बिना भय के साथ निष्पक्ष तरीके से निडर होकर पत्रकारिता कर रहे हैं और यह आदिवासियों के इस आवाज को देश और दुनिया तक आपके चैनल के माध्यम से लोग जान रहे हैं आपका चैनल का बहुत बड़ा रोल रहेगा बस्तर को आजाद कराने में रहेगा ।।धन्यवाद जोहर।।।
तुम लोग बक्चोद हो __ नक्सलियों का पल्लू नहीं छोड़ रहे __ मैं सरगुजा बलरामपुर से हूं जो स्थिति बस्तर की अभी है वही स्थिति आज से 20 साल पहले हमारे सरगुजा की थी 2000 तक यहां की स्थिति बहुत दयनीय थी 2000 तक यहां के PWG ग्रुप MCC के नक्सली ग्रुप को हम बहुत अच्छा समझते थे हम समझते थे की नक्सली गरीबों और आदिवासी के लिए अच्छा है मगर हमें बाद में समझ आया की ये गरीबों के मसीहा नहीं हैं ये बस अपना राज कायम करना चाहते हैं _ इनको सरकारी योजना से कोई मतलब नहीं है _ ये हमारे यहां सड़क -पुल -पुलिया-अस्पताल-कॉलेज नहीं बनने देते थे सरकारी नियम कानून के जगह इनका अपना नियम कानून हम पर थोपना शुरू कर दिए थे _ 15 अगस्त/26 जनवरी नही मनाने देते थे _ जब मन आए 4दिन 5 दिन सरगुजा बंद का फरमान जारी कर देते थे _ गांव से कस्बों से 15/20/25 साल के बच्चे और युवा लोगों को अपने संगठन में सामिल करने घर से उठा ले जाते थे कहते थे क्या करेगा घर बैठकर हमारे साथ चल 4/5 हज़ार महीना तनख्वाह मिलेगा रहना खाना फ्री और रायफल भी मिलेगी सरकार के खिलाफ़ भड़काते थे कहते थे पुलिस को मारना है सरकारी लोगों को मारना है _मन को ब्रेनवाश कर देते थे कहते थे ये अंग्रेजों की सरकार है इसके खिलाफ़ हमें लड़ना है _ मेरे स्कूल के पढ़ने वाले 15/16 साल के कई साथी गण इसी लालच में आकर नक्सली ग्रुप में सामिल हो गए थे 1999 की बात है बाद में एनकाउंटर के डर से इन्होंने नक्सली संगठन छोड़ दिया ..मुझे इतना पता है ये नक्सली खुद को आदीवासी का मसीहा कहते हैं असल में ये वैसे हैं नहीं _ इनका अपना मकसद है की सरकारी राज की जगह नक्सलियों का राज हो __ ना इनके पास कोई सोच है ना कोई ब्लूप्रिंट _ ना ये विकास चाहते हैं _ ये लोग बस्तर आदिवासियो को बेवकूफ बनाए रखना चाहते हैं _ जैसा इन लोगों ने बहुत साल तक सरगुजा के आदिवासी को बेवकूफ बनाए रखा _ आज सरगुजा की स्थिती बदली है एक भी नक्सली संगठन और मुवमेंट नहीं है यहां क्योंकि यहां के लोगों ने ही नक्सलियों को भगाना शुरू कर दिया था _ हमको विकास चाहिए था ना कि जंगली राज _ सरगुजा के लोग अब सुख शांति से रह रहें हैं _ ना कोई डर ना कोई भय _ पहले तो एक तरफ नक्सली का डर तो दूसरी तरफ फोर्स का डर _ पहले नक्सली आतंक के कारण हमारे इलाके में हर 10 km दूरी पर CRPF का कैंप लगा रहता था अब एक भी कैंप नहीं है _ क्यूंकि जब नक्सली खत्म हो गए तो सरकार ने कैंप भी हटा दिए ।। अब हम दिन हो या रात कहीं भी कितने बजे भी आ और जा सकते हैं _ 20 साल पहले ऐसा नहीं था पहले पुलिस का एजेंट बोल के नक्सली मारते थे या नक्सली एजेंट बोल के पुलिस मारती थी .. हमारे सरगुजा से नक्सली संगठन को समाप्त करके शांति स्थापित करने का श्रेय कल्लूरी जी को जाता है _ बस्तर वालों के लिए भले विलेन हों मगर हमारे सरगुजा के लिए कल्लूरी साहब हीरो हैं इन्होंने ही नक्सलियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और नक्सली भाग खड़े हुए ।।
