आप सभी महानुभावों को मेरा सादर नमन। मैंने आप सभी को आज पहली बार सुना मुझे इस बात से कोई अचरज नहीं,कि हमारे देश भारत में जहां संस्कृति को सर्वोपरि माना जाता है, उस देश में आज कहीं-न-कहीं उस चीज की दरकार है जिसको हमारे पूर्वजों ने हमें एक विरासत के रूप में हमें सौंपा। हमें यह जानकारी हासिल करने की लालशा दिल में हमेशा होनी चाहिए, कि हमारी मूल परिपाटी क्या थी? धन्यवाद।
कोई पत्थर , अब तक नहीं आया मेरे आईने पर, लगता है किसी ने , बढ़ती लौ को हवा दी है , बहुत जुदा है मन मेरा , तुम को ले कर ये , सुना है शोर करने वाले ने ,हकीकत को अदा दी है ..........
*मेरे विचार* #स्वरचित लेख #अनवरत जारी_ #परिवर्तन ******************************************** कड़वा हूं लेकिन सच्चा हूं। ऐब बहुत है मेरे में, लेकिन फरेब नहीं। ************************************************ जुनून होना अच्छा है , लेकिन इतना भी नहीं की, किसी कवि की #व्यंग्य_कविता बन बैठें, हर मां बाप को बच्चे, प्यारे लगा करते, तब भी जन्म से पहले, नामकरण नहीं हुआ करते सफलता से पहले, गुणगान नहीं किया करते। वो पंछी कईयों को हुनर सिखाने का कहने वाले, भविष्य दूसरों का बनाने का दावा करने वाले, वो पंछी उड़कर इस #जंग में, खुद अपने ही पंख कटवा बैठे। बड़ी अजीब दास्तां है, आज खुद #शिकारी_का_शिकार_हो_गया। जो पंछी #कोच बनने की सोच लिए बैठे थे, आज बड़ी गहरी #मोच लिए बैठे है, जैसे कोई शहद पाने की अभिलाषा में, अपनी जुबा ही मधुमक्खी के छत्ते में दे बैठे। जो कल तक थे #खफा_खफा, आज #अहले #वफा कर बैठे, इस जोर आजमाइश में, तुम खुद को चाणक्य समझ बैठे, इस भ्रम में तुम भागवत गीता का सार भूल बैठे। कर्म से पहले तुम फल की चिंता लिए बैठे, युद्ध अनवरत जारी है और तुम विजय की घोषणा कर बैठे वाहा क्या तुम उल्टा सोच बैठे, जिस #चांडाल_चौकड़ी के तुम भरोसे थे, वो तेरे मुंह पर तेरे और मेरे मुंह पर थे, तुम खुद को ज्ञान का भंडार समझ बैठे, साक्षात परब्रह्मा गुरु को भी तुम खुद से कमतर समझ बैठे, जिस परीक्षा रूपी रणभूमि में लड़े, लिए तुम सकल हथियार, तो उस रणभूमि में कोई भी शस्त्र विहीन नहीं था। उस रणभूमि में लड़ने वाला, हर योद्धा अर्जुन और कर्ण था, सफल हुआ अर्जुन, कृष्णा का आशीर्वाद जो उसके संग था। असफल हुए तुम, शकुनी से घिरे दुर्योधन थे तुम। शकुनि की चालें बड़ी विषैली थी, चाहे यह कलयुग का शकुनी हो, चाहे वह महाभारत का शुकुनी था, #पुनः_एक_हुए_दुर्योधन_शकुनी, इस दुर्योधन की भी मती पुनः मारी गई, कृष्णा राम को छोड़कर शकुनि की यारी प्यारी लगी। लाख वकालत कर लो तुम, अहले वफा कर लो तुम, घर अगर हो शीशे का, पत्थर हाथों में लिया नहीं करते, कुछ बातें इशारों में होती है, इशारों की भाषा जान लेना तुम। जब तक ना हो पूर्ण विद्या, तब तक शातिर से युद्ध किया नहीं करते। किसी को बचाने की कला सीखने से पहले, खुद को आग में झोंक दिया नहीं करते, वह तो बच्च नहीं पाएगा, तुम भी, झुलस जाओगे। इसलिए वकालत से पहले, घर तुम्हारा शीशे का यह भी जान लेना। कुछ बातें इशारों में होती है, इशारों की भाषा जान लेना तुम। जब इस मंजर को देखा तो कवि राम ने आगे कुछ यें पंक्तिया कहीं ********************************************* यूं ही खौफ नहीं होता, #अभिशापों का, हृदय मेरा भी रोया था, जब दगा तेरी ओर से हुआ था, वर्ष भर की तपस्या, मेरी धूमिल हुई थी, वह इतिहास था। आज पुनः वर्तमान में, एक तपस्या फिर धूमिल हुई, इतिहास में मेरी हुई, वर्तमान में तेरी हुई, अभी भी भविष्य की समझ ले, दुनिया में कुछ भी कर, बस किसी की बद्दुआ ना लें। इसलिए आज, मन व्यथित भी है, मन प्रफुल्लित भी है, हर्ष है, विषाद भी है, क्युकी मेरे मन में अनुराग है, मेरा मन पवित्र है, इसलिए मन प्रफुल्लित है और उद्वेलित भी। आज मन खुश है तो आत्मा दुखी भी। क्युकी मेरा हृदय निर्मल है। मुझमें #ऐब तो बहुत है लेकिन #फरेब नहीं। ************************************************ उपरोक्त विचार लेखक के निजी हैं।
एक शरीर में कितने दो हैं एक शरीर में कितने दो हैं? गिन के देखो कितने वो हैं? देखने वाली आँखें दो हैं उनके ऊपर भौहें दो हैं सूंघते हैं खुशबू जिनसे नाक तो इक है, नथुने दो हैं भाषाएँ हैं सैकड़ों लेकिन बोलने वाले होंठ तो दो हैं लाखों आवाज़ें हैं सुनते जिनसे सुनने वाले कान तो दो हैं कान भी दो, आंखें भी दो दाएं बाएं कंधे भी दो हैं दो बांहें, दो कुहनियां उनकी हाथ भी दो, अंगूठे भी तो दो हैं दो हाथों की दो हैं कलाइयाँ टाँगे दो हैं, घुटने दो हैं चलना, फिरना, उठना, बैठना दो पैरों के टखने दो हैं पैरों के नीचे दो तलवे हैं भागूं जिनसे एड़ियाँ दो हैं बंद हो तो मुट्ठी हो जाये खोलू गर हथेलियाँ दो हैं अरे, भूल गया था, मार तमाचा मेरे मुंह पे गाल भी दो हैं दोनों पहलू झांक के देखो झांकने के भी बगलें दो हैं कितने दो हैं फिर भी इक ही दिल है इक ही जाँ है एक ही आकाश एक ही सूरज इक जमीं औ इक हिन्दुस्तां है
Munawwar Rana bahut Bade Shayar Hai Unki Mein Palke Jhuka ke unko Puri Izzat deta hun Kumar bhai Bhi Bade Shayar Hai aur bahut acche aadami bhi hai Allah aap donon ko Salamat Rakhe
*मेरे विचार* #स्वरचित लेख #अनवरत जारी_ #परिवर्तन ******************************************** कड़वा हूं लेकिन सच्चा हूं। ऐब बहुत है मेरे में, लेकिन फरेब नहीं। ************************************************ जुनून होना अच्छा है , लेकिन इतना भी नहीं की, किसी कवि की #व्यंग्य_कविता बन बैठें, हर मां बाप को बच्चे, प्यारे लगा करते, तब भी जन्म से पहले, नामकरण नहीं हुआ करते सफलता से पहले, गुणगान नहीं किया करते। वो पंछी कईयों को हुनर सिखाने का कहने वाले, भविष्य दूसरों का बनाने का दावा करने वाले, वो पंछी उड़कर इस #जंग में, खुद अपने ही पंख कटवा बैठे। बड़ी अजीब दास्तां है, आज खुद #शिकारी_का_शिकार_हो_गया। जो पंछी #कोच बनने की सोच लिए बैठे थे, आज बड़ी गहरी #मोच लिए बैठे है, जैसे कोई शहद पाने की अभिलाषा में, अपनी जुबा ही मधुमक्खी के छत्ते में दे बैठे। जो कल तक थे #खफा_खफा, आज #अहले #वफा कर