@@sonukumarmeena7494 आनंद रामायण, अद्भुत रामायण, जगमोहन रामायण, राधेश्याम रामायण और ऐसी सैकड़ों रामायण लिखने वाले की अपनी कपोल कल्पना मात्र हैं। कृपया इस संबंध में हमारा वीडियो देखिए जिसका लिंक दे रहे हैं विभीषण दशरथ जी से हजारों साल बड़े थे वह उनके पुत्र कैसे हो सकते थे। ऋषि विश्वस्रवा की माली सुमाली नामक दो असुरों की दो कन्याओं से विवाह हुआ था जिसमे माली की पुत्री से रावण कुंभकर्ण सूर्णपखा हुए, वही सुमालि की पुत्री से विभीषण और त्रिजटा हुए और यह बात प्रमाणिक है। मानस में तुलसीदास जी ने भी कहा है कि विभीषण रावण का विमात्र मतलब सौतेला भाई था। विमात्र भ्राता मतलब माता अलग पिता एक।
आंनद रामायण में जब कौसल्या का हरण किया था जब समुद्र में दशरथ ओर सुमंत को बहा दिया था फिर कौसल्या को जहा चुपया था वहां से भाग निकली संयोग वस कौसल्या को दशरथ ओर सुंमत मिल गए जहां विवाह किया था फिर रावण आया तो इसने बेदी देखी जिसको रावण ने टोकर मारी जिसमे पुत्र निकला जो विबीसन था ये आंनद रामायण की बात है
This is totally false news that vibhishana was the son of King dashratha because vibhishna was much older than king dasaratha. You have to watch my following videos for understanding of the real facts. ua-cam.com/video/FhX9sqOK63o/v-deo.html ua-cam.com/video/q_VU3cr-Z4Y/v-deo.html ua-cam.com/video/nBAKp_FPpfQ/v-deo.html
The point has to be noted that not Vibhishan prince Meghnad son of Rawana was also older than king dashratha. Meghnad was the same age group of king Janak, and dasratha was much younger than Janka.
मे गिर्राज बघेल सांका कला जिला गुना मध्यप्रदेश मेरे पृश्न का उत्तर देने की कृपा करें तीन घूंघरी तेरा जनी बांटी कम कम बकेरी घनी हमारा जवाब कब दोगे तीन बार डाल दी
सूप नखा और अधोमुखी को छोड़कर तीसरे कृष के नाक और कान कटे हैं कृपया मुझे मार्गदर्शन देने की कृपा करें और साथ में एक ही बताएं कि किसने काटी नाम मानवेंद्र सिंह जिला झांसी ग्राम भटपुरा उत्तर प्रदेश फिर मुझे बताने की कृपा करें मैं
मैं कैलाश राठौड़ इंदौर गुरु जी आपने वीडियो में बताया कि रावण कई दिनों से लक्ष्मण जी की मुट्ठी में बंद रहे तो क्या कहीं दिनों तक लक्ष्मण जी को स्नान नहीं कराया होगा उनकी माताओं ने स्नान कर आते समय भी किसी ने नहीं देखा होगा या उनकी मुट्ठी खुली नहीं होगी कृपा करके बताइए गुरुजी
आपका तर्क अच्छा है किंतु तब के ऋषि लोगो ने शायद इस बात पर ध्यान नहीं दिया होगा। वैसे अगर समय शर्दी का रहा होगा तो नही नहलाया होगा या मुट्ठी नही खुलवाई होगी। महराज आप पूरी कथा दुबारा सुनिए आपके प्रश्न का उत्तर वीडियो में स्वत: मिल जायेगी।
देशराज पटेल भखुरी पन्ना मध्य प्रदेश।पचकन्या तो पांच थी पर किस युग में कौन थी चारो युगों के नाम बताने की कृपा करें देशराजसिंह भखुरी जयश्रीराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
1.अहिल्या सत्य युग 2.मंदोदरी सत्य युग के अंतिम चरण से पूरे त्रेता में रही इसके बाद द्वापर के अंतिम चरण तक रही। 3.तारा सतयुग के अंतिम चरण से त्रेता के अंतिम चरण तक. 4. कुंती द्वापर 5.द्रोपदी द्वापर
*ढोल,गवार,क्षुब्ध पशु,रारी”* 🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹 श्रीरामचरितमानस में कहीं नहीं किया गया है शूद्रों और नारी का अपमान। भगवान श्रीराम के चित्रों को जूतों से पीटने वाले भारत के राजनैतिक शूद्रों को पिछले 450 वर्षों में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हिंदू महाग्रंथ 'श्रीरामचरितमानस' की कुल 10902 चौपाईयों में से आज तक मात्र 1 ही चौपाई पढ़ने में आ पाई है और वह है भगवान श्री राम का मार्ग रोकने वाले समुद्र द्वारा भय वश किया गया अनुनय का अंश है जो कि सुंदर कांड में 58 वें दोहे की छठी चौपाई है *"ढोल गँवार शूद्र पशु नारी,* सकल ताड़ना के अधिकारी” इस सन्दर्भ में चित्रकूट में मौजूद तुलसीदास