मन प्रसन्न हो गया ...बहुत बहुत अच्छा लगा बहुत सालों पहले दुरदर्शनपर ऐसी कहानीयाँ आती थी...ओर सारा घर अडोस पडोसवाले भी देखते थे. .पहले हर घर टी वी नही होती थी ...ओर ब्लैक एंड वाईट ... कहानी बडी अच्छी थी वर्ना बहुत कहानीयाँ संजिदा ही होती थी पर ये कहानी एकदम सरल सीधे सादे कैपेक्टर वाली थी अंत भी भला थी शिक्षक बच्चें गांववाले .पोष्टमेन ...बहु,गाँव ,खेत सब बिलकुल सही ...वाकई दिल खुश हो गया ...अब वे बात कहाँ ....
बहुत बहुत आभार इस फिल्म के लिए। लगभग तीन दशक पहले टी वी पर देखी थी।बहुत ही सरल सहज हास्य बोध के साथ जबरदस्त संदेश देती फिल्म।यही बात ख़ास बनाती है साईं परांजपे के काम को। बहुत समय से ढूंढ रही थी यह फिल्म। बहुत अच्छा लगा देख कर फिर से।इसी तरह बच्चों की सिंकदर फिल्म भी है। उसमें विनी परांजपे भी हैं। यदि संभव हो तो उसे भी दिखाएं। बहुत बहुत धन्यवाद।
गांव के छोटे प्रसंग मुझे बहुत अच्छे लगते हैं गांवों का परिवेश भी मनमोहक है मैं मराठी सिनेमा का भी धन्यवाद करता हूं क्यों कि वह हमेश गांव व मानव मुल्यो को आगे रख कर सिनेमा बनाता है बाकी इंडस्ट्री के जैसे बाहरी चमक पर ज्यादा ध्यान नहीं देते l
हेतुपूर्बण बहुत अच्छी मूवी. साहजिकता और सादगी ध्यानाकर्षक. कहानी, संवाद, पटकथा, दिग्दर्शन, अभिनय, सम्पादन- सभी पक्ष के लिए साधुवाद. कुछ भी अतिरंजित, फ़िल्मी, मुखर नहीं. कमाल का दिग्दर्शन- खासकर गीत का चित्रण व सीढी और इंक-पेन का विनियोग बहुत अच्छा लगा. सई के चित्रपटों की नामावली तो वैसे भी उपयुक्त और बढ़िया होती है... मज़ा आ गया बरसों बाद यह फिल्म देखकर. आभार...
This telefilm brought sweet some memories associated with it 😊. My younger brother was in 4th or 5th English medium school when this film was telecasted. First time we all came across new word "angotha chhaap". He was sent to get ration from govt. ration shop instead of me. The shopkeeper asked him to sign in the ration book. He didn't know what to do, got scared and put a thumb impression. That was seen by his class fellow girl who was in queue. She called him "angutha chaap" loudly. He felt so embarrassed. Came home and told. We laughed and remembered it even today 😅😅😅
सई परांजपे जी की फिल्में और दूरदर्शन पर कोई भी सिरीयल, कार्यक्रम, फिल्म देखने का मजा कुछ और ही है, दोनों में एक समानता है और वो है "सादगी"...ये बहोत अच्छी लगती है। ❤ सई परांजपे जी की "कथा" मुवी इसका सुंदर उदाहरण है। (नसीरुद्दीन शाह, फारुक शेख, दीप्ति नवल और लिला मिश्रा अभिनीत) 👌👌👌👌
I was searching this film since long. I saw this film in my school days. This film depicts the finest way how a person can learn if he/she wants to with full determination. I am great fan of Sai Paranjpye.
