आचार्य प्रशांत से समझें गीता, लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00042 ✨ हर महीने 30 लाइव सत्र ✨ 15,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
"आप दुनिया में इसलिए हारते हो क्योंकि आपके भीतर बहुत कमी है। जो भीतर की कमी को पूरा कर ले फिर कोई उसे रोक नहीं सकता!"-आचार्य प्रशांत, वेदांत संहिता, कठ उपनिषद्, अध्याय:०१,प्रथम वल्ली, श्लोक:२४ पर
Job की क्या situation है भारत में हर कोई जानता है, High Degree लेकर भी youth बेरोजगार घूम रहा है, जॉब के लिए line में लगे हुए youth को देख कर बहुत दुख होता है, इतने साल study के लिए पैसा, ओर 20-25 साल खराब करने के बाद भी job न मिले तो future में क्या होगा, youth को हम देश की back bone ( रीढ की हड्डी) बोलते है, अगर यह कमज़ोर हो गई तो देश तरकी कौसे करेगा,
Job chahiye kyu,, high degree ek kagaz hai,,,skilled youth ki har jagah jrurat hai..jitna padhna hai padhiye youths skilled ho Jaye bas problem solved... Or kyu chhaiye jobs . Apna business banao mat raho kisi ke bharose... Love u youths go ahead...
नौकरी हो यां अपना बिजनेस शादी हुई हो न हुई हो।।सब गुलाम हैं।।जो पैदा हुए और एक दिन मरे 😢सब गुलाम हैं 😢 ज़िन्दगी का दुसरा नाम गुलामी है 😢 किसी बहुत ही नेक इन्सान ने अपने बारे में बताई बातें।।।😢कहता जब से जन्म लिया और दिमाग बचपन में जैसे ही सोचने लगा।। मुझे गुलामी का पता लगने लगा।। ये गुलामी क्या है बताता हूं।।चार साल का था जब।। गांव में बच्चों के साथ खेलते हुए पेड़ों खेतो गांव की मिट्टी में खूब मस्ती किया करते थे।।सिर मे मिट्टी रोज इतनी होती कि मां मुझे नहलाते हुए खुब डांटती।।उस डांट का कोई असर न होता 😅 अचानक एक दिन पिताजी हम भाई बहन को साथ लेकर बड़े शहर में आ गए।। और एक कमरे के घर में जैसे पंछी उड़ते के पर कतर दिए हो।।उसी मे रसोई उसी एक कमरे में रहना पुरे परिवार का😢 गुलामी सी लगी।।😢 फिर स्कूल जाने लगे दुसरी बार गुलामी का अहसास हुआ खुब रोया।। जैसे जैसे होश संभाला घर की प्रोब्लम पिताजी के सब एक के बाद मंन पर गुलामी जैसे।।😢 बड़े हुए शादी बंधन में बंध गए उसके दुसरी गुलामी।। सुबह उठो काम ही काम भागम भाग।।ये प्रोब्लम वो प्रोब्लम 😢😢😢😢मंन मे इस इस गुलामी का हल डुढ लिया कि बच्चे बड़े हो जाए पाऔ पर खड़े हो जाए।।😮बस फिर एक पल देरी किए गांव चला जाऊंगा।।। वैसे भी बच्चे जब तक अपने पैरों पर खड़े नहीं होते उन्हें तब तक मां बाप की अधिक जरूरत है।।कमाने लगे।।वो अपने फैसले खुद करते हैं 😮ये एक अच्छी बात भी लगी उसे न तुम मुझे रोको ना मे तुम्हे कुछ कहे 😢😢😢😢😢 गांव जाउंगा।। वहां वैसी ही जिन्दगी जहां बचपन छोड़कर आया था।। पेड़ों नदियों खेत खलिहान पंछीयो सुरज चांद तारो पवन आधी से की हुई दोस्ती जो छूट गईं थीं।। उन्हें बोलुंगा लो मैं आ गया।। फिर से खेलते हैं आजादी से 😮 जैसे ही वह गांव जाने की बात करता।। पत्नी महोदय एक साल रुको अभी।।ये है वो है।।दुसरे साल फिर वही बात बच्चों की शादी करा कर जाना।। ठीक है।।शादी की उम्र हो गई है।। जल्द से जल्द रिश्तेदार के यहां रिश्ते की बात करते हैं।। बच्चे बोलै और खुद अभी शादी नहीं करनी हमें।।।😢😢😢कमाल है।। तुम शादी ना करो तीस बत्तीस साल तक मै तब तक तुम्हारे कहने वाली बेकार बोरस ज़िन्दगी जीता रहूं यही शहर में।।।ना हवा ना खुला वातावरण।। जैसे जानवर पिंजरे में है ऐसी ज़िन्दगी 😢😢😢😢जिद की जाने की 😢 पत्नी की हालत ख़राब।। डाक्टर के यहां जाने की नोबत आ गई।।।😢 पत्नी महोदय एक बार गांव मेरे साथ कम से कम घुमने चलो नहीं मन लगा वापस शहर में रहने लग जाना दो और भाई के परिवार रहते हैं।।कौन तुमने अकेले रहना है भरा हुआ परिवार है सब इज्जत करते हैं बड़े जो है हम 😢 नहीं मानी।। चलों महीने बाद मै आ जाया करूंगा पंद्रह दिन में चक्कर लगा लिया करुणा।।।नही नही नही ।😢😢😢😢😢ये गुलामी जो है मिरतियु तक साथ ही शमशान तक जाती है।।जीते जी कभी नहीं।।।जिस दिन मर गया उस दिन पत्नी अकेले रहना सीख ले गी बच्चों का तो क्या कहना 😢😮😢😮😮😮
