नेगी जी दोबारा कुई बडीया सी गीत बने दिया दादा❤❤हमारी जन्म भुमि उत्तराखंड छा अर यी भुमि मा तुम्हार जनू मन्खी जन्म्यू । भगवान लम्बी उमर दिया तुम तें , सदनी खुस रखा तुम सनी , मे तुम्हार बोहत बडु फैन छू दादा ।जय उत्तराखण्ड 🌹❤❤🙏
क्या बात है .. रुला दिया आप पे गर्व है नेगी जी सदाबहार .. आपने समाज के हर पहलू पे गीत गाया है इन गीतों के माध्य्म से आपने हर पहलू को जीवित किया है . आपके शब्द कोष अद्भुत है .. धन्यावाद नेगी जी
नेगी जी का गीत, गढ़वाल की ऐतिहासिक धरोहर छ नेगी जी की रचनाये, गीत नही है, नस्तर (सर्गिकल ब्लेड) है, जहा से भी सुनो, चीरना शुरू कर देते है। मेरे आराधियाँ हो आप।
आदरणीय गुरूजी थैं सादर प्रणाम । पैला का समय मा पैंसा व रोजगार का अभाव मा अधिकतर गढ़वलि भै बंद अपड़ा पहाडों से शहरों मा आँदा छाइ, अर यख परदेस मा ऐकी खूब परिश्रम कैकी, पैंसा इत्यादि ज्वड़दा छाइ । जैल अपणू जीवन इन्नि संघर्षमय बितयूँ ह्वालु त ये गीत थैं सूणीकि आज भी वैका आँखुँद आँसू ऐजाला । ।।जय भोले की।।
नेगी जी क्या ब्वन मिल अब मीमा शब्द ही नी छी जो मी आपका गीतू खु कुछ लेख सकुलू बस इतगा लिखनू छो की आपका गीत वो छन जो ये गढ़वाल थै हमेशा याद राला और आन वाली पीढ़ी थै गढ़वाली शब्दों से परिचित करवाला धन्या छन आप लोग । जय केदारखंड, जय हिमवंत देश,जय स्वर्गभूमी, जय गढ़ देश गढ़वाल जय देव भूमी उत्तराखंड।।
आप अपने आप में समूचा उत्तराखंड हैं उसकी संस्कृति है, उसका गौरव हैं, उसकी आवाज हैं, साज हैं, गीत हैं, जब दसो दिशाओं के दिकपाल, त्रिलोक के देवता प्रसन्न होते हैं तो नरेंद्र सिंह नेगी जैसे अनमोल रतन जन्म लेते हैं।
श्री नेगी जी आज आँसू आ गए आंखों से। कैसे आप गीत लिखते होगे यही सोचता रहता था। कैसे आप बिलकुल आत्मा तक को झकझोर देते है। जब से आपके गाने सुने बचपन से आजतक हर गाना कयी 100 बार सुना। और हर बार गाना सुन के वो चित्र दिखता था जो आप अभी बता रहें हैं। मैं पुलिस में हूं और फिलहाल यहाँ कुछ ड्यूटी के बाद quarentine में हूँ ,सुरक्षा की दृष्टि से। बहुत बोर हो गया इतने दिनों से पर अभी ये vedio आपका देखा तो मन फिर से तरोताजा हो गया। बस एक इच्छा है कि एक बार अपनी ज़िंदगी में आपसे मिलु और आपके पैर छू के आपसे आपका पसंदीदा गाना पूछू और आपके सामने उसे आपके साथ गाऊ। धन्यवाद बहुत बहुत धन्यवाद। अगले vedio का इंतजार हैं।
Bhut badiya .. Aapko koti koti prdam 🙏 krti hu .. Aapki to jitni bhi tarif kro km hi h .. Aap uttkhannd ki san ho .. Aapse aage aaj tk koi bhi nhi h .. Aapke gane Dil ko chu jate h .. Mayke ki yad aa jati h .. Aur wo 89 ki yad aa jati h
धन्य ह्वेज्ञा हम ये पावन धरती देवभूमी उत्तराखण्ड मा जन्म ल्ये कि और वे पर सोना पर सुहागा कि आप जन महापुरुष का गीत सुणी सुणी की अपणू बचपन बितायी और जवानी मा भी सुणण ही छन हे सुर सम्राट नेगी जी सत सत सादर प्रणाम अपका वास्ता🙏🙏❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
अहा । बहुत ही मार्मिक । हमारा दाना सयाणा ये गीत सूणी भकोरी क्यौ रूंदा रै होला अब समझ मां ऐ । पैली मैं समझदु छौ कि यु गीत सैसुर कि विपदा पर च पर अब समझ आई । नरेन्द्र सिंह नेगी हूण कु मतलब अकल्पनीय ।
ये गीत सभी को ऐसा लगता है जैसे उन्हीं के लिए लिखा होगा आपने ।बस खो जाता है इसमें हर कोई।धन्यवाद नेगी जी और उनकी टीम जिन्होंने इन गीतों के सम्बन्ध में और भी जानकारी दी ।धन्यवाद आप सभी का तहे दिल से।
माननीय नेगी जी आपको सादर प्रणाम ,माँ भगवती आपको लंबी उम्र दे और,आपको हमेशा सुखी रखे क्योंकि आप जैसे हस्ती हमारी उत्तराखंड की भूमि मा मिलना बहुत ही मुशकील होलु ,,,, आपका हर गीत का मतलब हमारी दिनचर्या से सामिल होंदी , ओर आपका हर गीत का शब्द हम तें पुराणा लोगो से सुनु कु मिलदा छी,,,,,
नेगी जी के चरणों में प्रणाम🙏।अाप के तजुर्बे और आवाज सुन कर मन हर्षित होता है। "हे जी सारियों मा फूली गे होली" गीत के पीछे की बात या कोई कहानी सुनने का मन है। आप स्वस्थ एवं सुरक्षित रहें।
प्रणाम बहुत ही सुन्दर गीत च जी, जब भि सूणा मन मा पहाड़ का जीवन की हकीकत घूम जदंन आज भि भौत सि यनि स्थिति हमरा समाज मा देखणू मिल जंदन, बचपन मा मिन भि देखि छौ धारा रोड का स्टेट बैंक का भैर मेळा मा बेटी-ब्वारियूं थैं रूंद भेटेंद। आज य बात भि पता चलगि कि कन परिस्थिति से उपजि य रचना। बहुत सुन्दर कहानि च ये गीत का पिछने।
Sir ji the great legend of our uttarakhand, apke jaisa pure uttarakhand mai tha na hai aur na koi aayega, apne apne gano ke dawara uttarakhand ko jeevit rakha hai salute hai sir
हर कल्पना को जीवंत करना,, और स्वयं पर ये सब महसूस हो जाना ।।श्री श्री गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी।।में आज का वो खुशकिस्मत युवा वर्ग हूँ,, जिसे साक्चात आपको सुनने को मिला।।।
बहुत बहुत धन्यवाद। यह सब मेरे जीवन को ( शैशवकाल की अन्तिम समय से प्रारम्भ होकर आज वृद्धावस्था याने १९ वर्ष से आज ६१ वर्ष की आयु तक) आपका सामगान सरस शोभित बनाये हुएं है। सांसारिक तापशोक में भी आपकी कला मुझे सराबोर किते हुए है। I have nothing to offer you, only love and tears.
