नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
देखने और समझने वाले जरूर जान पा रहे होंगे की महात्मा बुद्ध के दर्शन का पुनरुद्धार करने आज एक और महात्मा निकला है आनंद जिसके जीवन के हर पल मे दिखता है ।।।। धन्यवाद अचार्य जी
जैसे मंदिर मे प्रवेश से पहले झुक कर प्रवेश द्वार छू करके नमन करते है वैसे ही मैं आचार्य जी की वीडियो देखने से पहले वीडियो के लाइक 👍 बटन को छू के विडिओ शुरू करता हूं 🙏🙏🌹
जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिए। सीताराम सीताराम सीताराम कहिए। अर्थात जो भी कुछ मिल रहा प्रेम सहित सब स्वीकार करें। आचार्य जी आपका अनेक कविताओं, प्रवचनों एवं बोधवाणी से समझाना आपके व्याख्यान को अत्यंत प्रभावशाली, तर्कसंगत और उत्कृष्ट बना देता है। नमन आचार्य श्री। 🙏🙏
गौतम बुद्ध महान है वे पहले ही जान लिए थे की महान बनने के लिए किस की चर्चा कर के किसी की बात कह कर महान नही बन सकते इसलिए उन्होंने अपनी सारी जिंदगी भिक्षुओं के रूप में बीता दिए 🔥🔥🔥❤️❤️❤️🕯️🌄
मैने आहुति बनकर देखा , ये प्रेम यज्ञ की ज्वाला है। अपना सर्वस्व समर्पित कर दो, सब कुछ अपना यज्ञ की आहुति में चढ़ा दो फिर जो मिलना होगा वो मिल जाएगा।। ध्यावद आचार्य जी
भिक्षु होना कोई कृत्य नहीं है अपितु भिक्षु होना सबसे ऊँचे तल की बात है। भगवान बुद्ध के अनूठे एवं कालातीत सिद्धांत को व्यवहारिक रूप में हम तक लाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आचार्य जी। आपने बहुत ही जमीनी स्तर पर स्पष्टीकरण किया है। 🍂🍂
आचार्य जी जो आपने कहा कि बुद्ध वेदांती है, ये विचार मेरे मन मे भी आया था.. मै आश्चर्य चकित हो गया... धम्म पद ये उपनिषद ही है...ब्रम्ह के मुख से आया यानी जो ब्रह्म जानता है(ब्राह्मण, बुद्ध, तीर्थंकर, योगी सद्गुरु, शिव ये सब पर्याय वाची शब्द है) उसके मुख से आया वो सब वेद है ऎसे ही संत उपनिषद भी हो सकता है... इसके भी आगे जाकर केह सकते है बुद्ध वेदांती है और आदी शंकराचार्य बौद्ध है... दोनों एक ही है... बस शब्द का खेल...शिव कृष्ण बुद्ध महावीर नागार्जुन शंकराचार्य गोरखनाथ कबीर रविदास नानक तुकाराम... 🌺🙏🌺
आज से जो लगभग जो ईसा पूर्व या शताब्दी में जितने भी दार्शनिक , विद्वान , गुणीजन , रहे होंगे उनको हम वास्तविक रुप मे तो नही देख पाए पर आचार्य जी आपको देखकर मुझे ये अनुभूति होती है कि में उन सब विद्वान, दार्शनिक , गुणीजन को देख पा रहा हु । 🙏💐 मेरा प्रणाम
नायामात्मा प्रवचनेन लभ्यो न मेधया न बहुना श्रुतेन। यमेवैष वृणुते तेन लभ्यस्तस्यैष आत्मा विवृणुते तनूं स्वाम्।। अर्थ- "यह 'आत्मा' प्रवचन द्वारा लभ्य नहीं है, न मेधाशक्ति से, न बहुत शास्त्रों के श्रवण से 'यह' लभ्य है। यह आत्मा जिसका वरण करती है उसी के द्वारा 'यह' लभ्य है, उसी के प्रति यह 'आत्मा' अपने कलेवर को अनावृत करता है। ~ कठोपनिषद् ( अध्याय-१, श्लोक- २३)
प्रणाम आचार्यजी 🙏🙏 जो भगवान कृष्ण के शब्दों में प्रसाद है वो महात्मा बुद्ध के दर्शन में भिक्षा बन गया. प्रसाद और भिक्षा में एक चीज साझी है बिलकुल तुम अपने लिए कुछ नहीं कमाते. न तुम जानते हो की कितना मिलेगा. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
वे रोगी होंगे प्रेम जिन्हें अनुभव-रस का कटु प्याला है वे मुर्दें होंगे प्रेम जिन्हें सम्मोहन कारी हाला है मैंने विदग्ध हो जान लिया,अन्तिम रहस्य पहचान लिया मैंने आहुति बनकर देखा, यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है। ~ सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय'
