इतना सत्य बोलने की आवश्यकता नहीं थी।ये ब्राम्हण गौमांस खाने वाले और शराब का मजा लेने वाले ,जो भगवान से भी बड़े हैं इनको कुछ भी न कहो, वरना तुम्हारा सब कुछ छिन जाएगा। ब्राह्मण को खुश रखने के लिए जो मांगे इनको दे दो।
पर तू तो ब्राहमण है और ब्राहमण झूठ ही बोलता है लिखता भी झूठ ही है रामायण महाभारत गीता वेद पुराण स्मृति उपनिषद ब्राहमषो ने मुगल काल मे तब लिखे थे जब देवनागरी लिपी बन चुकी थी बामनो ने अपनी कूटभाषा संस्कृत को बना लिया था मुगल कालमे बामनो का यही काम था मुगलो की चाटना समाज को बांटना गपोडबाजी बांचना झूठे शास्त्र लिखना
पर तू तो ब्राहमण है और ब्राहमण झूठ ही बोलता है लिखता भी झूठ ही है रामायण महाभारत गीता वेद पुराण स्मृति उपनिषद ब्राहमषो ने मुगल काल मे तब लिखे थे जब देवनागरी लिपी बन चुकी थी बामनो ने अपनी कूटभाषा संस्कृत को बना लिया था मुगल कालमे बामनो का यही काम था मुगलो की चाटना समाज को बांटना गपोडबाजी बांचना झूठे शास्त्र लिखना
रामकृष्ण महाभारत गीता यह सब कपूर लीला है यह इतिहास भी नहीं है मेरे भाई फिल्टर आउट किया हुआ या सच्चा खोज हुआ इतिहास भी तो जान ले मेरे भाई क्यों बखान करता है ब्राह्मण की गतोड़ लीलाओं का नमस्कार जय हिंद नमो बुद्धाय जय भीम
क्यों पागल बना रहा है रामायण में खुद वाल्मिकी ने अपने-आप को प्रचेता का दसवां पुत्र लिखा है और प्रचेता ब्रह्मा का पुत्र था इसी प्रकार वेदव्यास पराशर ऋषि के पुत्र थे और पराशर खुद ब्राह्मण था
Kaise door ho jaoge dharma se Kya Aisa padoge jo dharmik logo ne likha na ho agar tum dharma ko nahi janta to akl se paidal ho @@energeticmotivational6641
@@JeewanKiJigyaasa PRASRY. KI. BETI. BATAYA. H. VEDO M. SATYVAT. VYAS. JI. KI. MAA. MACHHUVARE. KI. HI. PUTRI. RISI. NE. GALAT. KAM. KIYA. THA. SATYUG. HAJARO. KATHAO. M. AISA. BATAYA. KALI. KARTOOT..........
श्रीमान जी ब्राह्मण एक धर्म, सिद्धांत, व्यवहार, कर्तव्य हैं। जाति, समूह,या किसी भी समाज से कोई लेना-देना नहीं है। जो धर्म-कर्म को जाति समुदाय वाले नजरिए से देखता है वास्तव में वह व्यक्ति अक्ल से अंधा है। धन्यवाद ॐ।
इस बात से आम जनता को क्या लेना देना ये सब तो धार्मिक ज्ञान का विषय है ..आम जनता को रोजगार चाहिए अस्पताल और स्कूल की जरूरत है ..बुजुर्गों और विधवाओं को पेंशन की आवश्यकता है ..कोई जुगत लगाइए आम जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति हो...🙏🏿
वेद व्यास जी मछुवारे के बेटे नहीं थे ।वे श्रषि पाराशर के पुत्र थे ।पाराशर ब्राह्मण होते हैं ।अपना ज्ञान सुधार लो फिर भाषण देना ।पूरी महाभारत का अध्ययन कर लेना ।😢😢
@@prakashkashyap2681 हां मुझे मालूम है कि उनकी मां एक मछुवारे की पुत्री थीं ।पर सनातन धर्म में पुत्र को गोत्र मां का नहीं पिता का माना जाता है ।समझे क्या ।
@@Kaviraj-sx6rhArjun aur chitrangada ka beta kabhi pandav nahi kahlaya balki usne apni mata ka gotra liya tha, pehle khud padho thik se.sanatan dharm mein maa baap kisi ka v gotra liya ja sakta h.
@@mahendravaishnav4538 dono kis tarah se saman hai yani aap kahna chahte hai ek bekoof dusara vidwan fir bhi saman wa re manuwadio ki ninja technique kair sabhi bhartion sc st OBC ko murkh samajh rakha hai kya manuwadi kuchh bhi gapodega man liya jayega Jai bheem
ब्राह्मण कोई जाति नहीं है लेकिन कुछ लोग अपने आप को श्रेष्ठ बताने के लिए उसको जाति के रूप में प्रोयाग करता आया है खैर कोई दिक्कत नहीं है। आर्य नहीं आते तो यहां की हालत ऐसी नही होती
Bhai mai aap ke baat se sahmat per kya aap apni jaati ko garv se kahoge to bramhan apne aap ko bramhan na kahe to kya kahe Baba saheb ambedker ji ne pahle hi sunichit kar diya ki vaidik kaal ke shudro ka aaj ke kisi bhi vyakti ka koi realation nahi hai
@@sandeeptripathi4757 अब जाति है तो जाति बोलेंगे ही । जाति में गर्व वाली क्या बात है हम सब इंसान है , इंशानियत होनी गर्व की बात है ना की जाति। ये जाति आधारित धर्म में आज ठीक से हम हिंदू एक नहीं हो पाते सबको अपनी जाति की पड़ी है उपर से ये राजनेता लोग , जाति जाति खेल कर भाईचारा को चौपट कर देते है । फिर बोलोगे की मुस्लिम समुदाय एक है हिंदू लोग एक नहीं है ये हमारी जाति ही नहीं जाती तो हमारे धर्म के लोग एक कहां से होंगे।। जाति वाद खत्म करोगे तभी सब ठीक होगा ।। पुराणों में लोग अपने हिसाब से लिखे है जो मन में आया लिखे अब जागरूक होकर कुरीति, विसंगति को दूर करने के बजाए। जाति पे अटक जाते हो। मैं इंसान हूं अगर इंसानियत है तो इंसान होना सार्थक है ।।
@@varunpandey8245 😂😂😂 अब बोलना उचित नहीं है दोस्त , विवाद खड़ा नहीं करना है , इस संबध में बड़े बड़े बुद्धिजीवी लोगों का मत भी मैने पढ़ा है लेकिन अब इन बातों का कोई अवचित्य नही रहा। अब सब एकता के साथ रहें सभी हिंदू भाई , जाति आधारित समाज से उपर उठ कर इंशनियत, भाईचारा कायम रखते हुए। और किसी का चारा नहीं बनाने की ओर अग्रसर होना उचित है
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय जय श्री राम
Ha lala teri jaat sab jante he mugal ne jo hindu or musalmaan ki aulaad ko lala jati di. Mulle ki najayaj aulad hoti he lala. Or brahma ke 10 purtro ke vansh he Sare brahman he. Or jo brahman ke putra neche karma krta tha. To nayi jati ban jati thi. Gupta or singh brahman ki dusri jaat ki branch he. 😅
ऐसे ऐसे मूर्ख झूठे लोग कलयुग में नेता बन रहे हैं। न इतिहास की जानकारी है और न ही शास्त्रों की। ये बेशर्म धूर्त लोग सुधरने वाले नहीं हैं क्योंकि संसद में ऐसे ऐसे लोगों की संख्या बहुत बढ़ गई है ऐसे ऐसे लोगों के संसद पहुचने का कारण जातिवाद और धर्म है। बाल्मीकि ऋषि भी ब्राह्मण थे। प्रचेता ऋषि के दशवें पुत्र। अगस्त ऋषि भी ब्राह्मण थे
