वर्षों से जो बंद पड़े हैं उन नयनों को खोलो नारी ! आओ बोलो नया समय है धरती पर अमृत की बूंदे ढोलो नारी ! आओ बोलो अब तक जो बुरकों के पीछे , अब तक जो पुरखों के पीछे अब तक जो मरघट के पीछे , अब तक जो घूंघट के पीछे ढाँप रही हो अपने मुख को , छोड़ के पर्दे बोलो नारी ! आओ बोलो सबसे पहला प्रश्न करो उन माताओं से जाकर रोइ जो लड़की होने पर , हँसी पुत्र को पाकर नारी होकर नारी को क्यों छोटा समझा सबने नारी होकर नारी ही क्यूँ लगी हृदय को चुभने भेद किया क्यूँ तुमने जब ना भेद किया था रब ने नंगा भेज दिया था दोनो को ही तो कुदरत ने दूध माँगता पुत्र तो क्या हम रक्त तुम्हारा पीती दोनों के आहार एक से हम भी यूँ हीं जीती पूछो की बेटे से ज्यादा हम भी माँगती क्या ममता और आँचल से ज्यादा हम भी चाहती क्या अन्न अगर बेटे को देती हम भी अन्न ही खाती बेटे से अन्यत्र तो हम भी सोना नहीँ चबाती पूछो सबसे भेद किया जिन्होंने भी शिक्षा में लड़की को चूल्हे पर भेजा , लड़के को कक्षा में पूछो उनसे भी जिन्होंने दोनों को पढ़वाया लेकिन घर में लड़की से ही घर का काम कराया नर को दी आजादी जितनी नारी को क्यूँ दी ना दोनों को ही एक सा रहकर क्यूँ न सिखाया जीना " लोग कहेंगे क्या " इसकी शिकार बनी क्यूँ नारी क्यूँ नारी पर ही थोपी लज्जा की बातें सारी पूछो सारे प्रश्न , सभी बातों को नापो - तोलो नारी ! आओ बोलो अगला प्रश्न करो समाज से, पूछो ये सब क्या है समता के अधिकार न रखना, क्षमता की हत्या है बहलाया , फुसलाया सबने कन्या को अंधी कर चंडी कह कर पूजा की और बिठा दिया मंडी पर मंडी जिसमे कीमत तय करता है केवल नर ही नर को चाबुक मिली हाथ में नारी को बस डर ही नारी करती रही काम चोटें चाबुक की सहकर आहें भरती रही हमेशा सह-सहकर , रह-रहकर इस पर भी नर हुआ नहीँ कभी नारी का आभारी पितृसत्ता के जोल में नारी रह गई मात्र बेचारी नर दाता बन कर के बैठा औरत बन गई दासी समता के स्वप्नों को सदा से लगती आई फाँसी इस फाँसी का कारण क्या है बस एक नारी होना क्या ये कारण कर देता है हमको इतना बौना ज्यादा हों अधिकार नरों में ऐसा अद्भुत क्या है दो - दो मस्तक हैं या पूरी सोने की काया है होती भी , तो भी ये बातें गलत - गलत ही होती समता है अधिकार मनुज का बात ये फिर भी होती ऐसे में वर्षों तक कमतर रखना बोलो क्या था बुद्धि से प्राथमिकता बल को देना बोलो क्या था ऐसे पक्षपाती समाज का हिस्सा भला बनें क्यूँ नारी को ही ठुकरा दे ऐसी सन्तान जनें क्यूँ रहें मर्द फिर ओर कहीँ हमसे मिलने ना आएँ समता के अधिकार न जब तक "सारे भाड़ में जाएँ" घुट घुट कर जीना भी जीना होता है क्या बोलो नारी ! आओ बोलो अगला प्रश्न करो आगे बढ़कर सारे धर्मों से कुतर्कों को तोड़ो अपने संयम व तर्कों से पूछो सबने नारी को आंका था कम किस कारण सब ग्रंथों में लगती है क्यूँ नारी मात्र भिखारन देना हो नर को तलाक तो चाहे जब दे जाए और चाहे नारी तो पहले पति से अनुमति पाए खुला के नियम और तलाक के इक जैसे होने थे दोनों के अधिकार यहाँ पर समता के होने थे पति को है ये छूट की रख ले चार पत्नियां साथ वाह ! री वाह संसार नरों का, केवल नर के हाथ वर्षों से एक चित्र खड़ा है विष्णु और लक्ष्मी का पैर दबाती पत्नी और देखो आराम पति का अनुचित है ये कहे नहीँ तो और भला क्या बोलें क्या आँखे हम करें बन्द और साथ इन्हीं के हो लें बुरका,घूंघट सब महिला पर, पर्दा करें हम ही हम वो भी क्योंकि , मर्दों से नहीँ होता मन पर संयम क्या ईश्वर भी पक्षपात से जन्मा है तुम सब का या फिर सारा किया धरा ये है मर्दों के मन का अंतिम प्रश्न करो खुद से ही किसके संग खड़ी हो अपने पथ पर हो या पुरषों के पथ पर चलती हो शिव के तीन नयन सोने दो , अपने दो तो खोलो नारी ! आओ बोलो वर्षों से जो बंद पड़े हैं उन नयनों को खोलो नारी ! आओ बोलो नया समय है धरती पर अमृत की बूंदे ढोलो नारी ! आओ बोलो --- भूपेन्द्र सिँह खिड़िया
Aapne ye poem khud se likha h...... Bahut payara poem h Mai v is poem ko apne college event me bolna chahti hu... Ek ek bat bahut bariki se likha h aapne🥰
बहुत दिनों बाद किसी अच्छे कवि की रचना सुनी मन को खुशी भी हुई कि कम से कम इस बार नारी की व्यथा किसी पुरुष ने लिखी है वो भी इतनी बारीकी से,हम भी लिखते हैं पर आप बहुत ही अच्छा लिखते हैं👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏आपकी लेखनी को नमन है
The best thing ye hai iss poem ki kisi ldke ne ye sab smja wrna koi ldki ye poem likhti to vo hi feminism ke liye rote log or sab apne sacrifice ginvane aa jate
@brandonsiddarth3798agar tum jaise nar na ho toh khub bahar kya aasmaan mein bhi jaakr kaam kr skti hai pr tum jaise unhein jeene hi nhi dete bahar aane pr
And the is fact is , yha pr almost sabhi 90% नारी hi hongi, because नर is trha ke lines mai intrested nhi hote , but for those boy Jo ise sun rhe hai , dhanyawad ✨🌼
