मैं छत्तीसगढ़ से हूं और छत्तीसगढ़ी भाषी हूं , मैंने बचपन में ये गीत सुना था शायद 25-30 साल पहले। मुझे इतनी समझ नहीं थी कि ये कौन गा रही है पर सुनने में अच्छा लगता था और बचपन की यादें भी इस गीत से जुड़ी हैं। युट्युब आने पर पता चला कि ये शारदा सिन्हा जी हैं और उनकी तस्वीर देखी , सच बताऊं तो वह अपने लोकगीत और संस्कृति के लिए समर्पित थीं । उनके निधन से मैं भी स्तब्ध और दुखी हूं । हे माता आप धन्य हैं। आपको बारंबार प्रणाम है , ओम शांति 🌹😢🙏🙏
Bhut badi bihar hum logo ko chaati hua sadi ho ya chaath subh sarda maa ji ke gaane se hota tha.avi maa ka sharir avi patna me hi h .antim संस्कार के लिए .कल सुबह का इंतजार kiya ja rha hai. Maa aap amar ho devi or pabitra jo chaatji maiya aapko apne din me bulaya.
Dhanya hai janakpur k baasi jinko maryada purushottam Narayan swaroop sakshat Bhagwar SHRI RAM ko jamai k roop mei darshan miley. Same for Ayodhta vaasi for jagat janani SITA MAIYA K LIYE❤❤❤
प्रिय शारदा सिन्हा जी, आपके मधुर सुरों और भावपूर्ण गीतों ने न जाने कितने दिलों को छू लिया है और जीवन में सुख-शांति भर दी है। आपके गायन से जुड़ी मधुर स्मृतियाँ हम सभी के मन में सदा जीवित रहेंगी। आपकी आवाज़ ने लोक-संगीत को एक नया आयाम दिया है और आपकी इस अनुपम धरोहर को हम सदा संजोए रखेंगे। ॐ शांति। ईश्वर से प्रार्थना है कि आपके आत्मा को शांति प्रदान करें और आपके परिवार को इस कठिन समय में संबल दें। आपकी संगीत साधना और योगदान सदैव हमारे दिलों में अमर रहेगा। शांति, प्रेम और श्रद्धांजलि सहित, आपके सभी चाहने वाले
Mujhe Aisa lagta hai Bihar ki sanskriti Amar hai aur hamesha Amar hi rahegi....kyonki log kehte hain ki padhna bahot jaruri hai..... Aur sabse upar padhaayi hai mai nahi maanta...... Agar sabse upar hai to sirf ek hi aur wo hai sanskaar..... Bachcho ko padhaa lo aur sanskaar mat do aap sab ko khud pata lag jaayega...... Aur hamaari sanskriti hi hamaari pehchan aur sanskaar hai.....
आदरणीया पद्म श्री शारदा सिन्हा जी के पावन चरणों में सादर नमन, जयहिंद वंदेमातरम, लाजबाव,आज भी उतना ही आकर्षण,जब बचपन में रेडियो स्टेशन से सुनते थे, मां विद्यवारिधि शारदा, जिन्हें मां सरस्वती जी, भी कहा जाता है, सदैव कृपालु रहें, एक बात और,उस पूज्य माता पिता की दूरदर्शी दिव्य दृष्टि को भी सादर नमन जिन्होंने , बाल्यकाल में ही आपकी विलक्षण प्रतिभा को पहचान लिया और सार्थक, शारदा, नाम दिया,
शारदा सिन्हा जी अद्वितीया थीं। अनंत ह्रदयों को आह्लाद प्रदान करने वाली माँ शारदा सिन्हा जी को भगवान श्रीसीतारामचंद्रजी अपने श्री चरणों में स्थान दें। 🙏
बिहार कोकिला -लोक गायिका (शारदा सिन्हा) जी के निधन पर शोक प्रकट करता हु , हम सभी आप को सदा अपने दिलों में बसा के रखेंगे ।। 🙏🏵️🙏 आप के गाय गीत हमारे दिलों में सदैव रहेंगे।। आप को शत शत नमन 🙏🙏
ये गीत हमारी समृद्ध संस्कृति को बयाँ करती है , और बहुत ही सुंदर लहज़े में संस्कृति से सवाल करती है । जिसका जवाब बहुत ही स्तब्ध कर देते हुए हमारी सांस्कृतिक विरासत को समाये हुए है ।।
