सेवा जोहार राहुल जी आपकी दी गई जानकारी हमे गोडी़ संस्कृति जाने का मौका मिलता है हम इस तरह के जानकारी से वंचित थे आपके माध्यम सभी जानकारी मिलता है आपका बहोत बहोत धन्यवाद
दादा आपको सादर सेवा जोहार🙏 दादा जी जो लकड़ी की झुला आप बोल रहे हैं उसे रेची झुला कहते हैं हमलोगों ने बचपना में खुब झुला पर आज सारे भुल गये हैं🙏 हमारे यहाँ होरी या फागुन के नाम से मनाया करते हैं🙏
आपका तरीका (Methodology) बहुत प्रभावशाली है, इस जानकारी से तथा आपके द्वारा कोई भी जानकारी से न केवल मुल वंशज बल्कि सम्पूर्ण मानव, प्राकृतिक जीवन जीकर पर्यावरण को बचा सकता है और मानव जीवन बहुत बेहतर हो सकता है और अधिक लाभकारी भी। जय सेवा जय गोंडवाना 🤝
छत्तीसगढ़ में हम लोग होली फसलों पकने के कारण मानते है उस दिन हम अपने पेन पुरखो को गेंहू की 2 3 बाली सेवा के रूप में देते है क्योंकि उनके द्वारा सिखाए गए कृषि के कारण हम अच्छे से जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
अवश्य मैं इस प्रतिक्रिया पर सहमत हूं मेरा मानना है कि फसलोत्सव के आधार पर होली नहीं होरी अर्थात गेहूं चना मटर आदि को भूनकर सामूहिक रूप खाने की परंपरा को इंगित कर रहा है इसलिए होली कहना उचित नहीं होगा बल्कि होरी कहना सही हो सकता है।। होलिका दहन की इतिहास को समझने के लिए अध्ययन करना अति आवश्यक है? होरी से होली नाम कैसे पड़ा ?
सेवा जोहार कन्नाके जी ये तो सच है कि जितने भी तीज त्यौहार है लगभग सभी हमारे अपने कोयतुरो का है लेकिन मनुवादियों ने सब में कल्पित कहानी जोड़कर अपने फायदे के लिए बना रखा है वैसे होली त्योहार आजकल मुख्य रूप से फुहड़ता के लिए ज्यादा जाना जाता है 😢
आदिवासी निसर्ग पुजक है, आदिवासी का कोई धर्म नहीं है। लेकिन सरकार ने आदिवासी को हिंदू धर्म में क्यु डाला ये जानना जरूरी है। तभी आदिवासी अपनी संस्कृति बचा पाएगा और अपना अस्तित्व बचा पाएगा।
संताल में अभी अभी से होली कर रहे हैं कुछ कुछ लोग नहीं तो रंग को छुना भी गुनाह माना जाता है संताल आदिवासी में पुराने जमाने से Flower 🌹 Day Festival मनाया जाता है संताल tribe में तो जिसे बाहा परब कहते हैं संताल आदिवासी जिसमें फुलों को ताकतवर माना जाता है जीवन का सृजन के लिए Power full flower power education
हमारे मेलघाट मे फग्नाय गीत गाये जाते है. और बाहर के लोगो से फागवा मांगते है. गादलि नृत्य करके पटेल जी मरी होली जलाते है. पहले दिन जिंदा होली. छोटी होली गौरी और नदी से ५ पथर लेकर पूजा जाता है. दूसरे दिन मरी होली मानते है और मटन बनता है घरमे. बड़ी होली भी कहते है. दूसरे दिन धुलीवंदन होता है निसर्ग के रंग से होली खेलते थे. बड़े बुजुर्ग को होली की बधाई देते है. फग्नाय गीत वाले बुजुर्ग होली के पास रात भर गीत गाते है और पाच दिन तक घर घर घूमते है. संस्कृति जपते है. कोरकु लोगो का आदिवासी का मेन त्योहार मानते है घर सराते है पेंटिंग करते है. जय जोहार🙏