I am feeling so unlucky ki maine iss masterpiece ko itna late sunaa... literally... You have covered every small thing jo abhi bhi samaaj mei hai or kahi na kahi har ladki ko chubhti hai.. but hum use express nahi kar paate.. karte bhi hai to chup kara diye jaare hai... Because its the part of the culture... Thankyou thankyou a lot for feeling for us.. Just can't expect this coming from a men. Respect. And please if possible do add one para more about girls marriage being burden on their parents. Seems like girls are only born to get married. Hum pehle apne pairo par khada hona deserve karte hai forced marriage nahi.
Sir kal mere school mai Hindi diwas k program tha or mene apki yai Kavita prastut ki sach batao aapko mujhse yai Kavita 5 Barr repeat ker k sune or sab ko is mai sachai Nazar ay or mai 1st aye and I am very happy thanks you sir or vo troffe or certificate mai diserve nhi karti vo aap diserve kerte ho or mai kal apne schl mai bhupendra singh khidia Bane thi thank you so much sir ❤️❤️❤️❤️❤️ I am biggest fan of you ❤️❤️❤️
M searching for a poetry but it's really heart touching and reality of all ira ......thanks a lot for giving such a poetry with real words...I appreciate and try to hear ur next all poetry lk this type.
इस कविता की तारीफ मे कुछ भी कहना इस कविता की तोहिन होगी,, Speechless, and surprise as well to see, how could be man understand the problm of women so deeply........ Just this 🙏🙏🙏🙏🙏🙏👏👏👏👏
पूछो उनसे भी जिन्होंने दोनो को पढ़वाया लेकिन घर मे बेटी से हि घर का काम कराया बुरखा-घुंघट सब महिला पर पर्दा करे हम ही हम वो भी इसलिए की मर्दो से नही होता मन पर संयम शिव के तीन नयन सोने दो अपने दो तो खोलो These three lines are just killer...he nailed it....just an underrated art....these lines gave me a different feel but after all its amazing faboulus great....I dont have words....just speechless ❤
Bhot acha... Ap jitna smjh paye utna ek naari naari ko smjh pati to bt hi kya thi.... Beti hone ka dukh na hota kisi bhi ladki ko... Hum bhi hote equal... Samaj me dikhte nhi real me hote equal...
बहुत सुन्दर कविता लिखी... परंतु विष्णु वो है जिनसे सब शुरू होता है और जिनपर सब खत्म होता है... नारी हो या नर सब उनके चरणों में ही हैं...। अगर श्री विष्णु नारी को इज्जत नहीं देते तो क्यों उनके नाम के आगे लक्ष्मी लगता है (लक्ष्मीनारायण / राधे कृष्ण/ सीता राम) हर पुरुष के नाम के आगे श्री लगता है "श्री" अर्थात: "लक्ष्मी"🚩 दूसरी लाइन "शिव के तीन नयन सोने दो" अरे मूर्ख शिव को अर्धनारेश्वर कहा जाता है.. सभी नारिया भी उनसे ही और सभी नर भी.... और एक और बात जितनी रिस्पेक्ट सनातन में नारियों को है उतनी अगर किसी और मजहब में हो तो बता.... मेरे सनातन को बदनाम ना कर... ।। जय जगदम्बा ।।🙏
Waah itna hi voh tha toh Toh narad ko bitha lete charno mein..Ek taraf Mahadev ko dekho apne saath Parvati ma ko bithate hai dusri taraf Vishnu sirf doglapan hi dikhate hai
@@latestmovies9995 teri ma ki chut alla ka face reveal kr n lvde Ab sun shree krishna bhi Radha ji ke charno me sar rakhe h vo prem h lakshmi jii ka vishnu ke prati bhaav ko samjho... Hmare dharm me aisa kuchh nhi h Yatra nari pujyante ramante tatra devta Samjha sale
मेरे हिसाब से तो भगवान विष्णु की वो तस्वीर किसी नालायक पुरुष ने ही बनाई है वास्तव मे ऐसा हो ही नहीं सकता की श्री विष्णु माँ लक्ष्मी को अपने चरमो मे बैठाए 🙏। वो ईश्वर गलत चित्रण है उस तस्वीर को सभीको ठुकराना चाहिए उसमे ईश्वर गलत चित्रण किआ गया है। और शिव के तीन नयन सोने दो भी एकदम सटीक पंक्ति है। उनके कहने का तात्पर्य है की जिस तरह से पुरुष महिलाओ पर अत्याचार कर रहे है ये सब देखकर तो यही प्रताती होता है की परमात्मा (शंकर जी) अपनी आंखें बंद किए हुए है और उनका आँखें खोलने का मन ही नहीं है क्युकी वास्तव मे उन्होंने आंखें खोली होती तो ये सब देख कर तो अवश्य ही वो तांडव करते। तो उन्हें आंखें बंद ही रखने दो नारियो तुम खोलो 🙏 क्युकी अब ना तो कृष्णा आएगे तुम्हे बचाने और ना शंकर। लगता है सारे ईश्वर पुरुषो के गलत काम देख कर नाराज होकर चले गए है।
Shiv k teen netro ko band rehne do tum apne to do kholo....naari aao bolo naari aao bolo❤ bahut hi sundar kavita bahut bahut dhanyawad is rachna k liye mai UA-cam ka dhanyvad krti hu jiske karan ye kavita mai sun paayi🙏
Hi sir maine aapki ye Kavita 28 yahi kal Women day celebration par sunaya.sab ro pare sir Kavita sunakar easki partek lines dil ko Chu jati h.thank you so much sir .