बचपन मै दूरदर्शन हर वीडियो कुछ न कुछ सिखने जानने मिलता पर वक्त के चकाचौध मोबाइल और अनेको टीवी चैनल आने से दुरदर्शन भुली बिसरी यादे बनकर रह गई थी अब इस कहानी को देखकर बचपन के वो दिन याद आ गये जब टीवी हर घर पर नही होती तब हम परोशी के घर जाकर टीवी देखते थे पर अब रोज दुरदर्शन का एक कहानी जरूर देखेगे क्योकि अब चैनलो पर सिर्फ चकाचौध बड़ी गाड़ीया मंहगे कपड़े यही सब दिखाया जाता है शुभ प्रभात❤
दूरदर्शन सह्याद्रीशी संपर्क साधल्याबद्दल धन्यवाद. दूरदर्शन सह्याद्रीच्या खजिन्यातील अशा दुर्मिळ कार्यक्रमांचे डिजीटलाझेशन चालू आहे. ते झाल्यानंतर आम्ही युट्युब चॅनेल वर नेहमीच टाकत असतो. कृपया आमच्या Doordarshan Sahyadri चॅनल ला subscribe करा आणि Alert मिळवण्यासाठी बेल आय़कॉन वर Click करा. ua-cam.com/users/ddsahyadri ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ आपल्या मौल्यवान अभिप्रायाबद्दल धन्यवाद. आपले अभिप्राय आम्हाला कामाची प्रेरणा देतात. आपले प्रेम असेच कायम राहू द्या. आमच्या नवीन कार्यक्रमांविषयी जाणून घेण्यासाठी आमच्या सोशिअल मीडिया हॅन्डल्सला जरूर भेट द्या.. FACEBOOK @ddsahyadri bit.ly/2Jerpis INSTA @ddsahyadri bit.ly/3nIjgBJ & @ddsahyadrinews bit.ly/34BzDZs TWITTER @DDSahyadri bit.ly/2M0JmSH & @ddsahyadrinews bit.ly/38uPHxh UA-cam @Doordarshan Sahyadri bit.ly/36Jd2vg & @DD Sahyadri News bit.ly/36SU0mk
सई परांजपे की इस टेली फ़िल्म ने मेरे मन पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला था, कुछ भी सीखने के लिए हमें अगर अपने नाती पोतों से भी सीखना पड़े तो सीखना चाहिए । यह कहनी मैंने अपने नाती को सुनाई जब मैं उससे MacBook Pro use करना सीख रहा था । यू ट्यूब का धन्यवाद जिसने इस मूवी को हमें दुबारा उपलब्ध कराया -एक रिटायर्ड वैज्ञानिक
Sach mi oo 90ka dasak Kay khub surat thaa 😢aaj to jaisi logo ki eak dusro ki liiye time he nhi hai ,,, hamary daur mi tarakki to dahut hui hai ,aur ye sarahani v hai lakin usi saath saath samaj mi jo duriya budhi hi oo v eak chinta ka visey hai 😢,,aaj kai daur mi loog eak dushrey sey bhautik roop sey milni ki bahjey apni mi he eak virtual duniya mi khoi rahi hai aur ye v eak chintaatmak visey hai ,aur iss par hum sab ko soochni ki avashyakta hai Jai hind 🇮🇳
Wo Chune ki chalk Wo kali bord ...wo bachpaan ka din School ki ghanti ho ya dosto ki payari yaade .. Bujurgo ki kahaniya Yaaden kabi nhi jate ...baar-vaar yaad aati he ..ki Kash bachpan jata hi nahi
Bilkul sahi kaha aapne. Ek daur tha jb cinema ka use ese gyaanprad chizo k lie hota tha. ❤ Aaj aise movies bht km bnti hain. Apko nil battey sannata bhi dekhni chahiye.
Honest, Simple, Natural, Mellifluous. It is really most natural feelings of our Indian Traditional imagery of reality. We must proud of our village nature and its culture. Doordarshan is the cult makers. Those halcyon days.
