आपको बहुत बहुत धन्यवाद । पहली बार मैंने भाषा की सत्यता को जाना । मैं पिछले कई वर्षों से ईरान ,बेबीलोन, बैक्ट्रिया, और आज के भारत पाकिस्तान अफगानिस्तान की 2000 साल पुरानी इतिहास को खंगाल रहा था । वजह 2 थे । एक इतिहासिक और दूसरा निजी । मेरे पूर्वज खैबर पख्तूनवा में रहे थे , और पठान कहे जाते है । वो जब भारत में आए तो अरामाइक लिपि का प्रयोग किया करते थे । उसका कुछ स्टोन इंस्क्रिप्शन हमारे आज के जिले में उपलब्ध है । मैंने उन सभी देशों के राजनीतिक, सामाजिक इतिहास को भी जानने का प्रयास करता आया हूं । ये सही है सम्राट अशोक के जमाने में भारत का प्रशासकीय और सामाजिक भाषा पाली, ग्रीक और अरामाइक रहा है । अरामाइक अंतर्राष्ट्रीय भाषा था मिडिल ईस्ट और उसको लगे इलाकों में । लेकिन कहीं भी संस्कृत भाषा का कोई चिन्ह नहीं था । आपका कहना सही है 4thAD के बाद ही संस्कृत भाषा का सूत्रपात हुई है । यहां तक कि हिंदुओं का तथाकथित पुराण शास्त्र वेद गीता सब 4th AD के बाद रचे गए हैं । इनके धार्मिक विचार धारा में बुद्ध और यहूदी धर्म के विषय वस्तुओं की कहानी बनाकर भारतीय परिस्थिति दिखाकर लिखे गए । अफगानिस्तान के हेरात, गंधार, पेशावर , खैबर पख्तूनवा में हिंदू कभी रहे ही नहीं और न उनके भाषा में संस्कृत का कोई व्यवहार था । Thank U
कुल मिलाकर यह तो साबित हो चूका है की आधुनिक संस्कृत पिछले एक-हजार साल से अस्तित्व में आई है. मगर इससे पूर्व की पालि-प्राकृत भाषाओँ में प्रयुक्त होनेवाली जिस लिपि को 'ब्राह्मी' कहा जाता है उसे 'धम्म-लिपी' कहा जाना चाहिए | क्योकि जिस लिपि में स्वयं 'ब्राह्मी' शब्द नहीं लिखा जा सकता हो, उस लिपि को 'ब्राह्मी-लिपि' कहना इतिहास के साथ एक प्रकार का षड़यंत्र है.
सर जी आपने जो बताया वो हमारे प्राचीन इतिहास की सही जानकारी है परंतु इसके आभाव मे एक वर्ग हमें अपने फायदे के लिए अपने हिसाब से सही तथ्यो को छुपाकर् समझा जाता है जिसे हम आज तक मानते आ रहे है यह जन चर्चा का विषय कैसे बने मैं चाहता हूँ इस साहित्य की प्रतिया हमें भेज दे जो खर्च होगा आपका भुगतान कर देंगे इसका छोटी छोटी सभाओ मे साक्ष्यों के रूप मे प्रयोग किया जाएगा
श्रीमान जी मुझे कई यंत्र समझ मे नही आते थे । उनकी भाषा symbol समझ ही नही पाता था । आपकी यह video देख कर अब समझ मे आया है । बहुत पुरानी पांडुलिपि मेरे पास है जिसमे तंत्र, मंत्र का ज्ञान है । आपकी video से अब समझ पा रहा हूँ । आपका दिल से धन्यवाद ।
सर आपको तह दिल से बार-बार नमस्कार आप बहुत अच्छा प्रयास करते हैं हमारे मूलनिवासी समाज को जगाने के लिए जिससे कि वह अपनी प्राचीन प्राकृती बाबा और तथागत बुद्ध के इतिहास को बारीकी से समझ
आप की इतिहास की जानकारी बहुत ही सत्य एवं तथ्यात्मक है।यह हमारा दुर्भाग्य है कि इतिहास को नहीं जानते केवल मान्यताओं को ही सर्वोपरि मानते हैं आस्था और मान्यता को इतिहास मानलिया है
नमो बुद्धाय...! आपकी मेहनत को शत-शत वंदन...! इस समय एक प्रश्न मन में उभर रहा है कि भगवान बुद्ध से पहले तक्षशिला विश्वविद्यालय का अस्तित्व था और दुनिया भर के लोग वहां पढ़ने आते थे.. तो वहां क्या पढ़ाया जाता था..?
