सर जी नमस्कार आप पार्कृति को मानते हैं हम भी प्राकृतिक को मानते हैं जो आप निर्देश दे रहे है सर जी आप बहुत अच्छे प्रवचन दे रहे हैं ।लोग समझते हैं लेकिन मानते नहीं सचाइय यही हैं हमारे देश मे झूठी पाखंडी लोग बैठे हैं जाति वादी पर मरते हैं ये पहचान के लिए रखा गया है लोग सोचते है ये भगवान ओ भगवान हमारे हैं गलत सोचते है भगवान एक है ओ है पार्कृतिक का अंश है
*हरी ॐ तत्सत पूज्य सद्गुरु देव श्री रमाशन्कर साहेब जी नमः। आपको सुनकर मै धन्य हो गया। मेरे ही आत्मा को नमस्कार ।कोटी कोटी वंदन हो गुरुदेवजी ।*बंदगी साहेबजी*
कोटि कोटि धन्यवाद जो आपने अपनी जान जोखिम मे डालकर इतनी महत्वपूर्ण सुचना हमें दी। ये अद्भुत समाचार सुनकर तीनों लोको मे बहुत प्रसन्नता हैं । समस्त नर , नारी , सुर , असुर , देवता , मुनि , गंधर्व प्रसन्न हुए । आपके समाचार को सुनकर पुरें ब्रह्माण्ड मे प्रसन्नता हैं पुरा संसार प्रकाशमान हो गया हैं। आपका यह समाचार प्रशंसनीय एवं अविस्मरणीय हैं मानो चारों ओर एक दिव्य ज्योति प्रजवल्लित हुई हो। आगे भी सृष्टि के कल्याण हेतू ऐसे समाचार देते रहे। तीनो लोक आपके ऋणी रहेंगे । इतनी ज़रूरी ओर मानव जाति हेतु कल्याणकारी खबर देने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद । अगर ये खबर भारत के लोगो को ना मिलती तो भारत की समस्त मानव और जीव जाती अपने समूचे जीवन अज्ञान के घोर अंधकार में डूबी रहती। आपने अपने दिव्य खबर के प्रकाश से उस अंधकार को समाप्त कर दिया है: भारत की समस्त जनता आप की सदा ऋणी रहेगी । 😆😆😆
ह कर्म से पिजरा बनेग जैसा कर्म करेग वैसा पिजरा बनेग ईसिलिये कर्म प्रधान है धरधरनी के एक लेखा कर्म गति विश्व रखा जो जी पिजरा नहीं बना पाए ग तो वो जी भटकेग और वही बिमरी बनगा और दुसरे के सरिर मे घुस कर खायेग और बिमरी भी उसिको होग जो अपने कर्म दुवरा भोगेग जो सत मे है उसे कोई बिमरी नहीं होग आसत से जगहा पाते है तब घुसता आप मे सत रहेग तो बिमरी छु नहीं पायेग जीव आतमा भटक गया है ढोग ईसिलिये भोग रहे जीव दया जीव शान्ति जीव रक्षा बार भिश्रा मिले सोये होही तेनोल जगादे भुल बिछर गे होही तेनोल जगादे सेना पति के निद परे होही तेनोल जगादे भिक्षा मिले गुरु देव चराचर जीव के गंढाईया मालिक संत जी ईसतिरि ईसतिरि ही रहे ग वो पुरुष नहीं बनेग पुरुष पुरुष ही रहे ग ईसमे प्रवर्तन नहीं होग जम जम तक ईसतिरि ही रहे गा छमा किजियेग मुझे आपके पुत्र के समान हव हाथ जोर के अर्जी बिन्नी करत हव पिता जी
प्रकृति अपने आप में एक महाशक्ति है। प्रकृति के पांच तत्वों द्वारा शरीर के साथ साथ आत्मा का भी उदय होता है। और इंसान के मरने पर पांचों तत्व प्रकृति में विलीन हो जाते हैं बिना शरीर के आत्मा का कोई महत्व नहीं रहता है।
महाराज जी से कहो की ईश्वर जानने की चीज नहीं है मानने की चीज है । इसलिए जब ईश्वर ने हम मानव के लीए ईतनी सुंदर धरती बनाई है तो उसमें जब तक जीवन है , आनंद से रहिए और उस परमात्मा का गुणगान करते रहिए। जय सियाराम
श्री रमाशंकर साहेब जी आप का प्रबचन बहुत अच्छा लगा जो पाखंडवाद पर सत्य के हथौड़े से वार किया है बहुत बहुत साधुवाद। जय भीम जय भारत जय संविधान नमो बुद्धाय।
