2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
मुझे लगता है कि बाबासाहेब और साहब कांशी राम जी का सपना पूरा शायद नहीं हो पाएगा। यदि उनका सपना पूरा करना है तो सारे दलित समाज को एक होना पड़ेगा। जय भीम, जय संविधान। जय साहब कांशी राम जी।
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
एक होना है तो किसी एक सुप्रीम मार्गदर्शक को अपनाना होगा जब तक बुद्ध का मार्ग था भारत एक था । बुद्धिज़्म के खत्म होते ही भारत गुलाम हो गया। सभी बुद्ध की शरण में आयें ।
सुरेश जी बसपा में वापस आईये आप और सभी निकाले गए लोगों को साथ लाइये, और राष्ट्रीय अध्य्क्ष का चुनाव हो इस बात को मजबूती से रखिये। सब अलग अलग हुए हैं तो सब फैल हो चुके हैं, एक बहनजी की गलती की सजा सबको मिल रही है।
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
डॉ सुरेश मानेसर मैं आपको प्रणाम करता हूं🙏🙏🙏🙏 आप सही कह रहे हैं सर पार्टी की जो दुर्गति हुई है जाटों का रोग के वजह से हुई है अच्छे कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है
बसपा की हकीकत ये ही है कोई बिधायक या सांसद कार्यकर्ता की नही सुनता है और मायाबती भी दलालों के अलाबा किसी की नही सुनती हैं समाज बनाना जनता है तो मिटाना भी जानता है
जहाँ कहीं भी हमारा कारवां आ कर रुक गया है, उसे एकजुट होकर आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। व्यर्थ की टीका-टिप्पणी और दोषारोपण से कोई लाभ होने वाला नहीं है।यदि हम एक नहीं हुए तो हमारा मिशन 10-15 वर्ष पीछे चला जाएगा। अतः बहुजनो के सभी शुभचिंतकों से नम्र निवेदन है कि निजी स्वार्थ त्याग कर एकजुट होकर कारवां को आगे बढ़ाने की दिशा में आवश्यक कदम बढ़ाएं।
वक्त निकल जाता है तो समाज सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक मुहंमेन्ट मे भि पिछे आता है आगे देखेंगे बोलनेसे नही होता ,बडी मेहनत से महाराष्ट्र के लोगोनो यह मुहमेन्ट बनाया पैसा दिया कही लोग बर्बाद हुये सर
टीका टिप्पणी व्यर्थ की नहीं होती उससे सच्चाई निकल कर आती है। ये बीएसपी के फेल होने के कारणों की समीक्षा हो रही है यहां न बोलेंगे तो कहां बोलेंगे? बाकी जिसको जो नेता अच्छा लगे उसके साथ जाने को स्वतंत्र है।
મને સાહેબ ની સાચી વાત છે જુના કાર્યકર્તાઓ ને મળવું મળવું પડે અને પાર્ટીની વિચારધારા સાથે ચાલુ પડશે અને અને સંગઠન સાથે રાખીને ચાલવું પડશે લોકો વચ્ચે રહીને કાર્ય કરવું હોય છે લોકો તો તૈયાર જ છે કાર્યકર્તાઓમાં ખામી છે પાર્ટી ને બે ઊભી કરવી હોય તો કાર્યકર્તાઓ બદલવા પડશે કાર્યકર્તાઓને સમજાવવા પડતે કાર્યકર્તાઓને જ આ નિષ્ક્રિયતા છે પાર્ટી ચાલુ કર્યું હોય તો આવી જાવ મેદાનમાં તૈયાર જ છીએ 20 વર્ષ પહેલા અમે લઈ આવ્યા હતા આજે આજે ઝીરો પરિણામ થઈ ગયું એ નવા કાર્યકર્તાઓની ખામી છે પાર્ટી કુબી કરવી હોય તો મેદાન માં આવવું પડશે જુના કાર્યકર્તાઓની જરૂર છે
No one dare to speak a single word against working style of Mayawati She knowingly done everything against the interests of her own party Her party organised Several Brahmins sammelans but did not worry to do a single sammelan of Muslims and charged bjp upon its atrocities on Muslims and Dalits Why Muslims will vote her Even she got 2 seats in Uttarakhand Both Muslims Duto Muslims support only She has lost her credentials in minorities, obc and non Jatav Dalits Community in larger forms duto supporting dictatorship acts of bjp govt