बैठे, इस जोर आजमाइश में, तुम खुद को चाणक्य समझ बैठे, इस भ्रम में तुम भागवत गीता का सार भूल बैठे। कर्म से पहले तुम फल की चिंता लिए बैठे, युद्ध अनवरत जारी है और तुम विजय की घोषणा कर बैठे वाहा क्या तुम उल्टा सोच बैठे, जिस #चांडाल_चौकड़ी के तुम भरोसे थे, वो तेरे मुंह पर तेरे और मेरे मुंह पर थे, तुम खुद को ज्ञान का भंडार समझ बैठे, साक्षात परब्रह्मा गुरु को भी तुम खुद से कमतर समझ बैठे, जिस परीक्षा रूपी रणभूमि में लड़े, लिए तुम सकल हथियार, तो उस रणभूमि में कोई भी शस्त्र विहीन नहीं था। उस रणभूमि में लड़ने वाला, हर योद्धा अर्जुन और कर्ण था, सफल हुआ अर्जुन, कृष्णा का आशीर्वाद जो उसके संग था। असफल हुए तुम, शकुनी से घिरे दुर्योधन थे तुम। शकुनि की चालें बड़ी विषैली थी, चाहे यह कलयुग का शकुनी हो, चाहे वह महाभारत का शुकुनी था, #पुनः_एक_हुए_दुर्योधन_शकुनी, इस दुर्योधन की भी मती पुनः मारी गई, कृष्णा राम को छोड़कर शकुनि की यारी प्यारी लगी। लाख वकालत कर लो तुम, अहले वफा कर लो तुम, घर अगर हो शीशे का, पत्थर हाथों में लिया नहीं करते, कुछ बातें इशारों में होती है, इशारों की भाषा जान लेना तुम। जब तक ना हो पूर्ण विद्या, तब तक शातिर से युद्ध किया नहीं करते। किसी को बचाने की कला सीखने से पहले, खुद को आग में झोंक दिया नहीं करते, वह तो बच्च नहीं पाएगा, तुम भी, झुलस जाओगे। इसलिए वकालत से पहले, घर तुम्हारा शीशे का यह भी जान लेना। कुछ बातें इशारों में होती है, इशारों की भाषा जान लेना तुम। जब इस मंजर को देखा तो कवि राम ने आगे कुछ यें पंक्तिया कहीं ********************************************* यूं ही खौफ नहीं होता, #अभिशापों का, हृदय मेरा भी रोया था, जब दगा तेरी ओर से हुआ था, वर्ष भर की तपस्या, मेरी धूमिल हुई थी, वह इतिहास था। आज पुनः वर्तमान में, एक तपस्या फिर धूमिल हुई, इतिहास में मेरी हुई, वर्तमान में तेरी हुई, अभी भी भविष्य की समझ ले, दुनिया में कुछ भी कर, बस किसी की बद्दुआ ना लें। इसलिए आज, मन व्यथित भी है, मन प्रफुल्लित भी है, हर्ष है, विषाद भी है, क्युकी मेरे मन में अनुराग है, मेरा मन पवित्र है, इसलिए मन प्रफुल्लित है और उद्वेलित भी। आज मन खुश है तो आत्मा दुखी भी। क्युकी मेरा हृदय निर्मल है। मुझमें #ऐब तो बहुत है लेकिन #फरेब नहीं। ************************************************ उपरोक्त विचार लेखक के निजी हैं।
Munawwar rana jaise vyaktiyo ki dhalti umr ko dekhkar dukh sa hota hai... Hum ase hire ko kbhi khona nhi chahte ua-cam.com/video/LeuKUX2_nAo/v-deo.html
मना लिया है उसे फिर उसकी शर्तो पर तमाम उम्र किसे रूटने की फुरसत थी भटक रहें है जहा आज अजनबी कि तरह इसी गली में कहीं पर हमारी जन्नत थी कमाल ये है के जब बी किसी से बिछड़े हम यही लगा के यहीं आखरी मोहब्ब्त थी
कोई पत्थर , अब तक नहीं आया मेरे आईने पर, लगता है किसी ने , बढ़ती लौ को हवा दी है , बहुत जुदा है मन मेरा , तुम को ले कर ये , सुना है शोर करने वाले ने ,हकीकत को अदा दी है ..........
मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर औकात रक्खी है..!! तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रक्खी है..!! भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आता हूँ..!! तुम्हारी याद की खातिर तो पूरी रात रक्खी है..!!
whenever there is a debate or discussion on logical topic anchors like shweta or anjana or arnab,they become mute 😂😂😂😂😂...otherwise they will never let you hv your words
आप सभी महानुभावों को मेरा सादर नमन। मैंने आप सभी को आज पहली बार सुना मुझे इस बात से कोई अचरज नहीं,कि हमारे देश भारत में जहां संस्कृति को सर्वोपरि माना जाता है, उस देश में आज कहीं-न-कहीं उस चीज की दरकार है जिसको हमारे पूर्वजों ने हमें एक विरासत के रूप में हमें सौंपा। हमें यह जानकारी हासिल करने की लालशा दिल में हमेशा होनी चाहिए, कि हमारी मूल परिपाटी क्या थी? धन्यवाद।
मुनव्वर राणा साहब की हर बातो में जान हे वज़न हे क्योकि उन्होंने जो भी बात कही है वो सारी बातें तज़ुर्बे वाली है और हक़ीक़त हे
हर एक ग़म को ख़ुशी की तरह बरतना है
ये दौर वो है कि जीना भी इक हुनर सा लगे
Kya baat h
good
Mem isme to maza agaya.
कोई पत्थर , अब तक नहीं आया मेरे आईने पर,
लगता है किसी ने , बढ़ती लौ को हवा दी है ,
बहुत जुदा है मन मेरा , तुम को ले कर ये ,
सुना है शोर करने वाले ने ,हकीकत को अदा दी है ..........
*मेरे विचार*
#स्वरचित लेख
#अनवरत जारी_ #परिवर्तन
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कड़वा हूं लेकिन सच्चा हूं।
ऐब बहुत है मेरे में, लेकिन फरेब नहीं।
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जुनून होना अच्छा है ,
लेकिन इतना भी नहीं की,
किसी कवि की #व्यंग्य_कविता बन बैठें,
हर मां बाप को बच्चे,
प्यारे लगा करते,
तब भी जन्म से पहले,
नामकरण नहीं हुआ करते
सफलता से पहले,
गुणगान नहीं किया करते।
वो पंछी कईयों को हुनर सिखाने का कहने वाले,
भविष्य दूसरों का बनाने का दावा करने वाले,
वो पंछी उड़कर इस #जंग में,
खुद अपने ही पंख कटवा बैठे।
बड़ी अजीब दास्तां है,
आज खुद #शिकारी_का_शिकार_हो_गया।
जो पंछी #कोच बनने की सोच लिए बैठे थे,
आज बड़ी गहरी #मोच लिए बैठे है,
जैसे कोई शहद पाने की अभिलाषा में,
अपनी जुबा ही मधुमक्खी के छत्ते में दे बैठे।
जो कल तक थे #खफा_खफा,
आज #अहले #वफा कर बैठे,
इस जोर आजमाइश में,
तुम खुद को चाणक्य समझ बैठे,
इस भ्रम में तुम भागवत गीता का सार भूल बैठे।
कर्म से पहले तुम फल की चिंता लिए बैठे,
युद्ध अनवरत जारी है और तुम विजय की घोषणा कर बैठे
वाहा क्या तुम उल्टा सोच बैठे,
जिस #चांडाल_चौकड़ी के तुम भरोसे थे,
वो तेरे मुंह पर तेरे और मेरे मुंह पर थे,
तुम खुद को ज्ञान का भंडार समझ बैठे,
साक्षात परब्रह्मा गुरु को भी तुम खुद से कमतर समझ बैठे,
जिस परीक्षा रूपी रणभूमि में लड़े, लिए तुम सकल हथियार,
तो उस रणभूमि में कोई भी शस्त्र विहीन नहीं था।
उस रणभूमि में लड़ने वाला,
हर योद्धा अर्जुन और कर्ण था,
सफल हुआ अर्जुन,
कृष्णा का आशीर्वाद जो उसके संग था।
असफल हुए तुम,
शकुनी से घिरे दुर्योधन थे तुम।
शकुनि की चालें बड़ी विषैली थी,