I am Buddhist.. but mai Meat aur koi bhi non veg nahi khata.. lekin mere yaha har koi meat khate hai. aur isse mujhe bohot dikkat hoti hai dekhkar. badalna chaha lekin koi nahi badla. hame pagal bolte hai sablog
तेरा तुझको सौंप दिया क्या लागत है मोय। अर्थात मेरा जो भी कुछ है मैंने समर्पित कर दिया। मेरा जो कर्तव्य है वह मैंने कर दिया और यही जीवन रूपी यज्ञ है। मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद आचार्य जी। 🍁
आचार्य जी सबसे पहले आपको शत शत नमन। 🙏🙏 आप हर विषय को इतनी खूबसूरती से बताते हैं, वो हमारे लिए अनमोल है।आपमें कृष्ण, विवेकानंद, बुद्ध सभी देखती हूं, जीवन में स्फूर्ति महसूस करती हूं। साधुवाद मेरा प्रणाम आप तक पहुँचे।🙏🙂🌷धन्य है हम आपने जीने का सही अर्थ हमे समझाया।
महत्वपूर्ण वक्तव्य. .. बिल्कुल सही ...जैन धर्म में उसी को आहार चर्या कहते है । जब मुनि आहार चर्या को निकलते है तो सबसे पहले मंदिर (जैन मंदिर) में भगवान के दर्शन करते है और भगवान की प्रतिमा के समक्ष नियम लेते है की आज वो कैसे श्रावक के यहां आहार करेंगे इस प्रकिया को आखड़ी लेना बोला जाता है इस प्रक्रिया में मुनि अपने हाथ की अंगुलियों को कंधे से लगाकर मंदिर से बाहर निकलते है और जो श्रावक चौका लगाते है उनके यहां जाते है ।फिर श्रावक मुनि का पड़गाहन करता है जिस श्रावक के यहां मुनि के द्वारा लिया गया नियम पूर्ण होता है वहा मुनि आहार करते है । इस पूरी प्रकिया में कई सारे नियम होते है जिनका श्रावक और मुनि दोनो को पालन करना होता है। कुछ आखडी जो सामान्य रूप से मुनियों द्वारा ली जाती है श्रावक के हाथ में श्री फल का होना श्रावक के हाथ में कलश होना श्रावक के हाथ में फल होना श्रावक के हाथ खाली होना श्रावण के वस्त्र पीले होना श्रावक का जोड़े से होना (पति पत्नी दोनो का हों ) और भी बहुत सारे तरह की आखड़ी ली जाती है! 🙏 ua-cam.com/video/2KxhGvFp1LA/v-deo.html आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की आहारचर्या
Acharyaji is Prashant sagar and the Great Himalayas of wisdom ,love ,compassion,honesty and knowledge. I wonder at such a young age ,how could He get such an insight into the things. He is a precious and very special son of Mother Nature. The whole Bhahmand must be proud of Him . Kindly accept my namans and bless us all🙏
सर और उनकी टीम को नमन 🙏 मैं 'लाइट ऑफ एशिया' पुस्तक पढ़ रही थी उसको यथार्थ रूप में समझने के लिए इस वीडियो तक आई हूं.....🙏 सही समझ देने के लिए आभारी हूं🙏
प्रणाम आचार्य जी ईशावास्योपनिषद मैं त्याग भाव से जीने को कहा है जीवन सरल सादा और त्याग मय होना चाहिए धन्यवाद आचार्य जी मेरा मुझ में कुछ नहीं जो कुछ है सब तोर की भावना में जियो जैन मुनि आज भी भिक्षा पात्र लेकर जीवन व्यतीत करते हैं कपड़े भी त्याग देते हैं एक स्थान पर नहीं ठहरते बहुत सुंदर विवेचना है त्याग में जीवन की धन्यवाद आचार्य जी आपका जीवन तो ऐसा ही है
Jay shri 🙏🙏राम. Krishna ke samay unse श्रेष्ठ koi bakta nhi, koi unse bada gyani nhi. Kisi ka charitra unse jyada prasangik nhi.. Aaj aap bhi meri samajh me usi श्रेणि ke logo me shamil hai... Apko naman, bandan, 🙏🙏🙏🙏
Aap ke video se sukoon bhi milta hai gyan bhi.... Aapki bahot si baatein aisi hoti hai... Ki jaise lgta hai ki upsc ka syllabus..❤️❤️... Aapki video ka use main history , philosophy aur samajik muddo ko samajhne me bhi kar paata hu... शत शत नमन आपको..❤️ .
