खेत खलिहान - उन्नत बकरी पालन | Advanced goatery

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  • Опубліковано 16 жов 2024

КОМЕНТАРІ • 455

  • @i.k.shuklashukla6876
    @i.k.shuklashukla6876 4 роки тому +17

    आप द्वारा दी गई जानकारी अनुसरणीय व अनुकरणीय है. आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु बकरी व्यवसाय को अपनाया जाना चाहिए और आप से संपर्क में रहते हुए बकरियों का रखरखाव व दूध तथा अन्य सभी उत्पादों का समुचित उपयोग होना व्यक्ति और देश के हित में है

  • @superbareillyp.k7418
    @superbareillyp.k7418 2 роки тому +2

    बहुत बढ़िया सर मोटिवेट करने के लिए

  • @ATJaved
    @ATJaved 4 роки тому +3

    Wonderful,amazing,interesting and very useful video for farmar

  • @WahidAli-ij4ug
    @WahidAli-ij4ug 4 роки тому

    बहुत प्यारी जानकारी देयें हैं सर बहुत प्यारी विडियो है भाई आप की

  • @gazigoatfarm1764
    @gazigoatfarm1764 4 роки тому +1

    बहुत ही बढ़िया जानकारी है डाक्टर साहब आप का बहुत सुकरिया

  • @rawatassociates23
    @rawatassociates23 4 роки тому +1

    बहुत लाभकारी जानकारी, खासकर मेरे जैसे जिज्ञासु के लिए। कृपया बताएं कि को लोग उत्तराखंड में बकरियां पाल रहे हैं वो कोन सी ब्रीड है? क्या बकरियां जंगल में चुगाने के लिए ले जाना सही अभ्यास है?

  • @qamaruddinkhan434
    @qamaruddinkhan434 Рік тому

    Acchi jankare k liy bahut bahut shukriya

  • @qwertyqwerty3631
    @qwertyqwerty3631 5 років тому +1

    बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हैं

  • @mohanlalbhatnagar
    @mohanlalbhatnagar 4 роки тому +3

    Thanks for nice information about goat forming

  • @balwansingh6679
    @balwansingh6679 4 роки тому +2

    Jai shri Ram salut aapko sir bhagwan aapko hamesha sukhi rakhe bahut bdiya jankari di aap ne hme

  • @MdMir-t7v
    @MdMir-t7v 7 місяців тому

    Bahut. Achhi jankAri

  • @ksthakur8361
    @ksthakur8361 5 років тому +1

    बहुत ही अच्छी जानकारी दी

  • @telegraphdts8455
    @telegraphdts8455 4 роки тому +3

    Thank you Dr. Vijay for your message about goat farm

    • @rmsgoatfarm9067
      @rmsgoatfarm9067 3 роки тому

      👍

    • @ranveersinghmaan9406
      @ranveersinghmaan9406 2 роки тому +1

      @@rmsgoatfarm9067 kkkkkhiìo

    • @mohsinshahshah5536
      @mohsinshahshah5536 2 роки тому

      @@ranveersinghmaan9406 xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
      Xxxxx. Xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx

    • @mohsinshahshah5536
      @mohsinshahshah5536 2 роки тому

      @@ranveersinghmaan9406 xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxXxxxx

  • @bansharaj2263
    @bansharaj2263 3 роки тому +1

    Jay

  • @10-arunkumarkushwaha45
    @10-arunkumarkushwaha45 3 роки тому +1

    Good information by sir and anchor, thanks sir

  • @mohansingh-zj3sk
    @mohansingh-zj3sk 4 роки тому

    Bahut sundar bat kahi umesh jo

  • @haidarruksar2707
    @haidarruksar2707 2 роки тому +1

    Mashaallaah

  • @zakihashmi4568
    @zakihashmi4568 7 років тому +1

    I m zaki,everyday show your programec see watchfully.your progrme fantastic & encrse my knowldge....thanks dd kisan