सीएम आदिवासी नही है ओ आरएसएस बीजेपी का चाटुकार है तभी उसे सीएम बनाए हैं भले ही सीएम विष्णु देवसाय के सर्टिफिकेट जनजाति लिखा हो लेकिन हम उसे आदिवासी नही मानते ये इसे चाटू कार हैं जो पद के लिए कुछ भी कर सकते हैं एक आदिवासी समाज सम्मेलन में मंत्री महोदया कोशिल्या साय राधे राधे का संबोधन करते नजर आई लेकिन आदिवासी जय जोहार जय सेवा नही कहा धिक्कार है आदिवासी का लिबास पहन कर कोई आदिवासी नही हो सकता हमारे संस्कृति हिंदू धर्म से अलग है जय आदिवासी मूल निवासी जल जंगल जमीन के मालिक बड़ा देव न सेवा सेवा जय प्रकृति शक्ति
@@FreeFire-cw9kb महोदय जी कोशिल्या बिष्णु साय ने आदिवासी सम्मेलन समाज में उन्होंने हमारे समाज को न संबोधित कर के हिंदू देवताओं का संबोधन किया हमे ऐसा प्रतीत हुवा मानो ये आदिवासी नही हिंदू सम्मेलन हो जय जोहार जय आदिवासी मूल निवासी जल जंगल जमीन के मालिक टिप हमे अन्य धर्म से कोई मतलब नहीं हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई परंतु सामाजिक सम्मेलन में हमारे देवी देवता महापूर्षो का नाम लिया जाए ताकि हमारा समाज अपने महापूर्सो देवी देवताओं को जान सके
@@indrajeetroy7192 आदिवासी लोग प्राकृतिक पूजा करते हैं, ज्यादातर बलि प्रथा है तो हमे अन्य से अच्छे कार्य को अपनाने चाइए, मैंने कई प्राकृतिक पुजारियों से बलि प्रथा के संबंध में जानकारी ली, उन्होंने कहा कि बगैर बलि के भी प्रकृति की पूजा अर्चना होती है लेकीन पुजारी अपने मुंह के स्वाद के लिए बलि देते हैं, जिससे इसका विरोध होना चाहिए। और जल जंगल जमीन हम सभी का है, जल जंगल जमीन की विषय को माओवादियों से न जोड़ो यदि जोड़ते हो तो आतंकवादी भी अपने विचार से अच्छे कार्य कर रहे होंगे।
sir aap inse ek sawal puchiye ki yadi maan lijiye pure Bharat me naxaliyo ka raaj ho gaya to wo sashan ka chuaw kis prakar karenge aur ye log aquchal me kya chahte hai
सर आपका बात सुनने से लगता है आप आदिवासियों की जीवन शैली से बाखूबी वाकीफ है, और उनका दर्द को समझते हैं! कया कोई हमारे घर घुसकर हमारे अस्मिता को ठेस पहुँचाए और हम चुप रहे! I think, we have to only two way kill OR die. मैं आदिवासी हूँ मैं समझता हूँ, जल, जंगल, जमीन हमारे लिए कया है!
सैकड़ो आदिवासी निर्दोष मारे जा रहे है साय सरकार आदिवासी होते हुए भी आदिवासी भाई के प्रति सोच नहीं है नक्सली मारे जाने जश्न मना रहे हैं क्या बंदूक के नोक से समस्या का हल हो सकता है क्या शांति वार्ता से समस्या का समाधान नही हो सकता क्या .गरीब मजदुर को रोजगार मुहैया करवाते पांचवी अनुसूची का पालन क्यों नहीं हो रहा है 🙏 😢😢😢
Not impressed by this gentleman, he is prejudiced, lacks understanding of the problem. His logics are based on last 20 year’s information and has no proposal for solution!
