नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app?cmId=m00022 उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: acharyaprashant.org/en/courses?cmId=m00022 संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/en/enquiry?cmId=m00022
सिर्फ उस समय तक दुनियादारी और कामवासना मेरे ऊपर हावी नहीं होती । जब तक मैं आचार्य जी को सुनता हूं । मुझे ऐसा लगता है जैसे किसी दूसरे आयाम में प्रवेश कर जाता हूं। आपके पास गजब का जादू है आचार्य जी। 🙏😍
Me 18 saal ki hu ..aur mujhe bhout aacha lgta h ki mene acharya ji ko sunna shuru kiya h.. Me apne ghr Walo ki soch bhi nhi badal sakti ulta sab mujhe hi pgl bolte h ki..mere vichar ab kis se bhi nhi mil rhe h...me bus apne hisab se life jina chahti hu... dhanyawad acharya ji....aap bhout aacha kaam kr reho ho kash har kis ki soch aap ke jisi ho jaye...toh ye duniya hi sundar jaye....🙏
When acharyaji said samjho meri beti hai...i had tears in my eyes..I wish every girl had father like you. ..now you are really father to all us girls...and at the same time you are saving boys as well from this trap. Boys have been exploited financially by society and most of them dont even know it😢.. You are a father for all of us🙏
आप पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिसने चेतना को वास्तव में जगाया है। निर्भय कर दिया ' समाज को सुधरना पड़ेगा अब । आपका इतना धन्यवाद है जिसे शब्दों में ब्यान नहीं किया जा रहा है।
हम जैसे औरतों के लिए कौन सोचता है हम अपने लिए भी नहीं सोचते जो आचार्य जी ने आज बोले हैं हम सब को जागरुक होना चाहिए और सही दिशा पकड़नी चाहिए शत शत नमन आचार्य 🙏🙏🙏🙏🙏
Raja ram mohan Roy ke baad acharya Ji hi hain jo mahilaon ke problems ko itne deeply samajhte hain...aur khud ko empower karne ki upay bhi batate hain...thnk you acharya ji 🙏🏻🙏🏻
मेरा तो हँस हँस कर पेट दर्द हो गया ,इस वीडियो में l समाज के इस कटु यथार्थ पर इतना व्यंग्यात्मक प्रहार कबीर के बाद केवल और केवल आचार्य प्रशांत जी ही कर सकते हैं और कोई नहीं 🙏🙏 शत शत नमन आचार्य जी को कोटि कोटि नमन इनके माता पिता को जिन्होंने आचार्य जी जैसे युगपुरुष इस समाज को दिया 🙏🙏🙏
सामान्य लोगों के लिए अपना जीवन निर्वाह ही मुश्किल लगता है तो यह समाज के विरोध और समाज में चल रही. नियम और परंपराओं को तोड़ने की साहस नहीं रख पाते। इसलिए सब ऐसा ही चलता रहता है।
मै कोई कवि नही, पर आचार्य जी की संगति ने मुझे ये कविता लिखने पर मजबूर कर दिया बेटियां तो पराया धन है ना, हुऊहह, वो अपना है या है पराया, वो बाद मे देखेंगे, पहले ये बताओ की वो "धन" है क्या? अरे! धन तो संपत्ति होती है ना, जिसे नापते हो दुनिया के तकाजो में, ए इंसान, उसी दुनिया के तकाजे मे, खुद ही के जिगर के टुकड़े को नापते हुए लज्जा नही आई? जब युधिष्ठिर ने द्रौपदी को दांव पर लगाया था, तब सबने उंगली उठा दी थी की पत्नी कोई वस्तु है क्या; पर आज मै सबसे पूछती हुँ की जिस पिता ने उसी अपनी पुत्री को वस्तु समझ के ब्याहया था, उस पर आज तक किसी ने उंगली क्यों नही उठाई? ए प्राणी, तेरी बेटी तेरा हिस्सा है, तेरी शक्ति है, तेरी ऊर्जा है, उसे यू धन- संपत्ति के तकाजो मे मत तोल; तनिक सोच तो एक बार, यदि उसने ये सब सोच लिया, तो क्या फिर वो तुझे "पापा" कह पायेगी? शायद नही, क्योकि जो व्यक्ति खुद ही के अंश को यूँ एक वस्तु समझे, उसे "पिता" जैसी सम्मानीय उपाधि का कोई अधिकार नही वो पिता नही व्यापारी है जो पुत्र को अपनी तथा पुत्री को पराई संपत्ति समझता है, और यदि ये संपत्ति उपजाऊ नही निकली, तो उसे त्याग भी देता है, त्याग भी देता है जरा विराम लीजिये अपने जीवन मे तनिक पूछीये जरा खुद से कही आप भी वही व्यापारी है क्या आप भी वही व्यापारी है? ~ आचार्य जी की शिष्या द्वारा इस दुनिया को समर्पित एक छोटी सी कविता!
आचार्य जी लड़कियाँ इसलिए चली जाती हैं क्युंकि घर वाले और भाई ही सबसे ज्यादा सुनाते हैं जिससे बचने के लिए लड़कियाँ शादी कर लेती हैं। सबसे बेहतर है अकेले रहो 😌
7:20 से सुनिए पहली बार मैंने आप को थोड़ा करीब से जाना है बहुत ही अच्छा लगा ऐसा प्रतीत होता है जैसे कृष्ण को अपने करीब पाया इतना मजा तो अर्जन को भी नहीं आया होगा बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी
नमस्ते आचार्यजी, काश 30 साल पहले ही आप हमे मिले होते, आप सच बोलते है, बेटीयोंपर भी पिता का ऋण होता है, पर बेटीयाँ चाह कर भी वो चुका नही सकती, चाह कर भी मैके जा नही सकती, इस गम में मेरी उम्र बीत गई, क्यो की हमने सिर्फ ससुराल का ही कर्तव्य निभाया, आज हर वक्त पिता के लिये दिल रोता है, अब ऐसा लगता है की ये जिंदगी किस काम की जो मैने माता पिता को छोड दिया और यहाँ आके झाडू पोछा कर रही हूँ। जिस कामकी कोई किमत नही। आपके विचार पर अंमल होना चाहिए।
नमस्ते आचार्य जी आपने इस विषय पर बहुत ही तार्किकता से प्रकाश डाला है । आज के जमाने में तो फिर भी जिस् महीला की शादी होती है ,उसके घर वाले फोन पर या वा वीडियो कॉलिंग के द्वारा बातचीत कर लेते है ,परिवहन की सुगमता। के कारण बेटी के ससुराल आ जा सकते है but जब परिवहन सुगम नही था , फोन इत्यादि संपर्क के साधन नहीं थे तब उन्हे अपनी बेटी की बहुत याद आती होगी और बेटी को भी अपना घर माता पिता बचपन के दोस्त भाई बहुत याद आते होंगे , आपने सही कहा की शादी को इन बंधनों से मुक्त होना चाहिए की बेटी शादी के बाद ससुराल ही रहेगी, ये अनिवार्यत खत्म होना चाहिए।
Women are obsessed with marriage and relationships...and women who don't think like that are considered abnormal. Society has a vested interest in keeping women how they are.