नेगी जी नमस्कार शत शत नमन आपकों आप ही है जो पहाड़ की महिलाओं एवं युवाओं पर बहुत सुंदर काव्यात्मक अभिव्यक्ति की है आपने पहाड़ की खूबसूरती को काव्य रुप में परिणित किया है।
ये हमारा सौभाग्य है कि हम गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के संगीत का आनंद ले रहे हैं 🔊🎹🎵 उत्तराखंड मेरि मातृभूमि, मातृभूमि मेरि पितृभूमि ओ भूमि तेरि जय जयकारा म्यार हिमाला🌋🗻🏔🌄
आदरणीय नेगी जी आपकी सबसे अच्छी बात यही रही कि आपके गानों में हमेशा वास्तविकता झलकती है इसलिए आपके गीत दिल को छू जाते हैं। आपकी इस वास्तविकता को गीत का रूप देने की कला को दिल से सलाम🙏🙏🙏
नेगी जी दिल की गहराइयों से आपका प्रणाम। आप हमारे लिए और हमारी इस नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत हो। आप मार्गदर्शक हो हमारी भाषा और संस्कृति के। आपके गानों से हमने अपने गढ़वाल को बहुत जाना और समझा है और आप हमें आगे भी इसी तरह हमारे प्रेरणा और प्रदर्शक रहोगे।
आज भी आप के गीत लोगों के दिलों में बसे हैं। सच्ची घटनाओं पर आधारित गीत आप के सब को अपने जीवन की याद दिलाते हैं। में भी आप का एक सच्चा फेन हूं जो आप के हर एक झलक देखने को बेकरार रहता हूं। नमस्कार।
मैं सोचता था की हमारे गढ़वाल में कुछ नहीं है और सब कलाकार ऐसे ही है लेकिन अज्ञानता के कारण वो मेरी सोच थी लेकिन आज में मानता हूं कि मै गलत ता ओर हमारे गढ़वाल की रीति सही है और मै सबक लेता हूं कि मै अब अपने गढ़वाल की हर एक चीज को प्यार करूंगा 🙏🙏🙏 tq negi ji apne muje kuch seekhaya is video k madhiyam s
Simply genius... एक व्यक्ति जिसने अकेले दम पर गढ़वाली गानों को घर घर पहुंचाया। गढ़वाली लोक गीतों का प्रतीक बन गया। लिखता भी खुद था और गाता भी खुद था। आज के दौर में युवा जब पश्चिमी सभ्यता की मृगतृष्णा में ना अंग्रेज़ रह गया ना देसी न पहाड़ी।वो हो गया है रंगरेज़। उस रंगरेज़ को अपने लोक गीतों पर गर्व करना सिखाया। ऐसे महान कलाकार हमारे नरेन्द्र सिंह नेगी को शत शत नमन
एक दर्द छुपा होता है एक सच्चाई छुपी होती है आपके हर गानों मैं जो हमें भविष्य में होनी वाली सच्चाई को दर्शाता है । है उत्तराखंड है उत्तराखंड के महान विभूति हम धन्य हुए आपको पाके । जय गढ़ रत्न जय गढ़ गौरव । आपको मेरा कोठी कोठी प्रणाम 🙏 👏👏👏👏👏👏
आप उत्तरांचल की लोकसंस्कृति के अमूल्य और तेजोमय स्तम्भ हैं। आपके गीतों के बिना हमारी संस्कृति अधूरी प्रतीत होती है। ईश्वर से आपकी दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूँ। सादर प्रणाम।🙏
कविलाश जी आपके गीत बातों की इस कड़ी से हमारे कई प्रश्नों के उत्तर स्वता ही मिल रहे हैं मैं इस गीत को लगभग 2 या 3 वर्ष की उम्र से सुनते आ रहा हूँ। मेरे पिताजी मुझे बचपन से यह गीत सुनाते आए हैं, किंतु मैं इस गीत का अर्थ कुछ इस प्रकार महसूस करता था कि यह गीत एक अनाथ बालक पर आधारित है जो कि जंगलों में निवास करता है जो कि एक ग्वाले का जीवन व्यतीत करता है और वहां इस गीत के माध्यम से अपनी पीड़ा को व्यक्त कर रहा है किंतु आप के इस कड़ी के माध्यम से आज इस गीत की रचना के बारे में भी पता चला कि इस गीत की रचना के पीछे का उद्देश्य क्या था।
गढ़ रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी आप हमेशा से समस्त गढ़वाल का मां बाप, दाना दिवना और सभी छ्वटा बडू का प्रेणना दाई रवा, आप धन्य च्छावा जौंल जु भि कुछ अलग द्याख़ वे पर गाना बणै द्या। आप का दिल थई छूण वला गाणा सूणी क हम बडा ह्ववा, भगवान आप थई लंबी उम्र दियां ताकि हम आपका यू प्रेणना दाई गाणा हमेशा सुणदा रां। ##आप थैं हमरू शत शत नमन##
गुरुजी तै चरण स्पर्श प्रणाम नेगी जी यू आइडया बहुत अछू च सभी पहाडियों का वास्ता गीत। भी और गीत की बात भी। यै से सभी लोगों तै गीत की पिछने की कहानी भी सुणना कु मिलदी.बहुत बहुत धन्यवाद आपकू