  • @yarasingh4040
    @yarasingh4040 2 роки тому

    ਭਾਈ ਸਾਹਿਬ, ਮੈਂ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੀ ਕਦਰ ਕਰਦਾ ਹਾਂ, ਇਹ ਬੱਕਰੀ ਪਾਲਣ ਦੇ ਸਮੁੱਚੇ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨੂੰ ਕਵਰ ਕਰਦਾ ਹੈ।

  • @RamKumar-rs3up
    @RamKumar-rs3up 4 роки тому +1

    Sar bakri Gavin hai ya nahi kaise pata karen

  • @AshokGupta-nj5xb
    @AshokGupta-nj5xb 4 роки тому +1

    sir mai chhattisgarh se hun jashpur jila se kis nasal ki bakri palna chahiye or yaha koi prashikshan kendra hai kya

  • @Vikasbharat145
    @Vikasbharat145 Рік тому +1

    Great news

  • @আশীর্বাদ-ঠ৬ম
    @আশীর্বাদ-ঠ৬ম 4 роки тому +4

    Thank you sir 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹❤️🙏

    • @g.nahmed9467
      @g.nahmed9467 2 роки тому

      Namaskar sir ji Sab se ziyada successful koun si zaath ki bakri success hain jis se ziyada kamai ho

  • @ushajoria8630
    @ushajoria8630 3 роки тому +1

    Jaise humne barbari Leni ho Kitna rate hai ,,,

  • @mansooritourstravels7017
    @mansooritourstravels7017 4 роки тому +8

    hello sir i am Abdul Haque Mansoori 2020 me Mathura CIRG me training kab start hogi bataein.

  • @jackskhan912
    @jackskhan912 6 років тому +2

    BARBARI COMMUNITY is no. 1

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 роки тому

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @WaseemAhmad-hy1fg
    @WaseemAhmad-hy1fg 4 роки тому +2

    Sir mujhe bakree paln ki tirenig lena he ye mathura me kis jageh pr he

  • @raghunaththakur9403
    @raghunaththakur9403 3 роки тому +1

    ZaQ

  • @ravichamoli6797
    @ravichamoli6797 4 роки тому +1

    Bhaut Bhaut dhanybadh ji

  • @manojgourkar4584
    @manojgourkar4584 7 років тому +2

    बकरी पालन करने के तरीके और दवा देने के तरीके

  • @umeshkashyap4955
    @umeshkashyap4955 2 роки тому

    babari bakri koo, afrikan boar goat say cross kra saktay h kya ???

  • @shaikibrahimmasood657
    @shaikibrahimmasood657 3 роки тому

    Sir muzaffarabadi sheep kya do bachai daiti hai 2or 3 birth mai pls reply sir

  • @satyavanbhute1221
    @satyavanbhute1221 3 роки тому +1

    👌👌👌

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 роки тому

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @haiderabbas3349
    @haiderabbas3349 4 роки тому +1

    Khan par hai yai sanstha

  • @tanharinku306
    @tanharinku306 6 років тому

    Sir me Purulia West Bengal se hun. Mere kuch questions h. Plz guide karen. 1.Mujhe kaun sa NASAL select karna chahiye ? 2. Goat k liya tree leaves ya fir grass kaun sa sabse jyada acha hota hai kyunki, grazing par hi palna chahta hun. 3.100 Goats k liya kitna land jarurat hogi taki mujhe unka liya khana kharidna na pade ? 4.Hum logon k yahan sirf rice dhan ka fasal hota h, agar dhan nikalna k baad dhan k paudha ka green abostha me silage banakar sara saal khilaya ja sakta h kya ? Isme aur kya supplementary food add karen ki sab puri tarah swasth rahe ? Apka Mobile number mil sakta h kya jissa apse appointment kar k milna chahunga aur Taki future me koi problems aana par apse help le sakun ? 5.Goat k business sur hona se pehla apse milna ho sakta h kya ?