धाम के पीठाधीश्वर और विकलांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री राम भद्राचार्य जी जो नेत्रहीन होने के बावजूद संस्कृत, व्याकरण, सांख्य, न्याय, वेदांत, में 5 से अधिक GOLD Medal जीत चुकें हैं। महाराज का कहना है कि बाजार में प्रचलित रामचरितमानस में 3 हजार से भी अधिक स्थानों पर अशुद्धियां हैं और इस चौपाई को भी अशुद्ध तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। उनका कथन है कि तुलसी दास जी महाराज खलनायक नहीं थे,आप स्वयं विचार करें यदि तुलसीदास जी की मंशा सच में शूद्रों और नारी को प्रताड़ित करने की ही होती तो क्या रामचरित्र मानस की 10902 चौपाईयों में से वो मात्र 1 चौपाई में ही शूद्रों और नारी को प्रताड़ित करने की ऐसी बात क्यों करते ? यदि ऐसा ही होता तो भील शबरी के जूठे बेर को भगवान द्वारा खाये जाने का वह चाहते तो लेखन न करते।यदि ऐसा होता तो केवट को गले लगाने का लेखन न करते। स्वामी जी के अनुसार ये चौपाई सही रूप में - ढोल,गवार, शूद्र,पशु,नारी नहीं है बल्कि यह *"ढोल, गवार, क्षुब्ध पशु, रारी”* है। ढोल = बेसुरा ढोलक गवार = गवांर व्यक्ति क्षुब्ध पशु = आवारा पशु जो लोगो को कष्ट देते हैं रार = कलह करने वाले लोग चौपाई का सही अर्थ है कि जिस तरह बेसुरा ढोलक, अनावश्यक ऊल जलूल बोलने वाला गवांर व्यक्ति, आवारा घूम कर लोगों की हानि पहुँचाने वाले (अर्थात क्षुब्ध, दुखी करने वाले) पशु और रार अर्थात कलह करने वाले लोग जिस तरह दण्ड के अधिकारी हैं उसी तरह मैं भी तीन दिन से आपका मार्ग अवरुद्ध करने के कारण दण्ड दिये जाने योग्य हूँ। स्वामी राम भद्राचार्य जी जो के अनुसार श्रीरामचरितमानस की मूल चौपाई इस तरह है और इसमें ‘क्षुब्ध' के स्थान पर 'शूद्र' कर दिया और 'रारी' के स्थान पर 'नारी' कर दिया गया है। भ्रमवश या भारतीय समाज को तोड़ने के लिये जानबूझ कर गलत तरह से प्रकाशित किया जा रहा है।इसी उद्देश्य के लिये उन्होंने अपने स्वयं के द्वारा शुद्ध की गई अलग रामचरित मानस प्रकाशित कर दी है।रामभद्राचार्य कहते हैं धार्मिक ग्रंथो को आधार बनाकर गलत व्याख्या करके जो लोग हिन्दू समाज को तोड़ने का काम कर रहे है उन्हें सफल नहीं होने दिया जायेगा। आप सबसे से निवेदन है , इस लेख को अधिक से अधिक share करें। तुलसीदास जी की चौपाई का सही अर्थ लोगो तक पहुंचायें हिन्दू समाज को टूटने से बचाएं।
*🌝चाँद को भगवान राम से यह शिकायत है* कि दीपावली का त्यौहार अमावस की रात 🌚 में मनाया जाता है और क्योंकि अमावस की रात में चाँद निकलता ही नहीं है, इसलिए वह कभी भी दीपावली✨ मना नहीं सकता। यह एक मधुर कविता है कि चाँद किस प्रकार खुद को राम के हर कार्य से जोड़ लेता है और फिर राम से शिकायत करता है। राम भी उस की बात से सहमत हो कर उसे वरदान दे बैठते हैं। आइए देखते हैं । ************************************ *जब चाँद का धीरज छूट गया,* 🌙 *वह रघुनन्दन से रूठ गया।* 😒 बोला रात को आलोकित हम ही ने करा है । स्वयं शिव ने हमें अपने सिर पे धरा है । तुमने भी तो उपयोग किया हमारा है, हमारी ही चांदनी में सिया को निहारा है।😍 सीता के रूप को हम ही ने सँभारा है । चाँद के तुल्य उनका मुखड़ा निखारा है। ☺ जिस वक्त याद में सीता की , तुम चुपके - चुपके रोते थे, 😥 उस वक़्त तुम्हारे संग में बस , हम ही जागते होते थे ।🌙 संजीवनी लाऊंगा ,🌿 लखन को बचाऊंगा ,. हनुमान ने तुम्हें कर तो दिया आश्वस्त। मगर अपनी चांदनी बिखरा कर ,🌛 मार्ग मैंने ही किया था प्रशस्त। तुमने हनुमान को गले से लगाया । मगर हमारा कहीं नाम भी न आया। 🌜 रावण की मृत्यु से मैं भी प्रसन्न था । तुम्हारी विजय से प्रफुल्लित मन था।🎉 मैंने भी आकाश से था पृथ्वी पर झाँका। गगन के सितारों को करीने से टांका। 🌟 सभी ने तुम्हारा विजयोत्सव मनाया।🎉 सारे नगर को दुल्हन सा सजाया। 😍 इस अवसर पर तुमने सभी को बुलाया। बताओ मुझे फिर क्यों तुमने भुलाया। क्यों तुमने अपना विजयोत्सव अमावस्या की रात को मनाया ? 🌚 अगर तुम अपना उत्सव किसी और दिन मनाते । आधे-अधूरे ही सही हम भी शामिल हो जाते । मुझे सताते हैं, चिढ़ाते हैं लोग।😁 आज भी दीवाली अमावस में ही मनाते हैं लोग । तो राम ने कहा, क्यों व्यर्थ में घबराता है ?🤔 जो कुछ खोता है, वही तो पाता है ।🤗 जा तुझे अब लोग न सतायेंगे। आज से सब तेरा मान ही बढायेंगे।😎 *जो मुझे राम कहते थे,* वही आज से* *रामचंद्र* कह कर बुलायेंगे। 🌙✨🌙✨🌙