मैं इनसे सहमत नहीं हूँ, जब ये सब ग्रंथ लिखे गए तब जन्म से जाति व्यवस्था नहीं थी, ब्राह्मण एक पदवी थी ज्ञानी और तपस्वी की जिसके लिए उपरोक्त सभी ने महती प्रयास किये। विश्वामित्र जी ने महर्षि बनने के लिए बहुत तपस्या की वे क्षत्रिय कुल के थे, बाद मे तपस्या, व अध्ययन के बाद राजर्षि बनेफिर और अधिक तपस्या से ब्रह्मर्षि बने, सबकी अलग अलग कथा है। जहाँ तक दिनकर की किताब संस्कृति के चार अध्याय की बात है उसकी भूमिका ज ला नेहरू ने लिखी हैऔर उस पुस्तक में कई भ्रांतियां फैलाई गई। नेहरू को खुश करने के लिए दिनकर ने कई झूठ गढ़े भी हैं, और यहाँ वहाँ से उठा कर जोड़ दिये, इसीलिए दिनकर को लिखना पड़ा कि उनकी इस पुस्तक से एक वर्ग खासा नाराज है। दिनकर नेहरू की चापलूसी करते थे और हाँ में हां मिलाते रहे तो राज्यसभा में कई बड़े विद्वानों को किनारे कर वहां पंहुचे भी और टिके रहे।
जितनी पुरानी वर्ण व्यवस्था है उतनी प्राचीन ही जाति व्यवस्था है। संभव है आप इस तर्क को न माने इसके लिए आप स्वतंत्र है पर किसी भी बाद विवाद में प्रमाण धर्मग्रंथ / शोधग्रंथ ही होंगे। वैसे में आपसे प्रश्न है जाति जन्म से या कर्म से?
क्षत्रिय कुल का मतलब जन्म से एक कुल मिलता था उसके अनुरूप कार्य करना हो तो ठीक परंतु अगर दूसरे वर्ण के अनुरूप कार्यालय करना हो तो उसके लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता था,जैसे विश्वामित्र ji ne ब्राह्मण बनाने के लिए कठोर तलाशना की thi
पर तू तो ब्राहमण है और ब्राहमण झूठ ही बोलता है लिखता भी झूठ ही है रामायण महाभारत गीता वेद पुराण स्मृति उपनिषद ब्राहमषो ने मुगल काल मे तब लिखे थे जब देवनागरी लिपी बन चुकी थी बामनो ने अपनी कूटभाषा संस्कृत को बना लिया था मुगल कालमे बामनो का यही काम था मुगलो की चाटना समाज को बांटना गपोडबाजी बांचना झूठे शास्त्र लिखना
@@rajeshbundele4031बस इतना ही आता होगा,तो क्या बोलोगे ? पढ़ोगे तब तो जानोगे😮 अरे कुपढ़ बाल्मीकि जी मेहतर होते तो,उनके समाज के लोग,झाड़ू-पन्जा नहीं मन्दिर संभाल रहे होते...
पंडित, ब्राह्मण, प्रवाचक ये सभी अध्यात्म कथा के दौरान राजनीति और राजनेताओं की बातें करते हैं और राजनेता संसद में धर्म पर प्रवचन दे रहे हैं.. यहां तो सभी ज्ञानी हैं... धन्य है आप सभी...😊
महान आत्मा बहुत तेजस्वी हैं आप , चारों वेद के रचयिता का अभी भी पता नहीं है महाभारत वेदव्यास जी द्वारा रचित जरूर है परंतु उपनिषद और वेद उनके द्वारा रचित नहीं है पूर्ण जानकारी प्राप्त करिए
आप जैसे व्यक्तियों को शत-शत प्रणाम आप ने समाज में बहुत ही अच्छा सन्देश दिये है कुछ राजनीतिक दलों के नेता जाति-पाति में पुरे सनातन धर्म को बांटने का कुचक्र रचा है आप उन्हें मुंह तोड जवाब दिये है
आपकी बात सत्य है। जहां इनकी पोल खुलती हैं , वहां ये लोग हरिजन से भी रिश्ता जोड़ कर उनको ब्राह्मण बना देते हैं। अधिकतम ऋषि जो महाकाव्यो एवं उपनिषद् की रचना की वे सब पिछड़े वर्ग से ही थे।
Bhai vo kyastha the Jo shrivastav hote h Dr. Rajendra prasad,Amitabh Bachchan.lala lajpat rai ,Subhas Chandra Bos,sir jagdeesh Chandra Bosh , sarojini nayadu,munsi Prem Chandra , mejar dhayanchandra ,vatukeshwar datt ,lala hardayal ,Arvind Ghosh, khudiram Bosh, Raja todarmal ,sushain baidh ,Bala sahan thakre ,jayprakash Narayan etc....ye sabhi kyastha the proud to be a kayastha ❤❤❤❤
जब लोग अपने कुसित बुद्धि से हिंदुओं को आपस में जातियों में, अपने गलत नैरेटिव्स से बाटने लगेंगे तो सच से अवगत कराना ही पड़ेगा, कोंगियो और लेफ्टियो का एजेंडा ध्वस्त तो करना ही पड़ेगा।
शोषण करने के लिए वंचित समाज के मन में भ्रम पैदा करने के लिए समय-समय पर यही व्याख्या बदलती रहती है। हमारे ऋषी एवं देवताओं का हमारे ग्रन्थों में व्यभिचार का सम्मयक वर्णन मिलता है।
आज आप लोगों का समय है,जो कहें सही है, एक कोयल नौ उल्लू तो किसकी चलेगी। संभल जाओ मेरे साथियों नहीं तो परिणाम भुगतना पड़ेगा। प्रकृति किसीको नहीं बकसेगी। ईश्वर के यहां देर है अंधेर नहीं। जय हिंद जय भारत
ये सत्ये है कियु की आज के युगये मे ये दिख रहा है . दुनिया आज असत्ये के आगे मजबूर है परंतु सत्ये भी कमजोर नही है असत्ये का अंत भी निकट ही है हरि बोल हरि ही सबका बेरा पार करेंगे
Barhm ka gyan ka matlb kya hai nothing padna or saskirit me mantr padna ae loyi vi pad sakta barahm ka gyan apne kalpnik o silp ke.duyara vagwan ke syrup ko dhikhana use barahm silipi kaha jata hai
Syrup ko darshana. Usko brhm.ka gyan kha jata hai AR vhayi barahm silpi ka man kro bhi barahman hai jo Tamara.or.sab.ka syrup.apne.antar.atma.me.utaran
Silp barahmano ko in Katha bachak.or adiguru shakrachriya ne ne apne feda ke liye barahm silpi barahman ka apman kiya hai jo sanatan ka sakti Sampat hgya hai ae logo ko jo man me.ata.hai krta.hai
Kebal vishwkarma bansj vishwbarahman hai vishw ka barahman usi ko vishwbarahman matlb dar.mad ka barahman hai athrvedi silpi barahm gopat.barahma ko barahman kahajata hai
महर्षि वाल्मीकि का जन्म ब्राह्मण-परिवार में ही हुआ था लेकिन भील-दम्पति ने गोद ले लिया था, इसलिए कुछ और लोग इन्हें भील जाति का स्वीकार करते हैं। देवर्षि नारद जी के उपदेश देने पर अनन्त काल तक "राम-राम" की बजाय "मरा-मरा" जप करते रहे और शरीर में सर्वत्र वाल्मीक (दीमक) हो जाने के कारण इनका नाम वाल्मीकि और आदिकाव्य की रचना करने के कारण आदिकवि की संज्ञा से ख्यापित हुए...
