उस विषय में धीर पुरुष pमोहित नहीं होता।13॥ गीता ज्ञान अध्याय 2 शलोक 12,13🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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- Опубліковано 27 чер 2024
- देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा ।
तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति ॥2.13॥
भावार्थ : जैसे जीवात्मा की इस देह में बालकपन, जवानी और वृद्धावस्था होती है, वैसे ही अन्य शरीर की प्राप्ति होती है, उस विषय में धीर पुरुष pमोहित नहीं होता।13॥
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गीता ज्ञान ❤❤
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