Your knowledge is vast, you give references from variety of sources which can be helpful for us to comprehend the incomprehensible. Thank you Acharya ji for letting us know about beautiful poets like सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'. ❣️🙏
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Please give lectures about ~
Advayataraka, amritabindu, kshurika, tejobindu, trishikhibrahmana, darshana, dhyanabindu, nadabindu, pashupatabrahma, brahmavidya, mandala-brahmana, mahavakya, yogakundalini, yogachudamani, yogattva, yogashikha, varaha, shandilya, hamsa upanishads.
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी
Acharya ji please help me
19:00 बुद्ध की बात सुनके इतना रोना आया पता नही क्यों, भगवान बुद्ध के लिए ह्रदय में इतना गहरा प्रेम है आज पता चला आंसू रोक ही नहीं रहे है।
देखने और समझने वाले जरूर जान पा रहे होंगे की महात्मा बुद्ध के दर्शन का पुनरुद्धार करने आज एक और महात्मा निकला है आनंद जिसके जीवन के हर पल मे दिखता है ।।।। धन्यवाद अचार्य जी
जैसे मंदिर मे प्रवेश से पहले झुक कर प्रवेश द्वार छू करके नमन करते है
वैसे ही मैं आचार्य जी की वीडियो देखने से पहले वीडियो के लाइक 👍 बटन को छू के विडिओ शुरू करता हूं 🙏🙏🌹
May bhi
Ji bilkul💝
Beautiful explanation between buddha and Vedas ❤
महात्मा बुद्ध के जीवन के बारे में इतना कुछ जानने को मिला। इस ज्ञान के लिए बहुत बहुत आभार आचार्य जी।।🙏🙏
निश्चित रूप से बुद्ध ने गीता को बहुत गहराई से समझा है।❤🌿🍁
प्रणाम आचार्य जी ❤
Thanks
बुद्ध का नाम सुनते ही एक अलग ही किस्म का प्रेम जगता है 🙏🙏🙏
बहुत अच्छी संभावना है। अच्छा हो रहा आपके साथ,
जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिए। सीताराम सीताराम सीताराम कहिए।
अर्थात जो भी कुछ मिल रहा प्रेम सहित सब स्वीकार करें। आचार्य जी आपका अनेक कविताओं, प्रवचनों एवं बोधवाणी से समझाना आपके व्याख्यान को अत्यंत प्रभावशाली, तर्कसंगत और उत्कृष्ट बना देता है। नमन आचार्य श्री। 🙏🙏
गौतम बुद्ध महान है वे पहले ही जान लिए थे की महान बनने के लिए किस की चर्चा कर के किसी की बात कह कर महान नही बन सकते इसलिए उन्होंने अपनी सारी जिंदगी भिक्षुओं के रूप में बीता दिए 🔥🔥🔥❤️❤️❤️🕯️🌄
मैने आहुति बनकर देखा , ये प्रेम यज्ञ की ज्वाला है। अपना सर्वस्व समर्पित कर दो, सब कुछ अपना यज्ञ की आहुति में चढ़ा दो फिर जो मिलना होगा वो मिल जाएगा।।
ध्यावद आचार्य जी
🙏🙏गीता, उपनिषदो, संतों और अवतारों से प्रेम भी तभी संभव है जब सही परिचय कराया जाय। आचार्यजी ने सबसे परिचय करा दिया ।
भिक्षुत्व होना जीने का तरीका है। सत्य कथन आचार्य जी। 🍁
मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूँ जो मेरी आध्यात्मिक शिक्षा व स्कूली शिक्षा एक साथ चल रही है|
कोटि कोटि आभार गुरुवर🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
भिक्षु होना कोई कृत्य नहीं है अपितु भिक्षु होना सबसे ऊँचे तल की बात है। भगवान बुद्ध के अनूठे एवं कालातीत सिद्धांत को व्यवहारिक रूप में हम तक लाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आचार्य जी। आपने बहुत ही जमीनी स्तर पर स्पष्टीकरण किया है। 🍂🍂
Right
Yes.
