एक ज़बरदस्त लड़का, जिसने मौत को भी हिला डाला || आचार्य प्रशांत, कठ उपनिषद् पर (2024)
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- Опубліковано 29 вер 2024
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वीडियो जानकारी: 07.05.24, वेदान्त संहिता, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ गुरु शिष्य का रिश्ता कैसा होना चाहिए?
~ आख़िर किस तरह के स्वाल हमें अपने गुरु से पूछने चाहिए?
~ यम के सामने नचिकेता के सवाल कैसे हैं?
- हम सवाल, जवाब के लिए नहीं, बल्कि चैन पाने के लिए पूछते हैं
- गुरु प्रश्नकर्ता को चैन देता है, जब प्रश्नकर्ता ही साफ हो जाए
- प्रश्नकर्ता ही लीन हो गया ये समाधान की निशानी है
- हम सब प्यासी चेतनाएं हैं, चेतना के प्यासे
- मशीन से मनुष्य, और फिर मनुष्य से महात्मा
- मूर्ख आदमी सामने वाली के प्रश्न देखता है। महात्मा उसकी हालत देखता है, वो शब्दों में नहीं पड़ता
- बंधन को छोड़ना ही मुक्ति है
शतायुषः पुत्रपौत्रान् वृणीष्व बहून् पशून् हस्तिहिरण्यमश्वान्।
भूमेर्महदायतनं वृणीष्व स्वयं च जीव शरदो यावदिच्छसि ॥ २३ ॥
(यमाचार्य उसे प्रलोभित करते हुए बोले- ) हे नचिकेता ! तुम सौ वर्ष पर्यन्त जीवन धारण करने वाले पुत्र और पौत्रों को, बहुत से (गौ आदि) पशुओं को तथा हाथी, स्वर्ण और अश्वों को (हमसे) माँग लो। पृथ्वी के बड़े विस्तार वाले साम्राज्य की माँग कर लो। स्वयं भी जितने वर्षों तक जीवनयापन की आकांक्षा हो, जीवित बने रहो ॥ २३ ॥
कठोपनिषद, श्लोक 1.1.23
संगीत: मिलिंद दाते
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Sir meri help kare please. main apne jivan me buri tarah se fas gaya hu😢
Maine apni story comment me likha hai kripya use padhe or mere help kare 😢
Bsr 🌨️🌳🙏
🙏🏻
हम सब प्यासी चेतनाएं है।
हमे सिर्फ और सिर्फ चैन चाहिए।
गुरु उत्तरदाता नहीं मुक्ति दाता है! आचार्य श्री
Kon - kon chahta hi acharya parivar jald hi 100M ka ho jaye.
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We all🔥
Ham na chahte huye vi jojur hi hoga. Aur hona vi chahiye. Varna duniya kuch dashak vi ses nehi. Acharya ji ko hame jarurat hai naki Acharya ji ko.....❤❤ 🙏
@@balaramb97 Haa bhaai hame acharya ji ko support karna chahiye tabhi hamara desh aage badhega.🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤❤❤
We all want it
Meeeeee❤❤❤❤❤❤
स्वयं से अप्रेम का मतलब ये नही की स्वयं से घृणा, बल्कि उससे प्रेम जो तुम खुद हो। आचार्य जी।❤❤❤❤
प्रणाम, नमन छोड़ो, आचार्य जी का हात मजबूत कोरो .... संसाधन दो 🙏❤️
जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ।
मैं बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ।।
- संत कबीर
Jai Ho Aacharya ji Satyam Shivam Sundaram Bhut Khub sundar Tarike Se Samjhaya Satya Dharm kamjori OR Shi question Answer Ke Visay m Aapki mehnat hai Jo Ham Per Upkar Kar rahe ho gurudev ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
प्रणाम आचार्य जी हम आपकी स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। आप जल्दी से ठीक हो जाइए क्योंकि हमलोग अभी इतने गिरे हुए हैं की खुद से उठ ही नही सकते है इसलिए हमे आपकी अभी बहुत जरूरत है।🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
आत्म विघा का अर्थ ऊंचाई से प्रेम और निचाई से अप्रेम है
सादर प्रणाम आचार्य जी ❤
We love acharya ji
अपनी नीचाइयों से अप्रेम अपनी ऊंचाइयों से प्रेम है ❣️
कोन कोन आचार्य प्रशांत जी को देश का प्रधानमंत्री देखना चाहता है ❤
Bhai aachary ji PM se bhi bahut bade h,
Kardi na choti baat
Me bhi chahta hu bhai...but vo system ke bahr reh kr hi itna accha sachha kam kr skte hai
❤❤
Bhai Acharya prasant ji PM se badke hai
