हमारा शरीर पांच तत्वों से बना हुआ है और हमारा दिमाग उन्हीं पंच तत्वों को जानता और समझता है जिनसे वह बना हुआ है वह तत्व है पृथ्वी अग्नि जल वायु और आकाश लेकिन इनसे भी अलग एक तत्व है जो अव्यक्त है यह पांचों तत्व और चेतन आत्मा उसी अव्यक्त तत्वों द्वारा बने हुए हैं जिसे परम तत्व अर्थात् परमात्मा कहा जाता है वह निर्गुण निराकार होते हुए भी सभी गुणों को भागने वाला है प्रत्येक जीव में चेतन आत्मा के रूप में वहीं मौजूद है उसके निकलते ही दिमाग और पंचतत्व सब बेकार हो जाते हैं उसी परम चेतना को जानना ही मनुष्य का उद्देश्य है इस ब्रह्मांड में वही सब कुछ है उन परमात्मा को मेरा प्रणाम स्वीकार हो
मुझे इस बात का पूरा विश्वास हैं....और मैं अनुभव भी करता हूं कि....इस समस्त एवं अनंत ब्रह्माण्ड को नियंत्रित करने वाला और सब की गतिविधियों पर नज़र रखने वाला कोई न कोई कहीं न कहीं जरूर हैं....। जिसे मैं...."ईश्वर" कहता हूं....।🔱🌹🌷⚜️🙏
Aaj se 1400 sal pehle likha hai quraan me Insaan ko Achchhai karne ke liye bheja hai dunya me our Insaan is dunya se nhi kisi our dunya se bheja hai or Rab ne Insaan ka pehle chitr banaya our uske baad uska dimagh dala jske baad Rooh rooh ek noor tha uska koi shareer nhi tha rooh ko shareer me dala Bahut badi history he jo me typing me nhi likh sakta mafi chahte hain Our ha sitaron ke bhi umar hote hain ek rasta hai jo bahut black hai jis ka rasta bahut barik bal se bhi zeyada our talwar se zeyada dhar Us ke dono side aag he Agar ilm rakhte ho to rab tak ja sakte ho but aap ka mitti ka shareer nhi ja sakta only aap ki rooh ja sakti hai Our yeh channel best channel he really history bata rhe hain
जीवन का कोई निश्चित अर्थ नहीं है तो इतना बड़ा अंतरिक्ष कायनात आकाश का कोई मायने नहीं है क्या इस अर्थ को बताने के लिए इस दुनिया के बनाने वाला एक है और उसका कोई साथ ही नहीं उसने इस अर्थ को बताने के लिए हर जमाने में अपने दूत रिप्रेजेंटेटिव और आसमानी किताब भेजा है हमें उसे तलाश करना चाहिए
@@groomermedia007 अंतरिक्ष जीवन नहीं है, कायनात जीवन नहीं है, आकाश जीवन नहीं है। हर मनुष्य जो जन्म से लेकर मृत्यु तक का सफर तय करता है वो जीवन है। मैं जिसे वास्तविकता समझता हूँ, वो तुम्हें भ्रम लग सकता है और तुम जिसे वास्तविकता समझते हो वो मुझे भ्रम लग सकता है। सभी मनुष्य अपने माहौल और परिस्थिति का सामना करके ही चीज़ों को सही-गलत और वास्तविकता-भ्रम का नाम देते हैं। इसलिए ये ज़रूरी नहीं है कि तुम मुझे गलत समझो और न ही मैं तुम्हें गलत समझूँ। तुम जिस चीज़ में दृढ़ विश्वास करते हो वही तुम्हें जीने के लिये वजह और मानसिक ऊर्जा देता है। अपने जीवन को जियो अगर तुम किसी चीज़ में विश्वास करते हो तो उस पर विश्वास करो। तुम किसी को ढूंढना चाहते हो तो उसे ढूंढो। तुम जानने और विश्वास करने के लिए स्वतंत्र हो।
@@kartikbaraik6705 इसका मतलब सही या गलत सब बराबर है दूध और पेशाब मैं कोई अंतर नहीं सही सही है या गलत गलत है यह मनुष्य का नहीं बल्कि प्रकृति का कानून जो प्रकृति को बनाने वाला है
वेदो (वेद ) मे लिखा है ईश्वर निराकार है उन्हें कोई भी देख नहीं सकता है और वो हर जगह मौजूद है ईश्वर हर जगह है यह सब (india ) भारत के हिन्दू धर्म के वेद मे लिखा है जो किताब gogle के हिसाब से 5000 हजार साल से 10000 साल पुरानी किताब वेद मे लिखा है मुझे ख़ुशी है की विज्ञानं ने ईश्वर को ढूढ़ने की कोशिश की है......
जिस प्रकार हमारे पेट के अंदर मौजूद बैक्टीरिया को नही पता की उसी क्या भूमिका है , मगर हमे पता है की उसकी कितनी महत्व पूर्ण भूमिका है । ठीक उसी प्रकार ब्रम्हांड में हमारी क्या भूमिका है ओ हमे नही पता ।
agar aap apne mn ko shaant krke dyaan krenge to apko ek alag aanand milega or aap ki sochne or dekhne ka najriya bdal jayega aapko ye duniya bilkup spast(clear) dikhayi degi
ये ब्रह्मांड एक विशाल गुब्बारे जैसा है जिसके अंदर पूरी सृष्टि समाई है इसका ना कोई ओर है ना छोर सब कुछ जो भी हम अपनी खुली आंखों से या बंद आंखों से देखते है जीवन का सृजन आनंद संयुक्त है जो इसे समझा उसने इस जीवन को खुशी खुशी जिया और जिसने नही समझा वह बस भटकता रहा... यह सब कुछ जो अनंत काल से चल रहा है उसकी बागडोर उस सच्चिदानंद स्वरुप ईश्वर शिव ओंकार के हाथों में है जिसे कोई परमात्मा कहता है तो कोई किसी और नाम से बुलाता है पर शक्ति सिर्फ एक ही है और वो है ॐ नमः शिवाय 🕉️🙏
चेतना ही आत्मा है शरीर शून्य है शरीर के नष्ट होने पर चेतना भी शून्य हो जाती है। जेसे करंट और बलव ।असल में चेतना भी करंट के समान ही है उसे न तो छू सकते हैं ना ही देख सकते है केवल महसूस कर सकते हैं। और ये ऊर्जा ब्रह्रमाड में मौजूद है।
Hmari moh maya hi hmara jeevan deta hai..jab tak mohh maya nhi chodoge tab tak tumhe exam dete rahna hoga...dukh dard peeda ye sb moh maya se milte hai..jab tak tum kisi moh maya me fase rahoge uske adhar par tumhe ye bharmand jeevn dega... iss chakrr se bahar nikalne ka ek tarika hai ..insaan ka jeevan ..insaan ka hi ek asa jeevan hai jo sb kuch samjta hai wo insaan ke jeevan mehi rahte huye is chakrr se bahar nikal sakta hai... kahi hjarr janm lene ke baad ek insaan ka jeewan milta hai.. har bar ⏲ compas dekhte hai bharmand tumko isara deta hai North ki tarf jao savaal ke jvaab milenge 🏔 kelash parvat ❤
@@DETHEPRAKASH udaysha vhi hai jo ved grantho me likha ki hum jaisa paida hote hai bhole bhale fir dhire dhire is sansaar ki moh maya me faste chale jate hai .. jab sansaar se jaaye us bhole bache ki tarah jaye .. jise duniya dari se kuch nhi Lena ... Sansar me bani maya ka enjoy kro ... Pr .. usse kabhi judna nhi
तो हमारा जीवन भी एक रहस्या है। 🧐 वो क्या है जो शरीर को चला रही है । इस वीडियो से बहुत प्रश्न मेरे मन में आ रहें हैं, उनके उत्तर कहाँ मिलेंगे।😮 बहुत सुन्दर video है।🙏
Mayajal lag raha hai sab kya hum hi bhagwan hai kya 🤣🤣🤣 kya humne prthvi aur brahmand banaya par hamre sharir ke bare mein hume hi pata nahi kya hume elien ne banaya ya bhagwan jo dikhta hi nahi sab janwaro ka alg hi shrsti hai hum .brahmand ke ant mein kya hai kya hum janwaro ki tarha hai kya hum kitanobki tarha jo kisi ke jivan ka gabha hai ya phir kisike tatti pe hai🤣🤣
मैं कुछ महीनों से physics chemistry और biology पढ़ रहा हूँ... और मेरे मन ये कई बार ये ख्याल आता है कि जिस प्रकार ब्रह्मांड का कोई सीमा नहीं है और उसी प्रकार हम परमाणु के जीतने छोटे से छोटे कण तक जा रहें हैं यह और भी जटिल होता जा रहा हैं .... मतलब बड़े से बड़े और छोटे से छोटे वस्तु का अंत या सीमा जानना असंभव है... इसे विचार करने पर की इसकी सीमा कहा समाप्त होगी... मस्तिष्क की सीमाओं का उल्लंघन हो जाता है....