सर बड़ा आनंद आया बड़ी तृप्ति हुई एक चीज और बताइए सर जो संस्कृत आज हम बोल रहे हैं पढ़ रहे हैं हालांकि आपने बताया है कि हर्षवर्धन के बाद , फिर भी आप बताइए कि आज वाली संस्कृत कौन से सन के बाद विकसित हुई है
बहुत सटीक जानकारी , असल इतिहास को खत्म करके ,झूठ जनता के मस्तिष्क में घुसा दिया गया है । विश्व ज्ञान को गुरु से खत्म किया गया है , गुरुकुल केवल एक कुल का ज्ञान है , जबकि बौद्ध दर्शन विश्व दर्शन है ।
आपका आभार और साधुवाद सर आप बहुत अच्छी जानकारी देते रहते सर,जो पराम्परागत भ्रान्तियो को तोड़ती है, कृपया ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने की कृपा करें, धन्यवाद
क्ष , त्र , ऋ ,श्र, और ज्ञ शब्द नहीं थे और नाही संस्कृत भाषा थी। इसलिए वर्ण व्यवस्था और ऋग्वेद भी नहीं थी। ऋग्वेद और वर्ण व्यवस्था, तथा संस्कृत साहित्य, मध्यकालीन है और तेरहवीं सदी में लिखें गए हैं।
Very Very nice and informative video. Very Very thanks for the video. कृपया पाली पाकित भाषा के सरल वाक्यो द्वारा समझाए। वे कैसे बोलते थे।मुझे कुछ वाक्य सीखने है।अति कृपा होगी। धन्यवाद।
सर जब संस्कृत इतना प्राचीन नही है तो क्या चाणक्य और पडिनी के इतिहास पर कितना सही है? चाणक्य को तो सुप्रीम बताया गया है उसी ने चंद्रगुप्त को अकेले ही सम्राट बना दिया। जबकि उस समय मे उसकी लिखी हुई भाषा संस्कृत का कोई सबूत नही मिलता हैं? बहुत उलझन है सर।। 🙏🙏 expain plzz
मतलब वेद पुराण रामायण गीता आदि सब आठवीं से ग्यारहवीं सदी मे लिखे गए हैं जो लेखकों की कल्पना है?दुनिया का सबसे पुराना धर्म भी साक्ष्य के अनुसार फिर तो बौद्ध धम्म ही बनेगा उसके बाद जैन फिर जहूदी फिर ईसाई फिर ब्राह्मण धर्म हिन्दू मुस्लिम सिख?
Isiliye brahmano yaha ke mulnivasi logon ko yani Bauddh ko likhe padne pr rok lagayi thi lekin sach kabhi nahi chupta vo baba saheb Dr ambedkar ji sub jan gaye the
Sir,aapke video se patachalta hai ki itihas Karo or sarkar ne puredeshko galat itihas padhake murkh banaya hai or missguide Kiya hai.thank u so much.keep it up sir.