चाहे यह कलयुग का शकुनी हो,
चाहे वह महाभारत का शुकुनी था,
#पुनः_एक_हुए_दुर्योधन_शकुनी,
इस दुर्योधन की भी मती पुनः मारी गई,
कृष्णा राम को छोड़कर शकुनि की यारी प्यारी लगी।
लाख वकालत कर लो तुम,
अहले वफा कर लो तुम,
घर अगर हो शीशे का,
पत्थर हाथों में लिया नहीं करते,
कुछ बातें इशारों में होती है,
इशारों की भाषा जान लेना तुम।
जब तक ना हो पूर्ण विद्या,
तब तक शातिर से युद्ध किया नहीं करते।
किसी को बचाने की कला सीखने से पहले,
खुद को आग में झोंक दिया नहीं करते,
वह तो बच्च नहीं पाएगा,
तुम भी, झुलस जाओगे।
इसलिए वकालत से पहले,
घर तुम्हारा शीशे का यह भी जान लेना।
कुछ बातें इशारों में होती है,
इशारों की भाषा जान लेना तुम।
जब इस मंजर को देखा तो कवि राम ने आगे कुछ यें पंक्तिया कहीं *********************************************
यूं ही खौफ नहीं होता,
#अभिशापों का,
हृदय मेरा भी रोया था,
जब दगा तेरी ओर से हुआ था,
वर्ष भर की तपस्या, मेरी धूमिल हुई थी, वह इतिहास था।
आज पुनः वर्तमान में, एक तपस्या फिर धूमिल हुई,
इतिहास में मेरी हुई, वर्तमान में तेरी हुई,
अभी भी भविष्य की समझ ले,
दुनिया में कुछ भी कर,
बस किसी की बद्दुआ ना लें।
इसलिए आज,
मन व्यथित भी है,
मन प्रफुल्लित भी है,
हर्ष है,
विषाद भी है,
क्युकी मेरे मन में अनुराग है,
मेरा मन पवित्र है,
इसलिए मन प्रफुल्लित है और उद्वेलित भी।
आज मन खुश है तो आत्मा दुखी भी।
क्युकी मेरा हृदय निर्मल है।
मुझमें #ऐब तो बहुत है लेकिन #फरेब नहीं।
************************************************
उपरोक्त विचार लेखक के निजी हैं।
वाह मुन्नवर राणा साहब और कुमार विश्वास जी आप दोनो की बात ही निराली है।
जख़्म खा कर भी मुस्कुरा रहे हैं हम
जख़्म दे कर भी ख़फा सा है कोई
वाव
wah bahut kuhb
Mil mil ke bichhadne ka maza kyo nahi dete...
Har baar koi zakham naya kyo nahi dete..😄
👌
Excellent
एक शरीर में कितने दो हैं
एक शरीर में कितने दो हैं?
गिन के देखो कितने वो हैं?
देखने वाली आँखें दो हैं
उनके ऊपर भौहें दो हैं
सूंघते हैं खुशबू जिनसे
नाक तो इक है, नथुने दो हैं
भाषाएँ हैं सैकड़ों लेकिन
बोलने वाले होंठ तो दो हैं
लाखों आवाज़ें हैं सुनते जिनसे
सुनने वाले कान तो दो हैं
कान भी दो, आंखें भी दो
दाएं बाएं कंधे भी दो हैं
दो बांहें, दो कुहनियां उनकी
हाथ भी दो, अंगूठे भी तो दो हैं
दो हाथों की दो हैं कलाइयाँ
टाँगे दो हैं, घुटने दो हैं
चलना, फिरना, उठना, बैठना
दो पैरों के टखने दो हैं
पैरों के नीचे दो तलवे हैं
भागूं जिनसे एड़ियाँ दो हैं
बंद हो तो मुट्ठी हो जाये
खोलू गर हथेलियाँ दो हैं
अरे, भूल गया था, मार तमाचा
मेरे मुंह पे गाल भी दो हैं
दोनों पहलू झांक के देखो
झांकने के भी बगलें दो हैं
कितने दो हैं फिर भी
इक ही दिल है
इक ही जाँ है
एक ही आकाश
एक ही सूरज
इक जमीं
औ इक हिन्दुस्तां है
PranamSriMunabbarji. Up. Sabse. Alag. The. Ho. Rahenge
वाह कुमार सर वाह दिल की विश्वास आप हैं 🚩🚩💪💪🙏🏻
सभी शायर जिंदाबाद मुनव्वर राणा तहज़ीब हाफि बेस्ट
Munawar rana jaisa shayer ki kya baat hy sweta singh bahot acchi ancor hyn
Kumar vishwas and manauwwr rana.. I like both of you..
मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है कभी कबिरा दिवाना था कभी मीरा दीवानी है
Kumar has well explaind the sese of poetry.
Kya baat hai sir ji both superb🙏
Na jeene ki aarju thi.. na hasne ka bahana tha kyon ...ho gye h hmm itne bade isse achcha to bachpan ka jmana tha..
कुमार गाते हैं तो ऐसा लगता है
जैसे मेरे बचपन कि यार गाता हो✍️✍️🙏🙏
स्मृति में जो रहे शेष......
वही विशेष।
ua-cam.com/channels/paNJmi0KGM0ZC6Q3HiNyvg.html य सुने आप पुराने यादो मे खो जाय गे
Good morning
मेरी ख्वाहिश है कि मैं फरिस्ता हो जाऊं, मां से ऐसे लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।
Na de pardesh ki roti mera aangan mujhe de de....
Jawani dene wale tu mera bachpan mujhe de de.
Bhool kar har ek gamo sitam,
Madre aanchal me chhip jaun..
Thanksgiving
Beautiful
Bohut khub Munawar Rana sb or Kumar vishwas sb
Bahut khub vishwas ji
Kumar wah..
I endorse Annu sir as he talks about the present scenario.
Dono Great hai
इनका फूल एपिसोड हो तो पोस्ट करिए
सच्ची मोहब्बत में प्यार मिले न मिले लेकिन याद करने के लिए एक चेहरा जरूर मिल जाता है
Bahut khoob
सुंदर
Inka ishq roshan rahe.
Kya baat kah gaye Kumar Vishwas 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
कुमार विश्वास और मुनव्वर राणा जिन्दाबाद।
ua-cam.com/channels/paNJmi0KGM0ZC6Q3HiNyvg.html य सुने आप को माजा आ जाय गा
Umda se bhi umda
OK sir nice
Munawwar Rana bahut Bade Shayar Hai Unki Mein Palke Jhuka ke unko Puri Izzat deta hun Kumar bhai Bhi Bade Shayar Hai aur bahut acche aadami bhi hai Allah aap donon ko Salamat Rakhe
Superb kumar ji and Munawwar Rana sahab 👍👍
ua-cam.com/channels/paNJmi0KGM0ZC6Q3HiNyvg.html य सुने आप को आपने पुराने याद मिले गे
हालाते मुल्क देख कर रोया न गया कोशिशें हजार की पर मुंह ढक कर सोया ना गया
लोगों से रिश्तो को भी संजोया ना गया।
बच्चे जब बड़े हुए तो मां-बाप का बोझ भी ढ़ोया ना गया।
Thanks
Nice line
Rana sir Great hai
3:07 (MUNAWWAR RANA) THIS IS FROM WHERE AKSHAY KUMAR GOT INSPIRED.... 😂😂😂
again you are .......doing good job as anchor
wah
सबसे ज्यादा अच्छा कहा मुन्बर जी ने
Super
Bhut hi sundar
ishq bhi log Tizarat ki Trah krte h ham yahi kaam ibadat ki Trah krte h
Bahut hi gajb Viswash ji
👌👌👌
*मेरे विचार*
#स्वरचित लेख
#अनवरत जारी_ #परिवर्तन
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कड़वा हूं लेकिन सच्चा हूं।
ऐब बहुत है मेरे में, लेकिन फरेब नहीं।
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जुनून होना अच्छा है ,
लेकिन इतना भी नहीं की,
किसी कवि की #व्यंग्य_कविता बन बैठें,
हर मां बाप को बच्चे,
प्यारे लगा करते,
तब भी जन्म से पहले,
नामकरण नहीं हुआ करते
सफलता से पहले,
गुणगान नहीं किया करते।
वो पंछी कईयों को हुनर सिखाने का कहने वाले,
भविष्य दूसरों का बनाने का दावा करने वाले,
वो पंछी उड़कर इस #जंग में,
खुद अपने ही पंख कटवा बैठे।
बड़ी अजीब दास्तां है,
आज खुद #शिकारी_का_शिकार_हो_गया।
जो पंछी #कोच बनने की सोच लिए बैठे थे,
आज बड़ी गहरी #मोच लिए बैठे है,