भववान जग जीत चुके हैं __🙏🌍🙏🌏🙏🌎 सृष्टि के खेला-लीला-क्रीड़ा में चेतना की शक्ति खेलती है। जर, जोरू (नर-नारी) जमीन एवं पद प्रतिष्ठा खेलाती है। सभी मानव इसी लक्ष्यों में क्रियाशील रहते हैं, इन्हीं के लिए धर्म-अधर्म, सुपथ-कुपथ की चाल चलते हैं। अभिनय के यथार्थ में तन, मन, धन कुल तीन प्रकार की शक्तियां हैं। आयु-वय के सापेक्ष तन की शक्ति की सीमा और मूल्य सीमित है। जग जाहिर है। एक अदद तन की शक्ति विश्व को पराजित नहीं कर सकती है। विश्व का सबसे धनवान व्यक्ति भी विश्व जीत नहीं सकता है। क्योंकि विश्व का धन उसे खरीद लेगा। मन की शक्ति में तीन प्रकार है। ज्ञान कर्म और भक्ति। भक्ति से अपने स्व एवं स्वरूप को जीत लोगे; सृष्टि अभिनय में विश्व को नहीं जीत सकते हो। कर्मनिष्ठा से समाज के एक हिस्से को जीत सकते हो, विश्व को नहीं जीत सकते हो। ज्ञान से स्व को स्वरूप को '14अ'अखिलाण्ड को और सम्पूर्ण सृष्टि को जीत लेते हो। यह शक्ति ज्ञान-कर्म और भक्ति तीनों का समुच्चय है। यह परममनोमय कोश से उत्पन्न होती है। जिसकी जड़ें सीधे-सीधे स्वरूप अखिलाण्ड(ब्रह्माण्ड) परम शक्ति पुंज परमचेतना से ऊर्जा खींचती है
संत जी कास आप राम और कृष्ण से पहले जन्म लिये होते तो आज इस तरह से समाज मे नाना प्रकार के धर्म नहीं होते।सब लोग आपके बताये हुवे रास्ते पर चलते।आपने आने में बहुत देरी कर दी।
@@gudgudika1990 जाति या वर्ण कोई भी हो कर्म से कोई शूद्र बनता है या ब्राह्मण । मैने कई उची जाति को देखा है जिसक़े दिन क़े शुरुआत शराब से भीख, इधर उधर क़े काम कर जैसे तैसे जीने वाले जो 👌शूद्र ही है। आपकी जाति कुछ भी हो आप 🌹निपुण है गरिमा से जीते है तो ब्राह्मण या क्षत्रिय हो सकते है। 🌹कर्म से वर्ण है नाकि जन्म से 🌹विशुद्ध मनुस्मृति पड़े।
जगत रचइता ब्राह्म थे बाभन को मुख से क्षत्रिय को बांह से वैश्य को पेट से और सूद्र को पैर से तो मेरा जानने तर्क़ है ब्राह्म के पति कौन और संभोग क्या मुख बांह पेट और पैर में हुआ,अगर हां तो अब क्यों नहीं अगर नहीं तो आडम्बर है।
ब्रह्मा जी ने मोक्षित कोशिका निकालकर क्लोन द्वारा ब्राह्मण को पैदा किया क्लोन द्वारा सन्त तिपैदा करने में संभोग की आवश्यकता नहीं पड़ती है श्री ब्रह्मा जी ने शरीर के प्रत्येक अंग से को सिकानिकाल करइनको क्लोन द्वारा पैदाकिया जब आज के युग में कलोनसे बच्चा पैदा हो सकता है तोब्रह्मा जी पैदा क्यों नहीं कर सकते
महाराज जी आपके वचनों से मालुम होता कि आपकी वाणी नफरत से भरी हुई है महाराज कबीर साहेब का सहारा लेकर आप बोल रहे हैं आपकी वाणी एक दूसरे की कटाक्ष कर रही है। यह सिधांत कबीर साहेब का नहीं है। आप जी को विचार करना चाहिए ।। श्री सईराम आश्रम सिरसला रामरतन
पहली बात तो यह है कि पैदा कोन हुआ था। मृत्यु तो बाद की बात है। सर्वप्रथम तो समझो कि पैदा कोन हुआ है। कार्यशील कौन है। सब बकवास है। छोड़ दो यह उधेड बुन। कुछ नहीं मिलेगा। सिर्फ जीवन का बहुमूल्य समय और आनन्द विलीन हो जाएगा। दिमाग से उधेड बुन का कीड़ा निकाल दो। जीवन बहुत ही खूबसूरत है। इसे मस्ति से जिओ। 👍👍👍👍❤️❤️
आपको ज्ञान की कमी है ब्रह्मा जी ने किसी देश कल और खंड नहीं बनाये वे तो सम्पूर्ण जगत ब्रह्माण्ड को बनाये उन्होंने सनातन धर्म को बनाया जो प्राकृतिक क़े साथ सम्पूर्ण प्राणीमात्र क़े प्रति सेवा व समर्पण और दया का भाव रकते है। मानव क़े विकृत लोग मुसलमान बनया
साहेब बंदगी गुरु जी आपने जो प्रकृति के लिए तो बहुत अच्छे शब्द के वर्णन किये हैं इसी प्रकृति में सुर्यदेव है क्या सुर्यदेव को भी जल नहीं चढ़ाना चाहिए साहेब बंदगी गुरु जी