Bahut hi shaandar episode hai....bahut hi sunder dhang se banaya gya... prerna dayak hai...ab ese naa gaanv rahe na Ghar na ese drishya dekhne ko milenge kahi....aadhunikta me hum sadagi ki sunderta ko khote ja rhe hai aur esi films dekh man ko sukoon pahucha sakte hai
शब्द नहीं है कहने के लिए क्या अपनापन था सच में वो बुजुर्ग आज दिखते नहीं है सच में कितनी मासूमियत् से दिखाया है बड़ा है अच्छा लगा
मन प्रसन्न हो गया ...बहुत बहुत अच्छा लगा बहुत सालों पहले दुरदर्शनपर ऐसी कहानीयाँ आती थी...ओर सारा घर अडोस पडोसवाले भी देखते थे. .पहले हर घर टी वी नही होती थी ...ओर ब्लैक एंड वाईट ...
कहानी बडी अच्छी थी वर्ना बहुत कहानीयाँ संजिदा ही होती थी पर ये कहानी एकदम सरल सीधे सादे कैपेक्टर वाली थी अंत भी भला थी शिक्षक बच्चें गांववाले .पोष्टमेन ...बहु,गाँव ,खेत सब बिलकुल सही ...वाकई दिल खुश हो गया ...अब वे बात कहाँ ....
बहुत बहुत आभार इस फिल्म के लिए। लगभग तीन दशक पहले टी वी पर देखी थी।बहुत ही सरल सहज हास्य बोध के साथ जबरदस्त संदेश देती फिल्म।यही बात ख़ास बनाती है साईं परांजपे के काम को। बहुत समय से ढूंढ रही थी यह फिल्म। बहुत अच्छा लगा देख कर फिर से।इसी तरह बच्चों की सिंकदर फिल्म भी है। उसमें विनी परांजपे भी हैं। यदि संभव हो तो उसे भी दिखाएं।
बहुत बहुत धन्यवाद।
गांव के छोटे प्रसंग मुझे बहुत अच्छे लगते हैं गांवों का परिवेश भी मनमोहक है मैं मराठी सिनेमा का भी धन्यवाद करता हूं क्यों कि वह हमेश गांव व मानव मुल्यो को आगे रख कर सिनेमा बनाता है बाकी इंडस्ट्री के जैसे बाहरी चमक पर ज्यादा ध्यान नहीं देते l
बचपन और दूरदर्शन दोनों की याद ताज़ा हो गई...🙏🙂
बहुत ही शिक्षाप्रद फिल्म है सांई परांजपे जी की फिल्म तीन दशक पहले दूरदर्शन से देखते थे ।
अदभुत जबरदस्त...खूबसूरत कहानी ........आज भी जरूरी है ..एक के पढ़ने से पूरा घर पढ़ सकता है ..
Bahut achchi story hai.poorane din kitne achche hote the.
वीडियो पोस्ट करने वाले का दिल से आभार मजा आ गया पुरानी यादें ताजा हो गई 🙏
मन प्रसन्न भी हुआ और बहुत आसू आहे आंख से❤❤❤❤❤❤❤❤❤😊
हेतुपूर्बण बहुत अच्छी मूवी. साहजिकता और सादगी ध्यानाकर्षक. कहानी, संवाद, पटकथा, दिग्दर्शन, अभिनय, सम्पादन- सभी पक्ष के लिए साधुवाद. कुछ भी अतिरंजित, फ़िल्मी, मुखर नहीं. कमाल का दिग्दर्शन- खासकर गीत का चित्रण व सीढी और इंक-पेन का विनियोग बहुत अच्छा लगा. सई के चित्रपटों की नामावली तो वैसे भी उपयुक्त और बढ़िया होती है... मज़ा आ गया बरसों बाद यह फिल्म देखकर. आभार...
Bahut hi badhiya chitrapat. Kitani bar dekha fir bhi man nahi bharta. sahaj sundar kalakari. Sai ji aap mahan ho.
Old is🏆🏆🏆🏆🏆 love you show
वाह! मज़ा आ गया। दिल खुश हो गया। धन्यवाद
Bahot achhi prerna..sikhne ki padhne ki koi umra nahi hoti...nice film..👌👌
Afeter 30years saw ds beautifull film.
Thank you -सई परांजपे🙏
Y dekh kr mn khus ho gya...or purani yaden taza ho gai....
