कर्ण तो कवच और कुण्डल के साथ पैदा हुए थे। माता कुन्ती कवच और कुण्डल से ही पहचानी थी कि यह तो मेरा पुत्र हैं। कवच और कुण्डल दान में भगवान श्रीकृष्ण ने नहीं भगवान ईन्द ने माँगा था। क्यो कि ईनद भगवान अपने पुत्र अर्जुन को बचाना था।
जय गौमाता जय गोपाल जय गोविन्द जय श्री कृष्ण राधे राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे हम सुर्य पुत्र अंगराज महादानी वीर कुन्तीं पुत्र परशुरामजी के शिष्य महाराज कर्ण को बारम्बार प्रणाम करता हूं वन्देमातरम जय हिन्द जय भारत
अद्भुत आनंद दृश्य को देखकर मेरी आंखों में भी आनंद की अनुभूति होती है धन्य हैं दानी महावीर कर्ण को सूर्यपुत्र होने पर भारत भूमि को बहुत ही सुन्दर कथा में संजोया गया है।
श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था? नहीं तो जानिये- 1 - ब्रह्मा जी से मरीचि हुए, 2 - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए, 3 - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे, 4 - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था, 5 - वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की | 6 - इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए, 7 - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था, 8 - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए, 9 - बाण के पुत्र अनरण्य हुए, 10- अनरण्य से पृथु हुए, 11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ, 12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए, 13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था, 14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए, 15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ, 16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित, 17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए, 18- भरत के पुत्र असित हुए, 19- असित के पुत्र सगर हुए, 20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था, 21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए, 22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए, 23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे | 24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है | 25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए, 26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे, 27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए, 28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था, 29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए, 30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए, 31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे, 32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए, 33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था, 34- नहुष के पुत्र ययाति हुए, 35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए, 36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था, 37- अज के पुत्र दशरथ हुए, 38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए | इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी (39) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ | शेयर करे ताकि हर हिंदू इस जानकारी को जाने.. 🏹रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य🏹 1:~लंका में राम जी = 111 दिन रहे। 2:~लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं। 3:~मानस में श्लोक संख्या = 27 है। 4:~मानस में चोपाई संख्या = 4608 है। 5:~मानस में दोहा संख्या = 1074 है। 6:~मानस में सोरठा संख्या = 207 है। 7:~मानस में छन्द संख्या = 86 है। 8:~सुग्रीव में बल था = 10000 हाथियों का। 9:~सीता रानी बनीं = 33वर्ष की उम्र में। 10:~मानस रचना के समय तुलसीदास की उम्र = 77 वर्ष थी। 11:~पुष्पक विमान की चाल = 400 मील/घण्टा थी। 12:~रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला। 13:~राम रावण युद्ध = 32 दिन चला। 14:~सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ। 15:~नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी हैं। 16:~त्रिजटा के पिता = विभीषण हैं। 17:~विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए। 18:~राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में। 19:~रावण को जिन्दा किया = सुखेन बेद ने नाभि में अमृत रखकर। यह जानकारी महीनों के परिश्रम केबाद आपके सम्मुख प्रस्तुत है । प्रग्नेश जानी