जब ब्रह्माजी श्रीहरि नारायण के नाभिकमल से पैदा हुए श्रीहरि के जन हरिजन हैं तब पृथ्वी पर रहने वाले ब्राह्मण ही नहीं सभी जीव जंतु श्रीहरि के जन हरिजन हैं
ब्रह्मा जी ने तो इन्सान बनाए हैं। उस समय तो सभी लोग आदि मानव थे। धीरे धीरे मानव सभ्य होता गया है। जैसे जैसे अवतार, गुरु- सतगुरु आए और उन्होंने अपनी विचारधारा चलाई और उस विचारधारा को लोगों ने बाद में धर्म बना दिया।
ब्रह्मा जी ने जब इंसान बना दिए उसके बाद ब्रह्मा जी की एक न चली। उस इंसान की चली जिसे ब्रह्मा जी ने बनाया। पर लोग बार-बार यह क्यों कहते हैं कि उसकी मर्जी के बिना पत्ता तक नहीं हिलता, लेकिन इंसान अपने से हिंदू ,मुसलमान, सिख, ईसाई हो सकता है। इसका मतलब उसकी कुछ नही चलती इंसान की चलती है। मतलब इंसान अपने स्वार्थ के लिए अपनी मान्यता बदल लेते हैं।
क्यो करु मैं मुस्लिम की बात । समस्या मेरे घर की है तो समाधान भी अपने घर मे करुगा। क्या ये पाकिस्तान है या औऱ कोई मुस्लिम देश ये हिन्दुस्तान है और मैं हिंदुओं को जगाना रहा हूं। जिस मुस्लिम की बात कर रहे हो उसकी एकता देखी है ? यहाँ तो अपने ही भाइयो को उंच नीच बनाकर घृणा करते है। और रही बात मुस्लिम की तो कबीर साहेब ने कहा है "कंकड़ पथ्थर जोड़ के मस्जिद लिए चुनाये त चढ़ि मुल्ला बांग दे क्या बहिरा हुवा खुदाय" तुम सुने ही हो कहा ठीक से कबीर पंथियों का विचार। पहले सुनो जानो तब बोलो धरती पर तुमही एक ज्ञानी नही हो।
महाराज जी से प्रार्थना करता है यह तो सब ठीक है आप शरीर को बता देंगे प्रकृति से बनाया लेकिन आज तो किससे बने इसके बारे में बताइए और आत्मा कहां से आई है इसका जवाब दीजिए
आज का ज्ञान लेकर चल रहे हैं---ब्रह्मा जी ने ब्रह्मांड बनाया---उसमे से एक ही पृथ्वी बनाई---और सिर्फ इंसान बनाया---न देश बनाया न देश की सीमा बनाई----न हिन्दू बनाया न मुसलमान---यहाँ तक की वर्ण व्यवस्था भी उनकी बनाई हुई चीज़ नहीं है---॥ हाँ लेकिन धर्म और अधर्म दोनों उन्हीं की देन है---जहां धर्म का पालन करते हुए देवी देवता-साधू संत-ऋषि मुनी करते हुए नज़र आते हैं वहीं अधर्म का पालन राक्षस-दानव-असुर-दैत्य-शैतान व विभिन्न मत-पंथ-संप्रदाय के लोग करते नज़र आते हैं ॥ आदि काल से आजतक असली लड़ाई धर्म व अधर्म के बीच की है---और बाक़ी सब तो उनके प्यादे हैं ॥ जय हिन्द
mai apse milkar apna rasta tay karna chahta hu apse kaise mil sakta hu plz mujhe margdarsan kijiye mai ek sahi raste ki talashte me hu plz mujhe margdarsan karaye mai abhi tak bhatak raha hu
बहुत बढिया तरह से आपने समझाया। पाखंड छोड़ो। आपस में प्यार प्रेम से रहना चाहिए। जाति पाती का कोई महत्व नहीं। जो कोई भी गलत करता है उसको समझाना चाहिए। किसी जाति विशेष को दंडित नहीं करना चाहिए। किसी जाति विशेष से घृणा करना गलत है। जो भी भगवान है उसका कार्य उस पर छोड़ दो। क्या भगवान कमजोर है आपकी नजरों में। जय कबीर जी। समझाने के लिए आपका धन्यवाद।
सादर साहेब बंदगी साहेब जी 😊😊🙏🙏
Bahut bahut dhanyawad
सादर साहेब बंदगी साहेब।
बहुत सुन्दर संदेश ।।।बहुत बहुत धन्यवाद
सतगुरु कबीर साहब बन्दगी 🙏🙏🙏
Koti koti nmn guru ji bahut hi achha privchn diye ap🙏🙏🙏🙏🙏👏👏👏👏👏👏🌹🌹🌹🌹
सर जी नमस्कार आप पार्कृति को मानते हैं हम भी प्राकृतिक को मानते हैं जो आप निर्देश दे रहे है सर जी आप बहुत अच्छे प्रवचन दे रहे हैं ।लोग समझते हैं लेकिन मानते नहीं सचाइय यही हैं हमारे देश मे झूठी पाखंडी लोग बैठे हैं