मजा आगया.....जिस भी director ने निर्देशन दिया है गज़ब का है.....
This telefilm brought sweet some memories associated with it 😊.
My younger brother was in 4th or 5th English medium school when this film was telecasted.
First time we all came across new word "angotha chhaap".
He was sent to get ration from govt. ration shop instead of me. The shopkeeper asked him to sign in the ration book. He didn't know what to do, got scared and put a thumb impression. That was seen by his class fellow girl who was in queue. She called him "angutha chaap" loudly. He felt so embarrassed. Came home and told. We laughed and remembered it even today 😅😅😅
Sach kitna natural hai❤❤
👌🏻👌🏻👍🏻👍🏻बहुत सुंदर कहानी है। देख कर मन प्रसन्न होग्या🙏
Bilkul ❤
Bhut hi sundar kahani hai ati sundar, Kiya din thi kach fir lot ayi yeh din❤❤❤❤❤
खूपच सुंदर लघूपट आहे, कथा छोटी पण आशय मोठा
Bahut bahut sundar 👏👏👏👏👏👏
Anand Anand a gya 👌👌👌👌👌👌👌👌
मुझे तो अपने बचपन के दिन याद आ गए मां मुझे सुबह जल्दी उठातीं हम गाय को छोड़ने जाते अब तो गांव में शहर के गुण आगए यह सीरियल बचपन में देखते थे धन्यवाद
Seedhi ,sunder ,mehanti ,khush haal jindagi purn roop se shanti ,🎉🎉🎉🎉aaj dekho sabkhuch hote hue bhi Ashanti. Karan insaan sirf sukh ke piche bhag raha
Kitni sadgi se kahani Ko prastut Kiya hai...bahut achha feel hua dekhkar thank you😄😄
Bachpan k din yad aa gae.... Such mano apne dada ki yad aa gai jo ab nhi rahe par yad Aate h... I love ❤ dada....
Sach jitni tarif karo utna kam❤❤❤❤❤
सई परांजपे जी की फिल्में और दूरदर्शन पर कोई भी सिरीयल, कार्यक्रम, फिल्म देखने का मजा कुछ और ही है, दोनों में एक समानता है और वो है "सादगी"...ये बहोत अच्छी लगती है। ❤
सई परांजपे जी की "कथा" मुवी इसका सुंदर उदाहरण है। (नसीरुद्दीन शाह, फारुक शेख, दीप्ति नवल और लिला मिश्रा अभिनीत) 👌👌👌👌
Sai Paranjape a versatile and an amazing caliber!!❤
पुरानी यादे ताजा हुई l बहुत अच्छा लगा l
I was searching this film since long. I saw this film in my school days. This film depicts the finest way how a person can learn if he/she wants to with full determination. I am great fan of Sai Paranjpye.
I too was searching for this film which i had seen in 1980s n it had got imprinted on my mind !!
सही कहा आपने बहुत समय से मैं ढूंढ रही थी। आखिर मिल ही गई।
यह वह वक्त था जब दूरदर्शन को बड़े दिल लगाकर देखते थे 🙏🙏
बचपन मै दूरदर्शन हर वीडियो कुछ न कुछ सिखने जानने मिलता पर वक्त के चकाचौध मोबाइल और अनेको टीवी चैनल आने से दुरदर्शन भुली बिसरी यादे बनकर रह गई थी
अब इस कहानी को देखकर बचपन के वो दिन याद आ गये जब टीवी हर घर पर नही होती तब हम परोशी के घर जाकर टीवी देखते थे
पर अब रोज दुरदर्शन का एक कहानी जरूर देखेगे क्योकि अब चैनलो पर सिर्फ चकाचौध बड़ी गाड़ीया मंहगे कपड़े यही सब दिखाया जाता है
शुभ प्रभात❤
दूरदर्शन सह्याद्रीशी संपर्क साधल्याबद्दल धन्यवाद.