आपने व्यंग करके तंज कसने का मौका नहीं छोड़ा, पुरुषत्व है, अपने अहंकार को आहत थोड़े होने देगा, अपने अस्तित्व का प्रदर्शन तो करेगा ही । इससे मुक्त होकर प्रयास करेंगे तो ज्यादा अच्छा होगा। 🙂 👍best of luck for next time
Mere mnn k bhot se sawalo ko kisi ne jaise .......uker k rkh diya jo mai aaj tk sochti rhi bol na pai aaj aap ne bol Diya......ek ladke ki baato me ldkiyon ki mnn ki itni gehri baat ❤
Oh my god...kya tha ye!!? Kuch seconds me saari baatein itni gehrai aur saralta se keh gae aap, baap re!!!❤ I being a girl, feel so so so so proud and cherished to see that we really have people (specially a few mals) who are genuinely concerned and worried about whatever we feel as a girl in the society. The way you had portrayed each and every emotion with the perfect tone and feelings, it felt like I WAS SAYING ALL THAT AS A GIRL...the feel, the importance, the awareness you had spread and shared na, is just beyond level. Beautifully beautifully written and conveyed sir beautiful. I know, I along with all the girl audience have truely truely relate and understand what you want to say....nothing to say much but a big big big THANK YOU for this one. Logon ko atleast, ye yaad dilane, ehsaas karane ki kitni zada zaroort hai ki what they do with the females around them. And and most importantly, letting *the females* know ki unke saath kya horra h and what should they do...what is the correct question to ask, what is the write time to raise ones voice, who is the write person to approach, and how to let others answer the questions you had always wished to ask, to ask in a way that each one of the listener should feel what we realy go through. This mssg is from all of us who are listening and specially, from our girls, who are going to really break all those patriarchal and absurd thoughts and barriers of the society, and will definitely make history being a girl.... Thanku sir for this poetry and a big thanks to the platform which gave him the opportunity to present such a great, goosebumping performance. Really, it made us trilled and more cautious about the reality.❤ Hats off🌼 And this has definitely been printed in the minds of each of us and will always remain with us💜🌼💜🌼💜
Sir , I just want to salute you for this Sabd nhi h tarif ke liye Aapne stree ki wo dasha rakhi h samne Jo vastvikta h pr is social media ki duniya ne ise chhupa Diya hai But this is the reality of our society 😢😢😢
O ❤maa❤ bahut khudnasib hai bhagyshali hai jo aap jaisa beta mila sachh me तहे दिल से नमन उनको जिन्होने ऐसा पुत्र पाया❤❤❤ bhagvan kare aap sab sabhi ajnbi logo ko jo mera ya meri camment padh rahe hai sabke maa baap ko bhagavat khush rakhe❤❤❤❤
Maine aapki ye poem "sau karod ka kavi" me suni, it was just incredible 🙏👌 then I searched n came here. Dil chhoo liya Aapne .just thankyou thankyou thankyou n lots of respect 🙏🙏🙏👌👌👌👍👍👍👍
Brought tears in my eyes. I wish I could play this during my OPD time so that my female patients could listen to it and feel it. I get enraged hearing their helplessness just because they are dependent on people and how scared they are to speak up for themselves. Kudos to you :)
Being a man It takes a lot of courage to speak about reality and most people even our close ones do not observe these things that we face every day and they give us the so-called "freedom" which is nothing but hypocrisy.