Om SaJal Sradhdha Om Prakhar PraGYa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT SaraSwaTI MaTa Om TaT SaT SaVITrI MaTa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT
प्रभु मैं तो एक मामूली पंडित ठहरा जो पढ़ा सुना वह दर्शको/श्रोताओं में शेयर कर लेता हूं। आप ठहरे भगवान श्रीकृष्ण की लीला भूमि के रसिक, तेज अर्थात प्रकाश अर्थात सूर्य के भूषण अर्थात आभूषण अर्थात गहने और उसके साथ साथ शास्त्री डिग्री भी कर रखी है किसी गुरुकुल से की होगी या वनारस विश्व विद्यालय से। अब आप मुझ जैसे तुक्ष प्राणी से प्रमाण मांगते अच्छे नहीं लग रहे। हां इतना जरूर है कि आदर्श धर्म सनातन धर्म चैनल पर बिना प्रमाण का कुछ नही दिखाया या बताया जाता। अब जब आप भागवत कथा सुनाते हैं उसमे तरह तरह के मिलावटी प्रसंग बताते हैं जो पूरी तरह से अप्रमाणित अवैज्ञानिक और असंभाविक है फिर भी लोग प्रमाण नहीं मांगते क्योंकि वह ईश्वर पर विश्वास करते हैं और आपको व्यास । किंतु अगर कोई आपसे कहे कि भागवत में राजा युवनाश्व के पुत्र मांधाता के जन्म, इंद्र की उंगली पिलाना, और सतयुग के राजा मांधाता की त्रेता में पैदा हुए रावण के भांजे लवणासुर द्वारा मृत्यु कराना यह सब बिलकुल झूठी कहानी का प्रमाण दो आप क्या कहोगे ? क्योंकि इस कहानी से समाज को कोई शिक्षा भी नहीं मिलती अंधविश्वास को बढ़ावा देती है। हम तो इस कथा के प्रमाण भी दे देंगे और कथा से क्या शिक्षा मिलती है यह भी बता देंगे। आप सिर्फ यह बताएं कि आपको प्रमाण क्यों चाहिए? मैं यहां पौराणिक वैदिक धार्मिक कथाएं सुना रहा हूं किसी परीक्षा में शामिल नहीं हो रहा हूं।
राजा दिलीप को किसने सिखाई थी वो विद्या जिसके कारण रावण अयोध्या में प्रवेश नही कर पाता था दूशरी बात क्या कोई भी प्रवेश नही कर पाते थे या लंका वासी नही घुस पाते थे
आपने वीडियो पूरा देखा नही शायद उसमे स्पष्ट बताया गया है कि यह विद्या महर्षि वशिष्ठ ने सिद्ध की थी और सर्वप्रथम महाराज दिलीप को सिखाई थी। इसके बाद यह विद्या रघु, अज, सत्यकेतु (दशरथ), भाईयो सहित राम ने सीखी थी। इसी विद्या का प्रयोग लक्ष्मण रेखा में लक्ष्मण ने किया था। इस विद्या का संबंध सीधा मनुष्य के ह्रदय और मस्तिष्क के विचारो से होता है जिस मनुष्य के मन में अयोध्या का अहित करने की सोच होती थी वह उनकी सीमा में प्रवेश नही कर सकता था। उसी की मिलती जुलती टेक्नोलॉजी आज इजरायल कर रहा है उसकी सीमा में दुश्मन की मिसाइल रॉकेट बम आदि घुस नही सकते, मनुष्य की क्या औकात है। यह टेक्नोलॉजी आप लाखो साल पहले प्रयोग कर चुके हैं।
बाजपेई जी आपको पहले भी बतलाया था फिर रिपीट कर देते है। यह सारे प्रसंग स्टोरी क्षेपकों में से लिए गए हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे महान दादा जी के मामाजी पंडित जगन्नथ मिश्रा के चार पीढ़ी पूर्व की books dekhne ko padhne ko मिली। उल किताबो की खासियत है कि वह binded नहीं होती पेज कोआगे पीछे करके सभी पेज खुले होते है । इससे ज्यादा जानकारी देना उचित नहिसमझता
@@KayasthKulSarvopari22110 यह अपनी अपनी श्रद्धा है आप माने या न माने। सभी स्वतंत्र हैं। हमने तो असल ग्रंथ से ही सुनाया है अब जिनको शंका है तो ग्रंथ की खोज में लग जाए।
जय श्री गणेश ऊँ नमः शिवाय ऊँ नमः शिवाय ऊँ नमः शिवाय ऊँ नमः शिवाय ऊँ नमः शिवाय हर हर महादेव
जय श्री राम राधे राधे जय भोले बाबा नाथ जय श्री राम कहानी बहुत अच्छी बहुत अच्छी जय भोलेनाथ
बहुत अच्छा आपको धन्यवाद बहुत अच्छी बात कही हमको ज्ञान की।।
यह कहानी किस ग्रंथ में है,और कहां मिलेगा?
