bhi focus karte haii....
      Bas kuch chize bas aapse alag haii...
      Management part aur kuch chizo me bas matbhed haii...
      Aap plz iskcon mayapur jaaye plzz

  • @buransh117
    @buransh117 23 години тому +1

    श्रीमन्नारायण। श्री गुरुदेव आपके प्रबोधन से हृदय गदगद और मन असत से सत की ओर भले ही कुछ ही समय के लिए ही सही सोचने और चलने का संकल्प लेने को बाध्य होता है। हमें आप आशीर्वाद दें कि मेरा मन सरल और निर्मल हो जाये बुद्धि की कम और सत के विवेक की ज्यादा माने । श्री गुरुदेव श्री भागवतानंद गुरु चरणेभ्य पुनः पुनश्च नमो नमः नमो नमः नमो नमः।

  • @vinodbisht-p5b
    @vinodbisht-p5b День тому +1

    जय श्रीमन्नारायण

  • @girishchandra5014
    @girishchandra5014 4 дні тому +8

    स्वामी निग्रहाचारय जैसे धर्माचार्य और संन्यासियों की आवश्यकता है जो सनातन धर्म का सही ढंग से प्रचार-प्रसार कर सकें और धर्म की सही जानकारी दे सकें और आम सनातनियों मे अपने धर्म के शत्रुओं की सही पहचान भी हो तभी भारत और सनातन धर्म की रक्षा कर पायेंगे यह एक वास्तविक सच्चाई है

  • @nkmeena1249
    @nkmeena1249 5 днів тому +15

    आप जैसे संत विरले है🙏🙏

  • @satyapriyasabat4054
    @satyapriyasabat4054 4 дні тому +2

    सच्चे ज्ञानी संत को हमारा प्रणाम

  • @PrakharMishra_0
    @PrakharMishra_0 5 днів тому +3

    हर हर महादेव 🙏
    श्रीमन् महामहिम विद्यामार्तंड स्वामी निग्रहाचार्य श्री श्रीभागवतानंद गुरु जी महाराज के चरणों में मेरा कोटिश: प्रणाम🙏
    निग्रहाचार्य धर्माज्ञा लोके लोके प्रवर्धताम्🚩

  • @buransh117
    @buransh117 5 днів тому +5

    श्रीमन्नारायण। श्री गुरुदेव श्री भागवतानंद गुरु चरणेभ्य नमः। हर हर महादेव नमः चण्डिकाये।

  • @SachinSanatanKashyap
    @SachinSanatanKashyap 5 днів тому +6

    बहुत सुंदर 🙏 आपने जो ये इतनी सुन्दर सुन्दर शास्त्र बातें बताई उसके लिए आपका स्नेहपूर्ण धन्यवाद 🙏 गुरु महाराज जी इन बातों का मेरे जीवन में प्रवाह हो आपका आशीर्वाद हो 🙏 जय स्वामी श्री निग्रहाचार्य जी गुरु भगवान् 🙏

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 3 дні тому +1

    ब्रह्म = ज्ञान अध्यापन
    ब्रह्मण = अध्यापक गुरूजन
    ब्रह्म वर्ण = ज्ञान शिक्षण विभाग।
    ब्रह्महत्या = ज्ञान का नुकसान करना।
    चार वर्ण विभाग = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन राजसेवक कर्म करते हैं।
    सतयुग दक्षराज दसमुख वर्णाश्रम संस्कार। जय विश्व राष्ट्र प्राजापत्य दक्ष धर्म सनातनम् । जय अखण्ड भारत । जय वसुधैव कुटुम्बकम् । ॐ ।

  • @user-st8kf6eu9k9
    @user-st8kf6eu9k9 5 днів тому +4

    कोटी कोटी प्रणाम...🚩
    महाराज जी
    आपके वाणी से निकला एक एक शब्द शास्त्रीय होता हे,
    हमने सब शास्त्र तो पढा नही पर
    पर आपके वाक्य प्रामाणिक मानके हम वैसा आचरण करते हे,
    आपके द्वारा भविष्य मे ऐसा ग्रंथ प्रकाशित हो
    जिसमे सुबह से लेकरं रात सोने तक सभी आचरन करणे सरिसे वाक्य हो...
    कृपा करे 👏👏👏👏
    जय श्रीमन नारायण 🚩🚩