जाति वादी पर मरते हैं
ये पहचान के लिए रखा गया है
लोग सोचते है ये भगवान ओ भगवान हमारे हैं
गलत सोचते है
भगवान एक है ओ है पार्कृतिक का अंश है
पाखंडियो को सत्य से प्रेम नही आंख मुदकर पाखंड को मानना पसन्द है।
Jai shree ram
👌💯%
4:45 4:45 4:49 😅n😊😊😊 5:07
आदरणीय पूज्य श्री रामाशंकर जी महाराज को हमारा प्रणाम है
संत जी आपके बताए हुए उपदेश मान कर चलने से कृपया संसार मोक्ष हो जाए जय संत कबीर
❤
Guruji.koti.koti.pranam.aapke
Prabachan.sada.yad.rahenge
बहुत सुंदर गुरु जी
सृष्टि के रचयिता नारी और नार
*हरी ॐ तत्सत पूज्य सद्गुरु देव श्री रमाशन्कर साहेब जी नमः। आपको सुनकर मै धन्य हो गया। मेरे ही आत्मा को नमस्कार ।कोटी कोटी वंदन हो गुरुदेवजी ।*बंदगी साहेबजी*
Jay Gurudev name prabhu ka 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
श्री साहेब जी बंदगी आप की बातों में सत्यता एवम प्रमाणिकता बी
बहुत बहुत आभार जय जोहार ❤❤
🎉 JAI SANT KABIR 🎉
प्रणाम महाराज जी
कोटि कोटि धन्यवाद जो आपने अपनी जान जोखिम मे डालकर इतनी महत्वपूर्ण सुचना हमें दी। ये अद्भुत समाचार सुनकर तीनों लोको मे बहुत प्रसन्नता हैं । समस्त नर , नारी , सुर , असुर , देवता , मुनि , गंधर्व प्रसन्न हुए । आपके समाचार को सुनकर पुरें ब्रह्माण्ड मे प्रसन्नता हैं पुरा संसार प्रकाशमान हो गया हैं। आपका यह समाचार प्रशंसनीय एवं अविस्मरणीय हैं मानो चारों ओर एक दिव्य ज्योति प्रजवल्लित हुई हो। आगे भी सृष्टि के कल्याण हेतू ऐसे समाचार देते रहे। तीनो लोक आपके ऋणी रहेंगे ।
इतनी ज़रूरी ओर मानव जाति हेतु कल्याणकारी खबर देने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद । अगर ये खबर भारत के लोगो को ना मिलती तो भारत की समस्त मानव और जीव जाती अपने समूचे जीवन अज्ञान के घोर अंधकार में डूबी रहती। आपने अपने दिव्य खबर के प्रकाश से उस अंधकार को समाप्त कर दिया है: भारत की समस्त जनता आप की सदा ऋणी रहेगी । 😆😆😆
😀
Aap to bht bade fan ho gye babaji ke...aapko babaji ke paas jakar charan sparsh karna chahiye😂😂
ह कर्म से पिजरा बनेग जैसा कर्म करेग वैसा पिजरा बनेग ईसिलिये कर्म प्रधान है धरधरनी के एक लेखा कर्म गति विश्व रखा जो जी पिजरा नहीं बना पाए ग तो वो जी भटकेग और वही बिमरी बनगा और दुसरे के सरिर मे घुस कर खायेग और बिमरी भी उसिको होग जो अपने कर्म दुवरा भोगेग जो सत मे है उसे कोई बिमरी नहीं होग आसत से जगहा पाते है तब घुसता आप मे सत रहेग तो बिमरी छु नहीं पायेग जीव आतमा भटक गया है ढोग ईसिलिये भोग रहे जीव दया जीव शान्ति जीव रक्षा बार भिश्रा मिले सोये होही तेनोल जगादे भुल बिछर गे होही तेनोल जगादे सेना पति के निद परे होही तेनोल जगादे भिक्षा मिले गुरु देव चराचर जीव के गंढाईया मालिक संत जी ईसतिरि ईसतिरि ही रहे ग वो पुरुष नहीं बनेग पुरुष पुरुष ही रहे ग ईसमे प्रवर्तन नहीं होग जम जम तक ईसतिरि ही रहे गा छमा किजियेग मुझे आपके पुत्र के समान हव हाथ जोर के अर्जी बिन्नी करत हव पिता जी
बिल्कुल सही बात है, महाराज
एक समाज दूसरे समाज को गुलाम बनाने के लिए ''यह रचना की थी। यही सत्य है।
महाराज जी से प्रार्थना करते हैं कि इसका जवाब दीजिए कि आत्मा किसने बनाया और आत्मा कहां से आई है किसी न किसी प्रकृति की है या कोई शक्ति है
Vo tumhe janne keliye guruji ke saran me Jana hoga aese hi nahi pata chalega