Aap yek bhagwan ke रूप हूं सर 😢😢😢😢😢 ma बहुत देखती हु मुझे अच्छा लगता है 😢😢😢😢😢😢😢😢😢 काश ये टीवी pr भी आता तो गांव की आवरते भी देख पाती कुछ तो समझती Please 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 TV pr bhi aaya kri sir 😢😢😢😢😢😢😢😢
Wow❤ aapki soch bilakul mere se match khati hai...mai bhi khud ke soch se khud ke dam pe life jeena chahati hu...Jo mere liye better hai meri growth hai....koi to Mila mere jaise thank you God 😊🙏
haha for me it was 10-11- vivek bindra(obsessed with his case studies) 12- Sandeep maheshwari (good perspective on things) and now, ive found gold- Sir acharya prashant im currently 15 btw
तो कोई भी बेटी चाहे वो पारिवारिक हो या सामाजिक किसी भी प्रकार का अत्याचार नही सहेगी, किसी बेटी की हत्या नहीं होगी,, कोटि कोटि नमन आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम गुरु जी आप समाज में वैचारिक क्रांति लाने में पूर्णतः समर्थ है। आज के युग कबीर है। आज के दौर में ऐसे ही आप जैसे आधुनिक कबीर की वैचारिकता की बेहद आवश्यकता है। समरसता की और तभी जा सकते हैं।
आचार्य जी को प्रणाम है बहुत बढ़िया बात कह रहे हैं आप अगर बेटी इतनी ही पराई होती है तो पैदा ही क्यों करते हैं कैसे किसी जाने अनजाने के हाथ में आप लड़की दे देते हो 14_15 साल की लड़की को कुछ पता नहीं होता कि कैसे वह किसी का घर बस आएगी एक बार माता-पिता विदा कर देते हैं सिर दर्दी खत्म उनकी आजादी शुरू इसके बाद लड़की का पति मार रहा है पीट रहा है क्या कर रहा है उससे कोई मतलब नहीं है पूरी जिंदगी ऐसे ही निकल जाती है मारपीट में बच्चे पैदा करने में माता पिता के घर जब मार खाकर आती है तो माता-पिता निकाल देते हैं ससुराल में जाती है तो वह वैसी दरिंदा मारता है इतना समझौता करना पड़ता है तो लड़कियां पैदा ही क्यों करते हो किसी माता-पिता को यह पता चल जाए कि हमारी लड़की किसी से बात कर रही है अनजाने में वैसे भी अभी उसका पता काट दिया जाता है डॉक्टरी करवाओ लड़की ने कोई गलत काम तो नहीं कर दीया जल्दी से कोई लड़का देखो कहीं हमारी इज्जत मिट्टी में तो नहीं मिला दी🙏
Apne carier banane mein ladka kahan se aata hai ladki kahan se aati hai jiske jahan mein vasna bahre ki chahe ladka ho ya ladki ho tabhi usko ladki Pasand aati hai ladka Pasand aata hai Anushka ko jaanta hai aaj Nahin to cal meri shaadi honi hai yah hawas pura ho sakta hai but abhi jo hamare pass samay hai vah hamara apna bahut mulyvan hai hamare carier ke liye ladka ho ya ladki ho Apne carrier per usmein focus Karen na anyatha vasna per jayegi vah yah jaega to Bhai ismein to ijjat aur pratishtha ki baat Nahin jaati hai chahe vah ladka ho ya ladki Uske Ghar wale to fir uski manokamna purn Kar hi dete Hain ki jaat mein vasna hi chahie to ja vasna le le to fir kahan se Mata pita ismein galat hue galat to UN donon ho Gaye kyunki unko Apne carrier se jyada fikra ab hawas ki hone lagi ki hamari hawas hamare sharir ki vasna kaise purti ho to Bhai hawas Puri hi karni hai to shaadi kar lo na pahle Apne mata-pita ko galat batane se pahle khud per focus dalo khud per ki tumhara focus kahan hai sharir ki vasna mein ya chetna mein kabhi kisi ke bhi parents ho vah Apne aulad ke bare mein galat Nahin sochte vah Apne beti ho ya beta ho Uske bare mein kabhi galat Nahin sochte
महिलाओं की वास्तविक दुश्मन पुरूष नही महिला ही है, कहीं साँस के रूप में, कही अफसर के रूप में, ससुराल में महिलाओं को पुरुषों से दिक्कत या परेशानी नही है, ससुराल में महिलाओं को महिलाओं से ही परेशानी है। Its true आचार्य जी।
आचार्य जी, सादर प्रणाम, उम्र में आप मुझसे छोटे हो पर फिर भी आपके विचारों के कारण दिल आपके लिए आदर से भरा रहता है और हम लोगों ने जीवन व्यर्थ गवां दिया, जब hmne अपनी बेटी का विवाह किया था तो उसके लिए घर के दरवाजे हमेशा खुले रखे थे उसका सुख दुख भी हमारा ही है उसके ससुराल वालों खासकर पति ने शादी तो खुशी से अपनी पसंद से और घर वालों को शामिल कर की थी पर थोड़ा समय बीतने पर वो भी बदल गया, आम लड़कों की तरह, अब लड़की को हमने अपने पास रख लिया है कि अपमानित होकर उनके घर की नौकरी करने से अच्छा है अपने माता पिता के साथ रहे, गुरु जी आपका यह वाला episode सुनकर लगा कि अच्छा किया जो बच्ची को यहां अपने पास रखा है, और उसका भविष्य बनाने में उसकी पूरी मदद कर रहे हैं, पढ़ी लिखी पूरी है. आपके विचारों से बहुत प्रभावित है कि गुरु जी मुझको जीवन में पहले मिले होते तो आज मैं दूसरी ही होती, धन्यवाद गुरुजी
आचार्य जी प्रणाम। आपको सुनकर हमारी कई भ्रांतियां दूर होती हैं। आप जिस तरीके से समाज का गहराई से विश्लेषण करते हैं, वह अतुल्यनीय है। स्त्रियां कैसे अपनी परिस्थिति के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं और उसमें कैसे सुधार कर सकती हैं इस तथ्य पर आपके मार्गदर्शन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