आपको सादर प्रणाम आचार्य जी। आपकी बाते और राजीव दीक्षित जी की बाते दोनो में बहुत ही ज्यादा समानता है। आपको सादर प्रणाम जबसे आपको सुन रहा हूं मेरा विचार ही बदल गया है सर
Yaha wo dailog yad aata he..ki Bhav itana badhao ki logo ko fursat hi na mile bagavat karne ki.. par itana bhi mat badhao ki log bagavat par hi utar jaye...
Watching from my living room in singapore, earning good and comfortably but empty inside.... see myself as gulaam of this big corporate and everyday unsure abt the next day work. better salaries bring great stress and uncertainties
Ye to mujhe bhut pahle hi pata chal gaya tha kyunki mai humesa apne dosto se kahta tha ki govt highway bagal me aam kele adi falo ke ped na uga ke jhad kyu ugati hai taki log bhuke rahe or kaam kare nahi to sarkari jameen pe itane fruits ugaye ja sakte ki sabhi ka free me pet bhar jaye
@@gudiarao2348 sahi baat hai pr sarkar un pedon ki b nilaami krti h. Sarkaar ko chahiye ki sadkon or rail line k dono or ki bekar jamin ko berojgaaron ko nominal rate pr kheti ya bagwani k liye lease pe de . Isse jahan departments ko revenue milegi desh ko upj or rozgaar
Amazing knowledge sir I salute. I understand why govt giving free of cost Ration to poors. They do not want to become them rich by giving education free of cost
I am Muslim and I like Acharya Prashant saying he is rightly highlighting the current situation of our also where we became slaves of few people through technology.
income inequality can be reduced by ending corruption and taxing 90 percent to the luxurious goods. poor people are giving more tax than super rich people .
hey Dear my Name Gurvinder Guri मैने भी अपने career की शुरुआत Job से ही की थी, क्योंकि हमे कोई guide करने वाला नहीं होता क्या और क्यों करना है, लेकिन जॉब करके जिंदगी के बारे में बहुत कुछ पता चलता है, और खुद का Business क्यों जरूरी बिलकुल clearity हो जाती है, लेकिन Job की क्या situation है भारत में हर कोई जानता है, High Degree लेकर भी youth बेरोजगार घूम रहा है, जॉब के लिए line में लगे हुए youth को देख कर बहुत दुख होता है, इतने साल study के लिए पैसा, ओर 20-25 साल खराब करने के बाद भी job न मिले तो future में क्या होगा, youth को हम देश की back bone ( रीढ की हड्डी) बोलते है, अगर यह कमज़ोर हो गई तो देश तरकी कौसे करेगा,
लेकिन फिर भी हम अगर आपको देख पा रहे हैं तो इसका कारण सस्ता डेटा ही है। कमियाँ तो सिर्फ होस की हैं जागृति की हैं, सही जानकारियों की हैं। अब करना बस इतना हैं कि सारा टेक्नोलॉजी सरकार के हाथ में होना चाहिए, सरकार को लोकतंत्र होना पड़ेगा, वो तब होगा जब जनता, शिक्षित और विवेकपूर्ण होंगे, तब मनुष्य अध्यात्म और मोक्ष के ओर जा सकते हैं।
सामाजिक क्रांति तभी संभव है जब निम्न एवं निम्न मध्यवर्ग में वर्ग चेतना उत्पन्न की जाये परन्तु जैसा मार्क्स ने कहा था कि धर्म का नशा चटाकर पूँजीपतियों का गुलाम बना लिया गया है
AI se risk nahi ha..skills seekh lo market ke hisab se..AI skill itna common kar do ki gali kooche wale chote business b use afford kar sake..taki sab apni prodctivity badha sake..production cost sasti ho aur Indian products global market me competitive ho sake..