ATI Sundar 🙏🙏🌺🌺🕉️🕉️🕉️
बहुत बढ़िया जानकारी
मुझे शंका है मैने सुना है कि विभीषण राम के ही भाई थे वताने की क्रपा करे।आपकी ये कथा बहुत सुन्दर लगी।
आपके प्रश्न का शास्त्रोक्त और वैज्ञानिक अर्थ के साथ उत्तर शीघ्र ही वीडियो के माध्यम से दिया जाएगा कृपया wait कीजिए।
मुझे भी जवाब देने की कोशिश करने की कृपा करें
आनंद रामायण में बताया गया है राम विभीषण भाई दशरथ ओर कौसल्या के विवाह स्थली पर मीले थे रावण को
@@sonukumarmeena7494 आनंद रामायण, अद्भुत रामायण, जगमोहन रामायण, राधेश्याम रामायण और ऐसी सैकड़ों रामायण लिखने वाले की अपनी कपोल कल्पना मात्र हैं। कृपया इस संबंध में हमारा वीडियो देखिए जिसका लिंक दे रहे हैं विभीषण दशरथ जी से हजारों साल बड़े थे वह उनके पुत्र कैसे हो सकते थे।
ऋषि विश्वस्रवा की माली सुमाली नामक दो असुरों की दो कन्याओं से विवाह हुआ था जिसमे माली की पुत्री से रावण कुंभकर्ण सूर्णपखा हुए,
वही सुमालि की पुत्री से विभीषण और त्रिजटा हुए और यह बात प्रमाणिक है। मानस में तुलसीदास जी ने भी कहा है कि विभीषण रावण का विमात्र मतलब सौतेला भाई था। विमात्र भ्राता मतलब माता अलग पिता एक।
आंनद रामायण में जब कौसल्या का हरण किया था जब समुद्र में दशरथ ओर सुमंत को बहा दिया था फिर कौसल्या को जहा चुपया था वहां से भाग निकली
संयोग वस कौसल्या को दशरथ ओर सुंमत मिल गए जहां विवाह किया था
फिर रावण आया तो इसने बेदी देखी जिसको रावण ने टोकर मारी जिसमे पुत्र निकला जो विबीसन था ये आंनद रामायण की बात है
जय श्री राम,,जय लक्ष्मण बलवान🚩🚩🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
beta balvaan nahi bhagwaan
Atiuttam, Aprtim, Sarahniya story.
Like very good verynice
Jaishree ram
जय श्री राम।।।
Thanks.panda.Ji.Bast.Kathy.Sonaie
V v nice
अति सुंदर😍💓💕😍💕😍 जय श्री राम
Uttum you
Very good. Your suggrstion thank sir
JAI SHREE RAM. HAR HAR MAHADEV.
Shiv ko power Sheshnag hi deta tha, isliye shiv sheshavtar se panga nahi leta tha.
bhagwaan shesh ki jai
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
Jai shree Ram !🙏🙏
आपका निवदेन बहुत भाता है। श्वावण मास के अंत मे आपका कथा सुनने को मिली। धन्यवाद
आपका बहुत बहुत आभार
Maharaj ji kripa kr ye bataye ye prasang kha pr likha h plz🙏🙏
Jai shree Ram Laxman ki jay ho
जय श्रीराम पंडितजी
।।जय जय श्री सीताराम।।
धन्यवाद।
Bhut sunder sader prnam
जय श्री राम
बहुत अच्छा लगा 🙏🙏ए कहानी 💘💘जय श्री राम
Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna hare hare hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare
Ram Ram ji
Jai Sri Ram 😘❤️
Suman Davi wife RAJ Kumar kadmeya saty bola Bhagt Ji om namah shivay har har mha dav Jay shree RAM Lakhn ceta Matta ki Jay shree Hanuman baba ki
Jay.shri.Ram
ମୁଁ ଆଗରୁ ଶୁଣି ଥିଲି କି, ରାମ ଓ ବିଭୀଷଣ ଭାଇ ଭାଇ ବୋଲି, ଏହା ଯଦି ସତ, ତାହେଲେ କେମିତି ହୋଇଛି ଦୟା କରି ଜଣାଇବେ ବୋଲି ଅନୁରୋଧ
This is totally false news that vibhishana was the son of King dashratha because vibhishna was much older than king dasaratha. You have to watch my following videos for understanding of the real facts.