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष एक हो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दो हो राष्ट्रीय महासचिव छ हो प्रदेश अध्यक्ष चार हो जिला अध्यक्ष चार हो विधानसभा के चार हो विधानसभा महासचिव चार हो चारों अलग-अलग जातियों को हो 1 चमार, मुसलमान, राजभर ,मौर्य ,कुशवाहा , पासी, सोनकर पासवान सभी पदों रखा जाए तभी जाकर बीएसपी पार्टी मजबूत हो गई 🙏🙏🙏
सर जी ।आप बहुत अचछा विशलेशन किया है ।सर आपसे निवेदन है की आप सब मिलकर मावन मेशराम साहब कि बहुजन मूकति पार्टी को मजबूत कर समाज को जगाने का काम करके दिल्ली में लोकसभा पर कबजा कर सकते हो ।आपसी मनमुटाव को छोड़कर महापुरुषो के मार्ग दर्शक पर चले मै राजस्थान में जिला हनुमागढ में कार्य करता रहा ।और bhangi जाति से था ।लेकिन कार्य करताओ ने जाति को देखते हुऐ कोई भी महत्व नही दिया ।जय भीम नमो बुदाय ।
अब सिर्फ एक ही विकल्प है दलित समाज के लोग बामसेफ में विश्वास करे जैसे बीजेपी को आरएसएस के विद्वानों द्वारा संचालित किया जाता है जबतक बीएसपी बामसेफ। के विद्वानों द्वारा संचालित थी तबतक सत्ता में थी अतः सभी संगठनों को बामसेफ में रहकर ही करे।जो लोग बामसेफ से हटकर काम करे उनका कोई महत्व नहीं दे
बहुजन समाज पार्टी के चुनावी प्रदर्शन से सबसे ज्यादा दुखी विपक्ष के दलित एवं पिछड़े नेता हैं. क्योंकि उनको लग रहा है कि बहुजन समाज पार्टी के दबाव के कारण ही उनको अपने दलों में आदर, सम्मान, एवं पद मिलते थे. अब उनको कोई क्यों पूछेगा ?
डॉ सुरेश माने जी आपका पूरा परिचय क्या है ? अब तो लोगों की भूमिका पर से विश्वास उठ गया है । ऐसा ही मुझे आपके चरित्र पर भी दिल और दिमाग में संदिग्धता उत्पन्न करती है ।
BSP के हार के कारण, मीडिया, ईवीएम, बीएसपी के कार्यकर्ता,bamcef का कैडर का ना चलना। साथ ही बीएसपी के काम को जनता के बीच ना बताना। ब्राह्मणों को ज्यादा टिकट देना।
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@@swarakumari1295 भाजपा के पास ताक़त है पैसा है मायावती को ब्लैकमेल किया गया है । बहनजी ने सोचा होगा भाजपा के साथ मिलकर काम से कम सरकार में तो आएंगी पर भाजपा ने धोका कर दिया
उत्तर प्रदेश में सिर्फ जाति के समीकरण पर ही सत्ता हासिल की जाती है क्या? विकास राज्य के लोगों की जीवन सुधारना कारखाने लगाना ताकि लोगों को काम धंधा मिले इन बातों का लगता है उत्तर प्रदेश के चुनाव में कोई महत्व नहीं होता
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
Mayavati ko Kansiram se chabi milana bikul usi style hua , jaisa J Jai Lalita ko M G Ramchandrn se chabi mila ,| En done ak tarah chabi par kabaza kar liya . Tanasahi +manmanapan +ekdikar + Arthik loot + Hathi ko Ganes +sankh fukna + Samaj & Snghars se doori + Parivavad + vaisa he Bahri Krur Luteria Tantr + khule tour workar ko beejjat karna + Kuchh jatio se nafrat + stis Misra jaison par bharosa + Dalalo se ghirna + Apna dos na dekhna ; adi vajahon se vanchi samaj /85 % ke jajbe ka ,/ Bahujan ko apurniy kshati hua .| Mayavati aur unke parijano ka balle --2 hua . Sabko dos dengi ,par apne soch /raste /satis /brmhmano ko kuchh bhi ,ek lafaz bhi na bolengi | jai bhim jai hind .
Bahan ji satta pakar 72% ya 85% ke liye kya karingi ,? Han Dalalo + Chamcho+ parivar + ghor Manuvadion kabhala karengi . Manuvadion gali avasy dingi , taki 85% hava me jita rahe ,udta rahe . Jai hind. Jai bhim .