दूरदर्शन सह्याद्रीच्या खजिन्यातील अशा दुर्मिळ कार्यक्रमांचे डिजीटलाझेशन चालू आहे. ते झाल्यानंतर आम्ही युट्युब चॅनेल वर नेहमीच टाकत असतो.
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आपल्या मौल्यवान अभिप्रायाबद्दल धन्यवाद.
आपले अभिप्राय आम्हाला कामाची प्रेरणा देतात. आपले प्रेम असेच कायम राहू द्या.
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सई परांजपे की इस टेली फ़िल्म ने मेरे मन पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला था, कुछ भी सीखने के लिए हमें अगर अपने नाती पोतों से भी सीखना पड़े तो सीखना चाहिए । यह कहनी मैंने अपने नाती को सुनाई जब मैं उससे MacBook Pro use करना सीख रहा था । यू ट्यूब का धन्यवाद जिसने इस मूवी को हमें दुबारा उपलब्ध कराया -एक रिटायर्ड वैज्ञानिक
सीधी सच्ची सरल कहानी
Beautiful telefilm with very good social msg.
Bahut achi motivation story hai sikhne ki koi umar nahi hoti
Pahle sach me paraspar sambandhon me kitni mithas hua karti thi.... 😊❤
❤ Har Har Mahadev Ji 🌹🌿🌷💐❤️😌🙏🙏🙏
Aaj kal sab astrology and depression main padehai
धन्यवाद साई परांजपे जी। आपकी एक फ़िल्म स्पर्श भी बहुत मार्मिक और शानदार है
Bahut hi sunder ❤
अद्भुत..अविस्मरणीय..
सुंदर कथा, सुंदर वातावरण निर्मिती.....
गजब, कहानी बहुत अच्छी लगी
दादाजी. बहोत बढिया 👌🏻😃
प्रेरणादायक कथा।
हमारे इंदौर उज्जैन,धार, मालवा मध्य प्रदेश में भी 20 25 साल पहले बिल्कुल ऐसा ही परिवेश, गांवों का था,,और आज पुराने कुछ कुछ घर मील जाते हैं ....😊😊😊🎉🎉🎉
Ajj bhi ainsa hai bahut hadd tak
अपने बचपन के दिन याद आ गए।सुंदर ग्रामीण परिवेश।
Ha mein bhi jhabhua mein raha hu
हां,हरसोला,कोदरिया,बेटमा, पीथमपुर और राऊ ❤❤❤❤
Bharat er sab gram er e chitra ek.❤
Sach mi oo 90ka dasak Kay khub surat thaa 😢aaj to jaisi logo ki eak dusro ki liiye time he nhi hai ,,, hamary daur mi tarakki to dahut hui hai ,aur ye sarahani v hai lakin usi saath saath samaj mi jo duriya budhi hi oo v eak chinta ka visey hai 😢,,aaj kai daur mi loog eak dushrey sey bhautik roop sey milni ki bahjey apni mi he eak virtual duniya mi khoi rahi hai aur ye v eak chintaatmak visey hai ,aur iss par hum sab ko soochni ki avashyakta hai
Jai hind 🇮🇳
Bahut khoobsurat 😊.. purana Zamana to Aur hi tha.. kash wo din fir se wapis Aa jayein.. ❤
Bahot sundar ❤
Very good video siksha hr koi kisi bhi umar me seekh sakta hai
Excellent Prasutti❤
बचपन में दूरदर्शन के प्रोग्राम देखा करते थे सब याद आ गया इस फिल्म को देखकर
अद्भुत.. अतुलनीय...
बहुत अच्छी कहानी लगी...❤❤
जय जय श्रीराम जय जय बजरंग बली 🚩🇮🇳💪🙏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Purani yadein ताजा हो गई
आपल्या मौल्यवान अभिप्रायाबद्दल धन्यवाद.
आपले प्रेम असेच कायम राहू द्या.
आमच्या नवीन कार्यक्रमांविषयी जाणून घेण्यासाठी आमच्या सोशिअल मीडिया हॅन्डल्सला
जरूर भेट द्या..