प्राशर क्या ब्राह्मण था संभोग के चक्कर में सारी तपस्या भंग करदी कामी कह सकते हो उससे अधिक तपस्वी सत्यवती थी जिसने वेद व्यास जैसे गुणवान पुत्र को जन्म दिया संस्कार दिए।
मुर्ख बनाता है दलीतों को। दलित अपने नाम के साथ राम लिखे और स्वर्ण आपने नाम में जाति सूचक दूबे, चौबे ,सिंह और सिन्हा लिखे। इतने बड़े रामभक्त है स्वर्ण जाति के लोग तो अपने नाम के साथ राम क्यों नहीं लिखते? केवल शव यात्रा में राम नाम सत्य है बाकी अवसरों में राम का नाम झूट है।
कोन आर्य कोन ओना आर्य किसी विदेशी लिख दिया ओर हम भारत बासी मान लिया कोई वो आर्य वो आना आर्य कोई बाहर से नहीं आए हम सब भारतीय है सर ❤ बोलो सीता राम ❤ जय हिन्द ❤
Use silpi barahman kahte hai silpi barahman me hi vedo keadhar par barahm silpi gopat vishw ka barahman kahte hai jakr.vedo ko pato dhogi panta or Katha bachak ke khne par
भगवान ऋषि मुनि ब्राह्मण नहीं है। ठीक है।लेकिन ब्राह्मणों को भगवान भी सम्मान देते रहे है।बिना ब्राह्मण के पूजा जप तप हवन नहीं हो सकता। जैसे बिना आत्मा के शरीर है वैसे ही बिना ब्राह्मण के मानव समाज।
भाई ये वोट के लिए कुछ भी कह सकते हैं, ऐसे ज्ञानियों के ज्ञान के कारण आज ब्राह्मण समाज में अपमानित हो रहा है। इस मूर्ख को किसी से ईर्ष्या हो या न हो इसे सिर्फ बंगाली ब्राह्मणो से भरपूर ईर्ष्या है, बंगालियों से चिढ़ क्यों है समझदार समझ रहे हैं। इस भ्रम की सजा किसी भी स्वरूप में मिलेगी,समय का इंतजार करो।ये गोस्वामी तुलसीदास के गोत्र के है। जयहिंद।
वाल्मीकि जी जी का नाम पंडित रत्नाकर शुक्ला था वर्षों तक ध्यान में बार बार मरा मरा जपने से उसके शरीर पर चीटियों ने बाँबी बना ली थी जिससे उनका नाम वाल्मीकि पड़ गया।
मेरे भाई सारे ग्रन्थों और वेदों के लेखक ब्रह्मण हैं या कोई किसी भी गोत्र के रहे हौ सनातनी ही थे हमारे सनातनी हिन्दू उसे सम्मान से पढ़ते उनके लिखे ग्रंथों को जलाते नहीं है जो जलाने और मिटाने की बात करते हैं
पर तू तो ब्राहमण है और ब्राहमण झूठ ही बोलता है लिखता भी झूठ ही है रामायण महाभारत गीता वेद पुराण स्मृति उपनिषद ब्राहमषो ने मुगल काल मे तब लिखे थे जब देवनागरी लिपी बन चुकी थी बामनो ने अपनी कूटभाषा संस्कृत को बना लिया था मुगल कालमे बामनो का यही काम था मुगलो की चाटना समाज को बांटना गपोडबाजी बांचना झूठे शास्त्र लिखना
मेरे माननीय जिन्हे आप मछुआरे के बेटे बोल रहे है तो वो मछुआरे के नहीं बल्कि वो मछुआरिन के बेटे थे जिनके पति ब्राम्हण थे यानि पुरुष ब्राम्हण थे और महिला मछु आरिन अतः वो ब्राम्हण ही न हुए।
जब लब-कुश से हारने के बाद बाल्मीकी स्वयं वहाँ पहुंचते है, और कहते है महाराज मै ब्रह्मा के दशई पुत्र प्रचेता का पुत्र हूँ। और वे अग्नि शर्मा है। बाल्मीकी उपनाम है।
मेरे विचार से हमारे सब नेता पागल जिन्हें अपने क्षेत्र की समस्या की बात नहीं करते सिर्फ सनातन धर्म हाथ धोकर पीछे लगे हैं किसान की समस्या की बात नहीं करते ग्रामीण समस्या की बात नहींकरते जल व्यवस्था की बात नहींकरते सिर्फ जनता को गुमराह करने कीबात करते हैं
पर बो सनातनी थे हमें इस पर गर्व है।
गर्व
Koi sanatani nahi ye jhoot hai
Sanatan se sirf shristi karta permeshwar hai
बिल्कुल तुम्हे गर्भ में ही रहना चाहिए।
इतना सत्य बोलने की आवश्यकता नहीं थी।ये ब्राम्हण गौमांस खाने वाले और शराब का मजा लेने वाले ,जो भगवान से भी बड़े हैं इनको कुछ भी न कहो, वरना तुम्हारा सब कुछ छिन जाएगा। ब्राह्मण को खुश रखने के लिए जो मांगे इनको दे दो।
😂@@spandansingh2835
जय सनातन जय हिन्दुराष्ट जय श्रीराम
पर तू तो ब्राहमण है
और ब्राहमण झूठ ही बोलता है
लिखता भी झूठ ही है
रामायण महाभारत गीता वेद पुराण स्मृति उपनिषद
ब्राहमषो ने मुगल काल मे तब लिखे थे जब देवनागरी लिपी बन चुकी थी
बामनो ने अपनी कूटभाषा संस्कृत को बना लिया था
मुगल कालमे बामनो का यही काम था
मुगलो की चाटना
समाज को बांटना
गपोडबाजी बांचना
झूठे शास्त्र लिखना
जहां तक मुझे ज्ञात है... भगवान परशुराम ब्राह्मण थे।
Bhagwan nahi tha bo majburan bhagwan banna pada parshuram Jo ko
Parashuram ji k pita ji jamdagin rishi h jo ki Brahman h aur renuka ji inking mata h jo kshatriya h.
परशुराम जी में ऐसा कोई भी गुण नहीं था जिससे उन्हें भगवान माना जाए।वे मातृहनता थे 😮😅😅
Parsuram bhagwan nhi he 👉 chiranjeevi he
Uss gaπD√ ka naam hi kaha bola h isne😂😂😂
सत्य सनातन की सुंदर बात ब्रह्म का ज्ञानी ही ब्राह्मण है
हर हर महादेव,
जय श्री राम, जय हिन्द, जय भीम ...