वाह वाह वाह,!!! अद्भुत अद्भुत अद्भुत 👌👌👌 इसी चर्चा का इंतजार था । ऐसी चर्चा बहुत बहुत बार होनी ही चाहिए तभी हमारी मानसिकता सोच विचार बदलेंगे तब कभी जाकर समाज और संस्कृति की बेतुकी रस्मे और रिवाज खत्म होंगे 🙏 आभार आभार आभार💖💖💖
10:11 मेरी बेटी है, कोई पांचवा सांतवा आंठवा तीसरा चौथा आदमी कुछ बोल रहा है उसके लिए मैं अपनी बेटी घर से निकाल दूं????--This statement/question is the epitome of true love❤❤❤❤❤❤❤❣️❣️❣️❣️💗🙏
आचार्य जी आपको पचास साल की उम्र से सुनना शुरू किया था आज सात साल हो गए।अब पता चल रहा है कि इतना आनंदित रहा जा सकता था। पहले तो मानसिक पीड़ा में जीवन बीता था।जब जागे तब सवेरा। शत् शत् नमन गुरु जी।आप मेरे जैसी कितनी महिलाओं को नया जीवन दे रहे हैं।
हम तो पछता रहे हैं आचार्य जी को अभी दो महीने से सुना,,,, अगर पहले पता होता तो हमारी जिंदगी दांव पर नही लगती ससुराल में, बहुत दुःख हो रहा गाय बनकर रहने का नतीजा भी इतना बुरा मिला कि जहाँ इतने दिनों से अपने इस कीमती जीवन को नष्ट करने की सोच रहे थे, वही अब आचार्य जी को सुनकर नई उम्मीद जगी है । अब ऐसा कदम कभी नही उठाएंगे हम कि जो हमें ख़त्म करने पर तुले हुए है उनका रास्ता हम ही मूर्खता का परिचय देकर आसान कर दें । जब हम सही है तो क्यों डरे किसी से, बस उस परमात्मा की नजर में सही होना है हमें तो, बाकी दुनिया जाए भाड़ में .....
नमस्ते आचार्य जी मैंने arrange marriage के पक्ष में जो कारण मूल रूप से देखा है वह यह है कि भारतीय समाज या संस्कृति शरीर की virginity और पवित्रता को एक समझती है जिसके कारण महिलाओं के मन मे यह विशेष रूप से बैठा दिया जाता है कि तुमको अपनी शारीरिक जरूरतों के लिए सबकी सहमती चाहिए या मर्यादा के विरुद्ध जाकर पूरी नही करना है औऱ उस चीज को पिता की इज्जत से जोड़ दिया जाता है इसलिए लड़कियां भी इस सड़ चुके structure का हिस्सा बनने के लिए तैयार रहती है कि सब खुश रहेंगे तो दोनो तरफ से balance बना रहेगा क्योंकि प्रकृति से भी उनका शरीर बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित है और दूसरा यह कि समाज की धूल धक्कड़ और बुरे लोगो से बचे रहकर भी भविष्य में उन्हें काफी दौलत ,jewellery और प्रॉपर्टी का मालिक बना दिया जाता है।
Exactly... Womens ko yhi bta diya hai ki tm virgin ho to mahan ho or tmhra maturity level ky h point of view kya koi frk n pdta bs ldki virgin h to sanskari h Womens ke mindset logo ne esa kr diya h jisme vo sirf ek body centric h deh bhao... Isliye ldki to duniyadari sikhne n dete Or dusre side ldko ko full exposure milta h ldko ko Kitna shit... Logic h baseless 😂
Sir you are really brilliant person who stand for women's ❤ You are gininus 👍 God bless you sir Mata Rani ki Bahut Krippa hai aap par jo Aaj aap mahilaoko Itna samjha chuke ho🙏 unhe jagrit krne ka itna mahan kaam aapko ishwar ne Diya hai😊🙏
Such a serious topic discussed by acharyaji.. I wish everyone should think and open their eyes on these issues.. What an amazing and wonderful Guidance and wisdom.. I really salute for this wonderful speech... Thank you so much Acharyaji.. Keep spreading light into our life... I really want to meet and see you any day... Thank you so much... It brings tears in my eyes seeing the horribles issues of India..
साथ तो बस इसीलिए रहते हैं ताकि एक दूसरे पर बंधन रख सके। साथ नही रहेंगे तो दूसरों की तरफ आकर्षित होंगे। आकर्षित होने का अर्थ ही ये है कि अज्ञान है। अध्यात्म और बुद्धि से वंचित हैं इसलिए भरोसा नहीं एक दूजे पर। अध्यात्म के बिना ये संभव नहीं कि दो विवाहित लोग अलग घर में रह ले खुशी खुशी।
नमस्कार सर। आज का एपिसोड बहुत अच्छा लगा। मैने अपनी बेटी को कभी भी शादी करने के लिए फोर्स नहीं किया। शादी अपनी पसंद से हुई, दामाद हमारे साथ रहेंगे,, इसी बात पर शादी हुई। हम सब साथ में रहते है। और बहुत खुश है हम लोग। सब कुछ अच्छा चल रहा है। सब लोगो ने बहुत बाते की। लेकिन मैंने अपनी बेटी को ही समर्थन दिया। हमे कोई दिक्कत नही है।
आचार्य प्रशांत जी एक ऐसी दवाई है जिसे हर कोई खा नहीं सकता, लेकिन जिसने खाकर हजम कर लिया उसकी जिंदगी तर जायेगी। क्योंकि सच दवाई की तरह कड़वी होती हैं। लेकिन परिणाम मे सुकून देती है।
My husband & in laws must listen this....who are planning to get me divorce bcz i m doing job at another city away from my husband's city... There agenda is --- Aurat h ...admi smbhale...gar ko smbhale...bche peda kro & never argue with them on any wrong things that they say... I so follow arachrya ji..& i wish it brings changes in my life
आचार्य जी प्रणाम👏 आप की बात से बहुत खुश हूं आज आभार 👏 आप की बातो से एक जवाब मिला मुझे की ये जो दहेज प्रथा है इसे महिलाएं ही खत्म कर सकती है वो भी बहोत आसानी से क्योंकि (जहां दहेज दिया जा रहा है वहा भी एक महिला हैं ओर जहा दहेज लिया जा रहा है वहा भी महिलाएं है) मेरे हिसाब से सवाल में ही जवाब है❤️👏👏
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Samajik pratha dekhana hai to ek bar sudur Village me aake dekh lijiyega bahut badtar isti hai har bat me bandan hai.....🙏🙏
Wah koi to mila esi rudiwadi soch ke virudh...