हमारे मार्गदर्शन नरेंद्र सिंह नेगी जी को शत शत नमन।हमारे पास आपके लिए कोई शब्द नहीं है लेकिन जो शब्दों से आप ने उत्तराखंड को बनाया है। उस शब्द को हम आपका हमेशा आभारी रहेंग🙏🙏
भले ही आज उत्तराखंड में बहुत से गायक हो गए है और होंगे भी , पर हमारे नेगी जी जैसे रत्न बस एक ही बार अवतरित होते है नेगी जी सच में आप धन्य है और हम धन्यवाद है ईश्वर का जो हमको आप जैसे रत्न दिया है
"को ढुंगो नी पूजी मीन कै डांडा नी गौंऊ मी " यो गीत डांडा कांठौं का रैवास्यों को गीत छ गीत बि अर गीत कि बात भि कि बात करौं त गीत भि हमारो अर गीत कि बात भि हमारि . यो हमारि खैरि -लैरि को गीत छ चालीस साल पैलि जब यो गीत रंचे गे होलो तब हमारा समाजै वी स्थिति छै हमारि पैले पीढ़ि का खैरि का दिन बौड्यां छन जो आज कि पीढ़ी बरकत मा छ सुन्दर दिनों मा छ पर अपणों कि खैरि सिनि बिसर जाण तब? ये गीत हमतैं हमारि जमीन से जोड़ी रखदन . एक बार फिर हाथ जोड़ी श्रद्धेय नरेंद्र सिंह नेगी जि को धन्यवाद जो हमतैं गीत भि अर गीत कि बात भि पूरि थात का दगड़ सौंपणां छन.
मुझे सबसे बेस्ट सोंग सिर्फ आपके लगते है जो दिल को छू जाते है ,,,जो गाने हमारी असली ज़िन्दगी से मिलते है ।ओर इस गाने को मै खुद से महसूस कर सकता है क्योंकि जब मेरी जॉब सुरु हुई तो एक होटल के बर्तन धुलने से सुरी हुई थी।।। really heart' touching song .may god bless you always 😊😊😊🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
Ap har geet me koi na koi bat hoti hai or apke geet jamesh dil ki gahraiyon tak jate hai. Ye gana mere dil ke sabse nazdeek hai, har bar ye gana rula deta hai bus....
Great....धन्य छौ नेगी जी आप । these stories are our real life stories of every Pahadi ... Negi ji you really visit every corner of every Pahadi...culture, Places and heart too....thanks Negi ji giving us so much and so beautiful....
Sch me aanshu aa gye sir Aapke gane ko sunkr Aap jaise kalakar sirf pehad ke hi nhi blki hmaare pure bharat ke saan hai. Aapki aawaz or sbdo me jo bhaw h Sch me dil ko chhu jata h. Maa sharda ki kripa aap pr hmesa bna rhe . Or bhagwan se aapke acche swasthya or lmbi umra ki kamna krta hu .taki aapke madhur aawaz ka hr koi lmbe samay tk anand le ske .
आज समझ आया "जुग जुग जीयो'' का असली अर्थ, ये शरीर के जीने की बात नहीं, नाम के जीने की बात करता है। नेगी जी के गीत सदा प्रासंगिक रहेंगे। असली लोकगायक वहीं है, जो अपने गीतों के माध्यम से समाज के प्रत्येक परिस्थिति का चित्रण कर सके, नेगी जी को इसमें महारथ हासिल है। धन्य हैं हम जो हमने नेगी जी को अपने बीच पाया।
अद्भुत भावविभोर करनेवाली रचना जो दशकों से मेरे हृदय में अंकित है प्रत्येक शब्द अपने आप में पहाड़ की पीड़ा समेटे हुए है। सम्पूर्ण रचना नेगी जी को सादर प्रणाम।
नेगी जी। कारुणिक प्रसंग पर रचित यह गीत बहुत मार्मिक है। पुराने समय में ऐसे प्रसंग बहुत थे। अब थोड़ाजीवन स्तर में वृद्धि हुई है। फिर भी आज भी यह गीत प्रासंगिक है।
"भैजी सादर प्रणाम परमपिता परमात्मा सी आपकी सदैव कुशलता की कामना करदु छौ" आप की गली मां सरस्वती मांता कु साक्षात वाह चा ये गीत सुणी वह ये गीत का बारा मां सुणी तै मन गदगद ह्रैगी बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति भैजी पुराणा दिन याद ऎगीन....🙏
नमस्कार नेगी जी धन्या हैं आपके माता पिता जिन्होंने आप जैसे महापुरुष ने जन्म लिया हैं एक महापुरुष महाभारत मैं था जिसने अपने देश के लिए सब कुछ छोड़ दिया था उसका नाम था पितामाह एक आप हैं जिन्होंने आपने बोली भाषा के लिए हमेशा से काम किया मैं मुम्बई मैं रहता हूँ मेरे बहुत से दोस्त हैं विहारी बंगाली और बहुत सारे हैं वो लोग जब मुझ से पुछते हैं मेरे गांव के बारे मैं तो मैं उनको आपके गीत सुना देता हूँ और फिर उसका अर्थ भी बता देता हुँ उन लोगों के मुख से एक ही शब्द निकलता हैं वाह
