Bhimwar Murmu Garzao Ana Minister Mahan Charan Majhi Tirub an // income Salary
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- Опубліковано 16 жов 2024
- Bhimwar Re Garjao Lenkhan CM Mahan Charan Majhi Tirubo Aa@SantaliDigitalLive
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Unnecessary not delivered speech against CM of Odisha
❤marangburuhirla
स्वराज का स्वाभिमान सदियों से ज़िन्दा है,
धार्मिक उन्माद मे पड़े झारखंडी..
17 जून 1948 को संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया जाना चाहिए या नहीं, इस पर सिफारिश करने के लिए भाषाई प्रांत आयोग (जिसे धार आयोग भी कहा जाता है) का गठन किया। 10 दिसंबर 1948 को एस.के.धार आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित हुई लेकिन वह मुद्दा अनसुलझा ही रहा।
जे.वी.पी. समिति, जिसे जेवीपी समिति के नाम से जाना जाता है। इस समिति ने एसके धार समिति की सिफारिशों की जांच की और अप्रैल 1949 में अपनी रिपोर्ट पेश की। इस समिति ने कहा कि भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है।
उसके बाद राज्यों के राज्य सीमाओं के पुनर्गठन की सिफारिश करने के लिए दिसंबर 1953 में भारत सरकार के केंद्र सरकार द्वारा गठित राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) का गठन किया । आयोग की सिफ़ारिशों को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया गया और नवंबर 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम में लागू किया गया। इस अधिनियम में प्रावधान के अनुसार भारत की राज्य सीमाओं को पुनर्गठित करके 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए।
राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) 1955 आधार मानते हुए, जब संसद ने वनांचल, छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बिल पारित किए, वनांचल (वनवासी) और छत्तीसगढ़ (सौतेला बच्चा) क्षेत्रों में क्या उत्साह था..? इंडिया टुडे ने 14th अगस्त 2000 के लेख में कहा था कि उत्सव उचित कैसे...?
झारखंड के लोग को "वनवासी" और छत्तीसगढ़ के लोग को "सौतेला बच्चा" बोलने के लिए संविधान के किस अनुच्छेद में लिखा गया...? या कब Amendment किया गया है..?
जाहेर_खोंड@झारखंडी को जनजाति वर्ग तो संवैधानिक रूप में Constitution Order 1950 Article 342 (1) & Constitution Amendment Act 1954-56 के मुताबिक दिया गया है । क्या किसी ने माँग किया था कि मुझे अनुसूचित जनजाति बनाया जाए....?
बड़ा सवाल यह है कि झारखंडी को जनजाति क्यों बनाया गया है..? और अगर जनजाति बनाया भी गया, तो उसका आधार या Reference क्या है...?
आपका "वनवासी Amendment Act" या "सौतेला बच्चा" Amendment Act है क्या..? क्या आप बता सकते हैं किस अनुच्छेद में अंकित है..?
Youth का सवाल यह है कि देश के भविष्य के लिए जेवीपी समिति के अनुसार जब भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन अच्छा नहीं है, तो फिर
क्या देश के भविष्य के लिए एक समुदाय को अस्थायी रखना क्या यह अच्छा है...?
क्या देश के भविष्य के लिए एक समुदाय को अस्थायी पहचान के साथ जीने के लिए धागा में बाँध कर रखना क्या यह अच्छा है...?
क्या देश के भविष्य के लिए देश के ही एक भौगोलिक क्षेत्र को पिछड़ेपन की दृष्टिकोण से देखना क्या यह अच्छा है...?
या फिर उनको "वनवासी" या "सौतेला बच्चा" के नाम से पुकारा जाना देश के भविष्य के लिए अच्छा है....?
या फिर देश के भविष्य के लिए एक Linguistic Family के लोगों बंधक बना कर रखा जाए ये देश के लिए अच्छा है....?
और आप खेलिए भाषा के आधार पर Small State Syndrome का खेल....!
कोई वनांचल और कोई सौतेला बच्चा, कोई आलेखी आदिवासी जो आभासी राजनैतिक वनांचल को झारखंड के नाम पर अपना मुक्ति धाम बना कर झारखंडी लोगों को Temporary Schedule Tribe Category में जीवन यापन करा रहा/रही है। शायद इसीलिए कुछ लोगों ने अपने लेख में जांचा परखा और कहा था कि उत्सव उचित कैसे...?
वनांचल, वनवासी फिर आप जनजाति में वापस आ रहे हैं, जनजाति बनाए जाने का आधार क्या था...?