(Copy paste) तब अक्सर बारात बैलगाड़ी से आती थी। उस बैलगाड़ी के पीछे बाजा बंधा रहता था। बाजे में बियाह का गीत बजता रहता था "सखी फुल लोढ़य चलू फुलवरिया, सीता के संग सहेलिया" गाड़ी लड़की वाले के द्वारे रुकती थी। बैलगाड़ी से बाजा उतार कर बांस में बांधकर टांग दिया जाता था। वही कैसेट फिर से लगा देते थे। जिसमें बजता रहता था कि *मोहि लेलखिन सजनी मोरा मनमा, पहुनमा राघव" बाराती नाश्ता करते। आराम करते। खाना खाते। शादी हो रही होती। और बांस में टंगे बाजे में उसी एक आवाज़ में गाना बज रहा होता- "जोगिया करत बड़जोरी, सिंदूर सिर डालत हे"। "सुतल छलियै हम बाबा के भवनमा, अचके में आएल कहार"। रात में शादी हुई। सुबह विदाई का वक्त। वही बाजा। वही आवाज़।- "ऐते दिन छलियै बाबा दुलरी तोहार हम आज मोरा जोगी लेने जाए"। इन गानों को आवाज़ देने वाली थीं शारदा सिन्हा जी। जिन्होंने घर-आंगन में गाए जाने वाले गानों को आसमान में पहुंचा दिया था। और ये किया था उन्होंने सबसे पहले 1971 में। 53 बरस पहले। उनके पहले कैसेट में ये गाना था "दुल्हिन धीरे धीरे चलियो ससुर गलिया" "द्वार के छेकाई नेग पहिने चुकैयौ यौ दुलरुआ भैया" बिहार की एक बड़ी आबादी की शादी में ये तमाम गाने 'राष्ट्र गीत' की तरह थे। बोलियों की दीवार को फांदकर इन विशुद्ध मैथिली गाने ने नई लकीर खींच दी थी। शारदा जी के गीतों ने भाषाई समझ की नई परिभाषा गढ़ दी थी। फिर उन गानों को आवाज़ देकर देहरी से बाहर निकालने लगीं जो तब घर घर घूंघट में दबी रहती थी। - "बाबा लेने चलियौ हमरो अपन नगरी" फिर शारदा जी ने छठ के गानों को आवाज़ दी तो वो महापर्व का पर्याय बन गई। "कांचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए"। समूचे बिहार में छठ घाटों पर शारदा जी के गाने ऐसे बजते थे जैसे वो गीत नहीं प्रार्थना हो। "उग' उग' हो सुरूज देब, भेलै अर्घक बेर"। मधुबनी-सीतामढ़ी और सुपौल से लेकर पटना, आरा-बक्सर और कैमूर तक छठ में यही गाने बजते रहे बरसों तक। बाद के दिनों में भोजपुरी गीत/संगीत नए दौर में पहुँचा तो नए गायकों ने भी छठ गीत गाए और शारदा सिन्हा जी ने भी गियर बदलकर भोजपुरी की ओर रुख़ किया। एक से बढ़कर एक गाने गाए। छठ के भी। बिबाह के भी। और फिल्मों के भी। मगर छठ के तमाम गीतों को छांटने पर कनेक्ट वही करता है जो पहली बार गया था शारदा जी ने- "पटना के घाट पर हमहूं अरघिया देबै हे छठि मैया"! छठ से इतर शारदा सिन्हा ने उन तमाम गाने को आवाज़ दी। उसे बड़े स्तर पर पहचान दिलाई जो एक परिधि में सिमटी हुई सी थी। उन्होंने सामा चकेवा का वो गीत गाया जो दशकों से घरों में महिलाएं गाती थीं- "गाम के अधिकारी तोहैं बड़का भैया हो" या फिर झिझिया का गीत हो। या विद्यापति के छंद को सुरों में पिरोया। विद्यापति को सुरों से जो श्रद्धांजलि दी थीं जो अद्भुत थी। बाद में उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में भी गना शुरू किया। मैथिली से शुरू होकर बॉलीवुड तक पहुंची तो आवाज़ आई- "कहे तोसे सजना, तोहरी सजनियां, पग पग लिये जाऊँ तोहरी बलैयां"। बरसों बाद गैंग्स ऑफ बसेपुर में उनकी आवाज़ में गाना आया- "तार बिजली से पतले हमारे पिया"। यकीनन बेहतरीन है। बेहतरीन वो गीत भी है जो बिहार के उन बोली-भाषा से मिलकर लोकगीत बना और उसे शारदा जी ने आवाज़ दी- "पनिया के जहाज से पलटनियां बनि अइएह पिया, लेने अइएह' हो पिया सिंदूरवा बंगाल से"। मांग में चमकता लाल सिंदूर। माथे पर बड़ी सी टिकुली। लाल लिपिस्टिक। और मुंह में पान। खिलखिलाते चेहरे वाली शारदा सिन्हा की ये पहचान थीं। हालांकि आखिरी दिनों में ईश्वर उनसे रुठ गए। जो पहचान थी उनकी वो छिन गई। शायद ये बड़ा सदमा था उनके लिए। अस्पताल में थी तब उनके बेटे ने उनका आखिरी गाना रिलीज किया वो भी छठ का- "दुखवा मिटाईं छठी मइया, रउए असरा हमार" ईश्वर फिर से निष्ठुर हो गए। शारदा जी विदा हो गई। उनकी विदाई की ख़बर के बाद मेरे दिमाग में बार उनका वो गीत घूम रहा है, जो ब्याह की अगली सुबह बेटी की विदाई के वक्त बैलगाड़ी के पीछे लगे बाजे में बजता हुआ जाता था- "बड़ रे जतन सं सिया धिया पोसलौं...ओहो धिया राम लेने जाई। ॐ शांति!