Pranam acharya ji
❤
Bahut himmat h
Bahut anokhi seedhi sachi saral samajh h
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
धन्यवाद आपका आचार्य जी।
Pranaam guru ji
🙏 आचार्य श्री 🙏
मशीन » मनुष्य » महात्मा
🙏🙏🙏
Thank You acharya ji for being in my life🙏🙏🔥🔥❤
Namaste sir
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🏽🙏🏽🌻🌻
👍👍
❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
💐💐💐💐💐
41:00
❤😊😊😊😊
Lekin abhi tak mein saksham nahin hua hun aapki Sansthako kuchh yogdan kar Sako aapko sunkar mere jivan mein bahut badlav aaya hua hai aur main jo jarurat nahin use chhodata chala raha Gaya Hu
❤❤❤❤❤❤
🙏🙏
प्रधानमंत्री तो बहुत छोटी चीज है हमारे आचार्य जी सबसे ऊंचे तल पर है यह
❤ you are right❤
जीवन में उतरने के बाद आचार्य जी की बातें पूरे काम की हो जाती हैं। अगर आप सुन रहे है तो बोले गए महत्वपूर्ण बातों को लिखें भी जरूर।
गुरु का अर्थ होता है प्रश्नों का उत्तर नहीं देना प्रश्न करता को ही बदल देना कामनाओं को ही बदल देना
गुरू का दायित्व होता है शिष्य की चेतना को ऊपर उठाना।❤
गुरु का काम है, गलत सवालों का सही जनाब देना ,जो पूछा न गया हो उसका भी जवाब गुरु दे दें।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
🎉💯🎉
हर मरें तो हम मरें हमरी मरे बलाय।
सांचे गुरु का बालका मरे न मारा जाय।।
कबीरा रेख सिंदूर की काजर किया न जाय।
तन मन में प्रीतम बसा दूजा कहां समाय।।
कबीर साहब ❤
झूठे सुख को सुख कहे, मानत है मनमोद ।
जगत चबैना काल का, कुछ मुख में कुछ गोद।।
- संत कबीर
गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष।
गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मैटैं न दोष।।
~संत कबीर
आचार्य जी आप ने सचमुच सब कचरा हटाकर साफ-स्वच्छ कर दीया ।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 ❤❤❤❤❤ दिल से पल पल जीवन समर्पित आप के स्वस्थ मिशन के लिए। आप स्वस्थ और मस्त रहकर काम करो।
Pranam Acharya ji 🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
स्वयं की निचाईयों से अप्रेम ही अपनी उँचाईयों से प्रेम है.स्वयं की नेति करना आत्मा के प्रेम में, आत्मविद्या है.
कभी भी श्रम आत्मा को पाने के लिए नहीं किया जाता।
श्रम किया जाता है अहंकार को सुधारने में।
जिसमें आत्मा विद्या के प्रति प्रेम हो आत्मा विद्या उसे ही मिल सकती है।
आग लगी आकाश में, झर झर गिरे अंगार ।
न होते जो साधुजन, जल मरता संसार ॥
अगर अपने ऊपर बदलाव लाना है तो बस आचार्य जी को 6 महीने सुन लो, फिर देखो चमत्कार, बस सुनते जाओ और उसको मनन करते जाओ,🙏
गुरु का काम है वो प्रश्नकर्ता को वहां ले आए जहा शिष्य को आभास हो की इन प्रश्नों का कोई मूल्य नहीं ,उसका प्रश्न करना व्यर्थ है।
प्रणाम आचार्य जी 🙏
सब धरती कागद करौं, लेखनि सब बनराय ।
सात समंदर की मसि करौं गुरु गुन लिखा न जाय।।
🙏
नचिकेता यमराज संवाद।वो लड़का जिसने मृत्यु को भी मात दे दी,और अमरत्व को महत्व दिया।
प्रश्न की व्यर्थता जान लेना ही प्रश्न का उत्तर है। प्रश्न है? ताकि वो न रहें। प्रश्न का विगलन ही प्रश्न की पूर्णता है। 🙏
बंधन को छोड़ना ही मुक्ति है।
जो धरती छोड़ने को तैयार हो आकाश उसे मिल गया।
स्वयं के नीचाईयो से अप्रेम = स्वयं के उचाईयो से प्रेम
👏😊👍😍🙏😘
गुरु जी आप की चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम 🙏🚩🕉️❤️
आचार्य जी को सुनते सुनते हमारे तो सवाल ही खत्म होते जा रहे हैं ,ऐसे गुरु आपके अलावा कहाँ मिलेंगे सर जो सवाल उठाने वाले को ही बदल दे 🙏🙏
गुरु का काम प्रश्नों का उत्तर देना नहीं होता है, गुरु का दायित्व होता है शिष्य की चेतना को ऊपर उठाना, और शिष्य के पास होते हैं सावाल,
गुरु का दायित्व होता है शिष्य की चेतना को ऊपर उठाना।
गुरु का काम होता है गलत सवालों के सही जवाब दे देना।