*सच्चाई को कभी यारों छोडना नहीं* *अपने वादो से मुख कभी मोडना नहीं* *जो भूल गये भिम के एहसान को हमेशा* *ऐसे मक्कारो से रिशता भुलकर भी जोडना नहीं।* *🙏 Jay Bheem 🙏*
डाक्टर सुरेश जी आपने पूरी सच्चाई को सामने रखकर बताया है, इस आधार पर मुझे लगता है कि भविष्य में परिणाम अच्छा नहीं लगता है, बहुत थोड़ी-सी आशा युवा पीढ़ी आकाश आनंद जी पर बची है। धन्यवाद आपको जय भीम।
अब,BSP को भी RPI बना डाला। प्रथम काशीराम को समाप्त किया। बाद में उसकी पार्टी को। लगता है काशीराम साहब ने अपना उत्तराधिकारी ठीक नहीं चुना। मायावती को काशीराम ने लिखा "चमचा युग" यह किताब समझ में नहीं आया।
बसपा बहुजन समाज कि पार्टी है बसपा में ब्राह्मण भरे हुए हैं, ब्राह्मण जय भीम अगर बोल भी दे तो भी वह कभी बहुजन समाज के लोगों के प्रति अपनी विचारधारा नहीं बदलता
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
मायावती आखिर एक dalit ही साबित हुयी जिनको सावरणों का साथ का पागलपन चढ़ा हुवा रहता है. बहुजन और पिछडों का problem ये है वो सवर्णों कोअपने से ऊँचा मानते है. उनको इस mindset set से बाहर आना चाहिए. तभी बहुजन सावरणों से और उनकी शोषण से डट कर लाडसकते है.
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
वीडियो बहुत अच्छा है डॉ सुरेश माने जी का स्टेटमेंट अति उत्तम है अब समय आ गया है बसपा का अध्यक्ष तुरन्त बदल देना चाहिए , बहन जी को आराम दे देना चाहिए इससे बसपा बच सकती हैं
माने सर महाराष्ट्र के प्रभारी बने तो सब कार्यकर्ते खुश हुये थे , लेकिन माने सर में संघटन और रणनीती ये दो गुणोंका अभाव थोडा है, और मुझे डर था कि यही दो गुणों के आधार माने सर पार्टी से तीन महिनेके अंदर निकाले जायगे बाद में वही हुआ, sorry माने सर
Dr Suresh माने जी ने कई रहस्यों से पर्दा उठाया है, साधुवाद। आपने आकाश आनंद पर कोई टिप्पणी नहीं की। क्या आकाश आनंद मिशन को आगे ले जाने में सक्षम नहीं होंगे? जो आदमी जिस स्टेट में रहता है वो वहां ज्यादा समय देकर अच्छे से काम कर सकता है। आप महाराष्ट्र से हैं तो वहां अच्छे से कार्य करिए और आकाश को फोन करके उसको उत्तराधिकारी बनने को बधाई दीजिए और उसको मिशन क्या है? केसे आगे बड़ना है ये समझाइए। तो ज्यादा अच्छा होगा आकाश के चाचा या मामा की भूमिका निभाकर आप समाज हित का ही कार्य करेंगे। अगर आप यूपी में काम करना ही चाहते हैं तो अभी से फील्ड में आ जाइए और लोगो को समझाना शुरु करिए। तो शायद लोग आपको ही पसंद कर लें। मेरी मंगलकामनाएं आपके साथ है। जय भीम।।🎉
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
बसपा में शामिल होईये माने सहाब और पूरे महाराष्ट्र के अलावा कौनसा प्रदेश की जवाबदारी लेना चाहते लीजिए, बसपा आगे बड जायेगी बाहर रहकर नहीं ,सभी बहुजन दलित अम्बेडकरी नेता बसपा में आईये ,केन्द्रीय कमेटी में शामिल हो और प्रदेशों की जवाबदारी लो बस,बाकी सब जगह ठीक हो जायेगा
बीएसपी में दलाल नेता फॉरन बाहर किए जाए इसमें ही समाज और पार्टी हित है जय भीम जय भारत
डॉ.सुरेश सर् आपकी बात सही है सुधार की बहुत जरूरत आपकी बात में दम है बहुत दुख होता है जब बसपा हारती है
Relly
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
कुछ सुधार करनेकी जरूरत नही avm हटाके देखलो भाजपा एक भी शिट नही ला सकता
मिशन के कार्यकर्ता को टिकट देने चाहिए डॉक्टर माने जी का वक्तव्य है
सर जी ने बहुत सत्य बात की ये सभी BSP को या बहन जी को ये बात समझने की जरूरत है नही समझे तो bsp खतम हो जायेगी
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
श्रद्धेय सुरेश माने जी ने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है | दलाली और अतिविश्वास ले डूबा |👍👌
Jay bhim ji सभी लोग एक होने चाहिए जो इस मुहिम को लेकर चिंतित हैं
यह एक coincidence है डॉक्टर सुरेश माने सर ने को कहा वह सब १००% मेरे मन की बात है।🙏🙏🙏
जब तक मिश्रा जी और मंडली को बाहर नही निकालेगी , पार्टी का भला नही होता दिख रहा
you are right brother
satish mishra gaddar hai....he should region...