कर्ण महाराज का लालन पालन सूद के घर हुवा। कृपया शुद्र या शुद जाती की ब्याख्या करें । क्या उस समय भी जाति ब्यवश्ठा थी और कवच कुंडल कर्ण को जन्म से मिले थे, और अंग राज कर्ण सभी से महान था ।धोखे से मारा गया उसको । वो भी मनुवादी जाती व्यावश्ठा का शिकार हुआ है
आदरणीय श्री दुबे जी मेरा घर भी यही है।इस उम्र में आपके द्वारा बहुत ही ऊर्जा के साथ बहुत ही मधुर वाणी में अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक सौन्दर्य के परिपूर्ण स्थल,के स्थानों का वर्णन कर दृश्यावलोकन किया जाता है।शायद आप हिन्दुओं के प्रसिद्ध स्थल वनारस से हैं। मैंने आपके की यूट्यूब पर कई वीडियो देखी है।यूं ट्यूब पर आप श्रेष्ठ स्थान पर सुशोभित हैं।
दानवीर कर्ण जैसा वीर पूरा महाभारत में कोई नहीं था ।। जब दुनिया उसे ठुकरा दिया था । तब दुर्याेधन ने स्वीकार किया था । वीर कर्ण कि मजवूरी थी पाप का संग देना ।।
Aise koi majboori nhi hoti ki ap poori life hi adharm sath de wo bhi tab jab ap etne takatwar ho Samaj ya dharam ko bachane ke liye kuchh bhi nhi kiya kewal arjun se competition bas yhi kiya
आई लव यू अगर आप सच्चे हिंदुस्तानी हैं और सच्चे ब्राह्मण हैं तो आपके पूर्वजों की आप को ऑन हैं हमारे हिंदुस्तान से घूसखोरी मिटा दीजिए करप्शन मिटा दीजिए अगर भगवान चाहेगा तो आने वाले समय में आप प्रधानमंत्री होंगे
आपने सिंधु बॉर्डर से लेकर गाजीपुर बॉर्डर तक किसानों की सारी खबरें दिखाएं आपने उनका बहुत सपोर्ट किया है इसमें आपकी भी जीत है लोकतंत्र की जीत है निष्पक्ष मीडिया की जीत है सर आप से निवेदन है इस पर एक वीडियो जरूर बनाएं क्योंकि आपने कड़ाके की सर्दी में किसान भाइयों का साथ दिया आपने अपने चैनल के माध्यम से यह बताया यह काले कानून है आपने हमेशा इस कानून का विरोध किया इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एक वीडियो सर जरूर बनाएं किसानों के लिए
@@sanjaybabu7082 _Mahabharat_ nahin pari hai kya? Vo roz-roz _Brahmanon_ ko har ek cheez ka daan diya karta tha. _Duryodhan_ ka saath to usay haalaat ki vajah se nibhaana hi para.
जो भी इसवक्त मेरा कमेन्ट पढ़ रहा/रहीं है हम सब एक दूसरे के लिए अनजान है पर फिर भी में भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आपकी life में कोई टेंशन चल रही है हो तो वह दूर हो जाए,आप हमेशा खुश रहें 👍🌹❣️🌹🇮🇳
अंग प्रदेश की पहचान और अंग प्रदेश के गौरव गाथा इतिहास में सिमट कर रह गई, लेकिन आपने अपने विडियो के माध्यम से अंग प्रदेश के लाल महादानी सूर्य पुत्र राजा कर्ण की महानता का बहुत अच्छे से बखान किया, फलस्वरूप समस्त अंग प्रदेश की ओर से आपको कोटी कोटी प्रणाम। लेकिन आपने कभी भी अपने विडियो में अंग प्रदेश का नाम तक नहीं लिया यह वीडियो आपका पूर्णतः अधुरा है। जब आप महाराजा कर्ण की बात कर रहें हैं तो आप उनका परिचय और उनके कर्म क्षेत्र के बारे में बोला हीं नहीं। फिर भी बहुत धन्यवाद। मैं तो अपने आप में गौरवान्वित महसूस करता हूँ की मैं अंग प्रदेश की माटी में जन्म लिया। जय बिहार, जय मुंगेर।
गुजरात के सूरत के तापी नदी के किनारे भी एक मंदिर है। दावा किया जाता है की वही पर भगवान श्री कृष्ण ने अपने पांव के अंगूठे पर खड़ा हो कर कर्ण के अंतिम संस्कार अपनी भुजाओं में ले कर किया था। क्योंकि सारी पृथ्वी पर उनके पांव के अंगूठे जितनी ही जगह बाकी थी जहां किसी जीव की मृत्यु नहीं हुई थी। 🙏
कर्ण के अंतिम संस्कार कुरुक्षेत्र भूमि के पास ही अमीन नामक एक छोटि टेकड़ी पर हुए,,,जो कुमारी भूमि थी,,,ना पेड़ ना पौधा,,,जैसे कि कर्ण की इच्छा थी,,,,और वो प्रभु के हाथों हुए,,,
आदरणीय दूबे जी सादर अभिवादन। कर्णप्रयाग के काफी अध्ययन के पश्चात आप इस समय कर्णशिला पर हैं यह कर्ण मंदिर बाद में किसी लोकल मिस्त्री (शिल्पी) ने यूं ही बना दिया था। इससे पूर्व श्री राम का मंदिर वैष्णव संत स्वामी सीता राम जी द्वारा बनवाया गया। एक चूक हो गई है इसी शिला पर पिंडी रूप में ( जिस पर आँख, नाक कान बनाये गये हैं।) पैरोल देवता का है (पहरेवाल) इस क्षेत्र के भूमिपाल हैं जिसे स्थानीय बोली में भुम्याळ कहा जाता है। डॉ शिव प्रसाद नैथाणी के अनुसार सन् 18 89 की बिरही बाढ के बाद का यह भौगोलिक परिवर्तित दृश्य है यह कर्ण शिला जमीन से थोड़ी ही बाहर दिखाई देती थी और अलकनंदा एवं कर्णगंगा ( पिंडर) का संगम वर्तमान से कुछ आगे ंच पुलिया की ओर वर्तमान चाँदपुर घाट पर होता था। खैर जब कभी फिर आना हो तो... सादर.....