भारत देश में होली सभी आदिवासी और हिन्दू मानाते हैं इसे मनाने का नियम अलग अलग है। झारखंड में आदिवासी इसे फग्गू के नाम मनाते हैं। आपकी विडियो से आदिवासी इतिहास की जानकारी मिलती है । झारखंड से
Sewa Johar Dada हमारे जो वैदिक ग्रंथ है महाभारत और रामायण ये 3000 ई. पूर्व बताये जाते हैं और सिंधु घाटी सभ्यता 1500 ई . पूर्व मुझे ये समझ नही आता की जब सिंधु घाटी सभ्यता के लेख जो मिले है उनका कोई पड़ नही पाया और ना हि उन पर कोई लेख लिखा गया है फिर उससे पुरानी इन व्यंगो को किस आधार पर लिखा गया
Jai sewa dada mai up ke ghazipur jile se hu mai aapko bata raha hu ki hamare taraf holi khusi ke taur par manaya jata hai pahle holi ke tyohar me log ghode late the geet gate the par we geet hindi ya bhajpori me hote the hamare anusar holi me adivadi khusi manate honge relapata gate honge par bite 50 salo me adhiktar chij mit gaya ye ghode se aana relapata gana mujhe lagta hai ye prachin hai jo adivasion dwara manaya jata aur aap jaise bata rahe hai hum sum, visum devsagaon me aise hi pahle hamare yaha bhi holi kheli jati thi aise hi aur tathya hai jo hamare ilake me hai jo ancient and koiturian hai
होली त्योहार पे आदिवासीयो की अलग विचार धारा है होली जलने के दूसरे दिन से में मध्य प्रदेश के आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में मेघनाद मेला लगता है लकड़ी का खंडेरा मेघनाद एमपी में बोहोत है जिसे गोंड कोरकू समुदाय द्वारा पूजा जाता है हमारे यहां तो खंडेरा मेघनाद पाटा भी गया जाता है
काफी सारे बदलाव आ चुके पेहले की तरहा अभी नही रहा सभी चिजे रेडीमेड हो चुकी है। ना तो अभी कीरींगकोचा रहा ना ही खुदके बनाये हूवे रंग है। बहुत कुछ है मगर सभी सही चल रहा है तो ठीक ठाक है😊😊😊 होली की हार्दिक शुभकामनाएं आपको 🙏 और जो कमेंट्स पढने आए हैं आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🎉🎉
Meraa maananaa hai ki jwaalaamukhi kee prakrutik ghatanaa ko devee kaa naam diyaa gayaa, taaki jwaalaamukhi pandum ke baad vo hmaaraa nukasaan nahee kare, balki hamaaree rakshaa kare.
🙏 JAY SEWA JAY JOHAR SIR 🙏 or ek bat he sir holiki, lakdhi or chena ko jalane k bat jo rakh rahjati he use fasal me lejake diya jata jisse rog bimari fasal ko nahi ati kaha jata he.jab naya fal sabjiyun ka poudha lagaya jata he tabvi pahle rakh ko diya jata he.
Kumba means falgun month, also kumba means great, so we know kumba Mela, which fallen in falgun month. So, probably, ancient period every year, each society head quarter held a great annual conference, after annual conference like nowadays, ancient period general meeting held in which like ancient period perform cultural programme flaming fire. Thanks.