जैसे कोई शहद पाने की अभिलाषा में,
अपनी जुबा ही मधुमक्खी के छत्ते में दे बैठे।
जो कल तक थे #खफा_खफा,
आज #अहले #वफा कर बैठे,
इस जोर आजमाइश में,
तुम खुद को चाणक्य समझ बैठे,
इस भ्रम में तुम भागवत गीता का सार भूल बैठे।
कर्म से पहले तुम फल की चिंता लिए बैठे,
युद्ध अनवरत जारी है और तुम विजय की घोषणा कर बैठे
वाहा क्या तुम उल्टा सोच बैठे,
जिस #चांडाल_चौकड़ी के तुम भरोसे थे,
वो तेरे मुंह पर तेरे और मेरे मुंह पर थे,
तुम खुद को ज्ञान का भंडार समझ बैठे,
साक्षात परब्रह्मा गुरु को भी तुम खुद से कमतर समझ बैठे,
जिस परीक्षा रूपी रणभूमि में लड़े, लिए तुम सकल हथियार,
तो उस रणभूमि में कोई भी शस्त्र विहीन नहीं था।
उस रणभूमि में लड़ने वाला,
हर योद्धा अर्जुन और कर्ण था,
सफल हुआ अर्जुन,
कृष्णा का आशीर्वाद जो उसके संग था।
असफल हुए तुम,
शकुनी से घिरे दुर्योधन थे तुम।
शकुनि की चालें बड़ी विषैली थी,
चाहे यह कलयुग का शकुनी हो,
चाहे वह महाभारत का शुकुनी था,
#पुनः_एक_हुए_दुर्योधन_शकुनी,
इस दुर्योधन की भी मती पुनः मारी गई,
कृष्णा राम को छोड़कर शकुनि की यारी प्यारी लगी।
लाख वकालत कर लो तुम,
अहले वफा कर लो तुम,
घर अगर हो शीशे का,
पत्थर हाथों में लिया नहीं करते,
कुछ बातें इशारों में होती है,
इशारों की भाषा जान लेना तुम।
जब तक ना हो पूर्ण विद्या,
तब तक शातिर से युद्ध किया नहीं करते।
किसी को बचाने की कला सीखने से पहले,
खुद को आग में झोंक दिया नहीं करते,
वह तो बच्च नहीं पाएगा,
तुम भी, झुलस जाओगे।
इसलिए वकालत से पहले,
घर तुम्हारा शीशे का यह भी जान लेना।
कुछ बातें इशारों में होती है,
इशारों की भाषा जान लेना तुम।
जब इस मंजर को देखा तो कवि राम ने आगे कुछ यें पंक्तिया कहीं *********************************************
यूं ही खौफ नहीं होता,
#अभिशापों का,
हृदय मेरा भी रोया था,
जब दगा तेरी ओर से हुआ था,
वर्ष भर की तपस्या, मेरी धूमिल हुई थी, वह इतिहास था।
आज पुनः वर्तमान में, एक तपस्या फिर धूमिल हुई,
इतिहास में मेरी हुई, वर्तमान में तेरी हुई,
अभी भी भविष्य की समझ ले,
दुनिया में कुछ भी कर,
बस किसी की बद्दुआ ना लें।
इसलिए आज,
मन व्यथित भी है,
मन प्रफुल्लित भी है,
हर्ष है,
विषाद भी है,
क्युकी मेरे मन में अनुराग है,
मेरा मन पवित्र है,
इसलिए मन प्रफुल्लित है और उद्वेलित भी।
आज मन खुश है तो आत्मा दुखी भी।
क्युकी मेरा हृदय निर्मल है।
मुझमें #ऐब तो बहुत है लेकिन #फरेब नहीं।
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उपरोक्त विचार लेखक के निजी हैं।
वो अपनी जिद पर अड़ा था , मैं अपनी जिद पर अड़ी थी एक तकरार हुई और हम दूर गए।।।
@@deepshikhasoni6980 okk di di
Good morning di di
@@mohanrana1532 gm bhai...
Bahut khub likha h likhane wale ne
@@deepshikhasoni6980 gd eveng di di
😘Kumar tumhare leye
Bhut khub munnavar rana
Munawwar rana jaise vyaktiyo ki dhalti umr ko dekhkar dukh sa hota hai... Hum ase hire ko kbhi khona nhi chahte
ua-cam.com/video/LeuKUX2_nAo/v-deo.html
Sahi kaha Deepak bhai
Dil ki baat keh di
Wah Sir ji Thank-you
Great Kumar sir
nice
Waaa sir
Ek baar shahin bag jao please
Listen poetry/shayari and nazm
बदन में दौड़ता लहू ईमान वाला है
पर जालिम समझता है पाकिस्तान वाला है
Very nice
Really!!!