Thank sir for making video on this matter.
Excellent terefic great Acharya ji jitni tarif ki jaye utna kam ha
Proud of you Acharya ji songs should be banned bettersongs canbe made to improve the mentality of our men and women folk
सिर्फ उस समय तक दुनियादारी और कामवासना मेरे ऊपर हावी नहीं होती । जब तक मैं आचार्य जी को सुनता हूं । मुझे ऐसा लगता है जैसे किसी दूसरे आयाम में प्रवेश कर जाता हूं।
आपके पास गजब का जादू है आचार्य जी। 🙏😍
ध्रुव राठी के व्हीडियो की तरह ये व्हिडिओ भी गावो गावो में दिखाना चाहिये | We need Acharya Prashant Sir. Protect him at all cost.
Nice thought ❤❤
Bilkul gav me isaki bahut jarurat hai
बिदाई के समय रोना नहीं आता है तो फिल्म के गाने का सहारा लेना पड़ता है
आचार्य जी ज्ञान के महासागर हैं। सभी लोग केवल सुने नहीं, जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
कौन - कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓ Milion का हो।😊🥰💓
me wants
because i am addicted to his videos
👌👌
Me 18 saal ki hu ..aur mujhe bhout aacha lgta h ki mene acharya ji ko sunna shuru kiya h..
Me apne ghr Walo ki soch bhi nhi badal sakti ulta sab mujhe hi pgl bolte h ki..mere vichar ab kis se bhi nhi mil rhe h...me bus apne hisab se life jina chahti hu... dhanyawad acharya ji....aap bhout aacha kaam kr reho ho kash har kis ki soch aap ke jisi ho jaye...toh ye duniya hi sundar jaye....🙏
Live Fearless and independent.😄
आचार्य जी . आपकी बाते सुनकर परिवार व सामाज.मे सुन लिया तो भूचाल आ जायेगा ।
😂
Mere ghar wale to 📺 TV he tod denge or next day he shadi kr denge😂
I Agree 👏👏
Kya bhuchal aa jayega
उन माँ और पिता को लंबी उम्र मिले जीन्होने इन आचार्य को जन्म दिया हैं. 🙏🏻
I wanted our next pm should be acharya Prashant ,will change India, love your speech acharya Prashant.
महाराज जी की बाते सुनकर बहुत खुशी मिली की हमारे साथ जो अत्याचार करते हैं हमारी राजी होती है उसके जिमेदार बेटियां खुद h आज हम सभी को जागरूक होना चाहिए।
सही
Itni high level ki understanding chaiye har parents or bacho ko❤❤
Meri soch bhi acharya ji k hi tarah h.
Mujhe pata chal gya ki mere jaisa sochne wale bhi is duniya me log rehte hai.👏👏👏👏👏👏👍👍👍🙏🙏🙏🙏
Aapke jaise meri bhi soch hai
Good 👍
Me bhi yahi sochti thi
Meri bhi
Really mujhe bhi ek ek word apna bola hua lagta hai.
When acharyaji said samjho meri beti hai...i had tears in my eyes..I wish every girl had father like you. ..now you are really father to all us girls...and at the same time you are saving boys as well from this trap. Boys have been exploited financially by society and most of them dont even know it😢.. You are a father for all of us🙏
Yes
Aacharyaji jeevan k 48 saal gujarne k baad aapko suna pr aapke wale bahut se vidroh kiya. aaj v kuchh had tk apni samjh aor Sharton pr z rhi hun....achha lga aapko sunkr
Bilkul sahi.
"पिता से कम ही पिटती है बिटिया ज्यादा तो पति से ही पिटती है"😭😭
अचार्य प्रशांत
Pitai na ho bhi pati se aukat jarur yaad dila di jati thi hardin,joki papa nai btate
Jurm sahne wale ki bhi glti hai isme. Wo chup chap pitati hai isliye use himmat hoti hai. Ek baar karara zawab dedo uske baad dekho
Right
आप पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिसने चेतना को वास्तव में जगाया है। निर्भय कर दिया ' समाज को सुधरना पड़ेगा अब । आपका इतना धन्यवाद है जिसे शब्दों में ब्यान नहीं किया जा रहा है।
❤❤❤
आज पहली बार मां पापा के अलावा किसी पुरुष के चरण स्पर्श करने की भावना हुईं है🙏🏻🙏🏻
👍🙏🥰
🙏🏾👏
ये एक क्रूर परंपरा है👏👏👏
बदलाव आएगा आचार्य जी पक्का धीरे धीरे
हम जैसे औरतों के लिए कौन सोचता है हम अपने लिए भी नहीं सोचते जो आचार्य जी ने आज बोले हैं हम सब को जागरुक होना चाहिए और सही दिशा पकड़नी चाहिए शत शत नमन आचार्य 🙏🙏🙏🙏🙏
हमारे बन्धन हमने स्वयं बनाए हैं। उपनिषद में इन कर्मकाण्डो का कहीं जिक्र नहीं है। आचार्य जी को प्रणाम। आचार्य जी ने क्रांति का आगाज किया है।🙏
Raja ram mohan Roy ke baad acharya Ji hi hain jo mahilaon ke problems ko itne deeply samajhte hain...aur khud ko empower karne ki upay bhi batate hain...thnk you acharya ji 🙏🏻🙏🏻
मेरा तो हँस हँस कर पेट दर्द हो गया ,इस वीडियो में l समाज के इस कटु यथार्थ पर इतना व्यंग्यात्मक प्रहार कबीर के बाद केवल और केवल आचार्य प्रशांत जी ही कर सकते हैं और कोई नहीं 🙏🙏 शत शत नमन आचार्य जी को कोटि कोटि नमन इनके माता पिता को जिन्होंने आचार्य जी जैसे युगपुरुष इस समाज को दिया 🙏🙏🙏
❤
🙏🙏🙏🙏हमारी संस्कृति और लोगों की महिलाओं के प्रति सोच पर बहुत ही सही कटाक्ष, शत शत नमन आचार्य जी 🙏🙏
मेरे यही विचार थे पर सबसे पहले घर वाले ही दुश्मन होते हैं😢
मनुष्य हो तो आपके जैसे अन्यथा नहीं ।
आप कितना गहराई से सोचते हैं धन्यवाद आपका।🙏🙏📑👌🌸
🙏🙏🙏👍👍 धन्यवाद आचार्य जी यह बात मुझ पर भी लागू होती है मैं अपने मां-बाप की अकेली संतान थी
निकम्मे पुरषों पर साफ सुथरे शब्दों में बोलने के लिए और महिलाओं और समाज के बारे में इतना स्पष्ट बोलने के लिए आपको प्रणाम करता हूं
सामान्य लोगों के लिए अपना जीवन निर्वाह ही मुश्किल लगता है तो यह समाज के विरोध और समाज में चल रही. नियम और परंपराओं को तोड़ने की साहस नहीं रख पाते। इसलिए सब ऐसा ही चलता रहता है।
'बँधी हुई की आह ' कितनी सच्ची और भीतरी बात 👍👍
मै कोई कवि नही, पर आचार्य जी की संगति ने मुझे ये कविता लिखने पर मजबूर कर दिया
बेटियां तो पराया धन है ना,
हुऊहह, वो अपना है या है पराया,
वो बाद मे देखेंगे,
पहले ये बताओ की वो "धन" है क्या?
