शरीर भी सत्य है और मृत्यु भी एक शब्द है। और जगत के सभी शब्द झूठ से अधिक कुछ नहीं। जगत सब शब्दों का खासमेल से अधिक कुछ नहीं। धन्यवाद। नवल प्रभाकर। और कृपया सुबह हमें भी अपने गुरूप में शामिल कर लीजिए।
मन के तल से कोइ चिज मुर्दा दिखाइ देता है क्योँ कि मन अस्तित्वको खण्डित रुपसे देखता है।मनका स्वभाव अस्तित्वको नाम रूपमे बिभाजन करना है इसिलिए वो मुर्दा दिखता है लेकिन जब "मै" देखता हूँ, तो मै अखण्ड और अबिभाज्य हूँ, नाम रूप रहित केबल बोध मात्र ।वही मै परमात्मा हूँ।जब "मै" देखुङ्गा तो मन द्वारा कल्पित वह मुर्दा एक अलग नाम रूप वाला बस्तु न रहकर "मै" ही हो जाउङ्गा। "मै" होना यानी कि परमात्मा होना।तब मुर्दा गायब होकर परमात्मा ही परमात्मा रहेगा।मन के तल से देखने से मुर्दा और " मै"दृष्टि से देखने से परमात्मा।🌹🌹🌹🥀💐🥀🌹🥀💐🥀🌹
प्रणाम सर जी , ...मेरे समझ से मेरा ऐसा केहेना है हमारे अंदर जब तक होश का दिया नाही जलता , तो जिंदा होकर भी हम मुर्दा समान ही है . ...अर्थात बेहोशी मे जिना करिब करीब मुर्दे जैसाही है . .... शोभा सातपुते .
शरीर मुर्दा है मगर उसमे ऊर्जा है सब ये सब एक ऊर्जा से चल रहा है ऊर्जा से कोई अलग नहीं है शरीर में जीवन जीने का एक time है अभि शरीर का time खत्म हो जाता है इसलिए शरीर मुर्दा होता है, मगर उसमे परमात्मा है
Very powerful question: still dwelling on the answers… is it so that -jab hum murde ko murde bolate hei, to DWAIT prakat hua- aur Adwait me na hi Murda hei, Nahi jindapan hei- is liye Murda bhi Murda nahi hei. Eko bhav… nahi nahi.. us generapan waha hei, jaha par bhav ka bhi abhav hei! I will try to get the perfect answers in the follow up Satsang ji. Anant Pranam ji🙏🙏🙏 *did not mean to strike off any of the words- I am not sure how to unstrike it in the edits!!
स्थूल शहरी छोड़ने अथवा त्यागने पर ये शरीर मुर्दा कहा जाता है।इस मुर्दा में जीवन है इस।लिए ये जीवित दिखता है इसमें जो परम की हालत और आत्मा का विमान होना यही तो परमात्मा है।इस लिए कहा जा सकता है की मुर्दे में भी भगवान है।आपको बहुत बहुत शुभकामना।😅
. Vastu ya murde par nazar padhte hi woh mujhme pravesh kar jati hai, toh woh mai hi ho jati hai. Aur jo mujhme pravesh ho sakta bai woh kewal mera hona hi hai, kyunki parmatma hi parmatma me pravesh kar sakta hai.
Swami ji 1:09:33 time tak apka koi uttar nahi hai main apna uttar deta hun- Jo dead body padai hai samne wo isliye parmatma hai kyun ki usmain jo panchtatv hain wo apne apne main vileen ho hain aur wo tatv parmatma ki shakti se chalaymaan hain isliye wo parmatma hai. Jaise aap ye kaho ki ek pani wali moter vidut hai bina uska swich on kiye! To bhi han wo hai kyun ki abhi uske particles main wo vidut hai jisse wo ek frequency main vibrate ho rahe hai jisse wo us moter ke particles dikhaai pad rahe hain lekin wo bhut gahrai main vidut hi hai jo usko particle roop main rakhe hue hai isliye wo bina current ki moter bhi vidut hai. Aise hi dead hai yani wo moment main to nahi lekin phir bhi uska shareer ki rachna usi vidut se bhas rahi hai jiska abhi switch off ho gaya hai. 🙏
भगवान आपका सत्संग का प्रसाद हमें भी मिला बहुत बहुत खुश हुए धन्यवाद आपको 🙏
Prem pranam prabhuji 🙏🙏
प्रेम प्रणाम प्रभूजी 🙏🙏🙏❤
ओह यह तो अदभुत, अकल्पनीय, अवशनीय और समझ से परे का सत्संग था । प्रणाम करता हूं सबको❤❤❤
बहुत-बहुत अछा लगा।
Swamiji murde mein parmatma maun roop mein hai🙏
🙏🙏
Bahut bahut anand swamiji🙂❤👌
aap kamal hain guru dev. Thankyou gurudev for your kind wisdom.