प्रणाम नेगीजी। आपके शब्द और गीत हमारे लिए भगवत गीता में लिखे हुए श्लोकों के समान हैं। शत शत नमन।
Sahi baat h Ji 🙏🙏👌👌
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नेगी जी दोबारा कुई बडीया सी गीत बने दिया दादा❤❤हमारी जन्म भुमि उत्तराखंड छा अर यी भुमि मा तुम्हार जनू मन्खी जन्म्यू । भगवान लम्बी उमर दिया तुम तें , सदनी खुस रखा तुम सनी , मे तुम्हार बोहत बडु फैन छू दादा ।जय उत्तराखण्ड 🌹❤❤🙏
ह्रदय को झकजोर कर देने वाली घटना और उससे भी बढ़कर वर्णन
यह तो नेगी जी के ही शब्दों में सम्भव है
क्या बात है .. रुला दिया आप पे गर्व है नेगी जी सदाबहार .. आपने समाज के हर पहलू पे गीत गाया है इन गीतों के माध्य्म से आपने हर पहलू को जीवित किया है . आपके शब्द कोष अद्भुत है .. धन्यावाद नेगी जी
नेगी जी का गीत, गढ़वाल की ऐतिहासिक धरोहर छ
नेगी जी की रचनाये, गीत नही है, नस्तर (सर्गिकल ब्लेड) है,
जहा से भी सुनो, चीरना शुरू कर देते है।
मेरे आराधियाँ हो आप।
आदरणीय गुरूजी थैं सादर प्रणाम ।
पैला का समय मा पैंसा व रोजगार का अभाव मा अधिकतर गढ़वलि भै बंद अपड़ा पहाडों से शहरों मा आँदा छाइ, अर यख परदेस मा ऐकी खूब परिश्रम कैकी, पैंसा इत्यादि ज्वड़दा छाइ ।
जैल अपणू जीवन इन्नि संघर्षमय बितयूँ ह्वालु त ये गीत थैं सूणीकि आज भी वैका आँखुँद आँसू ऐजाला ।
।।जय भोले की।।
वाह वाह ।। नमन वंदन अभिनंदन👏👏👏
आप भी बहुत अच्छा कर रहे हो सर❤❤❤
Smyrna SAR ji
चरण स्पस्ट प्रणाम नेगी जी कुछ सब्द नहीं आप के लिए जो भी कहूँ कम पड़ जाते हैं
नेगी जी क्या ब्वन मिल अब मीमा शब्द ही नी छी जो मी आपका गीतू खु कुछ लेख सकुलू बस इतगा लिखनू छो की आपका गीत वो छन जो ये गढ़वाल थै हमेशा याद राला और आन वाली पीढ़ी थै गढ़वाली शब्दों से परिचित करवाला धन्या छन आप लोग ।
जय केदारखंड, जय हिमवंत देश,जय स्वर्गभूमी, जय गढ़ देश गढ़वाल जय देव भूमी उत्तराखंड।।
आप अपने आप में समूचा उत्तराखंड हैं उसकी संस्कृति है, उसका गौरव हैं, उसकी आवाज हैं, साज हैं, गीत हैं, जब दसो दिशाओं के दिकपाल, त्रिलोक के देवता प्रसन्न होते हैं तो नरेंद्र सिंह नेगी जैसे अनमोल रतन जन्म लेते हैं।
नेगी जी को शत शत प्रणाम
यूँही कोई लोकगायक नहीं बन जाता।
आजकल तो कोई भी एक गाना गाकर अपने नाम के आगे लोकगायक लगा लेता है।
श्री नेगी जी आज आँसू आ गए आंखों से। कैसे आप गीत लिखते होगे यही सोचता रहता था। कैसे आप बिलकुल आत्मा तक को झकझोर देते है। जब से आपके गाने सुने बचपन से आजतक हर गाना कयी 100 बार सुना। और हर बार गाना सुन के वो चित्र दिखता था जो आप अभी बता रहें हैं।
मैं पुलिस में हूं और फिलहाल यहाँ कुछ ड्यूटी के बाद quarentine में हूँ ,सुरक्षा की दृष्टि से। बहुत बोर हो गया इतने दिनों से पर अभी ये vedio आपका देखा तो मन फिर से तरोताजा हो गया।
बस एक इच्छा है कि एक बार अपनी ज़िंदगी में आपसे मिलु और आपके पैर छू के आपसे आपका पसंदीदा गाना पूछू और आपके सामने उसे आपके साथ गाऊ।
धन्यवाद बहुत बहुत धन्यवाद।
अगले vedio का इंतजार हैं।
Bhut badiya ..
Aapko koti koti prdam 🙏 krti hu ..
Aapki to jitni bhi tarif kro km hi h ..
Aap uttkhannd ki san ho ..
Aapse aage aaj tk koi bhi nhi h ..
Aapke gane Dil ko chu jate h ..
Mayke ki yad aa jati h ..
Aur wo 89 ki yad aa jati h
भाई मेरे मैं भी यही सोचते सोचते साठ पार चुका। सुनता हूं, दिल हल्का होता है पर नेगी जी से नहीं मिल पाया। ऊषामठ से।
धन्य ह्वेज्ञा हम ये पावन धरती देवभूमी उत्तराखण्ड मा जन्म ल्ये कि और वे पर सोना पर सुहागा कि आप जन महापुरुष का गीत सुणी सुणी की अपणू बचपन बितायी और जवानी मा भी सुणण ही छन हे सुर सम्राट नेगी जी सत सत सादर प्रणाम अपका वास्ता🙏🙏❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏 जथगा आप थैं सुणदू, उथगा आपका प्रति सम्मान, प्रेम और गर्व बढ़दू ही रान्दू.