@@harishcherpa4048-tumhe apne Desh ke logon ya apane Desh ki bhalai ya desh ke prati Prem samajh mein ata hai?tumhe to china aur uske nrishansh hatyara aur kamine mao ke prati hi bhakti hai?dusaron ko updesh Dene se pahle khud ko sudharo.
RSS के एजेंटों को धिक्कार है आदिवासी हिन्दू हैं राष्ट्रपति हिन्दू प्रधानमंत्री हिन्दू गृहमंत्री हिन्दू रक्षामंत्री हिन्दू गृहसचिव हिन्दू लोकसभा स्पीकर हिन्दू चीफ-डिफेंस हिन्दू प्रधान न्यायाधीश हिन्दू फिर आदिवासी नक्सली कैसे ? संसाधन विहीन मूलनिवासियों को उनका अधिकार चाहिए देश मूल निवासियों का है RSS ब्रह्मण बनिया और ठाकुरों का पिता को दहेज में नहीं मिला है भाजपा के दलाल अपनी बात सभ्यता पूर्वक रक्खें मूर्खतापूर्ण तर्क न दें !
बिना भय के साथ निष्पक्ष तरीके से निडर होकर पत्रकारिता कर रहे हैं और यह आदिवासियों के इस आवाज को देश और दुनिया तक आपके चैनल के माध्यम से लोग जान रहे हैं आपका चैनल का बहुत बड़ा रोल रहेगा बस्तर को आजाद कराने में रहेगा ।।धन्यवाद जोहर।।।
बिना भय के साथ निष्पक्ष तरीके से निडर होकर पत्रकारिता कर रहे हैं और यह आदिवासियों के इस आवाज को देश और दुनिया तक आपके चैनल के माध्यम से लोग जान रहे हैं आपका चैनल का बहुत बड़ा रोल रहेगा बस्तर को आजाद कराने में रहेगा ।।धन्यवाद जोहर।।।
Jai hind sir " हमारे आदिवासी भाई बहनो का दर्द समझ गये है। और उनके हक्क के लिये आवाज उठा रहे है। आपको दिल से सेवा जोहार जय सेवा
आप समर्थन में हाने के लिए , आदिवासियों का होसला बड़ाने के लिए धन्यवाद सर।
जय जोहार🙏
बहुत अच्छी जानकारी बताई आपने।आदिवासी और मूलनिवासी भाईयों को जगाने के लिये बहूत आवश्यक है।क्योंकि हमारे नेता लोग कभी भी ये नही चाहते है।
माननीय प्रोफेसर महोदय जी...आप ने सही दृश्य देखा पुरे बस्तर का ऐसा नजारा है हर गांव मैं दिकूओं का ही राज है। आदिवासी यहां परजीवी हो गया है
आदिवासियों एक जुट हो जाओ अभी लड़ाई शुरू हुई है हक और अधिकार के लिए
तुम लोग बक्चोद हो __ नक्सलियों का पल्लू नहीं छोड़ रहे __ मैं सरगुजा बलरामपुर से हूं
जो स्थिति बस्तर की अभी है वही स्थिति आज से 20 साल पहले हमारे सरगुजा की थी 2000 तक यहां की स्थिति बहुत दयनीय थी 2000 तक यहां के PWG ग्रुप MCC के नक्सली ग्रुप को हम बहुत अच्छा समझते थे हम समझते थे की नक्सली गरीबों और आदिवासी के लिए अच्छा है मगर हमें बाद में समझ आया की ये गरीबों के मसीहा नहीं हैं ये बस अपना राज कायम करना चाहते हैं _ इनको सरकारी योजना से कोई मतलब नहीं है _ ये हमारे यहां सड़क -पुल -पुलिया-अस्पताल-कॉलेज नहीं बनने देते थे सरकारी नियम कानून के जगह इनका अपना नियम कानून हम पर थोपना शुरू कर दिए थे _ 15 अगस्त/26 जनवरी नही मनाने देते थे _ जब मन आए 4दिन 5 दिन सरगुजा बंद का फरमान जारी कर देते थे _ गांव से कस्बों से 15/20/25 साल के बच्चे और युवा लोगों को अपने संगठन में