@@anandbalwada6729 ji
Really amazing!!
UVESH KHAN बदन मे दौड़ता खून कुरानवादी जिहादी उग्रवादी वाला है
पर गैर मुस्लिम इसे इन्सान समझ बैठा
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
❤❤❤waah waah waah sir 😂
मैं आपके शो में बैठा था बगल से बैठे लड़के ने मुझसे पूछा यह कौन है अनु मलिक जब हमारे कवि बैठे होते हैं उनका परिचय बताने की कोई आवश्यकता नहीं होती
Love you munavavar rana
Waaaa
Hota h sir ham apke shayri bhejte h
तो अब सही से जीने के सलीको की जय हो
ha
मना लिया है उसे फिर उसकी शर्तो पर तमाम उम्र किसे रूटने की फुरसत थी भटक रहें है जहा आज अजनबी कि तरह इसी गली में कहीं पर हमारी जन्नत थी कमाल ये है के जब बी किसी से बिछड़े हम यही लगा के यहीं आखरी मोहब्ब्त थी
عشق بجھتا ہے
اسے کُچھ تو ہوا دے ساون
Likh kuch aisa e Dil, jise padh wo roye bhi na
Aur Raat bhar soye bhi na!!
Gajab bro
लाजबाव
Love you oye
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Munnabar and kumar great
Munawwar Rana you are great
जय हो मुनौवर राना साहब
Rahat ndori ji ke bolaiye ji
ये दिल ये दिल्लगी मेरा दिल तोड़ गई।।।
कोई पत्थर , अब तक नहीं आया मेरे आईने पर,
लगता है किसी ने , बढ़ती लौ को हवा दी है ,
बहुत जुदा है मन मेरा , तुम को ले कर ये ,
सुना है शोर करने वाले ने ,हकीकत को अदा दी है ..........
@@atulmishra6563उनकी तासीर बेहद कडवी होती है ,,जिनसे गुफ्तगू शक्कर जैसी होती है।।।
मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर औकात रक्खी है..!!
तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रक्खी है..!!
भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आता हूँ..!!
तुम्हारी याद की खातिर तो पूरी रात रक्खी है..!!
Munawwar Rana wo nageena zinki shayri mai mehanat or psheena hai
Munnawar rana the Best line,s
3:30
👌👏👏👏👏👏👏👍😍
I love kumar
Wah Biswas ji
Only for Kumar bhaiya
Khali khat se bhi aati hai unki khusboo
sabdo ki jarrorat hi nhi isqh
Toh hai hi bejuban
Kumar विस्वास शायरी कम ,,बात ज़्यादा करते है। बेस्ट मनव्वर राणा जी
Pak dushmani kahen na chorna Hindustan k logo.. Samny meethy, peit pechy dushmani
whenever there is a debate or discussion on logical topic anchors like shweta or anjana or arnab,they become mute 😂😂😂😂😂...otherwise they will never let you hv your words
Munawar Rana Sahab AAP ke braber baith sakta hai brabri ker Nahi sakta
Munawwar Rana sahab aap par jamana Naz karta hai
Aaj jisko english aathe hai tho who hindi pay Gaur nahi kartha samjhay
खबरदार.... कोई कुछ नहीं बोलेगा चीन के खिलाफ.. पुरी दुनियां के मुसलमान भाई भाई हैं... ये वाला फार्मुला चीन पर लागू नहीं होता है।।।
Barack Obama naheen Barack Hussein Obama hai.
Kumar vishwas is the great .
Fall in love, ko aap ne galat tareeqe se samjha aur samjhaya hai !
Kumar viswas ka jawab nhi hain
ओ बिछड़ी ऐसा कि फिर कभी न मिलने कि कसम खायी
मुझे फिर उसके मिलने का इंतजार हर दिन की हर सांस में है
-अंकित त्रिपाठी हरडोई
Wa bhai
Gajab
Title of video is completely irrelevant
Ye vhi jo 2000rs ke chip wali bat khi thi ise puche