  • @wasidali5933
    @wasidali5933 6 років тому

    Sar hum bhi bakri paln suru karna chahte hai magar tajurba hone ke karan nahi kar pa rahe hai to kya aap mujhe trenig de sakte h pliz btaye jarur

  • @SamsungGalaxy-xk5df
    @SamsungGalaxy-xk5df 7 років тому +4

    sir mene bhi goat farm shuru kiya hai mene desi nasl se shuru kiya hai kripya bataye ki kaise unka vajan badhaye aur unko khane me kya de aur nasl sudhar k liye kaun sa breed ka bakra chayan kre abhi me bakriyo ko khane k taur pr 6 ghante charata hu jungle me.

  • @AnilkumarYadav-zy1kd
    @AnilkumarYadav-zy1kd 5 років тому +2

    सबसे पहले सर मनोज कुमार को मेरा नमस्कार अनिल उत्तर प्रदेश में इटावा जिला से क्योंकि मैं बहुत ही जल्द आपके पास आना चाहता हूं क्योंकि मैं बकरी फार्म खोलने की पूरी तैयारी है फार्म मैंने बना लिया आपकी वीडियो देख जाके

  • @asharamahirwar492
    @asharamahirwar492 4 роки тому +2

    सर मैं ललितपुर उत्तर प्रदेश से बिलोंग करता हूं सर जिला ललितपुर के आसपास कोई बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र है क्या

  • @hemramsyourhemaram2903
    @hemramsyourhemaram2903 4 роки тому +1

    Jai jawan jai kisan

  • @RakeshPal-mh1dk
    @RakeshPal-mh1dk Рік тому

    Very good farm nice

  • @VinaySingh-iu8fv
    @VinaySingh-iu8fv 4 роки тому +1

    Trening kaise prapt Kare kya Karena panaga

  • @badripaul5877
    @badripaul5877 5 років тому +2

    5 बकरी पालन के लिये कितनी जगह चाहिए?

  • @mohammadwaseek2095
    @mohammadwaseek2095 6 років тому +1

    बहुत खूब

  • @muhibsheikh4774
    @muhibsheikh4774 4 роки тому

    Dr.Sahb Hamen Koyi Kitabka Nam Batayiye Ki Barbri goat ki puri gankari milske Bimari ayur khanpanki Me integar karoga Aapka Thank you

  • @ramparkashramparkash5611
    @ramparkashramparkash5611 4 роки тому +2

    Good

  • @monirulshekh6678
    @monirulshekh6678 4 роки тому +1

    Monirul shekh

  • @AbdulRasheed-yz9yt
    @AbdulRasheed-yz9yt 4 роки тому +3

    🌹👍🌹👍🌹👍🌹👍

  • @shravankumaryadav1446
    @shravankumaryadav1446 4 роки тому

    जय किसान

  • @domesticpoultry1472
    @domesticpoultry1472 4 роки тому +1

    Sir goat farming ka Liya koi book ya notes Mel jaygey Kay ke kasa management kare or kis time par koni vaccine kare hay or farm kasa banay

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 роки тому

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @JoginderSingh-rq7qw
    @JoginderSingh-rq7qw Рік тому

    Dr sahab iam from Jammu l want a training session by your institution so please tell me next training session start at your institute and

  • @JoginderSingh-rq7qw
    @JoginderSingh-rq7qw Рік тому

    Which breed fulfill you senction for Jammu area

  • @hddjgdhxzbhs
    @hddjgdhxzbhs 3 роки тому +1

    सर बकरी को मच्छड़ काटे तो कैसे बचाये

  • @vinodkaparwan6689
    @vinodkaparwan6689 4 роки тому +1

    Uttrakhand ke pahard Mai kon si bkari palni chaiy

  • @bhupendrakumaryogachary8512
    @bhupendrakumaryogachary8512 4 роки тому

    सर मैं छत्तीसगढ़ से हूं भेड़ पालन करता हु ,बकरी पालन भी करना चाहता हु कोन सी नस्ल की बकरी ले और कहा उपलब्ध हो सकता है।कृपया मार्गदर्शन करे

