बहुत ही अच्छा आपने समझाया । इसे ही कहते हैं संत-महात्मा की तरह समझाना, जिससे कि सब यथार्थ तरह से समझ सकें। भगवान आपके सभी मनोरथ सफल करें। हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे हरेकृष्ण
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये। "Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये। जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
आपका चैनल बहुत बढ़िया है आप श्रीमद्भागवत गीता के गूढ़ रहस्यों को समस्त मानव जाति पर उपकार कर रहे हैं अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप का नया वीडियो हमारे मोबाइल पर जल्द से जल्द आए आपका ज्ञान सुनकर हमको बहुत शांति मिली धन्यवाद
Bro jnm bhi to bhgwan nai diya hai.. to maya mai fasane vala bhi vahi hai.. ab ye btao jb hmara phla jnm hua tha.. tb hm panp rahit the.. aur bhgwan nai hme yaha jnm diya.. kaam dev ko bhgwan nai banaya taki hm usme fase.. to sara trap hai bhgwan ka hai.. hm aam insan kya kr skte hai.😞
@@The_NoOne bhagwan ne apna aehsas karne ke liye maya ko banaya. Tum(Ace) koi nahi hai tumhe bhram hai ki tum ho matlab ace hai Ace koi nahi hai Ace ko toh maya ne matlab mastishka ne banya hai. Koi hai toh bus chaitnya hai shudh Chaitanya. Aur kuch bhi nahi hai
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये। "Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये। जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।।
apne is video me jo dikhaya hai wo hi moksha hai.it is very ture and pure .is baat ko jo hirday yane jo dil se schota hai .use vaikti ko hi samjha me aaye gi aap dhanyvad bhai
Bhai sahab isme sahi kya hay kya pata chala moksh ke baare me ye bhai sahab baat karte hay vedo ki oor reference dete hay upnishad ka ved ye god gifted gyaan hay upnishad kisi ak ka apna mat hay oor gitaji charo vedo ka saar hay to sahi praman kaha milega Moksh yane jaman oor mruryu se chutkara jisme sadhak sadake liye parmatma ke us lok me jata hay jahase fir is sansar me vapas nahi aata vo hay maksh
@@rajspecजैसे हवा और वायु एक ही चीज के दो नाम है , ऐसे ही आत्मा और परमात्मा एक ही चीज के दो नाम है । घट और मठ का आकाश एक ही है , शरिर और ब्रह्मांड को सत्ता - स्फूर्ति देनेवाली आत्मा एक ही है , आत्मा को पहचान (जान ) लोगे , तो परमात्मा को भी पहचान लोगे , शरिर , मन , बुद्धि , हृदय को जाननेवाला ही आत्मा , परमात्मा , भगवान , ब्रह्म है । ॐ ॐ ॐ
Sahi Kahan Aapne. Sab se pehle shuruvaat mein hum sab aatma Moksh mein thhe. Koi bhi karm Nahi tha. Kyun ki koi duniya banni Nahi thi. Lekin humara mann chanchal hai. Usse Moksh bhi permanent Nahi Chahiye. Usne Parmatma se Maya maangi. Aur Parmatma ne Maya banayi..
Man is subject to sorrow. The ultimate goal of human life is to transcend the planes of sorrow and reach and realise the Absolute: All Joy! We are not free beings, we are chained by our desires and these desires breed pain and pleasure. We undergo binary experiences: pleasure and pain,loss and gain, victory and defeat, life and death. Buddha says, every experience finally turns out to be nothing but sorrow. The solution is: Nirvana, extinction of the self. Taking births and dying again and again is finally futile. Let's liberate ourselves:This is what Acharya Shankar has preached us. This theme is really nice.
मनुष्य को सात्विक भाव से कर्म करना चाहिए फल की इच्छा स्वभाविक है लेकिन फलों में लिप्सा नहीं करनी चाहिए इस प्रकार अगर मनुष्य सुख दुख मान अपमान में समभाव रखता हुआ भगवत भक्ति में लीन रहता है तथा साथ ही संतुलित रहते हुए अलौकिक लौकिक तथा पारलौकिक कर्म करता है तो उसे आधिदैविक, आधि भौतिक तथा आध्यात्मिक तीनों प्रकार के शाश्वत आनंद प्राप्त हो जाते हैं इसी का नाम मोक्ष है जो नित्य रहता है सुख दुख के साथ रहते हुए भी उनसे लिप्त नहीं होता ! अति सुंदर वीडियो!!