पर तू तो ब्राहमण है
और ब्राहमण झूठ ही बोलता है
लिखता भी झूठ ही है
रामायण महाभारत गीता वेद पुराण स्मृति उपनिषद
ब्राहमषो ने मुगल काल मे तब लिखे थे जब देवनागरी लिपी बन चुकी थी
बामनो ने अपनी कूटभाषा संस्कृत को बना लिया था
मुगल कालमे बामनो का यही काम था
मुगलो की चाटना
समाज को बांटना
गपोडबाजी बांचना
झूठे शास्त्र लिखना
ब्राह्मण कोई जात नाही ये ज्ञानकी उच्च पदवी थी। लेकीन आज केवल जात बनकर रह गयी है।
शिक्षा और नौकरी, रोजगार ही भगवान का दर्शन कराता है।।
😂😂😂
Hmm tab to Jo bhikh mang rha h..wo bhagwan ka Darshan nhi karta h..
रामकृष्ण महाभारत गीता यह सब कपूर लीला है यह इतिहास भी नहीं है मेरे भाई फिल्टर आउट किया हुआ या सच्चा खोज हुआ इतिहास भी तो जान ले मेरे भाई क्यों बखान करता है ब्राह्मण की गतोड़ लीलाओं का नमस्कार जय हिंद नमो बुद्धाय जय भीम
क्यों पागल बना रहा है रामायण में खुद वाल्मिकी ने अपने-आप को प्रचेता का दसवां पुत्र लिखा है और प्रचेता ब्रह्मा का पुत्र था इसी प्रकार वेदव्यास पराशर ऋषि के पुत्र थे और पराशर खुद ब्राह्मण था
Never,
चलो मान गए अब तो रामायण और महाभारत का सम्मान करो और पाठ्यक्रम में शामिल करो ।
पढाई मे धर्म दूर रहना ही बेहतर है
@@energeticmotivational6641madsrshe me kya padaya jata hai
Kaise door ho jaoge dharma se Kya Aisa padoge jo dharmik logo ne likha na ho agar tum dharma ko nahi janta to akl se paidal ho @@energeticmotivational6641
400 इसी के लिए ही मांग रहा था।
Nahi quran samil karo
भारत का संविधान लिखणेवला ब्राम्हण नहीं था,,
जय संविधान🌺🙏🌺🇪🇬
Dalit bhi nahi tha
Akele bhi nahi likha tha
Aur copy paste tha
Aur 1935 ke adhiniyam se 250 anuchhed liye gai the
ब्रामण के पति देव ने लिखा हैँ क्या
मनु की नाजायज औलादें तब संविधान को क्यों जला रहे,बदल रहे हैं ??
Ambedakr ne kn liya samvidhan dusre likh gaye
जहां ब्राह्मणों की पोल खुलती है वहां हरिजन को भी ब्राह्मण बना देते हैं ऐसी सोच है इनकी इनकी नियत किसी भी हद तक गिर सकते हैं😂😂😂😂😂
अन्नपूर्णा मूर्ख और काम पंथी वामपंथियों से तुम प्रभावित दिखाई देते हो
E bahinchodwa dhokha se Brahmin ka pratinidhitwa kar Raha hai
Tumhaari dum nahi hai apna sahi parichay dene ki......chalein hain doosron pe ungli uthane......😂😂😂😂
वो कीया बोल रहा हे तूजे समझ मे भी आया कीया, हाहाहा
@@dkdk1983 तेरी मम्मी ने जरुर किसी ब्राह्मण का लॉलीपॉप चूसा होगा इसलिए ब्राह्मणो से इतनी नफरत है😉😉
वेद व्यास के पिता ऋषि पराशर थे। Dubey जी डूबे ji
@@JeewanKiJigyaasa PRASRY. KI. BETI. BATAYA. H. VEDO M. SATYVAT. VYAS. JI. KI. MAA. MACHHUVARE. KI. HI. PUTRI. RISI. NE. GALAT. KAM. KIYA. THA. SATYUG. HAJARO. KATHAO. M. AISA. BATAYA. KALI. KARTOOT..........
Bhag BC, ved byas parasar aur satyavati ke avaidh santan the
Maa machawrin thi maa ne paida kiya
Mata satyavati
Maa nishad kanya सत्यवती thi😅😅😅
श्रीमान जी
ब्राह्मण एक धर्म, सिद्धांत, व्यवहार, कर्तव्य हैं।
जाति, समूह,या किसी भी समाज से कोई लेना-देना नहीं है।
जो धर्म-कर्म को जाति समुदाय वाले नजरिए से देखता है
वास्तव में वह व्यक्ति अक्ल से अंधा है।
धन्यवाद ॐ।
और सरनेम लगाकर गर्व से अपने को ब्राह्मण बोलते है,उनका बहिष्कार कब करोगे😅
प्रवचन मंदिर में,😊 देश की जनता की बात करें संसद मे 🎉
Jaise rahul Gandhi
लिखा किसी भी ने हो दोस्त, समझा और समझाया ब्राहिमिन ने ही है।
समझने वाला दिमाग चाहिए। वो हमारे पास है।
इस बात से आम जनता को क्या लेना देना ये सब तो धार्मिक ज्ञान का विषय है ..आम जनता को रोजगार चाहिए अस्पताल और स्कूल की जरूरत है ..बुजुर्गों और विधवाओं को पेंशन की आवश्यकता है ..कोई जुगत लगाइए आम जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति हो...🙏🏿
हा भाई धरम से तो सिर्फ तुम्हारा लेना देना है, हमारा धर्म थोरी है, सब तुमको ही चाहिए
वेद व्यास जी मछुवारे के बेटे नहीं थे ।वे श्रषि पाराशर के पुत्र थे ।पाराशर ब्राह्मण होते हैं ।अपना ज्ञान सुधार लो फिर भाषण देना ।पूरी महाभारत का अध्ययन कर लेना ।😢😢
भाई आपकी बात सही है पर उसकी मां कौन थी
@@prakashkashyap2681 हां मुझे मालूम है कि उनकी मां एक मछुवारे की पुत्री थीं ।पर सनातन धर्म में पुत्र को गोत्र मां का नहीं पिता का माना जाता है ।समझे क्या ।
ऋषि थे किन्तु ब्राम्हण नही थे, ऋषि तो कोई बन सकता है जो तपस्वी मनुष्वी हो।
@@akhleshpatel1721 पाराशर ब्राह्मण ही होते हैं ।वर्तमान समय में भी पाराशर गोत्र ब्राह्मणों में ही होता है न कि मछुवारों में।
@@Kaviraj-sx6rhArjun aur chitrangada ka beta kabhi pandav nahi kahlaya balki usne apni mata ka gotra liya tha, pehle khud padho thik se.sanatan dharm mein maa baap kisi ka v gotra liya ja sakta h.