❤जय गढ़रत्न, जय गढ़गौरव❤
आपक त रग-रग भिट हमरी संस्कृति की झलक मिलदी धन्यवाद
अहा । बहुत ही मार्मिक । हमारा दाना सयाणा ये गीत सूणी भकोरी क्यौ रूंदा रै होला अब समझ मां ऐ । पैली मैं समझदु छौ कि यु गीत सैसुर कि विपदा पर च पर अब समझ आई । नरेन्द्र सिंह नेगी हूण कु मतलब अकल्पनीय ।
पहाड़ की पीड़ा, सुख-दुःख व पहाड़ का हर पहलू आपकी कलम व कण से बहुत ही सुन्दर तरीके से निकला है गुरू जी।
आपको चरण स्पर्श।🙏
ये गीत सभी को ऐसा लगता है जैसे उन्हीं के लिए लिखा होगा आपने ।बस खो जाता है इसमें हर कोई।धन्यवाद नेगी जी और उनकी टीम जिन्होंने इन गीतों के सम्बन्ध में और भी जानकारी दी ।धन्यवाद आप सभी का तहे दिल से।
माननीय नेगी जी आपको सादर प्रणाम ,माँ भगवती आपको लंबी उम्र दे और,आपको हमेशा सुखी रखे क्योंकि आप जैसे हस्ती हमारी उत्तराखंड की भूमि मा मिलना बहुत ही मुशकील होलु ,,,,
आपका हर गीत का मतलब हमारी दिनचर्या से सामिल होंदी ,
ओर आपका हर गीत का शब्द हम तें पुराणा लोगो से सुनु कु मिलदा छी,,,,,
इसीलिए लोग कहते है कि उत्तराखंड को जानना है तो नेगी जी के गीतोँ को सुनिए
ब्याली बाटी वीडियो का सास छा लगांयन
Ekdm sahi boli apn
नेगी जी के चरणों में प्रणाम🙏।अाप के तजुर्बे और आवाज सुन कर मन हर्षित होता है। "हे जी सारियों मा फूली गे होली" गीत के पीछे की बात या कोई कहानी सुनने का मन है। आप स्वस्थ एवं सुरक्षित रहें।
प्रणाम बहुत ही सुन्दर गीत च जी, जब भि सूणा मन मा पहाड़ का जीवन की हकीकत घूम जदंन आज भि भौत सि यनि स्थिति हमरा समाज मा देखणू मिल जंदन, बचपन मा मिन भि देखि छौ धारा रोड का स्टेट बैंक का भैर मेळा मा बेटी-ब्वारियूं थैं रूंद भेटेंद। आज य बात भि पता चलगि कि कन परिस्थिति से उपजि य रचना।
बहुत सुन्दर कहानि च ये गीत का पिछने।
Sir ji the great legend of our uttarakhand, apke jaisa pure uttarakhand mai tha na hai aur na koi aayega, apne apne gano ke dawara uttarakhand ko jeevit rakha hai salute hai sir
आप जैसा कोई नहीं आदरणीय नेगी जी नमन आपको
हर कल्पना को जीवंत करना,, और स्वयं पर ये सब महसूस हो जाना ।।श्री श्री गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी।।में आज का वो खुशकिस्मत युवा वर्ग हूँ,, जिसे साक्चात आपको सुनने को मिला।।।
भौत ही खुद लगी भैजी आपकी बात सुणीक, भगवान आप तें जुगराज राख्या🙏
बहुत सुन्दर नेगी जी,,,आपके गीतो मे जो मिठास ओर रस h ओ सायद कही नही h नेगी जी,,,🙏🙏🙏आप तो पहाड़े की शान ho
बहुत बहुत धन्यवाद।
यह सब मेरे जीवन को ( शैशवकाल की अन्तिम समय से प्रारम्भ होकर आज वृद्धावस्था याने १९ वर्ष से आज ६१ वर्ष की आयु तक) आपका सामगान सरस शोभित बनाये हुएं है। सांसारिक तापशोक में भी आपकी कला मुझे सराबोर किते हुए है।
I have nothing to offer you, only love and tears.
अकल्पनीय गीत, नेगी जी ईश्वर आपको दीर्घायु करे, आपको मेरा सत सत नमन व प्रणाम.