प्रकृति अपने आप में एक महाशक्ति है। प्रकृति के पांच तत्वों द्वारा शरीर के साथ साथ आत्मा का भी उदय होता है। और इंसान के मरने पर पांचों तत्व प्रकृति में विलीन हो जाते हैं बिना शरीर के आत्मा का कोई महत्व नहीं रहता है।
महाराज जी से कहो की ईश्वर जानने की चीज नहीं है मानने की चीज है । इसलिए जब ईश्वर ने हम मानव के लीए ईतनी सुंदर धरती बनाई है तो उसमें जब तक जीवन है , आनंद से रहिए और उस परमात्मा का गुणगान करते रहिए। जय सियाराम
सच बात का सामना करने की लोगों में हिम्मत नहीं 💖💖💖🙏 सप्रेम साहेब बंदगी साहेब 🙏🌹🌹🌹
Pradam sat sahiv ji ko
आदणीय संत बाबा को शत शत प्रणाम आप जन जाग्रुत करने के अच्छा और सच्चा देते है,
Jai shree ram
Jai Ho guruji ❤❤
Dhanyawaad guru ji sabhi dharm fake hain keval Satya ki pooja honi chahiye Prem ki pooja honi chahiye 🙏🏼🙏🏼
Hindu chor musalman chor Sikh chor Cristian chor sabhi dharm chor
Bilkul sahi Kah Raha hai Maharaj ji
Bilkul sahi. Kah Hai Maharaj ji💅💅👌🤏🤏☝️🤘✌️🤛🖕🤞🤞✌️☝️🖕👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌺🌵🌵🌵🌵💐💐💐🌻🌻🌻🪴🪴🪴🪴
साहेब बन्दगी ।
अच्छा प्रवचन ग्यान वर्धक प्रेरणादायक है ।
Brama keval sansar,shristi bnayein,sadhu ji
बहुत सुंदर वचन है
श्री रमाशंकर साहेब जी आप का प्रबचन बहुत अच्छा लगा जो पाखंडवाद पर सत्य के हथौड़े से वार किया है बहुत बहुत साधुवाद। जय भीम जय भारत जय संविधान नमो बुद्धाय।
मुर्ख लोग मुर्खों को ही अपनी नफरती ज्ञान देते हैं। यह महाशय उसी में से एक हैं
St st naman
Shri Rama Shankar sahayak ko dhanyvad
Kisake chakar me pane ho Yadav ji Krishn bhagavan hai gita paro pata chal jayega
भववान जग जीत चुके हैं
__🙏🌍🙏🌏🙏🌎
सृष्टि के खेला-लीला-क्रीड़ा में चेतना की शक्ति खेलती है। जर, जोरू (नर-नारी) जमीन एवं पद प्रतिष्ठा खेलाती है। सभी मानव इसी लक्ष्यों में क्रियाशील रहते हैं, इन्हीं के लिए धर्म-अधर्म, सुपथ-कुपथ की चाल चलते हैं। अभिनय के यथार्थ में तन, मन, धन कुल तीन प्रकार की शक्तियां हैं। आयु-वय के सापेक्ष तन की शक्ति की सीमा और मूल्य सीमित है। जग जाहिर है। एक अदद तन की शक्ति विश्व को पराजित नहीं कर सकती है। विश्व का सबसे धनवान व्यक्ति भी विश्व जीत नहीं सकता है। क्योंकि विश्व का धन उसे खरीद लेगा। मन की शक्ति में तीन प्रकार है। ज्ञान कर्म और भक्ति। भक्ति से अपने स्व एवं स्वरूप को जीत लोगे; सृष्टि अभिनय में विश्व को नहीं जीत सकते हो। कर्मनिष्ठा से समाज के एक हिस्से को जीत सकते हो, विश्व को नहीं जीत सकते हो। ज्ञान से स्व को स्वरूप को '14अ'अखिलाण्ड को और सम्पूर्ण सृष्टि को जीत लेते हो। यह शक्ति ज्ञान-कर्म और भक्ति तीनों का समुच्चय है। यह परममनोमय कोश से उत्पन्न होती है। जिसकी जड़ें सीधे-सीधे स्वरूप अखिलाण्ड(ब्रह्माण्ड) परम शक्ति पुंज परमचेतना से ऊर्जा खींचती है
ब्रम्हा जी ने नही बनाया ये लोग खुद बन गये खुद बन गये ब्रम्हा जी राज करने के लिए।
RAMASHANKAR SAHEB AAP KO KIS JATI KA BANAKAR BRAHMA JI NE BHEJA BATAO TO SAHI
संत जी कास आप राम और कृष्ण से पहले जन्म लिये होते तो आज इस तरह से समाज मे नाना प्रकार के धर्म नहीं होते।सब लोग आपके बताये हुवे रास्ते पर चलते।आपने आने में बहुत देरी कर दी।
Koi bhi dharm na to shree Krishna ji na hi Ram ji ne na allha ne ,ye ensan ne hi apne svarth ke liye dharm jati banai hai.
