दुसरो की भलाई के समान कोई धर्म नही, दुसरो को पीड़ा पहुचाने से बड़ा कोई अधर्म नही।

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  • Опубліковано 25 сер 2024
  • दुसरो की भलाई के समान कोई धर्म नही, दुसरो को पीड़ा पहुचाने से बड़ा कोई अधर्म नही। (पर हित सरिस धर्म नहिं भाई, परपीड़ा सम नहिं अधमाई)

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