बचपन से इस विवाह गीत को सुनते आया हु।आज भी सुनता हूं।शार 3:21 दा जी के विवाह गीत से ग्रामीण बिहार के शादी का चित्र मानस पटल पे उद्धरित हो जाता है।जय बिहार।
यह भोजपुरी की असली संस्कृति जिसे आज कल के नकटे गायक और भांड अभिनेताओं ने खराब कर दिया है।धन्य है मां जैसा आपका नाम वैसी ही आवाज की मधुरता,वैसे ही गीत के शब्द।🎉🎉🎉🎉
@@ijotmaithili786 यह कौन सी भाषा है मूर्ख,आपको पता है आपने जिसे मूर्ख कहा है,उसने भाषा विज्ञान/लोक कलाओं पर phd कर रखी है,भोजपुरी के कितने प्रकार,ध्वनियां उच्चारण स्थान जो भी है मुझे सब पता है,इसलिए आपकी यह उपाधि आपके पास ही रहेगी,जहां तक गायक और लोक कला की बात है,तो मां शारदा सिन्हा जैसी भोजपुरी बेटी बिरली ही होती है,उनका सम्मान शब्दो में नही किया जा सकता। हां मैने उन गायकों का संबोधन निम्न स्तर का किया है जिन्होंने अपनी गायकी,अश्लील शब्द विशेष से भोजपुरी संगीत की आत्मा ही मार दी,और इस संबोधन का मुझे कोई अफसोस भी नही है।
बचपन से लेकर आज तक हम आपके गीत को सुुन रहें हैं.जब भी सुनते हैं हमें अपनी मां जो गुजर गई है वो बहुत याद आने लगती हैं कलेजा फटने लगता है क्योंकि मेरी मां भी आपके गीत संगीत को बार बार सुनती थी ,,, आपकों सादर नमन 😢❤❤😊😊😊😊😊😊
Ishwar ka varnan humare up bihar ke sanskriti me hi sabse ache se kiya gya hai. Parantu aj bihar ka hal dekh kr bura lgta hai bohot 😔 congratulations up for good cm u all got
तुम एक समय हिंदू ही थे मुसलमान बन गए सामाजिक स्थिति परिवर्तित के लिए मन हल्का नहीं करना चाहिए देश की प्रत्येक चीज पर मनुष्य का अधिकार है धर्म और जाति बाधक नहीं होने चाहिए
हम बिहार से और ये मधुर स्वर मैथली भाषा के जनक जो पूरे विश्व में सब सुनते हैं ऐसे माँ समान रूप में इनको बारम्बार जन्म मिले भागवान इनको चरणों में स्थान दे 🙏🙏
आज का दिन बहुत ही दुःखद है...शारदा सिन्हा जी हमारे बीच नही रही। पूरा बिहार आज का तिथि 5 nov 2024 कभी नही भूल सकता है। आज छठ महापर्व का नहाय-खाय है... जिनके स्वर के बिना छठ अधूरा सा लगता हैं... आज श्रीमती सिन्हा जी समय के अंत तक के गहरी चीर निंद्रा में हमेशा-हमेशा का लिए सो गई। आप की कमी हमेशा महसूस होगी....💔
जब जब भी किसी संस्कारी घर में शादी होगी तब तक उनकी आवाज गूंजती रहेगी जब जब बिहार या अन्य प्रदेश में छठ मनाई जाएगी तब तब उनके ही जीत के माध्यम से पूरे वातावरण भक्ति में होगा शारदा मैया के चरणों में कोटि कोटि वंदन
ओ दोर भी था जब सुबह साम ईनका ही गाना सुनने को मिलते थे 90 के दसक मे जितने भी बिबाह गित थे मनमोहन लेते है आज भी उतने ही मन से सुनता हूँ सबपरीवर साथ मे सुन सकते है आज कल के गाने मे कोई लाज लिहाज नहीं है जो समाज मे गंदगी घोल रहे है
Sarda Didi ka jo Aavaz Quality thi vo bahut sundar tha aur Pure Desh me unka gana shadi Vivah me khub shauk se Bajaya jata h. Bhagvan unki Aatma ko hamesha shanti de
सारदा सिन्हा जी ने उस आवाज को सुनाया जो जी आज भी सुन लेता हों तोह लगता है कि परदेश में भी अपने देश अपने गांव की याद दिला देती है आप की जगह कोई नाह लेे सकता सुमित दुबे उन्नाव वाला
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Mithila me Shadi- Vivah aur tyohar inke gaane ke bina adhura hai, Bachpan yaad aa jata hain ianke gaane sunke. Koti koti Naman hai Maa Sharda Sinha ko.
जब मैं खुश होता हु तो सुन लेता हूं ये हमारी पुरानी संस्कृति को बताती हैं लेकिन कुछ लोग के वजह से धूमिल होती जा रही है आज कल सदी में अश्लील गाना ही बजाते हैं लेकिन सदी में ऐसा ऐसे गीतो की कमी नहीं है ,🥰🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Aapko mere pita g sunte the mere bachpan me tab mai bhojpuri nahi samjh pata tha.....par jab se bhojpuri samjhane laga tab se aapko sunne laga.....luv u Sharda g
Sarda sinha ka gana loud sound me kahi bhi jab humare kano me sunai deti hai toe Aisa lagta hai hum mithla me hai...apne ghar se bahar rehne par bhi agar koi Inka gana bajata hai aur mere kano ko jab sunai deta toe lagta hai mai apne ghar me apne maa ke pass hu ....sarda sinha ji ko mera sadar pranam 🙏
Jab tak ye duniya rahegi tb tak hindu dharm ke ghar ghar ki sadiyon me apki hi geet bjegi kyuki apki geet se lgta hai ghar me sadi h apki awaz ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मैं छत्तीसगढ़ से हूं और छत्तीसगढ़ी भाषी हूं , मैंने बचपन में ये गीत सुना था शायद 25-30 साल पहले। मुझे इतनी समझ नहीं थी कि ये कौन गा रही है पर सुनने में अच्छा लगता था और बचपन की यादें भी इस गीत से जुड़ी हैं। युट्युब आने पर पता चला कि ये शारदा सिन्हा जी हैं और उनकी तस्वीर देखी , सच बताऊं तो वह अपने लोकगीत और संस्कृति के लिए समर्पित थीं । उनके निधन से मैं भी स्तब्ध और दुखी हूं ।
हे माता आप धन्य हैं। आपको बारंबार प्रणाम है , ओम शांति 🌹😢🙏🙏
Han Bhai ye gana Bihar ki shok git hai
Ha bhai
कौन कौन शारदा सिन्हा के निधन के बाद सुन रहा है 😢😢😢
Aaj bhut yaad aa rhi h maa
Bhut badi bihar hum logo ko chaati hua sadi ho ya chaath subh sarda maa ji ke gaane se hota tha.avi maa ka sharir avi patna me hi h .antim संस्कार के लिए .कल सुबह का इंतजार kiya ja rha hai. Maa aap amar ho devi or pabitra jo chaatji maiya aapko apne din me bulaya.
