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Pranam acharya ji......aap aurato ko itna gehrai se kaise smjhatey ho..aisa kya hua k aap iss trf mudey..koi hadsa koi ghatana aapke parivar me .aapke kisi apne k sath ...jisne aapko aurato ki manobhavo ya unki sthithi se itna jod diya k aap unke liye iss trh bolte h jaise swayam k liye bol rahe ho........mera ye puchne ka udeshya ye h k har aadmi jo aurat ko direct ya indirect exploit karta h uske sath wo hadsa kiya jaye( kafi vichitrr bola maine) ya wo connect kar paye...plzzzzzz btaye
Hello Sir myself Shika Mira ek Chhota bhai he Final year me ek Bada bhai Hai Jo Society ke Saab say over age ho Chuka Hai toShaadi me m com Final year me hu sunne me aapko story Lagegi ki mere pita The great Ne hum teno Ka bachpun Barbad kar mekoi Kasoor Baaki na ki uska affair Tha ek ladies K Saath ab takHey ski retirement, do Saal Baaki Hamari financial status kabhi Achi The nahi Kanha Ka matlab hai Ki mere pita Ke paas Bahut paisa Hai but wo Hamari Liye kabhi nahi hai na kabhi bhi tha lockdown ke bad ek rista aata hai mujhe nahi pata chala in sab cheej ke bare me n suddenly Suba 7 baje khate hai ki do lady aaygi or tujhe deak legi For the Grace of God ki Aap Kehte ho Krantikari toh wo me hu kisi borker ne batya ladki Siddhi sadhi hai or fone bhi nahi hai kul melakar She’s virgin ohoo or kya chahiye Boy ko passa bhoat hai Ladki ki koi Hai na Nahi hote or bas ho chukka baat jab waha Talk pauchi toh Adult film or by the grace of porn unnatural sex ki baat karne laga The Maine kaha actually use Ummeed Nahi thi Ladki na koi boyfriend Ne rakha kabhi party Nai curry or may Joe pochata Any kind of subject isse kise Patta Jab Maine kaha Sab natural hoga Toh Kahta ki isse sacha pyaar Kehte hain I talk my mama in Sab ke baare me joCollege ke liye Nikalte samay hi Poochhti thi ghar kitty Baje she gave me shocking answer sheets mene saari Umar Dukh Dekha To Mat Toad She took little bit poison on tongue Q key many Bottle giradi shikha chapter close bus ab kuch nahi lutne ka intzaar
@Gurudutt Yadav क्या आप बेवकूफ व्यक्ति हैं आचार्य श्री के बारे में जानते हैं पहले उनके बारे में जानिए फिर कोई कमेंट करें... आप तो गाली खाने के लायक भी नहीं हो
आपकी बात हर महिला भी नहीं समझ सकती बहुत गहन अध्ययन है मैं आपसे पूर्णतः सहमत हूँ मै डबल एम. ए. बी.एड हूँ, लेकिन जौब नहीं किया कुछ परिवार वालों का दवाब, परिवार का सहयोग न होना, और अपनी सुरक्षा की भावना, जरूरतें पूरी हो रही हैं इसलिए आराम की जिंदगी जीना. लेकिन सन्तुष्ट नहीं हूँ, अपने जीवन से, हमेशा कुछ करने की चाह रही, आज भी है, अब तो आलसी जीवन,
मेरे पास भगवान की दया से सबकुछ है, लेकिन मुझे हमेशा एक मार्गदर्शक की कमी महसूस होती है, मेरे परिवार के लोग संतोष जनक जवाब नहीं दे पाते मेरे सवालों के ।मैं डिप्रेशन मे चली गयी थी ,अभी मेरा इलाज चल रहा है। आचार्य जी की बात सुनकर मुझे अच्छा महसूस हो रहा है।
मैं एक अनुसंधान के क्षेत्र से जुड़ी हूँ आज आपका व्याख्यान सुन कर एक दिशा मिली कि अपनी सेवा निवृत्ति के बाद ऐसी महिलाओं के लिए कार्य करूँगी जो पढ़िलिखी होने के बाद भी विचारों से पुरुष पर ही अधीन है और ये इनकी आत्महत्या का मुख्य कारण है आचार्य जी मैं आपके विचारों से बहुत प्रभावित हूँ आप महिलाओं पर और भी विडीओ बनाएँ महिलाओं को स्वयं को समझने में सुविधा होगी आपका बहुत बहुत आभार
अच्छा लगा ऐसे सच्चे मरदो से मिलकर जो औरत को सच्ची और गहरी मोहब्बत और इज्जत से नवाजते हैं मुझे तो लगा था कि मैं ही ऐसा सोचती हूँ मगर आपकी बातें सुनी तो आत्मविशवास दोगुना हो गया हर तरफ घटिया सोच और बुराई देखकर लगता था कि पता नहीं अच्छे लोग कहां हैं और आज मुलाकात हो गई आपसे धन्यवाद आचार्य जी हमें हमसे मिलाने के लिए, और बेहतर बनाने के लिए
आचार्य जी आज आप भले मानुषों की बात चीत को सुनकर ऐंसा महशूस हो रहा है जैसे भगवान की कृपा बरस रही है मुझ पर.. मेरी उम्र 57 है..पढाई म किया है पर शादी बच्चों के फेर मे पड़ कर अपने पैरों पर खडा होने का सपना धरा रह गया.. बड़ा ही कुंठित जीवन जिया मैंने, बल्कि अफसोस होता है अपना विकास न कर पाने का.. अभी हालत ये है की सब्जी लेने जाने का तक मन नहीं होता बाहर.. एकदम ही घर का पालतू पशु बनकर रह गई हूँ पर आपके बात सुनकर अभी कुछ chehges लाने की कोशिस करूँगी.. हिर्दय से आपका आभार.. आपके लिए ढेरों दुआ ये.. 🙏🙏
मुझे नहीं पता मेरा क्या होता, अगर एक साल पहले आचार्यजी ना मिलते मुझे। आप जैसे महिलाओं के लिए बोलते है, वैसा कोई नहीं बोलता। मेरे जीवन की गलत धारणाओं को दूर कर, क्या आवश्यक़ है यह बतलाया। आप ही मेरे सच्चे गुरु है, मार्गदर्शक है। नमन आचार्य 🙏🙏
आप महिलाओं के लिए बिल्कुल सटीक बोलते हैं आचार्य जी ऐसा आज तक मैंने किसी को बोलते नही देखा ,,,धन्य हैं आप ।आचार्य जी मेरी माताजी की सरकारी नोकरी उनके विवाह से पहले ही लग गयी थी ,,,पिताजी की सर्विस शादी के बाद लगी उन्होंने माताजी को अपनी नौकरी छोड़ने को कहा पर माताजी ने मना कर दिया ,,,वो हमेशा आर्थिक स्वंत्र रही और मैं भी यही मानती हूं कि अगर आपको स्वाभिमान के साथ जीना है तो आर्थिक रूप से स्वतन्त्र होना अनिवार्य है।
I am an IT professional. I got married just before COVID lockdown, so I have been living at my in-laws house for 1 n half years. I have tasted the feel of being housewife. I went on the verge of depression and suffering from chronic migraine now. Now, my office is opening and finally will be going to another city and have a place of my own. I can't imagine how women spend whole lives being housewives and that too in husband's house. 😔
Even for me it is unfathomable when I see women choosing to live in like housewives. I mean it's beyond my understanding that why'd someone choose encaged life.
@@deepakkimola4936 i think during previous years, activities of daily living needed lot of efforts and hard work. Just getting drinking water was a big hurdle. Now we have more facilities and availability of commodities easily. Then it was sensible but now is the time for the women to come out and explore outside world.