सामिल करने घर से उठा ले जाते थे कहते थे क्या करेगा घर बैठकर हमारे साथ चल 4/5 हज़ार महीना तनख्वाह मिलेगा रहना खाना फ्री और रायफल भी मिलेगी सरकार के खिलाफ़ भड़काते थे कहते थे पुलिस को मारना है सरकारी लोगों को मारना है _मन को ब्रेनवाश कर देते थे कहते थे ये अंग्रेजों की सरकार है इसके खिलाफ़ हमें लड़ना है _ मेरे स्कूल के पढ़ने वाले 15/16 साल के कई साथी गण इसी लालच में आकर नक्सली ग्रुप में सामिल हो गए थे 1999 की बात है बाद में एनकाउंटर के डर से इन्होंने नक्सली संगठन छोड़ दिया ..मुझे इतना पता है ये नक्सली खुद को आदीवासी का मसीहा कहते हैं असल में ये वैसे हैं नहीं _ इनका अपना मकसद है की सरकारी राज की जगह नक्सलियों का राज हो __ ना इनके पास कोई सोच है ना कोई ब्लूप्रिंट _ ना ये विकास चाहते हैं _ ये लोग बस्तर आदिवासियो को बेवकूफ बनाए रखना चाहते हैं _ जैसा इन लोगों ने बहुत साल तक सरगुजा के आदिवासी को बेवकूफ बनाए रखा _ आज सरगुजा की स्थिती बदली है एक भी नक्सली संगठन और मुवमेंट नहीं है यहां क्योंकि यहां के लोगों ने ही नक्सलियों को भगाना शुरू कर दिया था _ हमको विकास चाहिए था ना कि जंगली राज _ सरगुजा के लोग अब सुख शांति से रह रहें हैं _ ना कोई डर ना कोई भय _ पहले तो एक तरफ नक्सली का डर तो दूसरी तरफ फोर्स का डर _ पहले नक्सली आतंक के कारण हमारे इलाके में हर 10 km दूरी पर CRPF का कैंप लगा रहता था अब एक भी कैंप नहीं है _ क्यूंकि जब नक्सली खत्म हो गए तो सरकार ने कैंप भी हटा दिए ।। अब हम दिन हो या रात कहीं भी कितने बजे भी आ और जा सकते हैं _ 20 साल पहले ऐसा नहीं था पहले पुलिस का एजेंट बोल के नक्सली मारते थे या नक्सली एजेंट बोल के पुलिस मारती थी .. हमारे सरगुजा से नक्सली संगठन को समाप्त करके शांति स्थापित करने का श्रेय कल्लूरी जी को जाता है _ बस्तर वालों के लिए भले विलेन हों मगर हमारे सरगुजा के लिए कल्लूरी साहब हीरो हैं इन्होंने ही नक्सलियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और नक्सली भाग खड़े हुए ।।
आपका हिम्मत आपका हौसला के धन्यवाद सर जो काम हमारे समाज करना चाहिए था वो आप सच को दिखा रहें ✊️✊️✊️
जय।हीदं।सर।हमारे।आदीवासी।केदुकदरद।समजा।आपकोसैलुटकरतेहै।
सर जी आपको लाख लाख जोहार बस्तर टॉकीज को भी लाख लाख जोहार
और प्रोफेसर लोगों को भी बस्तर आना चाहिए उनको आदिवासी समाज की समस्यायों को उठाना चाहिए
बहुत अच्छा चर्चा गिरी सर से आने वाले दिनों में और साक्षात्कार करिये
It's a great discussion. Thank you.
आदिवासी सीएम नहीं, आदिवासी होते तो बस्तर के आदिवासी के प्रति संवेदनशील होते 😂😂
Jay Adivasi 🙏
sewa johar sir
Jay Aadivasi Jay mulniwasi
Kash har koi giri sir jeisa soche.JAI BHIM.
प्रोफेसर साहब बहुत सही बात बोल रहे हैं
Sahi bole sir adhiwasi bai hamare kudh pardashi bankar rahte h adhiwasi bai ekata hona chahiye
Best Wishes...