मेरा ये मानना है राहुल भाई जी होलिका जी अग्नि से नहाती थी फिर अग्नि से कैसे जल गई होलिका जी और होलिका आग में जल गई और परलाद नही जला जो अग्नि से नही जलता वो अमर है तो आज परलाद कहा है जो नही जलता है आज क्या कर रहा है
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर यह पाखंडवाद को इंगित करता है विज्ञान कहता है अग्नि से कुछ भी जल सकता है लेकिन इधर कुछ और हो रहा है तर्क वितर्क लगाइए विज्ञान को समझिए अन्यथा पाखंडवाद को बढ़ावा देने के लिए अग्नि से स्नान करना यह अज्ञानता का अभाव का कारण हो सकता है
सुर्वेय सेवा राहुल जी हमारे यहां एमपी में सब मिलजुला होली है... पहले के पुरखा होरी हो.... के साथ होरी गाते थे रात में लकड़ियां चोरने और जलाने का रिवाज था अब मांग लेते हैं... सुबह गांव में निवता दिया जाता था कि आज इस टोला में होरी होगा उसमे गाना डांस रंग सब होता था अब धीरे धीरे कम हो गया है।
Sir सर आप अपने वीडियो मे AI का use क्यों नही करते, AI tool use किया करो सर और गोंडवाना के युवाओ और जीतने भी content creators है उने भी encorgare किया करो सर सेवा जोहार , जय गोंडवाना🙏
होलिका मां है प्रहलाद की बुआ हमारे बुजुर्ग पहले होलिका मां की भस्म का तिलक लगाते है उनका आशीर्वाद लेते है और होलिका मां की आग लाते है उसको नया आग बोलते है उसी से खाना पकाते है
Me Gondwana samuday ka gondi ladka kya ?Gondwana ke log Holi nhi khelte ya fhir tarika dusra hota hai ? Hamare yaha hoka Dahan bhi nhi hua😢 ans please 😢
होली जलाने के बाद रात भर बुजुर्ग लोग फाग गाते है और बच्चे लोग रात में खेतों से चने लाकर भूनते हैं सुबह सभी बच्चे और बुढे हर घर के आंगण मे धूल डालते है और फाग भी गाते है पुरे गाव मे धूल डालने के बाद सभी लोग अपने अपने घर की सब साफ सफाई करते है सभी अपने कुल के देवी देवता और पेन पुरखा को रंग चढाते है उसके बाद माता पिता को रंग का टीका लगाकर पेर छूते है फिर उसके बाद आजी दाई आजा दादा भाभी साली इनके ऊपर रंग डालते हैं और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं गांव में जिनके ऊपर रंग डाल देते हैं तो लड़ाइयां बन जाती है😂 और सभी के घरों पर मीठा खाना बनता है जय पुरखा पेन जय आदिवासी जय रावण =>एमपी जबलपुर सिंगोरी
Mujhe lagta hi Rahul Bhai aapne Holika ka itihaas pada hi nhi hai isliye yesi vidoe bana rhe ho next time jab bhi Holi pr video banao to Holika ka pura itihaas pad Lena or sahi jankari Dena samaj ko jagrukta ki jarurat hai
सेवा जोहार राहुल जी
आपकी दी गई जानकारी
हमे गोडी़ संस्कृति जाने का मौका मिलता
है
हम इस तरह के जानकारी से वंचित थे
आपके माध्यम सभी जानकारी मिलता है
आपका बहोत बहोत धन्यवाद
भारत देश में प्राकृतिक पुजा और संरक्षण से ही आदिवासी समाज का पर्व होता है। झारखंड से
दरअसल त्योहार हमारे ही हैं, बस उन त्योहारों का हिंदू करण किया गया है
❤❤❤❤❤❤jai seva bahut hi shandar video
जय सेवा, जय गोंडवाना। रंग खेलन प्राकृतिक और संगो, संगी । सामाजिक नियम पुरखा ने पहले से बनाए है। उसी से चले सही है, अच्छा लगा
जय सेवा दादा
आदिवासी का ज्यातर पर्व कृषि पर आधारित होता है जिसमे प्रकृति पूजा की जाती है😊