आज हमें इस ऊंचे तल को जानने के बाद अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने का प्रयास करना ही जीवन की सार्थकता होगी
Prashant sir 🎉🎉🎉❤❤❤
Har Har Mahadev🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
आचार्य जी जो आपने कहा कि बुद्ध वेदांती है, ये विचार मेरे मन मे भी आया था.. मै आश्चर्य चकित हो गया...
धम्म पद ये उपनिषद ही है...ब्रम्ह के मुख से आया यानी जो ब्रह्म जानता है(ब्राह्मण, बुद्ध, तीर्थंकर, योगी सद्गुरु, शिव ये सब पर्याय वाची शब्द है) उसके मुख से आया वो सब वेद है ऎसे ही संत उपनिषद भी हो सकता है...
इसके भी आगे जाकर केह सकते है बुद्ध वेदांती है और आदी शंकराचार्य बौद्ध है... दोनों एक ही है... बस शब्द का खेल...शिव कृष्ण बुद्ध महावीर नागार्जुन शंकराचार्य गोरखनाथ कबीर रविदास नानक तुकाराम... 🌺🙏🌺
आज से जो लगभग जो ईसा पूर्व या शताब्दी में जितने भी दार्शनिक , विद्वान , गुणीजन , रहे होंगे उनको हम वास्तविक रुप मे तो नही देख पाए पर आचार्य जी आपको देखकर मुझे ये अनुभूति होती है कि में उन सब विद्वान, दार्शनिक , गुणीजन को देख पा रहा हु ।
🙏💐 मेरा प्रणाम
नायामात्मा प्रवचनेन लभ्यो न मेधया न बहुना श्रुतेन।
यमेवैष वृणुते तेन लभ्यस्तस्यैष आत्मा विवृणुते तनूं स्वाम्।।
अर्थ- "यह 'आत्मा' प्रवचन द्वारा लभ्य नहीं है, न मेधाशक्ति से, न बहुत शास्त्रों के श्रवण से 'यह' लभ्य है। यह आत्मा जिसका वरण करती है उसी के द्वारा 'यह' लभ्य है, उसी के प्रति यह 'आत्मा' अपने कलेवर को अनावृत करता है।
~ कठोपनिषद् ( अध्याय-१, श्लोक- २३)
......✨🌝
osho k baad acharya ji ne aj mahatma buddh ka ullekh sahi se smjhaya h
One and only pure hindu in world... Great respect from ladhak....❤❤
यज्ञ का असली अर्थ क्या है - तेरा तुझको सौंपते, क्या लागत है मोए। 🙏
Namo buddhay...Jai Bhim
प्रणाम आचार्यजी 🙏🙏
जो भगवान कृष्ण के शब्दों में प्रसाद है वो महात्मा बुद्ध के दर्शन में भिक्षा बन गया. प्रसाद और भिक्षा में एक चीज साझी है बिलकुल तुम अपने लिए कुछ नहीं कमाते. न तुम जानते हो की कितना मिलेगा.