@@sujeetsaravade2892 pehli baat to chinti ka brain human jaisa nhi h jo vo tumhe kuch manegi . Bhai usko brain chotta hota h . Itni smajh nhi hoti usme .
इंसान का दिमाग़ उसके कार्य करने के तरीके को जातिलता देता है ये बहुत ही सरल है जिस तरह सामने पड़ी चीज आपको सबसे बेहतर स्वाद दे सकता ओरन्तु आप बस सोचते रह जाये की वाह कैसा है जबतक आओ उससे खाकर जीभ ओर ना ले, तो जीवन का उद्देश्य उसके नाम मैं ही है, जीवन का उदेश्यय है उदेश्य हीन स्वतंत्र बस सिर्फ केवल जीवन को जीना अच्छाई के साथ बुराई नकार कर
जीवन भ्रम है उनके लिए जो आज बोहोत ख़ुश हैं और सोचते हैं सब अच्छा है और हमेशा ही एस रहेगा, जो कुछ भी उनके पास है वो उन्ही की वजह से है! और जीवन सच्चाई है उनके लिए जो आज बोहोत परेशान है, और सोचते हैं कब अच्छा होगा, सब कुछ इतना बुरा क्यूँ है! अब अन्तर उन लोगों को खोजना है जो भ्रम को सच और सच्चाई को झूट मानते हैं! क्यूँकि दोनो में कुछ भी अंतर नहीं है! जो व्यक्ति केवल ज़िंदगी जी रहा है उसे भ्रम या सच्चाई में कोई अंतर नहीं दिखेगा ओर वो जो भी महसूस करेगा उसके सन्तुष्टि का अनुभव मिलेगा!
Buddh andhkar ke sivay kuch nahi sirf bible Me jeevan ke sahi uddeshya ko bataya gaya hai baki gagah bhatkav our andhkar ke sivay kuch nahi agar jhut keh raha hu to sabhi dharmik granth ka addhyan kar ke dekh lijiye such aapko pata chal jayega
@@shivamaquaservices3118 aap mujhe itna bata dijiye jeevan ka sahi uddashya kya hai aapke visvas ke anushar uttar bhale hi bada ho lekin mai janna chahata hu
देखने का सुख, सुनने का सुख,कहने का सुख,जानने का सुख,सोचने का सुख,सपनो का सुख,हंसने रोने का भाव,जीने मरने का भाव,ईश्वर धर्मों का प्रभाव,सभ्यता संस्कृति समाज का उद्भव,कुछ न करने का भाव, विज्ञान तकनीक का फैलाव चेतना का जुड़ाव ये सभी जीवन के विविध आयाम है।इनसे परे भी शून्यता का फैलाव है।
जीवन का उद्देश्य है कि हम जीवन की घटनाओं से सीखें l हम कुछ पाठ सीखने आए हैं जैसे प्रेम का पाठ, सहभागिता का पाठ, स्वीकार भाव का पाठ, धैर्य का पाठ और शौर्य का पाठ, शिकायत भाव से मुक्त होकर धन्यवाद भाव में जीने का पाठ.....ज्यादा जानकारी के लिए डॉ माइकल न्यूटन को पढ़िए. .
उद्देश्य का अनुसंधान एक अंतहीन जिज्ञासा है! शाश्वत.. अंतहीन.. अज्ञेय.. अबूझ पहेली.. एक अंतहीन पिपासा... एक अंतहीन परंतु सार्थक यात्रा... चेतना की यात्रा... अंतिम परम सत्य और अर्थवत्ता की तलाश. . क्या इस तलाश का भी कोई उद्देश्य है? कहाँ है इसका स्रोत? कहाँ से निःसृत हो रही है उसकी प्रेरणा? या प्रकृति किसी अनियंत्रेय निरुद्देश्यता से संचालित हो रही एक शाश्वत निरंतरता है? यदि ऐसा है तो चैतन्य मानव मन की इच्छा शक्ति की दृष्ट स्वतंत्रता वस्तुतः दृष्टि- भ्रम ही है.. चेतना स्वयं ही अपने स्वरूप, गति और नियति का अनुसंधान करने और करते चले जाने को बाध्य है... अर्थात् चेतना की चैतन्यता भी यंत्रवत् गतिशील है.. यह गतिशीलता शाश्वत है .. स्वयंसंचालित.. स्वोद्देश्य.. गतिशीलता ही उद्देश्य है.. इसीलिए अपने आपमें ही यह सोद्देश्य भी है.. निरुद्देश्य भी!