बहुत अच्छी विडिओ हे सरलता पूर्वक आपणे इन दोनहो के बीच का अंतर समझाया, इससे आदी शंकराचार्य लिखित कुछ पंक्तीया याद आई। बालस्तावत् क्रीडासक्तः, तरुणस्तावत् तरुणीसक्तः। वृद्धस्तावच्चिन्तासक्तः, परे ब्रह्मणि कोऽपि न सक्तः॥ भज गोविन्दं भज गोविन्दं, गोविन्दं भज मूढ़मते। माया और मोह के बीच फंसे हम भूल जातें हे परब्रह्म सच्चीदानंद परमात्मा को।
जीवन मुक्त सोए मुक्ता मर गया कहां मुक्ति हो है बहुत ही सुंदर सत्य ज्ञान शुद्ध ज्ञान है है अच्छा लगा इसी जन्म में अगर परमात्मा को देख नहीं सकता इंसान तो मोक्ष भी नहीं है शांति भी नहीं है आनंद भी नहीं इसलिए कहा है जीवन मुक्ता सोए मुक्ता मर्के कहां मुक्ति होय
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये। "Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये। जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।।
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये। "Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये। जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये। "Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये। जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
सही ज्ञान जीवित रहते मोक्ष मिलता है अर्थ काम मोक्ष तीन आवस्था है श्री हरि अतिरिक्ति न कोई स्नेह करता न प्रेम सब स्वार्थ बंधन है खोने पाने इच्छ से मुक्ति दुःख से मुक्ति है जय श्री हरि
@Saravan Rajpurohit ji S.Rajpurohit ap khub sundar niam se:- Mukti ar Moksh btadia.muje samaj ne me deri nahi hua.mera naman siker kigia.ar is ghyan gang hamesha dete rahia.
It is so nice to know all these things, though we know it but we forget so I must listen to it repeatedly to make me aware all the time. Thank you respected sir PRANAM
Vaah! Bhai sahab kya baat kahi pet me tej dard ho oor aap khushi se naach rahe ho kya ye possible hay bilkul nahi ye to murkho ke laks han hay pahle pet dard ki goli khavo pet dard khatam ho tabhi jaake aadmi thikse khada bhi ho paaye ye jo bhai sahab ne moksh ke baare me bataya ye purn saty bilkul nahi sidhi baat hay janm oor mrutyu se chutkara yaane moksh
@@prateeksingh9681 Sahi kaha moksh to mrutyu ke baad milta hay par ye theary ki dukhomebhi sukh ka anubhav karna ye murkho ke lakshan hay bhai sahab batane ke liye ye baat thik hay oor sunne me bhi acchi lagti hay par jab pet me tej dard ho to pet dard ki goli khaoge ya khusise nachne lagoge
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये। "Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये। जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
मोक्ष पाने का दुःख ही कारण है।मनुष्य को दुःख से उबकर मोक्ष पाणे की चाहत जागृत हो जाती है। लेकीन चाहत जब तक है तब तक मोक्ष भी नहीं है। यदी कोही मोक्ष की चाहत रखकर तप करता है तो यह व्यर्थ है। जिसकी कोही चाहत ही नहीं बची वह आपोआप मोक्ष को उपलब्ध हो जाता है।
*Sab humare mind ka khel hai. We should work on cleaning all the petals of our chakras to move into higher dimensions. If we do it pwrfectly and completely then we can merge with the creator finally.* 🙂🙏🏻
एही कलिकाल ना साधन दूजा, योग यज्ञ जप तप व्रत पूजा।। For kalyug , the yogic process are not for kalyug. Only by chanting lords name , one can attain everlasting happiness. कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा।। Visit "shri hit radha kripa" for satsang.
