अजीब गरीब रिवाज करते हैं आजकल के गढ़वाली कोई छलनी के नीचे नहलाता है कोई दारू से नहलाता है । अपने पूर्वजों के पुराने रीति-रिवाज सब छोड़ दिये हैं । और ये सब गढ़वाली ही करते हैं । सबकुछ छोड़ने की आदत सी हो गई जैंसे अपने गांव , घर, पहनावा , अपनी बोली भाषा, अपने रिश्ते सब एक दिन छूट जायेगा । पलायन कर दिया हमारी बेटियों ने सबसे बड़ा योगदान बेटियों का ही है । बुरा मत मानना बेटी पर सोचना जरुर कि आप क्या दे रहे हो आप अपनी आने वाली पीढ़ी को ।
❤❤
Beautiful sharing video 🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤
पिछौडा कुमाउं मण्डल का गढ़वाल मण्डल की चदरी होती थी । गढ़वाली उसे भूल गये हैं आदतन ।
अजीब गरीब रिवाज करते हैं आजकल के गढ़वाली कोई छलनी के नीचे नहलाता है कोई दारू से नहलाता है । अपने पूर्वजों के पुराने रीति-रिवाज सब छोड़ दिये हैं । और ये सब गढ़वाली ही करते हैं । सबकुछ छोड़ने की आदत सी हो गई जैंसे अपने गांव , घर, पहनावा , अपनी बोली भाषा, अपने रिश्ते सब एक दिन छूट जायेगा । पलायन कर दिया हमारी बेटियों ने सबसे बड़ा योगदान बेटियों का ही है । बुरा मत मानना बेटी पर सोचना जरुर कि आप क्या दे रहे हो आप अपनी आने वाली पीढ़ी को ।
जी सब जगह अलग अलग रिवाज है चमोली में ऐसा ही करते हैं