अरे! धन तो संपत्ति होती है ना,
जिसे नापते हो दुनिया के तकाजो में,
ए इंसान, उसी दुनिया के तकाजे मे,
खुद ही के जिगर के टुकड़े को नापते हुए लज्जा नही आई?
जब युधिष्ठिर ने द्रौपदी को दांव पर लगाया था,
तब सबने उंगली उठा दी थी की पत्नी कोई वस्तु है क्या;
पर आज मै सबसे पूछती हुँ
की जिस पिता ने उसी अपनी पुत्री को वस्तु समझ के ब्याहया था,
उस पर आज तक किसी ने उंगली क्यों नही उठाई?
ए प्राणी, तेरी बेटी तेरा हिस्सा है, तेरी शक्ति है, तेरी ऊर्जा है,
उसे यू धन- संपत्ति के तकाजो मे मत तोल;
तनिक सोच तो एक बार, यदि उसने ये सब सोच लिया,
तो क्या फिर वो तुझे "पापा" कह पायेगी?
शायद नही, क्योकि जो व्यक्ति खुद ही के अंश को यूँ एक वस्तु समझे,
उसे "पिता" जैसी सम्मानीय उपाधि का कोई अधिकार नही
वो पिता नही व्यापारी है
जो पुत्र को अपनी तथा पुत्री को पराई संपत्ति समझता है,
और यदि ये संपत्ति उपजाऊ नही निकली,
तो उसे त्याग भी देता है, त्याग भी देता है
जरा विराम लीजिये अपने जीवन मे
तनिक पूछीये जरा खुद से
कही आप भी वही व्यापारी है
क्या आप भी वही व्यापारी है?
~ आचार्य जी की शिष्या द्वारा इस दुनिया को समर्पित एक छोटी सी कविता!
बहुत बहुत बहुत ही सुंदर और तार्किक ❤
😊😊😊
Bahut achha ❤
Bahut sundar kavita hai❤ aur yahi ho rha hai
Bahut sundar ❤❤
अचार्य प्रशांत जी को शिक्षा मंत्री बना देना चाहिए 🙌🌞🥰
Bharat ki shikha m sudhar aa jayega
प्रधानमंत्री
आचार्य जी लड़कियाँ इसलिए चली जाती हैं क्युंकि घर वाले और भाई ही सबसे ज्यादा सुनाते हैं जिससे बचने के लिए लड़कियाँ शादी कर लेती हैं। सबसे बेहतर है अकेले रहो 😌
7:20 से सुनिए
पहली बार मैंने आप को थोड़ा करीब से जाना है बहुत ही अच्छा लगा ऐसा प्रतीत होता है जैसे कृष्ण को अपने करीब पाया इतना मजा तो अर्जन को भी नहीं आया होगा बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी
Thanks ...
लोग भय और अंध भक्ति में जी रहे है सत्य ही सनातन धर्म है।प्राण गुरुजी।आपकी बाते बहुत अच्छी लगी ❤❤❤❤
जो कमजोर है , आज के समय मे सिर्फ वो काटा जाएगा
चाहे फिर वो महिलाए हो या पशु ।
इसीलिए आथिर्क और भावनात्मक तौर पर महिलाओ को
मजबूत होना पडेगा😊💕
बहुत सही बात की। लाख की।
नमस्ते आचार्यजी, काश 30 साल पहले ही आप हमे मिले होते, आप सच बोलते है, बेटीयोंपर भी पिता का ऋण होता है, पर बेटीयाँ चाह कर भी वो चुका नही सकती, चाह कर भी मैके जा नही सकती, इस गम में मेरी उम्र बीत गई, क्यो की हमने सिर्फ ससुराल का ही कर्तव्य निभाया, आज हर वक्त पिता के लिये दिल रोता है, अब ऐसा लगता है की ये जिंदगी किस काम की जो मैने माता पिता को छोड दिया और यहाँ आके झाडू पोछा कर रही हूँ। जिस कामकी कोई किमत नही। आपके विचार पर अंमल होना चाहिए।
धन्यवाद
I'm 20 years old and i have decided, i will never get married. NEVERRRR.. SP GRATEFUL TO FIND AACHARYA JI at this age
@@varsha7386me also
नमन आचार्य जी। इस सत्र मे मै सजीव थी। 🙏
अमृत है ,शब्द नही। सच है बिना चासनी में डूबा।
आचार्य जी चाशनी में डुबोकर नहीं बोलते ।खरी और सच्ची बातें कहते हैं।
Wow😇
Kaha per tha ye wala session Ma'am 🤔
@@sarikasahu2810online गीता सत्र मे भाग लिया हुआ है मैने तो उसमे थोड़ी देर पहले हमे जोड़ लिया था तो सुन ने को मिला था इस सत्र का कुछ अंश ।
🙏
आचार्य प्रशान्त जी ज्ञान के प्रशान्त महासागर है 🙏🙏
आचार्य जी के विचारों को सुनने से चेतना को शक्ति मिलती है .....आज कोई नारी के लिए इतना कहां सोचता है...बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏
आचार्य जी के इस मुहिम को बढ़ाने के लिए यथा सम्भव दान करे।।
आज के सत्र को सुनकर दिमाग हिल गया पूरा। पूरे शरीर और मन में क्रांति हो गई आचार्य जी को सुनकर ।बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी को 🙏🙏🙏👏👏👏
अब बस जीवन में क्रांति लाना है 👍👍
नमस्ते आचार्य जी आपने इस विषय पर बहुत ही तार्किकता से प्रकाश डाला है । आज के जमाने में तो फिर भी जिस् महीला की शादी होती है ,उसके घर वाले फोन पर या वा वीडियो कॉलिंग के द्वारा बातचीत कर लेते है ,परिवहन की सुगमता। के कारण बेटी के ससुराल आ जा सकते है but जब परिवहन सुगम नही था , फोन इत्यादि संपर्क के साधन नहीं थे तब उन्हे अपनी बेटी की बहुत याद आती होगी और बेटी को भी अपना घर माता पिता बचपन के दोस्त भाई बहुत याद आते होंगे , आपने सही कहा की शादी को इन बंधनों से मुक्त होना चाहिए की बेटी शादी के बाद ससुराल ही रहेगी, ये अनिवार्यत खत्म होना चाहिए।
घास जो काटी जाई 😂😂🤣🤣
हास्य, व्यंग्य के साथ साथ समाज को संदेश 🙏🏻🙏🏻
Women are obsessed with marriage and relationships...and women who don't think like that are considered abnormal. Society has a vested interest in keeping women how they are.