ब्रह्मण एक वो होते है जो कुल में जन्म लेते है और दूसरा वह जो भक्तिमय रास्ते पर चलकर ब्रह्मण बनते है वे दोनों समान है
Wrong argument it’s Brahminical religion only which controls all ancient myths and mythology
.jai.ho
Mahendraji
@@madhukargaikwad9743abe 2 packet Rice me Bikne bale Hale-Luiya ke pille🐶🐶🐶
Bohot gyan de rha hai.
Chal bta Tera Ishu kaa Baap kon tha😂😂😂😂
@@mahendravaishnav4538 dono kis tarah se saman hai yani aap kahna chahte hai ek bekoof dusara vidwan fir bhi saman wa re manuwadio ki ninja technique kair sabhi bhartion sc st OBC ko murkh samajh rakha hai kya manuwadi kuchh bhi gapodega man liya jayega
Jai bheem
ब्राह्मण कोई जाति नहीं है लेकिन कुछ लोग अपने आप को श्रेष्ठ बताने के लिए उसको जाति के रूप में प्रोयाग करता आया है खैर कोई दिक्कत नहीं है। आर्य नहीं आते तो यहां की हालत ऐसी नही होती
Sahi kaha tab yanha sab talbar ke dar se salwar pahne hote ,aur ye Pakistan ki tarah yah bhi aatankwadi mulk hota
Bhai mai aap ke baat se sahmat per kya aap apni jaati ko garv se kahoge to bramhan apne aap ko bramhan na kahe to kya kahe
Baba saheb ambedker ji ne pahle hi sunichit kar diya ki vaidik kaal ke shudro ka aaj ke kisi bhi vyakti ka koi realation nahi hai
@@sandeeptripathi4757 अब जाति है तो जाति बोलेंगे ही । जाति में गर्व वाली क्या बात है हम सब इंसान है , इंशानियत होनी गर्व की बात है ना की जाति।
ये जाति आधारित धर्म में आज ठीक से हम हिंदू एक नहीं हो पाते सबको अपनी जाति की पड़ी है उपर से ये राजनेता लोग , जाति जाति खेल कर भाईचारा को चौपट कर देते है । फिर बोलोगे की मुस्लिम समुदाय एक है हिंदू लोग एक नहीं है ये हमारी जाति ही नहीं जाती तो हमारे धर्म के लोग एक कहां से होंगे।।
जाति वाद खत्म करोगे तभी सब ठीक होगा ।।
पुराणों में लोग अपने हिसाब से लिखे है जो मन में आया लिखे अब जागरूक होकर कुरीति, विसंगति को दूर करने के बजाए। जाति पे अटक जाते हो। मैं इंसान हूं अगर इंसानियत है तो इंसान होना सार्थक है ।।
Aarya bahar se nahi balki we bhi bharat ke moolniwasi hi the
@@varunpandey8245 😂😂😂 अब बोलना उचित नहीं है दोस्त , विवाद खड़ा नहीं करना है , इस संबध में बड़े बड़े बुद्धिजीवी लोगों का मत भी मैने पढ़ा है लेकिन अब इन बातों का कोई अवचित्य नही रहा।
अब सब एकता के साथ रहें सभी हिंदू भाई , जाति आधारित समाज से उपर उठ कर इंशनियत, भाईचारा कायम रखते हुए। और किसी का चारा नहीं बनाने की ओर अग्रसर होना उचित है
बहुत सुंदर जानकारी दी है यदि विस्तार से जानकारी दी जाती तो ज्यादा जानकारी मिल पाती।
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय जय श्री राम
ऑल ओवर ये है की जाती वर्ण कोई मायने नहीं रखता इंसान की पहचान उसके कर्म से होती है जाति वर्ण से ऊपर उठो भाई
महान आत्मा ब्राह्मण वह होता है जो भगवान की पूजा करें तो भगवान ब्राह्मण या ब्राह्मण भगवान कैसे हो सकता है
अबे साले चूतिया आदमी महर्षियों की कोई जाति नहीं होती है।
Phele google kru types of brahmans
Ha lala teri jaat sab jante he mugal ne jo hindu or musalmaan ki aulaad ko lala jati di. Mulle ki najayaj aulad hoti he lala.
Or brahma ke 10 purtro ke vansh he Sare brahman he.
Or jo brahman ke putra neche karma krta tha. To nayi jati ban jati thi. Gupta or singh brahman ki dusri jaat ki branch he. 😅
Kya type krna hai ye Satya hai ..Google ab aaya hai n@@plantgrowindia
ब्रहामण सो जो ब्रह्म पहचाने,पंडित सो जो पिंड की जाने,,,,,, जन्मः जायते शुद्र संस्कारे
रावण के परदादा अगस्त्य ऋषि थे पाराशर मुनि के पुत्र व्यासजी थे जोर से बोलने से झूठ सच नहीं हो सकता कुछ पढ़ा करो
गजब के गधे हो , अगस्त्य और पुलस्त्य में अंतर पता नही है, और आ गए अपना ज्ञान बांचने
😂😂😂😂❤❤❤❤
WHat about balmiki ji
ऐसे ऐसे मूर्ख झूठे लोग कलयुग में नेता बन रहे हैं।
न इतिहास की जानकारी है और न ही शास्त्रों की।
ये बेशर्म धूर्त लोग सुधरने वाले नहीं हैं क्योंकि संसद में ऐसे ऐसे लोगों की संख्या बहुत बढ़ गई है ऐसे ऐसे लोगों के संसद पहुचने का कारण जातिवाद और धर्म है।
बाल्मीकि ऋषि भी ब्राह्मण थे। प्रचेता ऋषि के दशवें पुत्र। अगस्त ऋषि भी ब्राह्मण थे
@@WaheguruR-ge3ooवह भी ब्राह्मण पुत्र थे
मैं इनसे सहमत नहीं हूँ, जब ये सब ग्रंथ लिखे गए तब जन्म से जाति व्यवस्था नहीं थी, ब्राह्मण एक पदवी थी ज्ञानी और तपस्वी की जिसके लिए उपरोक्त सभी ने महती प्रयास किये। विश्वामित्र जी ने महर्षि बनने के लिए बहुत तपस्या की वे क्षत्रिय कुल के थे, बाद मे तपस्या, व अध्ययन के बाद राजर्षि बनेफिर और अधिक तपस्या से ब्रह्मर्षि बने, सबकी अलग अलग कथा है।
जहाँ तक दिनकर की किताब संस्कृति के चार अध्याय की बात है
उसकी भूमिका ज ला नेहरू ने लिखी हैऔर उस पुस्तक में कई भ्रांतियां फैलाई गई।
नेहरू को खुश करने के लिए दिनकर ने कई झूठ गढ़े भी हैं, और यहाँ वहाँ से उठा कर जोड़ दिये, इसीलिए दिनकर को लिखना पड़ा कि उनकी इस पुस्तक से एक वर्ग खासा नाराज है।
दिनकर नेहरू की चापलूसी करते थे और हाँ में हां मिलाते रहे तो राज्यसभा में कई बड़े विद्वानों को किनारे कर वहां पंहुचे भी और टिके रहे।
😂😂😂😂😂😂😂❤
जितनी पुरानी वर्ण व्यवस्था है उतनी प्राचीन ही जाति व्यवस्था है।
संभव है आप इस तर्क को न माने इसके लिए आप स्वतंत्र है पर किसी भी बाद विवाद में प्रमाण धर्मग्रंथ / शोधग्रंथ ही होंगे।
वैसे में आपसे प्रश्न है
जाति जन्म से
या
कर्म से?