यथार्थ को अपनी स्वर्णिम कलम से लिखकर नेगी जी आपने विपदा खैरी के इस गीत को हम सबसे से रुबरू करवा दिया।
धन्य है 👏👌
नेगी जी नमस्कार शत शत नमन आपकों आप ही है जो पहाड़ की महिलाओं एवं युवाओं पर बहुत सुंदर काव्यात्मक अभिव्यक्ति की है आपने पहाड़ की खूबसूरती को काव्य रुप में परिणित किया है।
नेगी जी जन गीतकार ना क्वी छे ना केल हूण,
ऊंख आवाज अर गीत जिकुड़ी ते भोत शैल पोचांदी♥️
बहुत ही सुंदर पर्यास
अपने पहाड़ के लोगों की पीड़ा को समझाने का
साधुवाद
जय बद्री विशाल
जय भारत जय भारती
जय भारत जय भारती
शानदार नेगी जी। अद्भुत लिखा है गाना। प्लीज चलाते रहिए इस सीरिज को। धन्यवाद् 🙏
ये हमारा सौभाग्य है कि हम गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के संगीत का आनंद ले रहे हैं 🔊🎹🎵
उत्तराखंड मेरि मातृभूमि, मातृभूमि मेरि पितृभूमि ओ भूमि तेरि जय जयकारा म्यार हिमाला🌋🗻🏔🌄
बहुत ही सुंदर लाजबाब प्रस्तुति । जय बद्री विशाल जय देव भूमि उतराखण्ड जय । नेगी जी हमारी संस्कृति की धरोहर हैं ।
आदरणीय नेगी जी आपकी सबसे अच्छी बात यही रही कि आपके गानों में हमेशा वास्तविकता झलकती है इसलिए आपके गीत दिल को छू जाते हैं। आपकी इस वास्तविकता को गीत का रूप देने की कला को दिल से सलाम🙏🙏🙏
Favorite forever Negi ji. Jbse दुनिया में ankhe खोली है आपकी ही awaz सुनी hai😊😊😊
नेगी जी दिल की गहराइयों से आपका प्रणाम। आप हमारे लिए और हमारी इस नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत हो। आप मार्गदर्शक हो हमारी भाषा और संस्कृति के। आपके गानों से हमने अपने गढ़वाल को बहुत जाना और समझा है और आप हमें आगे भी इसी तरह हमारे प्रेरणा और प्रदर्शक रहोगे।
आप जैसा नायक नहीं मिलेगा फिर उत्तराखंड को
आप ने दिल में घर किया हे हमारे
हमेशा दिलों में रहोगे
नेगी जी को दण्डवत परिणाम स्वीकार करो
😍🙏🏻
आज भी आप के गीत लोगों के दिलों में बसे हैं।
सच्ची घटनाओं पर आधारित गीत आप के सब को अपने जीवन की याद दिलाते हैं।
में भी आप का एक सच्चा फेन हूं जो आप के हर एक झलक देखने को बेकरार रहता हूं।
नमस्कार।
Aapka koi saani nahi, hat's of you Sir always, m bahut khusnaseeb hu ki aapke geet sunte sunte bada huwa hu 😢😢😢😢
नेगी जी को प्रणाम
इन विपदा पर एक अर्थपूर्ण गीत आप ही लिख सकदा चा। भगवान आप थै लंबी उम्र दे।
नेगी जी प्रणाम आप उत्तराखंड की आनबान शान छन लोकगीत का सम्राट छन आपका गीत जितना भी सुनो मन नहीं भरता आपकी जय विजय हो 🙏💐
मैं सोचता था की हमारे गढ़वाल में कुछ नहीं है और सब कलाकार ऐसे ही है लेकिन अज्ञानता के कारण वो मेरी सोच थी लेकिन आज में मानता हूं कि मै गलत ता ओर हमारे गढ़वाल की रीति सही है और मै सबक लेता हूं कि मै अब अपने गढ़वाल की हर एक चीज को प्यार करूंगा 🙏🙏🙏 tq negi ji apne muje kuch seekhaya is video k madhiyam s
Simply genius...
एक व्यक्ति जिसने अकेले दम पर गढ़वाली गानों को घर घर पहुंचाया। गढ़वाली लोक गीतों का प्रतीक बन गया। लिखता भी खुद था और गाता भी खुद था।
आज के दौर में युवा जब पश्चिमी सभ्यता की मृगतृष्णा में ना अंग्रेज़ रह गया ना देसी न पहाड़ी।वो हो गया है रंगरेज़। उस रंगरेज़ को अपने लोक गीतों पर गर्व करना सिखाया।
ऐसे महान कलाकार हमारे नरेन्द्र सिंह नेगी को शत शत नमन
बढ़िया नेगी जी आपन अपडा जीवन का अनुभव साझा जाना छा।धन्यवाद आप थे
आदरणीय नेगी जी को सादर प्रणाम 🙏🙏। आज जैसा रचनाकार न कोई आया और न आयेगा।
एक दर्द छुपा होता है एक सच्चाई छुपी होती है आपके हर गानों मैं जो हमें भविष्य में होनी वाली सच्चाई को दर्शाता है । है उत्तराखंड है उत्तराखंड के महान विभूति हम धन्य हुए आपको पाके । जय गढ़ रत्न जय गढ़ गौरव । आपको मेरा कोठी कोठी प्रणाम 🙏 👏👏👏👏👏👏
बढ़िया नेगी जी आपन अपडा जीवन का अनुभव साझा कना छा।धन्यवाद आप थे
आपके शब्द सीधे दिल पर लगते है। आपके गीत जब भी सुनता हूं ऐसा लगता है जैसे में उस परिस्थिति में पहुँच गया हूँ जिस पर आपने गीत लिखा है😭😭😭😭😭
आप उत्तरांचल की लोकसंस्कृति के अमूल्य और तेजोमय स्तम्भ हैं। आपके गीतों के बिना हमारी संस्कृति अधूरी प्रतीत होती है। ईश्वर से आपकी दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूँ। सादर प्रणाम।🙏
नेगी जी थै नमन 🙏❤❤❤
सभी भगवान् अर सभी उत्तराखंड का देवी देवता हमेशा आप पर कृपा बण्यां रख्यां❤🙏
कविलाश जी आपके गीत बातों की इस कड़ी से हमारे कई प्रश्नों के उत्तर स्वता ही मिल रहे हैं