Absolutely true👍100% Girl /womens need more sprituality as Acharya jee said....super proud that i have acharya jee..
इतनी सीधी सच्ची साफ साफ और सही बात सिर्फ और सिर्फ आचार्य जी ही बोलते हैं 🙏🏻नमन आपको आचार्य ही सादर नमन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Aap yek bhagwan ke रूप हूं सर 😢😢😢😢😢 ma बहुत देखती हु मुझे अच्छा लगता है 😢😢😢😢😢😢😢😢😢
काश ये टीवी pr भी आता तो गांव की आवरते भी देख पाती कुछ तो समझती
Please 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
TV pr bhi aaya kri sir 😢😢😢😢😢😢😢😢
6 bje subha NDTV
100 बात की एक बात "सत्य" के बिना जिंदगी नर्क है🙏
Wow❤ aapki soch bilakul mere se match khati hai...mai bhi khud ke soch se khud ke dam pe life jeena chahati hu...Jo mere liye better hai meri growth hai....koi to Mila mere jaise thank you God 😊🙏
Kids - Sandeep Maheshwari
Young - Vivek Bindra
Adult - Acharya Prashant
bakwas -vivek bindra
akal -sandeep maheshwari
revolution -prasant aacharya
haha for me it was 10-11- vivek bindra(obsessed with his case studies)
12- Sandeep maheshwari (good perspective on things)
and now, ive found gold- Sir acharya prashant
im currently 15 btw
vivek 😂 @@paraathakare1851
तो कोई भी बेटी चाहे वो पारिवारिक हो या सामाजिक किसी भी प्रकार का अत्याचार नही सहेगी, किसी बेटी की हत्या नहीं होगी,, कोटि कोटि नमन आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सादर प्रणाम आचार्य
प्रणाम गुरु जी
आप समाज में वैचारिक क्रांति लाने में पूर्णतः समर्थ है। आज के युग कबीर है। आज के दौर में ऐसे ही आप जैसे आधुनिक कबीर की वैचारिकता की बेहद आवश्यकता है। समरसता की और तभी जा सकते हैं।
आचार्य जी को प्रणाम है बहुत बढ़िया बात कह रहे हैं आप अगर बेटी इतनी ही पराई होती है तो पैदा ही क्यों करते हैं कैसे किसी जाने अनजाने के हाथ में आप लड़की दे देते हो 14_15 साल की लड़की को कुछ पता नहीं होता कि कैसे वह किसी का घर बस आएगी एक बार माता-पिता विदा कर देते हैं सिर दर्दी खत्म उनकी आजादी शुरू इसके बाद लड़की का पति मार रहा है पीट रहा है क्या कर रहा है उससे कोई मतलब नहीं है पूरी जिंदगी ऐसे ही निकल जाती है मारपीट में बच्चे पैदा करने में माता पिता के घर जब मार खाकर आती है तो माता-पिता निकाल देते हैं ससुराल में जाती है तो वह वैसी दरिंदा मारता है इतना समझौता करना पड़ता है तो लड़कियां पैदा ही क्यों करते हो किसी माता-पिता को यह पता चल जाए कि हमारी लड़की किसी से बात कर रही है अनजाने में वैसे भी अभी उसका पता काट दिया जाता है डॉक्टरी करवाओ लड़की ने कोई गलत काम तो नहीं कर दीया जल्दी से कोई लड़का देखो कहीं हमारी इज्जत मिट्टी में तो नहीं मिला दी🙏
Apne carier banane mein ladka kahan se aata hai ladki kahan se aati hai jiske jahan mein vasna bahre ki chahe ladka ho ya ladki ho tabhi usko ladki Pasand aati hai ladka Pasand aata hai Anushka ko jaanta hai aaj Nahin to cal meri shaadi honi hai yah hawas pura ho sakta hai but abhi jo hamare pass samay hai vah hamara apna bahut mulyvan hai hamare carier ke liye ladka ho ya ladki ho Apne carrier per usmein focus Karen na anyatha vasna per jayegi vah yah jaega to Bhai ismein to ijjat aur pratishtha ki baat Nahin jaati hai chahe vah ladka ho ya ladki Uske Ghar wale to fir uski manokamna purn Kar hi dete Hain ki jaat mein vasna hi chahie to ja vasna le le to fir kahan se Mata pita ismein galat hue galat to UN donon ho Gaye kyunki unko Apne carrier se jyada fikra ab hawas ki hone lagi ki hamari hawas hamare sharir ki vasna kaise purti ho to Bhai hawas Puri hi karni hai to shaadi kar lo na pahle Apne mata-pita ko galat batane se pahle khud per focus dalo khud per ki tumhara focus kahan hai sharir ki vasna mein ya chetna mein kabhi kisi ke bhi parents ho vah Apne aulad ke bare mein galat Nahin sochte vah Apne beti ho ya beta ho Uske bare mein kabhi galat Nahin sochte
Sir you can change the Indian society
Great work sir
महिलाओं की वास्तविक दुश्मन पुरूष नही महिला ही है, कहीं साँस के रूप में, कही अफसर के रूप में,
ससुराल में महिलाओं को पुरुषों से दिक्कत या परेशानी नही है, ससुराल में महिलाओं को महिलाओं से ही परेशानी है।
Its true आचार्य जी।
Ji aap shi ho..
