जंगल उजाड़ कर मंदिर महल नहीं बना चाहिए। जब आदिवासियों के पक्ष में फैसला एवं कागजात है तो दुसरे समुदाय इसे लालच क्यों करता। धर्म के नाम पर ऐसा उचित नहीं है
संथाल लोग का मरांगबूरु हैं जो कि अभी भी jaher स्थान है जहां पर अभी भी बाली पूजा करते रहें हैं संथाल लोग का सबसे बड़े भगवन हैं हमलोग हर समय याद करते हैं।
@@shah6792 जैन भाई चावल कपड़ा दान कर के पुन्य कमा रहा है ,,,, ईसाई भाई गरिबों को शिक्षा,,बिमार लोगों का इलाज करके पुन्य कमा रहा है,,,, आदिवासी मुलवासी नेता गरीब जनता को भड़का रहा है ,,,
हजारों साल से जैन धर्म के समुदाय हैं तो कहाँ है ये लोग खतियानी। सर्वे सेटलमेन्ट में तो ये लोग का नाम होना चाहिए। सारा सर गलत बोल रहे हैं जैन समुदाय लोग ।
सादर जोहार। महाराष्ट्र के भीमाशंकर वन क्षेत्र में भीमाशंकर मंदिर से संलग्न वहाँ के स्थानिय आदिवासीयों का कलमजाई (कमलजा + आई (माँ) कलंब के पेड का टोटेम) का प्राचीन मंदिर है। आठवी सदी के बाद भीमाशंकर मंदिर बनाए जाने के बावजूद आज भी कलमजाई का मंदिर आज भी अस्तित्व में है। आज यह मंदिर बाहरी लोगों के भीमाशंकर मंदिर आने के कारण बदल रहा है। कलमजाई का नाम अब कमलजाई हो रहा है और हिंदू पुराण की एक बकवास कहानी यहाँ पर थोपी जा रही है। आदिवासी टोटेम का अब हिंदू देवी में परिवर्तन किया जा रहा है। परंतु वहाँ के कई स्थानीय आदिवासी युवा तथा आदिवासी संघटन इस बदलाव के विरोध में डटे हुए हैं। आप भी डटें रहें, हेमंत भैया से भी उम्मीद है कि वे आदिवासी संस्कृति के प्रति अपना कर्तव्य जरूर निभाएंगे।
राँची बोकारो जमशेदपुर और धनबाद जासे शहरों के बाहर हज़ारों लाखों फ़ॉरेस्ट की ज़मीनों पर आज बड़ी बड़ी इमारतें बन रही है। गोंडा में क्या हो रहा है? इन सभी बातों पर झारखंड का मीडिया चुप क्यों है?
मन्दिर धर्मशाला की जरूरत सबसे पहले है स्कूल कालेज का क्या काम है ना ऐसा प्रतीक हो रहा है और भारत सरकार को भी समक्षा चाहिए कि ऐसा क्यो हो मगर सब उल्टा हो रहा है बडा सवाल
Free me kuch nhi le rhe h , jiski jameen h usko paise deke le rhe h. Kanun aaplog bhi jante ho land registry ki process aaplog bhi jante ho, iss baat pe behes ya andolan karna bekar h
Agar jain samaj dusro ke astha ka respect nahi kar sakte toh adivasi ka pura haq hai ki wah unki astha ko nakar sakte hai...KOI BHI ST KE JAMEEN nahi khareed sakta ..jitne bhi illegal ashram hai Nasht Kar Dena chahiye..
Jab yahan C.N.T. S.P.T.Act,forest act ete act hone ke baad Jharkhand government, forest department ne is atikaraman ko dekh kar bhi andekha kiya.Aur sab kuch sarkar aur forest dept.ke samne hua.Yahi kaam koi adiwasi karta jarurat ka saaman jaise lakri patta etc.le kar jata to Forester itna active ho jaata.Hai na kamaal ki baat.
बिल्कुल कमाल ही है! आदिवासियों की हक को मारने में ये जरा भी नहीं हिचकिचाते हैं । इतना गैरकानूनी दंग से मारांग बुरु में कंसट्रक्शन हुआ है और सब चुप हैं। RTI करके रिकॉर्ड निकालकर सबके खिलाफ केस दर्ज करना होगा ।
Han mere bhai Sahi bol rahe hai. Hamare Jharkhand me jitne bhi Adhikari hai sb bahri hai.es BJH se jharkhand ka naukari or jal, jangal, jameen, sb lutne ka kaam kar rhe hai es liye Sidhu Kanu ko Naman karta hoon es chetro me angrejo ko sason nhi sobikara.
Sabhi comments karene wala Se puchna Chate Hain PARESHNATH BURU me Pahle Adibashi Mulnivasi Niwasi Aya to JAIN Badme Aya it is absolutely right And legal so why Jain Demand that it is our Holle palace Jain Bhai It is totally wrong Please don't raise such Types of problems JAI Adibashi Mulnivasi
Aadhiwasi ka neta log ka v bhala nhi karega!! Aadhiwasi ko safed angrej jis tara desh se bahgaya tha use tara kale angrej ko desh se bagana parega!!!!!????