  • @nkmeena1249
    @nkmeena1249 5 днів тому +4

    आपके सब वक्तव्य अद्भुत होते हैं🙏🙏🙏

  • @SanjayPandey-el2hj
    @SanjayPandey-el2hj 5 днів тому +3

    जय मॉं भगवती जय हो सत्य सनातन धर्म की जय हो श्री निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु महाराज जी की जय हो 🙏🌹🪷🌷🌹🌺🪷🌷🌹🌺🏵️🌻🌼🙏🌻🙏🙏🪷🙏🌼🪷🌷

  • @vaibhav-yo4ot
    @vaibhav-yo4ot 5 днів тому +4

    maharaj ji aap ki katha bhout achchi hoti hai 🙏🙏

  • @nipunarjundhruv3852
    @nipunarjundhruv3852 5 днів тому +2

    श्रीमन लक्ष्मी नारायण शास्त्रज्ञ स्वामी श्री निग्रहाचार्य श्री भागवतानंद गुरुदेव जी । ❤🎉😊

  • @nilanjanchka
    @nilanjanchka 5 днів тому +4

    Maharaj ke charanome pranam

  • @तपोभूमिःश्रेष्ठम

    प्रणाम

  • @गुड़ियादेवी-र4ठ

    आपके चरणों मेरा कोटि कोटि प्रणाम

  • @dassonukumardubey8730
    @dassonukumardubey8730 13 годин тому

    राधा कृष्ण

  • @ShubhamRasikajivrindavan
    @ShubhamRasikajivrindavan 5 днів тому +3

    जय हो प्रभु

  • @durgeshtripathi2731
    @durgeshtripathi2731 4 дні тому +1

    Jitna hi shashtriyata shravan karne ka avsar milta hai, utna hi anand aata hai....prakshiptwadi dur hi rhe ye sunkar man prasann ho gya

  • @skteducare9406
    @skteducare9406 3 дні тому

    Jay Sri-man Narayan !!
    Mharaj ji

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 3 дні тому

    सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम संस्कार।
    स्वाहा धर्माय स्वाह धर्म: पित्रे ।। यजुर्वेद संहिता।
    सनातन दक्ष धर्म संस्कार प्रसार के लिए और पूर्वजो के लिए आहूतियां समर्पित हैं ।

  • @DEEPANJALICHANDRAVANSHI-vo1sn
    @DEEPANJALICHANDRAVANSHI-vo1sn 5 днів тому +2

    श्री मन नारायण 🙏🏻🙏🏻

  • @KamleshKumar-o2i4o
    @KamleshKumar-o2i4o 5 днів тому +3

    श्री मन नरायण महाराज जी

  • @panditarun3166
    @panditarun3166 4 дні тому +2

    Mahraj ji parnam

  • @AvadheshSoni-bc8cb
    @AvadheshSoni-bc8cb 5 днів тому +2

    pranam gurudev

  • @ananddhamgaudiyaashram
    @ananddhamgaudiyaashram 4 дні тому

    Jai Shree ManNarayan
    Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🥀🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏

  • @manasupadhyay3941
    @manasupadhyay3941 5 днів тому +2

    जय सीताराम ❤

  • @ananddhamgaudiyaashram
    @ananddhamgaudiyaashram 4 дні тому

    Jai Shree ManNarayan
    Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏

  • @nandinihota7229
    @nandinihota7229 4 дні тому

    Sreeman Narayan guruji

  • @ananddhamgaudiyaashram
    @ananddhamgaudiyaashram 4 дні тому

    Jai Shree ManNarayan
    Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🥀🥀🥀🥀🌹🌹🙏🙏🌹🙏

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 3 дні тому

    चारकर्म = शिक्षण + शासन + उद्योग + व्यापार
    चार वर्ण = ब्रह्म + क्षत्रम + शूद्रम + वैशम।
    ब्रह्म वर्ण = ज्ञानी वर्ग।
    क्षत्रम वर्ण = ध्यानी वर्ग।
    शूद्रम वर्ण = तपसी वर्ग।
    वैशम वर्ण = तमसी वर्ग।
    1- अध्यापक चिकित्सक = ब्रह्मन
    2- सुरक्षक चौकीदार = क्षत्रिय
    3- उत्पादक निर्माता = शूद्रन
    4- वितरक वणिक = वैश्य
    पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत = दासजन सेवकजन राजसेवक ।