Kyuki mahila hi mahila ko nhi samjhati..
Apni स्थिति janate hue bhi vo use hi kosati h😢
Yes right
sahi
आचार्य जी, सादर प्रणाम, उम्र में आप मुझसे छोटे हो पर फिर भी आपके विचारों के कारण दिल आपके लिए आदर से भरा रहता है और हम लोगों ने जीवन व्यर्थ गवां दिया, जब hmne अपनी बेटी का विवाह किया था तो उसके लिए घर के दरवाजे हमेशा खुले रखे थे उसका सुख दुख भी हमारा ही है
उसके ससुराल वालों खासकर पति ने शादी तो खुशी से अपनी पसंद से और घर वालों को शामिल कर की थी पर थोड़ा समय बीतने पर वो भी बदल गया, आम लड़कों की तरह, अब लड़की को हमने अपने पास रख लिया है कि अपमानित होकर उनके घर की नौकरी करने से अच्छा है अपने माता पिता के साथ रहे, गुरु जी आपका यह वाला episode सुनकर लगा कि अच्छा किया जो बच्ची को यहां अपने पास रखा है, और उसका भविष्य बनाने में उसकी पूरी मदद कर रहे हैं, पढ़ी लिखी पूरी है. आपके विचारों से बहुत प्रभावित है कि गुरु जी मुझको जीवन में पहले मिले होते तो आज मैं दूसरी ही होती, धन्यवाद गुरुजी
🙏
आपने एक बार फिर हमेेशा की तरह झकझोर दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया है। आभार आचार्य जी। ईश्वर आपके माता पिता को दीर्घाायु प्रदान करे।
😊😊😊😊😊😊
This man is true symbol of knowledge ,
नमन आचार्य जी मैं था इस सत्र में बोहत ही सटीक जानकारी दी है आपने
आज के युगपुरुष आचर्य जी को शत-शत नमन👃..
आचार्य जी प्रणाम। आपको सुनकर हमारी कई भ्रांतियां दूर होती हैं। आप जिस तरीके से समाज का गहराई से विश्लेषण करते हैं, वह अतुल्यनीय है। स्त्रियां कैसे अपनी परिस्थिति के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं और उसमें कैसे सुधार कर सकती हैं इस तथ्य पर आपके मार्गदर्शन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
छः छः महीने एक दूसरे के यहां रहे ! हक मायके
और ससुराल दोनो जगह मिलना चाहिए! दोनो की मां बाप की देखभाल करो!
💯 present right 👍
आपको विश्व पिता बोलना गलत नहीं होगा, सादर प्रणाम 🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️👌👌👌👌👌🌻🌻
मुझे बचपन से यह परंपरा अच्छा नहीं लगा और मैं अपने आप को इसका शिकार होने नहीं दूंगी। धन्यवाद, आचार्य जी तथा संस्था।
Aap kitne saal ki ho
वाह वाह वाह,!!!
अद्भुत अद्भुत अद्भुत 👌👌👌
इसी चर्चा का इंतजार था । ऐसी चर्चा बहुत बहुत बार होनी ही चाहिए तभी हमारी मानसिकता सोच विचार बदलेंगे तब कभी जाकर समाज और संस्कृति की बेतुकी रस्मे और रिवाज खत्म होंगे 🙏
आभार आभार आभार💖💖💖
10:11 मेरी बेटी है, कोई पांचवा सांतवा आंठवा तीसरा चौथा आदमी कुछ बोल रहा है उसके लिए मैं अपनी बेटी घर से निकाल दूं????--This statement/question is the epitome of true love❤❤❤❤❤❤❤❣️❣️❣️❣️💗🙏
Sir ki baatein dimag khol deti hai...wow eye opening session...👏👏🙏🙏
आचार्य जी आपको पचास साल की उम्र से सुनना शुरू किया था आज सात साल हो गए।अब पता चल रहा है कि इतना आनंदित रहा जा सकता था। पहले तो मानसिक पीड़ा में जीवन बीता था।जब जागे तब सवेरा। शत् शत् नमन गुरु जी।आप मेरे जैसी कितनी महिलाओं को नया जीवन दे रहे हैं।
Agree
हम तो पछता रहे हैं आचार्य जी को अभी दो महीने से सुना,,,, अगर पहले पता होता तो हमारी जिंदगी दांव पर नही लगती ससुराल में, बहुत दुःख हो रहा गाय बनकर रहने का नतीजा भी इतना बुरा मिला कि जहाँ इतने दिनों से अपने इस कीमती जीवन को नष्ट करने की सोच रहे थे, वही अब आचार्य जी को सुनकर नई उम्मीद जगी है । अब ऐसा कदम कभी नही उठाएंगे हम कि जो हमें ख़त्म करने पर तुले हुए है उनका रास्ता हम ही मूर्खता का परिचय देकर आसान कर दें । जब हम सही है तो क्यों डरे किसी से, बस उस परमात्मा की नजर में सही होना है हमें तो, बाकी दुनिया जाए भाड़ में .....