Welcome ji
Pranam Guruji Shree ji 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🕉️🕉️🕉️
सत्य भी एक शब्द है और असत्य भी एक शब्द है। और हमारा होना शब्दातीत है। संसार में जितना कुछ है सब शाश्वत अचल है। आखिर में सब अक्रिय है। धन्यवाद आपका।
प्रेम प्रणाम स्वामी ज़ी 🌹🙏
Murda मौन है
apne main ठहर गया है
और ईश्वर भी मौन है
और शांत होकर अपने मैं बना हुआ है रमणीय है ।
सब कुछ परमात्मा ने बनाया मृत शरीर और जीवित शरीर दोनों में परमात्मा है सब में एक ऊर्जा है ऊर्जा का फैलाव है भेद अभेद सत्य असत्ये में परमात्मा है
Jahan urja hai wo jivit hai murda me kaise urja
Kripa hame bhi group me Tamil Kar lijiye
Pranam Swamiji
Parnam guru ji ❤❤
pranam swamiji .
Aparoksha anubhuti …..
Pranam bhagwan
Speech less
🙏🙏🙏🙏Dhnya ho Prabhu aap ,Wahh
Me ko mitna hi Nirankar he
Thanks Swamji
पूज्य गुरुदेव जी जब वह कुछ है नहीं भ्रम में वह मुर्दा है 👏🙏🌷❤️वह चेतनम में ही आकरती दिख रही है 🙏👏❤️🌷
सिर्फ प्रेम था सती के प्रति ....❤
मुर्दे के अंदर धनंजय वायु होती है जो मरे हुए शरीर को फुलाने का काम करती है जो प्राण वायु की सहायक वायु है जो परमात्मा है
Pronam guruji
Parmatma ke atirikt prakriti hoti hai
निरंजन ज्योति में मुर्दा भ्रम है 🙏❤️🙌👋👏 क्षमायाचना क्षमा चाहता हूँ
Its quite right
🙏👏👏😃👏🙌❤️
आज मैं बहुत आनन्द महसूस कर रहीं हूँ मज़ा ही आ गया 👏👋👌🙌🌷
Gurujiki sricharanme hamar koti koti pranam 🙏🙏🙏🙏 ,,,murdame SAMANYA CHETAN HAI OURJINDA BADIME BISES CHETAN HAI PRABHUJI ,,,A THIK HAI NA. ? KOE TRUTI HOTO KSHYMA KIJIAGA GURUDEV🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏❤️❤️❤️
मुर्दा भी मैं , शरीर भी मैं , परमात्मा भी मैं। दृष्टा भी मैं
Jaise Bol skte hai
Uss parkash ko b mne hi btaya hai.
❤ Thank 💞 You Prabhu 🙏
Wellcome
माया का अर्थ है जो है ही नहीं।सत्य यह है कि जो कुछ भी अनुभव होता है सब भ्रम है।केवल जानने वाला सत्य है।जो है वह दिखता नहीं,जो दिखता है वह है नहीं।
Yes
शरीर भी सत्य है और मृत्यु भी एक शब्द है। और जगत के सभी शब्द झूठ से अधिक कुछ नहीं। जगत सब शब्दों का खासमेल से अधिक कुछ नहीं। धन्यवाद। नवल प्रभाकर। और कृपया सुबह हमें भी अपने गुरूप में शामिल कर लीजिए।
आत्मा का जन्म भी नहीं, मृत्यु भी नहीं वह सनातन है तो मुर्दा कौन है? यह केवल तत्वों का खेल है जो जीवित या मृत दिखाई पड़ता है ।
Your answer is quite right
Apekhya se do hotahe ,lekin me se kya prasna aba utar ho paega ?