Omm Shanti maaa
@@Mybestmemories.7117 😭😭
Me.. 😭😭
ये है भोजपुरी.. आत्मा को आनंदित करने वाली भाषा..
आज ऐसा कोई गायक क्यों नहीं है... नमन है स्वर के इस धन्य देवी को 🙏
भोजपुरी नही ये ठेटी भाषा है । मैथली और भोजपुरी से थोडा अलग है ।
Dhanya hai janakpur k baasi jinko maryada purushottam Narayan swaroop sakshat Bhagwar SHRI RAM ko jamai k roop mei darshan miley. Same for Ayodhta vaasi for jagat janani SITA MAIYA K LIYE❤❤❤
@@birendradash66 Ye bhojpuri hi hai maithili nhi .....iska avdhi version bhi hai
प्रिय शारदा सिन्हा जी,
आपके मधुर सुरों और भावपूर्ण गीतों ने न जाने कितने दिलों को छू लिया है और जीवन में सुख-शांति भर दी है। आपके गायन से जुड़ी मधुर स्मृतियाँ हम सभी के मन में सदा जीवित रहेंगी। आपकी आवाज़ ने लोक-संगीत को एक नया आयाम दिया है और आपकी इस अनुपम धरोहर को हम सदा संजोए रखेंगे।
ॐ शांति। ईश्वर से प्रार्थना है कि आपके आत्मा को शांति प्रदान करें और आपके परिवार को इस कठिन समय में संबल दें। आपकी संगीत साधना और योगदान सदैव हमारे दिलों में अमर रहेगा।
शांति, प्रेम और श्रद्धांजलि सहित,
आपके सभी चाहने वाले
मातातुल्य मां सारदा सिन्हा का गीत सुनते ही। मेरा रोम रोम जग उठता है। इनके बारे में जितना तारीफ किया जय उतना मेरे पास शब्द ही नहीं है। ❤❤❤❤
Jai ram
आप इस दुनियां में नहीं लेकिन संपूर्ण बिहार वासियों के दिल में आप ही हमेशा रहेंगी 🙏🙏🇮🇳 हमारे बिहार कि धरोहर थी शारदा सिन्हा जी आप 🙏🙏
Mujhe Aisa lagta hai Bihar ki sanskriti Amar hai aur hamesha Amar hi rahegi....kyonki log kehte hain ki padhna bahot jaruri hai..... Aur sabse upar padhaayi hai mai nahi maanta...... Agar sabse upar hai to sirf ek hi aur wo hai sanskaar..... Bachcho ko padhaa lo aur sanskaar mat do aap sab ko khud pata lag jaayega...... Aur hamaari sanskriti hi hamaari pehchan aur sanskaar hai.....
आप इस दुनिया को भले ही अल्बिदा कर गई हो लेकिन संपूर्ण बिहार वासी के दिल मे आप हमेशा रहेंगी🙏🙏😢😢😢
सिर्फ बिहार ही नहीं सभी हिंदी भासी राज्यों में
केवल बिहार ही नहीं सभी हिन्दी समझने वाले श्रोतागणों के दिलों में सदैव बसी रहेंगी..
शास्त्रीय संगीत का अनोखा संग्रह जो कभी ना मिटने वाला,
नमन ऐसे संगीत को 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आदरणीया पद्म श्री शारदा सिन्हा जी के पावन चरणों में सादर नमन, जयहिंद वंदेमातरम, लाजबाव,आज भी उतना ही आकर्षण,जब बचपन में रेडियो स्टेशन से सुनते थे, मां विद्यवारिधि शारदा, जिन्हें मां सरस्वती जी, भी कहा जाता है, सदैव कृपालु रहें, एक बात और,उस पूज्य माता पिता की दूरदर्शी दिव्य दृष्टि को भी सादर नमन जिन्होंने , बाल्यकाल में ही आपकी विलक्षण प्रतिभा को पहचान लिया और सार्थक, शारदा, नाम दिया,
शारदा सिन्हा जी अद्वितीया थीं। अनंत ह्रदयों को आह्लाद प्रदान करने वाली माँ शारदा सिन्हा जी को भगवान श्रीसीतारामचंद्रजी अपने श्री चरणों में स्थान दें। 🙏
हमारी बिहार की धरोहर थी कौन कौन मानता है ❤❤
Ye bhi puchhane wali baat hai kya
Proud of you 👏
5:45 मिनट प बहुत सुंदर मनमोहक लाइन छै।
"हमसभ लगईछि पाहुन
कोय सरहज कोय सारी
बताय दौ बबुआ
लोगवा देत काहे गारि"
अद्भुत मैथिली आवाज मैथिली गीत🙏
हाँ 🥰🥰
Ha sir
This Geet is kind of mix up many languages like Hindi Maithili little bhojpuri too. Isn’t it?