Jin jin ko AI ki wajah se job khone ka objection ha..wo ye bata de ki tum log 30-40-50% hike ya kisi better profile ke lie job change nai karoge? Tum apne fayde ka sochna chorh skte ho to fir company se expect kro..ki wo b AI chorh degi
आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
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✨ हर महीने 30 लाइव सत्र
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✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
😊😊
Ye hoti hai takat jap aap Philosophy, psychology, science our spritual ko padhte hain
"आप दुनिया में इसलिए हारते हो क्योंकि आपके भीतर बहुत कमी है। जो भीतर की कमी को पूरा कर ले फिर कोई उसे रोक नहीं सकता!"-आचार्य प्रशांत, वेदांत संहिता, कठ उपनिषद्, अध्याय:०१,प्रथम वल्ली, श्लोक:२४ पर
बहुत सुंदर भाई बहुत सुंदर 🙏
शुरू ही सच्चाई से हुआ लेक्चर। कोई बनावट नही कोई झूठा राग नही।
Right
Job की क्या situation है भारत में हर कोई जानता है, High Degree लेकर भी youth बेरोजगार घूम रहा है, जॉब के लिए line में लगे हुए youth को देख कर बहुत दुख होता है, इतने साल study के लिए पैसा, ओर 20-25 साल खराब करने के बाद भी job न मिले तो future में क्या होगा,
youth को हम देश की back bone ( रीढ की हड्डी) बोलते है, अगर यह कमज़ोर हो गई तो देश तरकी कौसे करेगा,
Job chahiye kyu,, high degree ek kagaz hai,,,skilled youth ki har jagah jrurat hai..jitna padhna hai padhiye youths skilled ho Jaye bas problem solved...
Or kyu chhaiye jobs .
Apna business banao mat raho kisi ke bharose...
Love u youths go ahead...
❤
Right 😊😊❤
"जिसने भीतर बंधन पकड़ रखे होते हैं वो बाहर जगत में रोज़ मरता है।"
-आचार्य प्रशांत, वेदांत संहिता, कठ उपनिषद्, अध्याय:०१,प्रथम वल्ली, श्लोक:२४ पर
👏👏👌👌🌟🌟
नौकरी हो यां अपना बिजनेस शादी हुई हो न हुई हो।।सब गुलाम हैं।।जो पैदा हुए और एक दिन मरे 😢सब गुलाम हैं 😢 ज़िन्दगी का दुसरा नाम गुलामी है 😢 किसी बहुत ही नेक इन्सान ने अपने बारे में बताई बातें।।।😢कहता जब से जन्म लिया और दिमाग बचपन में जैसे ही सोचने लगा।। मुझे गुलामी का पता लगने लगा।। ये गुलामी क्या है बताता हूं।।चार साल का था जब।। गांव में बच्चों के साथ खेलते हुए पेड़ों खेतो गांव की मिट्टी में खूब मस्ती किया करते थे।।सिर मे मिट्टी रोज इतनी होती कि मां मुझे नहलाते हुए खुब डांटती।।उस डांट का कोई असर न होता 😅 अचानक एक दिन पिताजी हम भाई बहन को साथ लेकर बड़े शहर में आ गए।। और एक कमरे के घर में जैसे पंछी उड़ते के पर कतर दिए हो।।उसी मे रसोई उसी एक कमरे में रहना पुरे परिवार का😢 गुलामी सी लगी।।😢 फिर स्कूल जाने लगे दुसरी बार गुलामी का अहसास हुआ खुब रोया।। जैसे जैसे होश संभाला घर की प्रोब्लम पिताजी के सब एक के बाद मंन पर गुलामी जैसे।।😢 बड़े हुए शादी बंधन में बंध गए उसके दुसरी गुलामी।। सुबह उठो काम ही काम भागम भाग।।ये प्रोब्लम वो प्रोब्लम 😢😢😢😢मंन मे इस इस गुलामी का हल डुढ लिया कि बच्चे बड़े हो जाए पाऔ पर खड़े हो जाए।।