सही कहा आचार्य जी,,जीवन व्यर्थ जाने का दुख ,,एक पढ़ी लिखी महिला का सबसे बड़ा दुःख है...,,आत्मसम्मान और आजादी विहीन जीवन जीना मरने के ही बराबर है🥺 आप बहुत गहराई से हम स्त्रियों के जीवन की विवेचना और व्याख्या करते हैं,,नतमस्तक हूं आपके विचारों के आगे🙏
आज तक हाउस वाइफ के बारे में इतना चिंतित किसी को नही देखा हम औरते खुद भी यही समझती थी के यही हमारा जीवन है और परम कर्तव्य और इसे कर्तव्य का नाम देकर न जाने हमसे कितने सालो से घर पर बाई जैसी हालत कर दी है...पढ़ी लिखी सजी धजी सोने का हार पहनी हुई बाई ।😣😣
51:45 बुरे से बुरा क्या होगा जान ही तो जाएगी...आत्महत्या करने से तो अच्छा ही है ना... एकदम सटीक विश्लेषण किया आचार्य जी आपने धन्य है हम जो आप जेसे कि गुरु मिले हमें🙏🙏
हर इंसान की ये ज़िम्मेदारी है कि वो एक मुक्त जीवन जिये और मुक्ति का मतलब स्वच्छन्दता नहीं होता, मुक्ति का मतलब होता है आत्मा से जीना, सही जगह से जीना। आचार्य प्रशांत
इतनी मार्मिक, तार्किक, सहज, सरल, यथार्थवादी, गहनतम विश्लेष्ण एवं समीक्षा तथा स्पष्टता महिलाएं की स्थिति को लेकर मैंने ना तो कभी अपनी आईएएस प्रिपरेशन में और ना ही महिलाओं की स्थिति को लेकर होने वाली महत्वपूर्ण बौद्धिक संवाद में जिनमें महिलाओं की स्थिति पर काफी रिसर्च कर बौद्धिक लोग शामिल होते हैं वहां पाई, जितनी आज इस छोटे से संवाद से मिली हैं आचार्य जी आपका तहेदिल से शुक्रिया एवं आपको नम आंखों से नमन🙏 इतनी स्पष्ट रोशनी देने के लिए, साथ-ही दोनों स्वयंसेवियों का भी विशेष आभार कि उन्होंने कितने महत्वपूर्ण सवाल गहराई के साथ, एक गहरे अवलोकन से आचार्य जी के समक्ष रखे एवं पूरी संस्था का तहेदिल शुक्रिया😍🙏
Thank you so much.. I am also full educated, but i am house wife and going on depression. But today my mind open after watched your video. Surey i will find job in one month so i will be busy and increase my confidence. Thank you so much guru ji for show us correct path
Hello, apne jo bhi points uthaye hain is video me unme se bahot hi sari chijon ko jhela hai Maine. So called well educated, financially, socially very well in-laws kept harrasing indirectly for dowry and child for years. Though I was never dependent even on my husband. But luckily I found the courage and got separated and now divorce case is going on. Life is much more free and peaceful 💗😇. Still not dependent on anyone. Though my 10 yrs with them were very very depressing but I learnt too many things, got to know many realities of life and people. Mujhe pata chala ki log apne bhram, ahankar, lalach, irsha aur jhalan ke karan kis kis had tak gir sakte hain. Mere jivan aur logon se related sare bhram tut gaye🙏. Log rakshash aur pishachon ki tarah sirf khun chuste hain apni biwi aur bahuonka. Sari ladkiyan bahar nahi aa pati aise situations se itna mentally and emotionally damage kar diya jata hai unhe. Koi self confidence nahi reh jata fir chahe khud kitni hi educated ho aur kamati bhi ho. Ye chal Raha hai ajkal India me ke kaise ek achi khasi independent ladki ko relations ke nam par gulam bana diya jaye aur apne swarth pure kiye jaye jivanbhar.
It's all about women themselves. My Dadi was a widow at the age of 25 but she was a Congress worker in pre independence era. Even in the small town people remember her till today. My mother was a good student my Dadi wanted she should continue study and become lecture but my father was not interested and my mother listened to my father. Women have to make choices for themselves.
Well exactly. Once I was casually talking my father casually said " whatever your mother wants, she can get easily is she living a bad life or something?" It's not about getting things. It's about freedom. Internal freedom. Be it a man or woman, people easily victimize themselves. No girl in a fight you're the first and last person to your stand.
Woman ku sucide kr rhi....aajkal dowry ka kitna seen h...bina dahez ke koi baat nhi krta....phle shadi k time do uske baad aage bhi dete rho...agr na do ..phir maar maar kr bura haal krte h sasural wale...ladki becharri na apne parents ko kuch bol skti ..pati wasie nhi sunta....toh maregi nhi toh kya kregi...........2nd chezz ....jb bache ho jate h...unko kon dekh rehk krega.....bachon ko kiske bhariosen chode....aajkl kisi pr trust kr skte h kya...choti choti bachiyon ka rape ho rha...phir kasie woman job kre....chote bache ko pdana bhi hota h...school chodna lekr aana time se khana khilana sulana kon krega....ye prasant achyra btynge...bs yehi bolte h..job ku nhi kr rhi...agr woman job kregi...toh phir pati ko chodni pdegi....chote bache ko maid kr bharosen nhi chod skte...iss baare m bole prasant ji.....Rape se kitni death ho rhi daily woman aur choti bacheon k...iss baare m koi baat nhi krta
Nhi Pooja Mishra no kbhi nhi Mt krna ye Fight n win n even har v jao fir utho U know mujhe to kyi bar kha gya Totally depends on medicines Kyi problems hn jine ki koi wjh nhi Fir v marna nhi h jbtk bhgwan ji n bulayen Wajah Khoj lo but don't do plz It's request
छोटी छोटी दैनिक जीवन की चीज़े महिलाएं अगर खुद करने लगे और पुरुषों पे उन चीज़ों के लिऐ आश्रित न रहे तभी वह मूल रूप से स्वंतत्र जीवन जी पाएगी। साथ ही साथ देश के उन्नति में भी सहायता कर पाएगी और इससे दुसरी महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी अपने आंतरिक बंधन का त्याग करने की। धन्यवाद आचार्य जी हमे असल बात से परिचित कराने के लिए।🙏
बिल्कुल सही मुद्दा,आज के समय बाहरी महिलाओं को मान और घर की महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है,उनका जीना मुश्किल कर दिया गया है,इस पर कोई तो पहल करे,बहुत दुख होता है,
प्रणाम आचार्य जी, आप से अच्छा महिलाओं का शुभचिंतक न कोई हुआ है न होगा। महिलाएं अगर आपकी बातों को जीवन में उतार लें तो महत्वहीन जीवन जीने से मुक्त हो जाएंगी। आपकी बातें जीवन के हर क्षेत्र में आत्मसम्मान के साथ जीने के लिए प्रेरित करती हैं। स्त्रीयों को भी आत्म स्वरूप में देखने के लिए धन्यवाद।
आचार्य जी प्रणाम हमारा समाज एक पुरुष प्रधान समाज है चाहते हैं कि महिलाओं पर हमारा अधिकार है और महिलाएं हमारे अनुसार ही चलें महिलाओं के बारे में इतनी गहराई से इतना नहीं सोचता जितना कि आप उनके बारे में सोच रहे हो सच में आपने महिलाओं के बारे में गहराई से सोचा है ऐसा कोई नहीं कर सकता आप महान हो आचार्य जी जो महिलाओं को जीना सिखा रहे हो आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हो महिलाओं के लिए इसमें आप बहुत से पुरुषों की आलोचनाओं का शिकार भी हो रहे होंगे लेकिन कोई भी व्यक्ति अच्छा कार्य करता है तू समस्याएं तो जरूर आएंगे गुरु जी आप महिलाओं को जीना सिखा रहे हो वास्तव में आप समाज में बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हो जो कि एक महान पुरुष ही कर सकता है मैं तहे दिल से धन्यवाद करती हूं कि आप महिलाओं के लिए इतना अच्छा कार्य कर रहे हो आचार्य जी प्रणाम🙏🙏🙏🙏
घरेलू हिंसा , दहेज , सास - ननद के अत्याचार ये सब मुख्य वजह आत्महत्या के कारण रहे हैं , इसके अलावा भी सबसे खास कारण महिला का आत्मनिर्भर नही होना,!! इसीलिए आत्मनिर्भर बनें dear ladies...