❤
Wo nirchut hai ajanma hai .❤
मन के तल से कोइ चिज मुर्दा दिखाइ देता है क्योँ कि मन अस्तित्वको खण्डित रुपसे देखता है।मनका स्वभाव अस्तित्वको नाम रूपमे बिभाजन करना है इसिलिए वो मुर्दा दिखता है लेकिन जब "मै" देखता हूँ, तो मै अखण्ड और अबिभाज्य हूँ, नाम रूप रहित केबल बोध मात्र ।वही मै परमात्मा हूँ।जब "मै" देखुङ्गा तो मन द्वारा कल्पित वह मुर्दा एक अलग नाम रूप वाला बस्तु न रहकर "मै" ही हो जाउङ्गा। "मै" होना यानी कि परमात्मा होना।तब मुर्दा गायब होकर परमात्मा ही परमात्मा रहेगा।मन के तल से देखने से मुर्दा और " मै"दृष्टि से देखने से परमात्मा।🌹🌹🌹🥀💐🥀🌹🥀💐🥀🌹
Me mereko jabab hamisa de arahun athaba me mereko prasna puchh Raha hun
Prabhu pranam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏
Man vachan kaya se pare he
Parmatma akah hai anaam hai anant hai nirlep hai dwet adwet ke paar hai ageha hai unko jana nai jata❤
🙏
करीपा करिपा🙏❤️🌷👏🙌
🙏
प्रणाम सर जी , ...मेरे समझ से मेरा ऐसा केहेना है हमारे अंदर जब तक होश का दिया नाही जलता , तो जिंदा होकर भी हम मुर्दा समान ही है . ...अर्थात बेहोशी मे जिना करिब करीब मुर्दे जैसाही है . ....
शोभा सातपुते .
Parbu ji parnam.Jinda our murdha je sab khyal he vichar he. Khyal, vichar parmatma se aate he. Parmatma ke sapna he ji.
Swamiji sab parmatma h. Jinda our murda Maan ke karn dikh rha h. Maan hi bada h. Maan hi rukabt h ji.
Beyond truth is inside as well as outside
ध्यान से देखा जाए तो ...जैसे सती के मृत शरीर को शिव ने आधार दिया है, वैसे ही मुर्दा जहां टिका हुआ है, वो तो परमात्मा ही है🙏🙏
Wo aasakti thi
🙏 g
Panam swamii ji
Iska javb shiv banke hi Diya ja sakta he guruji
Abhi toh yahi samajh aata h swami ji 🙏🙏
It is indicating towards illusory aspects of the world uptill brahmaloka.. Shivji is under that swapnaabastha..
Hariom. Guruji
हरिओम
मुर्दे में परमात्मा दृष्टा भाव से देखा साक्षी भाव जो है वह सत्य है देखने का दृष्टी सहज होना हम सहज हो जाते है वहा परमात्मा है
Agyan murda he ki jad he?
Sb kuch hote hue bhi ek adhurapan lagta h plzz mujhe apni kripa me lo
❤️❤️❤️❤️❤️
जब हम परमात्मा होकर देखेंगे तभी मुर्दा भी परमात्मा दिखेगा
जो दिवार हे वह पहलेसे मौजूद हे विट पाणी सीमेट के रूप मे जिंदा रूप मे दिवार साक्षी है
❤🙏🏻
It is noble upputunity to be in it
M
उस मुर्दे मे अभी भी बहुत सारे जीव जंतू है,cells है, जो अभी भी इस प्रेत मे है,मतलब अभी भी उस्मे चैतन्य हाजिर है,इस कारण उस प्रेत मे भी परमात्मा हैं🌹🙏🏻
Pran or prkruti sath sath mile hua he
Shiv ji shav me dead me agyani me possibility dekhte he aatmgyan me oothne ki❤
Degree of e nergy varies in living and dead.but energy is every where.
Swami ji parmatma ki atama hi us body m thi ab nikal gyi tousmay hi leen ho gyi aisa samajkar hum parmatma ko murday m dekh saktay h
मुर्दे का भी ज्ञान हो रहा है ज्ञान ही ज्ञान परमात्मा
श्री गुरूजी 🙏❤️🌷👏मैं आप के साथ काफ़ी समय से जुड़े हुईं हैं आप के साथ फ़ोन पर कैसे जुड़ सकते हैं 👏🌷🙏❤️🙌बहुत आनन्द आ रहा है
Description Mein niche number diya hua hai aap Sampark kar sakte hain
Paramata kya Nehi he ,kon bata payega?
Main bhi bat kar sakti hu?
जहां माया व्याप रहा है तो वही आज्ञान है और मन ही माया है तो निर्मल मन ही परमात्मा है
Guruji se judne ke liye... Kya karna hoga??