Lol pagla gye h ye bhaiya it's totally bhojpuri
Its proper bhojpuri geet@@Mr.amanSharma903
बिहार कोकिला -लोक गायिका (शारदा सिन्हा) जी के निधन पर शोक प्रकट करता हु , हम सभी आप को सदा अपने दिलों में बसा के रखेंगे ।।
🙏🏵️🙏
आप के गाय गीत हमारे दिलों में सदैव रहेंगे।।
आप को शत शत नमन 🙏🙏
मैं हमेशा सुनता हूं,और आजीवन सुनता रहूंगा। मिथिला की मिठास US pandey muzaffarpur
अति प्रिय आवाज में विवाह गीत सुना आनंद आ गया . इसे कहते हैं कर्ण प्रिय
ये गीत हमारी समृद्ध संस्कृति को बयां करती है। जब भी सुनते हैं तो १९८५_९०की याद आने लगते है। आप अमर रहेंगे शारदा सिन्हा जी।
शादी विवाह के समारोह में आपके गाना सुनने में अच्छा लगता हैं 🙏🙏
Qqqqq
. Nn
N an many ne and
Nn end mai
Aa nn n nn nn hmm hmm hmm. My hmm hmm hmm hmm
Sharda singaji ka geet sunane ke man khush ho jata Dil Se Naman Hai
Mujra karne ma aacha nahi lagta hai
Apno ka halala karwane me accha lagta hai
शारदा सिन्हा हमारे बिहार की लता मंगेशकर हैं इनकी आवाज में मीठापन और मधुरता है पूरे बिहार के किसी भी गायिका के पास नहीं है
Apke bihar ki hi nhi hmare up ki Lata ji h
@@manishmishra-bv7sqkaise???😮😮😮😂
@@manishmishra-bv7sq😂😂😂😂
Pure Desh ki Gaurav h
Sahi bola bhai ❤❤
ये गीत हमारी समृद्ध संस्कृति को बयाँ करती है , और बहुत ही सुंदर लहज़े में संस्कृति से सवाल करती है ।
जिसका जवाब बहुत ही स्तब्ध कर देते हुए हमारी सांस्कृतिक विरासत को समाये हुए है ।।
R DJ retweet GE rwewwwu frf
Ha
@@sumantkumar559😮😅
यह लोकगीत सुनकर दिल खुशी से प्रफुल्लित हो गया....
धन्य है ये रामकृष्ण की धरती जहां मैं जन्म पाकर धन्य हो गया🙏🙏
2025 में कौन कौन सुन रहा है ❤❤❤
Ham ❤❤
💕
आदरणीय "शारदा सिन्हा जी" की आवाज़
लोगों को "मंत्रमुग्ध" कर देता है। 🙏🏻
यही हमलोगो की संस्कृति है🙏🙏🥰
Hofnej
(Copy paste)
तब अक्सर बारात बैलगाड़ी से आती थी। उस बैलगाड़ी के पीछे बाजा बंधा रहता था। बाजे में बियाह का गीत बजता रहता था
"सखी फुल लोढ़य चलू फुलवरिया, सीता के संग सहेलिया"
गाड़ी लड़की वाले के द्वारे रुकती थी। बैलगाड़ी से बाजा उतार कर बांस में बांधकर टांग दिया जाता था। वही कैसेट फिर से लगा देते थे। जिसमें बजता रहता था कि
*मोहि लेलखिन सजनी मोरा मनमा, पहुनमा राघव"
बाराती नाश्ता करते। आराम करते। खाना खाते। शादी हो रही होती। और बांस में टंगे बाजे में उसी एक आवाज़ में गाना बज रहा होता-
"जोगिया करत बड़जोरी, सिंदूर सिर डालत हे"।
"सुतल छलियै हम बाबा के भवनमा, अचके में आएल कहार"।
रात में शादी हुई। सुबह विदाई का वक्त। वही बाजा। वही आवाज़।-
"ऐते दिन छलियै बाबा दुलरी तोहार हम आज मोरा जोगी लेने जाए"।
इन गानों को आवाज़ देने वाली थीं शारदा सिन्हा जी। जिन्होंने घर-आंगन में गाए जाने वाले गानों को आसमान में पहुंचा दिया था। और ये किया था उन्होंने सबसे पहले 1971 में। 53 बरस पहले। उनके पहले कैसेट में ये गाना था
"दुल्हिन धीरे धीरे चलियो ससुर गलिया"
"द्वार के छेकाई नेग पहिने चुकैयौ यौ दुलरुआ भैया"
बिहार की एक बड़ी आबादी की शादी में ये तमाम गाने 'राष्ट्र गीत' की तरह थे। बोलियों की दीवार को फांदकर इन विशुद्ध मैथिली गाने ने नई लकीर खींच दी थी। शारदा जी के गीतों ने भाषाई समझ की नई परिभाषा गढ़ दी थी।
फिर उन गानों को आवाज़ देकर देहरी से बाहर निकालने लगीं जो तब घर घर घूंघट में दबी रहती थी। -
"बाबा लेने चलियौ हमरो अपन नगरी"
फिर शारदा जी ने छठ के गानों को आवाज़ दी तो वो महापर्व का पर्याय बन गई।
"कांचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए"।
समूचे बिहार में छठ घाटों पर शारदा जी के गाने ऐसे बजते थे जैसे वो गीत नहीं प्रार्थना हो।
"उग' उग' हो सुरूज देब, भेलै अर्घक बेर"।
मधुबनी-सीतामढ़ी और सुपौल से लेकर पटना, आरा-बक्सर और कैमूर तक छठ में यही गाने बजते रहे बरसों तक। बाद के दिनों में भोजपुरी गीत/संगीत नए दौर में पहुँचा तो नए गायकों ने भी छठ गीत गाए और शारदा सिन्हा जी ने भी गियर बदलकर भोजपुरी की ओर रुख़ किया। एक से बढ़कर एक गाने गाए। छठ के भी। बिबाह के भी। और फिल्मों के भी। मगर छठ के तमाम गीतों को छांटने पर कनेक्ट वही करता है जो पहली बार गया था शारदा जी ने-
"पटना के घाट पर हमहूं अरघिया देबै हे छठि मैया"!