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी त्योहार से पहले समाज को सही जानकारी के लिए सेवा जोहार 💛💛👌👌🌷🌷💯💯☑☑🙏🙏✍✍🤝🤝✊✊✊🙏🙏
सेवा सेवा 😊 जोहार
दादा आपको सादर सेवा जोहार🙏 दादा जी जो लकड़ी की झुला आप बोल रहे हैं उसे रेची झुला कहते हैं हमलोगों ने बचपना में खुब झुला पर आज सारे भुल गये हैं🙏 हमारे यहाँ होरी या फागुन के नाम से मनाया करते हैं🙏
आपका तरीका (Methodology) बहुत प्रभावशाली है, इस जानकारी से तथा आपके द्वारा कोई भी जानकारी से न केवल मुल वंशज बल्कि सम्पूर्ण मानव, प्राकृतिक जीवन जीकर पर्यावरण को बचा सकता है और मानव जीवन बहुत बेहतर हो सकता है और अधिक लाभकारी भी।
जय सेवा जय गोंडवाना 🤝
छत्तीसगढ़ में हम लोग होली फसलों पकने के कारण मानते है उस दिन हम अपने पेन पुरखो को गेंहू की 2 3 बाली सेवा के रूप में देते है क्योंकि उनके द्वारा सिखाए गए कृषि के कारण हम अच्छे से जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
अवश्य मैं इस प्रतिक्रिया पर सहमत हूं मेरा मानना है कि फसलोत्सव के आधार पर होली नहीं होरी अर्थात गेहूं चना मटर आदि को भूनकर सामूहिक रूप खाने की परंपरा को इंगित कर रहा है इसलिए होली कहना उचित नहीं होगा बल्कि होरी कहना सही हो सकता है।।
होलिका दहन की इतिहास को समझने के लिए अध्ययन करना अति आवश्यक है?
होरी से होली नाम कैसे पड़ा ?
@@CrezyVidio आजकल तो हमारे लोग भी होली होलिका दहन में मस्त है ।
@@CrezyVidio उनको होरा होरी का मूल कारण नही पता
सेवा जोहार 🙏
वेले वेले चकोट मन्दा 🌱🌾🪔
सेवा जोहर दादा 🙏🙏🙏
जोहार दादा जोहार
Sewa Johar Jai Adivasi
Kannake ji sadar seva johar samaj ko achghha sandesh de rahe hai jo aaj ke doir me behad jaruri hai jo ki aap samaj ke liye bahut mehanat kar rahe hai
सेवा जोहार कन्नाके जी ये तो सच है कि जितने भी तीज त्यौहार है लगभग सभी हमारे अपने कोयतुरो का है लेकिन मनुवादियों ने सब में कल्पित कहानी जोड़कर अपने फायदे के लिए बना रखा है वैसे होली त्योहार आजकल मुख्य रूप से फुहड़ता के लिए ज्यादा जाना जाता है 😢
आदिवासी निसर्ग पुजक है, आदिवासी का कोई धर्म नहीं है। लेकिन सरकार ने आदिवासी को हिंदू धर्म में क्यु डाला ये जानना जरूरी है। तभी आदिवासी अपनी संस्कृति बचा पाएगा और अपना अस्तित्व बचा पाएगा।
संताल में अभी अभी से होली कर रहे हैं कुछ कुछ लोग नहीं तो रंग को छुना भी गुनाह माना जाता है संताल आदिवासी में पुराने जमाने से Flower 🌹 Day Festival मनाया जाता है संताल tribe में तो जिसे बाहा परब कहते हैं संताल आदिवासी जिसमें फुलों को ताकतवर माना जाता है जीवन का सृजन के लिए
Power full flower power education
राहुल दादा बहुत बडी़या
जय. सेवा
।।जय सेवा जोहार ।।
सेवा जोहार कन्नाके जी जानकारी देने केलिए
जय जोहार जय आदिवासी जोहार दादा
Jay sewa Rahul dada ji, Raj Pradhan gond raje baldeo uike , mere man me bahut problem aa rahe hai ki holi manau ki nahi,
Swa karta pitu ki jay ho all of you aap ki jay ho
हमारे मेलघाट मे फग्नाय गीत गाये जाते है. और बाहर के लोगो से फागवा मांगते है. गादलि नृत्य करके पटेल जी मरी होली जलाते है.