Amazingggg!!!!✨ Each line straight away touches the heart .... I'm soo sooo proud to see a guy raising up issues like this! Hats off bhupendra 🙌🙌 beautiful poetry...all my heart❤️
Fake audience jitna vahan taliyaan baja rahe the itna share karte toh shayd ise aaj kitne log sunn paate👌🏻 Magar aaj kall ki generation ko neha ki shaadi se fursat mile tab na🤘🏻
Waaahhhhhhhhhh 👏👌 sir kya likha h aapne ... 💯 real situation likhi h apne ladkiyo ki.... yhi samaj ki reality h ...salute to you 🙋♀️ kitne females ki mn ki baat poetry me express kri h aapne..... Is poetry ka hr ek word heart touching h 👍
It unfortunate that it's not getting the recognition it deserves, being an poetry Lover I"ll make sure whoever i know listen to this masterpiece by reciting it myself coz i loved it from my heart,mind, soul..:)❤️
वर्षों से जो बंद पड़े हैं उन नयनों को खोलो
नारी ! आओ बोलो
नया समय है धरती पर अमृत की बूंदे ढोलो
नारी ! आओ बोलो
अब तक जो बुरकों के पीछे , अब तक जो पुरखों के पीछे
अब तक जो मरघट के पीछे , अब तक जो घूंघट के पीछे
ढाँप रही हो अपने मुख को , छोड़ के पर्दे बोलो
नारी ! आओ बोलो
सबसे पहला प्रश्न करो उन माताओं से जाकर
रोइ जो लड़की होने पर , हँसी पुत्र को पाकर
नारी होकर नारी को क्यों छोटा समझा सबने
नारी होकर नारी ही क्यूँ लगी हृदय को चुभने
भेद किया क्यूँ तुमने जब ना भेद किया था रब ने
नंगा भेज दिया था दोनो को ही तो कुदरत ने
दूध माँगता पुत्र तो क्या हम रक्त तुम्हारा पीती
दोनों के आहार एक से हम भी यूँ हीं जीती
पूछो की बेटे से ज्यादा हम भी माँगती क्या
ममता और आँचल से ज्यादा हम भी चाहती क्या
अन्न अगर बेटे को देती हम भी अन्न ही खाती
बेटे से अन्यत्र तो हम भी सोना नहीँ चबाती
पूछो सबसे भेद किया जिन्होंने भी शिक्षा में
लड़की को चूल्हे पर भेजा , लड़के को कक्षा में
पूछो उनसे भी जिन्होंने दोनों को पढ़वाया
लेकिन घर में लड़की से ही घर का काम कराया
नर को दी आजादी जितनी नारी को क्यूँ दी ना
दोनों को ही एक सा रहकर क्यूँ न सिखाया जीना
" लोग कहेंगे क्या " इसकी शिकार बनी क्यूँ नारी
क्यूँ नारी पर ही थोपी लज्जा की बातें सारी
पूछो सारे प्रश्न , सभी बातों को नापो - तोलो
नारी ! आओ बोलो
अगला प्रश्न करो समाज से, पूछो ये सब क्या है
समता के अधिकार न रखना, क्षमता की हत्या है
बहलाया , फुसलाया सबने कन्या को अंधी कर
चंडी कह कर पूजा की और बिठा दिया मंडी पर
मंडी जिसमे कीमत तय करता है केवल नर ही
नर को चाबुक मिली हाथ में नारी को बस डर ही
नारी करती रही काम चोटें चाबुक की सहकर
आहें भरती रही हमेशा सह-सहकर , रह-रहकर
इस पर भी नर हुआ नहीँ कभी नारी का आभारी
पितृसत्ता के जोल में नारी रह गई मात्र बेचारी
नर दाता बन कर के बैठा औरत बन गई दासी
समता के स्वप्नों को सदा से लगती आई फाँसी
इस फाँसी का कारण क्या है बस एक नारी होना
क्या ये कारण कर देता है हमको इतना बौना
ज्यादा हों अधिकार नरों में ऐसा अद्भुत क्या है
दो - दो मस्तक हैं या पूरी सोने की काया है
होती भी , तो भी ये बातें गलत - गलत ही होती
समता है अधिकार मनुज का बात ये फिर भी होती
ऐसे में वर्षों तक कमतर रखना बोलो क्या था
बुद्धि से प्राथमिकता बल को देना बोलो क्या था
ऐसे पक्षपाती समाज का हिस्सा भला बनें क्यूँ
नारी को ही ठुकरा दे ऐसी सन्तान जनें क्यूँ
रहें मर्द फिर ओर कहीँ हमसे मिलने ना आएँ
समता के अधिकार न जब तक "सारे भाड़ में जाएँ"
घुट घुट कर जीना भी जीना होता है क्या बोलो
नारी ! आओ बोलो
अगला प्रश्न करो आगे बढ़कर सारे धर्मों से
कुतर्कों को तोड़ो अपने संयम व तर्कों से
पूछो सबने नारी को आंका था कम किस कारण
सब ग्रंथों में लगती है क्यूँ नारी मात्र भिखारन
देना हो नर को तलाक तो चाहे जब दे जाए
और चाहे नारी तो पहले पति से अनुमति पाए
खुला के नियम और तलाक के इक जैसे होने थे
दोनों के अधिकार यहाँ पर समता के होने थे
पति को है ये छूट की रख ले चार पत्नियां साथ
वाह ! री वाह संसार नरों का, केवल नर के हाथ
वर्षों से एक चित्र खड़ा है विष्णु और लक्ष्मी का
पैर दबाती पत्नी और देखो आराम पति का
अनुचित है ये कहे नहीँ तो और भला क्या बोलें
क्या आँखे हम करें बन्द और साथ इन्हीं के हो लें
बुरका,घूंघट सब महिला पर, पर्दा करें हम ही हम
वो भी क्योंकि , मर्दों से नहीँ होता मन पर संयम
क्या ईश्वर भी पक्षपात से जन्मा है तुम सब का
या फिर सारा किया धरा ये है मर्दों के मन का
अंतिम प्रश्न करो खुद से ही किसके संग खड़ी हो
अपने पथ पर हो या पुरषों के पथ पर चलती हो
शिव के तीन नयन सोने दो , अपने दो तो खोलो
नारी ! आओ बोलो