    • @BL-Dangi
      @BL-Dangi 3 роки тому

      Nice video sir

  • @JoginderSingh-rq7qw
    @JoginderSingh-rq7qw Рік тому

    Are your institute provide a certificate for loan purpose

  • @100xStock
    @100xStock 7 років тому +11

    *Good information about Kheti badi*

  • @kamaludeen3555
    @kamaludeen3555 4 роки тому +2

    2020 me tarenig kab suru ho raha hy

  • @sulekhatudu2240
    @sulekhatudu2240 4 роки тому

    jharkhand ke Lia koun sa nasl palan karna chaiye

  • @shahnawajalam2904
    @shahnawajalam2904 8 років тому +4

    बहुत लाभकारी है ।

  • @gazigoatfarm1764
    @gazigoatfarm1764 4 роки тому

    डाक्टर साहब मैं यूपी अम्बेडकर नगर अकबर पुर से हूं यहां बकरी का परसिछड कहां मिलेगा बकरी कहा मिलेगा बरबरी बकरी

  • @govinddahal3958
    @govinddahal3958 4 роки тому

    Mera jaga northeast (sikkim)me h mai barbari goats palna chata hun sikkim ka climate shoot karsakta h?

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 роки тому

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @sanjaysolanki97721
    @sanjaysolanki97721 3 роки тому

    God

  • @anilrawat5713
    @anilrawat5713 4 роки тому

    Sir uttrakhand ke liye kon si bakri pali ja sakti hai

  • @radiouttarakhand
    @radiouttarakhand Рік тому

    very nice

  • @abdheshkumar1864
    @abdheshkumar1864 6 років тому +9

    Kindly tell me shed area for 20 goat and cost of shed

  • @अनितकुमारमल्ल

    सर जी बरबरीऔर ब्लैक बंगाल बकरी को साइलेज खिला कर पाला जा सकता है क्या❓ दोपहर को हरा चारा देते है तो सुबह- शाम को कितने किलो साइलेज खिलाना चाहिए?

    • @SonuSonu-np1hk
      @SonuSonu-np1hk 5 років тому

      Bhai silage nhi khati hai Bakri ..kyoki Usme thoda badbu hota hai ..

    • @sunilsoni6695
      @sunilsoni6695 4 роки тому

      SUINL7065380944

  • @kalandicharanabehara727
    @kalandicharanabehara727 6 років тому

    sir may odisa se hun may black Bengal goat (female) se Boer goat ( male) cross karana sahe rahega ki new ?????

  • @atalshreefpo.
    @atalshreefpo. 2 роки тому

    FPO के विषय में भी कुछ नया जानकारी दी जाए

  • @AnilKumar-iz5yi
    @AnilKumar-iz5yi 6 років тому +2

    Main up se hu kushinagar se hame desi nasal ko palna hai jaankaari de

  • @avisahu2000
    @avisahu2000 7 років тому +1

    bakri palan ke liye kya kya labh de rhi h sarkar kisan ko iske bare me jankari dene ki kripa kre

  • @sweetapal1208
    @sweetapal1208 2 роки тому

    10 bakari chahiye kitne price ki padegi barbari plz bhaiya

  • @kingofking6414
    @kingofking6414 5 років тому +1

    Sir mine bakri plan karna chahtha hu tu kon sa berid Lena chaye plz help

  • @ayanchaudhary3193
    @ayanchaudhary3193 4 роки тому +1

    Sir nmaskar ye susthan kha pr hai sir hme barbari bkri chahiey

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 роки тому

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @subhashmahto4288
    @subhashmahto4288 4 роки тому +1