@@RanbirSingh-rj5lx बिल्कुल सही।
Sahab. Ji.koi.muslman.ke.bare.me.bolo
@@RanbirSingh-rj5lx w
यह संती जी की सच्चाई सभी धर्मों पर लागू होती है।
हमारे देश मेरे मुर्ख बाबाओ का कमी नहीं है
Aap ko dekhar lag raha
Moorkh babao ko bhi moorkh logo ne niyukt kiya hai.
Itna gayan kaha rakhte ho ,subham,baba
@@gudgudika1990 जाति या वर्ण कोई भी हो कर्म से कोई शूद्र बनता है या ब्राह्मण । मैने कई उची जाति को देखा है जिसक़े दिन क़े शुरुआत शराब से भीख, इधर उधर क़े काम कर जैसे तैसे जीने वाले जो 👌शूद्र ही है। आपकी जाति कुछ भी हो आप 🌹निपुण है गरिमा से जीते है तो ब्राह्मण या क्षत्रिय हो सकते है।
🌹कर्म से वर्ण है नाकि जन्म से 🌹विशुद्ध मनुस्मृति पड़े।
@@gudgudika1990 हिन्दू समझ अपने धर्म क़े आये कमियों को जनता है और दूर भी करता है हमारे डाकितो को भाई मानते है पर तुम जैसे लोग हमसे नफरत करते हो
जगत रचइता ब्राह्म थे बाभन को मुख से क्षत्रिय को बांह से वैश्य को पेट से और सूद्र को पैर से तो मेरा जानने तर्क़ है ब्राह्म के पति कौन और संभोग क्या मुख बांह पेट और पैर में हुआ,अगर हां तो अब क्यों नहीं अगर नहीं तो आडम्बर है।
ब्रह्मा जी ने मोक्षित कोशिका निकालकर क्लोन द्वारा ब्राह्मण को पैदा किया क्लोन द्वारा सन्त तिपैदा करने में संभोग की आवश्यकता नहीं पड़ती है श्री ब्रह्मा जी ने शरीर के प्रत्येक अंग से को सिकानिकाल करइनको क्लोन द्वारा पैदाकिया जब आज के युग में कलोनसे बच्चा पैदा हो सकता है तोब्रह्मा जी पैदा क्यों नहीं कर सकते
मोक्षित की जगहमुख् पढे
Guru ge ko parnam
ज्ञान देनेके लिए धन्यवाद है।
रमाशंकर बाबा अल्प ज्ञान, खतरनाक होता है, 3:04 कुतर्क से समाज की हानि होती है। मान्यताओं की मर्यादा रखें।
महाराज जी आपके वचनों से मालुम होता कि आपकी वाणी नफरत से भरी हुई है महाराज कबीर साहेब का सहारा लेकर आप बोल रहे हैं आपकी वाणी एक दूसरे की कटाक्ष कर रही है। यह सिधांत कबीर साहेब का नहीं है। आप जी को विचार करना चाहिए ।। श्री सईराम आश्रम सिरसला रामरतन
अच्चा ग्यान
सृष्टि रचयिता अजन्मा अनादि है,
धर्म युग के अनुसार है, धन्यवाद्
Baba yah Agni Kaun Hai Kahan Se Aati Hai Jise Tum Atmaram kah rahe ho ya Atmaram kaun hai Thoda vistar se bataiye
Nice katusaty hai Sir it's a really great job to humanity keep it up we are with you sir ❤❤❤
Good. The🌻🌹🪴🪴✌️✌️🌺🌺🌺🤘🤘💐🍔🙏🙏✍️🌻🌹🌉✌️🌺🌺✌️🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌵🌵🌺🌺✌️🌺🌵🌵
Saheb ji saheb Bandgi
दुनिय मे एक धर्म हे मानव धर्म
बिल्कुल सच ते सही कहा आपने बाबा जी।
महोदय जी थोड़ा ज्ञान कुरान और मुसलमान पर भी देवें तो समझ पाएंगे आपके ज्ञान का स्तर!पूरा ज्ञान हिन्दू धर्म पर ही देंगे क्या?
Ye bharat me rahte hai to yahi ke bat na bolenge,aur fir ye kisi ka paksh to nahi le rahe hai
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब बकवास humanity only
हिंदू धर्म ही पांखड का खजाना है
ये संत नहीं है. भाषा इनकी दोगली है.
