मुझे अपने ही रंग में रंग ले मुझे अपना दीवाना बना ले तेरा चम चम चमके परचम मुझे वक्त अपना तू बनाले अमृत रस की धार गुरु बरसाने आए हैं मेरे गुरु महाराज तेरे दीवाने आए हैं यह होली और दिवाली तेरे दर पर रोज मनाए कर्मों की धूल उड़ा कर ये ज्ञान का दीप जलाएं गुरु चरणों में रस भक्ति का बरसाने आए हैं मेरे गुरु महाराज तेरे दीवाने आए हैं तुम वेश दिगंबर धारी तुम्हें निर्विकार हितकारी यह शांत सलोनी मूरत तुम शिवपुरी के अधिकारी अज्ञान मेरी तक मुक्तिपथ को पाने आए हैं मेरे गुरु महाराज तेरे दीवाने आएहैं
बहुत प्यारा भजन नमोस्तु भगवन
मुझे अपने ही रंग में रंग ले
मुझे अपना दीवाना बना ले
तेरा चम चम चमके परचम
मुझे वक्त अपना तू बनाले
अमृत रस की धार गुरु
बरसाने आए हैं
मेरे गुरु महाराज तेरे दीवाने आए हैं
यह होली और दिवाली तेरे दर पर रोज मनाए
कर्मों की धूल उड़ा कर ये ज्ञान का दीप जलाएं
गुरु चरणों में रस भक्ति का
बरसाने आए हैं
मेरे गुरु महाराज तेरे दीवाने आए हैं
तुम वेश दिगंबर धारी
तुम्हें निर्विकार हितकारी
यह शांत सलोनी मूरत
तुम शिवपुरी के अधिकारी
अज्ञान मेरी तक मुक्तिपथ को पाने आए हैं
मेरे गुरु महाराज तेरे दीवाने आएहैं
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Amargith