Itni sachchi baatein aap social media mein rakh rahein hain iske liye shat shat baar pranaam Gurudev.Aaj tak koi mard nahi huaa jo sachchi baat rakh sakein.Aurat ke dard ko aatmsaat kar sake.Par aapne bilkul satya baat kah di.Sach mein vah 20 se 35 tak hi age hoti hai.Mere saath aur padosh mein bhi main aapki sachchaee dekh rahi hun
आचार्य श्री आपकी महिलाओं के जीवन के प्रति संवेदानशीलता को देखकर हिर्दय आपके प्रति शुद्ध प्रेम से भर गया है आप प्रति आदर उत्पन्न हो रहा है.. भगवान आपको स्वस्थ और सुरक्षित रक्खे.. 🙏🙏
आप एकदम सही बोल रहे है आचार्यजी । शेरनी बनकर शान से जीना चाहिए चेतना के आधार पर । इन छोटे-मोटे से निकल लेगे हम । बहुत अच्छा आपने मार्गदर्शन किया स्त्रीयों का । इन भेङीयों से डरना क्या ।
I am a teacher who is also always forced to leave job and take care of family because my husband earns well . As I am not leaving but he dominates in one way or other. During our picnics or tours during summer vacations I am never allowed to go and spend time with students because if I will spend 10-12 days out they have to work at home and do work and take care of kids. I do earn but still can’t go on vacations by spending my money so i do agree
प्रणाम आचार्यजी , मैं भी घर संभालकर बाहर का काम करती हूं। लेकिन जिंदगी जीना किसे कहते हैं यही भूल गई हूं, जहां जाओ सबकी सुननी पड़ती है।अपनी मन की करने का अधिकार हमसे हमारे जन्मदाता ही छीन लेते है तो बाहर के लोगो से क्या शिकायत करे?घर मैं कुछ भी हो मायके वाले इज्जत का नाम लेकर हमे चुप करा देते है।अगर कुछ भी बोलो तो विद्रोही बन जाते है। लेकिन आप की बात सुनकर दिल भर आता है की असल मे हम भी इंसान है, हमे भी जीने का अधिकार है।आप हमारा मार्गदर्शन करते रहे यही बिनती है।
This is the most inspiring video..... There are no. of things that I used to do without thinking of my hidden intentions.... I can relate to every words u have said...... Heart touching.... Naman aacharya ji🍁🍁🍁🍁
घर के अनावश्यक काम से मैं परेशान हूँ, घरवालों का मन रखने के लिए हर पल अपने मन को मारना पड़ता है और अपने विचार रखने के कारण मैं पूरे घर की खलनायक बन गयी हूँ। मैं जीना चाहती हूँ अपने दम पर।🙏
Divorced hu ek beti bhi hai bohat bohat zada toucher harreshment bardast ki khudkhusi karney ka bhi sochi thi aaj se 6 years pehley but pregnant thi uss samay depression mai rehney lagi ek friend kbohat samjhaney par khud ko sambhal pare fir ek job ki kam salary but firse jina shuru ki aap ki har video dekhti hu bohat sukun mehsus hota hai aap ki batein sun kar aap pehley purush ho jo ek nari k dukh ko samajh pa rahey ho, Thank you sir
Aachay Ji ne ek general bat kahi hai....iska matlab ye nahi ki sare purush Bhediye hi hain....Ek general bat ab main kahena chahunga.....ki Aachary Ji ka magdarshan mila hai toh....bhediyon ko sher bana dijiye aur khud sherni ban jao....aap log toh bhediyon ko bhi Pattaa pahna k khush hona chahti hain.....bus ye na karo...🙏🙏
Acharya Prashant, thank you for raising this issue. I have seen this all around me, in upper class society, in lower middle class and working class families. The exploitation and psychological, social, and financial suffocation that women face. Yes, house wives face financial dependence and humiliation over their day to existence. But even working women are in no better situation. They struggle in male dominated workplace with toxic politics and harassment. Come back home and treated as nobodies. Because as a woman how can she hope to be treated with respect for her education or high rank. That privilege is only for men. If a woman earns and tries to assert some likes and dislikes, then the family turns around and says, "Paise ka dhauns dikha rahi hai". As a woman, no matter what you do, you can't be right. Educated women are realising the futility of their advanced degrees and high packages because in most places she has to depend on a man to shelter her existence, whether Father/Brother, or husband. Then this man controls her existence. Simple things like going for a walk, meeting a friend. Women, whether, educated or uneducated, are paying a price for being women. Now women are educated enough to realise what's happening with them. That is depressing them and causing suicides. Earlier, women were kept uneducated, financially dependent, or at least unaware of their rights and possibilities of freedom. They were reduced to the level of cattle. With some honourable exceptions. I have seen extremely talented, capable women being restricted to kitchen and home. This is done to keep them under control. Eventually, these women develop psychological or physical ailments. On the surface they get respect as Mrs So & So, but they have no real power or agency to take even basic life decisions. Not marrying is not an option because our society is ready to pounce as vultures on a woman who lives alone, or even a family of only women, without a man. So in truth, there is no real respect for a woman if she is not associated with a man (Father/Brother/Husband/Son). Even elderly women who live alone, or don't have a son, are targeted and harassed. Women have been educated and evolved more, but men usually don't want to change because the current structures are in their favour. Or, so the men feel. A thinking man will see the damaging aspects of patriarchy.
आचार्य जी को बिना किसी माइक, टेबल के बिना सहजता से बोलते हुए सुनना आनंद की अनुभूति देने जैसे था पता ही नहीं चला कब समय खत्म हो गया। इस तरह के वीडियो बहुत सुंदर और आत्मीय है , ऐसे प्रकाश देने वाले और संवाद अपेक्षित है ।।
Thnx sir 🙏 aapko sunkar life ko jine ka tarika smjh aaya aaj .....es samaj main hmesha ak auort ko phle papa fir husband or uske bad bccho k tariko se apni life gujarni pdti h...kyuki hmesha se wo yhi dekhti huvi aayi h ....yhi to chang lana hoga sbko apni life main hum aurat hone se phle ak insan h ......♥️♥️♥️♥️ Ab bari h khud k liye jine ki 😘😘
सही बोल रहे हैं आचार्य जी sb kuch milne ka matlab ye nahi ki hm khus हैं 4 तोला सोना लाद दो अच्छे अच्छे कपड़े lelo achha achha khao lekin ghar me कैदी ki तरह रहो।ये बर्दास्त नहीं हो रहा है। हमारे अंदर भी आत्मा है हममें भी जान है मिट्टी की गुड़िया नहीं हैं की साज सज्जा कर के bs बैठो 😢😢😢
Many women will get inspiration by hearing this. Men also listen this to change the life. I realised but it's too late.Anyway I am working with a very little salary. Hat's off u to sir
Guru ji i am lucky mujhe aap mil gye ..nhi to itni sari baatein jo mere mn me hamesa se aati rhi h or ise har taraf nakar hi diya gya ..mujhe khud bhi lgne lga tha ki hm to aise hi rhne k liye aaye h ..aapne sb samjha diya dhanyavad🙏🙏
सही कहा आचार्य जी, आज की पढ़ी लिखी लड़कियों का भी यही हाल है आत्मनिर्भरता नहीं, उन्हें ज्यादा पैसे वाला पति चाहिए।उन्हें समझ ही नहीं कि काम सिर्फ पैसे के लिए नहीं किया जाता बल्कि उससे हमारे जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिलता है, हमारे भीतर निर्णय लेने की, आत्मविश्वास की, समस्या से जूझने की शक्ति मिलती है।
The subject is wast not of 1 hr 18 minutes only and even when only a person is analysing with just one data, the points that are explained needs debate instead..
Samjh gyi aachary ji... Thank you 😇 😇 Mere mind me kabhi aisa aya hi nhi Even mumma mere ko bolti ki khana banana important hai... Mai ne hamesha bola ki khana important hai pr mai sirf khana nhi banaugi... Job to chahiye mujhe.... Thank you mujhe samjh aya ki mai sahi thi Gratitude 🙏🙏
I m 49...me b khub udna chati thi... Udaan bhri b... Pr akele rhne se drti thi......young ldkiyon ko dra dia jata h suraksha k naam pe.. Aur phir quaid ho jati hn wo... Lifelong.