पहले दिन जिंदा होली. छोटी होली गौरी और नदी से ५ पथर लेकर पूजा जाता है. दूसरे दिन मरी होली मानते है और मटन बनता है घरमे. बड़ी होली भी कहते है. दूसरे दिन धुलीवंदन होता है निसर्ग के रंग से होली खेलते थे. बड़े बुजुर्ग को होली की बधाई देते है. फग्नाय गीत वाले बुजुर्ग होली के पास रात भर गीत गाते है और पाच दिन तक घर घर घूमते है. संस्कृति जपते है. कोरकु लोगो का आदिवासी का मेन त्योहार मानते है घर सराते है पेंटिंग करते है.
जय जोहार🙏
भारत देश में होली सभी आदिवासी और हिन्दू मानाते हैं इसे मनाने का नियम अलग अलग है। झारखंड में आदिवासी इसे फग्गू के नाम मनाते हैं।
आपकी विडियो से आदिवासी इतिहास की जानकारी मिलती है । झारखंड से
Very nice ❤
Sewa Johar Dada हमारे जो वैदिक ग्रंथ है महाभारत और रामायण ये 3000 ई. पूर्व बताये जाते हैं और सिंधु घाटी सभ्यता 1500 ई . पूर्व मुझे ये समझ नही आता की जब सिंधु घाटी सभ्यता के लेख जो मिले है उनका कोई पड़ नही पाया और ना हि उन पर कोई लेख लिखा गया है फिर उससे पुरानी इन व्यंगो को किस आधार पर लिखा गया
सही है भाई आप जो बोल है
जय सेवा
जय सेवा जोहर
सेवा सेवा
Harindar Ram GOND Jay Gondwana generation of nature defender janjati
जय जोहार
Sewa johar sir ji 💛🙏
Jay sewa jay fadapen
johar Rahul dada aap ki har ek information video bahut hi acchi joti hai aap ko bhi hori parw ki lakh lakh johar badhai 🎉
🙏🙏
Thank you so much!
Ok jaisewa thank you sir
, 🙏🙏सेवा सेवा, सेवा जोहार् 🙏🙏
हमारे यहाँ इसे होरी कहा जाता है, तीज तिहार् पंडुम की जानकारी देने कौ सेवा जोहार्
🙏सेवा सेवा, सेवा जोहार् राहुल भैया 🙏
♥️
Sir ji baat sahi ham
Prakritivadi hain.
❤❤❤🎉🎉
जोहार 💐💚
Jai sewa dada mai up ke ghazipur jile se hu mai aapko bata raha hu ki hamare taraf holi khusi ke taur par manaya jata hai pahle holi ke tyohar me log ghode late the geet gate the par we geet hindi ya bhajpori me hote the hamare anusar holi me adivadi khusi manate honge relapata gate honge par bite 50 salo me adhiktar chij mit gaya ye ghode se aana relapata gana mujhe lagta hai ye prachin hai jo adivasion dwara manaya jata aur aap jaise bata rahe hai hum sum, visum devsagaon me aise hi pahle hamare yaha bhi holi kheli jati thi aise hi aur tathya hai jo hamare ilake me hai jo ancient and koiturian hai
Humare Desh me prackritee youa sakhati youtee shakhati Adivashi ka devatak hai. !