  • @reetkasthana1365
    @reetkasthana1365 5 днів тому +1

    JAY GURUDEV

  • @AvadheshSoni-bc8cb
    @AvadheshSoni-bc8cb 5 днів тому +1

    jaaiho gurudev

  • @AmitKumar-rw5zq
    @AmitKumar-rw5zq 5 днів тому +1

    Jai gurudev har har shankar 🙏🌺🙏🌺

  • @Rsharma9940
    @Rsharma9940 4 дні тому +1

  • @bhavishya8934
    @bhavishya8934 5 днів тому +1

    Narayan💙💝

  • @ShubhamRasikajivrindavan
    @ShubhamRasikajivrindavan 5 днів тому

    जय हो भागवत भगवान की जय हो प्रभु

  • @BhumiharbramhinAbhinavRai
    @BhumiharbramhinAbhinavRai 4 дні тому

    jai ho

  • @krishnachandramishra7938
    @krishnachandramishra7938 5 днів тому +2

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @SadhuSastraGuru
    @SadhuSastraGuru 5 днів тому +2

    ISKCON-19:10

  • @Riturajmishr
    @Riturajmishr 4 дні тому

    🙏🙏

  • @GauriShankar-qo4ol
    @GauriShankar-qo4ol 5 днів тому

    जय श्रीराधेगोविंद

  • @pramodagrawal7112
    @pramodagrawal7112 4 дні тому

    डायनासोर,दानवासुर-डायनअसुर

  • @chaman1996
    @chaman1996 5 днів тому

    आप दिव्य है

  • @shreyachandravanshi7199
    @shreyachandravanshi7199 5 днів тому +1

    🌺🌺🌺🙏🙏🙏

  • @ashishsinghnegi6263
    @ashishsinghnegi6263 5 днів тому +1

    Pranam guru ji, Yagyaval rachit saraswati strotra ke path ka kya niyam hai, iska path kese kre. Dhanyawad

  • @anujkumarsingh1172
    @anujkumarsingh1172 4 дні тому +1

    आप शतायु रहे।

  • @harpalsinh8414
    @harpalsinh8414 5 днів тому +1

    नमस्कार

  • @ShriMrityunjay
    @ShriMrityunjay 5 днів тому +3

    श्रीविष्णु श्रीविष्णु श्रीविष्णु 😊

  • @ananddhamgaudiyaashram
    @ananddhamgaudiyaashram 4 дні тому +1

    गिरधर चाचा कुछ भी बोलते हैं निग्रह आचार्य जी महाराज 😃🧘🧘🧘🧘😃😃

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 3 дні тому

    ब्रह्मण का मतलब अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन होता है। मुख से ज्ञान शिक्षण अध्यापन होता है इसलिए मुख समान ब्रह्मण माना गया है।
    ब्राह्म धर्म में शिक्षण प्रशिक्षण प्रदान करना आता है।
    इसलिए ब्राह्म धर्म को शिक्षण प्रशिक्षण वर्ग कहना चाहिए।
    जब एक मानव जन है तो वह मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय, पेटउदर समान शूद्रण और चरण समान वैश्य है।
    लेकिन जब पांचजन हैं तो एक अध्यापक ब्राह्मण है, दूसरा सुरक्षक क्षत्रिय है, तीसरा उत्पादक शूद्राण है और चौथा वितरक वैश्य है तथा पांचवा चारवर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन है।

  • @BhumiharbramhinAbhinavRai
    @BhumiharbramhinAbhinavRai 4 дні тому

    maharaj ji aap bring shrota hain

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 3 дні тому

    चार वर्ण कर्म विभाग जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय।
    चार वर्ण = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
    जब एक मानव जन है तो वह मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय, पेटउदर समान शूद्रण और चरण समान वैश्य है। हरएक महिला स्त्री मुख समान ब्रह्माणी, बांह समान क्षत्राणी, पेट समान शूद्राणी और चरण समान वैश्याणी हैं।
    लेकिन जब पांचजन हैं तो एक अध्यापक ब्राह्मण/ब्राह्मणी है, दूसरे सुरक्षक चौकीदार क्षत्रिय/क्षत्राणी है, तीसरे उत्पादक निर्माता शूद्राण/ शूद्राणी है और चौथे वितरक वैश्य/ वैश्याणी हैं तथा पांचवे जन चारवर्णो कर्मो विभागो में वेतनमान पर कार्यरत दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन हैं। यही पंचजन्य चतुरवर्णिय व्यवस्था जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय है।