छठ से इतर शारदा सिन्हा ने उन तमाम गाने को आवाज़ दी। उसे बड़े स्तर पर पहचान दिलाई जो एक परिधि में सिमटी हुई सी थी। उन्होंने सामा चकेवा का वो गीत गाया जो दशकों से घरों में महिलाएं गाती थीं-
"गाम के अधिकारी तोहैं बड़का भैया हो"
या फिर झिझिया का गीत हो। या विद्यापति के छंद को सुरों में पिरोया। विद्यापति को सुरों से जो श्रद्धांजलि दी थीं जो अद्भुत थी। बाद में उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में भी गना शुरू किया। मैथिली से शुरू होकर बॉलीवुड तक पहुंची तो आवाज़ आई-
"कहे तोसे सजना, तोहरी सजनियां, पग पग लिये जाऊँ तोहरी बलैयां"।
बरसों बाद गैंग्स ऑफ बसेपुर में उनकी आवाज़ में गाना आया-
"तार बिजली से पतले हमारे पिया"।
यकीनन बेहतरीन है। बेहतरीन वो गीत भी है जो बिहार के उन बोली-भाषा से मिलकर लोकगीत बना और उसे शारदा जी ने आवाज़ दी-
"पनिया के जहाज से पलटनियां बनि अइएह पिया, लेने अइएह' हो पिया सिंदूरवा बंगाल से"।
मांग में चमकता लाल सिंदूर। माथे पर बड़ी सी टिकुली। लाल लिपिस्टिक। और मुंह में पान। खिलखिलाते चेहरे वाली शारदा सिन्हा की ये पहचान थीं। हालांकि आखिरी दिनों में ईश्वर उनसे रुठ गए। जो पहचान थी उनकी वो छिन गई। शायद ये बड़ा सदमा था उनके लिए। अस्पताल में थी तब उनके बेटे ने उनका आखिरी गाना रिलीज किया वो भी छठ का-
"दुखवा मिटाईं छठी मइया, रउए असरा हमार"
ईश्वर फिर से निष्ठुर हो गए। शारदा जी विदा हो गई। उनकी विदाई की ख़बर के बाद मेरे दिमाग में बार उनका वो गीत घूम रहा है, जो ब्याह की अगली सुबह बेटी की विदाई के वक्त बैलगाड़ी के पीछे लगे बाजे में बजता हुआ जाता था-
"बड़ रे जतन सं सिया धिया पोसलौं...ओहो धिया राम लेने जाई।
ॐ शांति!
कौन-कौन चाहता है कि शारदा सिन्हा को भारत रत्न मिले
बचपन से इस विवाह गीत को सुनते आया हु।आज भी सुनता हूं।शार 3:21 दा जी के विवाह गीत से ग्रामीण बिहार के शादी का चित्र मानस पटल पे उद्धरित हो जाता है।जय बिहार।
मैं सोच रहा हूं कि ऐ गाना अपने सादी मैं सुनूं गाना सुनते ही मन में सादी का ख्याल आ जाता है
मैंनें आज तक ऐसा गीत नहीं सुना था,शारदा सिन्हा जी की आवाज बहुत ही बेहतरीन है।मैं इनकी बहुत तारीफ कर रहा हँ।❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😂❤❤😂❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Khesari lal ka nahi suna hai
Bhag kha liya @@FantessyExpert
Veri good
जब तक धरती सुरज चाँद रहेगा तब तक माता शारदा सिन्हा , की इज जगत् में नाम अजर अमर रहेगी , ।
Sharda sinha ka nhi mithila k geet ka nam rhega
@@abhijeetkumar-2023maithili g shradha mam ke baad hi gayi hai
Bssba.
Sada hi nam rahega
@@panditjispiritual 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
एह.... आहाँ के आवाज अखनो धईर बहुत निक अईछ 🥰🥰🥰
यह भोजपुरी की असली संस्कृति जिसे आज कल के नकटे गायक और भांड अभिनेताओं ने खराब कर दिया है।धन्य है मां जैसा आपका नाम वैसी ही आवाज की मधुरता,वैसे ही गीत के शब्द।🎉🎉🎉🎉
मुर्ख ये मैथिली गीत है लेखक है मैथिली संत कवि कपिल देव ठाकुर स्नेहलता और लगभग शरदा दीदी ने अपने गायन अवधी में इनके ७० प्रतिशत गीत को गया है
@@ijotmaithili786 यह कौन सी भाषा है मूर्ख,आपको पता है आपने जिसे मूर्ख कहा है,उसने भाषा विज्ञान/लोक कलाओं पर phd कर रखी है,भोजपुरी के कितने प्रकार,ध्वनियां उच्चारण स्थान जो भी है मुझे सब पता है,इसलिए आपकी यह उपाधि आपके पास ही रहेगी,जहां तक गायक और लोक कला की बात है,तो मां शारदा सिन्हा जैसी भोजपुरी बेटी बिरली ही होती है,उनका सम्मान शब्दो में नही किया जा सकता। हां मैने उन गायकों का संबोधन निम्न स्तर का किया है जिन्होंने अपनी गायकी,अश्लील शब्द विशेष से भोजपुरी संगीत की आत्मा ही मार दी,और इस संबोधन का मुझे कोई अफसोस भी नही है।
ये भोजपुरी गीत ही है, मैथिल कहाँ से लग रहा है आपको?
@@ijotmaithili786sare mithila wale anpadh gawar hote hai kya 😂😂😂ye bhojpuri hai
@@snehashukla1901 Song mai Bhojpuri influence jarur hai lekin ye maithili song hai...end lyrics ko thoda dhyan se suniyega..
Hum to lata mangeshkar ki fan the par ab sarda Sinha ka mahafan ho gaya hu ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
बचपन से लेकर आज तक हम आपके गीत को सुुन रहें हैं.जब भी सुनते हैं हमें अपनी मां जो गुजर गई है वो बहुत याद आने लगती हैं कलेजा फटने लगता है क्योंकि मेरी मां भी आपके गीत संगीत को बार बार सुनती थी ,,, आपकों सादर नमन 😢❤❤😊😊😊😊😊😊
Jee ❤❤❤❤❤
आपकी गीत संगीत सुनकर मन प्रफुलित हो गया
माता पूजनीय योग्य है ❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ishwar ka varnan humare up bihar ke sanskriti me hi sabse ache se kiya gya hai. Parantu aj bihar ka hal dekh kr bura lgta hai bohot 😔 congratulations up for good cm u all got
Bhai kuch din bad apne bihar m bahar hoga s chirag ko cm bnne dijiy
I think He is good leader
आपके द्वारा गाये गए लोकगीत सुनकर मन अत्यंत प्रफुल्लित हो जाता है।परदेश में भी रहकर अपने घर द्वार की याद ताजा हो जाती है।🙏🙏🙏
Sach me ❤️❤️
Yyby🎻🎤♩🎙🎻😊😊😎😍🎶♩🎤🎺🎺🎙😀😄😊😍🎙♩
bilkul bhai
@@SunnyKumar-df6oz .
