कविता 1: श्री फूल चंद्र झा " प्रवीण " - गोपीचन छै आयल हे रामा , चैती भास पर एक राजनीतिक गीत
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- Опубліковано 8 лют 2025
- मिथिला सांस्कृतिक परिषद् बोकारो क स्वर्ण जयंतीक प्रथम दिन 07.04.2017 केँ आयोजित कवि सम्मलेन मे मैथिलीक 12 प्रख्यात कविगण उपस्थित छलाह- श्री बुद्धि नाथ झा (अध्यक्षता) , श्री जय प्रकाश चौधरी "जनक " ,श्री सिया राम झा " सरस ", श्री श्याम दरिहरे , श्री मनीष अरविन्द , श्री बचरु पासमान, श्री हरिश्चंद्र झा " हरित" , श्री फूल चंद्र झा " प्रवीण ", श्री विजय शंकर मल्लिक " सुधापति ", श्री अजीत आज़ाद, श्री अमलेंदु शेखर पाठक आ मंज़र सुलेमान । सभ कविता क्रमबद्ध अपलोड कयल जा रहल अछि।
बहूत सुंदर कार्यक्रम भेल छल...हमहूँ अहि कविसम्मेलन क साक्षी रहलौ
आयोजन कर्ता मिथिला सांस्कृतिक परिषद के हृदय स आभार संग विशेष रुप स श्री हरिमोहन झाजी सचिव जी क समर्पण क साधुवाद । जय मैथिली जय मिथिला जय जय जय मैथिल।
विनितः गंगेश कुमार पाठक💐💐💐👌💐
Bahut sundar geet. Lagal je hum 40 varsh pacha pahuchi gelasu.
Dhanyawad