क्षत्रिय कुल का मतलब जन्म से एक कुल मिलता था उसके अनुरूप कार्य करना हो तो ठीक परंतु अगर दूसरे वर्ण के अनुरूप कार्यालय करना हो तो उसके लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता था,जैसे विश्वामित्र ji ne ब्राह्मण बनाने के लिए कठोर तलाशना की thi
Aapka gayan adhura hai, rashtra kavi dinkar Ji ke baare me gyaanhin baat karte hai, kuch sahi se padh lijiye
यदि चापलूस होते तो ऐसा नहीं लिखते कि सकल देश में हलाहल है दिल्ली में हाला है दिल्ली में रोशनी शेष भारत में अधियाला है
बहूत सुंदर बात जय श्री कृष्ण
जिसके लिए जीत कर आये हो जनता के सुखमय जीवन को ध्यान दो ब्राम्हण को समझना इतना आसान नही है हमे अपने मे रहने दो हम खुश है ❤
पर तू तो ब्राहमण है
और ब्राहमण झूठ ही बोलता है
लिखता भी झूठ ही है
रामायण महाभारत गीता वेद पुराण स्मृति उपनिषद
ब्राहमषो ने मुगल काल मे तब लिखे थे जब देवनागरी लिपी बन चुकी थी
बामनो ने अपनी कूटभाषा संस्कृत को बना लिया था
मुगल कालमे बामनो का यही काम था
मुगलो की चाटना
समाज को बांटना
गपोडबाजी बांचना
झूठे शास्त्र लिखना
निशिकांत दुबे जी कमबख्त ये वोटों की राजनीति और कितना नीचा गिराएगी
Abhi Pakistan ki aulad Pakistani paidaish halala ka paidavar Tum ismein kyon kud jaate Ho yah hinduon ka mamla Hindu nipat lega
बाल्मीकि ऋषि प्रचेता के पुत्र थे जो एक ब्राह्मण थे ।
झुठ
@@rajeshbundele4031बस इतना ही आता होगा,तो क्या बोलोगे ?
पढ़ोगे तब तो जानोगे😮
अरे कुपढ़ बाल्मीकि जी मेहतर होते तो,उनके समाज के लोग,झाड़ू-पन्जा नहीं मन्दिर संभाल रहे होते...
Ye kon h pucho jara
parusram kon the
In bevkuf ko Kaun samjhaye apni kahani khud Apne hath se Kaun likhta hai usko likhane ke liye Sevak bahut hai
ये सांसद क्या कह रहा है, इसको खुद भी नहीं पता ।
@@rajdeep4651 धार्मिक मुद्दा आस्था पर आधारित होता है। इतिहास में खोजने पर कुछ नहीं मिलता।
पंडित, ब्राह्मण, प्रवाचक ये सभी अध्यात्म कथा के दौरान राजनीति और राजनेताओं की बातें करते हैं
और राजनेता संसद में धर्म पर प्रवचन दे रहे हैं..
यहां तो सभी ज्ञानी हैं... धन्य है आप सभी...😊
सच कह रहा है
नीच जाति से हो
महान आत्मा बहुत तेजस्वी हैं आप , चारों वेद के रचयिता का अभी भी पता नहीं है महाभारत वेदव्यास जी द्वारा रचित जरूर है परंतु उपनिषद और वेद उनके द्वारा रचित नहीं है पूर्ण जानकारी प्राप्त करिए
आप जैसे व्यक्तियों को शत-शत प्रणाम आप ने समाज में बहुत ही अच्छा सन्देश दिये है कुछ राजनीतिक दलों के नेता जाति-पाति में पुरे सनातन धर्म को बांटने का कुचक्र रचा है आप उन्हें मुंह तोड जवाब दिये है
आपकी बात सत्य है। जहां इनकी पोल खुलती हैं , वहां ये लोग हरिजन से भी रिश्ता जोड़ कर उनको ब्राह्मण बना देते हैं। अधिकतम ऋषि जो महाकाव्यो एवं उपनिषद् की रचना की वे सब पिछड़े वर्ग से ही थे।
Toh un sab maha kavyon ko shikha mein include karo. Turant
काले कानूनों पर हस्ताक्षर भी ब्राह्मण नहीं किए हैं,जिनके हस्ताक्षर से कानून बने हैं।समझे तो बताओ।
Nehru 😅😅😅
Chandra shekhar azad kon the prabhu
काल्पनिक की कोई जाति नहीं होती सारे हिंदू धर्म ग्रंथो के पात्र ग्यारहवीं शताब्दी के बाद लिखे गए हैं
हमारा पहला धर्म है इंसान से ना झगड़ो गीता और कुरान से
स्वामी विवेकानंद ने देश को विश्व गुरु का दर्जा दिलाए जो ओबीसी थे
उस समय OBC जैसा कुछ था ही नही, वैसे वो कायस्थ थे जो सामान्य वर्ग में आते है
Bhai vo kyastha the Jo shrivastav hote h Dr. Rajendra prasad,Amitabh Bachchan.lala lajpat rai ,Subhas Chandra Bos,sir jagdeesh Chandra Bosh , sarojini nayadu,munsi Prem Chandra , mejar dhayanchandra ,vatukeshwar datt ,lala hardayal ,Arvind Ghosh, khudiram Bosh, Raja todarmal ,sushain baidh ,Bala sahan thakre ,jayprakash Narayan etc....ye sabhi kyastha the proud to be a kayastha ❤❤❤❤
Kayasth the....सवर्ण
Hame sanatni hone pe Garv hai har har Mahadev 🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कमाल है और badnasibi भी है इस देश की कि जो बात धार्मिक स्थल पर होनी चाहिए वो sansad मे होती है....
जब लोग अपने कुसित बुद्धि से हिंदुओं को आपस में जातियों में, अपने गलत नैरेटिव्स से बाटने लगेंगे तो सच से अवगत कराना ही पड़ेगा, कोंगियो और लेफ्टियो का एजेंडा ध्वस्त तो करना ही पड़ेगा।
Brahman ko gali doge parliament main khare hoke,toh bolengi
कॉग्रेस मे किसी को भी जिस दिन इतनी समझ और ज्ञान हो जायेगा, उसी दिन वह भी हिन्दुओं का हितैषी हो जायेगा😂😂😂
Bahut saahi baat boli dil jeet liya aapne sir ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
गलत बोल रहा है,दुबे।बाल्मीकि प्रचेता के पुत्र थे और प्रचेता ब्रह्मा के पुत्र थे..
Whats app University ka gyan hai tare pash
@@WaheguruR-ge3ooबाल्मिकी रामायण में उल्लिखित है।
कभी पढ़ भी लिया करो।
ये नेता अब धर्मगुरु बने फिरते हैं
@@vkvk3393 Abey wo brahman ush samay post tha like professor na ki jati , aadha adhura gyani
Moorkho ke sardar,
Brahma ke putra to sbhi insan ,soodra, dalit, Muslim, Christians Or pashu pakshi bhi ha to kya musalman bhi brahman ha?
ब्रह्मा की संतति अयोनिज कही गई है और यह सतयुग के पूर्व मानी जाती है। बाल्मीकि त्रेतायुग में हुए। क्या दो पीढ़ियों में डेढ़ युग बीत गया?