जल जंगल जमीन ❤❤
Exilent analysis
Really appreciate
Tiwari Sir bhut din baad apaka news dekhne ko mila hai
आदिवासी और नक्सली मे महानुभाव अंतर नही कर पा रहे है।इनके हिसाब से लोकतंत्रात्मक व्यवस्था बेकार है।तो क्या अराजक ता वादी व्यवस्था ठीक रहेगी?
आप हर आदिवासी को नक्सली समझ रहे हैं
सही बात है सर मनभाभवन डिबेट
Nice video sir
ऑपरेशन समाधान-प्रहार के तहत बस्तर और अन्य आदिवासी इलाकों का सैन्यकरण बंद करो। आदिवासी जनता का नरसंहार बंद करो। हवाई हमला बंद करो।
भाई यही सवाल नक्सलियों से भी कर लो हमला करना बंद करें हथियार छोड़ दें।तब हमारे बस्तर में सैन्य करण बंद हो सकती है
❤❤❤ love you sir,all the best
Right sir
Nice video
Ooo Delhi University ❤❤❤❤❤❤ dil khush
सीएम आदिवासी नही है ओ आरएसएस बीजेपी का चाटुकार है तभी उसे सीएम बनाए हैं भले ही सीएम विष्णु देवसाय के सर्टिफिकेट जनजाति लिखा हो लेकिन हम उसे आदिवासी नही मानते ये इसे चाटू कार हैं जो पद के लिए कुछ भी कर सकते हैं एक आदिवासी समाज सम्मेलन में मंत्री महोदया कोशिल्या साय राधे राधे का संबोधन करते नजर आई लेकिन आदिवासी जय जोहार जय सेवा नही कहा धिक्कार है आदिवासी का लिबास पहन कर कोई आदिवासी नही हो सकता हमारे संस्कृति हिंदू धर्म से अलग है जय आदिवासी मूल निवासी जल जंगल जमीन के मालिक बड़ा देव न सेवा सेवा जय प्रकृति शक्ति
RSS join व्यक्ती आदिवादिसी नहीं chatukar है, लेकिन ईसाई धर्म में join करने वाले क्या है
@@FreeFire-cw9kb महोदय जी कोशिल्या बिष्णु साय ने आदिवासी सम्मेलन समाज में उन्होंने हमारे समाज को न संबोधित कर के हिंदू देवताओं का संबोधन किया हमे ऐसा प्रतीत हुवा मानो ये आदिवासी नही हिंदू सम्मेलन हो जय जोहार जय आदिवासी मूल निवासी जल जंगल जमीन के मालिक
टिप
हमे अन्य धर्म से कोई मतलब नहीं हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई परंतु सामाजिक सम्मेलन में हमारे देवी देवता महापूर्षो का नाम लिया जाए ताकि हमारा समाज अपने महापूर्सो देवी देवताओं को जान सके
Ek baar bas delisting ki afwah udado..dekho kaise khud k devi devta aur sanskriti manana shuru ho jayega.
@@indrajeetroy7192 आदिवासी लोग प्राकृतिक पूजा करते हैं, ज्यादातर बलि प्रथा है तो हमे अन्य से अच्छे कार्य को अपनाने चाइए, मैंने कई प्राकृतिक पुजारियों से बलि प्रथा के संबंध में जानकारी ली, उन्होंने कहा कि बगैर बलि के भी प्रकृति की पूजा अर्चना होती है लेकीन पुजारी अपने मुंह के स्वाद के लिए बलि देते हैं, जिससे इसका विरोध होना चाहिए। और जल जंगल जमीन हम सभी का है, जल जंगल जमीन की विषय को माओवादियों से न जोड़ो यदि जोड़ते हो तो आतंकवादी भी अपने विचार से अच्छे कार्य कर रहे होंगे।
❤
प्रोफेसर आदिवासी और नक्सली में अन्तर नहीं कर पा रहे हैं ये कैसा प्रोफेसर है।
👍👍
अच्छी वार्ता के लिए मुझे भी ज्वाइन कीजिए मैं भी शामिल होना चाहता हूं, अच्छे विचार वाले हों तो, मैं भी एक बस्तर का आदिवासी हूं।
sir aap inse ek sawal puchiye ki yadi maan lijiye pure Bharat me naxaliyo ka raaj ho gaya to wo sashan ka chuaw kis prakar karenge aur ye log aquchal me kya chahte hai
Aadiwasi par atyachar band kro
8:10 ❤❤❤
सर आपका बात सुनने से लगता है आप आदिवासियों की जीवन शैली से बाखूबी वाकीफ है, और उनका दर्द को समझते हैं!