पहले हिदुओं की बीमारी तो दूर हो।
जय गुरुदेव
जय कबीर साहेब बंदगी साहेब
जो मोहि जाने। ताहि मैं जानो।।
लोक वेद का। कहा न मानों सद्गुरु कबीर
बहुत सुंदर बात कही आपने
Bohat hi achha gyan hai
बहुत बढ़िया
पहली बात तो यह है कि पैदा कोन हुआ था। मृत्यु तो बाद की बात है।
सर्वप्रथम तो समझो कि पैदा कोन हुआ है।
कार्यशील कौन है।
सब बकवास है। छोड़ दो यह उधेड बुन। कुछ नहीं मिलेगा। सिर्फ जीवन का बहुमूल्य समय और आनन्द विलीन हो जाएगा।
दिमाग से उधेड बुन का कीड़ा निकाल दो।
जीवन बहुत ही खूबसूरत है। इसे मस्ति से जिओ। 👍👍👍👍❤️❤️
आपको ज्ञान की कमी है ब्रह्मा जी ने किसी देश कल और खंड नहीं बनाये वे तो सम्पूर्ण जगत ब्रह्माण्ड को बनाये उन्होंने सनातन धर्म को बनाया जो प्राकृतिक क़े साथ सम्पूर्ण प्राणीमात्र क़े प्रति सेवा व समर्पण और दया का भाव रकते है। मानव क़े विकृत लोग मुसलमान बनया
Apo dipo bhav
To Brahma ne jatiwarn bhi banaya hoga ,aor hame pata hai jatiwarn mai kitna daya ka bhav rakhte hai
@@gudgudika1990 कुछ पढ लिख लो तब टाइप करो तथाकथित भीमवादी
@@akhtaransari4157 ब्रह्मा ने शिया शुन्नी देवबन्द अहमदिया नहीं बनाया मगर अल्लाह जरूर बनाया।
Mai to na Allah aor na bhagwan ko manta hu to ,mai kyu Sia Sunni, Brahma , jatiwarn ko manta hu
सत साहेव जय भीम नमो बुद्धाय
जय जय जय भीम
Jay guru 🙏
साहेब बंदगी गुरु जी आपने जो प्रकृति के लिए तो बहुत अच्छे शब्द के वर्णन किये हैं इसी प्रकृति में सुर्यदेव है क्या सुर्यदेव को भी जल नहीं चढ़ाना चाहिए साहेब बंदगी गुरु जी
महाराज जी धन्यवाद----बिल्कुल सही विश्लेषण
jai bhim jai johar good guru ji 💙💙💙💙💙
Kaun mara ye mai apko bataunga Kabhi aana hamre cg me mahatma ji
Saheb bandgi
प्रकृति से सब बना है
और प्रकृति किसने?
बाबा जी इस संसार को आपने ही बनाया है
Baba ji ne nahi andhbhakto ne banya hai
जब ब्रह्माजी श्रीहरि नारायण के नाभिकमल से पैदा हुए श्रीहरि के जन हरिजन हैं
तब पृथ्वी पर रहने वाले ब्राह्मण ही नहीं सभी जीव जंतु श्रीहरि के जन हरिजन हैं
Duniya,brahmha,ji,ne,hi,banai,hai
आपका प्रवचन करना है कैसे मिलेआपका प्रवचन करना है कैसे मिले आपसे
Guru ji aapko or aapke Kabir ji or pura brahmand ke log milkar 5tatv se ek sarir bana dijiye .ham aapke gulam ho jaenge hamko parmad de dijiye.
ब्रह्मा जी ने तो इन्सान बनाए हैं। उस समय तो सभी लोग आदि मानव थे। धीरे धीरे मानव सभ्य होता गया है। जैसे जैसे अवतार, गुरु- सतगुरु आए और उन्होंने अपनी विचारधारा चलाई और उस विचारधारा को लोगों ने बाद में धर्म बना दिया।
ब्रह्मा जी ने जब इंसान बना दिए उसके बाद ब्रह्मा जी की एक न चली। उस इंसान की चली जिसे ब्रह्मा जी ने बनाया। पर लोग बार-बार यह क्यों कहते हैं कि उसकी मर्जी के बिना पत्ता तक नहीं हिलता, लेकिन इंसान अपने से हिंदू ,मुसलमान, सिख, ईसाई हो सकता है। इसका मतलब उसकी कुछ नही चलती इंसान की चलती है। मतलब इंसान अपने स्वार्थ के लिए अपनी मान्यता बदल लेते हैं।
Jaybhim
जय जय जय भीम
ग्रेट सही है bhot upr ki baat he , sb ko समझ मे नही आएगी, महात्मा है आप पूर्णब्रम पर्भ पार ब्रम का ज्ञान देते हो
Aapne samajh Lia bahut Acha.
🙏🙏
🎉🎉
हमको लगता है तुम्ही जगत के रचनाहार हो
Sahib bandgi
ब्रम्हा ने जगत बनाया...संस्कारो और विचारो से भिन्न मत और समुदाय बने.....
महाराज जी जब सृष्टि रचना हुई ना कोई हिंदू था ना मुसलमान था ना सीख ना इसाई सब इंसान थे यह तो हमने धर्म जात बनाई है ।
जैसी करनी वैसीभरनी
❤
Satya hee sanatan hai sanatan hee Satya hai
गजब बुड़बक है। बिहारी है क्या?