क्या संवैधानिक झारखंड को मुक्ति मिल गया....जिसके लिए सिमगाड़ और मराग् गाड़ परगना ने JMM को बना कर खड़े किये थे ll
समय का कोई अंश, अयांश या वंश नहीं होता, समय रहते चेत जाना चाहिए....!
Balo khalige santal do poh poh jaher devlop bante mondir mohda 😂😂😂😂😂😂😂 samtal
स्वराज का स्वाभिमान सदियों से ज़िन्दा है,
धार्मिक उन्माद मे पड़े झारखंडी..
17 जून 1948 को संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया जाना चाहिए या नहीं, इस पर सिफारिश करने के लिए भाषाई प्रांत आयोग (जिसे धार आयोग भी कहा जाता है) का गठन किया। 10 दिसंबर 1948 को एस.के.धार आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित हुई लेकिन वह मुद्दा अनसुलझा ही रहा।
जे.वी.पी. समिति, जिसे जेवीपी समिति के नाम से जाना जाता है। इस समिति ने एसके धार समिति की सिफारिशों की जांच की और अप्रैल 1949 में अपनी रिपोर्ट पेश की। इस समिति ने कहा कि भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है।
उसके बाद राज्यों के राज्य सीमाओं के पुनर्गठन की सिफारिश करने के लिए दिसंबर 1953 में भारत सरकार के केंद्र सरकार द्वारा गठित राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) का गठन किया । आयोग की सिफ़ारिशों को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया गया और नवंबर 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम में लागू किया गया। इस अधिनियम में प्रावधान के अनुसार भारत की राज्य सीमाओं को पुनर्गठित करके 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए।
राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) 1955 आधार मानते हुए, जब संसद ने वनांचल, छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बिल पारित किए, वनांचल (वनवासी) और छत्तीसगढ़ (सौतेला बच्चा) क्षेत्रों में क्या उत्साह था..? इंडिया टुडे ने 14th अगस्त 2000 के लेख में कहा था कि उत्सव उचित कैसे...?
झारखंड के लोग को "वनवासी" और छत्तीसगढ़ के लोग को "सौतेला बच्चा" बोलने के लिए संविधान के किस अनुच्छेद में लिखा गया...? या कब Amendment किया गया है..?
जाहेर_खोंड@झारखंडी को जनजाति वर्ग तो संवैधानिक रूप में Constitution Order 1950 Article 342 (1) & Constitution Amendment Act 1954-56 के मुताबिक दिया गया है । क्या किसी ने माँग किया था कि मुझे अनुसूचित जनजाति बनाया जाए....?
बड़ा सवाल यह है कि झारखंडी को जनजाति क्यों बनाया गया है..? और अगर जनजाति बनाया भी गया, तो उसका आधार या Reference क्या है...?
आपका "वनवासी Amendment Act" या "सौतेला बच्चा" Amendment Act है क्या..? क्या आप बता सकते हैं किस अनुच्छेद में अंकित है..?
Youth का सवाल यह है कि देश के भविष्य के लिए जेवीपी समिति के अनुसार जब भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन अच्छा नहीं है, तो फिर
क्या देश के भविष्य के लिए एक समुदाय को अस्थायी रखना क्या यह अच्छा है...?
क्या देश के भविष्य के लिए एक समुदाय को अस्थायी पहचान के साथ जीने के लिए धागा में बाँध कर रखना क्या यह अच्छा है...?
क्या देश के भविष्य के लिए देश के ही एक भौगोलिक क्षेत्र को पिछड़ेपन की दृष्टिकोण से देखना क्या यह अच्छा है...?
या फिर उनको "वनवासी" या "सौतेला बच्चा" के नाम से पुकारा जाना देश के भविष्य के लिए अच्छा है....?
या फिर देश के भविष्य के लिए एक Linguistic Family के लोगों बंधक बना कर रखा जाए ये देश के लिए अच्छा है....?
और आप खेलिए भाषा के आधार पर Small State Syndrome का खेल....!
कोई वनांचल और कोई सौतेला बच्चा, कोई आलेखी आदिवासी जो आभासी राजनैतिक वनांचल को झारखंड के नाम पर अपना मुक्ति धाम बना कर झारखंडी लोगों को Temporary Schedule Tribe Category में जीवन यापन करा रहा/रही है। शायद इसीलिए कुछ लोगों ने अपने लेख में जांचा परखा और कहा था कि उत्सव उचित कैसे...?
वनांचल, वनवासी फिर आप जनजाति में वापस आ रहे हैं, जनजाति बनाए जाने का आधार क्या था...?