Jab 2017 me 9 class me tha tab ye show raat ko 8 se 9 baje tak ata tha or bhi kai shows ate the jese cosmos stars trucks ye saare shows ne meri science ke prati curiosity kaafee badha di thi jiske karan me jadatar samay inhi sab cheezo me laga deta tha or jab me 10th ka board exam diya to mera 52% aae or mujhe Lena tha science par mere ghar waale mere sir sabhi ne science lene se mana kiya par me unki baat nahi mana or laafee paresani ke baad mene science le liya par abhi bhi me jada kuch khaas nhi kar paa Raha hu par future me agar kuch karna he to bas yehi karunga
जीवन का सही उद्देश्य हमे एक ही जगह से पता चल सकता है, और वो है हमारे अंदर कि अद्रुश शक्तीयो से, और इन शक्तियों का उपयोग वही मनुष्य कर सकता है जो अपने मन को हल करने मे सक्षम हो और उसके अंदर जल रही सोच, विचारों की आग को शांत कर पाए।खुदको कुछ समय के लिए अकेला करके, मन को शांत करके, आंखों को विशेष विराम देकर, अपने अंदर कि शक्तियों से मिलकर उनपर काबू करके अपने सारे सवालों के जवाब ढूंढ़ना। तबी वह इंसान अपने जीवन का उद्देश्य जान पायेंगा। लेकिन फिर भी ऐसा लगता है बहोत से संत, महात्माओंने अपने अंदर कि शक्तियों से जीवन का उद्देश्य जान लिया है और जान लिया था। इससे यह साबित होता है कि कोई जीवन का उद्देश्य जान भी ले पर बाकी कम अक्ल आनी जो अपने अंदर कि शक्तियों से ना मिला हो उन्हें बताया नहीं जा सकता और नहीं ये नियती उन्हें समजने देंगी। कहने को और भी है लेकिन फिर भी विराम लेता हूं।
इस सारी डॉक्यूमेंट्री को देखने सुनने के बाद केवल यही बात समझ में आती है कि जो व्यक्ति जितनी ना समझ में आने वाली बातें करेगा वह उतना ही बड़ा वैज्ञानिक माना जाएगा !!
@@gulmohammadansari4261 तुम लोग ज्ञान ना ही दें तो बहुत अहसान होगा ......मदरसा वेज्ञानिक खतना, मुतहा, हलाला, इसी की खोज में सदियों से लगे है पीढ़ी की पीढ़ी गुजर गई, लाखों मीट्रिक टन अनाज मांस खाकर गुड़ गोबर कर दिया ,आखिर मदरसछाप वैज्ञानिकों ने दुनिया का क्या भला किया है कयामत से कयामत तक........मुहब्बत, भाईचारा ये जुमले है, पूरी दुनिया तंग है इस मुहब्बत और भाईचारे से ।
Sachai kewal ek hai ki jindgi jeene layak honi chahiye sabki jindagi behtar honi chahiye wo chahe janvar ho ya insaan ya insaano ki koi bhi jaati ho ya nasl ho sabko ek jaisa avsar milna chahiye par ab namumkin hai arabo ki sankhya sabko ek jaisa avsar nahi mil sakta 🔥🔥
जीवन का उद्देश्य जरूरी नहीं जरूरी ये ये की हम ये सवाल क्यों पूछते है क्यों की हम उस यात्रा का हिस्सा है जो हमारी है ही नही यह यात्रा बिलकुल वैसी ही है जैसे कोई तूफान आया और शांत हो गया। जीवन एक असंतुलन है और मृत्यु उसे संतुलित कर देती है पानी में बुलबुला क्यों उठा? और उसका लक्ष्य क्या है?
जीवन का मतलब तो नही पता लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा के ,हमारा शरीर इस पृथ्वी या इन पंच तत्वों से मिलकर बना है इसलिए ये हमे इस प्रकृति के हिसाब से चलता है ,,लेकिन रियल में हम एक पेट्रोल जैसे है जो एक डेड इंजन में बिजली उत्पन्न कर देता है ,,लेकिन पेट्रोल भी तभी ठीक से वर्क करेगा जब इंजन सही अवस्था में हो ,,,,अगर इंजन खराब अवस्था में हो तो पेट्रोल चाहे कितनी अच्छी क्वालिटी का हो वो उसे चालू नही कर सकता और उसके अंदर बेकार पड़ा रहता है ,,,,,,,ठीक इसी प्रकार हमारा शरीर एक इंजन और आत्मा पेट्रोल जैसी है अगर शरीर ठीक से पूरे संपूर्ण तरीके से चलने लायक ना हो तो आत्मा नाम की एनर्जी उसे नही चला सकती आत्मा है ये तो हम जानते है लेकिन ये बनी कैसे और इसे बनाने वाला है कौन बस ये हम नहीं जानते के ये आत्मा बनी कैसे ?????
और ये उर्जा अहो या एनर्जी सदा होती है कही नहीं जाती पर क्या करे गाडी में यानी की हमारे शरीर में कुछ तांत्रिक बिघाड ना आये तब तक व्यवस्थित चलाती है और प्रकृती के नियम से समय आने पर अपने आप खत्म मी करती है.
हमेशा क्या था, क्या रहेगा ये , खुद को जानना यही मकसद है, बाकी विज्ञान अपनी मर्यादा तक ही रहे तो अच्छा रहेगा, और ये विज्ञान के बाहर कि बात है.तरिका दुसरा भी है बिना विनाश के भी हम जान सकते है..
To do good for existence of every one and everything,and leave something intelligent to everyone. My Pious Parents and families contribution is that we are living in 324 years in ascending Dwapar Yuga. 432,000 years is a miscalculated mahayuga (Kalpanic Kaliyuga by Tulsi Krit Ramayan 1631AD) ,Kaliyuga was for 2,400 years which ended in 1700AD and we are living in 324 years in ascending Dwapar Yuga (Bronze age), around in 600 years our Solar System will be in Aquarius ♒️ Constellations from present Pisces ♓️ Constellations. Brahminvad came from Eurasian Steppe, Mitanni, Medes, Hittitie, Hurrian, Assyrian, Yanmya Marauding Atrocious Mukh-Putra, Indra, Varuna, Mitra, Brahma Vishnu Mahesh and destroyed our Ancestors of Indus Valley Civilization, Brahma Vishnu Mahesh were Eurasian Steppe Foreigners. Jay Bheem Namo Buddhaye, Jay SAMVIDHAN, Bandagi Saheb.
Is video ko dekhne se pehle hi mai in bato ke pehle se samjh Pata hu or bhi bahut kuch mere damag me doudta rahta hai Mai in Kalpanao ya or bhi bato se age sochta hu is video ko dekh ke mujhe lagta hai ki Mai sahi raste pe ja raha hu
The life is an angle with multiple thoughts if there is no clear and colorfull perception of ALfa Theta and Gama waves then life seems to be as body without brain and same as flower without smell and body without astral Ray and soul without ETher and an earth without sky and in the an end of life nature without multiverse
This is an age of science . Science has changed our lives and thoughts thoroughly! It has made our lives better,happier and more secure ! We should not destroy the unique mother nature ! Go vegan ! Live and let live !!
जिंदगी का मतलब है बस चलते रहना निरन्तर बढ़ते रहना, चलते चले जाना ना मंजिल होता, ना कोई उद्देश्य होता बस इन्हें पाल लेते हैं चलने के दौरान ताकि चलने में मन फँसा रहे,लगा रहे क्योंकि जीवन में है हमें निरन्तर चलना
जीवन का उद्वेश्य इसे स्वीकार करना, इसका अनुभव करना, आनंद में रहना और बनाने वाले (वह शक्ति जिसे भगवान कहते है) और बताने वाले (गुरु) का आभार प्रकट करना है।
@@shubhamvishwakarma3629 Bandhu kabhi Adi Shankaracharya ki naam suni hai...? Advaita-Vedanta ke bare mai kuch pata hai ? Bharat mai kitne darshan hai pata hai ? Kabhi Bhagavad Gita padha hai ? Upanishad kitne hai pata hai ? Brahmasutra ki nam suni hai ? Swami Vivekanand ji ka naam suna hai ?