👍👍👍🙏🙏🙏👍👍👍
सूर्यपुत्र, महादानी, महाप्रतापी,महारथी और अंगराज कर्ण को महाप्रणाम 🙏🙏🙏🚩🚩🚩
Munger
@@lovekumar5318 क्या मुंगेर?
समझ नहीं आया क्या बताना चाह रहे है आप?
Karn ke janam ke saath hi kawach Or kundal the maharaj ji sach nhi bol rhe karn ka janam kawach kundal ke saath hi hua tha
@@naturevhumans8134 you are right bro
भाग्यशाली है हम ,
आप के द्वारा ऐसे विडियो देखने को मिलते हैं.
कर्ण तो कवच और कुण्डल के साथ पैदा हुए थे।
माता कुन्ती कवच और कुण्डल से ही पहचानी थी कि यह तो मेरा पुत्र हैं। कवच और कुण्डल दान में भगवान श्रीकृष्ण ने नहीं भगवान ईन्द ने माँगा था। क्यो कि ईनद भगवान अपने पुत्र अर्जुन को बचाना था।
आपने बिल्कुल सही कहा
इनकी ये बात गलत सिद्ध हो रही हें 😆!
जय गौमाता जय गोपाल जय गोविन्द जय श्री कृष्ण राधे राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे हम सुर्य पुत्र अंगराज महादानी वीर कुन्तीं पुत्र परशुरामजी के शिष्य महाराज कर्ण को बारम्बार प्रणाम करता हूं वन्देमातरम जय हिन्द जय भारत
अद्भुत आनंद दृश्य को देखकर मेरी आंखों में भी आनंद की अनुभूति होती है धन्य हैं दानी महावीर कर्ण को सूर्यपुत्र होने पर भारत भूमि को बहुत ही सुन्दर कथा में संजोया गया है।
❤00
जय श्री कृष्णा गुरुजी
श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था?
नहीं तो जानिये-
1 - ब्रह्मा जी से मरीचि हुए,
2 - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए,
3 - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे,
4 - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था,
5 - वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की |
6 - इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए,
7 - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था,
8 - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए,
9 - बाण के पुत्र अनरण्य हुए,
10- अनरण्य से पृथु हुए,
11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ,
12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए,
13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था,
14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए,
15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ,
16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित,
17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए,
18- भरत के पुत्र असित हुए,
19- असित के पुत्र सगर हुए,
20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था,
21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए,
22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए,
23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे |
24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है |
25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए,
26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे,
27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए,
28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,
29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए,
30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए,
31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे,
32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए,
33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,
34- नहुष के पुत्र ययाति हुए,
35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए,
36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था,
37- अज के पुत्र दशरथ हुए,
38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए |
इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी (39) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ | शेयर करे ताकि हर हिंदू इस जानकारी को जाने..