lekin Mayawati samajh mein nahin a Raha
Yahi comment main 2014 mein kiya lekin ko samajh mein yah to brahmanon ko apna sir Mora Mana
मुझे लगता है कि बाबासाहेब और साहब कांशी राम जी का सपना पूरा शायद नहीं हो पाएगा। यदि उनका सपना पूरा करना है तो सारे दलित समाज को एक होना पड़ेगा। जय भीम, जय संविधान। जय साहब कांशी राम जी।
Yes
बहुजन समाज का लीडर अच्छा होना चाहिए और सच्चा होना चाहिए कभी हमारा समाज आगे बड पायेगा
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
एक होना है तो किसी एक सुप्रीम मार्गदर्शक को अपनाना होगा जब तक बुद्ध का मार्ग था भारत एक था । बुद्धिज़्म के खत्म होते ही भारत गुलाम हो गया। सभी बुद्ध की शरण में आयें ।
Bsp jindabad 🙏🙏
सुरेश जी बसपा में वापस आईये आप और सभी निकाले गए लोगों को साथ लाइये, और राष्ट्रीय अध्य्क्ष का चुनाव हो इस बात को मजबूती से रखिये। सब अलग अलग हुए हैं तो सब फैल हो चुके हैं, एक बहनजी की गलती की सजा सबको मिल रही है।
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@@jitendrabaudha6482 isiliye to keh raha rashtriya adhyaksh ka chunav ho party mai...Behan ji ki vidai pakki hai fir party se
सर आप जैसे लोगो को पार्टी से बहन जी निकाल दिया लेकिन मुझे डाक्टर सुरेश माने जी जैसे लोगो पर गर्व है और रहेगा जय भीम
मायावती जी कहीं न कहीं अपना स्वार्थ है जिस कारण बहुजन मूवमेंट आगे नहीं बढ़ा रही है
पार्टी में एकाधिकार बनाए रखना
उभरते हुए नेताओं को पार्टी से निकाल देना
किसी को भी पार्टी में चमकने ना देना
यही कारण है कि पार्टी आज पतन के कगार पर है
B s p ka jana dhar 13 stet me hai aap ka kitane stet me hai aap batao
@@NandKumar-bq6ji Jab Ek seat bhee nahi jeet skte to janadhar kya achaar dalne ke liye hota hai? Politics ke liye political wisdom chahiye.
डॉ सुरेश मानेसर मैं आपको प्रणाम करता हूं🙏🙏🙏🙏 आप सही कह रहे हैं सर पार्टी की जो दुर्गति हुई है जाटों का रोग के वजह से हुई है अच्छे कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है
बिल्कुल सही सर जय भीम जय सँबिधान
बसपा की हकीकत ये ही है कोई बिधायक या सांसद कार्यकर्ता की नही सुनता है और मायाबती भी दलालों के अलाबा किसी की नही सुनती हैं समाज बनाना जनता है तो मिटाना भी जानता है
Aap न बिकुल सत्य कहा है किसी नाव को डूबने नाविक का हाथ होता है ना की नाव में चढ़ने वाले को
🙏विल्कूल,सही,विशलेषण,सर,आप,दोनों,महानुभवों, ❤️,से,धन्यवाद, 🙏
जहाँ कहीं भी हमारा कारवां आ कर रुक गया है, उसे एकजुट होकर आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। व्यर्थ की टीका-टिप्पणी और दोषारोपण से कोई लाभ होने वाला नहीं है।यदि हम एक नहीं हुए तो हमारा मिशन 10-15 वर्ष पीछे चला जाएगा। अतः बहुजनो के सभी शुभचिंतकों से नम्र निवेदन है कि निजी स्वार्थ त्याग कर एकजुट होकर कारवां को आगे बढ़ाने की दिशा में आवश्यक कदम बढ़ाएं।
वक्त निकल जाता है तो समाज सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक मुहंमेन्ट मे भि पिछे आता है
आगे देखेंगे बोलनेसे नही होता ,बडी मेहनत से महाराष्ट्र के लोगोनो यह मुहमेन्ट बनाया पैसा दिया कही लोग बर्बाद हुये सर
टीका टिप्पणी व्यर्थ की नहीं होती उससे सच्चाई निकल कर आती है। ये बीएसपी के फेल होने के कारणों की समीक्षा हो रही है यहां न बोलेंगे तो कहां बोलेंगे? बाकी जिसको जो नेता अच्छा लगे उसके साथ जाने को स्वतंत्र है।
अच्छा विश्लेषण किया गया
जय भीम जय मूलनिवासी
बहुत ही गहराई और संजीदगी से आपने विश्लेषण किया...