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The point has to be noted that not Vibhishan prince Meghnad son of Rawana was also older than king dashratha. Meghnad was the same age group of king Janak, and dasratha was much younger than Janka.
बहुत अच्छे गुरु जी जय श्री राम
जय श्रीराम
Bahut Sundar katha sune aur Anand Mila
Jay Sri Ram ki Jay Jay Jay
कितनी अच्छी कथा कहते है आप।🙏
Jy shree ram
Jay Shri ram
Nice
Jay shree raam jay hanuman
Jai.Sher.RAM.RAM.Ji
Jai Shri Ram.
भगवान् को हमेशा श्री राम बोला करे, सिर्फ राम नही
जी साहब मनुष्य हूं कभी कभी गलती हो जाती है। आगे ध्यान रखेंगे।
bhagwaaan kosri laxman ji bhi bola gaya hai, ye nahi dikhta tum moorkho ko
Yeah katha mene bhi suni hai,lekin iska kahi praman nahi mil raha hai.kis granth me se yeah jankari mili aapko.
Jay dwarkadhish
Jay sri ram
Sita harn kis mahina me huva tha kaun sa din tha?
मे गिर्राज बघेल सांका कला जिला गुना मध्यप्रदेश
मेरे पृश्न का उत्तर देने की कृपा करें
तीन घूंघरी तेरा जनी बांटी कम कम बकेरी घनी
हमारा जवाब कब दोगे तीन बार डाल दी
🤔👍👍👍👍
सूप नखा और अधोमुखी को छोड़कर तीसरे कृष के नाक और कान कटे हैं कृपया मुझे मार्गदर्शन देने की कृपा करें और साथ में एक ही बताएं कि किसने काटी नाम मानवेंद्र सिंह जिला झांसी ग्राम भटपुरा उत्तर प्रदेश फिर मुझे बताने की कृपा करें मैं
Jai shiyabalram chandra ki jai
Very nice sir
पौराणिक जानकारी देने के लिए धन्यवाद और आगे इसी तरह सुनाते रहिए
Nice story 👌👌
Jai Shree ram 🙏🙏🙏🙏🙏
पंडित जी जब रावण लक्ष्मण जी से इतना डरता था तो सीता जी को चुरा कर क्यों ले गया
Thanks for absolute new knowledge but extremely interesting .
Very interesting information
8ttt
महाराज जब मंदोदरी 2 मंथ दूध से पैदा हुई मले उनके पिता कैसे बताने का कष्ट करें
ua-cam.com/video/D5Iw1QSquVw/v-deo.html
यह वीडियो देखो इसमें पता चल जाएगा कि उनके पिता कौन और कैसे बने।
मैं कैलाश राठौड़ इंदौर गुरु जी आपने वीडियो में बताया कि रावण कई दिनों से लक्ष्मण जी की मुट्ठी में बंद रहे तो क्या कहीं दिनों तक लक्ष्मण जी को स्नान नहीं कराया होगा उनकी माताओं ने स्नान कर आते समय भी किसी ने नहीं देखा होगा या उनकी मुट्ठी खुली नहीं होगी कृपा करके बताइए गुरुजी
आपका तर्क अच्छा है किंतु तब के ऋषि लोगो ने शायद इस बात पर ध्यान नहीं दिया होगा। वैसे अगर समय शर्दी का रहा होगा तो नही नहलाया होगा या मुट्ठी नही खुलवाई होगी।
महराज आप पूरी कथा दुबारा सुनिए आपके प्रश्न का उत्तर वीडियो में स्वत: मिल जायेगी।
किस रामायण की बात है ये
Nice video
Thanks
jai shri ram
jaisriRam
Jay ho Swami Ji
यह कहानी झूंठ पर आधारित है ,राबण किसी से नहीं डरता था ,
Jai Shriram
Sahasbahu ne kaid kar liya tha.. parashuram ji ne chhudaya tha. Bali ne 6 mahine tak kaankh me dabae rakha..ye to malum hai ki nhi..
गुरु जी को प्रणाम
Jay Sri ram Jay Sri kirsan Jay bajrang Bali
मैं नि:संकोच स्वीकार करता हूं कि मैं आपसे बहुत कम जानता हूं
भाईयो में तुलना नहीं होती मित्र, आप मेरे अपने भाई हो। प्रेम से बोलो जय सियाराम।
देशराज पटेल भखुरी पन्ना मध्य प्रदेश।पचकन्या तो पांच थी पर किस युग में कौन थी चारो युगों के नाम बताने की कृपा करें देशराजसिंह भखुरी जयश्रीराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
1.अहिल्या सत्य युग
2.मंदोदरी सत्य युग के अंतिम चरण से पूरे त्रेता में रही इसके बाद द्वापर के अंतिम चरण तक रही।
3.तारा सतयुग के अंतिम चरण से त्रेता के अंतिम चरण तक.
4. कुंती द्वापर
5.द्रोपदी द्वापर
Jai Shree Ram Rameti Rameti Rame Ram Baranane Shahashra Nam Ta Tulyang Ram Nam Baranane.
Use full for Hume's .