🏹रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य🏹
1:~लंका में राम जी = 111 दिन रहे।
2:~लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं।
3:~मानस में श्लोक संख्या = 27 है।
4:~मानस में चोपाई संख्या = 4608 है।
5:~मानस में दोहा संख्या = 1074 है।
6:~मानस में सोरठा संख्या = 207 है।
7:~मानस में छन्द संख्या = 86 है।
8:~सुग्रीव में बल था = 10000 हाथियों का।
9:~सीता रानी बनीं = 33वर्ष की उम्र में।
10:~मानस रचना के समय तुलसीदास की उम्र = 77 वर्ष थी।
11:~पुष्पक विमान की चाल = 400 मील/घण्टा थी।
12:~रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला।
13:~राम रावण युद्ध = 32 दिन चला।
14:~सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ।
15:~नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी हैं।
16:~त्रिजटा के पिता = विभीषण हैं।
17:~विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए।
18:~राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में।
19:~रावण को जिन्दा किया = सुखेन बेद ने नाभि में अमृत रखकर।
यह जानकारी महीनों के परिश्रम केबाद आपके सम्मुख प्रस्तुत है ।
प्रग्नेश जानी
0
बहुत सुंदर
भाई इतनी जानकारी कहा से लाये
कर्ण महाराज का लालन पालन सूद के घर हुवा।
कृपया शुद्र या शुद जाती की ब्याख्या करें । क्या उस समय भी जाति ब्यवश्ठा थी
और कवच कुंडल कर्ण को जन्म से मिले थे,
और अंग राज कर्ण सभी से महान था ।धोखे से मारा गया उसको ।
वो भी मनुवादी जाती व्यावश्ठा का शिकार हुआ है
Thank you sir jankari dene ke liye♥♥♥
सादर प्रणाम अंकल जी। 🙏🙏।
शानदार वीडियो, खूबसूरत दृश्य।
अदभुद ओर रहस्य मय है जय श्री कृष्ण जी जय महा दान वीर कर्ण
पुरातन संस्कृति व सभ्यता के अनमोल खजानों से सबको परिचित कराने के लिए सहृदय साधुवाद
जय श्री कृष्ण , जय हो दानवीर कर्ण की
सुंदर प्राकृतिक दृश्य, स्पष्ट संवाद के साथ भगवान का दर्शन करवा दिया है, इस व्हिडिओ में आपने.........! दुबे जी 🌹🌹🙏🙏
Qq
Jai shree Krishna
Jai mahadani karn❤
उनको कवच कुण्डल किसी तपस्या से नही जन्म से ही मिला था जब् भगवान सूर्यनारायण के पुत्र वरदान से जन्मे थे महारथी करण🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Aur bhagban Krishna nai nhai lya tha Indra na liya tha
Har har mahadev🙏🙏🙏🙏
कर्ण का अंतिम संस्कार सूरत गुजरात में तापी नदी के तट पर किया गया था और आज भी वह पर तीन पत्तो वाला पीपल का छोटा सा वृक्ष हे।।।इतिहास इसका साक्षी ही ।
Yes
Rt
उसका अस्थि विसर्जन कहा हुआ था
@@MukeshChaudhary-vb1wi पर्याप्त माहिती नहीं
हथिदह, पटना, बिहार में अंतिम संस्कार हुआ था। हथिदह,=हथि(हथेली)+दह(दाह संस्कार)... कृष्ण ने किया था
आदरणीय श्री दुबे जी मेरा घर भी यही है।इस उम्र में आपके द्वारा बहुत ही ऊर्जा के साथ बहुत ही मधुर वाणी में अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक सौन्दर्य के परिपूर्ण स्थल,के स्थानों का वर्णन कर दृश्यावलोकन किया जाता है।शायद आप हिन्दुओं के प्रसिद्ध स्थल वनारस से हैं। मैंने आपके की यूट्यूब पर कई वीडियो देखी है।यूं ट्यूब पर आप श्रेष्ठ स्थान पर सुशोभित हैं।