धन्यवाद आपको 🙏
મને સાહેબ ની સાચી વાત છે જુના કાર્યકર્તાઓ ને મળવું મળવું પડે અને પાર્ટીની વિચારધારા સાથે ચાલુ પડશે અને અને સંગઠન સાથે રાખીને ચાલવું પડશે લોકો વચ્ચે રહીને કાર્ય કરવું હોય છે લોકો તો તૈયાર જ છે કાર્યકર્તાઓમાં ખામી છે પાર્ટી ને બે ઊભી કરવી હોય તો કાર્યકર્તાઓ બદલવા પડશે કાર્યકર્તાઓને સમજાવવા પડતે કાર્યકર્તાઓને જ આ નિષ્ક્રિયતા છે પાર્ટી ચાલુ કર્યું હોય તો આવી જાવ મેદાનમાં તૈયાર જ છીએ 20 વર્ષ પહેલા અમે લઈ આવ્યા હતા આજે આજે ઝીરો પરિણામ થઈ ગયું એ નવા કાર્યકર્તાઓની ખામી છે પાર્ટી કુબી કરવી હોય તો મેદાન માં આવવું પડશે જુના કાર્યકર્તાઓની જરૂર છે
Q
No one dare to speak a single word against working style of Mayawati
She knowingly done everything against the interests of her own party
Her party organised Several Brahmins sammelans but did not worry to do a single sammelan of Muslims and charged bjp upon its atrocities on Muslims and Dalits
Why Muslims will vote her
Even she got 2 seats in Uttarakhand
Both Muslims
Duto Muslims support only
She has lost her credentials in minorities, obc and non Jatav Dalits
Community in larger forms duto supporting dictatorship acts of bjp govt
@@sukhdevbhaidoriya8275 sachi vat chhe saheb manuwadio ne party thi dur karva joiye Ane bahujan agenda chalavo padse tamaro personal mo. No. Apjo
1,कांशीराम बूथ ब्रिगेड 2, सावित्रीबाई फुले महिला मोर्चा 3, छात्र सभा संगठन 4, अधिवक्ता संगठन तब जाकर बीएसपी आगे बढ़ेगी
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
बिलकुल सही विश्लेषण ।जय भीम ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष एक हो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दो हो राष्ट्रीय महासचिव छ हो प्रदेश अध्यक्ष चार हो जिला अध्यक्ष चार हो विधानसभा के चार हो विधानसभा महासचिव चार हो चारों अलग-अलग जातियों को हो 1 चमार, मुसलमान, राजभर ,मौर्य ,कुशवाहा , पासी, सोनकर पासवान सभी पदों रखा जाए तभी जाकर बीएसपी पार्टी मजबूत हो गई 🙏🙏🙏
ऐसा हो नहीं सकता कि जब पूरी देश की जनता को प्रताड़ित की गई हो उसके बाद भी अगर वही पार्टी ज्यादा वोट लेकर आती है तो यह इमानदारी नहीं कही जा सकती
Dr saheb aapne 100 percent Sahi baat kahi h aapko bahut bahut dhanyabaad sir
2007मे केन्द्र में किनकी सरकार थी।उस समय राज्यों में ईमानदारी से चुनाव कराये।
सही बोला है, ईव्हीएम हैकींग धांदली 2014 से ही ज्यादा पैमाने पर आजतक हों रही है......
हम सिर्फ और सिर्फ बुद्धिज़्म अपनाके ही एक हो सकते हैं।
Itna mazak achi baat nahi 😂...dharm ek hone se ekta kabhi nahi ayegi varna aaj sabhi musalman ek hote
@@skepticsage792 फर्क है लल्लूलाल बुद्धिज़्म और बाकी रिलिजन में । भारत में जब तक बुद्धिज़्म था भारत एक था। सही इतिहास पढ़ो।
नमो बुद्धाय
🙏🙏🙏 Sir Aapki sari Baat 100% Right h Aap BSP ko Sambhalo Jai Bheem Namo Boudhay ji
Sir, we will wid u, always.
जय भीम जय भारत जय संविधान
सर जी ।आप बहुत अचछा विशलेशन किया है ।सर आपसे निवेदन है की आप सब मिलकर मावन मेशराम साहब कि बहुजन मूकति पार्टी को मजबूत कर समाज को जगाने का काम करके दिल्ली में लोकसभा पर कबजा कर सकते हो ।आपसी मनमुटाव को छोड़कर महापुरुषो के मार्ग दर्शक पर चले मै राजस्थान में जिला हनुमागढ में कार्य करता रहा ।और bhangi जाति से था ।लेकिन कार्य करताओ ने जाति को देखते हुऐ कोई भी महत्व नही दिया ।जय भीम नमो बुदाय ।
सुदंर डिस्कस सच्ची बात सामने लाई धन्यवाद
अब सिर्फ एक ही विकल्प है दलित समाज के लोग बामसेफ में विश्वास करे
जैसे बीजेपी को आरएसएस के विद्वानों द्वारा संचालित किया जाता है
जबतक बीएसपी बामसेफ। के विद्वानों द्वारा संचालित थी तबतक सत्ता में थी
अतः सभी संगठनों को बामसेफ में रहकर ही करे।जो लोग बामसेफ से हटकर काम करे
उनका कोई महत्व नहीं दे
Right bro
सर आपके सुझाव का समाज को लाभ लेना चाहिए । जय भीम
EVM के मुद्दे को अनदेखा करना बहुत बड़ी मूर्खता है
💯💯
दो बार दिल्ली में केजरीवाल अब पंजाब में बंगाल में कर्नाटक में विरोधी पार्टियां कैसे जीत रही है ईवीएम का रोना छोड़ो और अपने आप में बदलाव करो
EVM के द्वारा गैर-सवर्ण पार्टियों को ख़त्म किया जा रहा है...