वर्षों से जो बंद पड़े हैं उन नयनों को खोलो
नारी ! आओ बोलो
नया समय है धरती पर अमृत की बूंदे ढोलो
नारी ! आओ बोलो
--- भूपेन्द्र सिँह खिड़िया
Aapne ye poem khud se likha h...... Bahut payara poem h Mai v is poem ko apne college event me bolna chahti hu... Ek ek bat bahut bariki se likha h aapne🥰
Wow..Grateful💟
@@mansidixit9187 thanks 👍
बहुत दिनों बाद किसी अच्छे कवि की रचना सुनी मन को खुशी भी हुई कि कम से कम इस बार नारी की व्यथा किसी पुरुष ने लिखी है वो भी इतनी बारीकी से,हम भी लिखते हैं पर आप बहुत ही अच्छा लिखते हैं👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏आपकी लेखनी को नमन है
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
The best thing ye hai iss poem ki kisi ldke ne ye sab smja wrna koi ldki ye poem likhti to vo hi feminism ke liye rote log or sab apne sacrifice ginvane aa jate
पूछो उनसे भी जिन्होंने जिन्होंने दोनो को पढ़वाया लेकिन घर में लड़की से ही घर का काम करवाया.... This line❤
Now our society is on this position
@brandonsiddarth3798sare ldke ye sb nhi krte pr choti si bachchi bhi ghr ka kam krti he na ...bhai
The reality ...
@brandonsiddarth3798agar tum jaise nar na ho toh khub bahar kya aasmaan mein bhi jaakr kaam kr skti hai pr tum jaise unhein jeene hi nhi dete bahar aane pr
First bar kisi men ko women se bhi jyada feminist dekha h.... really slaam h bhai,itni schchai or jindadili k liye vo bhi ek boy k munh se🙏🙏🙏😶😶
"समता का अधिकार ना रखना क्षमता की हत्या है "
अद्भुत पंक्ति |
I have heard it about 20 times. Each word is to the point. Voice of every girl. Respect 🙏
Thanks Priyanshi ...
Thanks
@@bhupendrasinghkhidia me too yesterday & today,, it's awesome 👍
Me too
Didi sun ne se badlaav nhi ayega
And the is fact is , yha pr almost sabhi 90% नारी hi hongi, because नर is trha ke lines mai intrested nhi hote , but for those boy Jo ise sun rhe hai , dhanyawad ✨🌼
Lines are written by a men 🥹❤️❤️..... I will cry 🤧
रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता ,नारी के संपूर्ण जीवन को एक कविता में पिरो देना और इन शब्दों को स्वयं पुरुष द्वारा रचित होना अद्भुत है|
ऐसी कविताएं agr हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा बन जाए तो सच कह रही क्रांति आ जायेगी क्रांति ,,
👍👍👍
I can't believe this is 3 years old and im hearing it only now. Such an underrated piece of art
Bahut khushi milti hai jab koi purush nari ke liye aawaj uthata hai...nhi to yaha to nari khud ke liye nhi bolti...
शायद ही इससे बेहतर कविता कहीं सुनी हो ।
❤️🙏
Dil jit liya bhai...bahut jaruri h kuch apvad logo k liye..appreciate your every line..thank yrrr
आपकी कविता की तारीफ के लिए शब्द नही है।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
I am feeling so unlucky ki maine iss masterpiece ko itna late sunaa... literally... You have covered every small thing jo abhi bhi samaaj mei hai or kahi na kahi har ladki ko chubhti hai.. but hum use express nahi kar paate.. karte bhi hai to chup kara diye jaare hai... Because its the part of the culture... Thankyou thankyou a lot for feeling for us.. Just can't expect this coming from a men. Respect. And please if possible do add one para more about girls marriage being burden on their parents. Seems like girls are only born to get married. Hum pehle apne pairo par khada hona deserve karte hai forced marriage nahi.
Sir kal mere school mai Hindi diwas k program tha or mene apki yai Kavita prastut ki sach batao aapko mujhse yai Kavita 5 Barr repeat ker k sune or sab ko is mai sachai Nazar ay or mai 1st aye and I am very happy thanks you sir or vo troffe or certificate mai diserve nhi karti vo aap diserve kerte ho or mai kal apne schl mai bhupendra singh khidia Bane thi thank you so much sir ❤️❤️❤️❤️❤️ I am biggest fan of you ❤️❤️❤️
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 आपने मुस्लिम होकर अपने धर्म की गलतियों को अपनाया बड़ी बात है
M searching for a poetry but it's really heart touching and reality of all ira ......thanks a lot for giving such a poetry with real words...I appreciate and try to hear ur next all poetry lk this type.
