फौजी ललित मोहन और किशन महिपाल का जादू || उत्तरैणी कौथिग, बुराड़ी

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  • Опубліковано 14 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 17

  • @SanjayKumar-b1v5k
    @SanjayKumar-b1v5k 21 годину тому +4

    Nice Jai Uttarakhand 🎉🎉🎉🎉🎉

  • @rajeshsinghal309
    @rajeshsinghal309 20 годин тому +3

    Jai Dev Bhoomi 🎉🎉🎉🎉🎉❤❤

  • @MohansinghNegi-n2w
    @MohansinghNegi-n2w День тому +5

    Jai Uttarakhand 🎉🎉🎉🎉❤❤

  • @renunegi2916
    @renunegi2916 День тому +4

    Jai devbhumi jai uttarakhand 🙏🙏

  • @MaheshChand-fk2lm
    @MaheshChand-fk2lm День тому +5

    Grt

  • @sapanseth1413
    @sapanseth1413 День тому +3

    Excellent

  • @beenaRawat-dc8pm
    @beenaRawat-dc8pm День тому +3

    Nice

  • @jitendrabisht6065
    @jitendrabisht6065 День тому +3

    Jay uttrakhand

  • @AshuRawat-wi4nu
    @AshuRawat-wi4nu День тому +5

    Nice🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @AnkitaKumari-c3f
    @AnkitaKumari-c3f 18 годин тому +1

    Jai Uttarakhand 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @sudhirranjanrout1280
    @sudhirranjanrout1280 20 годин тому +2

    Jai Dev Bhoomi 🎉🎉🎉Ji ka password bhejna 🎉❤❤

  • @deviprasadjoshi1485
    @deviprasadjoshi1485 6 годин тому

    लोक गायकों/लोक कलाकारों/लोक संगीतकारों एवं पर्वतीय सांस्कृतिक कला मंचों तथा मांगल कलाकारों को टीमों का हार्दिक बधाई जिन्होंने अपनी बोली भाषा/संस्कृति को बचाने का बीड़ा उठाया है। पहाड़ी भाषा बोलने वाले एवं उत्तराखंड में ही निवास करने वाले उत्तराखंड के इन सच्चे सपूतों को मेले में आमंत्रित कर प्रोत्साहित करने में सहयोग दिया जाना चाहिए।

  • @Anku123-b1b
    @Anku123-b1b 18 годин тому +1

    Nice🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤

  • @meenabhandari3652
    @meenabhandari3652 12 годин тому +1

    Jai uttarakhand

  • @prakashkhanduri2890
    @prakashkhanduri2890 6 годин тому

    जय उत्तराखण्ड

  • @deviprasadjoshi1485
    @deviprasadjoshi1485 6 годин тому

    पहाड़ी भाषा में बातचीत करने वाले एवं उत्तराखंड में ही निवास करने वाले यू ट्यूबर टीम को आमंत्रित करना चाहिए क्योंकि वो ही कोथिक की सही तस्वीर दुनिया के सामने रख सकते है।

  • @deviprasadjoshi1485
    @deviprasadjoshi1485 6 годин тому

    देश में रहने वाले उत्तराखंडी बच्चे एवं युवाओं से पूछने पर वे घमंड के साथ कहते है उन्हें पहाड़ी बोली भाषा नहीं आती है क्योंकि उनके दादा/पिता बहुत पहले पहाड़ से बाहर आ गये थे। दूसरी तरफ विदेशों में जन्मे प्रवासी उत्तराखंडी लगातार उत्तराखंड आकर अपनी बोली भाषा सीखने की कोशिश कर रहे है और उत्तराखंड में घूमघाम कर उत्तराखण्डियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में अपना योगदान भी दे रहे है।