सर जी, बहुत ही सुंदर. सर , बंधन अर्थात त्रिदोष, त्रिकर्म, पंचकलेश, पंचकोश, आदि क्या है और जितने भी बंधन है इस पर वीडियो बनाकर विस्तार से समझाइये। हरे कृष्णा🙏
कलयुग केवल नाम अधारा,सुमिर सुमिर नर उतरेहू भव पारा , नाम कोन सा, वरणातम्क. नही धुनऑतमक होता हे ऑतमा जब शबद धुन पकड लेती हे तब भव पार होती हे,,,,, अब िनयम बदल ग़या , संतो ने लिखा. कलयुग योग यगय ऩा गियाना,एक आधार. नाम गुण गाना,,, गोसवामी जी पूरण संत थे. रामायण मे पुरण ऑतम गियान भरा हे
मुकति मोछ का मतलब संसार मे. आतमा, जीव का आवागमन,,यानि जनम मरण के चकर से बाहर होना ही मुकित हे ा आतमा पर चडे चार गिलाफ ़या नि कपडे. ईसथूल शरीर,लिग शरीर,सूछम शरीर, कारण शरीर जब चारो कपडे उतर जायेगे ,पार बहरम ईसथान पर मान सरोवर तालाब मे ईसनान करेने पर सभी गिलाफ उतर जायेगे आतमा गुणातीत, यािन करम रहीत हो जायेगी तभी मुकती पद को परापत होगी ा जय गुरू देव ंा
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये। "Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये। जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।।
बहुत महत्त्वपूर्ण प्रश्न हैं सब पांच तत्व + नफs ( lower self/ego/negative force)+ un known energy (आत्मा)=इंसान पांच तत्व (पुतला) इस से man/ mind उत्पन्न होता है और negative force से समस्त बुराइयाँ उत्पन्न होती हैं। यह force मन को वश में कर लेता है और माया (दुनियां) का दास बना देता है। यही कारण है दुखों का। छुटकारा के से मिले? आप आस्तिक हों या नास्तिक या जो भी आस्था हो 1 अद्वैत या शून्य का जाप कसरत से करे । 2 म्रत्यु को हमेशा वर्णन किया करें ( यह माया से दूर रखेगी यही मुक्ति है) मोक्ष के लिए क्या करें 1 माया के उल्ट सफर पर जाना है उसकी तलब पक्की नियत से करें 2 नेक अमल मंजिल पर पहुंचाने में सहायक होते हैं 3 विश्वाश रखे। ( यह देहत्याग के बाद की यात्रा है) इसे मोक्ष कहते हैं ( अब आप जहां होंगे वह अवर्णनीय है )
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये। "Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये। जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये। "Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये। जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
यहा हम मनुष्य शरीर हि मोक्ष का द्वार है.-तो कर्म के अनुसार जिवन मिली है..धरती बनी है..सृष्टि का आधार- जीवाणु से लेकर ईन्सान सभी है.कोई अलग नही है....तो हमे-सेवा-दिन-दूखियो,जानवरो,और बुराईयो को उखाड फेकने,सत्कर्म करते हुये -जिवन-मरन कि बन्धनो से मोक्ष पाने के लिए मिला है..🙏🙏।।
बहुत ही अच्छा आपने समझाया । इसे ही कहते हैं संत-महात्मा की तरह समझाना, जिससे कि सब यथार्थ तरह से समझ सकें।
भगवान आपके सभी मनोरथ सफल करें।
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे
हरेकृष्ण
आपका हर प्रयास अति सराहनीय और उत्तम होता है, बहुत-बहुत धन्यवाद शास्त्र ज्ञान प्रदान करने के लिए ।हरे कृष्णा
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।।
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा
शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये।
"Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये।
जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
आपका चैनल बहुत बढ़िया है आप श्रीमद्भागवत गीता के गूढ़ रहस्यों को समस्त मानव जाति पर उपकार कर रहे हैं अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप का नया वीडियो हमारे मोबाइल पर जल्द से जल्द आए आपका ज्ञान सुनकर हमको बहुत शांति मिली धन्यवाद
Bohooot badhiya gyaan ki batein batayi aapne.
Apko mera pranam.
Jai Shreeee Ram.
Aapke shree charano mera sat sat naman
Atyant shandaar gyanvardhak jaankari
मन की इच्छा ही सुख -दुःख का कारण है।
मन ही बन्धन और मन ही मोक्ष का कारण है।।
ॐ श्री सतगुरु चरणकमलभ्ययो नमः।।
मन से ही भक्ति होती।
MOKSHA Prrapt hua kaise pta chlta hai jab Marne k baad bhagwan Mokssh dene Wala hai
@@jalhejeevan9449 no
Dost aap kaha se ho
मोह का क्षय ही मोक्ष है ।
श्रीमान आपका कार्य सराहनीय है। धन्यवाद ।
Ye hai bus asli baat
Bro jnm bhi to bhgwan nai diya hai.. to maya mai fasane vala bhi vahi hai.. ab ye btao jb hmara phla jnm hua tha.. tb hm panp rahit the.. aur bhgwan nai hme yaha jnm diya.. kaam dev ko bhgwan nai banaya taki hm usme fase.. to sara trap hai bhgwan ka hai.. hm aam insan kya kr skte hai.😞
@@The_NoOne bhagwan ne apna aehsas karne ke liye maya ko banaya. Tum(Ace) koi nahi hai tumhe bhram hai ki tum ho matlab ace hai Ace koi nahi hai Ace ko toh maya ne matlab mastishka ne banya hai. Koi hai toh bus chaitnya hai shudh Chaitanya. Aur kuch bhi nahi hai
इस वीडियो में आपने उन प्रश्नों के उत्तर दिए जिन्हें मैं बहुत लंबे समय से खोज रहा था आपका बहुत बहुत धन्यवाद भगवान आपका कल्याण करें।
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।।
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा
शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये।
"Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये।
जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।।
Om🙏🙏?O🙏 ji.ati uttam ati sundar.jai ho.koti koti naman aapko.🙏🙏🙏👌👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
ॐ नमः शिवाय।Bhut badia laga video.dhanyvaad
apne is video me jo dikhaya hai wo hi moksha hai.it is very ture and pure .is baat ko jo hirday yane jo dil se schota hai .use vaikti ko hi samjha me aaye gi aap dhanyvad bhai
मनुष्य का जन्म ही मोक्ष पाने के लिए हुआ है यही सत्य है बाकी सब असत्य है।
Kese milta hai bhi moksh
@@prashantkatariya2070 Bhagwat Gita mein likha hain
bilkul right sir😊😊😊
@@prashantkatariya2070 read shree mad bhagwat geeta
@@nandanichhatraliya4697 hn ji abhi 3 chapter me pata chala hai. कर्मयोग Karne se moksha ka marg bhot saral hojata hai🙏💓
9 lakh log iske bare me soch rahe hai bahut hi Adbhut hai.