केजरीवाल ममता क्यू नही डरती EVM से हार का कोई तो कारण हो तो EVM
ममता बैनर्जी और केजरीवाल दोनों सवर्ण है..और वैसे भी केजरीवाल यह राजनीति में आने से पहले RSS के संगठनों में काम करते थे..
बहुजन समाज पार्टी के चुनावी प्रदर्शन से सबसे ज्यादा दुखी विपक्ष के दलित एवं पिछड़े नेता हैं.
क्योंकि उनको लग रहा है कि बहुजन समाज पार्टी के दबाव के कारण ही उनको अपने दलों में आदर, सम्मान, एवं पद मिलते थे.
अब उनको कोई क्यों पूछेगा ?
Excellent
Dr suresh mane ji
Really good thinking I'm appreciate
Jai bhim namo buddhay app ko and family members
Mukesh Kumar Vice principal in Delhi
डॉ सुरेश माने जी आपका पूरा परिचय क्या है ? अब तो लोगों की भूमिका पर से विश्वास उठ गया है । ऐसा ही मुझे आपके चरित्र पर भी दिल और दिमाग में संदिग्धता उत्पन्न करती है ।
Bahut achhi jankari mili hai , aapka sadhuwad
वामन मेश्राम, प्रकाश आंबेडकर ये दो नाम लेकर् अच्छे संकेत दिये ये नम्रता और बडप्पण जरुरी है😊👌💐💐💐💐👍👍👍👍👍👍
बहुत बढ़िया विश्लेषण है सर।
ये क्लियर हो चुका है कि मायावती दलित विचारधारा को चलाने के लायक नहीं।
Very good information about BSP , Sir.
BSP के हार के कारण,
मीडिया, ईवीएम, बीएसपी के कार्यकर्ता,bamcef का कैडर का ना चलना।
साथ ही बीएसपी के काम को जनता के बीच ना बताना।
ब्राह्मणों को ज्यादा टिकट देना।
Sahi kaha
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
घुमा फिरा कर मत कहिए।
सीधा कहीए बहिन मायावती जी पूरी तरह से जिम्मेदार है।
@@swarakumari1295 ji सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए सिर्फ़ एक व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। हमारी, आप और समाज की भी जिम्मेदारी बनती हैं।
@@swarakumari1295 भाजपा के पास ताक़त है पैसा है मायावती को ब्लैकमेल किया गया है । बहनजी ने सोचा होगा भाजपा के साथ मिलकर काम से कम सरकार में तो आएंगी पर भाजपा ने धोका कर दिया
बहन जी ओबीसी पर राजनीति करे 50%हैं 22%एससी एसटी मिलकर 72% हैं दोनो मिलकर महनत करती हैं 45%मिलता है तो सत्ता बहनजी के पास होगी
उत्तर प्रदेश में सिर्फ जाति के समीकरण पर ही सत्ता हासिल की जाती है क्या? विकास राज्य के लोगों की जीवन सुधारना कारखाने लगाना ताकि लोगों को काम धंधा मिले इन बातों का लगता है उत्तर प्रदेश के चुनाव में कोई महत्व नहीं होता
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
Mayavati ko Kansiram se chabi milana bikul usi style hua , jaisa J Jai Lalita ko M G Ramchandrn se chabi mila ,| En done ak tarah chabi par kabaza kar liya . Tanasahi +manmanapan +ekdikar + Arthik loot + Hathi ko Ganes +sankh fukna + Samaj & Snghars se doori + Parivavad + vaisa he Bahri Krur Luteria Tantr + khule tour workar ko beejjat karna + Kuchh jatio se nafrat + stis Misra jaison par bharosa + Dalalo se ghirna + Apna dos na dekhna ; adi vajahon se vanchi samaj /85 % ke jajbe ka ,/ Bahujan ko apurniy kshati hua .| Mayavati aur unke parijano ka balle --2 hua . Sabko dos dengi ,par apne soch /raste /satis /brmhmano ko kuchh bhi ,ek lafaz bhi na bolengi | jai bhim jai hind .