अब तक का सर्वश्रेष्ठ झूट
जो भी विद्वान हो जाता है उसको यह ब्राहमण अपने में मिला लेते हैं
और जो ब्रह्मण छली कपटी पाखण्डी बलात्कारी हत्यारे होते हैं उन्हें किसमे मिला देते हो 😂
जैसे बाबा रामदेव जी। जाति से यादव हैं किन्तु ऋषि होने के नाते उनको ब्राह्मण ही माना जाता है।
ब्रह्म को जानने वाला ही ब्राह्मण है! भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि कोई व्यक्ति जन्म से नहीं, बल्कि कर्म से जाति पाता है!!
कॉमेंट पड़ने आया, देखा तो बहुत झगडा हो रहा है जाति को लेकर अरे भाई लोग सभी मनुष्य ब्रह्मा के पुत्र है। ये जातियां तो बाद में बनी।
शोषण करने के लिए वंचित समाज के मन में भ्रम पैदा करने के लिए समय-समय पर यही व्याख्या बदलती रहती है। हमारे ऋषी एवं देवताओं का हमारे ग्रन्थों में व्यभिचार का सम्मयक वर्णन मिलता है।
ब्यर्थ कि चर्चा......
चर्चा शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार पर होना चाहिए
हम जानते हैं कि कोई भी भगवान ब्राह्मण नहीं है ब्राह्मण का तो रोजगार है
Tu bn ja brahman tu lele rojgaar
Brahman man vachan karm sanskar se brahman bnta h
भगवान शब्द का अर्थ जान लो।
लेकिन फिर भी कुछ लोग ब्राह्मण को फर्जी तरीके से गाली देते हैं
धन्यवाद आपने जो सच बातबात इसलिए ताकि दूसरे आदमी को भीसबक मिले
सही है
पहले महिलाओं के आधार पर जाती कहलाती थी इसलिए वेद व्यास ब्राह्मण नहीं थे ।।
परन्तु वह ब्रह्म को जानते थे इसलिए वह ब्राह्मण हो गए
वो ब्राह्मण ही क्या जो ब्राह्मण को ही नीचा नहीं दिखाए
सच्ची बात।
इस नेता से पूछा जाय कि वाल्मीकि किस जाति का था?संसद में मन मानी बातें करने का अड्डा बना रहे हैं।दुखद है।
आज आप लोगों का समय है,जो कहें सही है, एक कोयल नौ उल्लू तो किसकी चलेगी। संभल जाओ मेरे साथियों नहीं तो परिणाम भुगतना पड़ेगा। प्रकृति किसीको नहीं बकसेगी। ईश्वर के यहां देर है अंधेर नहीं। जय हिंद जय भारत
❤जयजयभारतमाँकि
@@vinayaktripathi5241 जिस काम के लिए चुने गए है उसको छोड़कर सब करेंगे,
Thik hi toh kaha valmiki,vedvyas Brahman nahi the
यहां सब ब्रम्हां के संतान है।
जाती और पद मे यहां लोग समय-समय पर स्वार्थवश बांटते रहते हैं।
जय श्रीराम।
Aap bahut achha kah rahe hai thank you
ये सत्ये है कियु की आज के युगये मे ये दिख रहा है . दुनिया आज असत्ये के आगे मजबूर है परंतु सत्ये भी कमजोर नही है असत्ये का अंत भी निकट ही है
हरि बोल हरि ही सबका बेरा पार करेंगे
ब्राह्मण थे। जो ब्रह्म का ज्ञान रखता है वह ब्राह्मण है। जो आप बता रहे है वह सब ब्राह्मण ही थे। गलत बता रहे है।
Barhm ka gyan ka matlb kya hai nothing padna or saskirit me mantr padna ae loyi vi pad sakta barahm ka gyan apne kalpnik o silp ke.duyara vagwan ke syrup ko dhikhana use barahm silipi kaha jata hai
Syrup ko darshana. Usko brhm.ka gyan kha jata hai AR vhayi barahm silpi ka man kro bhi barahman hai jo Tamara.or.sab.ka syrup.apne.antar.atma.me.utaran
Silp barahmano ko in Katha bachak.or adiguru shakrachriya ne ne apne feda ke liye barahm silpi barahman ka apman kiya hai jo sanatan ka sakti Sampat hgya hai ae logo ko jo man me.ata.hai krta.hai
Kebal vishwkarma bansj vishwbarahman hai vishw ka barahman usi ko vishwbarahman matlb dar.mad ka barahman hai athrvedi silpi barahm gopat.barahma ko barahman kahajata hai
महर्षि वाल्मीकि का जन्म ब्राह्मण-परिवार में ही हुआ था लेकिन भील-दम्पति ने गोद ले लिया था, इसलिए कुछ और लोग इन्हें भील जाति का स्वीकार करते हैं। देवर्षि नारद जी के उपदेश देने पर अनन्त काल तक "राम-राम" की बजाय "मरा-मरा" जप करते रहे और शरीर में सर्वत्र वाल्मीक (दीमक) हो जाने के कारण इनका नाम वाल्मीकि और आदिकाव्य की रचना करने के कारण आदिकवि की संज्ञा से ख्यापित हुए...
Bahut Sundar mere Bhai 🎉🎉🎉
प्राशर क्या ब्राह्मण था संभोग के चक्कर में सारी तपस्या भंग करदी कामी कह सकते हो उससे अधिक तपस्वी सत्यवती थी जिसने वेद व्यास जैसे गुणवान पुत्र को जन्म दिया संस्कार दिए।
विकास की बात यह कभी नही छेडेगा अगर यह कहता की बहुत सालो से कोई रोजगार नही है रोजगार दो तब तो ठीक था
"Bhagwan parshuram ♥️♥️♥️ BRAHMIN Hi the"
चमार था
भगवान वेदव्यास के पिता ऋषि प्रश ब्राह्मण थे😊
मुर्ख बनाता है दलीतों को। दलित अपने नाम के साथ राम लिखे और स्वर्ण आपने नाम में जाति सूचक दूबे, चौबे ,सिंह और सिन्हा लिखे। इतने बड़े रामभक्त है स्वर्ण जाति के लोग तो अपने नाम के साथ राम क्यों नहीं लिखते? केवल शव यात्रा में राम नाम सत्य है बाकी अवसरों में राम का नाम झूट है।
मूर्ख हमेशा मूर्ख ही रहता है।
तुझे ये नही पता कि सभी सवर्ण अपने नाम किसी न किसी देव के नाम पर ही रखते हैं।आधुनिक युग में ये परंपरा समाप्त हो रही है ।
Teri jihad ki dukan band ho jaygi kya😅
वो सनातनी थे ये गर्व है ।
फिर बीजेपी हिन्दू होने का सर्टिफिकेट क्यों बांटती फिरती है
कोन आर्य कोन ओना आर्य किसी विदेशी लिख दिया ओर हम भारत बासी मान लिया कोई वो आर्य वो आना आर्य कोई बाहर से नहीं आए हम सब भारतीय है सर ❤ बोलो सीता राम ❤ जय हिन्द ❤
Jay Bheem sanvidhan jindabad jindabad jindabad jindabad
Tum log Khud Aapna paon main kulhadi maar re ho
Arakshan khatam hona chahiye sabhi saman hona chahiye
Bilkul sahi
ब्राह्मण ने लिखा मनू स्मृति। पराशर स्मृति जो हिन्दूओं को कायर और जाति में बांटकर तोड़ दिए
और इनका सोषण करते रहे और अब भी वही कर रहे हैं।
जो तपस्या कर के ब्रह्म का ज्ञानी है वह ब्राह्मण है, जो ग्रंथो के ज्ञाता है वह पंडित है, जाति बाधक नही है
ब्रह्म सब के लिए समान है।
Gareth ko or vedo ko aptnae se barahman nhi Banta jo barhm ko jankr kalpnik vagwan ka syrup ko dikhye bhi barahman hai use silp bRhm barahm kahte hai
Use silpi barahman kahte hai silpi barahman me hi vedo keadhar par barahm silpi gopat vishw ka barahman kahte hai jakr.vedo ko pato dhogi panta or Katha bachak ke khne par
Sab panta hai shamjha ki nhi jakr kr.vedo ko Abhyankar kro tvb bakbas karna
Ved Vyas vansaj ko congress ne sc category me dal diya😢
अंधभक्त ये बीजेपी ka MP hai तो वेद व्यास जी की कैटेगरी bjp ने बदली है 😂😂😂😂
@@sanjanameenasanjanameenacongress ke andhbhakt category congress ne banai hai.thoda padh liya kar dhruv rathi ke najayaz santan
प्रभू जी तुलसी दास जी ब्रह्मण थे ❤
बहुत ही सुन्दर
जबरदस्त
समर्थन करता हू
Super ❤ बहुत अच्छा लगता है 🥰🥰🥰👌👍🙏🙏🙏👍
वाल्मिकी.. ब्राम्हण ही थे..