बहुत सुन्दर रूप से बताया, अनेकों video देखने के पश्चात ये सही ज्ञान है।
धन्यवाद।
।।हर हर महादेव।।
Bhai sahab isme sahi kya hay kya pata chala moksh ke baare me ye bhai sahab baat karte hay vedo ki oor reference dete hay upnishad ka ved ye god gifted gyaan hay upnishad kisi ak ka apna mat hay oor gitaji charo vedo ka saar hay to sahi praman kaha milega Moksh yane jaman oor mruryu se chutkara jisme sadhak sadake liye parmatma ke us lok me jata hay jahase fir is sansar me vapas nahi aata vo hay maksh
Pavan Salame जी कुछ बात तो आप सही कह रहे हैं। जो आप भक्ति करके लोक में जाने की बात करते हो वहाँ मुक्ति और मोक्ष नहीं है। आप AKAH ANAM Chanal Dekhen
खुद को जानना ही मोक्ष है ।
lol...aadhar card dekh lo....khud ko jaan jaao ge... :D
@@rajspec
हाड़ , मास के शरिर को ही
खुद ( मैं ) मान रहे हो ,
कितनी बेवकूफी है...मूढ़ता है.... ॐ
@@रामॐ पहले परमात्मा को जानो उसके बाद जानने लायक कुछ नही रहेगा। आत्म ज्ञान से बड़ा परमात्म ज्ञान है।
@@rajspecजैसे हवा और वायु एक ही चीज के दो नाम है , ऐसे ही आत्मा और परमात्मा एक ही चीज के दो नाम है । घट और मठ का आकाश एक ही है , शरिर और ब्रह्मांड को सत्ता - स्फूर्ति देनेवाली आत्मा एक ही है , आत्मा को पहचान (जान ) लोगे , तो परमात्मा को भी पहचान लोगे , शरिर , मन , बुद्धि , हृदय को जाननेवाला ही आत्मा , परमात्मा , भगवान , ब्रह्म है । ॐ ॐ ॐ
Bahot satik paddhati se moksh samzaya apane, runi hu mai apaka! jay Shri Krishna
मनुष्य अनेक कामनाओं के बन्धन में उल्झा
रहता हैं इसी का नाम दुःख क्लेश हैं
जिससे मनुष्य आवागन चक्कर में पड़ा रहता हैं । बहुत सुन्दर आपकी वाणी
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।🌹🌷🚩🙏
ये मंत्र कहां से है
धन्यवादः
मोक्ष अनुभव का विषय है ... शब्दों की सीमा के उस पार....
06/10/19 MUMBAI.
BASANTJI YOU ARE ABSOLUTELY RIGHT. THANKS.
Nahi bhai sahab moksh anubhav ka nahi paane ka vishay hay iske liye sahi bhakti ki jarurat hay janam oor mrutyu se chutkara yaane mokah
Sahi Kahan Aapne. Sab se pehle shuruvaat mein hum sab aatma Moksh mein thhe. Koi bhi karm Nahi tha. Kyun ki koi duniya banni Nahi thi. Lekin humara mann chanchal hai. Usse Moksh bhi permanent Nahi Chahiye. Usne Parmatma se Maya maangi. Aur Parmatma ne Maya banayi..