😮बस फिर एक पल देरी किए गांव चला जाऊंगा।।। वैसे भी बच्चे जब तक अपने पैरों पर खड़े नहीं होते उन्हें तब तक मां बाप की अधिक जरूरत है।।कमाने लगे।।वो अपने फैसले खुद करते हैं 😮ये एक अच्छी बात भी लगी उसे न तुम मुझे रोको ना मे तुम्हे कुछ कहे 😢😢😢😢😢 गांव जाउंगा।। वहां वैसी ही जिन्दगी जहां बचपन छोड़कर आया था।। पेड़ों नदियों खेत खलिहान पंछीयो सुरज चांद तारो पवन आधी से की हुई दोस्ती जो छूट गईं थीं।। उन्हें बोलुंगा लो मैं आ गया।। फिर से खेलते हैं आजादी से 😮 जैसे ही वह गांव जाने की बात करता।। पत्नी महोदय एक साल रुको अभी।।ये है वो है।।दुसरे साल फिर वही बात बच्चों की शादी करा कर जाना।। ठीक है।।शादी की उम्र हो गई है।। जल्द से जल्द रिश्तेदार के यहां रिश्ते की बात करते हैं।। बच्चे बोलै और खुद अभी शादी नहीं करनी हमें।।।😢😢😢कमाल है।। तुम शादी ना करो तीस बत्तीस साल तक मै तब तक तुम्हारे कहने वाली बेकार बोरस ज़िन्दगी जीता रहूं यही शहर में।।।ना हवा ना खुला वातावरण।। जैसे जानवर पिंजरे में है ऐसी ज़िन्दगी 😢😢😢😢जिद की जाने की 😢 पत्नी की हालत ख़राब।। डाक्टर के यहां जाने की नोबत आ गई।।।😢 पत्नी महोदय एक बार गांव मेरे साथ कम से कम घुमने चलो नहीं मन लगा वापस शहर में रहने लग जाना दो और भाई के परिवार रहते हैं।।कौन तुमने अकेले रहना है भरा हुआ परिवार है सब इज्जत करते हैं बड़े जो है हम 😢 नहीं मानी।। चलों महीने बाद मै आ जाया करूंगा पंद्रह दिन में चक्कर लगा लिया करुणा।।।नही नही नही ।😢😢😢😢😢ये गुलामी जो है मिरतियु तक साथ ही शमशान तक जाती है।।जीते जी कभी नहीं।।।जिस दिन मर गया उस दिन पत्नी अकेले रहना सीख ले गी बच्चों का तो क्या कहना 😢😮😢😮😮😮
भेड़ों को कभी पता नहीं चलता कि उन्हें हाँका जा रहा है।
OMG ! What a Bold , Honest ,and Absolutely Researched , and Courageous Facts ! Sir , Eye Opener for all , I am gonna share it Maximum!
आपको सादर प्रणाम आचार्य जी। आपकी बाते और राजीव दीक्षित जी की बाते दोनो में बहुत ही ज्यादा समानता है।
आपको सादर प्रणाम जबसे आपको सुन रहा हूं मेरा विचार ही बदल गया है सर
Kya banda h yaar 🥰 starting me hi impress kr diya 😊
Excellent presentation by decent anchor I salute acharya ji
Yaha wo dailog yad aata he..ki
Bhav itana badhao ki logo ko fursat hi na mile bagavat karne ki.. par itana bhi mat badhao ki log bagavat par hi utar jaye...
मैंने भी yeh सत्र लिव attend kiya tha❤❤
Watching from my living room in singapore, earning good and comfortably but empty inside.... see myself as gulaam of this big corporate and everyday unsure abt the next day work. better salaries bring great stress and uncertainties
Bilkul sahi Kaja Sir Ji ne😢
Wah salute to acharya ji and the boy asked first in the seminar
This is the content what the youth need
Bina pese ke jivan nhi chl ra to gulami krni hi pdegi 😢
गुलाम बन gye हम लोग
Fight going on sir we can make it have faith on yourself we togetherly make difference 😊😊
@@shubhamraj3006business right?