शिव के तीन नयन सोने दो अपने दो तो खोलो.. नारी आओ बोलो❤
नारी ही शक्ति है, हर भक्त की भक्ति है,
चोट लगे किसी और को आंखें इसकी रोती है।
Are you in this universe? How can someone be so sensitive and sensible❤️ Thank you for this, you can’t be more gentleman❤️❤️
Thanks Kavita ❤️
Superb bro aapki tarah sabki soch ho jayegi toh kitna aacha hoga ❤
इस कविता की तारीफ मे कुछ भी कहना इस कविता की तोहिन होगी,,
Speechless, and surprise as well to see, how could be man understand the problm of women so deeply........
Just this 🙏🙏🙏🙏🙏🙏👏👏👏👏
❤️🙏
पूछो उनसे भी जिन्होंने दोनो को पढ़वाया
लेकिन घर मे बेटी से हि घर का काम कराया
बुरखा-घुंघट सब महिला पर पर्दा करे हम ही हम
वो भी इसलिए की मर्दो से नही होता मन पर संयम
शिव के तीन नयन सोने दो
अपने दो तो खोलो
These three lines are just killer...he nailed it....just an underrated art....these lines gave me a different feel but after all its amazing faboulus great....I dont have words....just speechless ❤
❤️❤️🙏
Bhot acha... Ap jitna smjh paye utna ek naari naari ko smjh pati to bt hi kya thi.... Beti hone ka dukh na hota kisi bhi ladki ko... Hum bhi hote equal... Samaj me dikhte nhi real me hote equal...
The last line " shiv ke teen nayan sone do,apne do to kholo " was just amazing..❤❤
But laxmi ma per saaf karti h taki gandgi na rhe or alaxmi na aae
Jo bhi ho speech make me speechless ❤
बहुत ही खूबसूरत व्यंग्य है । 💙
"Bete se anyatra to hum bhi sona nhi chabati!"🔥🔥❤..spitting facts man!❤..huge love and respect to you!❤❤👌
❤️
बहुत सुन्दर कविता लिखी... परंतु विष्णु वो है जिनसे सब शुरू होता है और जिनपर सब खत्म होता है... नारी हो या नर सब उनके चरणों में ही हैं...। अगर श्री विष्णु नारी को इज्जत नहीं देते तो क्यों उनके नाम के आगे लक्ष्मी लगता है (लक्ष्मीनारायण / राधे कृष्ण/ सीता राम) हर पुरुष के नाम के आगे श्री लगता है "श्री" अर्थात: "लक्ष्मी"🚩
दूसरी लाइन
"शिव के तीन नयन सोने दो"
अरे मूर्ख शिव को अर्धनारेश्वर कहा जाता है.. सभी नारिया भी उनसे ही और सभी नर भी....
और एक और बात जितनी रिस्पेक्ट सनातन में नारियों को है उतनी अगर किसी और मजहब में हो तो बता....
मेरे सनातन को बदनाम ना कर...
।। जय जगदम्बा ।।🙏
Waah itna hi voh tha toh Toh narad ko bitha lete charno mein..Ek taraf Mahadev ko dekho apne saath Parvati ma ko bithate hai dusri taraf Vishnu sirf doglapan hi dikhate hai
@@latestmovies9995 teri ma ki chut alla ka face reveal kr n lvde Ab sun shree krishna bhi Radha ji ke charno me sar rakhe h vo prem h lakshmi jii ka vishnu ke prati bhaav ko samjho... Hmare dharm me aisa kuchh nhi h
Yatra nari pujyante ramante tatra devta
Samjha sale
मेरे हिसाब से तो भगवान विष्णु की वो तस्वीर किसी नालायक पुरुष ने ही बनाई है वास्तव मे ऐसा हो ही नहीं सकता की श्री विष्णु माँ लक्ष्मी को अपने चरमो मे बैठाए 🙏। वो ईश्वर गलत चित्रण है उस तस्वीर को सभीको ठुकराना चाहिए उसमे ईश्वर गलत चित्रण किआ गया है। और शिव के तीन नयन सोने दो भी एकदम सटीक पंक्ति है। उनके कहने का तात्पर्य है की जिस तरह से पुरुष महिलाओ पर अत्याचार कर रहे है ये सब देखकर तो यही प्रताती होता है की परमात्मा (शंकर जी) अपनी आंखें बंद किए हुए है और उनका आँखें खोलने का मन ही नहीं है क्युकी वास्तव मे उन्होंने आंखें खोली होती तो ये सब देख कर तो अवश्य ही वो तांडव करते। तो उन्हें आंखें बंद ही रखने दो नारियो तुम खोलो 🙏 क्युकी अब ना तो कृष्णा आएगे तुम्हे बचाने और ना शंकर। लगता है सारे ईश्वर पुरुषो के गलत काम देख कर नाराज होकर चले गए है।
Unbelievable,so true... Even better it is coming from a guy
शिव के तीन नयन सोने दो, अपने दो तो खोलो 👌😍 बहुत सुंदर कविता
इतनी सुन्दर और सच्ची कविता की तारीफ करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं है आप को दिल से सेल्यूट करते हैं,,❤️❤️❤️🥰🥰👏👏👏🙏🏻
Shiv k teen netro ko band rehne do tum apne to do kholo....naari aao bolo naari aao bolo❤ bahut hi sundar kavita bahut bahut dhanyawad is rachna k liye mai UA-cam ka dhanyvad krti hu jiske karan ye kavita mai sun paayi🙏
Bahut achhi kavita h 😊🥺
न जाने कितनी बार सुनी ❤️♥️
सच कह रही दिल जीत लिया आपने 🙏😥
Hi sir maine aapki ye Kavita 28 yahi kal Women day celebration par sunaya.sab ro pare sir Kavita sunakar easki partek lines dil ko Chu jati h.thank you so much sir .