Even if you are independent Your family members like your brother His wife wants to enjoy your hard earned money Society thinks madam well qualified h Dikhne m acchi h Fir Shaadi kyon nahi karte Colleagues think you are available Since you are unmarried So you end up marrying a wrong person
Right sir, bhut si educated girls jinko m bhi janti hu vo bhi yhi thinking rkhti h ki hum kyu kaam kre jb ghr p itni property h. This is the totally lost her education, freedom and the most important her respect. Thnk you for this explaination. 🙏🙏
Sir apka bahot bahot dhanyawad aapki baate sunkar bahot kuch sikhne ko mila hai Ek nai urja aur roshni mili hai, jivan me apne liye kuch mahatvpurn nirnay lene ke liye hi himmat juta pa rahi hu 🙏🙏🙏🙏🙏
Ladka 12th pas ho Aur ladki graduate post graduate ho to bhi ladki ghr baithi hogi ladka kisi bh trh se kma ra hoga ye maine bhot achi achi society me dekha hai
मैने आपका यह विडिओ दो बार सुना.मै आपकी हर एक बात से सहमत हूं.मेरे जीवन में मुझे बहुत विरोध सहना पडा.मै कुछ न कर सकी.मुझे उन बातों का बहुत अफसोस हैं.मैं शादी के पहले से ही यह जानती थी की घर में बैठे रहने से हम घर की नौकरानी बन जाते हैं और सर्विस करने से या अपना कुछ उद्योग करने से ही हम घर की रानी बन जाते हैं.खूद कमानेसे ही खुद के निर्णय ले सकते है.वरना हमें कोई पुछता तक नहीं. लेकिन अब दुख करनेसे कोई फायदा नही.इसलिए भगवत् गीता ही मेरा सहारा बन गयी है.गीता पढनेकी और समझने की और आचरण में लाने की कोशिश करती हूं.आपको प्रणाम.
U r great acharya ji 🙏 Apki video jb s dekhi hai me apne apko bhut strong smjhne lgi hu or bn bhi gyi mentally bhi or koshish kr rhi hu physically bhi strong bnu Taki koi bhi apna rope Jamane s phle soche .... Bhut kuch chl ra life me ..... Apka ashiryawad chiye me apne ladai lad Saku.....
aj meri bhut bdi problm solve ho gyi apki bato ne phir se jindgi jine ka rasta khol diya apko sat sat naman guru ji aur apka virodh whi krega jis pagal ko apki bat smjhe nhi aaegi
संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान हेतु: solutions.acharyaprashant.org
Pranam acharya ji......aap aurato ko itna gehrai se kaise smjhatey ho..aisa kya hua k aap iss trf mudey..koi hadsa koi ghatana aapke parivar me .aapke kisi apne k sath ...jisne aapko aurato ki manobhavo ya unki sthithi se itna jod diya k aap unke liye iss trh bolte h jaise swayam k liye bol rahe ho........mera ye puchne ka udeshya ye h k har aadmi jo aurat ko direct ya indirect exploit karta h uske sath wo hadsa kiya jaye( kafi vichitrr bola maine) ya wo connect kar paye...plzzzzzz btaye
Hello Sir myself Shika Mira ek Chhota bhai he Final year me ek Bada bhai Hai Jo Society ke Saab say over age ho Chuka Hai toShaadi me m com Final year me hu sunne me aapko story Lagegi ki mere pita The great Ne hum teno Ka bachpun Barbad kar mekoi Kasoor Baaki na ki uska affair Tha ek ladies K Saath ab takHey ski retirement, do Saal Baaki Hamari financial status kabhi Achi The nahi Kanha Ka matlab hai Ki mere pita Ke paas Bahut paisa Hai but wo Hamari Liye kabhi nahi hai na kabhi bhi tha lockdown ke bad ek rista aata hai mujhe nahi pata chala in sab cheej ke bare me n suddenly Suba 7 baje khate hai ki do lady aaygi or tujhe deak legi For the Grace of God ki Aap Kehte ho Krantikari toh wo me hu kisi borker ne batya ladki Siddhi sadhi hai or fone bhi nahi hai kul melakar She’s virgin ohoo or kya chahiye Boy ko passa bhoat hai Ladki ki koi Hai na Nahi hote or bas ho chukka baat jab waha Talk pauchi toh Adult film or by the grace of porn unnatural sex ki baat karne laga The Maine kaha actually use Ummeed Nahi thi Ladki na koi boyfriend Ne rakha kabhi party Nai curry or may Joe pochata Any kind of subject isse kise Patta Jab Maine kaha Sab natural hoga Toh Kahta ki isse sacha pyaar Kehte hain I talk my mama in Sab ke baare me joCollege ke liye Nikalte samay hi Poochhti thi ghar kitty Baje she gave me shocking answer sheets mene saari Umar Dukh Dekha To Mat Toad She took little bit poison on tongue Q key many Bottle giradi shikha chapter close bus ab kuch nahi lutne ka intzaar
Well explained guru ji 🙏I being working cum home maker can easily relate to it Thanks for choosing such a crucial topic
@Gurudutt Yadav क्या आप बेवकूफ व्यक्ति हैं आचार्य श्री के बारे में जानते हैं पहले उनके बारे में जानिए फिर कोई कमेंट करें... आप तो गाली खाने के लायक भी नहीं हो
@@dr.lalitkumar1068 सही कहा आपने इनको बस खोट निकालना है आचार्य जी क्या कह रहे है वो नहीं सुनना
मैं एक महिला हूं और आपसे
100% सहमत हूं
आपकी बात हर महिला भी नहीं समझ सकती
बहुत गहन अध्ययन है
मैं आपसे पूर्णतः सहमत हूँ
मै डबल एम. ए. बी.एड हूँ, लेकिन जौब नहीं किया
कुछ परिवार वालों का दवाब, परिवार का सहयोग न होना, और अपनी सुरक्षा की भावना, जरूरतें पूरी हो रही हैं इसलिए आराम की जिंदगी जीना.
लेकिन सन्तुष्ट नहीं हूँ, अपने जीवन से, हमेशा कुछ करने की चाह रही, आज भी है, अब तो आलसी जीवन,
मेरे पास भगवान की दया से सबकुछ है, लेकिन मुझे हमेशा एक मार्गदर्शक की कमी महसूस होती है, मेरे परिवार के लोग संतोष जनक जवाब नहीं दे पाते मेरे सवालों के ।मैं डिप्रेशन मे चली गयी थी ,अभी मेरा इलाज चल रहा है। आचार्य जी की बात सुनकर मुझे अच्छा महसूस हो रहा है।
Mujhe bhi inke bato se depression bahat kam ho jata
मैं एक अनुसंधान के क्षेत्र से जुड़ी हूँ आज आपका व्याख्यान सुन कर एक दिशा मिली कि अपनी सेवा निवृत्ति के बाद ऐसी महिलाओं के लिए कार्य करूँगी जो पढ़िलिखी होने के बाद भी विचारों से पुरुष पर ही अधीन है और ये इनकी आत्महत्या का मुख्य कारण है आचार्य जी मैं आपके विचारों से बहुत प्रभावित हूँ आप महिलाओं पर और भी विडीओ बनाएँ महिलाओं को स्वयं को समझने में सुविधा होगी आपका बहुत बहुत आभार
बहुत अच्छी लगी ये बात चीत.. कोई तो हैं जिन्होंने महिलाओं के बारे में इतना सोंचा.. धन्यवाद🙏💕 आचार्य जी..
अच्छा लगा ऐसे सच्चे मरदो से मिलकर जो औरत को सच्ची और गहरी मोहब्बत और इज्जत से नवाजते हैं
मुझे तो लगा था कि मैं ही ऐसा सोचती हूँ मगर आपकी बातें सुनी तो आत्मविशवास दोगुना हो गया हर तरफ घटिया सोच और बुराई देखकर लगता था कि पता नहीं अच्छे लोग कहां हैं और आज मुलाकात हो गई आपसे
धन्यवाद आचार्य जी हमें हमसे मिलाने के लिए, और बेहतर बनाने के लिए
थैंक्यू सिस्टर आपके विचार अच्छा है
Abhi bhi aap sahi nahi soch pa rahi hain....mujhe poora vishwash hai. Apne aap ko sahi karo.........aur dusron ko dushman manna band karo abhi se.