मैं इस गीत को लगभग 2 या 3 वर्ष की उम्र से सुनते आ रहा हूँ। मेरे पिताजी मुझे बचपन से यह गीत सुनाते आए हैं, किंतु मैं इस गीत का अर्थ कुछ इस प्रकार महसूस करता था कि यह गीत एक अनाथ बालक पर आधारित है जो कि जंगलों में निवास करता है जो कि एक ग्वाले का जीवन व्यतीत करता है और वहां इस गीत के माध्यम से अपनी पीड़ा को व्यक्त कर रहा है किंतु आप के इस कड़ी के माध्यम से आज इस गीत की रचना के बारे में भी पता चला कि इस गीत की रचना के पीछे का उद्देश्य क्या था।
वाह, मुख में सब्दकोश खाली हो चुका है।। क्या प्रतिक्रिया दु,, नमन है नेगी जी आपको।। उत्तराखंड की परिभाषा आपके हर गीत में है।।।
गढ़ रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी आप हमेशा से समस्त गढ़वाल का मां बाप, दाना दिवना और सभी छ्वटा बडू का प्रेणना दाई रवा, आप धन्य च्छावा जौंल जु भि कुछ अलग द्याख़ वे पर गाना बणै द्या। आप का दिल थई छूण वला गाणा सूणी क हम बडा ह्ववा, भगवान आप थई लंबी उम्र दियां ताकि हम आपका यू प्रेणना दाई गाणा हमेशा सुणदा रां।
##आप थैं हमरू शत शत नमन##
वाह नेगी जी धन्यावाद समाज का हर पहलु पर गाणा लिखणा वास्ता🙏🙏🙏
सादर प्रणाम सर ,को ढुंगो नि पूजी बहुत भावनात्मक गीत है , आपकी कलम से कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जो छूटा हो
बहुत सुंदर सर मेरा favorite गाना है ।
बाकी आप तो सागर हैं।
आपकी हर रचना हर गीत इस पहाड़ की सुंदरता, पीड़ा, और यहां की संस्कृति को दर्शाता है।।
अद्भुत रचना।। करुण रस का सुंदर वर्णन। प्रश्नात्मक शैली में जीवंत वर्णन।।नमन
इस से मार्मिक ओर करुण रचना शायद ही कोई और हो सकती है ।
आप रुला भी देते और हंसा भी देते हो।।
शत शत नमन
हिर्दय स्पर्शि गीत..वाह आन्सु आ गये.. प्रणाम सर
गुरुजी तै चरण स्पर्श प्रणाम नेगी जी यू आइडया बहुत अछू च सभी पहाडियों का वास्ता गीत। भी और गीत की बात भी। यै से सभी लोगों तै गीत की पिछने की कहानी भी सुणना कु मिलदी.बहुत बहुत धन्यवाद आपकू
माननीय नेगी जी apki mukhadi dekhi ki hi.. Apru culture ku स्मरण hundu😍😍ap hmra pahad ki shaan chi😊😊😊😘😘
हमारे मार्गदर्शन नरेंद्र सिंह नेगी जी को शत शत नमन।हमारे पास आपके लिए कोई शब्द नहीं है लेकिन जो शब्दों से आप ने उत्तराखंड को बनाया है। उस शब्द को हम आपका हमेशा आभारी रहेंग🙏🙏
भले ही आज उत्तराखंड में बहुत से गायक हो गए है और होंगे भी , पर हमारे नेगी जी जैसे रत्न बस एक ही बार अवतरित होते है नेगी जी सच में आप धन्य है और हम धन्यवाद है ईश्वर का जो हमको आप जैसे रत्न दिया है
अद्भुत🙏🙏🙏🙏 ,
हृदय की झकनाझोर करने वाला गीत
Negi Ji bhot sundr Aapka geet sudi ju sukun santi milni wa kakhi jeke ni mil sakdi.Bagwan ji aapthe bhot lambi umar diya.jug jug jeya aap.🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Yahi to vishesta hai apki...jo apko bakiyo se alag karti hai..isiliye negi ji great h...love u negi ji
"को ढुंगो नी पूजी मीन कै डांडा नी गौंऊ मी " यो गीत डांडा कांठौं का रैवास्यों को गीत छ गीत बि अर गीत कि बात भि कि बात करौं त गीत भि हमारो अर गीत कि बात भि हमारि . यो हमारि खैरि -लैरि को गीत छ चालीस साल पैलि जब यो गीत रंचे गे होलो तब हमारा समाजै वी स्थिति छै हमारि पैले पीढ़ि का खैरि का दिन बौड्यां छन जो आज कि पीढ़ी बरकत मा छ सुन्दर दिनों मा छ पर अपणों कि खैरि सिनि बिसर जाण तब? ये गीत हमतैं हमारि जमीन से जोड़ी रखदन . एक बार फिर हाथ जोड़ी श्रद्धेय नरेंद्र सिंह नेगी जि को धन्यवाद जो हमतैं गीत भि अर गीत कि बात भि पूरि थात का दगड़ सौंपणां छन.
Namste Bhaiji,. bhout badiya baat boli aapla.
अभिव्यक्ति हेतु शब्दों का ऐसा अद्भुत चयन कभी नहीं देखा नेगी जी। गढ़ रत्न को नमन।🙏
मुझे सबसे बेस्ट सोंग सिर्फ आपके लगते है जो दिल को छू जाते है ,,,जो गाने हमारी असली ज़िन्दगी से मिलते है ।ओर इस गाने को मै खुद से महसूस कर सकता है क्योंकि जब मेरी जॉब सुरु हुई तो एक होटल के बर्तन धुलने से सुरी हुई थी।।।
really heart' touching song .may god bless you always 😊😊😊🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
नेगी जी हम बड़े भाग्यशाली है।जो हमारा बचपन आपके गीतों के साथ बड़ा हुआ है।आप मेरे लिए भगवान से कम नहीं है।भगवान आपको सदैव स्वस्थ खुश रखे।
Ap har geet me koi na koi bat hoti hai or apke geet jamesh dil ki gahraiyon tak jate hai. Ye gana mere dil ke sabse nazdeek hai, har bar ye gana rula deta hai bus....
Bahut sundar guruji... aapki aawaz hamre garhwal ki pahchan hai.. .
Great....धन्य छौ नेगी जी आप । these stories are our real life stories of every Pahadi ... Negi ji you really visit every corner of every Pahadi...culture, Places and heart too....thanks Negi ji giving us so much and so beautiful....