Atmaka bijrup se bhì pare ak sambhavna pare se pare hi parmatmah
किसी सवाल का जवाब सवाल ही होता है
Yes
शरीर मुर्दा है मगर उसमे ऊर्जा है सब ये सब एक ऊर्जा से चल रहा है ऊर्जा से कोई अलग नहीं है शरीर में जीवन जीने का एक time है अभि शरीर का time खत्म हो जाता है इसलिए शरीर मुर्दा होता है, मगर उसमे परमात्मा है
आत्मा होगा तो परमात्मा होगा लेकिन मुर्दा में आत्मा कहाँ होता है😂
Aaham bramasmi srinivas rao
Knowledge has no limits and ignorance has no beginning so everyone is ignorent at given moment
Prasna dehase atehe,to utarara bhi dehase milega
या कह ले
जब परमात्मा देखेगा tab परमात्मा ही दिखेगा
Parnam guruji,ma kon means Maya ,ab murda ma sa Maya nikal gaya,to ab parmatma hi rahy gaya
Very powerful question: still dwelling on the answers… is it so that -jab hum murde ko murde bolate hei, to DWAIT prakat hua- aur Adwait me na hi Murda hei, Nahi jindapan hei- is liye Murda bhi Murda nahi hei. Eko bhav… nahi nahi.. us generapan waha hei, jaha par bhav ka bhi abhav hei!
I will try to get the perfect answers in the follow up Satsang ji.
Anant Pranam ji🙏🙏🙏
*did not mean to strike off any of the words- I am not sure how to unstrike it in the edits!!
Purnase kuchh alag ho jae to ,Purna rahetahe.
Akhandase kuchh khandita ho jae to bhi o akhand hi he
Koi Nehi he to, kese prasna aba utar?kon jinda aba kon murda .
Kon deha or atama? Kuchh Nehi he to kya hoga?
स्थूल शहरी छोड़ने अथवा त्यागने पर ये शरीर मुर्दा कहा जाता है।इस मुर्दा में जीवन है इस।लिए ये जीवित दिखता है इसमें जो परम की हालत और आत्मा का विमान होना यही तो परमात्मा है।इस लिए कहा जा सकता है की मुर्दे में भी भगवान है।आपको बहुत बहुत शुभकामना।😅
. Vastu ya murde par nazar padhte hi woh mujhme pravesh kar jati hai, toh woh mai hi ho jati hai. Aur jo mujhme pravesh ho sakta bai woh kewal mera hona hi hai, kyunki parmatma hi parmatma me pravesh kar sakta hai.
As witness to the dead body.. He is always the witness.
निर्जीव मुर्दा जैसा कुछ भी नहीं है। सभी में 1 अखण्ड जीवन है जो प्रतिफल रूप बदल रहा है । हर सूक्ष्म से सूक्ष्म कण में भी जीवन समाया है !
मुर्दा भी जाना गया न जी, तो जानने वाला भी होगा ही न जी.. इसलिए मुर्दा भी परमात्मा ही हुआ🙏🙏
🙏
Lash may ahankar nahi h jaha ahankar nahi wahan nirankarhi hota h isliye lash se bhi mahadev prame ker rahe h
When sub atomic particle is concious then why not whole dead body
Yha to eak nepal wala tong sunrahahu i am with u all
Gyan murda he ki jad he ?
Swami ji 1:09:33 time tak apka koi uttar nahi hai main apna uttar deta hun-
Jo dead body padai hai samne wo isliye parmatma hai kyun ki usmain jo panchtatv hain wo apne apne main vileen ho hain aur wo tatv parmatma ki shakti se chalaymaan hain isliye wo parmatma hai.
Jaise aap ye kaho ki ek pani wali moter vidut hai bina uska swich on kiye! To bhi han wo hai kyun ki abhi uske particles main wo vidut hai jisse wo ek frequency main vibrate ho rahe hai jisse wo us moter ke particles dikhaai pad rahe hain lekin wo bhut gahrai main vidut hi hai jo usko particle roop main rakhe hue hai isliye wo bina current ki moter bhi vidut hai.
Aise hi dead hai yani wo moment main to nahi lekin phir bhi uska shareer ki rachna usi vidut se bhas rahi hai jiska abhi switch off ho gaya hai.
🙏
Murdema ankgivanu ha
Us mandir me mai raha hun vo mera nivas h jhan mai raha hun isliye use maine hi apne anusar roop diya h apna vo mera hi roop h