यह चैनल मुझे पसंद इसलिये है कि यह वैज्ञानिक बातों को राष्ट्रभाषा हिंदी में व्यक्त करके आम जन को विज्ञान की जानकारी प्रदान करता है ।
Haa par har jagar pahuchana jharuri nahee kiyuki men me ahee jate hai
हिन्दी राष्ट्रभाषा नहीं है। संविधान के अनुसर हिंदी राजभाषा है। अर्थ सरकार के काम काज की भाषा।
Han tumhare liye India bhi Sirf North India hi hoga..
@@hithere2030 tum kon ho🤡
वीडियो देखने लायक है इस अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद ।
जीवन एक भौगोलिक घटना है लक्ष्य क्या है यह एक पहेली है जिसकी खोज सभी को करनी चाहिये.....
सुख पाना यही लक्ष्य है औंर क्या??
लक्ष्य हम देते हैं अन्यथा लक्ष्य कुछ भी नहीं है l
बिलकुल सही कहा दोस्त ❤
हमारा शरीर पांच तत्वों से बना हुआ है और हमारा दिमाग उन्हीं पंच तत्वों को जानता और समझता है जिनसे वह बना हुआ है वह तत्व है पृथ्वी अग्नि जल वायु और आकाश लेकिन इनसे भी अलग एक तत्व है जो अव्यक्त है यह पांचों तत्व और चेतन आत्मा उसी अव्यक्त तत्वों द्वारा बने हुए हैं जिसे परम तत्व अर्थात् परमात्मा कहा जाता है वह निर्गुण निराकार होते हुए भी सभी गुणों को भागने वाला है प्रत्येक जीव में चेतन आत्मा के रूप में वहीं मौजूद है उसके निकलते ही दिमाग और पंचतत्व सब बेकार हो जाते हैं उसी परम चेतना को जानना ही मनुष्य का उद्देश्य है इस ब्रह्मांड में वही सब कुछ है उन परमात्मा को मेरा प्रणाम स्वीकार हो
हा सही कह रहे हो
Jo beramaliurja hai kanton me duniya hai
@@vinodkumaryadav8206 parmatmasagunaursakar,haisamazkaferhai 😭😭😭😭
जीवन जीने के लिए नही , जीवन मरने के लिए भी नही , जीवन स्वयं को जानने के लिए है !
I am satisfied with You mere swal ka Java kuchh had tak mil gaya thanks
I agree with you
Ek dam sahi bat h
Ar Sotto Kay haa?
Lekin kaise Jane apne aap ko
यँहा किसी के मीठे बोल हैं
किसी की नियत मे झोल हैं
बाबा ये दुनिया गोल है
यँहा सब के डबल रोल हैं😥😥
😀
😊
🤣🤣🤣🤣🤣
🧐
Sahi bole badi badi baten karna sabhi ko aata hain.amal karna hi asal insan hain.
मुझे इस बात का पूरा विश्वास हैं....और मैं अनुभव भी करता हूं कि....इस समस्त एवं अनंत ब्रह्माण्ड को नियंत्रित करने वाला और सब की गतिविधियों पर नज़र रखने वाला कोई न कोई कहीं न कहीं जरूर हैं....। जिसे मैं...."ईश्वर" कहता हूं....।🔱🌹🌷⚜️🙏
Aaj se 1400 sal pehle likha hai quraan me Insaan ko Achchhai karne ke liye bheja hai dunya me our Insaan is dunya se nhi kisi our dunya se bheja hai or Rab ne Insaan ka pehle chitr banaya our uske baad uska dimagh dala jske baad Rooh
rooh ek noor tha uska koi shareer nhi tha rooh ko shareer me dala
Bahut badi history he jo me typing me nhi likh sakta mafi chahte hain
Our ha sitaron ke bhi umar hote hain ek rasta hai jo bahut black hai jis ka rasta bahut barik bal se bhi zeyada our talwar se zeyada dhar
Us ke dono side aag he
Agar ilm rakhte ho to rab tak ja sakte ho but aap ka mitti ka shareer nhi ja sakta only aap ki rooh ja sakti hai
Our yeh channel best channel he really history bata rhe hain
😜😜
Kya aisa nahi ho sakata ki quraan me galat likha ho aur tum wahi sach man baithe ho
Allah, God, Bhgwan sab ek hai
Main hi tumhara allah hu 😅😅😅
Quran k ilawa koi kitab pdhi h .😂
जीवन का कोई निश्चित अर्थ नहीं है अर्थ यही है कि हम इसे क्या अर्थ देते हैं।
Shahee kaha par jeevan jeena chahiy
Hota shai shateye par ushe bhagevan jante insshan man ashliyt hai
जीवन का कोई निश्चित अर्थ नहीं है तो इतना बड़ा अंतरिक्ष कायनात आकाश का कोई मायने नहीं है क्या
इस अर्थ को बताने के लिए इस दुनिया के बनाने वाला एक है और उसका कोई साथ ही नहीं उसने इस अर्थ को बताने के लिए हर जमाने में अपने दूत रिप्रेजेंटेटिव और आसमानी किताब भेजा है हमें उसे तलाश करना चाहिए
@@groomermedia007 अंतरिक्ष जीवन नहीं है, कायनात जीवन नहीं है, आकाश जीवन नहीं है। हर मनुष्य जो जन्म से लेकर मृत्यु तक का सफर तय करता है वो जीवन है। मैं जिसे वास्तविकता समझता हूँ, वो तुम्हें भ्रम लग सकता है और तुम जिसे वास्तविकता समझते हो वो मुझे भ्रम लग सकता है। सभी मनुष्य अपने माहौल और परिस्थिति का सामना करके ही चीज़ों को सही-गलत और वास्तविकता-भ्रम का नाम देते हैं। इसलिए ये ज़रूरी नहीं है कि तुम मुझे गलत समझो और न ही मैं तुम्हें गलत समझूँ। तुम जिस चीज़ में दृढ़ विश्वास करते हो वही तुम्हें जीने के लिये वजह और मानसिक ऊर्जा देता है। अपने जीवन को जियो अगर तुम किसी चीज़ में विश्वास करते हो तो उस पर विश्वास करो। तुम किसी को ढूंढना चाहते हो तो उसे ढूंढो। तुम जानने और विश्वास करने के लिए स्वतंत्र हो।
@@kartikbaraik6705 इसका मतलब सही या गलत सब बराबर है दूध और पेशाब मैं कोई अंतर नहीं सही सही है या गलत गलत है यह मनुष्य का नहीं बल्कि प्रकृति का कानून जो प्रकृति को बनाने वाला है
वेदो (वेद ) मे लिखा है ईश्वर निराकार है उन्हें कोई भी देख नहीं सकता है और वो हर जगह मौजूद है ईश्वर हर जगह है
यह सब (india ) भारत के हिन्दू धर्म के वेद मे लिखा है जो किताब gogle के हिसाब से 5000 हजार साल से 10000 साल पुरानी किताब वेद मे लिखा है
मुझे ख़ुशी है की विज्ञानं ने ईश्वर को ढूढ़ने की कोशिश की है......