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
वे रोगी होंगे प्रेम जिन्हें अनुभव-रस का कटु प्याला है
वे मुर्दें होंगे प्रेम जिन्हें सम्मोहन कारी हाला है
मैंने विदग्ध हो जान लिया,अन्तिम रहस्य पहचान लिया
मैंने आहुति बनकर देखा, यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है।
~ सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय'
ज्ञान का अथाह समुद्र आचार्य प्रशांत..!❤️🙏
मैं आपकी सभी वीडियो देखता हु,
मगर वो वीडियो मेरे लिए कुछ ज्यादा ही खास है जिसमे आप बुद्ध की बात करते है।🙏🙏🙏🙏
आँखें खोल देने वाला वक्तव्य। 🙏🙏🙏🙏
I am Buddhist.. but mai Meat aur koi bhi non veg nahi khata.. lekin mere yaha har koi meat khate hai. aur isse mujhe bohot dikkat hoti hai dekhkar. badalna chaha lekin koi nahi badla. hame pagal bolte hai sablog
Koi nhi dost jo acha sochta h use log pagal hi bolte h
यह सुनकर मुझे अच्छा लगा? 🐟🐔🐓🦙करुणा(दया),प्रज्ञा,शील☸️🫴तथागत गौतम बुद्ध जी🫴☸️
Sirf naam ke bouddh hai sab..
Hamare iha bhi ese log hai.
Try karate rahe parivartan hog
Ye jaati pati se bahoot ooper ki baat hain...Acharyaji sacche Insan hain...shat shat naman🙏
कितना प्यारा , कितनी सुंदर बात है , सुंदरता की परिभाषा ही कह दी आचार्य जी ने , नमन 🙏👣🙇
🙏🙏🙏
तेरा तुझको सौंप दिया क्या लागत है मोय।
अर्थात मेरा जो भी कुछ है मैंने समर्पित कर दिया। मेरा जो कर्तव्य है वह मैंने कर दिया और यही जीवन रूपी यज्ञ है। मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद आचार्य जी। 🍁
बहुत ही सुंदर , सटीक स्पष्टीकरण भगवान बुद्ध के विषय में। धन्यवाद गुरुजी 🙏🙏
गुरु बिना गत नही ।बहुत बहुत शुक्रिया ,आप जैसा गुरु हमें मिला।कोटि कोटि नमन।
28:00 के बाद जो कहा से आचार्य जी ने।
बहुत ही सुंदर कहा है.....☺️☺️☺️☺️
🙏🙏🙏 BUDDHA KI HAR BAT KO NAMAN.... Dhanyawad Acharya ji 🙏🙏🙏
आज भिक्षा का वास्तविक अर्थ पता चले । प्रणाम आचार्य जी 🙏🏻
विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
वेदांत ओर बुद्ध के विचार बिल्कुल एक जैसे ही है।
जय हो सनातन धर्म की। ☺️☺️☺️
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
आप इस युग के भगवान बुद्ध हैं...
हम सब आपके संघ से जुड़ कर आपके ज्ञान रूपी प्रकाश से, हम सभी के जीवन में रौशनी फैल रही है...
Wo din dur nhi jb aapke video trending me aayenge , pranam acharya g 🙏
Bhagwaan Buddha ki Jai ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
आचार्य जी सबसे पहले आपको शत शत नमन। 🙏🙏 आप हर विषय को इतनी खूबसूरती से बताते हैं, वो हमारे लिए अनमोल है।आपमें कृष्ण, विवेकानंद, बुद्ध सभी देखती हूं, जीवन में स्फूर्ति महसूस करती हूं। साधुवाद मेरा प्रणाम आप तक पहुँचे।🙏🙂🌷धन्य है हम आपने जीने का सही अर्थ हमे समझाया।
कोटि कोटि नमन गुरुदेव, इस अनमोल ज्ञान के लिए, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
महत्वपूर्ण वक्तव्य. .. बिल्कुल सही ...जैन धर्म में उसी को आहार चर्या कहते है । जब मुनि आहार चर्या को निकलते है तो सबसे पहले मंदिर (जैन मंदिर) में भगवान के दर्शन करते है और भगवान की प्रतिमा के समक्ष नियम लेते है की आज वो कैसे श्रावक के यहां आहार करेंगे इस प्रकिया को आखड़ी लेना बोला जाता है इस प्रक्रिया में मुनि अपने हाथ की अंगुलियों को कंधे से लगाकर मंदिर से बाहर निकलते है और जो श्रावक चौका लगाते है उनके यहां जाते है ।फिर श्रावक मुनि का पड़गाहन करता है जिस श्रावक के यहां मुनि के द्वारा लिया गया नियम पूर्ण होता है वहा मुनि आहार करते है ।