उनका सही नाम रत्नाकर था.. और प्रचेता नाम के ब्राम्हण के 10 पुत्र थे...
जाति अब कहीं नहीं हैं इसका उपयोग केवल आरक्षण पाने के लिए और चुनाव जितने के लिए और कहीं नहीं l
भगवान ऋषि मुनि ब्राह्मण नहीं है।
ठीक है।लेकिन ब्राह्मणों को भगवान भी सम्मान देते रहे है।बिना ब्राह्मण के पूजा जप तप हवन नहीं हो सकता।
जैसे बिना आत्मा के शरीर है वैसे ही बिना ब्राह्मण के मानव समाज।
Wah bahut sunder kaha aapne kya baat hai ati sundar
भाई ये वोट के लिए कुछ भी कह सकते हैं, ऐसे ज्ञानियों के ज्ञान के कारण आज ब्राह्मण समाज में अपमानित हो रहा है। इस मूर्ख को किसी से ईर्ष्या हो या न हो इसे सिर्फ बंगाली ब्राह्मणो से भरपूर ईर्ष्या है, बंगालियों से चिढ़ क्यों है समझदार समझ रहे हैं। इस भ्रम की सजा किसी भी स्वरूप में मिलेगी,समय का इंतजार करो।ये गोस्वामी तुलसीदास के गोत्र के है। जयहिंद।
नेता जी ब्राह्मण मुंह से पैदा होता है जो मुंह से पैदा नहीं हुआ वो ब्राह्मण कैसे हो सकता है
वाल्मीकि जी जी का नाम पंडित रत्नाकर शुक्ला था वर्षों तक ध्यान में बार बार मरा मरा जपने से उसके शरीर पर चीटियों ने बाँबी बना ली थी जिससे उनका नाम वाल्मीकि पड़ गया।
जिस जीज का हमे ज्ञान ना हो तो उसके विसय नहीं बोलना चाहिए क्योंकि आप देश के उच्च स्तर आशिन है आपकी बोली का आपको ज्ञान होना चाहिए न की कुछ भी बोल दे
अच्छा ज्ञान है इन्हें प्रधानमंत्री बनाओ
संसद में बात सिर्फ देश के विकास के होने चाहिए देवी देवता मन्दिर मशजीद नहीं
तो फिर हिंदू ग्रंथों का सम्मान करना शुरू करिए और हिंदू एकता के लिए काम करिए जो आज पूरा हिंदू समाज चाहता है।
भगवान श्री वेद व्यास महर्षि पराशर जी के पुत्र हैं।
जो ब्राह्मण है ।
्उस समय तो मनुस्मृति लागू थी उस समय शूद्र को शिक्षा का अधिकार नही था
मेरे भाई सारे ग्रन्थों और वेदों के लेखक ब्रह्मण हैं या कोई किसी भी गोत्र के रहे हौ सनातनी ही थे हमारे सनातनी हिन्दू उसे सम्मान से पढ़ते उनके लिखे ग्रंथों को जलाते नहीं है जो जलाने और मिटाने की बात करते हैं
पर तू तो ब्राहमण है
और ब्राहमण झूठ ही बोलता है
लिखता भी झूठ ही है
रामायण महाभारत गीता वेद पुराण स्मृति उपनिषद
ब्राहमषो ने मुगल काल मे तब लिखे थे जब देवनागरी लिपी बन चुकी थी
बामनो ने अपनी कूटभाषा संस्कृत को बना लिया था
मुगल कालमे बामनो का यही काम था
मुगलो की चाटना
समाज को बांटना
गपोडबाजी बांचना
झूठे शास्त्र लिखना
बाल्मिकी पंडित थे ना की दलित ।।
Thankyou sir
मेरे माननीय
जिन्हे आप मछुआरे के बेटे बोल रहे है तो वो मछुआरे के नहीं बल्कि वो मछुआरिन के बेटे थे जिनके पति ब्राम्हण थे
यानि पुरुष ब्राम्हण थे और महिला मछु आरिन
अतः वो ब्राम्हण ही न हुए।
सनातन ही बुद्ध धर्म है।
पर संविधान लिखने वाले भी ब्राह्मण नही लिखा पर कोई नही चर्चा करता।
फिर भी मंदिरों में ब्राह्मण का आरक्षण है
❤❤❤ बात सही है, श्रीराम,श्री कृष्ण कोई ब्राम्हण नहीं है, लेकिन ब्राम्हण ही पुजा करते हैं, बाकी लोग सेवा करते हैं, और सेवा ही परम धर्म है।
जब लब-कुश से हारने के बाद बाल्मीकी स्वयं वहाँ पहुंचते है, और कहते है महाराज मै ब्रह्मा के दशई पुत्र प्रचेता का पुत्र हूँ। और वे अग्नि शर्मा है। बाल्मीकी उपनाम है।
Aaj bhi samaj me arjun bhai sahab ki nek dil insan hai jinko vastvik gyan
Burai karna pasand nhi aata hai nishavd hu
Bai ko dil se naman hai
मेरे विचार से हमारे सब नेता पागल जिन्हें अपने क्षेत्र की समस्या की बात नहीं करते सिर्फ सनातन धर्म हाथ धोकर पीछे लगे हैं किसान की समस्या की बात नहीं करते ग्रामीण समस्या की बात नहींकरते जल व्यवस्था की बात नहींकरते सिर्फ जनता को गुमराह करने कीबात करते हैं
वाल्मिकी जी भील थे। जो डाकू थे
बहुत बड़िया बात बताई है