@@shubhamraj3006but where can we unite, don't you think there should be a platform where we all unitedly make effort for a common cause or goal?
Ye to mujhe bhut pahle hi pata chal gaya tha kyunki mai humesa apne dosto se kahta tha ki govt highway bagal me aam kele adi falo ke ped na uga ke jhad kyu ugati hai taki log bhuke rahe or kaam kare nahi to sarkari jameen pe itane fruits ugaye ja sakte ki sabhi ka free me pet bhar jaye
What a thought bro
@@gudiarao2348 sahi baat hai pr sarkar un pedon ki b nilaami krti h. Sarkaar ko chahiye ki sadkon or rail line k dono or ki bekar jamin ko berojgaaron ko nominal rate pr kheti ya bagwani k liye lease pe de . Isse jahan departments ko revenue milegi desh ko upj or rozgaar
Very very thankyou,
Aachary ji,
For give this important big knowledge...🙏
❤️ Kalyug ❤️ ke ❤️ Krishna ❤️ Sri ❤️ acharya ❤️ Prashant ❤️ ji ❤️ ki ❤️ jai ❤️ ho ❤️ 0:52
From beginning to end every word is valuable
Respectful greetings to the teacher
Great thinking, he disected whole problem which is out of imagination by ordinary thinker, this is reality,
Acharya Ji Aap Great Ho❤ Prabhu
Very nice sir
Why money is more important than life of human being , nature , animals, the whole earth and spices?
Kaunse spices? Garam masala?
Jivan me kuchh karna hai to pahle khud ko badalna hai 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
Amazing knowledge sir I salute. I understand why govt giving free of cost Ration to poors. They do not want to become them rich by giving education free of cost
" छोटी सी नौकरी, थोड़े से पैसे, और बहुत सारी गुलामी " kuch dino ke bad ye bhi badi mushkil se milega
To make the long story short,beggars can not be choosers....mere kehne ka matlab yeh hai demand jiyada hai aur supply kam aur yeh hamesha rahega.
I am Muslim and I like Acharya Prashant saying he is rightly highlighting the current situation of our also where we became slaves of few people through technology.
Why u r mentioning ur religion
Kya badhiya explanation hai sir ....hatsoff sir
Pranam acharya ji🙏
Bohot Sahi kaha 🙏🙏🙏🙏
mind-blowing
Bharat me personal home ac ban hona chaiye, car ac ban hona chahiye, and industry and company unse climate tax lena chaiye
income inequality can be reduced by ending corruption and taxing 90 percent to the luxurious goods. poor people are giving more tax than super rich people .
I like you 👍👍
Acharya Prashant jiiii❤
जागरण अभियान जारी रहेगा 🪴🪔
muje gulaam nahi rehna sir, mar jana hai par gulami nahi krni
Ek ram ki gulami kar lo kisi or ko karne ki jarurat nahi 😊
मरने की सोचना सब से बड़ा कायरता है
गुलाम ना बनो ये प्रयास करना चाहिए
आपको दीर्घजीवी होने की मंगल कामनाएं
hey Dear my Name Gurvinder Guri मैने भी अपने career की शुरुआत Job से ही की थी, क्योंकि हमे कोई guide करने वाला नहीं होता क्या और क्यों करना है, लेकिन जॉब करके जिंदगी के बारे में बहुत कुछ पता चलता है, और खुद का Business क्यों जरूरी बिलकुल clearity हो जाती है,
लेकिन Job की क्या situation है भारत में हर कोई जानता है, High Degree लेकर भी youth बेरोजगार घूम रहा है, जॉब के लिए line में लगे हुए youth को देख कर बहुत दुख होता है, इतने साल study के लिए पैसा, ओर 20-25 साल खराब करने के बाद भी job न मिले तो future में क्या होगा,
youth को हम देश की back bone ( रीढ की हड्डी) बोलते है, अगर यह कमज़ोर हो गई तो देश तरकी कौसे करेगा,
❤
@@gurvinderguri.023ये देश अब नेता और उनके रिश्तेदार के अमीर लोगो का गुलाम बनेगा और किसी को जॉब नहीं मिलेगी
Naman sir
Jai shree krishana
Meri ankhein khul gyi ...parda sa hat gaya
Great session. ❤
absolutely right sir
chunav me modi ne kaha tha sochta hu paise logo me bat du lakin fir usne sochna band kar diya jit ke bad
Hamari jindgi kamni ke gulam hi
This is absolutely right 😢
Saare fasad ki jad huge population of india. Agar population control hoti toh shayad bharat ke youth ki itni buri halat na hoti.