Bahan ji satta pakar 72% ya 85% ke liye kya karingi ,? Han Dalalo + Chamcho+ parivar + ghor Manuvadion kabhala karengi . Manuvadion gali avasy dingi , taki 85% hava me jita rahe ,udta rahe . Jai hind. Jai bhim .
*सच्चाई को कभी यारों छोडना नहीं*
*अपने वादो से मुख कभी मोडना नहीं*
*जो भूल गये भिम के एहसान को हमेशा*
*ऐसे मक्कारो से रिशता भुलकर भी जोडना नहीं।*
*🙏 Jay Bheem 🙏*
Very nice explain sir..
शानदार बुलन्द आवाज चमचे लोग मायावती के साथ मिलकर बसपा का सत्यानास कर दिया
बहुत अच्छा विश्लेषण
All decision regarding Functioning of BSP should be taken by a committee not by individual Mayawati.
बहुजन कभी एक नहीं हो सकते. इसलिये इनकी गिनती भी हो नहीं सकती. जाणवरोकी गणना हुई ये समजलो. बडा दुःख होता हें.
एकदम सटीक विश्लेषण.
Correct analysis Jai bhim Indian people want your leadership
डा सुरेश सर शेखर आजाद के साथ आए समाज को आपकी आवश्यकता है जय भीम अमन कामले सर का धन्यवाद ऐसे सुलझे इन्सान के विचार सुने जय भीम ।
अनुजाति ,जनजाति,पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक के नेता यदि ब्राह्मणों पर विस्वास करेंगे तो उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम जैसा ही होगा।
डाक्टर सुरेश जी आपने पूरी सच्चाई को सामने रखकर बताया है, इस आधार पर मुझे लगता है कि भविष्य में परिणाम अच्छा नहीं लगता है, बहुत थोड़ी-सी आशा युवा पीढ़ी आकाश आनंद जी पर बची है। धन्यवाद आपको जय भीम।
Thanks sir.
कोइ कुछ भी बोले लोगोने बहुजन संस्कारो को बरबाद नहीं करने का फैंसला लिया है ।
Excellent Dr Mane. We should note Greediness in any leader do not take it longer. Greed for money has finished BSP movement. Now Dr. Mane can lead,
सही बात है माने सर
बहैनजी कीसी की सूनती नहीमीशनरी लोगो की बात न सुना ओर दलोकी बात
सुनना ओर बहेन जी को घमंड आया
ओर घर मे मजा लेती रही ऐसी मे
मैने साहब ने बदुत ही सही बात रखी में इससे 100% सहमत हूं ।।
कृपया नकारात्मक विश्लेषण वाले लोगों को चर्चा में सामिल न करें।
सच पता होना चाहिए
Sir aapki Sabhi baton Se Sahmat Hai
100% Saty aap ne bat kahi hay jaibhim jaibhart namobudhay 🐘
Good information sir
अब,BSP को भी RPI बना डाला।
प्रथम काशीराम को समाप्त किया। बाद में उसकी पार्टी को। लगता है काशीराम साहब ने अपना उत्तराधिकारी ठीक नहीं चुना। मायावती को काशीराम ने लिखा "चमचा युग" यह किताब समझ में नहीं आया।
Jaybhim one India thaem. Sahab ji ki janamotsab ki.lakh lakh badhai 15.3.2023.
Good analysis
Dr manne please do something for the party other wise party will be destroid
बसपा बहुजन समाज कि पार्टी है बसपा में ब्राह्मण भरे हुए हैं, ब्राह्मण जय भीम अगर बोल भी दे तो भी वह कभी बहुजन समाज के लोगों के प्रति अपनी विचारधारा नहीं बदलता
बिलकुल सही कहा है आपने जयभीम जयमुलनिवासी नमोबूध्दाय्
अब गैर ब्राह्मण पार्टी है
बहुजन मुक्ति पार्टी जिंदाबाद
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
मायावती आखिर एक dalit ही साबित हुयी जिनको सावरणों का साथ का पागलपन चढ़ा हुवा रहता है. बहुजन और पिछडों का problem ये है वो सवर्णों कोअपने से ऊँचा मानते है. उनको इस mindset set से बाहर आना चाहिए. तभी बहुजन सावरणों से और उनकी शोषण से डट कर लाडसकते है.
बहुजन मुक्ति पार्टी का कोई मतलब नहीं है।अब हमे आजाद समाज पार्टी को विकल्प के तौर पर मानना पड़ेगा।
ये खुद संगठन बना कर बसपा को कमजोर कर रहे है
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
💯 sahi.
Very good thoughts.
Bahut hi sunder
Sir
Voters of BSP are agrieved as such Mayawati created such situation.
Jai bhim mamo buddhay
You are really trueth
Please hold a debate on waman meshram& BMP.He has been awakening bahujan samaj for the past forty years.