इस पूरी प्रकिया में कई सारे नियम होते है जिनका श्रावक और मुनि दोनो को पालन करना होता है।
कुछ आखडी जो सामान्य रूप से मुनियों द्वारा ली जाती है
श्रावक के हाथ में श्री फल का होना
श्रावक के हाथ में कलश होना
श्रावक के हाथ में फल होना
श्रावक के हाथ खाली होना
श्रावण के वस्त्र पीले होना
श्रावक का जोड़े से होना (पति पत्नी दोनो का हों )
और भी बहुत सारे तरह की आखड़ी ली जाती है! 🙏
ua-cam.com/video/2KxhGvFp1LA/v-deo.html
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की आहारचर्या
यज्ञ माने जो तुम्हारे भीतर ऊंचे से ऊंचा हो सकता है या संसार में जो ऊंचे से ऊंचा हो सकता है उसे अपना श्रम ,जीवन सब समर्पित कर दो|🙏🙏🙏🕉🕉
भगवान बुद्ध के विषय में अनमोल प्रस्तुति। आभार आपका।
चरण स्पर्श गुरु ज़ी ❤️🙏🏻 आपके द्वारा प्राप्त हुए ज्ञान को अपने जीवन में धारण करना मेरा सौभग्य है
*सब खोने के बाद जो मिलेगा वो सब से बेहतर होगा लेकिन वो तभी दिखाई देगा जब हम मन वचन कर्म से शुद्ध होंगे और हमारा दृष्टिकोण सही और शुद्ध होगा🙏🙏🌹🌹*
Acharyaji is Prashant sagar and the Great Himalayas of wisdom ,love ,compassion,honesty and knowledge. I wonder at such a young age ,how could He get such an insight into the things. He is a precious and very special son of Mother Nature. The whole Bhahmand must be proud of Him . Kindly accept my namans and bless us all🙏
आचर्य जी आपके द्वारा बुद्ध की सीख का जो बेहद खूबसूरत स्पष्टीकरण हम आज सुन पा रहे हैं आज तक इतना साफ साफ हमे कोई भी समझा नही पाया ।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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सादर नमन है आचार्य जी को आपको 🙏
शत् शत् नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏❤️
गुरू जी आप की चरणों मे कोटी कोटी नमन 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️💖💖💖💖💖💖
भारत ने हर ऊंची चीज को सर माथे पे बिठाया है तो इस भारत को आचार्य जी को वहीं बुद्ध वाला समान देना पड़ेगा ।
आपकी बात सुनकर चेतना स्वच्छ होती है।हम अपने को ईश्वर से जुड़े हुए अनुभव करते हैं।
अचार्य श्री गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏
ज्ञान के सागर आचार्य प्रशांत को नमन
मैंने आहुति बनकर देखा ये प्रेम यज्ञ कि ज्वाला है...ये लाइन आचार्यजी के जीवन को समर्पित है🙏....bahut hi Sundar vayakhayan 😇😊🌸
Great preaching on budhha Acharya ji
Acharya ji Mundukya upanishad aur Buddha ki siksha mujhe ek jaisa hi lagte hain.
अतित के बुद्ध की मार्मिक दर्शन से साक्षात्कार ,आज के बुद्ध के मुखारबिंद से ।बहुत बहुत आभार🙏🌼❤️
शत शत नमन गुरूजी ❤🙏
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी...
बहुत ही बढिया..एवं सटीक उत्तर दिया AP SIR ने..
amezing logical Answer.. with reference of book Geeta ji
No words to express! I can just fee your insight! So blessed to hear you always.
What an explanation. Isase achcha explanation ho hi nahi sakta. Pranam Guruji. Shat shat naman.