Man is subject to sorrow. The ultimate goal of human life is to transcend the planes of sorrow and reach and realise the Absolute: All Joy! We are not free beings, we are chained by our desires and these desires breed pain and pleasure. We undergo binary experiences: pleasure and pain,loss and gain, victory and defeat, life and death. Buddha says, every experience finally turns out to be nothing but sorrow. The solution is: Nirvana, extinction of the self. Taking births and dying again and again is finally futile. Let's liberate ourselves:This is what Acharya Shankar has preached us. This theme is really nice.
With my best wishes to you
GoD bless you
🙏
Nice Motivation Sir
ओम नमो भगवते वासु देवाय नमः 👏
Very nice mock gitej hi miltahai
क्या पता क्या है.. हमलोग कर्म करते हैं
बाकी जाने राम जी
जय जय श्री राम 🙏🙏🌹🌹
@Aditya Patro L
Re
@Aditya Patro L
सही कहा है आपने
The best way to attain Mukti or moksha is to fall fighting for the motherland. This is purushartha
Wrong...shaheed or martyrs get non permanent mukti.....they get swarg for some time then they also come in 84 lakh yoni.
@@rajspec wrong mother land martyred never get birth gain they attain moksha
@@rajspec Please DO Elaborate and Don't say Shaheed , Kindly say VEERGATI ko Prapt hona ..
RADHERADHEJAISHREESHYAM Madhur Arthpoorn Bhaav Dhnywaad Bhai
🙏 आपका यह वीडियो तो हमें अत्यंत प्रिय है लगा 🙏
ईश्वर आपकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूरी करें
श्रीमान अतिउत्तम पुरुषार्थ भरे वीडियो बनाने के लिए दिल की गहराईयों से आभार🙏🙏🙏
Brilliant information, great work
Your vedios are always precise. Jai Shri Krishna 🕉🕉
Jai shri Krishna bhaiya.
Satsang bhi suniyega aap ,s
"Shri hit radha kripa" par jaakar , utyube par
मनुष्य को सात्विक भाव से कर्म करना चाहिए फल की इच्छा स्वभाविक है लेकिन फलों में लिप्सा नहीं करनी चाहिए इस प्रकार अगर मनुष्य सुख दुख मान अपमान में समभाव रखता हुआ भगवत भक्ति में लीन रहता है तथा साथ ही संतुलित रहते हुए अलौकिक लौकिक तथा पारलौकिक कर्म करता है तो उसे आधिदैविक, आधि भौतिक तथा आध्यात्मिक तीनों प्रकार के शाश्वत आनंद प्राप्त हो जाते हैं इसी का नाम मोक्ष है जो नित्य रहता है सुख दुख के साथ रहते हुए भी उनसे लिप्त नहीं होता ! अति सुंदर वीडियो!!
06/10/19 MUMBAI.
BHARAT JOSHI:- VERY NICE REPLY. THANKS.
🙏
बहुत अच्छी विडिओ हे सरलता पूर्वक आपणे इन दोनहो के बीच का अंतर समझाया, इससे आदी शंकराचार्य लिखित कुछ पंक्तीया याद आई।
बालस्तावत् क्रीडासक्तः,
तरुणस्तावत् तरुणीसक्तः।
वृद्धस्तावच्चिन्तासक्तः,
परे ब्रह्मणि कोऽपि न सक्तः॥
भज गोविन्दं भज गोविन्दं,
गोविन्दं भज मूढ़मते।
माया और मोह के बीच फंसे हम भूल जातें हे परब्रह्म सच्चीदानंद परमात्मा को।
Sir sanskrit padne se koi bhagwan nhi banta ye gyan 90 % logon ko ander se kamjor karta h isliye vikash nhi kar pate
@@rumakumari2959 matlab, mujhe sanskrit bolni nahi ati thodi padh leta hun. Agar uska translation english hindi ya marathi mei ho toh samaj ati hei.
@@rumakumari2959 Kisne kaha ki sanskrit se manav vikas nahin kar sakta . Kitni murkh ho tum🐷🐷🐷🐷
Sanskrit mein Jo Likha hai uska Hindi kaun bataega
Sanskrit mein Jo Likha hai uska answer kaun bataega
जीवन मुक्त सोए मुक्ता मर गया कहां मुक्ति हो है बहुत ही सुंदर सत्य ज्ञान शुद्ध ज्ञान है है अच्छा लगा इसी जन्म में अगर परमात्मा को देख नहीं सकता इंसान तो मोक्ष भी नहीं है शांति भी नहीं है आनंद भी नहीं इसलिए कहा है जीवन मुक्ता सोए मुक्ता मर्के कहां मुक्ति होय
Very good jai Swaminarayan
सर्व कामनाओं से मुक्त हो जाना ही मोक्ष है।
परमात्मा को पाने की इच्छा भी बंधन का कारण है
Aap AKAH ANAM Chanal Dekhen
👍👍👍👍
जय श्री राधे श्याम 💕 जय श्री राधे कृष्णा
मोक्ष के बारे में राजीव दीक्षित जी ने सबसे अच्छा बताया है
अत्यंत आनंद दायक 🙏🌹
Thanks for the video informative video we need to understand this stuffs
Bahut badiya jankari di hai apne. Thank you.