मेश्राम केवल चालीस साल से जगा ही रहा है। मेश्राम जागेगा कब? अभी तक कुछ उखाड़ नहीं पाया राजनीति में। न महाराष्ट्र में न और कहीं।
माने सर आपके संगठन के क्या हाल हैं? आप तो मुख्यमंत्री बन रहे होंगे । आप तो सही रास्ते पर चल रहे थे?
ये खुद cm ke सपने देख रहा है
अगर सत्ता प्राप्ति और पार्टी की बेहतरी के लिए प्रभारियो पर विचार करना होगा।
वीडियो बहुत अच्छा है डॉ सुरेश माने जी का स्टेटमेंट अति उत्तम है अब समय आ गया है बसपा का अध्यक्ष तुरन्त बदल देना चाहिए , बहन जी को आराम दे देना चाहिए इससे बसपा बच सकती हैं
you are right brother
माने सर महाराष्ट्र के प्रभारी बने तो सब कार्यकर्ते खुश हुये थे , लेकिन माने सर में संघटन और रणनीती ये दो गुणोंका अभाव थोडा है, और मुझे डर था कि यही दो गुणों के आधार माने सर पार्टी से तीन महिनेके अंदर निकाले जायगे बाद में वही हुआ, sorry माने सर
You are right sir.
Good analiysis
माने साहब अब क्या करना चाहिए जिससे बसपा मुमेंट आगे बढे।
Very. Good. Comment
Nice and admirable
Satish Mishra and ignorance of Mayawati is responsible for poor performance of BSP. Thanks
Very good video
Wah maane sahab aapne sach bola thanks
मान्यवर साहेब कांसीराम की जयन्ती की अपनो को बधाई ।
Bahut sahi mane sahab bataya
Sir. Thanks. True. Explained. Jai. Bhim. Jai. Bharat. Jai. Savidhan. Jai. Mulnivasi..
आपका कहना सही है बहुजन मूवमेंट खत्म हुआ
Dr Suresh माने जी ने कई रहस्यों से पर्दा उठाया है, साधुवाद। आपने आकाश आनंद पर कोई टिप्पणी नहीं की। क्या आकाश आनंद मिशन को आगे ले जाने में सक्षम नहीं होंगे? जो आदमी जिस स्टेट में रहता है वो वहां ज्यादा समय देकर अच्छे से काम कर सकता है। आप महाराष्ट्र से हैं तो वहां अच्छे से कार्य करिए और आकाश को फोन करके उसको उत्तराधिकारी बनने को बधाई दीजिए और उसको मिशन क्या है? केसे आगे बड़ना है ये समझाइए। तो ज्यादा अच्छा होगा आकाश के चाचा या मामा की भूमिका निभाकर आप समाज हित का ही कार्य करेंगे। अगर आप यूपी में काम करना ही चाहते हैं तो अभी से फील्ड में आ जाइए और लोगो को समझाना शुरु करिए। तो शायद लोग आपको ही पसंद कर लें। मेरी मंगलकामनाएं आपके साथ है। जय भीम।।🎉
Sar aapka sujhav ATI Uttam hai
Mr. Mane has carved the true picture of decline of Bsp and Mayawati. Now it is the history.
सीधे सीधे अध्यक्ष पद छोङो, वर्ना 24 मे 0% हो जाएगी बसपा।।
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया।
सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है।
जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
you are right brother
Malik_nhi_noukar_hataye_jate_hai_ji_purana_membar_jo_rha_hai_comand_dijiye_priwarvad_se_door_rhiye
To whom you are saying that?
Evm के रहते कोई भी अंबेडकरी पार्टी कभी चुनाव जीत नही सकती लिख लो..
2024 में भारत मे सिर्फ 2 ही पार्टी रहेगी, बीजेपी और आप।
You are absolutely right.
Right
Dono RSS
जो मेहनत करेगा वो टिकेगा कोठी में बैठकर चुनाव नही जीत जा सकता
👍👍अगर EVM पे चुनाव होते रहे और EVM के विरोध मे बडा आंदोलन नही हुआ तो नतीजा यही होगा
Very nice
BSP ko TMC, DMK, RJD Shiv Sena se seekhna chahiye.
बसपा में शामिल होईये माने सहाब और पूरे महाराष्ट्र के अलावा कौनसा प्रदेश की जवाबदारी लेना चाहते लीजिए, बसपा आगे बड जायेगी बाहर रहकर नहीं ,सभी बहुजन दलित अम्बेडकरी नेता बसपा में आईये ,केन्द्रीय कमेटी में शामिल हो और प्रदेशों की जवाबदारी लो बस,बाकी सब जगह ठीक हो जायेगा
Aap ka kahana sahi hai