दूसरे शब्दों में वह बता देना जो पूछा ही नहीं गया है।
आचार्य जी आप जब बीमार होते है तब भी पढ़ाते है । आप कभी भी अपनी व्यथा नहीं बताते है आप एक अच्छे गुरु है । आप बहुत परिश्रम करते है धन्यवाद आचार्य जी
😢😭😭😭Acharya ji iss yug k bhgwan hain 🙏🏻
You liberated me from all my fears Gurudev🔥⚔️💯
आचार्य जी नमस्कार 🙏🙏
आचार्य जी मेरा प्रश्न ये था की जब तक आप है तो लोगों के ऐसे प्रश्नों के उत्तर तो मिल जा रहे है क्या आपकी गैर मौजुदगी मे ऐसे सवालों के उत्तर कोई आपके सुनने वालो मे से दे पाएंगे।। ❤❤🙏🙏
🙏Sat sri Akal.🙏..Guru ji..❤❤❤❤❤
From Amritsar.... Gill Khalsa
सवाल हम पूछ रहे हैं क्योंकि हमें चैन चाहिए, गुरु हमें प्रश्न के उत्तर देने के लिए नहीं बल्कि शिष्य की चेतना को ऊपर उठाना और सभी सवालों की व्यर्थ होने को समझाना ❤
गुरु का काम होता है चैन देना, न कि जवाब देना। आचार्य जी सादर प्रणाम🙏🙏🙏🙏
आत्म विद्या केवल उसे मिल सकता है जिसे आत्मा के प्रति प्रेम हो: आचार्य जी❤❤❤
गुरु उत्तर दाता नहीं,
मुक्तिदाता होता है।
आत्मविद्या में स्वयं की नेति करना , आत्मा के प्रेम में।
आत्मा से प्रेम माने स्वयं से अप्रेम, अप्रेम माने निर्ममता।
अहम को छोड़ कर संसार के बंधनों को काटना ही मुक्ति है।
प्रणाम आचार्य जी ❤❤
💥 गुरु का दायित्व होता है शिष्यों की चेतना को ऊपर उठाना।
💥आत्मविद्या वो है यह सिर्फ उसको ही मिल सकती है जिसको आत्मा के प्रति प्रेम हो। स्वयं के प्रति अप्रेम का मतलब घृणा नहीं होता...आप जो सचमुच है उससे प्रेम❤
__आप जो बने बैठो हो उसको त्याग कर वो होना है जो आप हो सकते हो यह ही होता है स्वयं से प्रेम।
__स्वयं से अप्रेम ही अपने लिए प्रेम है ।
❤आत्मविद्या क्या है?
स्वयं कि नेति करना,आत्मा के प्रेम में।
💥राम नाम की औषधि,खरी नीयत से खाए,
अंग रोग व्यापे नहीं, महारोग मिट जाए।
आप मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत है❤
अपनी निचाईओ से अप्रेम, अपनी उचाईओं से प्रेम❤❤
प्रशांत जी के दर्शन को गहराई से जानने के लिए गीता सत्रों से जुड़े❤
कोई भी प्रश्नकर्ता जवाब पाने के लिए थोड़ी ही सवाल करता है, वो चैन पाने के लिए सवाल करता है ❤🙏
आत्म विद्या का अर्थ होता है स्वयं की नेति करना आत्मा के प्रेम में।
🙏प्रणाम आचार्य जी🙏आपने सही मार्ग पर चलना सिखाया,बंधनों की पहचान हुई नहीं तो उसी बंधन को मुक्ति मानने लगी थी🙏❤️🥰
Aacharya ji parnam
प्रणाम अचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
Pls sbhi log mil ke achrya ji k channel ko 100 million aur uske baad me 500 million Tak ki subscribers hone 🎉
"जो बंधन छोड़ने को तैयार हो, उसे मुक्ति मिल गई।"
कभी भी शर्म आत्मा को पाने के लिए नही किया जाता अहंकार को सुधारने के लिए किया जाता ह शर्म ❤👍👍
कोई किसी को नही पकड़ता, हम ही पकड़ते है अपने आपको आचार्य जी👍👍
acharya prashant aap reverse ageing ka use kijya
Achriya ji apke bato ko likhne kee zarurat nhi hai,seede dil p chap jati hai ❤😢
जो बंधन छोड़ने को तैयार हैं उसको मुक्ति मिल गई
गुरु कुंभार शिष्य कुंभ है, गढ़ी गढ़ी काहे कोय, अंतर हाथ सम्भाल दे बाहर मारे चोट🙏🙏
comment kardijiye sab log🎉🎉🎉
100000%%% Right...
आत्मविद्या- स्वयं की नेति करना, आत्मा के प्रेम में। स्वयं से अप्रेम(निर्ममता)। आप जो बने बेठे हो, उसे त्याग कर, वो होना है, जो आप हो सकते हो। 🙏🏻🪔
आचार्य जी की आयु दीर्घायु हो 🙏
हम धन्य भागी हैं जो आप जैसे गुरु हमें मिले।
आचार्य जी से जुड़ने के लिए कृपया गीता समागम से जुड़ें,यू ट्यूब पर सुनना पर्याप्त नहीं है,ये सिर्फ माध्यम है आपको आचार्य जी तक पहुंचने के लिए
अपनी निचाई से अप्रेम ही अपनी ऊंचाइयों से प्रेम है।
आत्मा से प्रेम का मतलब होता है स्वयं के प्रति अप्रेम।
प्रणाम आचार्य जी 🙏
❤❤❤
आत्मा है, विषयों को छोड़ना। मृत्यु है, विषयों में लिप्त रहना। 🙏🏻🪔
Pranam Acharya Ji ❤