Jai Swami narayan 🙏
Jai Shree Krishna!
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।।
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा
शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये।
"Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये।
जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।।
बहुत पसंद हुआ जी
ओम नमः शिवाय
Please visit "shri hit radha kripa"(youtube) to get all knowledge about this.
Budda mantra is End of Suffering is freedom - joy -peace.
Radhe Radhe.Hare Krishna .🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्रीकृष्ण परब्रह्म परमेश्वर भगवान कि जय हो
जय हो मेरा राम की मेरा श्री कृष्ण की जय माता जी राम राम जी राधे राधे बोल
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।।
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा
शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये।
"Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये।
जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।।
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा
शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये।
"Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये।
जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
सही ज्ञान जीवित रहते मोक्ष मिलता है अर्थ काम मोक्ष तीन आवस्था है श्री हरि अतिरिक्ति न कोई स्नेह करता न प्रेम सब स्वार्थ बंधन है खोने पाने इच्छ से मुक्ति दुःख से मुक्ति है जय श्री हरि
Vk Dada Ji. Aap. AKAH ANAM Chanal Dekhen
तृष्णा ही आवागमन कारण है।
शिवे भक्तिः, शिवे भक्तिः, शिवे भक्तिः भवे-भवे,
अन्यथा शरणं नास्ति, त्वमेव शरणं मम।
हाई मेरे बोले की दिवानी आत्मा ॐ नमः शिवाय🙏
इसका हिन्दी में क्या अर्थ हैं कृपया बताते 7088869558 wtsapp🙂
@Saravan Rajpurohit ji S.Rajpurohit ap khub sundar niam se:- Mukti ar Moksh btadia.muje samaj ne me deri nahi hua.mera naman siker kigia.ar is ghyan gang hamesha dete rahia.
Meaning?
@@ashishshuklaa9619 Om Namah bhagawate vasudevya 🙏
अति सुन्दर ग्यान से परिपूर्ण समाज के कल्याण के लिए उपयोगी
Bhai wah Kya baat h.।।। आपका अभिनंदन
Is anmol jankari ke liye dhnyawaad😌
This is a v UNDERRATED CHANNEL !
I wish it reach everyone's heart!
Sach me bohot sare sanshay dur krti hai aap ka gyan .
मन की इच्छा ही सुख -दुःख का कारण है।
मन ही बन्धन और मन ही मोक्ष का कारण है।।
Durga Gurung Ji. Aap AKAH ANAM Chanal Dekhen
Bahut achcha video tha but Kisne moksh prapt kiya,iski guarantee koi nahi De sakta. But explanation mere hissab se perfect tha👍👌
It is so nice to know all these things, though we know it but we forget so I must listen to it repeatedly to make me aware all the time.
Thank you respected sir
PRANAM
Please visit "shri hit radha kripa" , and listen to satsang.
The aim of this human form of life is bhagwadprapti ,( moksh).
Yeshu Masih Ne Kaha द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा ||
यूहन्ना 10:9
Radhe Radhe 🕉️🕉️🕉️🏹🏹🏹🚩🚩🚩
Bahut sundar. Aisa explanation ki talash Mein aatma bhatak rahi thi. Brahm gyan hai yah.