✨🙌आभार आपका गुरूवर🙏
सर और उनकी टीम को नमन 🙏
मैं 'लाइट ऑफ एशिया' पुस्तक पढ़ रही थी उसको यथार्थ रूप में समझने के लिए इस वीडियो तक आई हूं.....🙏 सही समझ देने के लिए आभारी हूं🙏
आचार्य जी आप से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
चरण स्पर्श आचार्य जी❤️❤️🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी ईशावास्योपनिषद मैं त्याग भाव से जीने को कहा है जीवन सरल सादा और त्याग मय होना चाहिए धन्यवाद आचार्य जी मेरा मुझ में कुछ नहीं जो कुछ है सब तोर की भावना में जियो जैन मुनि आज भी भिक्षा पात्र लेकर जीवन व्यतीत करते हैं कपड़े भी त्याग देते हैं एक स्थान पर नहीं ठहरते बहुत सुंदर विवेचना है त्याग में जीवन की धन्यवाद आचार्य जी आपका जीवन तो ऐसा ही है
प्रणाम आचार्य जी
बुद्धम शरणं गच्छमी
आचार्य जी के माध्यम से भगवान बुद्ध और उनके दर्शन को और गहराई से समझ पाई। आचार्य जी को बहुत अधिक प्रेम और सम्मान 🙏
बहुत ही अदभुत और स्पष्ट वक्तव्य शत शत नमन आचार्य जी
आचार्य जी आपकी एक एक शब्द प्रभावशाली है, आपकी उतर बिल्कुल शुध्द है
शत शत नमन गुरूजी ❤️🙏
आचार्य जी धन्यवाद,यज्ञ और भिक्षा का इतना सरल और अच्छा अर्थ समझाने के लिए आपकी बातें ह्रदय की गहराई तक जाती हैं।❤️
प्रणाम गुरु देव जी कोटी कोटी धन्यवाद जी 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳💫💫💫💫💫💫💫
Jay shri 🙏🙏राम.
Krishna ke samay unse श्रेष्ठ koi bakta nhi, koi unse bada gyani nhi. Kisi ka charitra unse jyada prasangik nhi..
Aaj aap bhi meri samajh me usi श्रेणि ke logo me shamil hai...
Apko naman, bandan, 🙏🙏🙏🙏
सत सत नमन आचार्य जी ।।।
कमाल की समझ और ज्ञान है आपमे,❣️🙏👌
भिक्षा से झुकने का भाव आता है और झुकने से अहम टूटता है ,पर भिक्षा में भी भिक्षुक अपने नियम जरूर तय करता है ।
सब यज्ञ ही करने लग जाये तो सोचो क्या होगा, सोचने का विषय😊😊
विज्ञान अध्यात्म से मिलाकर आप जो तथ्य देते है वो निश्चित ही बहुत ही गूढ़ लगते।
Funde clear kar diye😊
शत् शत् प्रणाम।
Aap ke video se sukoon bhi milta hai gyan bhi.... Aapki bahot si baatein aisi hoti hai... Ki jaise lgta hai ki upsc ka syllabus..❤️❤️... Aapki video ka use main history , philosophy aur samajik muddo ko samajhne me bhi kar paata hu... शत शत नमन आपको..❤️
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Naman Acharya ji koti koti pranam....
बहुत ही सुंदर विवरण , मार्गदर्शन के लिए आभार गुरूजी 🙏
आपको sun ke tadap Or bad jati hai 🌷aatmमस्त होने की lagta hai ki mai bhi 🌹logo ko जगाउ 🌹🙏
Sir aapke har eik baat sidha dilko chhu jati hai
Thanks a lot from the bottom of my heart for this knowledge and awareness Guru ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙂🙂🙂🙂🙂😁🙂😁🙂😁🙂
Pranam guruji ke shri charan me koti koti pranam 🙏🙏🙏
प्रसाद और भिक्षा का सही अर्थ
Your knowledge is vast, you give references from variety of sources which can be helpful for us to comprehend the incomprehensible. Thank you Acharya ji for letting us know about beautiful poets like सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'. ❣️🙏
यहाँ रहना नहीं ये देश बिराना 🙏
चरण स्पर्श गुरुजी ❤️🙏🙏
प्रणाम आचार्य श्री ......✨☺️