Excellent sharingggg sir ji🌹🙏🌹🙏🙏🙏🌹🌹🙏🌹🌹
आपका कार्य सराहनीय है जय श्री कृष्णा
वो जानकारी जो बहुत कम लोगो को मालुम है ।धन्यवाद
Danveer karan ki jai ho 🙏🙏🙏🙏🚩
जय श्री कृष्णा , जय हो दानवीर कर्ण की 🙏🏻🙏🏻
चरण स्पर्श गुरुदेव 🙏🙏❣️
बहुत ही बढ़िया गुरु जी ... आप राजनीति जैसे गंदे विषय को छोड़ कर .. कुछ अच्छे वीडियो बना रहे धन्यवाद
DANVEER KARAN EK BAHOT HE ACHA MAHAN YODHA THE AAP NE BAHOT HE ACHE JANKARI DI HA DHANAYWAD JAI SHRI KRISHNA 🙏🙏🙏🙏🙏
"Ati sundar"💐💐💐
🌅🙏ब हू त मस्त तस्वीर का दर्शन कराते हैं
🙏आप चाचा जी🚩
Dubeji bahut badhiya aapne hame Ghar baith ke darsan karva diya ,jai shree krishna
जय श्री राधे 🌹🙏🏼
धर्मवीर कर्मवीर शूरवीर दानवीर अंगराज कर्ण को शत शत नमन
Mari devbhoomi aur Pawan Ho gai aap Jaise mahan patrakaar ke aane se
Love from karanaprayag sir.. ❤🔱🖤🕉
यह स्थान कहां है महाराज जी दानवीर कर्ण का मंदिर कृपया हमें बता दें
दानवीर कर्ण जैसा वीर पूरा महाभारत में कोई नहीं था ।। जब दुनिया उसे ठुकरा दिया था । तब दुर्याेधन ने स्वीकार किया था । वीर कर्ण कि मजवूरी थी पाप का संग देना ।।
Aise koi majboori nhi hoti ki ap poori life hi adharm sath de wo bhi tab jab ap etne takatwar ho
Samaj ya dharam ko bachane ke liye kuchh bhi nhi kiya kewal arjun se competition bas yhi kiya
@@sanjaybabu7082 chup be 😠
आप दुर्लभतम स्थानों का विडियो बनाते हो ,आपका यह कार्य सराहनीय है ।
जय श्री दानवीर कर्ण की जय
आई लव यू अगर आप सच्चे हिंदुस्तानी हैं और सच्चे ब्राह्मण हैं तो आपके पूर्वजों की आप को ऑन हैं हमारे हिंदुस्तान से घूसखोरी मिटा दीजिए करप्शन मिटा दीजिए अगर भगवान चाहेगा तो आने वाले समय में आप प्रधानमंत्री होंगे
Nahi Karn ne pap ka sath nahi diya balki karn ne mitrata ka dayitva nibhaya tha karn mahan hai sabse bada dharmveer hai karn🙏🏻
बिल्कुल मित्रता निभाई है कर्ण ने
Bahut sundar
Jai mahadani Karna ❤❤
आपने सिंधु बॉर्डर से लेकर गाजीपुर बॉर्डर तक किसानों की सारी खबरें दिखाएं आपने उनका बहुत सपोर्ट किया है इसमें आपकी भी जीत है लोकतंत्र की जीत है निष्पक्ष मीडिया की जीत है सर आप से निवेदन है इस पर एक वीडियो जरूर बनाएं क्योंकि आपने कड़ाके की सर्दी में किसान भाइयों का साथ दिया आपने अपने चैनल के माध्यम से यह बताया यह काले कानून है आपने हमेशा इस कानून का विरोध किया इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एक वीडियो सर जरूर बनाएं किसानों के लिए
Danveer karan ko mera sat - sat pranam hai..🙏 🙏
Yaha sab dekh kar mera hirdya saaf ho geya apka dil se dhanyawad apko mera pranam Surya mutra karna mahaan jai shree radhe krishna
Radhey krishna prabu ji
Interest Great nice video 🙏🙏🙏
Karna was real hero in epic Mahabharata as he sacrifices everything for whole life.....