Jai shri krishn 🙏
Aap ne meri man ki baat boldi hai.i am also thinking same
Ghair ke kam me bilkul samadhan nahi hi .
आचार्य जी आज आप भले मानुषों की बात चीत को सुनकर ऐंसा महशूस हो रहा है जैसे भगवान की कृपा बरस रही है मुझ पर..
मेरी उम्र 57 है..पढाई म किया है पर शादी बच्चों के फेर मे पड़ कर अपने पैरों पर खडा होने का सपना धरा रह गया..
बड़ा ही कुंठित जीवन जिया मैंने, बल्कि अफसोस होता है अपना विकास न कर पाने का..
अभी हालत ये है की सब्जी लेने जाने का तक मन नहीं होता बाहर..
एकदम ही घर का पालतू पशु बनकर रह गई हूँ
पर आपके बात सुनकर अभी कुछ chehges लाने की कोशिस करूँगी..
हिर्दय से आपका आभार..
आपके लिए ढेरों दुआ ये.. 🙏🙏
मुझे नहीं पता मेरा क्या होता, अगर एक साल पहले आचार्यजी ना मिलते मुझे। आप जैसे महिलाओं के लिए बोलते है, वैसा कोई नहीं बोलता। मेरे जीवन की गलत धारणाओं को दूर कर, क्या आवश्यक़ है यह बतलाया। आप ही मेरे सच्चे गुरु है, मार्गदर्शक है। नमन आचार्य 🙏🙏
थैंक्यू सिस्टर
Exactly ya to koi smjh ni paya aj tk
Ya bola hi ni kisi wjh se itna clearly
आचार्य जी को सुनकर सोचने का तरीका ही बदल जाता है
Achary ji ke margdarshn se bahut Shanthi prapt hui hai bahut bahut dhanyvad
आप महिलाओं के लिए बिल्कुल सटीक बोलते हैं आचार्य जी ऐसा आज तक मैंने किसी को बोलते नही देखा ,,,धन्य हैं आप ।आचार्य जी मेरी माताजी की सरकारी नोकरी उनके विवाह से पहले ही लग गयी थी ,,,पिताजी की सर्विस शादी के बाद लगी उन्होंने माताजी को अपनी नौकरी छोड़ने को कहा पर माताजी ने मना कर दिया ,,,वो हमेशा आर्थिक स्वंत्र रही और मैं भी यही मानती हूं कि अगर आपको स्वाभिमान के साथ जीना है तो आर्थिक रूप से स्वतन्त्र होना अनिवार्य है।
I am an IT professional. I got married just before COVID lockdown, so I have been living at my in-laws house for 1 n half years. I have tasted the feel of being housewife. I went on the verge of depression and suffering from chronic migraine now. Now, my office is opening and finally will be going to another city and have a place of my own. I can't imagine how women spend whole lives being housewives and that too in husband's house. 😔
Even for me it is unfathomable when I see women choosing to live in like housewives. I mean it's beyond my understanding that why'd someone choose encaged life.
@@deepakkimola4936 i think during previous years, activities of daily living needed lot of efforts and hard work. Just getting drinking water was a big hurdle. Now we have more facilities and availability of commodities easily. Then it was sensible but now is the time for the women to come out and explore outside world.
🙏 Thank you for so much clarity.
आपकी बातों को सुनकर दुःखी और पीड़ित महिलाओं को एक दिशा जरुर मिलेगी आचार्य जी
सादर अभिवादन
सही कहा आचार्य जी,,जीवन व्यर्थ जाने का दुख ,,एक पढ़ी लिखी महिला का सबसे बड़ा दुःख है...,,आत्मसम्मान और आजादी विहीन जीवन जीना मरने के ही बराबर है🥺 आप बहुत गहराई से हम स्त्रियों के जीवन की विवेचना और व्याख्या करते हैं,,नतमस्तक हूं आपके विचारों के आगे🙏
इतने बेहतरीन विश्लेषण के लिए कोटि कोटि नमन
आज तक हाउस वाइफ के बारे में इतना चिंतित किसी को नही देखा हम औरते खुद भी यही समझती थी के यही हमारा जीवन है और परम कर्तव्य और इसे कर्तव्य का नाम देकर न जाने हमसे कितने सालो से घर पर बाई जैसी हालत कर दी है...पढ़ी लिखी सजी धजी सोने का हार पहनी हुई बाई ।😣😣
आपने तो सर मेरे शरीर की एक्स-रे प्लेट पढ़ ली 💯 /10 बात सही कही है 👌👌👍👍💐💐🙏🙏
Dhanyawad acharya ji 🙏
प्रणाम आचार्य जी , आपने जो भी बातें कहीं महिलाओं के संदर्भ में सत्य है , आपकी बात से राजी हूँ।
मैंने पहली बार ऐसा संवाद स्त्रीयों के लिए सुना और मुझे बहुत अच्छा लगा आपका विचार आचार्यजी । मैं ऐसी ही लाइफ जीऊंगी आचार्यजी ।
20 साल घर के अंदर कैद हो कर रह गई लेकिन आपके विचारों ने मेरे जीवन को नई दिशा दे गई
This video deserve more views🕊️
51:45 बुरे से बुरा क्या होगा जान ही तो जाएगी...आत्महत्या करने से तो अच्छा ही है ना... एकदम सटीक विश्लेषण किया आचार्य जी आपने धन्य है हम जो आप जेसे कि गुरु मिले हमें🙏🙏
Haa धन्य है यह भारत भूमि और यह भारतवर्ष जो सच्चे भारत के सपूत great man हमारे मार्गदर्शन के लिए धरती पर कृष्ण अवतार में आए हैं * शत शत नमन आचार्य श्री
दुर्भाग्य हमारे देश का दुर्भाग्य हमारे घर के लोग ही चाहाते हैं कि हम पढ़ लिख कर घर सम्भालें।
हर इंसान की ये ज़िम्मेदारी है कि
वो एक मुक्त जीवन जिये
और मुक्ति का मतलब स्वच्छन्दता नहीं होता,
मुक्ति का मतलब होता है आत्मा से जीना,
सही जगह से जीना।
आचार्य प्रशांत
थैंक्यू सिस्टर जी
wow mam m apko acharya ke har vdo me dekha hu comment
सही कहा आपने।
सही पकड़ा है
sahi hai
इतनी मार्मिक, तार्किक, सहज, सरल, यथार्थवादी, गहनतम विश्लेष्ण एवं समीक्षा तथा स्पष्टता महिलाएं की स्थिति को लेकर मैंने ना तो कभी अपनी आईएएस प्रिपरेशन में और ना ही महिलाओं की स्थिति को लेकर होने वाली महत्वपूर्ण बौद्धिक संवाद में जिनमें महिलाओं की स्थिति पर काफी रिसर्च कर बौद्धिक लोग शामिल होते हैं वहां पाई, जितनी आज इस छोटे से संवाद से मिली हैं आचार्य जी आपका तहेदिल से शुक्रिया एवं आपको नम आंखों से नमन🙏 इतनी स्पष्ट रोशनी देने के लिए, साथ-ही दोनों स्वयंसेवियों का भी विशेष आभार कि उन्होंने कितने महत्वपूर्ण सवाल गहराई के साथ, एक गहरे अवलोकन से आचार्य जी के समक्ष रखे एवं पूरी संस्था का तहेदिल शुक्रिया😍🙏
Thank you so much.. I am also full educated, but i am house wife and going on depression. But today my mind open after watched your video.
Surey i will find job in one month so i will be busy and increase my confidence.