परदेश में नहीं रहोगे तो भूखे मर जाओगे
2024 me koun koun sun Raha hai
Me
मैं
Mai nahi sun Raha hu mai which time badhane aaya hu😁
I'm listening all wedding song of shradha sinha
Mai sun rhi hu
विभोर हो गया मैं।मां शारदे को नमन।हर हर महादेव।
कौन कौन मिथिला से है।
तु ही एक है बुडबक
भारतीय संस्कृत के इतिहास में सबसे बेहतरीन कलाकारी पूजनीय शारदा सिन्हा जी ❤❤🙏🙏
इस दुनिया मे कुछ खास इंसान होते ह जिन्हें भूला नही जा सकता जैसे मेरी दादी शरद सिन्हा
I m muslim but my favourite geet I love Bihar I love bhojpuri ❤❤❤❤❤❤❤❤
Try maithili songs of her, you'll love❤
तुम एक समय हिंदू ही थे मुसलमान बन गए सामाजिक स्थिति परिवर्तित के लिए मन हल्का नहीं करना चाहिए देश की प्रत्येक चीज पर मनुष्य का अधिकार है धर्म और जाति बाधक नहीं होने चाहिए
हम बिहार से और ये मधुर स्वर मैथली भाषा के जनक जो पूरे विश्व में सब सुनते हैं ऐसे माँ समान रूप में इनको बारम्बार जन्म मिले भागवान इनको चरणों में स्थान दे 🙏🙏
"एक ये भी भोजपुरी गीत है"
एक आज कल के भोजपुरी गाने कितना अनतर है दोनों में 🙏🙏🙏
मैथिली गीत छै हो भैया ...ओना सब मिथिला भोजपुर क् संस्कृति धिया सिया स जुड़ले छै ,त कोई खास अंतर नै छै
मैथिली गीत छै।
Sharda Sinha mean bihar ka samman 😁👌👌👌👌
@@ramashankarmishra9292 bhai bojpuri ka hi maithali brother 🙏
In our term ई भोजपुरी गीत हई।😂😂😂😂😂
आपकी आवाज मेरे ह्रदय के अंतस में बस गई है ।
किसी और गायिका की आवाज भाती ही नहीं हैं ।
आप फिर आना भारत की धरा पर वसुंधरा बनकर
जय सियाराम 🕉🚩🇮🇳
कौन कौन 2024 में सुन रहा है कृपया लाइक करें ❤❤❤रवींद्र e❤❤
😊
Aisa Laga ki Bhagwan Ram ke Vivah mein ham bhi Shamil Hai Kitna pyara bhav❤❤❤❤❤❤ bhara bhajan hai
80 ke gane o bhi Sinha ji k kya kahne
A lot of thanks 👍🙏
आज का दिन बहुत ही दुःखद है...शारदा सिन्हा जी हमारे बीच नही रही।
पूरा बिहार आज का तिथि 5 nov 2024 कभी नही भूल सकता है।
आज छठ महापर्व का नहाय-खाय है... जिनके स्वर के बिना छठ अधूरा सा
लगता हैं... आज श्रीमती सिन्हा जी समय के अंत तक के गहरी चीर निंद्रा में हमेशा-हमेशा का लिए सो गई।
आप की कमी हमेशा महसूस होगी....💔
There is no comparison of this melodious voice in whole world ❤
मैं छत्तीसगढ़ से हूं जिला कबीरधाम बहुत अच्छा ही गीत मैं शारदा दीदी को श्रद्धांजलि देताहूं😂😢😅
शारदा जी हमारे बिहार शान है?