❤from indore mp
Aap hamesha fact ki bat karte ho ...👍
Kota bundi se jai sewa Johar
Johar 🙏from shahdol mp
मेरा भी वही अनुमान थाजोहार जय आदिवासी जय सेवा जव्हार
होली त्योहार पे आदिवासीयो की अलग विचार धारा है होली जलने के दूसरे दिन से में मध्य प्रदेश के आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में मेघनाद मेला लगता है लकड़ी का खंडेरा मेघनाद एमपी में बोहोत है जिसे गोंड कोरकू समुदाय द्वारा पूजा जाता है हमारे यहां तो खंडेरा मेघनाद पाटा भी गया जाता है
#bahut khub 🙏
काफी सारे बदलाव आ चुके पेहले की तरहा अभी नही रहा सभी चिजे रेडीमेड हो चुकी है। ना तो अभी कीरींगकोचा रहा ना ही खुदके बनाये हूवे रंग है। बहुत कुछ है मगर सभी सही चल रहा है तो ठीक ठाक है😊😊😊
होली की हार्दिक शुभकामनाएं आपको 🙏 और जो कमेंट्स पढने आए हैं आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🎉🎉
Meraa maananaa hai ki jwaalaamukhi kee prakrutik ghatanaa ko devee kaa naam diyaa gayaa, taaki jwaalaamukhi pandum ke baad vo hmaaraa nukasaan nahee kare, balki hamaaree rakshaa kare.
किरिंग कोसा 🙏☺️
🙏 JAY SEWA JAY JOHAR SIR 🙏 or ek bat he sir holiki, lakdhi or chena ko jalane k bat jo rakh rahjati he use fasal me lejake diya jata jisse rog bimari fasal ko nahi ati kaha jata he.jab naya fal sabjiyun ka poudha lagaya jata he tabvi pahle rakh ko diya jata he.
Kumba means falgun month, also kumba means great, so we know kumba Mela, which fallen in falgun month. So, probably, ancient period every year, each society head quarter held a great annual conference, after annual conference like nowadays, ancient period general meeting held in which like ancient period perform cultural programme flaming fire. Thanks.
I am from shahdol mp
मेरा ये मानना है राहुल भाई जी होलिका जी अग्नि से नहाती थी फिर अग्नि से कैसे जल गई होलिका जी और होलिका आग में जल गई और परलाद नही जला जो अग्नि से नही जलता वो अमर है तो आज परलाद कहा है जो नही जलता है आज क्या कर रहा है
Pahlad juaa khel raha hai or daru Pi raha hai
Jaigonwan . Jaisambhusek Jai mahishasur jaibhim bhupendra satnami chhattisgarh
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर यह पाखंडवाद को इंगित करता है विज्ञान कहता है अग्नि से कुछ भी जल सकता है लेकिन इधर कुछ और हो रहा है तर्क वितर्क लगाइए विज्ञान को समझिए
अन्यथा पाखंडवाद को बढ़ावा देने के लिए अग्नि से स्नान करना यह अज्ञानता का अभाव का कारण हो सकता है
😆😆😆😆😆
@@kiranindoree7340 कुछ जवाब लिखो
Sewa johar Jay snwidhan
हमारे यहां घूमने वाला खेल चर्रा कहते हैं 😊
राहुल भाई आप कहां रहते हो मैं आपको अमरावती महाराष्ट्र में आपको देखा हूं सलामे जी के साथ में मैं आपका वीडियो देखते रहता हूं जय सेवा
सुर्वेय सेवा राहुल जी हमारे यहां एमपी में सब मिलजुला होली है... पहले के पुरखा होरी हो.... के साथ होरी गाते थे रात में लकड़ियां चोरने और जलाने का रिवाज था अब मांग लेते हैं... सुबह गांव में निवता दिया जाता था कि आज इस टोला में होरी होगा उसमे गाना डांस रंग सब होता था अब धीरे धीरे कम हो गया है।
Barabar he sar
Holika ko jalate he ki nahi batana jarur
Sir सर आप अपने वीडियो मे AI का use क्यों नही करते, AI tool use किया करो सर और गोंडवाना के युवाओ और जीतने भी content creators है उने भी encorgare किया करो सर सेवा जोहार , जय गोंडवाना🙏
👍
Sir me mp narmadapuram se hun 1 video meghnath baba par bhi banaye hamare yahan meghnath ki pooja karte hai
Rajgodva
Hamare yaha rehchul bola jata hai Chhattisgarhi mein Madhya Chhattisgarh mein jai seva jai johar
Holi ke baad khelte hai
राहुल दादा हमारे गोंड राजाओं के किला महल कन्हा कन्हा हैं आप जानकारी दें
Jay johar sar
Jai bhim jai mulnivasi
Jay sewa dada
हीरणय कश्यप का होली त्योहार से कोई सम्बध नही सर
Sir Ji namstye ham marai gotra k hai to hamare gotra k koun koun se dev hai our ise ghar me sthapan karne k liye karni hogi kripya bataiye
सेवा जोहर गुरुजी .. गोंडवाना दर्शन से सम्बंधित किताब online कहाँ से ले.. sir मार्गदर्शन कीजिए ..