मैं कई सालो से ऐसी वीडियो की खोज कर रहा था सर,मुझे तो सही तरह से हिंदी भी नहीं आती थी अब मेरे सतगुरू अमर आनंद महाराज जी ने नई लिपि की खोज की है कभी बात करेंगे ,ऐसी वीडियो बनाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर 🤟👍🧿🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपको बहुत बहुत धन्यवाद । पहली बार मैंने भाषा की सत्यता को जाना । मैं पिछले कई वर्षों से ईरान ,बेबीलोन, बैक्ट्रिया, और आज के भारत पाकिस्तान अफगानिस्तान की 2000 साल पुरानी इतिहास को खंगाल रहा था । वजह 2 थे । एक इतिहासिक और दूसरा निजी । मेरे पूर्वज खैबर पख्तूनवा में रहे थे , और पठान कहे जाते है । वो जब भारत में आए तो अरामाइक लिपि का प्रयोग किया करते थे । उसका कुछ स्टोन इंस्क्रिप्शन हमारे आज के जिले में उपलब्ध है । मैंने उन सभी देशों के राजनीतिक, सामाजिक इतिहास को भी जानने का प्रयास करता आया हूं । ये सही है सम्राट अशोक के जमाने में भारत का प्रशासकीय और सामाजिक भाषा पाली, ग्रीक और अरामाइक रहा है । अरामाइक अंतर्राष्ट्रीय भाषा था मिडिल ईस्ट और उसको लगे इलाकों में । लेकिन कहीं भी संस्कृत भाषा का कोई चिन्ह नहीं था । आपका कहना सही है 4thAD के बाद ही संस्कृत भाषा का सूत्रपात हुई है । यहां तक कि हिंदुओं का तथाकथित पुराण शास्त्र वेद गीता सब 4th AD के बाद रचे गए हैं । इनके धार्मिक विचार धारा में बुद्ध और यहूदी धर्म के विषय वस्तुओं की कहानी बनाकर भारतीय परिस्थिति दिखाकर लिखे गए । अफगानिस्तान के हेरात, गंधार, पेशावर , खैबर पख्तूनवा में हिंदू कभी रहे ही नहीं और न उनके भाषा में संस्कृत का कोई व्यवहार था । Thank U
सरजी जो भारत का इतिहास हमें पढ़ाया जा रहा है वह एक मज़ाक है। बिना किसी सबूत के संस्कृत को सबसे पुरानी भाषा बनाया हुआ है।
कास यह लिपियों के बारे मे हमें पढ़ाया बताया गया होता इतना कंफ्यूजन नहीं होता बहुत बहुत धन्यवाद सर जी 🙏
एक तरफ दृष्टि वाले दिव्याकीर्ति सर हैं जो सच्चाई से अवगत कराते रहते हैं दूसरी तरफ आप हो🙏🙏🙏
हर अध्यापक अगर आप जैसे हो जाएं तो दुनिया ही बदल जाए
जो इतिहास हमे भ्रमवंशियों द्वारा परोसा गया है, वह पूरा सच नहीं है ! अपने बड़ें ही खूबसूरत तारिके से समझाया!
Thank you sir🙏 Keep educating us ❤
आम लोगो मे जागरूकता फैलाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ...आप जैसे सच्चे लोगों की बहुत आवश्यकता है इस देश को ।
कुल मिलाकर यह तो साबित हो चूका है की आधुनिक संस्कृत पिछले एक-हजार साल से अस्तित्व में आई है.
मगर इससे पूर्व की पालि-प्राकृत भाषाओँ में प्रयुक्त होनेवाली जिस लिपि को 'ब्राह्मी' कहा जाता है उसे 'धम्म-लिपी' कहा जाना चाहिए |
क्योकि जिस लिपि में स्वयं 'ब्राह्मी' शब्द नहीं लिखा जा सकता हो, उस लिपि को 'ब्राह्मी-लिपि' कहना इतिहास के साथ एक प्रकार का षड़यंत्र है.
भारत की सबसे प्राचीन लिपि धम्म लिपी है।
और पाली प्राकृत भाषा जंबूद्वीप की सबसे पूरानी लिपि है।
सर जी आपने जो बताया वो हमारे प्राचीन इतिहास की सही जानकारी है परंतु इसके आभाव मे एक वर्ग हमें अपने फायदे के लिए अपने हिसाब से सही तथ्यो को छुपाकर् समझा जाता है जिसे हम आज तक मानते आ रहे है यह जन चर्चा का विषय कैसे बने मैं चाहता हूँ इस साहित्य की प्रतिया हमें भेज दे जो खर्च होगा आपका भुगतान कर देंगे इसका छोटी छोटी सभाओ मे साक्ष्यों के रूप मे प्रयोग किया जाएगा
इस अमूल्य और बेशकीमती जानकारी के लिए आपका हृदय से धन्यवाद🎉🎉
अगर ऐसी बात है तो वेद को बुद्ध के पहले का कैसे बताया जाता है। जब की पहला वेद का नाम ही ऋग्वेद है🤔🤔
इस पर एक वीडियो बनाइए 🙏
बहोतही महत्वपूर्ण ईतिहासका ज्ञान.... आप हमेशा नयी नयी इन्फॉर्मेशन हमारे साथ शेयर करते हो आपको सॅल्युट.. आपको साधुवाद..
