ऐसाही होना चाहिये... हर एक किसान को उसके अनाज का योग्य भाव मिलना ही चाहिये.. इसलिये अलग व्यवस्था अलग infrastructure specifically फार्मिंग गुड्स के पुरे देशभर होणा चाहिये..
हमारे नेता सोचते हैं कि नौकर का बेटा अगर इंजिनीयर बन गया तो क्या मेरा बेटा उसके नीचे काम करेंगे? शिक्षा इतना महंगा करों ताकि गरीब का बच्चा काला अक्षर भैंस बराबर लिख लौड़ा पड़ पत्थर हो जायें।
ऐसाही होना चाहिये... हर एक किसान को उसके अनाज का योग्य भाव मिलना ही चाहिये.. इसलिये अलग व्यवस्था अलग infrastructure specifically फार्मिंग गुड्स के पुरे देशभर होणा चाहिये..
Good Speech Sir 💕
Monetize huwa dost?
हमारे नेता सोचते हैं कि नौकर का बेटा अगर इंजिनीयर बन गया तो क्या मेरा बेटा उसके नीचे काम करेंगे? शिक्षा इतना महंगा करों ताकि गरीब का बच्चा काला अक्षर भैंस बराबर लिख लौड़ा पड़ पत्थर हो जायें।
कारन क्या है? दुनिया हमारी माथा का लोहा मानती है, मगर हम कर्मचारी बनकर रह जाते है? मुझे लगता है हम मालिकाना जोखिमों से डर जाते हैं।