    Jharkhand me kon si nasl acha ha

  • @sbhagabanreddy7094
    @sbhagabanreddy7094 Рік тому

    Very nice farm

  • @jagansinghbarela8942
    @jagansinghbarela8942 Рік тому

    सर इसको बड़े स्तर पर ले जाने के लिए क्या करें

  • @rajukisku903
    @rajukisku903 4 роки тому +1

    Thanks sir

  • @sureshprasad8727
    @sureshprasad8727 4 роки тому

    Pasupalan ma vaccine ka important bataya

  • @MonirulIslam-ci6ih
    @MonirulIslam-ci6ih 8 місяців тому

    Good 🌷

  • @mistarinijamudinweldar8054
    @mistarinijamudinweldar8054 6 років тому +3

    Anusandhan save female Bakrid for Bakrid Samay kahan se prapt Honge

  • @rajeshpanchal1911
    @rajeshpanchal1911 5 років тому

    नया फार्म खोलना है तो बकरी किधर से खरीदे हैम उप से आते है। झांसी से ।सिरोही केसी रहेगी।
    ओर कन्हा से ले शहर बता दे।

  • @jitendarvarma6741
    @jitendarvarma6741 5 років тому +1

    Sar Mujhe Gali galoj chahie kitne rupaye ke Jise aap Dete Hain transport ka kya kya vyavastha hai Darshan Karke Dete Hain Na

  • @ankitratan6696
    @ankitratan6696 7 років тому +1

    very good business

  • @shabeerhussain7714
    @shabeerhussain7714 4 роки тому +1

    Sir barbari mail and female ka Rait kitna hai agar ham lena Chahe to kaise khareden

    • @rmsgoatfarm9067
      @rmsgoatfarm9067 3 роки тому +1

      Aapko wahi jana padega rate 5000 to 8000 h

    • @bhupendrasinghpanwar6536
      @bhupendrasinghpanwar6536 2 роки тому

      @@rmsgoatfarm9067 Bhai muje pure barabri nasal chaiye kahan milegi please bataye

  • @rafikakhan4922
    @rafikakhan4922 3 роки тому

    Very good

  • @billugujjar8067
    @billugujjar8067 2 роки тому

    भाई जी बकरी कीतनी प्रकार की होती है भाई साहब

  • @ferozshaikhhanif9388
    @ferozshaikhhanif9388 5 років тому +1

    Tanks Dr manoj for you informesan God Blees you 💐✌️😎

  • @jaspreetsingh-wb4ts
    @jaspreetsingh-wb4ts 4 роки тому

    Hi very good ji

  • @bishnukhatri629
    @bishnukhatri629 4 роки тому

    Sir ma Nepal sa ha hamare liye milta hai ki Nahin bakre

  • @arifshaikh7958
    @arifshaikh7958 6 років тому

    Ap ten Bach chey Wali babari bakri ketny ki deytey hain sar

  • @khansharukh818
    @khansharukh818 5 років тому +1

    Ye centre kaha kaise jana ho ga yaha...

  • @ramkumartaak2456
    @ramkumartaak2456 4 роки тому +3

    राजस्थान के गंगानगर जिले का हु मुझे बरबरी पालन की बकरी चाहिए काहा से ले

  • @SingaporeChapter
    @SingaporeChapter 6 років тому +2

    Please share detail address and coming training program date

  • @murlimanohar9805
    @murlimanohar9805 3 роки тому

    Nice video Sir

  • @lokpalsingh7465
    @lokpalsingh7465 4 роки тому

    मुझे भी शुरू करना है बकरी पालन

  • @dollykumari1007
    @dollykumari1007 6 років тому +3

    Hallo sir Mai Bihar se hu or goat farming training Lena hai to sir aap please bataye ki Mai training Kaha lu

  • @iqbalmalek1150
    @iqbalmalek1150 3 роки тому

    Trenig milsakti he sir... gujrat se

  • @assadullahalam5782
    @assadullahalam5782 5 років тому +1

    Bihar mai kon sa brid ka goat ka sedan hai aap batayae...plz

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 роки тому

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @rosehomestaysunargaonbages4474
    @rosehomestaysunargaonbages4474 7 років тому +1

    Useful information , we are Goat Farming in State- Uttarakhand, District-Bageshwar, Village- Sunargaon(Kanda)willing Lab to land program for Advanced Goatery .

    • @prakashsinghprakash1640
      @prakashsinghprakash1640 4 роки тому

      Sir mei bhi Uttarakhand pouri grahwal se hu bakri farm karna chahta hu please help me give me your contact number