समस्त इच्छाओं का समाप्त होना ही मोक्ष है जब दुखो में भी सुख का अनुभव होने लगता है तो व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है
Vaah! Bhai sahab kya baat kahi pet me tej dard ho oor aap khushi se naach rahe ho kya ye possible hay bilkul nahi ye to murkho ke laks han hay pahle pet dard ki goli khavo pet dard khatam ho tabhi jaake aadmi thikse khada bhi ho paaye ye jo bhai sahab ne moksh ke baare me bataya ye purn saty bilkul nahi sidhi baat hay janm oor mrutyu se chutkara yaane moksh
साहब जी। जब दुखों में भी सुख का अनुभव होने लगता है। तो उसे मुक्ति कहते हैं। मोक्ष तो मृत्यु के बाद मिलता है।
@@prateeksingh9681 Sahi kaha moksh to mrutyu ke baad milta hay par ye theary ki dukhomebhi sukh ka anubhav karna ye murkho ke lakshan hay bhai sahab batane ke liye ye baat thik hay oor sunne me bhi acchi lagti hay par jab pet me tej dard ho to pet dard ki goli khaoge ya khusise nachne lagoge
सर दुख मे सूख का अनुभव कैसे कर सकते है मानो किसी का सिर फूट रहा है और आप उसे कहो सूख का अनुभव कर ऐसा कैसे हो सकता है।
Tumahara pahala stmt.saheen hai, dusara stmt. Galat hai. Jab kisiko bahot mental stress hon to woh sukh kaise feel karein, icchaon ke saath dukha kaa samapt hona moksha hai, dukhon mein kabhi sukh naheen milata
Dhyanyawaad, saralta se apnebahut acche se samjaya hai moksha kya hai, Jai shri Ram 🙏🕉️🙏🕉️🙏🕉️
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।।
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा
शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये।
"Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये।
जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
Very well said. Short simple & excellent Expression
बहुत सुंदर । कोटि-कोटि धन्यवाद ।
मोक्ष पाने का दुःख ही कारण है।मनुष्य को दुःख से उबकर मोक्ष पाणे की चाहत जागृत हो जाती है। लेकीन चाहत जब तक है तब तक मोक्ष भी नहीं है। यदी कोही मोक्ष की चाहत रखकर तप करता है तो यह व्यर्थ है।
जिसकी कोही चाहत ही नहीं बची वह आपोआप मोक्ष को उपलब्ध हो जाता है।
Dwait Astroguru Ji Aap Sahi Kaha Rahe Han Please Aap AKAH ANAM Chanal Dekhen.
जन्म मरण से मुक्त होना ही, परम सुख है
Moksh paane ki icha ho to ye bhagwan se he to mangege na
Very very best spice
*Sab humare mind ka khel hai. We should work on cleaning all the petals of our chakras to move into higher dimensions. If we do it pwrfectly and completely then we can merge with the creator finally.* 🙂🙏🏻
एही कलिकाल ना साधन दूजा, योग यज्ञ जप तप व्रत पूजा।।
For kalyug , the yogic process are not for kalyug.
Only by chanting lords name , one can attain everlasting happiness.
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा।।
Visit "shri hit radha kripa" for satsang.
बहुत बहुत धन्यवाद ❤️🙏 आपके इस उपकार के लिए । जो आपने ये वीडियो बनाया
🌹🌹Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare 🌹🌹 Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare 🌹🌹
Har Har mahadev🙏🙏🙏🙏🙏💫
Om Namah shivaya🙏🙏🙏🙏🙏💫
Extremely motivating👃
Jai Shree Krishna 🙏 Jai Mata Di 🙏 Om namah Shivay 🙏Thank you for guidance😊😊
Hare Krsna Hare Krsna Krsna Krsna Hare Hare
Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare
Radhe Radhe😊🙏❤
Same DP😂😀
@@bhavyajain336 yeah a fellow db fan😁✌🔥
@@d.wonrei 😁😁
Satguru covers and loves all
मोक्ष जन्म मरण से छुटकारा,हम जहां से आए थे अपनी ग़लती से फिर वही चले जाएंगे तो मोक्ष जहां ना मृत्यु ना बुढ़ापा ना किसी चीज़ का अभाव।।।
Bilkul Saurav Ji , 👍
आप सभी पुण्य आत्माओं से निवेदन है कि मोक्ष को समझना हो तो साधना टीवी पर शाम 7 :30 pm में सत्संग सुने
पूरे विश्व में इनसे सटीक ग्यान कही नहीं मिलेगा.
Aap Bhi AKAH ANAM Chanal Dekhen
Beautiful philosophy. Thanks for posting this video. Highly informative.
SUNDER EXPLANATION
JAi Shree Ram 🙏❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
JAi Shree Ram 🙏❤️🔥
JAi Shree Ram 🙏❤️🔥❤️
This is the essence of Hinduism,Jainism and Buddhism.All the four religions of India were one at a time
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। अहं त्वाम सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः।।🌷🌹🚩🙏
अत्यंत सुंदर गुरुजी 🙏🙏🙏
Radhe Radhe🙏🙏
Thank you 👍.
सर जी, बहुत ही सुंदर.