🙏🙏🙏🙏🙏
Koun se purana me hai ye sab story krupaya batana🙏
महाराजअनरन्यको जब मारा रावन जो रघु के बाद दशरथ अज से पहले हुएथे । उस समय सुरक्षा घेरा कहाँ था । जानते है तो बताऐं
ua-cam.com/video/8Io6VXEl1wY/v-deo.html
Pruf ke anusar kuch btao
जय श्री राम।
Ye asmbhaw h hai shiv bhakt ram all bhai purwaj bhakt the
amazing video ❤️😍
Please ignore the mistakes if any of vedio, our aim is only to tell the great stories of our Sanatan Dharm.
गुरुदेव जी किस किताब में लिखा है बताने की कृपा करें
Sita paataal
आपने रावण के भौरा बनने की इस पहेली किस पुस्तक से जबाव दिया हे
महर्षि विश्वामित्र कृत सीता पुनरागमनम से।
Rishi Bhardwaj ke yahan saat swarn hansho ka janm ki katha bataiye guru Ji Maharaj
Jai Shri Ram
जय सियाराम
Maharaj ji kripa kr ye batye ye kha pr likha h plz🙏🙏🙏🙏
जो जो बातें आपने कही इसकी प्रमाणिकता किस ग्रंथ में है अगले बार आप बताने का कष्ट करेंगे
आपके प्रश्न का उत्तर यहां है
ua-cam.com/video/8Io6VXEl1wY/v-deo.html
किस बात का प्रमाण चाहिए शर्मा जी ?
Please tell where is this story written
*ढोल,गवार,क्षुब्ध पशु,रारी”*
🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹
श्रीरामचरितमानस में कहीं नहीं किया गया है शूद्रों और नारी का अपमान।
भगवान श्रीराम के चित्रों को जूतों से पीटने वाले भारत के राजनैतिक शूद्रों को पिछले 450 वर्षों में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हिंदू महाग्रंथ 'श्रीरामचरितमानस' की कुल 10902 चौपाईयों में से आज तक मात्र 1 ही चौपाई पढ़ने में आ पाई है और वह है भगवान श्री राम का मार्ग रोकने वाले समुद्र द्वारा भय वश किया गया अनुनय का अंश है जो कि सुंदर कांड में 58 वें दोहे की छठी चौपाई है *"ढोल गँवार शूद्र पशु नारी,* सकल ताड़ना के अधिकारी”
इस सन्दर्भ में चित्रकूट में मौजूद तुलसीदास धाम के पीठाधीश्वर और विकलांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री राम भद्राचार्य जी जो नेत्रहीन होने के बावजूद संस्कृत, व्याकरण, सांख्य, न्याय, वेदांत, में 5 से अधिक GOLD Medal जीत चुकें हैं।
महाराज का कहना है कि बाजार में प्रचलित रामचरितमानस में 3 हजार से भी अधिक स्थानों पर अशुद्धियां हैं और इस चौपाई को भी अशुद्ध तरीके से प्रचारित किया जा रहा है।
उनका कथन है कि तुलसी दास जी महाराज खलनायक नहीं थे,आप स्वयं विचार करें यदि तुलसीदास जी की मंशा सच में शूद्रों और नारी को प्रताड़ित करने की ही होती तो क्या रामचरित्र मानस की 10902 चौपाईयों में से वो मात्र 1 चौपाई में ही शूद्रों और नारी को प्रताड़ित करने की ऐसी बात क्यों करते ?
यदि ऐसा ही होता तो भील शबरी के जूठे बेर को भगवान द्वारा खाये जाने का वह चाहते तो लेखन न करते।यदि ऐसा होता तो केवट को गले लगाने का लेखन न करते।
स्वामी जी के अनुसार ये चौपाई सही रूप में - ढोल,गवार, शूद्र,पशु,नारी नहीं है
बल्कि यह *"ढोल, गवार, क्षुब्ध पशु, रारी”* है।
ढोल = बेसुरा ढोलक
गवार = गवांर व्यक्ति
क्षुब्ध पशु = आवारा पशु जो लोगो को कष्ट देते हैं
रार = कलह करने वाले लोग