❤
Voice of girls dear bhupendra bhaiya..❤❤❤❤ Love from jharkhand ❤
अद्भुत। शब्दों के दायरे में सराहना असंभव।
I am here after listening this on Instagram. I am really glad to listen this, wonderfully portrayed.
Parda odhe hm kyoki purushon k nhi h khud pr sanyam ❤❤ It's lines are truth
आपने व्यंग करके तंज कसने का मौका नहीं छोड़ा,
पुरुषत्व है,
अपने अहंकार को आहत थोड़े होने देगा,
अपने अस्तित्व का प्रदर्शन तो करेगा ही ।
इससे मुक्त होकर प्रयास करेंगे तो ज्यादा अच्छा होगा। 🙂
👍best of luck for next time
Mere mnn k bhot se sawalo ko kisi ne jaise .......uker k rkh diya jo mai aaj tk sochti rhi bol na pai aaj aap ne bol Diya......ek ladke ki baato me ldkiyon ki mnn ki itni gehri baat ❤
Jese saari ladkiyon ki man ki baat boldi ho aapne bhaiya❤🙏🙏🙏
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 अद्भुत...सब पुरूष तुम्हारे तरह होते तो दुनियां अलग होती
अति सुंदर हैं आपके विचार और ये कविता, समाज को जरूरत है आपके जैसे प्रत्यक्षीकरण करने वाले लोगों की❤
Oh my god...kya tha ye!!? Kuch seconds me saari baatein itni gehrai aur saralta se keh gae aap, baap re!!!❤ I being a girl, feel so so so so proud and cherished to see that we really have people (specially a few mals) who are genuinely concerned and worried about whatever we feel as a girl in the society. The way you had portrayed each and every emotion with the perfect tone and feelings, it felt like I WAS SAYING ALL THAT AS A GIRL...the feel, the importance, the awareness you had spread and shared na, is just beyond level. Beautifully beautifully written and conveyed sir beautiful. I know, I along with all the girl audience have truely truely relate and understand what you want to say....nothing to say much but a big big big THANK YOU for this one. Logon ko atleast, ye yaad dilane, ehsaas karane ki kitni zada zaroort hai ki what they do with the females around them. And and most importantly, letting *the females* know ki unke saath kya horra h and what should they do...what is the correct question to ask, what is the write time to raise ones voice, who is the write person to approach, and how to let others answer the questions you had always wished to ask, to ask in a way that each one of the listener should feel what we realy go through.
This mssg is from all of us who are listening and specially, from our girls, who are going to really break all those patriarchal and absurd thoughts and barriers of the society, and will definitely make history being a girl....
Thanku sir for this poetry and a big thanks to the platform which gave him the opportunity to present such a great, goosebumping performance. Really, it made us trilled and more cautious about the reality.❤
Hats off🌼
And this has definitely been printed in the minds of each of us and will always remain with us💜🌼💜🌼💜
Sir , I just want to salute you for this
Sabd nhi h tarif ke liye
Aapne stree ki wo dasha rakhi h samne Jo vastvikta h pr is social media ki duniya ne ise chhupa Diya hai
But this is the reality of our society 😢😢😢
बहुत खूब भईया...अगर आपकी इस कविता से 1% लोग भी सुधर जाएं तो समाज का रुख ही कुछ और होगा...heads of u
O ❤maa❤ bahut khudnasib hai bhagyshali hai jo aap jaisa beta mila sachh me तहे दिल से नमन उनको जिन्होने ऐसा पुत्र पाया❤❤❤ bhagvan kare aap sab sabhi ajnbi logo ko jo mera ya meri camment padh rahe hai sabke maa baap ko bhagavat khush rakhe❤❤❤❤
One of the best presentation of women's in today's kalyug .. well done .. 🙏
Fact that most of the man is appreciating and men is telling this really nice we really this type men in our society ❤❤
Unbelievable ek nar ho kar naari ke liye itna ehsaas 👏👏👏👏
Aisi kavita har har hindi ke book me hona chahiye 👍👍👍
Jo Dil se naari ki respect krta hoga wahi itni achi Kavita likh sakta h .... Brilliant 👏👏👏
Bhupendra sir it was the best poem I ever heard in my life shabdo ka uchaaran bohot hi sundar tarike se tha aur usse bhi sundr aapki kavita ke vakya 🙂
Maine aapki ye poem "sau karod ka kavi" me suni, it was just incredible 🙏👌 then I searched n came here. Dil chhoo liya Aapne .just thankyou thankyou thankyou n lots of respect 🙏🙏🙏👌👌👌👍👍👍👍
एक युवा से यह कविता सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई काश हमारे देश के हर युवक की एसी सोच हो जाए तो हर घर स्वर्ग बन जाए स्त्री सम्मान सेही समानता आएगी
Aapke shabdo ki mithas to maine aaj chakh li
Ye saare shabd maine apne dil me shajon kar rakh li
Brought tears in my eyes. I wish I could play this during my OPD time so that my female patients could listen to it and feel it. I get enraged hearing their helplessness just because they are dependent on people and how scared they are to speak up for themselves. Kudos to you :)
Dil khush ho gya bhai aaj phli baar esi video dekhi hi ek ladke ki jo nari ke liye bol rha hai jio bhi jug jug 😘😘
Dhanya hai aisi Mata jinhone aise sanskar diye hai apne bacho ko 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Really very nice.koi sabd nhi h parsansa karne ke liye. aap hamare samaj ke liye ideal ho.