Bilkul sahi bat hai sir
Manavta ki sachchai aur hum jaise sachche log
Revolutionary video
❤❤❤❤❤आचार्य जी ❤❤❤❤❤❤
He is a great personality ❤❤❤
The situation is that : "the awareness is now spreading with the infusion of entertainment "...
thanks for u child future of knowledge
Thanks sir Jay Hind sir
लेकिन फिर भी हम अगर आपको देख पा रहे हैं तो इसका कारण सस्ता डेटा ही है।
कमियाँ तो सिर्फ होस की हैं जागृति की हैं, सही जानकारियों की हैं।
अब करना बस इतना हैं कि सारा टेक्नोलॉजी सरकार के हाथ में होना चाहिए, सरकार को लोकतंत्र होना पड़ेगा, वो तब होगा जब जनता, शिक्षित और विवेकपूर्ण होंगे, तब मनुष्य अध्यात्म और मोक्ष के ओर जा सकते हैं।
Zarorat hai education ki
Capitalism 😊
Bhai IIT is good...there is many things ahead.....❤❤
Aacharya ji Aap Jaisa knowledge kahan se collect Karen
Ye hai asli Man ki baat
Very true about today's life
👍👍👌👌
Eye opener video Sir 🙏thank you for sharing!
This thumbnail and video title increased my cortisol levels
Pura bharat gulam hai sir
Hammye badalana padega
Nahi to log or bhi poor hi jayegane
Jungle se bahar new sector
Or nya kuch banana padega
Nahi to
Gulami piche
Piche ayegi
True acharya ji
सामाजिक क्रांति तभी संभव है जब निम्न एवं निम्न मध्यवर्ग में वर्ग चेतना उत्पन्न की जाये परन्तु जैसा मार्क्स ने कहा था कि धर्म का नशा चटाकर पूँजीपतियों का गुलाम बना लिया गया है
Right sir ji
मैने कार्ल मार्क्स गहराई से पढ़ा है, उसके पूँजीवाद में भयावह असमानता के सम्बन्ध में विश्लेषण आज भी प्रसंगिक हैँ ।
M bhee padna chahata hu unki books bataye plz
Truth of feature.
Had the videos been shorter, could have watched. Want to watch, but couldn't watch this much longer
Very very true
Very truthful and authentic
Right sir
Very thoughful..really liked it
Good comments on weathly people
Accha hain main apna career independent way se chala raha hoon 👼🏻
AI se risk nahi ha..skills seekh lo market ke hisab se..AI skill itna common kar do ki gali kooche wale chote business b use afford kar sake..taki sab apni prodctivity badha sake..production cost sasti ho aur Indian products global market me competitive ho sake..
Jin jin ko AI ki wajah se job khone ka objection ha..wo ye bata de ki tum log 30-40-50% hike ya kisi better profile ke lie job change nai karoge? Tum apne fayde ka sochna chorh skte ho to fir company se expect kro..ki wo b AI chorh degi
21:00 carbon emissions
Good morning all of you
Wah sir, this is next level
"THE EXISTENCE"creation free giver.but human being away from HIM make nexus for BONDAGE
❤Naman h aapko aacharya ji❤
TATA wale toh kaafi charity karte hain.
So true..
अब मिडिल क्लास में कोई चंगेज खान पैदा हो तब बात बने ।
तो ये तो सहस्त्राब्दियों से होता आ रहा है।
What is the absolute solution this problem
आज के विवेकानंद 🙏
❤❤❤❤❤❤thank God koi to human mila gorilla ke bich-jo humanity ko bachana chahta. Bless you sir
achary ji bilkul sahi baat hai 👍🙏🙏
Pranams swamiji
Bilkul sahi baat hai sir
Jay jagannath Acharya ji
AP is wisest man on earth ❤