चौपाई का सही अर्थ है कि जिस तरह बेसुरा ढोलक, अनावश्यक ऊल जलूल बोलने वाला गवांर व्यक्ति, आवारा घूम कर लोगों की हानि पहुँचाने वाले (अर्थात क्षुब्ध, दुखी करने वाले) पशु और रार अर्थात कलह करने वाले लोग जिस तरह दण्ड के अधिकारी हैं उसी तरह मैं भी तीन दिन से आपका मार्ग अवरुद्ध करने के कारण दण्ड दिये जाने योग्य हूँ।
स्वामी राम भद्राचार्य जी जो के अनुसार श्रीरामचरितमानस की मूल चौपाई इस तरह है और इसमें ‘क्षुब्ध' के स्थान पर 'शूद्र' कर दिया और 'रारी' के स्थान पर 'नारी' कर दिया गया है।
भ्रमवश या भारतीय समाज को तोड़ने के लिये जानबूझ कर गलत तरह से प्रकाशित किया जा रहा है।इसी उद्देश्य के लिये उन्होंने अपने स्वयं के द्वारा शुद्ध की गई अलग रामचरित मानस प्रकाशित कर दी है।रामभद्राचार्य कहते हैं धार्मिक ग्रंथो को आधार बनाकर गलत व्याख्या करके जो लोग हिन्दू समाज को तोड़ने का काम कर रहे है उन्हें सफल नहीं होने दिया जायेगा।
आप सबसे से निवेदन है , इस लेख को अधिक से अधिक share करें। तुलसीदास जी की चौपाई का सही अर्थ लोगो तक पहुंचायें हिन्दू समाज को टूटने से बचाएं।
बहुत अच्छी कहानी बयां की है औरभी आगे सूनाऐ
*🌝चाँद को भगवान राम से यह शिकायत है* कि दीपावली का त्यौहार अमावस की रात 🌚 में मनाया जाता है और क्योंकि अमावस की रात में चाँद निकलता ही नहीं है, इसलिए वह कभी भी दीपावली✨ मना नहीं सकता। यह एक मधुर कविता है कि चाँद किस प्रकार खुद को राम के हर कार्य से जोड़ लेता है और फिर राम से शिकायत करता है। राम भी उस की बात से सहमत हो कर उसे वरदान दे बैठते हैं। आइए देखते हैं ।
************************************
*जब चाँद का धीरज छूट गया,* 🌙
*वह रघुनन्दन से रूठ गया।* 😒
बोला रात को आलोकित हम ही ने करा है ।
स्वयं शिव ने हमें अपने सिर पे धरा है ।
तुमने भी तो उपयोग किया हमारा है,
हमारी ही चांदनी में सिया को निहारा है।😍
सीता के रूप को हम ही ने सँभारा है ।
चाँद के तुल्य उनका मुखड़ा निखारा है। ☺
जिस वक्त याद में सीता की ,
तुम चुपके - चुपके रोते थे, 😥
उस वक़्त तुम्हारे संग में बस ,
हम ही जागते होते थे ।🌙
संजीवनी लाऊंगा ,🌿
लखन को बचाऊंगा ,.
हनुमान ने तुम्हें कर तो दिया आश्वस्त।
मगर अपनी चांदनी बिखरा कर ,🌛
मार्ग मैंने ही किया था प्रशस्त।
तुमने हनुमान को गले से लगाया ।
मगर हमारा कहीं नाम भी न आया। 🌜
रावण की मृत्यु से मैं भी प्रसन्न था ।
तुम्हारी विजय से प्रफुल्लित मन था।🎉
मैंने भी आकाश से था पृथ्वी पर झाँका।
गगन के सितारों को करीने से टांका। 🌟
सभी ने तुम्हारा विजयोत्सव मनाया।🎉
सारे नगर को दुल्हन सा सजाया। 😍
इस अवसर पर तुमने सभी को बुलाया।
बताओ मुझे फिर क्यों तुमने भुलाया।
क्यों तुमने अपना विजयोत्सव
अमावस्या की रात को मनाया ? 🌚
अगर तुम अपना उत्सव किसी और दिन मनाते ।
आधे-अधूरे ही सही हम भी शामिल हो जाते ।
मुझे सताते हैं, चिढ़ाते हैं लोग।😁
आज भी दीवाली अमावस में ही मनाते हैं लोग ।
तो राम ने कहा, क्यों व्यर्थ में घबराता है ?🤔
जो कुछ खोता है, वही तो पाता है ।🤗
जा तुझे अब लोग न सतायेंगे।
आज से सब तेरा मान ही बढायेंगे।😎
*जो मुझे राम कहते थे,*
वही आज से*
*रामचंद्र* कह कर बुलायेंगे।
🌙✨🌙✨🌙
**jai shree ram**
Hanuman ji ko kis dheemar(mallah) ne bandh liya tha dheemar sung. Chavan kari paya jashan sahit swarg sidhaya dheemar kari hanumaan bhandhawa ?