Amezing❤
Heart touching 💕
Reality batai apne or bahut sundar tarike se bahut badhiya❤❤
❤
Nothing is more beautiful then having a girl in your house either in form of sister, mother or wife ❤
I was literally crying through this 😭 it was so well written and so beautifully conveyed ✨✨ thanks for writing this bro💛
Beautifully Narrated...Bahut Sundar
Maine aaj tak isse achhi kavita nhi suni 🙏🌻bahut khoob ✨
वाह ......बेहतरीन
Kya bat Hai 🙏❤ iss poem ka shukriya or tarif bya krne ke liye sbd chhote pd gye ..but apko God ji aasirwad or khud sara pyar..u hi aage bdte rhe 💯💯
Kya bolu bas word hi nahi hai,, bhut acchi or sachhi kavita ,Dil khush hogya , bhgwan apko or aage badhaye we all need man like you ❤️
Fantastic, very well said 👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼
❤❤❤❤ बहुत ही खूबसूरत कविता सुनी, वो भी आज के युवा से
Being a man It takes a lot of courage to speak about reality and most people even our close ones do not observe these things that we face every day and they give us the so-called "freedom" which is nothing but hypocrisy.
Zyada ho adhikaar naron ko aisa adhbhut kya hai!..do - do sir ya puri sone ki kaaya hai!"..🔥🔥🔥❤..each line each word is on point..fabulous..!!..❤❤👌
Wow yrr❤ boy hote huye girls ki problem bya kerdi😮inhone
Fijnd this today.... Absolutely brilliant. यह तो साहित्य का हिस्सा है. क्या खूब कहा
A man written by women👏👏👏👏
It's really really nice 👏👏👏
Amazingggg!!!!✨ Each line straight away touches the heart .... I'm soo sooo proud to see a guy raising up issues like this! Hats off bhupendra 🙌🙌 beautiful poetry...all my heart❤️
Wow what a eyeopening speech .....if every boy think like u then we can say that girls future is safe
Ye itni achhi chize aaghe q nhi pohch pati🥺❤️
It's heart touching and all about pain of Naari❤
Ek hi to Dil hai kitni bar jitoge❤❤❤
Fake audience jitna vahan taliyaan baja rahe the itna share karte toh shayd ise aaj kitne log sunn paate👌🏻 Magar aaj kall ki generation ko neha ki shaadi se fursat mile tab na🤘🏻
अत्यंत प्रेरणा दायक कविता
Waaahhhhhhhhhh 👏👌 sir kya likha h aapne ... 💯 real situation likhi h apne ladkiyo ki.... yhi samaj ki reality h ...salute to you 🙋♀️ kitne females ki mn ki baat poetry me express kri h aapne..... Is poetry ka hr ek word heart touching h 👍
🙄🙄🙄kyaa baat kahi hai yrrrr too good kaha tha yeh insan 😢 batao aisi itni aachi baate sunne mai 3 saal lag gaye mujhe
Waaah waaah 🌼
Amazing ❤ kyaa tarif me bole .... words hi nahi haiii
You speak and i feel every word . We need only this kind of mentality..thank you so much ❣️
My pleasure 😊
Mery aatma ko jhanjhor k rakh diye h aap thanks h us mataji ko jo aapke jaise tejaswi mard ko jnm di h nama h us ma ko
Superb..........speechless............
Ye sunn k achha bhi lga or bura bhi achha iss baat ki ye line kisi ladke ne boli or bura iss baat ka ki kb khatm hoga ye gender biasness
बहुत ही सुंदर, हृदय को छू जाने वाली पंक्तिया
3 साल बाद सुन रही हूँ , पहले ना सुन पाने का मलाल है
Aaj tak nari jiwan par aisi knita nhi suni thi bahut bdhiya guru ki kripa se aapki ye kvita sabke juban par hodi.😊🇮🇳
बहुत सुंदर रचना के लिये हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।🙏🙏🙏
Shiv ke 3 nayan sone do....
Apne do to kholo
Naree aao bolo👌👌👌👌👌
Bilkul sahi kaha aapne
Beautiful to see a man speaking on these issues, more power to you.
man alway speak about these issue but women dont speak abiut men issue
Congratulations!!! Aaj aap viral bhi honge aur jisko bhi apne aisi soch pe second thoughts aae the unka khud pe confidence bhi wapas aaega...
It unfortunate that it's not getting the recognition it deserves, being an poetry Lover I"ll make sure whoever i know listen to this masterpiece by reciting it myself coz i loved it from my heart,mind, soul..:)❤️
Wahh❤️❤️❤️
जितनी तारीफ करे कम है❤️🙏