  • @prabhatrajput2827
    @prabhatrajput2827 4 дні тому

    वेदों,शतपथादि ब्राह्मण ग्रंथों ,उपवेदों से आपका कोई सम्बन्ध नहीं केवल पुराणपंथी में ही लगे रहते हैं आपलोग।

  • @xgxhxhchdhcyc125
    @xgxhxhchdhcyc125 4 дні тому +1

    Maharaj Ji hamara samgotri vivah ho gya tha, par sapinda vivah nhi pita se 7 pidhi aur maa se 5 pidhi chodke ke tha, vivah ke pashyat hum poorntah shastra ke aadesho se bhrahm muhurat dono pati patni poojan, aur maa pita ki seva sab kar rhe, maine vivah ke baad ye padha tha ki angi puran adhayay 154 aur manusmriti mein samgotra vivah ke baad.. Lekin ab shapath ke saath poornatah shastra ko aagya manunga aur santaan ko poorntah paaschyat sanskriti se door rakhunga. Kya main ye kar skta hu ki abb main poorntah patit go chuka hu....kya gayatri mein pratidin ki jaise baal awastha se pratidinn kar raha woh karta rhu ki abb manas gayatri karu?

    • @SwamiNigrahacharya
      @SwamiNigrahacharya  4 дні тому +1

      हमारे पास ये सब का समाधान नहीं है। समाधान अपने मन से नहीं होते, शास्त्र से होते हैं। शाकद्वीपीयों में पुरभेदाश्रित विवाह की विप्रतिपत्ति का अपवाद है किंतु अन्य में वह भी नहीं।

    • @xgxhxhchdhcyc125
      @xgxhxhchdhcyc125 4 дні тому

      @SwamiNigrahacharya kya abb hamare kuch bhi nhi bacha hum sanatani bache ya nhi, kuch bhi nhi? Varna shankar ke liye nirdesh ya kuch bhi nhi hota? 😔

    • @LordDajjal432
      @LordDajjal432 4 дні тому

      ​@@xgxhxhchdhcyc125 bhai har galti ko sudhara nhi jaa sakta...

  • @SadhuSastraGuru
    @SadhuSastraGuru 5 днів тому +1

    Dinosaur🦕 10:20

  • @pramodagrawal7112
    @pramodagrawal7112 4 дні тому

    वक्ताओं की विशेषताएं स्पष्ट नहीं हुई

  • @TINGTONGPOWER
    @TINGTONGPOWER 5 днів тому +1

    Pranam. Aapke parichit Sandeep Deo Ji bhi Valmiki Ramayan parr bol rahe hai. Bahut hei 'prakchit' annso ko dekha rahe hai. Ravan bhi brahman nahi tha , iss batt ko prastut keya hai. Maine aapka Sabri Mata aur Raavan wala video ka link daal deya tha. Kuch uttar na aaya.

    • @SwamiNigrahacharya
      @SwamiNigrahacharya  5 днів тому +5

      संदीप देव ओशो का चेला है। उससे और क्या आशा करते हैं आप ? हमने पहले ही प्रक्षिप्तवाद का विरोध करके सारे प्रमाण बता दिए हैं।

    • @LordDajjal432
      @LordDajjal432 4 дні тому

      Asal me yeh log khud ko sastra se bade mante hai..
      Inko jo baat inke accha nhi lagega usko milavat bata denge

  • @भवशङ्करदेशिकमेशरणम्

    बाइबल में भी नहीं मिलता.... कुरान में भी नहीं मिलता..... 🤣🤣🤣🤣🤣

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 3 дні тому

    क्रोध में आंखे लाल होती हैं जीभ अंदर होती है इसलिए चेहरे में जीभ अंदर रखकर मूर्ती चित्र बनाकर सुधार करना चाहिए।

  • @pawanpandey3974
    @pawanpandey3974 5 днів тому +1

    0:10

  • @GauriShankar-qo4ol
    @GauriShankar-qo4ol 5 днів тому +1

    भगवन, क्या "भृंग न्याय* यही है ?

    • @SwamiNigrahacharya
      @SwamiNigrahacharya  5 днів тому +3

      नहीं, वह भिन्न है। उसमें भृंगी कीड़ा तद्रूप होता है

  • @BAAGBIRENDRA-vc8km
    @BAAGBIRENDRA-vc8km 5 днів тому

    *ब्रह्म के नाम पर मूर्ख बनाने वाले मिथ्याचारियों की कमी नहीं है*
    *हम ब्रह्म को उतना ही जानते हैं जितना हमारे शरीर के बैक्टीरिया हमको जानते हैं और दुध दही के बैक्टीरिया दुध दही को जानते हैं*
    *ब्रह्माण्डगुरु बीरेंद्र सिंह ब्रह्माण्ड पीठाधीश्वर*

    • @selfhelp3783
      @selfhelp3783 5 днів тому +1

      Kya aap jante ho ki dudh dahi ke bacteriya usko kitana jaante hain?