Om SaJal Sradhdha Om Prakhar PraGYa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT SaraSwaTI MaTa Om TaT SaT SaVITrI MaTa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT
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Maharaj ji iska pramad kaha he
प्रभु मैं तो एक मामूली पंडित ठहरा जो पढ़ा सुना वह दर्शको/श्रोताओं में शेयर कर लेता हूं। आप ठहरे भगवान श्रीकृष्ण की लीला भूमि के रसिक, तेज अर्थात प्रकाश अर्थात सूर्य के भूषण अर्थात आभूषण अर्थात गहने और उसके साथ साथ शास्त्री डिग्री भी कर रखी है किसी गुरुकुल से की होगी या वनारस विश्व विद्यालय से। अब आप मुझ जैसे तुक्ष प्राणी से प्रमाण मांगते अच्छे नहीं लग रहे।
हां इतना जरूर है कि आदर्श धर्म सनातन धर्म चैनल पर बिना प्रमाण का कुछ नही दिखाया या बताया जाता।
अब जब आप भागवत कथा सुनाते हैं उसमे तरह तरह के मिलावटी प्रसंग बताते हैं जो पूरी तरह से अप्रमाणित अवैज्ञानिक और असंभाविक है फिर भी लोग प्रमाण नहीं मांगते क्योंकि वह ईश्वर पर विश्वास करते हैं और आपको व्यास । किंतु अगर कोई आपसे कहे कि भागवत में राजा युवनाश्व के पुत्र मांधाता के जन्म, इंद्र की उंगली पिलाना, और सतयुग के राजा मांधाता की त्रेता में पैदा हुए रावण के भांजे लवणासुर द्वारा मृत्यु कराना यह सब बिलकुल झूठी कहानी का प्रमाण दो आप क्या कहोगे ? क्योंकि इस कहानी से समाज को कोई शिक्षा भी नहीं मिलती अंधविश्वास को बढ़ावा देती है।
हम तो इस कथा के प्रमाण भी दे देंगे और कथा से क्या शिक्षा मिलती है यह भी बता देंगे।
आप सिर्फ यह बताएं कि आपको प्रमाण क्यों चाहिए? मैं यहां पौराणिक वैदिक धार्मिक कथाएं सुना रहा हूं किसी परीक्षा में शामिल नहीं हो रहा हूं।
Thanks again and again
Thnks ,jay jaganath
जय जगननाथ
Y kaunse पुराण की कथा हे
अगस्त्य ऋषि की रामायण में
राजा दिलीप को किसने सिखाई थी वो विद्या जिसके कारण रावण अयोध्या में प्रवेश नही कर पाता था
दूशरी बात क्या कोई भी प्रवेश नही कर पाते थे या लंका वासी नही घुस पाते थे
आपने वीडियो पूरा देखा नही शायद उसमे स्पष्ट बताया गया है कि यह विद्या महर्षि वशिष्ठ ने सिद्ध की थी और सर्वप्रथम महाराज दिलीप को सिखाई थी। इसके बाद यह विद्या रघु, अज, सत्यकेतु (दशरथ), भाईयो सहित राम ने सीखी थी। इसी विद्या का प्रयोग लक्ष्मण रेखा में लक्ष्मण ने किया था।
इस विद्या का संबंध सीधा मनुष्य के ह्रदय और मस्तिष्क के विचारो से होता है जिस मनुष्य के मन में अयोध्या का अहित करने की सोच होती थी वह उनकी सीमा में प्रवेश नही कर सकता था। उसी की मिलती जुलती टेक्नोलॉजी आज इजरायल कर रहा है उसकी सीमा में दुश्मन की मिसाइल रॉकेट बम आदि घुस नही सकते, मनुष्य की क्या औकात है। यह टेक्नोलॉजी आप लाखो साल पहले प्रयोग कर चुके हैं।
धन्यवाद जी महात्मा जी
किस रामायण की कथा है
@@sonukumarmeena7494 सभी रामायणो में है कही विस्तार से कही संक्षिप्त में, कही Annexure में कहीं क्षेपक में।
@@AdarshDharam धन्यवाद जी जय श्री राम
Kripya granth ki jankari dene ki kripa karein jai shri ram.
ua-cam.com/video/8Io6VXEl1wY/v-deo.html
जरूर देखिए
कृपया जिस ग्रंथ का ये कथानक है उसका उल्लेख प्रकाशन संस्थान के नाम के साथ करें
बाजपेई जी
आपको पहले भी बतलाया था फिर रिपीट कर देते है। यह सारे प्रसंग स्टोरी क्षेपकों में से लिए गए हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे महान दादा जी के मामाजी पंडित जगन्नथ मिश्रा के चार पीढ़ी पूर्व की books dekhne ko padhne ko मिली। उल किताबो की खासियत है कि वह binded नहीं होती पेज कोआगे पीछे करके सभी पेज खुले होते है ।
इससे ज्यादा जानकारी देना उचित नहिसमझता
ua-cam.com/video/8Io6VXEl1wY/v-deo.html
@@AdarshDharam हमें कुछ नहीं कहना है। हरित भूमि तृण संकुलित समझि परत नहीं पंथ,जिमि पाखंड वाद से लुप्त होत सदग्रंथ।
@@AdarshDharam matlab ye asal ghatna nahi hai|?
@@KayasthKulSarvopari22110 यह अपनी अपनी श्रद्धा है आप माने या न माने। सभी स्वतंत्र हैं। हमने तो असल ग्रंथ से ही सुनाया है अब जिनको शंका है तो ग्रंथ की खोज में लग जाए।
Ok
किस पुराण में है ये कथा
अगस्त्य ऋषि की रामायण में
👉#जय_जय_श्री_राम
👉#बने_भक्तों_के_बिगड़े_काम ।
👉#भक्ति_भावना_और_हिन्दू_संनातन_धर्म_युक्त
🌻👉🎏#अखंड_भारत_माता_की_जय 🎏👈🌻
Yah kaun sa Ramayan Mein Hai Sar
Ravsna ka Sach?
रावण लक्ष्मण से क्यों डरता है इसका आपने कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया
Waah re bai story sunn k b pta nhi chala Kyu darr tha uss ko..🤣🤣🤣🤣
Kis Ramayan ka prasang he
अगस्त्य ऋषि की रामायण में
किस रामायण की बात है ये