श्रीमान जी मुझे कई यंत्र समझ मे नही आते थे । उनकी भाषा symbol समझ ही नही पाता था । आपकी यह video देख कर अब समझ मे आया है । बहुत पुरानी पांडुलिपि मेरे पास है जिसमे तंत्र, मंत्र का ज्ञान है । आपकी video से अब समझ पा रहा हूँ । आपका दिल से धन्यवाद ।
सर आपको तह दिल से बार-बार नमस्कार आप बहुत अच्छा प्रयास करते हैं हमारे मूलनिवासी समाज को जगाने के लिए जिससे कि वह अपनी प्राचीन प्राकृती बाबा और तथागत बुद्ध के इतिहास को बारीकी से समझ
आप की इतिहास की जानकारी बहुत ही सत्य एवं
तथ्यात्मक है।यह हमारा दुर्भाग्य है कि इतिहास को नहीं जानते केवल मान्यताओं को ही सर्वोपरि मानते हैं
आस्था और मान्यता को इतिहास मानलिया है
जी बिल्कुल
मनुवादी इतिहासकारों के मुंह पर लात है ये । सत्य इतिहास दिखाने के लिए धन्यवाद ।
इससे जाहिर हो गया है कि संस्कृत भाषा पाखंडियों ने बनाई है, ताकि जनमानस उसे समझ न सके और उनका ढोंग धंधा चलता रहे .
सर, आप ने जो कहा वह सत्य है हम भारतीय लोग को इन अभिलेखों को खुद से वहा जाकर पढना चाहिए नहीं तो इतिहासकार हम लोगों को भ्रमित करते रहेगे
ईरान, बैक्टीरिया और ग्रीक के इतिहास पर एक डिटेल वीडियो बनाये 🙏
बहुत ही ज्ञानवर्धक वीडियो ध्यानवाद ।
बहुत ही प्राचीन भाषा का और इतिहास का ज्ञानवर्धन किया है ,, इसके लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद सर,,
धन्यवाद सर जी .
आप ने धम्म लिपि की और उसी से निर्मित अन्य भारतीय लिपियों की सही और सटीक जानकारी दी है . आप से सत्य को तथ्य के आधार पर सामने रखा है .
सरल,सहज ढंग से समझाने के लिए आपका दिल से धन्यवाद।
जय भीम, जय संविधान
इतिहास की सही जानकारी देने के लिए आपको को बहुत-बहुत साधुवाद सर।
सो प्राउड ऑफ यूं सर जी आप ने इतनी महत्वपूर्ण सच इतिहास वार्तालाप संवाद से हमारे बीच रखते है दिल से शुक्रिया 🌹✍️🇮🇳💖🙏
ऐसे वीडियो बनाने में ज्ञान के साथ साथ बहुत मेहनत की आवश्यकता होती है। आपको प्रणाम 🙏🙏🙏👏👏👏👌👌👌🌹🌹🌹
धन्यवाद 🎉 मैंने इस लिपि का अध्ययन किया है। सिद्धहस्त नहीं हो पाया हूं।❤❤ मात्राएं ठीक से नहीं समझ पाया था।अब अध्ययन से धीरे-धीरे समझ रहा हूं।
11 saal se history padh raha hu aisha kahi nhi dekha amazing video bhai 🙌🙌🙌
साहेब आपको धन्यवाद किन शब्दों मे दूं मेरेपास शब्द नही है . बस हम आपके ऋणी रहेंगे .
🙏
१००% सच, बहुत मेहनत कर रहे है सर आप।
जय भीम जय भारत
इतिहास हा असली परिचय आपके हि चेनल द्वारा प्राप्त होता हे....धन्यवाद ...