Great video , Jai shree Krishna
Jai Sri Krishna.
Usne sirf apne apko arjun se shretha prove krne k liye struggle kiya
Samaj ke liye kya kiya usne sirf duryodhan ka gulam bna rha
@@sanjaybabu7082 _Mahabharat_ nahin pari hai kya?
Vo roz-roz _Brahmanon_ ko har ek cheez ka daan diya karta tha.
_Duryodhan_ ka saath to usay haalaat ki vajah se nibhaana hi para.
🇸 🇵 🇴 🇹
Mahabharat pdho, serial k chakkar mein na pdo
Very nice 🙏🙏🙏
Karan 😊❤️😍🔥
Apka bahut dhnyavad
Bahut sunder sir
जो भी इसवक्त मेरा कमेन्ट पढ़ रहा/रहीं है हम सब एक दूसरे के लिए अनजान है पर फिर भी में भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आपकी life में कोई टेंशन चल रही है हो तो वह दूर हो जाए,आप हमेशा खुश रहें 👍🌹❣️🌹🇮🇳
Sadar pranam sir jai sree krishn
Jai ho maharthi karan ki🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Dhanyavad 🙏 🙏.. 🙏
जय अंगराज कर्ण। ।
સૂર્યપુત્ર મહા દાની કર્ણ કો બાર બાર સાદર પ્રણામ હતા હું જય શ્રી કૃષ્ણ રાધે રાધે
Brajbhusan ji aap to dhanya hua..hamei bhi kaaya darshan esliye bhut dhanyawad
Jay ho daanveer sree karn maharaj
जय श्री राधे कृष्णा
🙏🙏🙏
Suryaputra Karna ki Jai 🙏🙏🙏🙏 Jai Shri Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏
Aap Logon Ko बहुत-बहुत dhanyvad Aise video banate Rahana
Jay Ho Yogeshwar Krishna ki🕉🙏🚩 Jay mahadani Karn ke🙏🚩
Karna jaisa mahan daani na koi tha aur na koi hoga. Jai ho mahadani karna ji ki 🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏
Wow sir hindi bhut ache bole lete hai
Love you dada .
nice work ✅🙏🏼💪🦁
Radhe radhe mere kanhaiya 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jay shree krishna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Radhe Radhe
Karan Hamesha Amar Rahe🚩🚩🚩🚩🚩🚩🏳🏳🏳🏳
आप हर वीडियो अच्छा ही नहीं बहुत-बहुत अच्छा लगता है बहुत ही सुंदर था kardaprayag
Manish dubey Lucknow
Very nice place sir
Jay Shree Madhab
🙏🙏🙏🙏🙏
Hare Krishna 🧡🧡🧡🕉️🕉️🕉️
Sir ji Aapka aawaj Bahut accha hai
har har Mahadev 🙏🏼
jai shree Ram 🙏🏼
jai sanathani 🙏🏼💪🦁
Jay ho danveer karn Ki 🙏🙏🙏🙏🙏jay
Radhe radhe
I've been to this beautiful place and temple of Karn and krishan.
Jai shree Krishna
Jay ho Dan veer karan
Karn कर्ण नामक अस्त्र शस्त्र से सक्तिसाली संसार में कूच कोई ना था ना और ना ही हो सकेगा
Thanks ❤❤🌹🌹🙏🙏🙏🙏sir...aapne maharathi , danveer karna ka darshan karane ke liye....
Sir Namaskaar.,Kaartik purnimaa ki Aap sabhi ko bahut bahut shuvkaamnaaye.Koti koti Naman paawan Dhaam ko.