    • @UPSCAspirant-f1x
      @UPSCAspirant-f1x 4 дні тому +2

      तुम ब्रह्माण्ड गुरु नहीं कुकुर गुरु अवश्य हैं

    • @BAAGBIRENDRA-vc8km
      @BAAGBIRENDRA-vc8km 4 дні тому

      @selfhelp3783 मान्यवर
      आप विशेष जानकारी के लिए उनसे संपर्क करें जिन्होंने सूर्य चंद्र ग्रह नक्षत्र तारों को पैदा किया है, पहाड़ झरने नदियों झीलों समुद्रों को पैदा किया है, दो महिलाओं से एक बच्चे का आधा आधा शरीर पैदा कर जोड़कर जरासंध बनाया है, महिलाओं से अंडा पैदा कर एक के अंडे से सर्प और दुसरे के अंडे से गरुड़ पैदा किया है, गाय से गोकर्ण हिरण से श्रृंगी ऋषि पैदा किया है

  • @ns7379
    @ns7379 5 днів тому

    आपने जिस भुरूंड़ अथवा भेरूंड़ का उल्लेख किया उसकोही आज ड्रैगन कहा जाता है और जो चीन का राष्ट्रीय पक्षी/प्राणी है।

  • @sanjaytiwari1482
    @sanjaytiwari1482 4 дні тому

    आप अपना मत रखें दूसरे का नाम लेना जरूरी नहीं।

    • @SwamiNigrahacharya
      @SwamiNigrahacharya  4 дні тому +3

      दूसरे का नाम लेना एकदम जरूरी है ताकि लोग उसके ढोंग को पहचानें

  • @bhawnasharma3961
    @bhawnasharma3961 5 днів тому +4

    जय श्री राम महाराज जी , महाराज जी पूरी शंकराचार्य जी कहते हैं की वेदव्यास जी ने महाभारत १००० मन्वंतरों का समाधि अवस्था में दर्शन करके लिखा था , पर महाभारत ग्रंथ में यह कहा वर्णित हैं ?? कृपया बताए प्रभु शंका का समाधान होता तो बहुत कृपा होती आपकी 🙏 ।

    • @suyashdubey2423
      @suyashdubey2423 5 днів тому

      Uss Shankaracharya ko mat suno

    • @nilanjanchka
      @nilanjanchka 5 днів тому +2

      ​@@suyashdubey2423 kyu nahi sune ap kaun hote hai

    • @Anant_Sagar56
      @Anant_Sagar56 4 дні тому +1

      ​​@@suyashdubey2423 तू भाग जा यहां से अगर श्री निग्रहाचार्य जी के कमेंट में श्री पूरी शंकाराचार्य जी की निंदा करनी है तो

    • @anujkumarsingh1172
      @anujkumarsingh1172 4 дні тому

      ​@@suyashdubey2423kyo nhi sune unke jaisa aaj kl aise dekhne ko nhi milege

    • @suyashdubey2423
      @suyashdubey2423 4 дні тому

      @@anujkumarsingh1172 abey ek no ka pakhandi ponga hai tera shankaracharya
      Bus apna pet paal rha h

  • @LordDajjal432
    @LordDajjal432 5 днів тому

    Yehi chal rha pahle prakshipt baad ka natak aur abhi humare devi devta jaise shiv,ganpati, kali ko avedic bata rahe..
    Matalb jus sastra se devi devta ka tattva, swaroopbhut lakshan, murti banaya jata hai identification hota usko sanatn dharm se kat kat alag kiya jaa rha hau..
    Iska ek hi laksh hai. Sanatan dharm kat kat kar khokla kar dena..
    Hindu ko thod thod kar alag karna..