Brahma ji ulti se bachche paida kar sakte the to baki desho me hindu kyu nahi 😊
It is very easy to speak on Hindu dharam.why baba lok not speak on Islam.
क्यो करु मैं मुस्लिम की बात । समस्या मेरे घर की है तो समाधान भी अपने घर मे करुगा। क्या ये पाकिस्तान है या औऱ कोई मुस्लिम देश ये हिन्दुस्तान है और मैं हिंदुओं को जगाना रहा हूं। जिस मुस्लिम की बात कर रहे हो उसकी एकता देखी है ? यहाँ तो अपने ही भाइयो को उंच नीच बनाकर घृणा करते है। और रही बात मुस्लिम की तो कबीर साहेब ने कहा है "कंकड़ पथ्थर जोड़ के मस्जिद लिए चुनाये त चढ़ि मुल्ला बांग दे क्या बहिरा हुवा खुदाय" तुम सुने ही हो कहा ठीक से कबीर पंथियों का विचार। पहले सुनो जानो तब बोलो धरती पर तुमही एक ज्ञानी नही हो।
वो कहते अल्ला, येशु तो cimpitishion हो गया।❤
Andhvishwas par prahar Jay kabir Jay Bhim jai sanvidhan
महाराज जी से प्रार्थना करता है यह तो सब ठीक है आप शरीर को बता देंगे प्रकृति से बनाया लेकिन आज तो किससे बने इसके बारे में बताइए और आत्मा कहां से आई है इसका जवाब दीजिए
अच्छा तो 👉👶🐕🐖 एक ही आत्मा होती हैं की अलग 😄😄
आत्माओं की संख्या सीमित है या असीमित।
ये संत बिना माँ बाप के पैदा हो गए. इन्ही संत के प्रबचन के अनुसार.
@@jaishankarsingh426 भाई आत्मा की कोई संख्या नहीं होती।
महाराज जी ब्रह्मा जी ने तो केवल मानव बनाए जातियां तो यहां बने हैं धर्म तो केवल सनातन था और है मुसलमान तो अलग से बने हैं अपने आप से
To fir hidu bhi banaya gayahe
@@padayaharshadkumar9812 pehle hindu ka concept hi nhi tha. Sanatan hamesha se tha.
Lagta hai Brahma ji ne tumko nahi, balki tumne Brahma ji ko banaya hai
Brahma was rapist of his own daughter
जब ये सृष्टि अपने आप नही हो सकता है कोई बनाता है, तो मुसलमान अपने आप कैसे हो गया ?
Jaybhim sir.
जय जय जय भीम
आज का ज्ञान लेकर चल रहे हैं---ब्रह्मा जी ने ब्रह्मांड बनाया---उसमे से एक ही पृथ्वी बनाई---और सिर्फ इंसान बनाया---न देश बनाया न देश की सीमा बनाई----न हिन्दू बनाया न मुसलमान---यहाँ तक की वर्ण व्यवस्था भी उनकी बनाई हुई चीज़ नहीं है---॥ हाँ लेकिन धर्म और अधर्म दोनों उन्हीं की देन है---जहां धर्म का पालन करते हुए देवी देवता-साधू संत-ऋषि मुनी करते हुए नज़र आते हैं वहीं अधर्म का पालन राक्षस-दानव-असुर-दैत्य-शैतान व विभिन्न मत-पंथ-संप्रदाय के लोग करते नज़र आते हैं ॥ आदि काल से आजतक असली लड़ाई धर्म व अधर्म के बीच की है---और बाक़ी सब तो उनके प्यादे हैं ॥
जय हिन्द
भाई इंसान का धर्म क्या है। कमेंट में जरूर बताना जी
@@sureshchand7493 करुणा-दया-सेवा-सम्मान-स्वाभिमान-स्वतन्त्रता-परोपकार- और अधर्म का नाश ॥
Sahi baat hai
mai apse milkar apna rasta tay karna chahta hu apse kaise mil sakta hu plz mujhe margdarsan kijiye mai ek sahi raste ki talashte me hu plz mujhe margdarsan karaye mai abhi tak bhatak raha hu
दंभिन्ह निज मन कलपि कर |
प्रगट किए बहु पंथ ||
किया किसने मानव ने, तब काहे कहते हो सब उसकी मर्जी से हो रहा है।
Brhma ji ne manva bnae .
Kabirsaheb ka Anurag Sagar kya h
बहुत बढिया तरह से आपने समझाया। पाखंड छोड़ो। आपस में प्यार प्रेम से रहना चाहिए। जाति पाती का कोई महत्व नहीं। जो कोई भी गलत करता है उसको समझाना चाहिए। किसी जाति विशेष को दंडित नहीं करना चाहिए। किसी जाति विशेष से घृणा करना गलत है। जो भी भगवान है उसका कार्य उस पर छोड़ दो। क्या भगवान कमजोर है आपकी नजरों में। जय कबीर जी। समझाने के लिए आपका धन्यवाद।