योगदर्शन ज्ञान - 4 (योग की महत्ता) स्वाध्याय साधना शिविर स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक जी।
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- Опубліковано 30 вер 2024
- सनातन महान वैदिक ज्ञान विज्ञान प्रवाह ....... बिना ज्ञान के ध्यान अधुरा ही होता है । जैसे मनुष्य को छोटे से छोटे काम सीखने, किसी न किसी से देखना सीखना पडता है, सुखी रहने का आखरी उपाय मोक्ष रुप साधन भी किसी आध्यात्मिक गुरु या शिक्षक से सीखना प़डता है तभी लाभ होता है । योगाभ्यास आध्यात्म व ध्यान योग विषयक, विस्तार से उचित शिक्षा पाने के लिए हमें follow करें :-
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Sadar namaste swamiji 🙏 bahut bahut dhanyawad swamiji 🙏💐
Swamijee,aapko aharnish dhanyabad
Namasteji swamiji dhanyabad om
ओ३म
स्वामी जी नमस्ते कुछ लोग 99% पाप कर्म ही करते हैं उन्हें मनुष्य जीवन कब और कैसे मिलेगा
ओ ३ म सादर नमस्ते पूज्य स्वामी विवेकानंद जी परिवाजक जी
स्वामी जी नमस्ते एक धनवान व्यक्ति के घर मैं एक मंदबुद्धि विकलांग बच्चा पैदा हो जाता है इसी घर में एक महिला घरेलू कार्य करने के लिए काम मांगने आई उसके एक 1 वर्ष का बच्चा भी था क्योंकि महिला गरीब थी इसलिए वह शारीरिक रूप से भी कमजोर थी और उसका बच्चा भी शारीरिक रूप से बहुत ज्यादा कमजोर था परंतु धनवान व्यक्ति बहुत ही दयावान था वह उसे महिला और बच्चे को अच्छा खाना देते थे जो वे खुद खाते थे अच्छा खाना मिलने के कारण महिला और बच्चे की हेल्थ अच्छी हो गई अब कर्मों के फल की व्याख्या किस प्रकार होगी धनवान का खुद का बच्चा तो मंदबुद्धि जन्म से रोगी पैदा हुआ यह उसके कौन से कर्मों का फल था और गरीब महिला और उसका बच्चा गरीबी में पैदा हुए परंतु धनवान व्यक्ति के घर में कार्य करने के कारण उन्हें अच्छा भोजन मिलने के कारण उनकी आयु बढ़ गई यह उनका कौन सा कर्म है कृपया अवगत करें🙏
स्वामी जी नमस्ते आपने कहा कि बच्चों को विदेश भेजने के लिए प्रेरित नहीं करना चाहिए या बच्चों को विदेश नहीं जाना चाहिए क्योंकि ईश्वर ने उन्हें भारत में पैदा किया है इसलिए उन्हें भारत में रहकर ही माता पिता की सेवा करनी चाहिए देश की सेवा करनी चाहिए तो ईश्वर करोड़ों बच्चों को गरीब घर में पैदा करता है तो पिछले जन्मों के कर्मों को आधार मानते हुए क्या उन्हें गरीब ही बने रहना चाहिए कि ईश्वर ने हमें पिछले जन्मों के कर्मों के कारण गरीब घर में पैदा किया है इसलिए हम ईश्वर की मर्जी के विरुद्ध अमीर नहीं बनेंगे गरीबी दूर करने के लिए कोई कर्म नहीं करेंगे
Omm Namaste🙏 Suwamiji
Om namaste Swami ji .
🎉dharto
गुरुजी नमस्ते जैसा कर्म करेंगे वैसा फल मिलेगा कृपया इसकी विस्तृत व्याख्या करने की मेहरबानी करें यहां फल से क्या आशय है केवल जाति या जाति आयु भोग तीनों
नमस्ते जी 🙏
यहां पर फल का अर्थ जाति आयु और भोग समझना चाहिए।
स्वामी जी नमस्ते आपका कथन अनुसार जिस मनुष्य के 80 90 % अच्छे पुण्य कर्म होते हैं उसे धनवान घर में जन्म मिलता है तो कृपया बताने की मेहरबानी करें कि एक मुसलमान जिसका बिजनेस विदेश में मीट एक्सपोर्ट करने का है वह गायों का मांस भी विदेश भेजता है वह अरबपति है उसके घर में जिस बच्चे ने जन्म लिया यह उसे बच्चे का भारतीय शास्त्रों के अनुसार पुण्य कर्मों का फल है या पाप कर्मों का फल है🙏
पाप का फल हैं क्योंकि वो बच्चा भी ऐसे परिवार मे रहकर पाप करेगा और अगले कई जन्मों मे भयंकर दंड भोगेगा
@@gaurav8267 परंतु महाराज जी के अनुसार तो उसने पिछले जन्म में पुण्य कर्म किए थे इसलिए उसे धनवान घर में जन्म मिल गया इस प्रकार तो यह उसके पुण्य कर्मों का फल हुआ ना
@@ramnarayanswami1566 धनवान तो हुआ पर जन्म तो राक्षस परिवार मे हुआ।
उस बालक ने poorva जन्म मे ऐसे पुण्य किए होंगे जिससे धनवान घर मिला पर पाप ऐसे किए होंगे जो राक्षसी घर मिला ।
धनवान होने के नाते वो इस जन्म मे भौतिक सुख साधन भोग लेगा पर उसने भयंकर पाप किए होंगे जो ऐसे परिवार मे जन्म हुआ।
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आदरणीय सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