Thanks for giving important information about our ancient history. Salute to your work.
आप का सारा विडियो बहुत बढिया एवं ऐतिहासिक होते हैं ।
बहुत ज्ञानवर्धक
सर एक video सम्राट जयचद्र के उपर बनाए ओ गद्दार नही थे भारत के आखरी बौद्ध सम्राट थे जो विरगती को प्राप्त हुए थे 🙏
नमो बुद्धाय...!
आपकी मेहनत को शत-शत वंदन...! इस समय एक प्रश्न मन में उभर रहा है कि भगवान बुद्ध से पहले तक्षशिला विश्वविद्यालय का अस्तित्व था और दुनिया भर के लोग वहां पढ़ने आते थे.. तो वहां क्या पढ़ाया जाता था..?
आपकी मेहनत को प्रणाम। बहुत मेहनत करके विडियो बना रहे हो।🎉🎉🎉
सर बड़ा आनंद आया बड़ी तृप्ति हुई
एक चीज और बताइए सर जो संस्कृत आज हम बोल रहे हैं पढ़ रहे हैं हालांकि आपने बताया है कि हर्षवर्धन के बाद , फिर भी आप बताइए कि आज वाली संस्कृत कौन से सन के बाद विकसित हुई है
Great sir very very thanks to provide truth information of Pali script and others.
आंखें तो आपकी भी खुली है यह सब कुछ पढ़ कर के क्योंकि आप के शुरुआती वीडियो में मैंने देखा है.
2 वर्ष में आप में भी काफी परिवर्तन आ गया है
बहुत सटीक जानकारी , असल इतिहास को खत्म करके ,झूठ जनता के मस्तिष्क में घुसा दिया गया है । विश्व ज्ञान को गुरु से खत्म किया गया है , गुरुकुल केवल एक कुल का ज्ञान है , जबकि बौद्ध दर्शन विश्व दर्शन है ।
आपका आभार और साधुवाद सर
आप बहुत अच्छी जानकारी देते रहते सर,जो पराम्परागत भ्रान्तियो को तोड़ती है, कृपया ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने की कृपा करें, धन्यवाद
क्ष , त्र , ऋ ,श्र, और ज्ञ शब्द नहीं थे और नाही संस्कृत भाषा थी।
इसलिए वर्ण व्यवस्था और ऋग्वेद भी नहीं थी।
ऋग्वेद और वर्ण व्यवस्था, तथा संस्कृत साहित्य, मध्यकालीन है और तेरहवीं सदी में लिखें गए हैं।
सर अब क्लास ७ में पढ़ाया जाता है कि तक्षशिला मै सभी विषयों संस्कृत में पढ़ाया जाता था । उनका विडीयो बनाकर शेर करने की बिनती।
Bahut bahut dhanyawad sir 🙏 ye jankari Dene k liye 🥰 very nice video sir 🙏
क्या इतिहास पढ़ाते हैं सर दिल से सैलूट 🙏🙏🙏
Thanks sir uploading these type video..🙏🙏🙏
नमो बुध्दाय बुद्धमय भारतवर्ष जय संविधान जय समन संघ
Such a nice information regarding Ancient Indian scripts and their modifications.....felt knowledge with your video sir. Thank you
Thank you sir!
पूरे doubts clear हो गए!❤❤❤❤
Very Very nice and informative video.
Very Very thanks for the video.
कृपया पाली पाकित भाषा के सरल वाक्यो द्वारा समझाए। वे कैसे बोलते थे।मुझे कुछ वाक्य सीखने है।अति कृपा होगी।
धन्यवाद।
Thanks for your knowledgeable video. 🙏🏻
सर जब संस्कृत इतना प्राचीन नही है तो क्या चाणक्य और पडिनी के इतिहास पर कितना सही है?
चाणक्य को तो सुप्रीम बताया गया है उसी ने चंद्रगुप्त को अकेले ही सम्राट बना दिया। जबकि उस समय मे उसकी लिखी हुई भाषा संस्कृत का कोई सबूत नही मिलता हैं? बहुत उलझन है सर।। 🙏🙏 expain plzz
जल्दी ही इस पर वीडियो बनाऊंगा
Great to listen to you.. thanks.