सादर चरण स्पर्श
My from nepal jay hind jay siri ram
प्रणाम गुरु जी
अंग प्रदेश की पहचान और अंग प्रदेश के गौरव गाथा इतिहास में सिमट कर रह गई, लेकिन आपने अपने विडियो के माध्यम से अंग प्रदेश के लाल महादानी सूर्य पुत्र राजा कर्ण की महानता का बहुत अच्छे से बखान किया, फलस्वरूप समस्त अंग प्रदेश की ओर से आपको कोटी कोटी प्रणाम। लेकिन आपने कभी भी अपने विडियो में अंग प्रदेश का नाम तक नहीं लिया यह वीडियो आपका पूर्णतः अधुरा है। जब आप महाराजा कर्ण की बात कर रहें हैं तो आप उनका परिचय और उनके कर्म क्षेत्र के बारे में बोला हीं नहीं। फिर भी बहुत धन्यवाद। मैं तो अपने आप में गौरवान्वित महसूस करता हूँ की मैं अंग प्रदेश की माटी में जन्म लिया। जय बिहार, जय मुंगेर।
Veri nice 🙏☀️
Jay shree krisna jay danbir karna
Very very good
श्रीकृष्ण।
गुजरात के सूरत के तापी नदी के किनारे भी एक मंदिर है। दावा किया जाता है की वही पर भगवान श्री कृष्ण ने अपने पांव के अंगूठे पर खड़ा हो कर कर्ण के अंतिम संस्कार अपनी भुजाओं में ले कर किया था। क्योंकि सारी पृथ्वी पर उनके पांव के अंगूठे जितनी ही जगह बाकी थी जहां किसी जीव की मृत्यु नहीं हुई थी। 🙏
Bhai Source kya hai. .? Kyonki Kurukshetra me unki maut hua aur antim sanskar Gujrat itna dur ?
कर्ण के अंतिम संस्कार कुरुक्षेत्र भूमि के पास ही अमीन नामक एक छोटि टेकड़ी पर हुए,,,जो कुमारी भूमि थी,,,ना पेड़ ना पौधा,,,जैसे कि कर्ण की इच्छा थी,,,,और वो प्रभु के हाथों हुए,,,
Radhe Karna❤️❤️
Karna ki jai ho jai ho dan veer karna
Bhai ,surat ke tapi nadi k paas huva he. Pehle barabar janiye,fir video banaye.
मगर महाभारत में तो हमने देखा था कि कर्ण कवच और कुंडल के साथ ही पैदा हुए थे उन्होंने कोई तपस्या करके वरदान में नहीं लिए
Ha
आदरणीय दूबे जी सादर अभिवादन।
कर्णप्रयाग के काफी अध्ययन के पश्चात आप इस समय कर्णशिला पर हैं यह कर्ण मंदिर बाद में किसी लोकल मिस्त्री (शिल्पी) ने यूं ही बना दिया था।
इससे पूर्व श्री राम का मंदिर वैष्णव संत स्वामी सीता राम जी द्वारा बनवाया गया। एक चूक हो गई है इसी शिला पर पिंडी रूप में ( जिस पर आँख, नाक कान बनाये गये हैं।) पैरोल देवता का है (पहरेवाल) इस क्षेत्र के भूमिपाल हैं जिसे स्थानीय बोली में भुम्याळ कहा जाता है।
डॉ शिव प्रसाद नैथाणी के अनुसार सन् 18 89 की बिरही बाढ के बाद का यह भौगोलिक परिवर्तित दृश्य है यह कर्ण शिला जमीन से थोड़ी ही बाहर दिखाई देती थी और अलकनंदा एवं कर्णगंगा ( पिंडर) का संगम वर्तमान से कुछ आगे ंच पुलिया की ओर वर्तमान चाँदपुर घाट पर होता था।
खैर जब कभी फिर आना हो तो...
सादर.....
Danveer Karn Ki Jay
करण को बचपन से ही थे कवच और कुंडल माता कुंती ने ऐसा नाता कवच और कुंडल दान तो इंदर भगवान को दिए थे कवच और कुंडल
ખોટી વાત અંતિમ સંસ્કાર સુરત થયો હતો