हमारे सोच में हिंदू धर्म कब्जा करने लगा है
Hamare yahan lehechuan kaha jata hai reewa se
किरींग कोसा
होलिका
मां
है
प्रहलाद
की
बुआ
हमारे
बुजुर्ग
पहले
होलिका
मां
की
भस्म
का
तिलक
लगाते
है
उनका
आशीर्वाद
लेते
है
और
होलिका
मां
की
आग
लाते
है
उसको
नया
आग
बोलते
है
उसी
से
खाना
पकाते
है
Sir jo adivase dharm parivartan kiye hai unke visay me aap kuch bataye plis
बहुत अच्छा त्योहार से और बहुत मजा वाले धुरेंद्दी से समाज का कोई फायदा
Rahul ji use ghan makdi kha jata hai
❤❤
Hardoi jila k Kai log Holi nahi khelte hai
Jay seva hamane bhi apne bhaiyo ke sath ghanmakad pe khele hi
Me Gondwana samuday ka gondi ladka kya ?Gondwana ke log Holi nhi khelte ya fhir tarika dusra hota hai ? Hamare yaha hoka Dahan bhi nhi hua😢 ans please 😢
उसको रेहचुल कहते हैं छत्तीसगढ़ में
एक प्रकार का झूला है ।
होली के दिन मेघनाद का मरण दिन हैं क्या
Sewa johar
जय 🙏🌍🙏 सेवा ( शिवा,शिव ) राहुल जी
होली ट्राइबल में घुसेड़ा गया है ट्राइबल फागुन मानते थे फागुन मेला जतरा नाच गाना होता है होली जलाने की आडंबर कहा से लाया पता ही नहीं
ua-cam.com/video/MPorZaPrhL8/v-deo.html जोहार जय धर्म हम होली नही फागुवा मानते है राहुल भाई ( झारखंड)
Rang wali lagakr holi nhi lagani chahiye...unlogical thing.. hmare alag concept hain...
Seva johar dada, ye mera naya account hai, Mai pradeep pardhan
Bastar (kondagaon) " तिरमीरी" कहते है
होली जलाने के बाद रात भर बुजुर्ग लोग फाग गाते है और बच्चे लोग रात में खेतों से चने लाकर भूनते हैं सुबह सभी बच्चे और बुढे हर घर के आंगण मे धूल डालते है और फाग भी गाते है पुरे गाव मे धूल डालने के बाद सभी लोग अपने अपने घर की सब साफ सफाई करते है सभी अपने कुल के देवी देवता और पेन पुरखा को रंग चढाते है उसके बाद माता पिता को रंग का टीका लगाकर पेर छूते है फिर उसके बाद आजी दाई आजा दादा भाभी साली इनके ऊपर रंग डालते हैं और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं गांव में जिनके ऊपर रंग डाल देते हैं तो लड़ाइयां बन जाती है😂 और सभी के घरों पर मीठा खाना बनता है
जय पुरखा पेन जय आदिवासी जय रावण =>एमपी जबलपुर सिंगोरी
Mujhe lagta hi Rahul Bhai aapne Holika ka itihaas pada hi nhi hai isliye yesi vidoe bana rhe ho next time jab bhi Holi pr video banao to Holika ka pura itihaas pad Lena or sahi jankari Dena samaj ko jagrukta ki jarurat hai