जिस प्रकार हमारे पेट के अंदर मौजूद बैक्टीरिया को नही पता की उसी क्या भूमिका है , मगर हमे पता है की उसकी कितनी महत्व पूर्ण भूमिका है । ठीक उसी प्रकार ब्रम्हांड में हमारी क्या भूमिका है ओ हमे नही पता ।
शायद।
Behtreeen example bro lekin humko kabhi pata nhi chal paega ki jeevan ka so cold uddeshye kya hai
agar aap apne mn ko shaant krke dyaan krenge to apko ek alag aanand milega or aap ki sochne or dekhne ka najriya bdal jayega
aapko ye duniya bilkup spast(clear) dikhayi degi
@@AnkitKumar-js1pc read bhagawat Geeta, i can guarantee you that you will find your goal .
JIVAN KA UDESH ...APANE AAP KO JANANA OR ...PARAM SATAY KO JANANA....OR....APANI ATAMA KO PARAM SATAY KA KNOWLEDGE DENA..♦️♦️♦️♦️.
अति सुन्दर ज्ञान प्राप्त हुआ ❤ इसके लिए आपको बधाई
इस विडियो से हम बहुत कुछ जाने को मिला सर
ये ब्रह्मांड एक विशाल गुब्बारे जैसा है जिसके अंदर पूरी सृष्टि समाई है इसका ना कोई ओर है ना छोर सब कुछ जो भी हम अपनी खुली आंखों से या बंद आंखों से देखते है जीवन का सृजन आनंद संयुक्त है जो इसे समझा उसने इस जीवन को खुशी खुशी जिया और जिसने नही समझा वह बस भटकता रहा... यह सब कुछ जो अनंत काल से चल रहा है उसकी बागडोर उस सच्चिदानंद स्वरुप ईश्वर शिव ओंकार के हाथों में है जिसे कोई परमात्मा कहता है तो कोई किसी और नाम से बुलाता है पर शक्ति सिर्फ एक ही है और वो है ॐ नमः शिवाय 🕉️🙏
चेतना ही आत्मा है शरीर शून्य है शरीर के नष्ट होने पर चेतना भी शून्य हो जाती है। जेसे करंट और बलव ।असल में चेतना भी करंट के समान ही है उसे न तो छू सकते हैं ना ही देख सकते है केवल महसूस कर सकते हैं। और ये ऊर्जा ब्रह्रमाड में मौजूद है।
चेतना कभी शून्य नहीं हो सकती क्यो की वो थी है ओर रहेगी
जीवन का अर्थ वही है,जो आप उसे देना चाहते हैं।❤
सभी अनुभव झूठे है! अनुभव करने वाला सदैव है!
जी हा, जिवन एक भ्रम है!ढूंढ, सोचो, एक अनमोल सत्य को ढूंढ जीवात्मा जो आपके ही आसपास है, 🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯🗯💥
जीवन का उद्देश्य ही है जो हमें सदा गतिशील रखता है, विकास के साथ साथ उद्देश्य स्पष्ट होता जाता है।😊
Hmari moh maya hi hmara jeevan deta hai..jab tak mohh maya nhi chodoge tab tak tumhe exam dete rahna hoga...dukh dard peeda ye sb moh maya se milte hai..jab tak tum kisi moh maya me fase rahoge uske adhar par tumhe ye bharmand jeevn dega... iss chakrr se bahar nikalne ka ek tarika hai ..insaan ka jeevan ..insaan ka hi ek asa jeevan hai jo sb kuch samjta hai wo insaan ke jeevan mehi rahte huye is chakrr se bahar nikal sakta hai... kahi hjarr janm lene ke baad ek insaan ka jeewan milta hai.. har bar ⏲ compas dekhte hai bharmand tumko isara deta hai North ki tarf jao savaal ke jvaab milenge 🏔 kelash parvat ❤
ham sochate asliy ham hai
उद्देश तो फिर भी स्पष्ट नही हुवा,प्रश्न वही के वही बना हुआ है
@@DETHEPRAKASH udaysha vhi hai jo ved grantho me likha ki hum jaisa paida hote hai bhole bhale fir dhire dhire is sansaar ki moh maya me faste chale jate hai .. jab sansaar se jaaye us bhole bache ki tarah jaye .. jise duniya dari se kuch nhi Lena ... Sansar me bani maya ka enjoy kro ... Pr .. usse kabhi judna nhi
तो हमारा जीवन भी एक रहस्या है। 🧐 वो क्या है जो शरीर को चला रही है । इस वीडियो से बहुत प्रश्न मेरे मन में आ रहें हैं, उनके उत्तर कहाँ मिलेंगे।😮 बहुत सुन्दर video है।🙏
Mayajal lag raha hai sab kya hum hi bhagwan hai kya 🤣🤣🤣 kya humne prthvi aur brahmand banaya par hamre sharir ke bare mein hume hi pata nahi kya hume elien ne banaya ya bhagwan jo dikhta hi nahi sab janwaro ka alg hi shrsti hai hum .brahmand ke ant mein kya hai kya hum janwaro ki tarha hai kya hum kitanobki tarha jo kisi ke jivan ka gabha hai ya phir kisike tatti pe hai🤣🤣
मैं कुछ महीनों से physics chemistry और biology पढ़ रहा हूँ... और मेरे मन ये कई बार ये ख्याल आता है कि जिस प्रकार ब्रह्मांड का कोई सीमा नहीं है और उसी प्रकार हम परमाणु के जीतने छोटे से छोटे कण तक जा रहें हैं यह और भी जटिल होता जा रहा हैं .... मतलब बड़े से बड़े और छोटे से छोटे वस्तु का अंत या सीमा जानना असंभव है... इसे विचार करने पर की इसकी सीमा कहा समाप्त होगी... मस्तिष्क की सीमाओं का उल्लंघन हो जाता है....
Sabhi janwaro emotions hote hai,krodh hota hai,dar hota hai ,shayad hum khudko insan. Mante honge phir chitti hume kya manti hogi chitti ke dimag ko padh sakte hai kya
@@sujeetsaravade2892 pehli baat to chinti ka brain human jaisa nhi h jo vo tumhe kuch manegi . Bhai usko brain chotta hota h . Itni smajh nhi hoti usme .
Bilkul mere mn me bhi same question hai 😮😮 @sujeetsaravade
इंसान का दिमाग़ उसके कार्य करने के तरीके को जातिलता देता है ये बहुत ही सरल है जिस तरह सामने पड़ी चीज आपको सबसे बेहतर स्वाद दे सकता ओरन्तु आप बस सोचते रह जाये की वाह कैसा है जबतक आओ उससे खाकर जीभ ओर ना ले, तो जीवन का उद्देश्य उसके नाम मैं ही है,
जीवन का उदेश्यय है उदेश्य हीन स्वतंत्र बस सिर्फ केवल जीवन को जीना अच्छाई के साथ बुराई नकार कर
जीवन भ्रम है उनके लिए जो आज बोहोत ख़ुश हैं और सोचते हैं सब अच्छा है और हमेशा ही एस रहेगा, जो कुछ भी उनके पास है वो उन्ही की वजह से है!