Thank you so much guru ji for show us correct path
Hello, apne jo bhi points uthaye hain is video me unme se bahot hi sari chijon ko jhela hai Maine. So called well educated, financially, socially very well in-laws kept harrasing indirectly for dowry and child for years. Though I was never dependent even on my husband. But luckily I found the courage and got separated and now divorce case is going on. Life is much more free and peaceful 💗😇. Still not dependent on anyone. Though my 10 yrs with them were very very depressing but I learnt too many things, got to know many realities of life and people. Mujhe pata chala ki log apne bhram, ahankar, lalach, irsha aur jhalan ke karan kis kis had tak gir sakte hain. Mere jivan aur logon se related sare bhram tut gaye🙏. Log rakshash aur pishachon ki tarah sirf khun chuste hain apni biwi aur bahuonka. Sari ladkiyan bahar nahi aa pati aise situations se itna mentally and emotionally damage kar diya jata hai unhe. Koi self confidence nahi reh jata fir chahe khud kitni hi educated ho aur kamati bhi ho. Ye chal Raha hai ajkal India me ke kaise ek achi khasi independent ladki ko relations ke nam par gulam bana diya jaye aur apne swarth pure kiye jaye jivanbhar.
Bitter truth of every dependent person...
आपका प्रयत्न सार्थक हुआ है आचार्य जी मैं UPSC ko clear karungi जरूर aur aapse Milne k liye aana bhi तो है ....thank you so much....🙏🙏🙏🙏
Mee too❤
It's all about women themselves. My Dadi was a widow at the age of 25 but she was a Congress worker in pre independence era. Even in the small town people remember her till today. My mother was a good student my Dadi wanted she should continue study and become lecture but my father was not interested and my mother listened to my father. Women have to make choices for themselves.
Well exactly. Once I was casually talking my father casually said " whatever your mother wants, she can get easily is she living a bad life or something?" It's not about getting things. It's about freedom. Internal freedom. Be it a man or woman, people easily victimize themselves. No girl in a fight you're the first and last person to your stand.
समाज में भेड़िया हैं..
तो आप शेरनी बनों...
💪🐯🙏
Right
Yaha per koi n bhadiya bne n sharni sb equal ho Bus
Kya bat keh di bhaiya .aap jaise log ho to samaj behtar hojaye
Aadami to samjta hai stree ko but ek stree dusre stree ko nhi smzati aurate hi dushm hai bahu ki
Woman ku sucide kr rhi....aajkal dowry ka kitna seen h...bina dahez ke koi baat nhi krta....phle shadi k time do uske baad aage bhi dete rho...agr na do ..phir maar maar kr bura haal krte h sasural wale...ladki becharri na apne parents ko kuch bol skti ..pati wasie nhi sunta....toh maregi nhi toh kya kregi...........2nd chezz ....jb bache ho jate h...unko kon dekh rehk krega.....bachon ko kiske bhariosen chode....aajkl kisi pr trust kr skte h kya...choti choti bachiyon ka rape ho rha...phir kasie woman job kre....chote bache ko pdana bhi hota h...school chodna lekr aana time se khana khilana sulana kon krega....ye prasant achyra btynge...bs yehi bolte h..job ku nhi kr rhi...agr woman job kregi...toh phir pati ko chodni pdegi....chote bache ko maid kr bharosen nhi chod skte...iss baare m bole prasant ji.....Rape se kitni death ho rhi daily woman aur choti bacheon k...iss baare m koi baat nhi krta
Acharya jii house wife ke bare me jo bhi aap ne bola ek ek bat bilkul sahi h aesa hi hota h use ek machine hi samjha jata h
मार्च से आपको सुन रही हूँ बदलाव कितना आया नहीं पता लेकिन आपके कारण 7 महीने में एक आत्महत्या ज़रूर रुक गया ...🙏
Welcome to freedom.
😞
Nhi Pooja Mishra no kbhi nhi
Mt krna ye
Fight n win n even har v jao fir utho
U know mujhe to kyi bar kha gya
Totally depends on medicines
Kyi problems hn jine ki koi wjh nhi
Fir v marna nhi h jbtk bhgwan ji n bulayen
Wajah Khoj lo but don't do plz
It's request
Thanku just fight back
@@aryanverma-yy3lx break the cycle and start earning n focussing on self grooming
आज से जिंदगी को नया आयाम दूगी ।
आपको सुनकर धीरे- धीरे परिवर्तन आ रहा है आचार्य जी ……आज अपने लिये बोल पा रहें हैं…धन्यवाद …
छोटी छोटी दैनिक जीवन की चीज़े महिलाएं अगर खुद करने लगे और पुरुषों पे उन चीज़ों के लिऐ आश्रित न रहे तभी वह मूल रूप से स्वंतत्र जीवन जी पाएगी। साथ ही साथ देश के उन्नति में भी सहायता कर पाएगी और इससे दुसरी महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी अपने आंतरिक बंधन का त्याग करने की। धन्यवाद आचार्य जी हमे असल बात से परिचित कराने के लिए।🙏
Housewife की हालत पर आज पूरी बातें आपने बिल्कुल साफ साफ खोल कर रख दी, अब शायद माँ की कुछ मदद कर पाऊं... सहृदय आभार आचार्य जी🙏🙏
Go ahead boy
बिल्कुल सही मुद्दा,आज के समय बाहरी महिलाओं को मान और घर की महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है,उनका जीना मुश्किल कर दिया गया है,इस पर कोई तो पहल करे,बहुत दुख होता है,
Thank you! Acharya ji for speaking the truth.
प्रणाम आचार्य जी, आप से अच्छा महिलाओं का शुभचिंतक न कोई हुआ है न होगा। महिलाएं अगर आपकी बातों को जीवन में उतार लें तो महत्वहीन जीवन जीने से मुक्त हो जाएंगी। आपकी बातें जीवन के हर क्षेत्र में आत्मसम्मान के साथ जीने के लिए प्रेरित करती हैं। स्त्रीयों को भी आत्म स्वरूप में देखने के लिए धन्यवाद।
Kese mukti milegi
आचार्य जी प्रणाम हमारा समाज एक पुरुष प्रधान समाज है चाहते हैं कि महिलाओं पर हमारा अधिकार है और महिलाएं हमारे अनुसार ही चलें महिलाओं के बारे में इतनी गहराई से इतना नहीं सोचता जितना कि आप उनके बारे में सोच रहे हो सच में आपने महिलाओं के बारे में गहराई से सोचा है ऐसा कोई नहीं कर सकता आप महान हो आचार्य जी जो महिलाओं को जीना सिखा रहे हो आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हो महिलाओं के लिए इसमें आप बहुत से पुरुषों की आलोचनाओं का शिकार भी हो रहे होंगे लेकिन कोई भी व्यक्ति अच्छा कार्य करता है तू समस्याएं तो जरूर आएंगे गुरु जी आप महिलाओं को जीना सिखा रहे हो वास्तव में आप समाज में बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हो जो कि एक महान पुरुष ही कर सकता है मैं तहे दिल से धन्यवाद करती हूं कि आप महिलाओं के लिए इतना अच्छा कार्य कर रहे हो आचार्य जी प्रणाम🙏🙏🙏🙏
आचार्य जी ,
प्रणाम ,
आपके प्रवचन मैं आपके दो शब्दों या 2 वाक्यो के बीच जो सायलेंट है उसमें पूरे डुब जातें है , मानो की निर्विचार हो गए 🙏❤️🥀
घरेलू हिंसा , दहेज , सास - ननद के अत्याचार ये सब मुख्य वजह आत्महत्या के कारण रहे हैं , इसके अलावा भी सबसे खास कारण महिला का आत्मनिर्भर नही होना,!! इसीलिए आत्मनिर्भर बनें dear ladies...
Saas nanad k sath pati ko bhi jore ....sab ek hi thhaily k chatte batte hain
Itni sachchi baatein aap social media mein rakh rahein hain iske liye shat shat baar pranaam Gurudev.Aaj tak koi mard nahi huaa jo sachchi baat rakh sakein.Aurat ke dard ko aatmsaat kar sake.Par aapne bilkul satya baat kah di.Sach mein vah 20 se 35 tak hi age hoti hai.Mere saath aur padosh mein bhi main aapki sachchaee dekh rahi hun
Thank you sir!
You opened my eyes today & inspired me to rise above my ingrained belief system.