कया कोई हमारे घर घुसकर हमारे अस्मिता को ठेस पहुँचाए और हम चुप रहे!
I think, we have to only two way kill OR die.
मैं आदिवासी हूँ मैं समझता हूँ, जल, जंगल, जमीन हमारे लिए कया है!
Right
सैकड़ो आदिवासी निर्दोष मारे जा रहे है साय सरकार आदिवासी होते हुए भी आदिवासी भाई के प्रति सोच नहीं है नक्सली मारे जाने जश्न मना रहे हैं क्या बंदूक के नोक से समस्या का हल हो सकता है क्या शांति वार्ता से समस्या का समाधान नही हो सकता क्या .गरीब मजदुर को रोजगार मुहैया करवाते पांचवी अनुसूची का पालन क्यों नहीं हो रहा है 🙏 😢😢😢
हम आपसे कैसे जुड़े ?
Ye Desh hamara.bastar hamara.ye adiwasi hamare phir sarkar ho ya vipaksh. A log samadhan ke bare me baat kyo nahi karte.
भारत के अंदरूनी मामला को इंटरनेशन लेकर के जाने वाला खुद को पहले समझे
20:18 20:28 😊
Hi
आपके सवालों का सही जवाब नही दे रहे हैं प्रोफेसर जी
aadivasi nax
Not impressed by this gentleman, he is prejudiced, lacks understanding of the problem. His logics are based on last 20 year’s information and has no proposal for solution!
Urban naxal 😂😂😂
अरे चायनीज एजंट आज देश के राष्ट्रपति आदिवासी से है येथे को समझ मे नही आ रहा है क्या
बस्तर के बारे में आप को कभी समझ नही आयेगा आप मोन रहे तो ठीक है
@@harishcherpa4048-tumhe apne Desh ke logon ya apane Desh ki bhalai ya desh ke prati Prem samajh mein ata hai?tumhe to china aur uske nrishansh hatyara aur kamine mao ke prati hi bhakti hai?dusaron ko updesh Dene se pahle khud ko sudharo.
RSS के एजेंटों को धिक्कार है
आदिवासी हिन्दू हैं
राष्ट्रपति हिन्दू
प्रधानमंत्री हिन्दू
गृहमंत्री हिन्दू
रक्षामंत्री हिन्दू
गृहसचिव हिन्दू
लोकसभा स्पीकर हिन्दू
चीफ-डिफेंस हिन्दू
प्रधान न्यायाधीश हिन्दू
फिर आदिवासी नक्सली कैसे ?
संसाधन विहीन मूलनिवासियों को उनका अधिकार चाहिए देश मूल निवासियों का है RSS ब्रह्मण बनिया और ठाकुरों का पिता को दहेज में नहीं मिला है
भाजपा के दलाल अपनी बात सभ्यता पूर्वक रक्खें मूर्खतापूर्ण तर्क न दें !
@@harishcherpa4048तुम कहां से हो भाई
@@ambujkumar9326बस्तर मेटर में बात चल रही है कहां से चाइना घुसेड़ दिया..!
Someone looking for urban naxal have darshan of this man...
बिना भय के साथ निष्पक्ष तरीके से निडर होकर पत्रकारिता कर रहे हैं और यह आदिवासियों के इस आवाज को देश और दुनिया तक आपके चैनल के माध्यम से लोग जान रहे हैं आपका चैनल का बहुत बड़ा रोल रहेगा बस्तर को आजाद कराने में रहेगा ।।धन्यवाद जोहर।।।
Right sir
👍👍