Ham odisha se
कौन कौन शारदा सिन्हा जी की याद में सुन रहा है, Like करे 😢😢❤❤
हमारे बिहार की आन बान शान🙏
DrBiltoo paswan
Bihar hai to bahar hai
Hamare jila begusarai bihar ka shan
Hamare jila begusarai bihar ka shan
जब जब भी किसी संस्कारी घर में शादी होगी तब तक उनकी आवाज गूंजती रहेगी जब जब बिहार या अन्य प्रदेश में छठ मनाई जाएगी तब तब उनके ही जीत के माध्यम से पूरे वातावरण भक्ति में होगा शारदा मैया के चरणों में कोटि कोटि वंदन
ओ दोर भी था जब सुबह साम ईनका ही गाना सुनने को मिलते थे 90 के दसक मे जितने भी बिबाह गित थे मनमोहन लेते है आज भी उतने ही मन से सुनता हूँ सबपरीवर साथ मे सुन सकते है आज कल के गाने मे कोई लाज लिहाज नहीं है जो समाज मे गंदगी घोल रहे है
सही बोले भाई कहा वो दौर जब गावों के शादी में यह सब गाने बजते थे और आज😔
बाकी है खुशबू फूलों के बिखरने के बाद भी
जिंदा बहुत से लोग है मरने के बाद भी❤️
Just leaving this comment so that if any one like it I get reminded of this geet 😍😍😍
जय मिथिला जय बिहार 🙏♥️🥰💖 जय श्री राम 🙏😊💘
Good 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🥰🥰🥰🥰
शारदा सिन्हा को खास तौर पर छठ के अवसर और मैथली गायन को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में सदैव याद किया जायेगा। उनके निधन से में बहुत स्तब्ध हूँ। 🙏
भारतीय संस्कृत की अनमोल धरोहर,
शारदा सिन्हा जी को 🙏🙏
Ye song unke nidhn ke baad sun rhi hu 😢 ❤bhut sundar aavaj hai aapki maa
Saraswati ma hai aapke gle me
Sarda Didi ka jo Aavaz Quality thi vo bahut sundar tha aur Pure Desh me unka gana shadi Vivah me khub shauk se Bajaya jata h. Bhagvan unki Aatma ko hamesha shanti de
सारदा सिन्हा जी ने उस आवाज को सुनाया जो जी आज भी सुन लेता हों तोह लगता है कि परदेश में भी अपने देश अपने गांव की याद दिला देती है
आप की जगह कोई नाह लेे सकता
सुमित दुबे
उन्नाव वाला
औनश्र
Apne mitti ke kushboo
@@shashibhusan8788 llĺlļķķñ
Right..🌹🌹🌹🌹
Main Balmiki Madhepura Bihar
Just now Maharashtra
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अश्रुपूर्ण श्रधांजलि
भले ही शारदा सिन्हा जी हमारे बीच नही रहीं लेकिन वे गीत के माध्यम से हमेशा हमारे बीच रहेंगीं।
भोजपुरी संगीत की शान है हमारी माँ सरस्वती सरदा सिंहा जी ❤️❤️👌⭐👍
Muraitha darbhanga bihar
बहुत ही मधुर आवाज है शारदा जी की...🙏💐
Mithila me Shadi- Vivah aur tyohar inke gaane ke bina adhura hai, Bachpan yaad aa jata hain ianke gaane sunke. Koti koti Naman hai Maa Sharda Sinha ko.
क्या आवाज है बहुत खूब 😍🤩🤩🤩
Mujhe sardha Singh ji ka sab gana achha lagta hai isliye hm bar sun rahe hai miss you sardha ji aapki aatma ko shanti mele
यही अपनी झारखण्ड बिहार की संस्कृती हैं 🙏🙏🙏
Bahut Bahut sundar ❤
दिल करता है बार बार सुनी इसे धन्य हो माता जी आपको नमन
Hn
28,12,2024 ke bad kon kon sun raha hai
पता नहीं जब जब कुछ सुनने का मन नहीं karta फिर ये क्यों सुनने का मन karta....❤❤
Kyoki love ka bimari ho gaya hai
राधे राधे राम राम Basu bhai आपको राम लाला से प्यार हो गया है बहुत अच्छी बात है❤
जब मैं खुश होता हु तो सुन लेता हूं ये हमारी पुरानी संस्कृति को बताती हैं लेकिन कुछ लोग के वजह से धूमिल होती जा रही है आज कल सदी में अश्लील गाना ही बजाते हैं लेकिन सदी में ऐसा ऐसे गीतो की कमी नहीं है ,🥰🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Bhav Purna 😢😢😢 Shradhanjali Sharda Sinhna ji ko😢😢😢
माता शारदा सिन्हा जी आपको कोटि कोटि नमन, इतना सुंदर भजन गारी आपने गाया है जो सीधा ह्रदय में समा जाता है। जय श्री राम ❤
धन्य शारदा जी,धन्य भारत माता , जहां आप लक्ष्मी रुप मे अवतरित होकर अपनी धरती को धन्य कर दी है ।
Aapko mere pita g sunte the mere bachpan me tab mai bhojpuri nahi samjh pata tha.....par jab se bhojpuri samjhane laga tab se aapko sunne laga.....luv u Sharda g
Ye maithili bhasha hai bhojpuri nhi bhojpuri alag h jo pawan Singh jaise lafange Gate h
Ye bhojpuri hin hai.... original song maithil hai lekin ye bhasha bhojpuri hai....
Bina Sadi ke ye gana kon sunta hai😢
Mai sun Raha hu
Mai bhi hamesha sunta hun
😂
Kuch log isi sanskriti ko modify karke kuch dikha rahe jisse bahut log hamare culture ko bhala bura kah rhae hai
Love you mam aap ki awaj to koyal se v pyari hai
Sarda sinha ka gana loud sound me kahi bhi jab humare kano me sunai deti hai toe Aisa lagta hai hum mithla me hai...apne ghar se bahar rehne par bhi agar koi Inka gana bajata hai aur mere kano ko jab sunai deta toe lagta hai mai apne ghar me apne maa ke pass hu ....sarda sinha ji ko mera sadar pranam 🙏
Dil khus ho gaya thakur ji ka gana sun Kar
Jab tak ye duniya rahegi tb tak hindu dharm ke ghar ghar ki sadiyon me apki hi geet bjegi kyuki apki geet se lgta hai ghar me sadi h apki awaz ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मिथिलांचल के आन बान और शान !
Oct
बिहार की शान ♥️🙏
Mithlanchal ka shann
Kabhi bhi kisi bhi jamane me sada geet vivah me chalate rahega ,
🙏🙏
This song reflects true culture of bihar❤❤
Up also
Yes
🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰❣️🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
@@gargimishra7577 👌
👌 👌👌👌
She is always immortal 😭😭
She is always lived in heart ❤️🙏😘
Man khush ho gaya is song ko sun kar😊
Sarda jee ke gane sunne ke bad yesa lagta hai kee vo mere bich me hee hai le ki unke jane ka mujhe bahut dukh hai😢😢
Proud of you ❤
शारदा दी के स्वर का माधुर्य हमसबों के जीवन और तन-मन को नवीन वासंतिक सुषमा की सुरभि से सदैव प्रफुल्लित ओर प्रस्फुटित करता रहेगा ।
Aaj pura din sun raha hu