आचार्य जी मै कुछ महीनो से आप को सुन रही हूँ काश आज से तीस पैंतीस साल पहले आप जैसा कोई होता तो मुझे भी अपनी जिंदगी में नई दिशा मिलती
Jb जागो तभी सवेरा 👍
आज रोशनी मिल रही हैं ये कोई चमत्कार से कम हैं क्या! साथ जुड़े रहिए उनके और आनंद मुक्ति की ओर बढ़ते रहिए।😇🙏
Vishwas nhi hota ki ap bhi ek purush hai. I will definitely make myself free from inner boundation which I myself have created.
Thank you so much 🙏
जीवन का परम उद्देश्य है चेतना को विस्तार देना । बहुत सुन्दर आचार्यजी ने कहा ।
Sir! You are an amazing person, philosopher and a true feminist! 🙏
आचार्य श्री आपकी महिलाओं के जीवन के प्रति संवेदानशीलता को देखकर हिर्दय आपके प्रति शुद्ध प्रेम से भर गया है आप प्रति आदर उत्पन्न हो रहा है..
भगवान आपको स्वस्थ और सुरक्षित रक्खे.. 🙏🙏
आप एकदम सही बोल रहे है आचार्यजी । शेरनी बनकर शान से जीना चाहिए चेतना के आधार पर । इन छोटे-मोटे से निकल लेगे हम । बहुत अच्छा आपने मार्गदर्शन किया स्त्रीयों का । इन भेङीयों से डरना क्या ।
लङका हो या लङकी, आत्म निर्भर बनो।निर्भरता ही सारी परेसानी की जङ है ।
👌👌
Right
Absolutely correct sir🙂
Mai bhi negativity se bhari baithi thi lekin iss episodes ko dekhney ke baad bhut kuch samjh aaya or thoda mann bhi halka hua hai
Thankyou sir🙂
Thanks sir Main Bhut Negative Soch Rahi Thi Aap ka Baat sun kar Bhut positive Think aya Dil se Thanks sir
Kalyug mein aise charcha bahut jaruri he!!!!
More power to acharya jee!!!!
राहुल जी आप नानक साहब को पढ़िए आपको युग के बारे में और ज्यादा clarity आएगी। युग कोई बाहरी चीज नहीं है यह मन की है।
आचार्य जी ने इस पर भी कहा है - ua-cam.com/video/XkQlwoJzuuQ/v-deo.html
I am a teacher who is also always forced to leave job and take care of family because my husband earns well . As I am not leaving but he dominates in one way or other. During our picnics or tours during summer vacations I am never allowed to go and spend time with students because if I will spend 10-12 days out they have to work at home and do work and take care of kids. I do earn but still can’t go on vacations by spending my money so i do agree
प्रणाम आचार्यजी , मैं भी घर संभालकर बाहर का काम करती हूं। लेकिन जिंदगी जीना किसे कहते हैं यही भूल गई हूं, जहां जाओ सबकी सुननी पड़ती है।अपनी मन की करने का अधिकार हमसे हमारे जन्मदाता ही छीन लेते है तो बाहर के लोगो से क्या शिकायत करे?घर मैं कुछ भी हो मायके वाले इज्जत का नाम लेकर हमे चुप करा देते है।अगर कुछ भी बोलो तो विद्रोही बन जाते है। लेकिन आप की बात सुनकर दिल भर आता है की असल मे हम भी इंसान है, हमे भी जीने का अधिकार है।आप हमारा मार्गदर्शन करते रहे यही बिनती है।
This is the most inspiring video..... There are no. of things that I used to do without thinking of my hidden intentions.... I can relate to every words u have said...... Heart touching.... Naman aacharya ji🍁🍁🍁🍁
P pp
घर के अनावश्यक काम से मैं परेशान हूँ, घरवालों का मन रखने के लिए हर पल अपने मन को मारना पड़ता है और अपने विचार रखने के कारण मैं पूरे घर की खलनायक बन गयी हूँ। मैं जीना चाहती हूँ अपने दम पर।🙏
To Kal se kamana suru kar do
महिलाएं जब तक खुद ही जागरूक नही होंगि तब तक कोई कुछ नही कर सकता है
Agar jan hi deni hai to ladte huye denge....🙏🙏
यह बात सौ प्रतिशत सही है
आप कि इस बात से समाज बेहतर होगा और स्त्रियों को आजादी देगा 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Divorced hu ek beti bhi hai bohat bohat zada toucher harreshment bardast ki khudkhusi karney ka bhi sochi thi aaj se 6 years pehley but pregnant thi uss samay depression mai rehney lagi ek friend kbohat samjhaney par khud ko sambhal pare fir ek job ki kam salary but firse jina shuru ki aap ki har video dekhti hu bohat sukun mehsus hota hai aap ki batein sun kar aap pehley purush ho jo ek nari k dukh ko samajh pa rahey ho, Thank you sir
"उन्ही भेड़ियों में से एक को पति चुन लेती है"
आज फिर कुछ टूट गया आचार्य जी😕
क्या हम इतना बुरा जीते है
It's heartbreaking
And I am happy
Aachay Ji ne ek general bat kahi hai....iska matlab ye nahi ki sare purush Bhediye hi hain....Ek general bat ab main kahena chahunga.....ki Aachary Ji ka magdarshan mila hai toh....bhediyon ko sher bana dijiye aur khud sherni ban jao....aap log toh bhediyon ko bhi Pattaa pahna k khush hona chahti hain.....bus ye na karo...🙏🙏
@@vikasyoutube924eha par bhi ya gaye
Acharya Prashant, thank you for raising this issue. I have seen this all around me, in upper class society, in lower middle class and working class families.
The exploitation and psychological, social, and financial suffocation that women face. Yes, house wives face financial dependence and humiliation over their day to existence. But even working women are in no better situation.
They struggle in male dominated workplace with toxic politics and harassment. Come back home and treated as nobodies. Because as a woman how can she hope to be treated with respect for her education or high rank. That privilege is only for men.
If a woman earns and tries to assert some likes and dislikes, then the family turns around and says, "Paise ka dhauns dikha rahi hai". As a woman, no matter what you do, you can't be right.
Educated women are realising the futility of their advanced degrees and high packages because in most places she has to depend on a man to shelter her existence, whether Father/Brother, or husband.
Then this man controls her existence. Simple things like going for a walk, meeting a friend.
Women, whether, educated or uneducated, are paying a price for being women.
Now women are educated enough to realise what's happening with them. That is depressing them and causing suicides.
Earlier, women were kept uneducated, financially dependent, or at least unaware of their rights and possibilities of freedom. They were reduced to the level of cattle. With some honourable exceptions.
I have seen extremely talented, capable women being restricted to kitchen and home. This is done to keep them under control. Eventually, these women develop psychological or physical ailments.
On the surface they get respect as Mrs So & So, but they have no real power or agency to take even basic life decisions.
Not marrying is not an option because our society is ready to pounce as vultures on a woman who lives alone, or even a family of only women, without a man. So in truth, there is no real respect for a woman if she is not associated with a man (Father/Brother/Husband/Son).
Even elderly women who live alone, or don't have a son, are targeted and harassed.
Women have been educated and evolved more, but men usually don't want to change because the current structures are in their favour. Or, so the men feel. A thinking man will see the damaging aspects of patriarchy.