और जीवन सच्चाई है उनके लिए जो आज बोहोत परेशान है, और सोचते हैं कब अच्छा होगा, सब कुछ इतना बुरा क्यूँ है!
अब अन्तर उन लोगों को खोजना है जो भ्रम को सच और सच्चाई को झूट मानते हैं! क्यूँकि दोनो में कुछ भी अंतर नहीं है!
जो व्यक्ति केवल ज़िंदगी जी रहा है उसे भ्रम या सच्चाई में कोई अंतर नहीं दिखेगा ओर वो जो भी महसूस करेगा उसके सन्तुष्टि का अनुभव मिलेगा!
भगवान बुद्ध ने तो बहुत पहले ही कह दिया था कि जीवन की सच्चाई जानना है तो, बाहर की तरफ नहीं अपने भीतर की तरफ उतरो ... 😊
Buddh andhkar ke sivay kuch nahi sirf bible
Me jeevan ke sahi uddeshya ko bataya gaya hai baki gagah bhatkav our andhkar ke sivay kuch nahi agar jhut keh raha hu to sabhi dharmik granth ka addhyan kar ke dekh lijiye such aapko pata chal jayega
@@yaveshpaul9950 आपने ने उनको नकार दिया जिन्हे सारा यूरोप और अमेरिका मानता है 👍
@@shivamaquaservices3118 aap mujhe itna bata dijiye jeevan ka sahi uddashya kya hai aapke visvas ke anushar uttar bhale hi bada ho lekin mai janna chahata hu
Right
This was the small thing to understand...making an excess extended video
जिंदगी बे मतलब है इंसान बस पहले पैदा हुए इंसानों के घिसे पीटे कदमों पर चलता है और उनकी ही तरह अंजाम तक पहुंच जाता हैं।
हा,मतलब बुद्धिमान जानवर है
Very nice documentry 👌
देखने का सुख, सुनने का सुख,कहने का सुख,जानने का सुख,सोचने का सुख,सपनो का सुख,हंसने रोने का भाव,जीने मरने का भाव,ईश्वर धर्मों का प्रभाव,सभ्यता संस्कृति समाज का उद्भव,कुछ न करने का भाव, विज्ञान तकनीक का फैलाव चेतना का जुड़ाव ये सभी जीवन के विविध आयाम है।इनसे परे भी शून्यता का फैलाव है।
Yah shabajhata hai par yah jeevan hai nahee
Bhagwat geeta me jivan ke uddeshya ke bare me bataya gaya hai
शून्य का फैलाव नाही हो सकता क्यो की अभाव से भाव की प्राप्ती नही हो सकती
Aap zinda ho bas ye hi jiban ka ashliyat hai aur lakhya hai.
जीवन का उद्देश्य है कि हम जीवन की घटनाओं से सीखें l हम कुछ पाठ सीखने आए हैं जैसे प्रेम का पाठ, सहभागिता का पाठ, स्वीकार भाव का पाठ, धैर्य का पाठ और शौर्य का पाठ, शिकायत भाव से मुक्त होकर धन्यवाद भाव में जीने का पाठ.....ज्यादा जानकारी के लिए डॉ माइकल न्यूटन को पढ़िए. .
जीवन का उद्देश्य अच्छा सृजन करना और सफलता के उच्च शिखर पर पहुँचना है,लेकिन जीवन की सार्थकता परोपकार करना और समाज के लिए कुछ देकरके जाना है।
Nahee bo to shahara hai
ऐसा एक नाम बताओ जो सफलता के उच्च शिखर पे पहुंचा हो औंर मरणा ही उसका मकसद बचा हो??ये अच्छाई की सब बोंगिया है
@@DETHEPRAKASHbilkul sahi 😮
Today is my best information video
उद्देश्य का अनुसंधान एक अंतहीन जिज्ञासा है! शाश्वत.. अंतहीन.. अज्ञेय.. अबूझ पहेली.. एक अंतहीन पिपासा... एक अंतहीन परंतु सार्थक यात्रा... चेतना की यात्रा... अंतिम परम सत्य और अर्थवत्ता की तलाश. . क्या इस तलाश का भी कोई उद्देश्य है? कहाँ है इसका स्रोत? कहाँ से निःसृत हो रही है उसकी प्रेरणा? या प्रकृति किसी अनियंत्रेय निरुद्देश्यता से संचालित हो रही एक शाश्वत निरंतरता है? यदि ऐसा है तो चैतन्य मानव मन की इच्छा शक्ति की दृष्ट स्वतंत्रता वस्तुतः दृष्टि- भ्रम ही है.. चेतना स्वयं ही अपने स्वरूप, गति और नियति का अनुसंधान करने और करते चले जाने को बाध्य है... अर्थात् चेतना की चैतन्यता भी यंत्रवत् गतिशील है.. यह गतिशीलता शाश्वत है .. स्वयंसंचालित.. स्वोद्देश्य.. गतिशीलता ही उद्देश्य है.. इसीलिए अपने आपमें ही यह सोद्देश्य भी है.. निरुद्देश्य भी!
मनुष्य जीवन मिलता है मोछ पाने के लिए ❤❤❤❤
Jab 2017 me 9 class me tha tab ye show raat ko 8 se 9 baje tak ata tha or bhi kai shows ate the jese cosmos stars trucks ye saare shows ne meri science ke prati curiosity kaafee badha di thi jiske karan me jadatar samay inhi sab cheezo me laga deta tha or jab me 10th ka board exam diya to mera 52% aae or mujhe Lena tha science par mere ghar waale mere sir sabhi ne science lene se mana kiya par me unki baat nahi mana or laafee paresani ke baad mene science le liya par abhi bhi me jada kuch khaas nhi kar paa Raha hu par future me agar kuch karna he to bas yehi karunga
Atyant Sundar vichar
ज्ञान का प्रवाह निरंतर कायम रखना यही purpose हैं|
Mere liyt galat hai kiyuki ysh shatey hai jo hamesha nushandhayk bhee hota hai
जीवन का सही उद्देश्य हमे एक ही जगह से पता चल सकता है, और वो है हमारे अंदर कि अद्रुश शक्तीयो से, और इन शक्तियों का उपयोग वही मनुष्य कर सकता है जो अपने मन को हल करने मे सक्षम हो और उसके अंदर जल रही सोच, विचारों की आग को शांत कर पाए।खुदको कुछ समय के लिए अकेला करके, मन को शांत करके, आंखों को विशेष विराम देकर, अपने अंदर कि शक्तियों से मिलकर उनपर काबू करके अपने सारे सवालों के जवाब ढूंढ़ना।
तबी वह इंसान अपने जीवन का उद्देश्य जान पायेंगा।
लेकिन फिर भी ऐसा लगता है बहोत से संत, महात्माओंने अपने अंदर कि शक्तियों से जीवन का उद्देश्य जान लिया है और जान लिया था। इससे यह साबित होता है कि कोई जीवन का उद्देश्य जान भी ले पर बाकी कम अक्ल आनी जो अपने अंदर कि शक्तियों से ना मिला हो उन्हें बताया नहीं जा सकता और नहीं ये नियती उन्हें समजने देंगी। कहने को और भी है लेकिन फिर भी विराम लेता हूं।
जब चेतना है तो भ्रमित होने की जरूरत नहीं, इसकी रूह में उतरने की जरूरत है, अनुभव खुद ब खुद हो जायेगा की वो शक्ति क्या है।
हमारा होना केवल संयोग नहीं बल्कि यह ब्रह्मांड का एक व्यवस्थित प्रयोग है ।
Bilakul galat urja kidina koi kuchnahee
Point
हमारा होना हमने ही चुना है, प्रॉब्लेम इतनी है हम वो बात भुल गये है
सही कहा आपने मुझे पूरा यकीन है आपकी बात पर इसके कई सारे प्रमाण भी मिलते हैं 🙏🙏🙏 सर प्लीज संपर्क
इस सारी डॉक्यूमेंट्री को देखने सुनने के बाद केवल यही बात समझ में आती है कि जो व्यक्ति जितनी ना समझ में आने वाली बातें करेगा वह उतना ही बड़ा वैज्ञानिक माना जाएगा !!