Right ❤
एक ही दिल हैं गुरुदेव इसे कितनी बार जीतोगे आप। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Mahan ho aap sir
"क्योंकि ये रुक नहीं रहे तो इस पर बात करनी बंद कर दी" सत्य कहा आपने🙏🙏🙏
Sach me aise hi gyan ki jarurat thi samaj ko
नमस्ते आचार्य जी
मैंने arrange marriage के पक्ष में जो कारण मूल रूप से देखा है
वह यह है कि भारतीय समाज या संस्कृति शरीर की virginity और पवित्रता को एक समझती है
जिसके कारण महिलाओं के मन मे यह विशेष रूप से बैठा दिया जाता है कि तुमको अपनी शारीरिक जरूरतों के लिए सबकी सहमती चाहिए या मर्यादा के विरुद्ध जाकर पूरी नही करना है औऱ उस चीज को पिता की इज्जत से जोड़ दिया जाता है
इसलिए लड़कियां भी इस सड़ चुके structure का हिस्सा बनने के लिए तैयार रहती है कि सब खुश रहेंगे तो दोनो तरफ से balance बना रहेगा
क्योंकि प्रकृति से भी उनका शरीर बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित है और दूसरा यह कि समाज की धूल धक्कड़ और बुरे लोगो से बचे रहकर भी भविष्य में उन्हें काफी दौलत ,jewellery और प्रॉपर्टी का मालिक बना दिया जाता है।
Exactly... Womens ko yhi bta diya hai ki tm virgin ho to mahan ho or tmhra
maturity level ky h point of view kya koi frk n pdta bs ldki virgin h to sanskari h
Womens ke mindset logo ne esa kr diya h jisme vo sirf ek body centric h deh bhao... Isliye ldki to duniyadari sikhne n dete
Or dusre side ldko ko full exposure milta h ldko ko
Kitna shit... Logic h baseless 😂
Yes such parents exists,
इतने क्रूर माँ बाप होते हैं शादी ना करणे के लिये अगर बच्चा बोलता हैं तो घर से बाहर निकालाने की धमकी देते हैं |
Aap ki bate sunker mai khushi se 1 ghante tak ro rhi thi. Thanks 🙏🇮🇳🇮🇳
Sir you are really brilliant person who stand for women's ❤ You are gininus 👍 God bless you sir Mata Rani ki Bahut Krippa hai aap par jo Aaj aap mahilaoko Itna samjha chuke ho🙏 unhe jagrit krne ka itna mahan kaam aapko ishwar ne Diya hai😊🙏
सादर प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🙏
नारी की व्यथा आपसे बेहतर कोई नहीं समझता, आप महान हो🙏🙏
समाज की कुरीतियों का अंत कैसे हो
मानसिकता कैसे बदली जाए 🙏
भाई को तो ज्यादा भगाने की जल्दी होती हैं आचार्य जी 😔😔🙏🙏
आचार्य जी को पूरा अनुभव है यही गाना गाती है महिलाए और आचार्य जी ने उससे भी अच्छा गाना गाया। हसी नही रुक रही हैं
मैं तो इतना ध्यान देता हूं कि इस धरती पर कुछ भी हो सभी पर ध्यान है
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏
आपके पिताजी जल्द स्वस्थ हो,
आपकी उम्र दीर्घायु हो 🙏
महिलाओं को सजावट की वस्तु ही माना गया है आज तक, औऱ महिलाएं खुद ही आगे होकर यह चीज़ अपनाती है
🙏प्रणाम आचार्य जी। एक एक शब्द सही। पर इतनी हिम्मत आए महिलाओं में की सामाजिक कुरीतियों को बदल पाए।
Such a serious topic discussed by acharyaji.. I wish everyone should think and open their eyes on these issues.. What an amazing and wonderful Guidance and wisdom.. I really salute for this wonderful speech... Thank you so much Acharyaji.. Keep spreading light into our life... I really want to meet and see you any day... Thank you so much... It brings tears in my eyes seeing the horribles issues of India..
प्रणाम आचार्य जी।। ईश्वर आपके पिताजी को पुनः स्वास्थ्य कर दें 🙏🙏🙏
Aacharyji aap ne sahi hai samaj me kranti aayegi buri parmpara se aajadi milegi
माँ बाप 25 के बाद भगा देते हैं
ना बाप की चेतना जागृत है और ना बेटी की
ना प्रेम है।
आचार्य जी इस मुद्दे पर कईं बार समझाया है, आज और भी बेहतरीन उदाहरण दिये,,
इतिहास गवाह बनेगा कि आचार्य प्रशांत प्राचीन ऋषि है ✓🙏💫👍💖❤
साथ तो बस इसीलिए रहते हैं ताकि एक दूसरे पर बंधन रख सके। साथ नही रहेंगे तो दूसरों की तरफ आकर्षित होंगे। आकर्षित होने का अर्थ ही ये है कि अज्ञान है। अध्यात्म और बुद्धि से वंचित हैं इसलिए भरोसा नहीं एक दूजे पर। अध्यात्म के बिना ये संभव नहीं कि दो विवाहित लोग अलग घर में रह ले खुशी खुशी।
Sahi bath,tho is janam our is yug me to nahi hoga ,kitne aadmi hai? Sorry 😆 kitne Aachary ji hai?🤔🤣
नमस्कार सर। आज का एपिसोड बहुत अच्छा लगा। मैने अपनी बेटी को कभी भी शादी करने के लिए फोर्स नहीं किया। शादी अपनी पसंद से हुई, दामाद हमारे साथ रहेंगे,, इसी बात पर शादी हुई। हम सब साथ में रहते है। और बहुत खुश है हम लोग। सब कुछ अच्छा चल रहा है।
सब लोगो ने बहुत बाते की। लेकिन मैंने अपनी बेटी को ही समर्थन दिया। हमे कोई दिक्कत नही है।
आचार्य जी आपकी बातें सुनकर हमारी चेतना का स्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है
आचार्य प्रशांत जी एक ऐसी दवाई है जिसे हर कोई खा नहीं सकता, लेकिन जिसने खाकर हजम कर लिया उसकी जिंदगी तर जायेगी।
क्योंकि सच दवाई की तरह कड़वी होती हैं। लेकिन परिणाम मे सुकून देती है।
Very well explained
❤❤❤
Aapne meri puuri soch hi badal di acharya ji .., jbb se aapko dekhne lagi hu tbb se strong bangyi hu me!! Aur b Banna he aur galat ke virudhh ladna he
My husband & in laws must listen this....who are planning to get me divorce bcz i m doing job at another city away from my husband's city...
There agenda is ---
Aurat h ...admi smbhale...gar ko smbhale...bche peda kro & never argue with them on any wrong things that they say...
I so follow arachrya ji..& i wish it brings changes in my life
Divorce lelo. Yes faltu logo ke saath rahne se koi guna accha hain
शुरू में बहुत हँसी आयी अंत में आँखे खुली की खुली रह गयी । धन्यवाद आचार्य जी महिलाओं को बहुत कुछ सीखने को मिला।🙏
Thanks!
आचार्य जी प्रणाम👏
आप की बात से बहुत खुश हूं आज आभार 👏
आप की बातो से एक जवाब मिला मुझे की
ये जो दहेज प्रथा है इसे महिलाएं ही खत्म कर सकती है वो भी बहोत आसानी से क्योंकि (जहां दहेज दिया जा रहा है वहा भी एक महिला हैं ओर जहा दहेज लिया जा रहा है वहा भी महिलाएं है) मेरे हिसाब से सवाल में ही जवाब है❤️👏👏
Eye opening season 😮😮
जो बीत गया हम उसे नहीं सुधार सकते lekin Aaj ko sudhara ja sakta hai 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Bilkul सटीक बोला
पर यह व्यवस्था बदलनी चाहिए पढ़ी लिखी महिलाओं खासकर वो महिला जो खुद के पैरों पर खड़ी हो जाती हैं उन्हें खुद से शुरुआत करनी चाहिए।
लड़कियों की ये दुर्दशा मनुस्मृति की देन है।