क्या संवैधानिक झारखंड को मुक्ति मिल गया....जिसके लिए सिमगाड़ और मराग् गाड़ परगना ने JMM को बना कर खड़े किये थे ll
समय का कोई अंश, अयांश या वंश नहीं होता, समय रहते चेत जाना चाहिए....!
स्वराज का स्वाभिमान सदियों से ज़िन्दा है,
धार्मिक उन्माद मे पड़े झारखंडी..
17 जून 1948 को संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया जाना चाहिए या नहीं, इस पर सिफारिश करने के लिए भाषाई प्रांत आयोग (जिसे धार आयोग भी कहा जाता है) का गठन किया। 10 दिसंबर 1948 को एस.के.धार आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित हुई लेकिन वह मुद्दा अनसुलझा ही रहा।
जे.वी.पी. समिति, जिसे जेवीपी समिति के नाम से जाना जाता है। इस समिति ने एसके धार समिति की सिफारिशों की जांच की और अप्रैल 1949 में अपनी रिपोर्ट पेश की। इस समिति ने कहा कि भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है।
उसके बाद राज्यों के राज्य सीमाओं के पुनर्गठन की सिफारिश करने के लिए दिसंबर 1953 में भारत सरकार के केंद्र सरकार द्वारा गठित राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) का गठन किया । आयोग की सिफ़ारिशों को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया गया और नवंबर 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम में लागू किया गया। इस अधिनियम में प्रावधान के अनुसार भारत की राज्य सीमाओं को पुनर्गठित करके 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए।
राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) 1955 आधार मानते हुए, जब संसद ने वनांचल, छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बिल पारित किए, वनांचल (वनवासी) और छत्तीसगढ़ (सौतेला बच्चा) क्षेत्रों में क्या उत्साह था..? इंडिया टुडे ने 14th अगस्त 2000 के लेख में कहा था कि उत्सव उचित कैसे...?
झारखंड के लोग को "वनवासी" और छत्तीसगढ़ के लोग को "सौतेला बच्चा" बोलने के लिए संविधान के किस अनुच्छेद में लिखा गया...? या कब Amendment किया गया है..?
जाहेर_खोंड@झारखंडी को जनजाति वर्ग तो संवैधानिक रूप में Constitution Order 1950 Article 342 (1) & Constitution Amendment Act 1954-56 के मुताबिक दिया गया है । क्या किसी ने माँग किया था कि मुझे अनुसूचित जनजाति बनाया जाए....?
बड़ा सवाल यह है कि झारखंडी को जनजाति क्यों बनाया गया है..? और अगर जनजाति बनाया भी गया, तो उसका आधार या Reference क्या है...?
आपका "वनवासी Amendment Act" या "सौतेला बच्चा" Amendment Act है क्या..? क्या आप बता सकते हैं किस अनुच्छेद में अंकित है..?
Youth का सवाल यह है कि देश के भविष्य के लिए जेवीपी समिति के अनुसार जब भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन अच्छा नहीं है, तो फिर
क्या देश के भविष्य के लिए एक समुदाय को अस्थायी रखना क्या यह अच्छा है...?
क्या देश के भविष्य के लिए एक समुदाय को अस्थायी पहचान के साथ जीने के लिए धागा में बाँध कर रखना क्या यह अच्छा है...?
क्या देश के भविष्य के लिए देश के ही एक भौगोलिक क्षेत्र को पिछड़ेपन की दृष्टिकोण से देखना क्या यह अच्छा है...?
या फिर उनको "वनवासी" या "सौतेला बच्चा" के नाम से पुकारा जाना देश के भविष्य के लिए अच्छा है....?
या फिर देश के भविष्य के लिए एक Linguistic Family के लोगों बंधक बना कर रखा जाए ये देश के लिए अच्छा है....?
और आप खेलिए भाषा के आधार पर Small State Syndrome का खेल....!
कोई वनांचल और कोई सौतेला बच्चा, कोई आलेखी आदिवासी जो आभासी राजनैतिक वनांचल को झारखंड के नाम पर अपना मुक्ति धाम बना कर झारखंडी लोगों को Temporary Schedule Tribe Category में जीवन यापन करा रहा/रही है। शायद इसीलिए कुछ लोगों ने अपने लेख में जांचा परखा और कहा था कि उत्सव उचित कैसे...?
वनांचल, वनवासी फिर आप जनजाति में वापस आ रहे हैं, जनजाति बनाए जाने का आधार क्या था...?
क्या संवैधानिक झारखंड को मुक्ति मिल गया....जिसके लिए सिमगाड़ और मराग् गाड़ परगना ने JMM को बना कर खड़े किये थे ll
समय का कोई अंश, अयांश या वंश नहीं होता, समय रहते चेत जाना चाहिए....!