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Doordarshan pe 1987 me ye telefilm dikhai thi... Muje kuch kuch yaad aa gaya
Gold hain yeh telefilm aur hamesha se hi badlao gaon se hi huaa hain. ..
Wo Chune ki chalk
Wo kali bord
...wo bachpaan ka din
School ki ghanti ho ya dosto ki payari yaade ..
Bujurgo ki kahaniya
Yaaden kabi nhi jate ...baar-vaar yaad aati he ..ki Kash bachpan jata hi nahi
What a lovely movie. A good reminder to encourage literacy among the elderly.
How pure...how natural...how moralistic ❤❤❤
Thank you so much for uploading…. Have been searching for this film since ages…. Bachpan ki yaad taza ho gayi
Bahut bahut achha laga dekh kar ye telefilm. Mujhe dada dadi aur Nana Nani ki yaad aa gyi😢 dhanyawad 🙏🏽❤️
Such a beautiful movie. It's a masterpiece. Old days are gold days. Dil khush ho gaya
Golden days for every indian
Bahot Sundar Kahani thi❤❤❤❤
सिनेमा ऐसा भी हो सकता है जो समाज में परिवर्तन लाए। एक आज के समय का सत्यानाशी सिनेमा है जिसका बॉयकॉट हो रहा है।
Bilkul sahi kaha aapne. Ek daur tha jb cinema ka use ese gyaanprad chizo k lie hota tha. ❤ Aaj aise movies bht km bnti hain. Apko nil battey sannata bhi dekhni chahiye.
Mann krta h kaash vo samay vapas aa jaye. Dil chu liya dada-pote ke rishte ne
Papa i miss u ❤
Bht achi story bht acha lga dekhke
A simple but very appropriate message for the whole country.my salute to the director of the film.
Kitna khubsurat tha hindustani vo atmosphere vo logo ki sadgi vali jindgi pure food ❤❤ ab to bs faltu life h 😢
जब जागे तब सवेरा 💐
Doordarshan ki baat hi nahi hai aur bachpan ki purani yaadein sab taja ho gai🎉
व्वा मजा आली. प्रौढ शिक्षण अभियान.
Hamara khubsurat Bharat ❤❤🙏🙏🤗🤗
Nice film .Old is Gold .🙏🇮🇳
Honest, Simple, Natural, Mellifluous. It is really most natural feelings of our Indian Traditional imagery of reality. We must proud of our village nature and its culture. Doordarshan is the cult makers. Those halcyon days.
Kyun itna sukun milta hai purane serial dekh k
Dil khus ho gaya..
Old very nyc,,, siriyal 💯🕺
Thank you doordarshan
Bachpan ki yaaden taaza hogayi.
Lovely movie. Muje purani movies bahot pasand hai. Also want to add forward msgs aaj hi nahi, pehli bhi hua karti thi ,😂😂
Maza aa gaya
Bahut achhi film
Bachpan me dekha tha 🎉🎉🎉
Bahut achchi avam shiksha prad kahani maja aagaya dekh ke
Great film. Love you Sai ji.
बहुत ही प्रेरणादाई
kya direction hai meri bachpan ki yaade taaje hogayi yaar🙂
Bahut hi shaandar episode hai....bahut hi sunder dhang se banaya gya... prerna dayak hai...ab ese naa gaanv rahe na Ghar na ese drishya dekhne ko milenge kahi....aadhunikta me hum sadagi ki sunderta ko khote ja rhe hai aur esi films dekh man ko sukoon pahucha sakte hai
एक नम्बर 👌🫀🙏
Bahut khoobsurat kahani hai,
This movie gave a smile on my face...how natural ❤❤❤
मैं जब छोटा था, 8 वर्ष का, तब ये फिल्म दूर दर्शन पर देखी थी,, बचपन की याद ताजा हो गई,,
Khup khup chhan❤❤❤❤❤
Dil ko chhu gayi ye kahani
Ye hai congress initiative
What a film👌👌I guess every state govt should take an initiative like this...