आचार्य जी को बिना किसी माइक, टेबल के बिना सहजता से बोलते हुए सुनना आनंद की अनुभूति देने जैसे था पता ही नहीं चला कब समय खत्म हो गया।
इस तरह के वीडियो बहुत सुंदर और आत्मीय है ,
ऐसे प्रकाश देने वाले और संवाद अपेक्षित है ।।
Thnx sir 🙏 aapko sunkar life ko jine ka tarika smjh aaya aaj .....es samaj main hmesha ak auort ko phle papa fir husband or uske bad bccho k tariko se apni life gujarni pdti h...kyuki hmesha se wo yhi dekhti huvi aayi h ....yhi to chang lana hoga sbko apni life main hum aurat hone se phle ak insan h ......♥️♥️♥️♥️ Ab bari h khud k liye jine ki 😘😘
सही बोल रहे हैं आचार्य जी sb kuch milne ka matlab ye nahi ki hm khus हैं 4 तोला सोना लाद दो अच्छे अच्छे कपड़े lelo achha achha khao lekin ghar me कैदी ki तरह रहो।ये बर्दास्त नहीं हो रहा है। हमारे अंदर भी आत्मा है हममें भी जान है मिट्टी की गुड़िया नहीं हैं की साज सज्जा कर के bs बैठो 😢😢😢
जीवन व्यर्थ जाणे का दुःख.. पढ लिख कर....भी..true true true.......salute ....salute..guruji
1:12:46 Feminism is the extended form of patriarchy. Totally agree.🙏🙏
अध्यात्म विशाल हृदय है, जो लिंग, समुदाय, जाति से परे है।
Aap hi hai jinhone itna samjha hame ..... Shat shat naman guru ji , 🙏
भारत कि महिलाओं का का जीवन किसी भी वृक्ष की जड़ की तरह है
Many women will get inspiration by hearing this. Men also listen this to change the life. I realised but it's too late.Anyway I am working with a very little salary. Hat's off u to sir
धन्यवाद आचार्य जी। काश की हर महिला इन बातों को समझ पाये।
Sir I would like to touch your feet once in my life.A bold independent woman I have become because of listing to you since last year.🙏🙏🙏🙏🙏
Rani नहीं आचार्य जी नौकरानी महसूस होता है नहीं चाहिए ऐसी जिंदगी नहीं चाहिए भरी भरकम महंगे कपड़े गहने हमे आजादी चाहिए ।
Guru ji i am lucky mujhe aap mil gye ..nhi to itni sari baatein jo mere mn me hamesa se aati rhi h or ise har taraf nakar hi diya gya ..mujhe khud bhi lgne lga tha ki hm to aise hi rhne k liye aaye h ..aapne sb samjha diya dhanyavad🙏🙏
सही कहा आचार्य जी, आज की पढ़ी लिखी लड़कियों का भी यही हाल है आत्मनिर्भरता नहीं, उन्हें ज्यादा पैसे वाला पति चाहिए।उन्हें समझ ही नहीं कि काम सिर्फ पैसे के लिए नहीं किया जाता बल्कि उससे हमारे जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिलता है, हमारे भीतर निर्णय लेने की, आत्मविश्वास की, समस्या से जूझने की शक्ति मिलती है।
बिलकुल सही
Right
इतने जबर्दस्त विश्लेषण पर इतने कम लाइक्स क्यों है।लाइक्स और सब्सक्राइबर ज्यादा होने चाहिये।
Pranam Acharya Ji.mera jeevan dhanya ho gya jis din apka pehla video You tube par mila .Apko koti koti pranam.
Ultimate video. For the first time I have realized that how patriarchy is so much deep rooted internally at every minute level.
Since the evolution of human civilization, It was and always be..
Increase of Feminism have radicalized the situation, but not the patriarchy.
The subject is wast not of 1 hr 18 minutes only and even when only a person is analysing with just one data, the points that are explained needs debate instead..
Please Google, Suicide rate of Married Men are double the percentage then the married women, which never discussed in any forum.
True feminism and new way of teaching.
Samjh gyi aachary ji... Thank you 😇 😇
Mere mind me kabhi aisa aya hi nhi
Even mumma mere ko bolti ki khana banana important hai... Mai ne hamesha bola ki khana important hai pr mai sirf khana nhi banaugi... Job to chahiye mujhe....
Thank you mujhe samjh aya ki mai sahi thi
Gratitude 🙏🙏
Thank u Acharyaji for this video. Aap ko pata b nahi hain aapne kitne Zindagiyan bacchayi hain 🙏 through this video.
हर बात गहरी सच्चाई लिए ,विचारों का सुंदर मंथन 🙏सच है आचार्य जी 🙌🙌🙌अनंत आभार
I m 49...me b khub udna chati thi... Udaan bhri b... Pr akele rhne se drti thi......young ldkiyon ko dra dia jata h suraksha k naam pe.. Aur phir quaid ho jati hn wo... Lifelong.
Sahi bola akelapan subko majboor kar deta he😭😭
Even if you are independent
Your family members like your brother
His wife wants to enjoy your hard earned money
Society thinks madam well qualified h
Dikhne m acchi h
Fir Shaadi kyon nahi karte
Colleagues think you are available
Since you are unmarried
So you end up marrying a wrong person
@@nikutigeryou are soo correct.
Sahi mayne me aap hi sachche mard ho jo mahilao ke lite itne uche vichar rakhte h
6:31 3 Housewives per hour RIP😢
1 per 20 min.
Right sir, bhut si educated girls jinko m bhi janti hu vo bhi yhi thinking rkhti h ki hum kyu kaam kre jb ghr p itni property h. This is the totally lost her education, freedom and the most important her respect. Thnk you for this explaination. 🙏🙏
Jab ghar me itni property h to pati ku kam kare...but vo to kar raha h sab kuch hote hue bhi...to patni ku nahi?
रिया ना आराम का चयन करो ना सुरक्षा का चयन करो ना झूठी जिम्मेदारियों का चयन करो आप सही और स्वतंत्र जीवन का चयन करो धन्यवाद आचार्य जी 🙏❤️🙏
Sir apka bahot bahot dhanyawad aapki baate sunkar bahot kuch sikhne ko mila hai
Ek nai urja aur roshni mili hai, jivan me apne liye kuch mahatvpurn nirnay lene ke liye hi himmat juta pa rahi hu
🙏🙏🙏🙏🙏
गुरु जी आप की बात पूरी तरह से सत्य है बहुत लोगों की बंद आँखे खुल गई होंगी वीडियो देखकर धन्यवाद गुरु जी🙏
Guruji aapki bat se I hope sari females agree krti hain .. 🙏
मानसिक प्रगति के बगैर, आर्थिक प्रगति मिल गयी तो नतीजा होता है-आत्महत्या
-आचार्य प्रशांत
थैंक्यू सिस्टर
ये तो बिलकुल सही बात हैं, मैं इससे 100 प्रतिशत सहमत हूँ!
सत्य है
No words to express my gratitude aarchya ji the way u describe in every situation was so excellent
Ladka 12th pas ho
Aur ladki graduate post graduate ho to bhi ladki ghr baithi hogi ladka kisi bh trh se kma ra hoga ye maine bhot achi achi society me dekha hai
U r right 💯💯💯
मैने आपका यह विडिओ दो बार सुना.मै आपकी हर एक बात से सहमत हूं.मेरे जीवन में मुझे बहुत विरोध सहना पडा.मै कुछ न कर सकी.मुझे उन बातों का बहुत अफसोस हैं.मैं शादी के पहले से ही यह जानती थी की घर में बैठे रहने से हम घर की नौकरानी बन जाते हैं और सर्विस करने से या अपना कुछ उद्योग करने से ही हम घर की रानी बन जाते हैं.खूद कमानेसे ही खुद के निर्णय ले सकते है.वरना हमें कोई पुछता तक नहीं. लेकिन अब दुख करनेसे कोई फायदा नही.इसलिए भगवत् गीता ही मेरा सहारा बन गयी है.गीता पढनेकी और समझने की और आचरण में लाने की कोशिश करती हूं.आपको प्रणाम.
आप बिलकुल सही कह रहे हैं सर मैं आपकी बात से सहमत हूँ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम 🙏महिलाओं के लिए इतना सटीक चिंतन पहली बार सुना सुनकर मन अभिभूत हो गया। मानसिक स्वतन्त्रता वाला सन्दर्भ बहुत भीतर तक सोचने पर मजबूर करता है
You have changed my life in a positive way .
U r great acharya ji 🙏
Apki video jb s dekhi hai me apne apko bhut strong smjhne lgi hu or bn bhi gyi mentally bhi or koshish kr rhi hu physically bhi strong bnu Taki koi bhi apna rope Jamane s phle soche ....
Bhut kuch chl ra life me .....
Apka ashiryawad chiye me apne ladai lad Saku.....
aj meri bhut bdi problm solve ho gyi apki bato ne phir se jindgi jine ka rasta khol diya apko sat sat naman guru ji aur apka virodh whi krega jis pagal ko apki bat smjhe nhi aaegi
ap jaise logo ki jarurt h is samj ko