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 3 дні тому +1

    मित्रो! प्रिंट सुधार करवाएं ।
    जब ब्रह्म शब्द में ण जोड़कर ब्रह्मण लिख कर प्रिंट करते हैं तो शूद्र शब्द मे ण जोड़कर शूद्रण लिखकर प्रिंट क्यों नहीं करते हैं?
    यजुर्वेद अनुसार शूद्रं शब्द में बङे श पर बङे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की मात्रा बिंदी लगती है जिसके कारण शूद्रन शूद्रण शूद्रम लिख प्रिंट कर बोल सकते हैं। अत: ब्रह्म में जोड़कर ब्रह्मण लिखा करते हैं तो फिर शूद्र में भी ण जोड़कर शूद्रण लिखना प्रिंट करना चाहिए और शूद्रण ही बोलना चाहिए । अर्थात शूद्रण को उत्पादक निर्माता तपस्वी उद्योगण ही बोलना चाहिए।
    वैदिक शब्द शूद्रण, क्षुद्र, अशूद्र तीनो शब्दो का मतलब अलग अलग समझना चाहिए।
    चार वर्ण कर्म विभाग मे कार्यरत मानव जन ब्रह्मण-अध्यापक, क्षत्रिय-सुरक्षक, शूद्रण-उत्पादक और वैश्य-वितरक होते हैं तथा
    पांचवेजन इन्ही चतुरवर्ण में वेतनभोगी होकर कार्यरत जनसेवक नौकरजन दासजन सेवकजन होते हैं।

  • @Spiritiualmarg
    @Spiritiualmarg 4 дні тому +1

    महाराज जी isckon वाले शिव जी को कामी मानते हैं
    और माता दुर्गा ब्रम्हा जी शिव जी ये भी मुक्ति नहीं दे सकते लिखा हैं उनकी गीता में तात्पर्य 2.2 और 7.14 में

    • @SwamiNigrahacharya
      @SwamiNigrahacharya  4 дні тому +5

      इस्कोन वाले लतखोर हैं।

    • @ananddhamgaudiyaashram
      @ananddhamgaudiyaashram 4 дні тому

      ​@@SwamiNigrahacharya
      श्रीमन नारायण सही बात निग्रह आचार्य जी महाराज 🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹🙏🙏

  • @desipetslowerjunction
    @desipetslowerjunction 2 дні тому

    कलयुग में केवल भजन कीर्तन ही सबसे उत्तम मार्ग हैं। भगवान को पाने का इसलिए समाज को ज्यादा भ्रम में ना डालें और समाज में वो बात करों जो सहज रूप से सबको समझ आए, तुम जैसे कथावाचक केवल अपना कल्याण करेंगे, समाज का कोई भी भला नहीं कर सकते हैं।

  • @ananddhamgaudiyaashram
    @ananddhamgaudiyaashram 4 дні тому

    Jai Shree ManNarayan
    Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🌹🥀🥀🌹🌹🙏🙏🌹🙏🙏🙏

  • @ananddhamgaudiyaashram
    @ananddhamgaudiyaashram 4 дні тому

    Jai Shree ManNarayan
    Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🥀🙏🙏🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🙏🌹🙏

  • @budhprakash9200
    @budhprakash9200 3 дні тому

    मित्रो! प्रिंट सुधार करवाएं ।
    जब ब्रह्म शब्द में ण जोड़कर ब्रह्मण लिख कर प्रिंट करते हैं तो शूद्र शब्द मे ण जोड़कर शूद्रण लिखकर प्रिंट क्यों नहीं करते हैं?
    यजुर्वेद अनुसार शूद्रं शब्द में बङे श पर बङे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की मात्रा बिंदी लगती है जिसके कारण शूद्रन शूद्रण शूद्रम लिख प्रिंट कर बोल सकते हैं। अत: ब्रह्म में जोड़कर ब्रह्मण लिखा करते हैं तो फिर शूद्र में भी ण जोड़कर शूद्रण लिखना प्रिंट करना चाहिए और शूद्रण ही बोलना चाहिए । अर्थात शूद्रण को उत्पादक निर्माता तपस्वी उद्योगण ही बोलना चाहिए।
    वैदिक शब्द शूद्रण, क्षुद्र, अशूद्र तीनो शब्दो का मतलब अलग अलग समझना चाहिए।
    चार वर्ण कर्म विभाग मे कार्यरत मानव जन ब्रह्मण-अध्यापक, क्षत्रिय-सुरक्षक, शूद्रण-उत्पादक और वैश्य-वितरक होते हैं तथा
    पांचवेजन इन्ही चतुरवर्ण में वेतनभोगी होकर कार्यरत जनसेवक नौकरजन दासजन सेवकजन होते हैं।