🙏🙏🙏हम रहे ना रहे नेगी जी के द्वारा गाय गीत 🙌🙌हमेशा अमर रहेंगे🙌🙌
ह्रदय के भावों को उद्वेलित कर दिया अपने...बहुत ही सुदंर गीत नेगी जी
Sch me aanshu aa gye sir
Aapke gane ko sunkr
Aap jaise kalakar sirf pehad ke hi nhi blki hmaare pure bharat ke saan hai.
Aapki aawaz or sbdo me jo bhaw h
Sch me dil ko chhu jata h.
Maa sharda ki kripa aap pr hmesa bna rhe .
Or bhagwan se aapke acche swasthya or lmbi umra ki kamna krta hu .taki aapke madhur aawaz ka hr koi lmbe samay tk anand le ske .
आज समझ आया "जुग जुग जीयो'' का असली अर्थ, ये शरीर के जीने की बात नहीं, नाम के जीने की बात करता है। नेगी जी के गीत सदा प्रासंगिक रहेंगे।
असली लोकगायक वहीं है, जो अपने गीतों के माध्यम से समाज के प्रत्येक परिस्थिति का चित्रण कर सके, नेगी जी को इसमें महारथ हासिल है।
धन्य हैं हम जो हमने नेगी जी को अपने बीच पाया।
Dil tak asar krda chin apka gheet or awaj 🙏🏻 aankh bhar janda apka gheet n 🙏🏻 huge respect ✊ always love u from Uttarkashi 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
नाम ऐसे ही नही बनता करने पड़ते हैं लाख जतन
यूं ही नही बनता कोई गढ़ रत्न ❤️🙏
नेगी जी की बराबरी कोई नहीं कर सकता आपके चरणों में प्रणाम बारम्बार।
बहुत सुन्दर नेगी जी फिर से आपन पुराणा दिन याद दिलेइया
बहुत सुन्दर sir जी सुन्दर रचना ग़ज़ब 🙏🙏🙏आप की बात ही निराली है विपिन पंवार कू आप के चरणों में प्रणाम 🙏🙏💐💐आप जीओ हजारों वर्ष 🙏🙏🌷🌹
अद्भुत भावविभोर करनेवाली रचना जो दशकों से मेरे हृदय में अंकित है प्रत्येक शब्द अपने आप में पहाड़ की पीड़ा समेटे हुए है। सम्पूर्ण रचना
नेगी जी को सादर प्रणाम।
Bhut sunder vedio negi ji ...aapko shat shat namen👌👌👏
मार्मिक गीत आँशु आ गए 🙏प्रणाम
🕉श्रद्धेय नेगीजी 🙏। इना गीतों ल पुराणु उमाल गला थै ऐ ग्या। यूं गीतूं कु भाव वी समझि सकद जैल हमर पहाड़ मा बचपन बितयूँ होलु। धन्यवाद।
अति सुन्दर ये सच्चाई है जिसको हैम सबने देखा है जिया है । आपने समय का साथ साथ पहाड़ का जन मानस क खैर उकेरी अपड़ा गीतों का माध्यम से । सादर नमन है आपको
नेगी जी आपके गीत हम उत्तराखण्डियों के लिए बहुत बड़ी परेना का सुरोत हैं
आपके गाने इतने सच्चे होते हैं की कभी कभी सुनते सुनते आंसू आ जाते हैं
आपको बारम्बार प्रणाम है। आपकी कलम न उत्तराखंड को अमर कर दिया है। भावुक कर देते हो।
नेगी जी। कारुणिक प्रसंग पर रचित यह गीत बहुत मार्मिक है। पुराने समय में ऐसे प्रसंग बहुत थे। अब थोड़ाजीवन स्तर में वृद्धि हुई है। फिर भी आज भी यह गीत प्रासंगिक है।
"भैजी सादर प्रणाम परमपिता परमात्मा सी आपकी सदैव कुशलता की कामना करदु छौ" आप की गली मां सरस्वती मांता कु साक्षात वाह चा ये गीत सुणी वह ये गीत का बारा मां सुणी तै मन गदगद ह्रैगी बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति भैजी पुराणा दिन याद ऎगीन....🙏
बहुत सुंदर गढ़ रत्न नेगी जी उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए और कायम रखने के लिए
नमस्कार नेगी जी धन्या हैं आपके माता पिता जिन्होंने आप जैसे महापुरुष ने जन्म लिया हैं
एक महापुरुष महाभारत मैं था जिसने अपने देश के लिए सब कुछ छोड़ दिया था उसका नाम था पितामाह
एक आप हैं जिन्होंने आपने बोली भाषा के लिए हमेशा से काम किया
मैं मुम्बई मैं रहता हूँ
मेरे बहुत से दोस्त हैं विहारी बंगाली और बहुत सारे हैं वो लोग जब मुझ से पुछते हैं मेरे गांव के बारे मैं तो मैं उनको आपके गीत सुना देता हूँ और फिर उसका अर्थ भी बता देता हुँ
उन लोगों के मुख से एक ही शब्द निकलता हैं वाह
Dil s dhanyawad gadratan negi ji ko. ye experience or ye gana ek bar fir s hame daynye k leye.👏👏
वाह क्या बात है नेगी जी को मेरा सत सत नमन 🙏🏻🙏🏻
आपका हर कोई शब्द मेरे ही जीवन पर है, मुझे ऐसा महसूस होता है आपके गीतों को सुनकर 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹
भौत ही मार्मिक गीत रचणा बोडा जी 💓आप जुगराज रयन 🙏🏻😍सेवा सौंलि आप खुण 😭
गीत के माध्यम से अपने मार्मिक चित्रण प्रस्तुत कर दिया और उनकी भावनाओ को आपने अपने शब्दऔर आवाज़ दी ।🙏🙏🙏