स्वराज का स्वाभिमान सदियों से ज़िन्दा है,
धार्मिक उन्माद मे पड़े झारखंडी..
17 जून 1948 को संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया जाना चाहिए या नहीं, इस पर सिफारिश करने के लिए भाषाई प्रांत आयोग (जिसे धार आयोग भी कहा जाता है) का गठन किया। 10 दिसंबर 1948 को एस.के.धार आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित हुई लेकिन वह मुद्दा अनसुलझा ही रहा।
जे.वी.पी. समिति, जिसे जेवीपी समिति के नाम से जाना जाता है। इस समिति ने एसके धार समिति की सिफारिशों की जांच की और अप्रैल 1949 में अपनी रिपोर्ट पेश की। इस समिति ने कहा कि भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है।
उसके बाद राज्यों के राज्य सीमाओं के पुनर्गठन की सिफारिश करने के लिए दिसंबर 1953 में भारत सरकार के केंद्र सरकार द्वारा गठित राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) का गठन किया । आयोग की सिफ़ारिशों को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया गया और नवंबर 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम में लागू किया गया। इस अधिनियम में प्रावधान के अनुसार भारत की राज्य सीमाओं को पुनर्गठित करके 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए।
राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) 1955 आधार मानते हुए, जब संसद ने वनांचल, छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बिल पारित किए, वनांचल (वनवासी) और छत्तीसगढ़ (सौतेला बच्चा) क्षेत्रों में क्या उत्साह था..? इंडिया टुडे ने 14th अगस्त 2000 के लेख में कहा था कि उत्सव उचित कैसे...?
झारखंड के लोग को "वनवासी" और छत्तीसगढ़ के लोग को "सौतेला बच्चा" बोलने के लिए संविधान के किस अनुच्छेद में लिखा गया...? या कब Amendment किया गया है..?
जाहेर_खोंड@झारखंडी को जनजाति वर्ग तो संवैधानिक रूप में Constitution Order 1950 Article 342 (1) & Constitution Amendment Act 1954-56 के मुताबिक दिया गया है । क्या किसी ने माँग किया था कि मुझे अनुसूचित जनजाति बनाया जाए....?
बड़ा सवाल यह है कि झारखंडी को जनजाति क्यों बनाया गया है..? और अगर जनजाति बनाया भी गया, तो उसका आधार या Reference क्या है...?
आपका "वनवासी Amendment Act" या "सौतेला बच्चा" Amendment Act है क्या..? क्या आप बता सकते हैं किस अनुच्छेद में अंकित है..?
Youth का सवाल यह है कि देश के भविष्य के लिए जेवीपी समिति के अनुसार जब भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन अच्छा नहीं है, तो फिर
क्या देश के भविष्य के लिए एक समुदाय को अस्थायी रखना क्या यह अच्छा है...?
क्या देश के भविष्य के लिए एक समुदाय को अस्थायी पहचान के साथ जीने के लिए धागा में बाँध कर रखना क्या यह अच्छा है...?
क्या देश के भविष्य के लिए देश के ही एक भौगोलिक क्षेत्र को पिछड़ेपन की दृष्टिकोण से देखना क्या यह अच्छा है...?
या फिर उनको "वनवासी" या "सौतेला बच्चा" के नाम से पुकारा जाना देश के भविष्य के लिए अच्छा है....?
या फिर देश के भविष्य के लिए एक Linguistic Family के लोगों बंधक बना कर रखा जाए ये देश के लिए अच्छा है....?
और आप खेलिए भाषा के आधार पर Small State Syndrome का खेल....!
कोई वनांचल और कोई सौतेला बच्चा, कोई आलेखी आदिवासी जो आभासी राजनैतिक वनांचल को झारखंड के नाम पर अपना मुक्ति धाम बना कर झारखंडी लोगों को Temporary Schedule Tribe Category में जीवन यापन करा रहा/रही है। शायद इसीलिए कुछ लोगों ने अपने लेख में जांचा परखा और कहा था कि उत्सव उचित कैसे...?
वनांचल, वनवासी फिर आप जनजाति में वापस आ रहे हैं, जनजाति बनाए जाने का आधार क्या था...?
क्या संवैधानिक झारखंड को मुक्ति मिल गया....जिसके लिए सिमगाड़ और मराग् गाड़ परगना ने JMM को बना कर खड़े किये थे ll
समय का कोई अंश, अयांश या वंश नहीं होता, समय रहते चेत जाना चाहिए....!