श्री महासू देवता चालीसा shri mahasu Devta chalisa इसे श्रवण कर होगी मनोकामना पूर्ण आचार्यअशीष गौड़

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  • Опубліковано 27 сер 2024
  • उत्तराखंड धाम की पवित्र भूमि को कोटि-कोटि प्रणाम
    इस भूमि को देवभूमि तपोभूमि केदारखंड अनेक नामों से जाना जाता है
    यह ऋषियों मुनियों की तपस्थली रही है
    यहां विभिन्न देव शक्तियों के चमत्कार देखने को मिलते हैं देहरादून ,उत्तरकाशी ,जौनसार ,बाबर- रवाईं ,जौनपुर तथा हिमाचल से लगा हुआ क्षेत्र
    श्री महासू देवता का कृपा पात्र रहा है
    यहां के लोग अपने इष्ट के रूप में श्री महासू देवता को पूजते हैं
    कलयुग में श्री महासू देवता एक ऐसे कृपालु है जो मनुष्य की समस्त मनोकामना को पूर्ण करने में समर्थ है
    इस वचन में कुछ भी संशय नहीं है
    इनके पास कई अलौकिक शक्तियां विराजमान है
    आठों सिद्धियां नौ निधियां इनके इर्द-गिर्द घूमती हैं
    इन्हें चारों खुण्टो,( दिशाओं) का राजा माना जाता है
    यह न्याय के देवता है
    जब व्यक्ति सब जगह से हार कर इनके शरण में आता है तो उसे शत-प्रतिशत न्याय मिलता है और अपराधी को कठोर दंड देते हैं
    जिनके ऊपर इनकी कृपा हो उसे आयु, विद्या, यश, बल, धन, भाग्य एवं ऐश्वर्य आदि की वृद्धि होती है
    जिस प्रकार उत्तराखंड में चार धाम व अनेक तीर्थ स्थल है उसी प्रकार यहां के लोगों का तीर्थ एवं पवित्र धाम हनोल है
    यहां प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया और चतुर्थी तिथि को जागरण (जागड़ा) पर्व मनाया जाता है
    श्री महासू देवता के मंदिर अनेकों गांवों में प्रतिष्ठित है
    इनके शक्तियों के विषय वाचनीय नहीं है इनकी कृपा बिना इनकी स्तुति में एक भी शब्द नहीं लिखा या गाया जा सकता है
    इनके प्रति समर्पण के संस्कार हमें अपनी
    मां श्रीमती सुशीला देवी एवं पूज्य पिताजी स्वर्गीय
    श्री कुशलानन्द गौड़ जी के द्वारा प्राप्त हुए हैं
    जिनका श्री महासू चरणों में दिन रात श्रद्धा भक्ति व प्रेम रहता था
    श्री महासू देवता के प्रति अटूट श्रद्धा के फल स्वरुप मन में जिज्ञासा प्राप्त हुई कि
    श्री महासू देवता की भक्ति को जन-जन तक कैसे प्रसारित किया जाए
    जिसमें मुझे महासू देवता के भक्तों एवं इनके पुजारियों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ
    श्री महासू देवता की चालीसा व आरती को लिखने व गाने के लिए शब्द श्री महासू देवता ने प्रदान किए हैं
    मैं तो एक अल्पज्ञ हूं सिर्फ भक्ति की माला में इन शब्दों को पिरोने का काम किया और आपके समक्ष यह भक्ति की धारा को चालीसा व आरती के रूप में परिणित किया
    यह श्री महासू देवता की कृपा से ही संपन्न हुआ है
    मुख्य उद्देश्य जन जन तक श्री महासू देवता कि भक्ति को पहुंचाना
    इनका पाठ करने से सभी के ऊपर श्री महासू की कृपा प्राप्त हो
    दुखियों का दुख दूर तथा भगवान के चरणों में दृढ़ भक्ति बडे
    आज कई लोग लोग लोभ व लालच में आकर अपने धर्म को छोड़कर अन्य धर्म को अपना रहे हैं जो उचित नहीं है
    हमें अपने इष्ट के प्रति पूर्ण श्रद्धा व विश्वास होना चाहिए
    मैं आशा करता हूं कि यह चालीसा व आरती का पाठ करके
    श्री महासू देवता का आशीष और कृपा प्राप्त करके आप सभी लाभान्वित होंगे
    जय महासू देवता
    यदि कोई त्रुटि हुई हो तो विद्वान गण मुझे क्षमा करें
    यह शब्द ज्ञान के नहीं बल्कि भक्ति के हैं

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