😂
Philosophy bhi esi hi lagti h mujhe to gol gol gol gol gol
😂😂😂😂😂
Nahi, iska matlab hai aapko aur padhai ki jaroorat hai
@@Brajgamerअगर बुद्धी मंद है तो पढाई का क्या फायदा कितने भी पढणे के बाद वो रट तो लेगा मगर चीजे समझ नाही आयेगी
हर सवाल का जवाब दिमाग देता है 😊❤
जीवन का मतलब जियो और जीने दो मोहब्बत करो सभी से
Yah jeevan nahee shabed hai jeevan to bo hai jeeshame ram kereshana ne jeevan pun ashata she jiya
Gulmohommad bhai pados wali bhabhi se mohobbat karenge to mar nahi khaoge kya???
@@gulmohammadansari4261 तुम लोग ज्ञान ना ही दें तो बहुत अहसान होगा ......मदरसा वेज्ञानिक खतना, मुतहा, हलाला, इसी की खोज में सदियों से लगे है पीढ़ी की पीढ़ी गुजर गई, लाखों मीट्रिक टन अनाज मांस खाकर गुड़ गोबर कर दिया ,आखिर मदरसछाप वैज्ञानिकों ने दुनिया का क्या भला किया है कयामत से कयामत तक........मुहब्बत, भाईचारा ये जुमले है, पूरी दुनिया तंग है इस मुहब्बत और भाईचारे से ।
Aj mai soch hi rahi thi ki kya hai humare life ka matlb aur yeh video bhi mil gai 😊
Se hi matlab he 😁😁😁
Vah
Aap Genious aur Maha Manushya ho.
Good aaj pta chala bhut accha
Video to mil gayi magar kya jivan ka uddesh pata chala
Thanks sir nice info like Your voice
Thanks and welcome
इन्हे भारतीय ज्ञान को सर्च करना चाहिए ।
हमारे जीवन का उद्देश बस इतना है कि हम जीवन को आगे बढ़ाते हुए मनुष्य को एक नए विचार और नई सरल जिंदगी को बना कर आगे बढ़ाए
फिर तो जानवरो औंर हममे कुछ अंतर ही नही बचा
जीवन knowledge aur experience ke liye hai😌
Sachai kewal ek hai ki jindgi jeene layak honi chahiye sabki jindagi behtar honi chahiye wo chahe janvar ho ya insaan ya insaano ki koi bhi jaati ho ya nasl ho sabko ek jaisa avsar milna chahiye par ab namumkin hai arabo ki sankhya sabko ek jaisa avsar nahi mil sakta 🔥🔥
Super, mind blowing
Thank you so much
बहुत खूबसूरत।❤❤
JAY Shree Radhe Krisno.
जीवन का उद्देश्य जरूरी नहीं जरूरी ये ये की हम ये सवाल क्यों पूछते है क्यों की हम उस यात्रा का हिस्सा है जो हमारी है ही नही
यह यात्रा बिलकुल वैसी ही है जैसे कोई तूफान आया और शांत हो गया।
जीवन एक असंतुलन है और मृत्यु उसे संतुलित कर देती है
पानी में बुलबुला क्यों उठा? और उसका लक्ष्य क्या है?
पाणी का बुलबुला उठा क्यो की हवा के संपर्क मे आया, औंर उसका लक्ष्य है वापिस पाणी मे मिल जाना
जिंदगी का मतलब कही और नही हमारे दिमाग मे ही छीपा है .....
Aur wo chupa huwa rahasya kya hai??
Wow
Great
I like such program
जीवन के कई उद्देश हैं विभिन्न
दिशाओं में सब प्राणियों को
गतिमान करते हैं।
जीवन का मतलब तो नही पता लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा के ,हमारा शरीर इस पृथ्वी या इन पंच तत्वों से मिलकर बना है इसलिए ये हमे इस प्रकृति के हिसाब से चलता है ,,लेकिन रियल में हम एक पेट्रोल जैसे है जो एक डेड इंजन में बिजली उत्पन्न कर देता है ,,लेकिन पेट्रोल भी तभी ठीक से वर्क करेगा जब इंजन सही अवस्था में हो ,,,,अगर इंजन खराब अवस्था में हो तो पेट्रोल चाहे कितनी अच्छी क्वालिटी का हो वो उसे चालू नही कर सकता और उसके अंदर बेकार पड़ा रहता है ,,,,,,,ठीक इसी प्रकार हमारा शरीर एक इंजन और आत्मा पेट्रोल जैसी है अगर शरीर ठीक से पूरे संपूर्ण तरीके से चलने लायक ना हो तो आत्मा नाम की एनर्जी उसे नही चला सकती आत्मा है ये तो हम जानते है लेकिन ये बनी कैसे और इसे बनाने वाला है कौन बस ये हम नहीं जानते के ये आत्मा बनी कैसे ?????
और ये उर्जा अहो या एनर्जी सदा होती है कही नहीं जाती पर क्या करे गाडी में यानी की हमारे शरीर में कुछ तांत्रिक बिघाड ना आये तब तक व्यवस्थित चलाती है और प्रकृती के नियम से समय आने पर अपने आप खत्म मी करती है.
सर आपकी बाद में 100% सच्चाई है लेकिन कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिसे शायद भरम 🙏🙏🙏 जल को तोड़ा जा सकता है
मन का काम करें मेहनत करें और आगे बढ़ते रहें 💐👍
Mtlb ku6 v
@@Glowroad-resellers जो मानवीय मूल्यों के अनुसार सही हो
सांख्य दर्शन में इसके बारे में विस्तृत जानकारी
So much good thoughts about environment and education thanks you
हमेशा क्या था, क्या रहेगा ये , खुद को जानना यही मकसद है, बाकी विज्ञान अपनी मर्यादा तक ही रहे तो अच्छा रहेगा, और ये विज्ञान के बाहर कि बात है.तरिका दुसरा भी है बिना विनाश के भी हम जान सकते है..
Vigeyan inshano ky bata nahee urja hedink ky hai
Tumhe Bhagwan call 📞 kiya tha
I like your video and
ॐ नमः शिवाय 🇮🇳 दोस्तों
आप बहुत अच्छी वीडियो बनाते हैं 🇮🇳 दोस्त
हर हर महादेव 🇮🇳 दोस्तों
Kya mahadev sale 🤣
🙏🙏🙏🙏❤️
Kaun hai yeh jantu.