Heartly thanks sir❤,,,,, great information by you,,,,,,I fully agree with you 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
You are a great and true man, salute for you ❤
बहुत बहुत साधूवाद।
Sir , thanks for information
मतलब वेद पुराण रामायण गीता आदि सब आठवीं से ग्यारहवीं सदी मे लिखे गए हैं जो लेखकों की कल्पना है?दुनिया का सबसे पुराना धर्म भी साक्ष्य के अनुसार फिर तो बौद्ध धम्म ही बनेगा उसके बाद जैन फिर जहूदी फिर ईसाई फिर ब्राह्मण धर्म हिन्दू मुस्लिम सिख?
Awesome video sir...
Sir aapke video knowledgeable hai 🙏
Bahut badhiya jankari hai. Dhanyabad.......from Kathmandu
excellent informations.
Valuable information sir. Salut to you 🙏🙏🙏
Thank you for your effort to clarify history 🙏🏻
Sir you really interpreting the history with basic signs and symbols and with natural ways. Thank you
Great work 👌 .. keep educating us 🇮🇳
Very Informative 🙏🏻🙏🏻
The best channel 👌👌👍
Clear knowledge of the development of language
धन्यवाद महोदय
thank you sir to giving me useful information😮
बहुत अच्छा वीडियो है । भाषाओँ और लिपियों के क्रमिक विकास के बारे में । धन्यवाद ।
तथ्यपरक रोचक जानकारी के लिये साधुवाद बहुत आभार।
हमारे ज्ञान में अभिवृद्धि के लिए धन्यवाद
सटीक जानकारी और तथ्यात्मक जानकारी दी है अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने का कार्य है। बहुत बहुत साधुवाद जी।
आज के ब्राम्हणो और जातपात की उत्पत्ति पर भी video बनाये
Ji bilkul
सर अब तो नये रिसर्च से यह भी पता चल रहा है कि पाणिनी बोद्ध भिक्षु थे
Excellent discussion
❤bahut sundar ❤
Dhanyawad😊❤
Great Wark Sir Thanku 🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐🙏🏻Namo Budhay 🙏🏻💐🙏🏻Jay Bhim 🙏🏻💐🙏🏻
Extremely valuable
Wonderful
साधुवाद आपके प्रयासों के लिए ....
Very well nice story thanks for sir
Thankyou sir... 🎉🎉❤
ये सबसे महत्वपूर्ण video है बहोत खूब🙏 सर पाली और अर्धमागधी में कया फरक है
Isiliye brahmano yaha ke mulnivasi logon ko yani Bauddh ko likhe padne pr rok lagayi thi lekin sach kabhi nahi chupta vo baba saheb Dr ambedkar ji sub jan gaye the
आपके विडियो देखकर और जानने का उत्साह बढ़ा। बहुत ही धन्यवाद गुरुदेव
Very useful video 🙏
भारतीयोंने देवनागरी ये एक परिपूर्ण लिपी बनायी हैं!
Sir,aapke video se patachalta hai ki itihas Karo or sarkar ne puredeshko galat itihas padhake murkh banaya hai or missguide Kiya hai.thank u so much.keep it up sir.
मैं कई सालो से ऐसी वीडियो की खोज कर रहा था सर,मुझे तो सही तरह से हिंदी भी नहीं आती थी अब मेरे सतगुरू अमर आनंद महाराज जी ने नई लिपि की खोज की है कभी बात करेंगे ,ऐसी वीडियो बनाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर 🤟👍🧿🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
You are the best sir
Bahut sundar vishleshn,jitni prashnsa ki Jaye Kam he, thanks
मेरे पास एक अपठित शिलालेख की फोटो है क्या आप मेरी इसको पढ़ने में मदद कर सकते हैं
बहुत सुंदर।
A great salute to u sir. Jai Bhim sir.
U r opening our eyes and ear sir.
संस्कृत भाषा भी बुधिस्टो का है.. Buddhist hybrid sanskrit
Thank you sir I got a lot of knowledge of history.
Very good