सर , बंधन अर्थात त्रिदोष, त्रिकर्म, पंचकलेश, पंचकोश, आदि क्या है और जितने भी बंधन है इस पर वीडियो बनाकर विस्तार से समझाइये। हरे कृष्णा🙏
कलयुग केवल नाम अधारा,सुमिर सुमिर नर उतरेहू भव पारा , नाम कोन सा, वरणातम्क. नही धुनऑतमक होता हे ऑतमा जब शबद धुन पकड लेती हे तब भव पार होती हे,,,,, अब िनयम बदल ग़या , संतो ने लिखा. कलयुग योग यगय ऩा गियाना,एक आधार. नाम गुण गाना,,, गोसवामी जी पूरण संत थे. रामायण मे पुरण ऑतम गियान भरा हे
Spiritual thought is must for Mental Health
सद्यो मुक्ति और क्रम मुक्ति पर भी एक वीडियो बनाइए।🙏🙏
बहूत सुंदर आप ने बताये है मुक्ति और मोक्ष को ।धन्यवाद
मुकति मोछ का मतलब संसार मे. आतमा, जीव का आवागमन,,यानि जनम मरण के चकर से बाहर होना ही मुकित हे ा आतमा पर चडे चार गिलाफ ़या नि कपडे. ईसथूल शरीर,लिग शरीर,सूछम शरीर, कारण शरीर जब चारो कपडे उतर जायेगे ,पार बहरम ईसथान पर मान सरोवर तालाब मे ईसनान करेने पर सभी गिलाफ उतर जायेगे आतमा गुणातीत, यािन करम रहीत हो जायेगी तभी मुकती पद को परापत होगी ा जय गुरू देव ंा
He set me free but now i got to go to the work of my lord ,,, jai shree ram🎇✨🎆
Radheji Maire Radheji Maire Radheji Maire Radheji Maire Radheji Maire Radheji Maire Radheji. Koti Koti Pranam Bagwanji Aap kai Charno Mai 🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
HAR HAR MAHADEV. JAY SHREE MAHAKAL. OM NAMAH SHIVAY. OM SHANTI.
Bahut sundar man khush ho gaya🙏
Jai Shri Krishna 🙏 .. thank u 4 sharing this knowledge
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।।
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा
शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये।
"Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये।
जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।।
बहुत सुंदर वर्णन।।
पहले तो ये बताये हम कोन है यहा क्यों आये मूल स्थान कहा है धरती बनाने का क्या उद्देश्य है
बहुत महत्त्वपूर्ण प्रश्न हैं सब
पांच तत्व + नफs ( lower self/ego/negative force)+ un known energy (आत्मा)=इंसान
पांच तत्व (पुतला) इस से man/ mind उत्पन्न होता है और negative force से समस्त बुराइयाँ उत्पन्न होती हैं। यह force मन को वश में कर लेता है और माया (दुनियां) का दास बना देता है। यही कारण है दुखों का।
छुटकारा के से मिले?
आप आस्तिक हों या नास्तिक या जो भी आस्था हो
1 अद्वैत या शून्य का जाप कसरत से करे ।
2 म्रत्यु को हमेशा वर्णन किया करें
( यह माया से दूर रखेगी यही मुक्ति है)
मोक्ष के लिए क्या करें
1 माया के उल्ट सफर पर जाना है उसकी तलब पक्की नियत से करें
2 नेक अमल मंजिल पर पहुंचाने में सहायक होते हैं
3 विश्वाश रखे। ( यह देहत्याग के बाद की यात्रा है) इसे मोक्ष कहते हैं
( अब आप जहां होंगे वह अवर्णनीय है
)
@@IrfanAli-db6kb are bhai sahi me aap muslim hai ? Ya mera swapna dekh raha hi mai 😊😊😊👍
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।।
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा
शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये।
"Shri hit radha kripa" यूट्यूब पर जाईये।
जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
एही कलिकाल ना साधन दूजा , योग जप तल व्रत पूजा।।
कलयुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहीं पारा
शरणागति से सबकुछ अत्यन्त सरल है,कलयुग मै सबकुछ अत्यन्त सरल है , बस सही सत्संग सुनने लगिये।
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जै श्री राधे शयाम । जय श्री सीता राम।
यहा हम मनुष्य शरीर हि मोक्ष का द्वार है.-तो कर्म के अनुसार जिवन मिली है..धरती बनी है..सृष्टि का आधार- जीवाणु से लेकर ईन्सान सभी है.कोई अलग नही है....तो हमे-सेवा-दिन-दूखियो,जानवरो,और बुराईयो को उखाड फेकने,सत्कर्म करते हुये -जिवन-मरन कि बन्धनो से मोक्ष पाने के लिए मिला है..🙏🙏।।
साधु साधु साधु 🙏🙏
Most Motivational Video !
Keep it up !
Beyond the End !
Omshanti. Jay Krishna!
Ati saty , very true
बहुत बढ़िया समझा या है आप ने धन्यवाद 🙏🙏
कोटि कोटि प्रणाम कोटि कोटि नमन जय हो प्रभु श्री हरि नारायण, आपको भी बहुत बहुत धन्यवाद