Thanks sir bahut badhiya jankari di hai aapne
मित्र आपका स्वागत है 🌸
जीवन का एक मात्र उदेश्य विस्तार है
जाणवरो की तरह
To do good for existence of every one and everything,and leave something intelligent to everyone. My Pious Parents and families contribution is that we are living in 324 years in ascending Dwapar Yuga.
432,000 years is a miscalculated mahayuga (Kalpanic Kaliyuga by Tulsi Krit Ramayan 1631AD) ,Kaliyuga was for 2,400 years which ended in 1700AD and we are living in 324 years in ascending Dwapar Yuga (Bronze age), around in 600 years our Solar System will be in Aquarius ♒️ Constellations from present Pisces ♓️ Constellations.
Brahminvad came from Eurasian Steppe, Mitanni, Medes, Hittitie, Hurrian, Assyrian, Yanmya Marauding Atrocious Mukh-Putra, Indra, Varuna, Mitra, Brahma Vishnu Mahesh and destroyed our Ancestors of Indus Valley Civilization, Brahma Vishnu Mahesh were Eurasian Steppe Foreigners.
Jay Bheem Namo Buddhaye, Jay SAMVIDHAN, Bandagi Saheb.
Osho explain real world and everythings
Is video ko dekhne se pehle hi mai in bato ke pehle se samjh Pata hu or bhi bahut kuch mere damag me doudta rahta hai Mai in Kalpanao ya or bhi bato se age sochta hu is video ko dekh ke mujhe lagta hai ki Mai sahi raste pe ja raha hu
जीवन खेल है और खेल मे हार जीत है।मौत का मतलब एक खेल का अंत और दूसरे खेल की शुरुआत है। यह चक्र सदा चलता रहता है।
Is chakr ko rok bhi sakte hai jivan Maran ko
Haa
No, we can never stop the nature's work, like JEEBAN-MARAN 39:39 39:39
MOKSHA HI ISS CHAKRA KO ROK SAKTA HAI
Tavi tak janam maran ke chakkar me padenge jab tak bhagwan ko nehi payenge, bhagwan ki prapti hi 1matra manav jivan ka udesya he vaiyon🙏
Bahut pasand aaya hai 🙋🏻♂️🙋🏻♂️❤❤❤❤ वीडियो ❤❤❤
Most Exilent I 🥰🥰
The life is an angle with multiple thoughts if there is no clear and colorfull perception of ALfa Theta and Gama waves then life seems to be as body without brain and same as flower without smell and body without astral Ray and soul without ETher and an earth without sky and in the an end of life nature without multiverse
Nice video 🙏🙏
🌸
Insan ke bare mein pura achcha se bola gaya hai Shrimad Bhagwat mein unka sharir mein क्या-क्या hai क्या-क्या hota hai sab kuchh 🙏
Very well sir ji 👏 🙏 👍 👌
wwwooooooo 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
This is an age of science . Science has changed our lives and thoughts thoroughly! It has made our lives better,happier and more secure ! We should not destroy the unique mother nature ! Go vegan ! Live and let live !!
जिंदगी का मतलब है बस चलते रहना
निरन्तर बढ़ते रहना, चलते चले जाना
ना मंजिल होता, ना कोई उद्देश्य होता
बस इन्हें पाल लेते हैं चलने के दौरान
ताकि चलने में मन फँसा रहे,लगा रहे
क्योंकि जीवन में है हमें निरन्तर चलना
अब तक कहा थे ज्ञानी बाबा??
sachyii insaan de asula ch hundi aa ji
FINDING TRUTH
Iam waiting for this channel my whole time
My minimum all questions in this channel
जिंदगी एक पहली है
Excullent knowledge
Dang for this documentry 🇮🇳❤️🙏😊
Nice information 🇮🇳🙏🏻
Thanks🌸
हमारे पूरे यूनिवर्स में हम बेकटेरीया के समकश है।
हम चाहे कीतनी कोशिश करेंगे लेकिन कुदरत
के नियमों को नहीं जान सकते।
Jan sakate hai
@@DETHEPRAKASH to janm mritiyo ko batao 😂
Very nice video sir 🙏
Thanks and welcome
जीवन का उद्वेश्य इसे स्वीकार करना, इसका अनुभव करना, आनंद में रहना और बनाने वाले (वह शक्ति जिसे भगवान कहते है) और बताने वाले (गुरु) का आभार प्रकट करना है।
Naah sir you are totally wrong 😊
@@kartikkijaan how??
@@Mangalsing009 आपको सच्चे गुरु के शरण में जाना होगा।
क्या तुम अपने स्वीकृती से यहा आये हो??
@@DETHEPRAKASH ये जीवन स्वीकृति से नही संयोग से आया, यही तो उस बनाने वाले की कृपा है। इसको स्वीकार करने की समझ तो बाद में आई।
Great
This is my favourite topic.. Thank you for the video on this topic..
Most welcome
🙏🙏 ज्ञानवर्धक चैनल है 🙏🙏
जीवन एक भ्रम है,इसका कोई उद्देश नाही हे यह आता जाता रस्ता है , केवल सोच ही रस जाती है
सच में सर हम सभी भ्रम जल में हैं पबजी 🙏🙏🙏 गेम की तरह
Superrrrrr
Moksh/Nirvana/Kaivalya is the ultimate goal of human life. Indian Vedic darshan can answer this in a better way ✨🙏🕉️
Yes you r right
🤣🤣🤣
वही घिसा पिटा जवाब, कुछ नही पता तो जबरजस्ती ज्ञान घुसेड दो ।
@@shubhamvishwakarma3629 Bandhu kabhi Adi Shankaracharya ki naam suni hai...?
Advaita-Vedanta ke bare mai kuch pata hai ?
Bharat mai kitne darshan hai pata hai ?
Kabhi Bhagavad Gita padha hai ?
Upanishad kitne hai pata hai ?
Brahmasutra ki nam suni hai ?
Swami Vivekanand ji ka naam suna hai ?
@@narayanbarman5993 Han suna aur padha hai mene Per inki philosophy Wahi maan sakta hai jo aankh band kar ke kisi bhi chiz ko maan le
Jiwan bhram hai ❤❤
Itni acchi videos kaise banate ho ❤❤❤
सही बात है जीवन एक भ्रम जाल ही है जब तक जीवित हो तो ये दुनिया शाश्वत है पर मृत्यु के बाद सब ख़त्म !!!😂😂😂
Nahee mitu ke bad hee kuch hai par shabed kam ya adhik
मुसलमान और ईसाइयों में होता है ये, पुनर्जन्म नाम की भी एक चीज़ होती है.
हमें जल्दी ही जीव का जवाब चाहिए होता है। जो सबसे लंबा websiris ko dekh kar prapt nahi ho sakta example excepteble hai .
जीवन का मतलब जाणणे के लिये मनुष्य इन्सान मानव बनणा होगा
Jivan satya hai our rahega annet jivan hamare sath hai prntu hum unke sath nahi hain amen