पारसनाथ नाम ही जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ के नाम पर है यह हज़ारों सालों से जैन धर्म का तीर्थ स्थल है पहाड़ पर जो मंदिर बने है वे हज़ारों साल प्राचीन है भारत सरकार और भारतीय संविधान के अनुसार आजादी के पहले जो तीर्थ स्थल या मंदिर जिस जगह पर बने है वह उसी धर्म का माना जाता है सारे सबूत और एतिहासिक प्रमाण सिद्ध करते है कि पारसनाथ पहाड़ जैन धर्म का है और यह बात सारी दुनिया जानती है चाहो तो Google पर पारसनाथ सर्च कर लो वहा कहीं marang buru का जिक्र नहीं है वहा जैन तीर्थ स्थल बताया गया है पता नहीं किसने यह झूठी अफवाह फैलाया
Mokh ki parapti paharmky pahar par hi why. Any other place jharkhand chor ky panjab ,hariniya, rajasthan,gujrath ,maharastar why hi.chouty samj rakha hi ,(chirstisn+ sarna ,adivasi,moulwssi ,kar jharkhand ko barbad koro. )Jis din only we are adivasi no firation chr.,and sarna to all india my ak ho ji jharkhand my ,world my koyi vi hamy bal baka nahi kar pay ga.
Ye Marangburu Adibasiyo ka hai, Jain ne yeha sharnaarthi ke tara aye the, aur uss tara hi rahe, uska dakhaldari nai chalega, Marangburu Adibasiyo ka hai
Jain samaj ka virodh sarkar se tha aadivasiose nahi tha, fir bhi bina soche samje jaino ke samne befam aur nimna batebol rahe hai to jainsamaj kaise madad karenge.joki jain samaj ne madad ki thi, fir bhi...kuchh socho, virodh karna ho to sarkarka karo.
Sammed sikhar nhi, marang buru bolo tb hi sahi rahega, Agar marang buru ke naam se pahad ko sambodhit kroge to, hm adiwasi ki pahchan Or astitwa se dur kr rhe ho
Hamare jain logo ke pass isse bhi jyada hazaro saal purana likhit proof hai aap logo ko to sanvidhan ne bolne ka hap diya jabi aap log aakh dikha rahe ho.
Santhaladiwasiyo tum achhi tarah jante ho ki yeh pahaad kewal Jain tirthankaron ke hone se pavitra hua hai nahin to pahaad to bharat me bahut hain Jaini wahan kyo nahin jaate Tum ligjhagda karoge aur Jainiyon ki aane se rokoge to tum kewal bhooke maroge kyonki Parasnath ke bhakton se ladne ka Dand jaroor milega.Bhomiyaji to Parasnath ka sewak hai jise tum bhagwan samajhte ho.Tum log dharm ke naam par bali dete ho aur narak me jaane ka rasta bana rahe ho.Parasnath ka vikas Jaini hi kar rahe hain,Jain guru yehan bahut shandar vikas kar rahe hain jo tumko achha nahin lag raha kyoki tumhari aur netaaon ki akal Mari gayi hai Tumhare Jharkhand ka bhi haal badrinath aur joshimath jaisa hoga kyoki unhone bhi Jain mandiron par kabja Kiya tha.Ab bhi sudhar jaao aur jhagda band karo.Phir kewal Rona padega tumhari puuri jaati ko.
Jain baad me aye hai?😂 Are bhai history padh lo hajaro saal ka history hai jaino ka waha par samjhe Bas population kaam ho gayi hai abhi Pehle bohot jyada population thi jaino ki Jain Kam ho Gaye hai lekin kamjor nahi samjhe
जाओ जाके मुसलमानों के मका में जाकर वहाँ के सबसे बड़े मौलवी का अपमान करो, या अयोध्या में जाकर शंकराचार्य का अपमान करो तो यह अमृतसर में जाकर वहाँ गुरु का अपमान करो तो हम तुमको मान जाएंगे। हमारा सबसे बड़े तीर्थ में साधना कर रहे हैं हमारे जैन मुनी का अपमान किया गया फिर भी हमारा समाज चुपचाप सब कुछ सहन कर रहा। संविधान और बाबा साहब ने हमें भी हक़ दिया है।
Marang buru ( Paras nath hill) is the most sacred place for santals . Their place of worship jahergaal is situated there since time immemorial but now Jains are trying to capture it and imposing restrictions in area beyond sammed shikharji which is illegal . Large scale constructions taking place in Paras nath hill violating law of the state. Jains have failed to enforce guidelines/ principles for sammed shikharji for which there is indiscipline and chaos among the people visiting the shrine !!! This is total failure on the part of Jain community and trust / committee managing the daily affairs ; they need to learn from management / committee of Tirupati Balaji temple, Vaishno Devi etc . Also , Jain community must learn to respect sentiments/ traditions of other communities. Let ( part of ) Paras nath hill remain pilgrimage centre for Jains but can not be owner / land lord in Giridih district over looking the interest of tribals .
@@mahabirmajhi2683 भगवान पारसनाथ का जन्म 3000 साल पहले हुआ था। आपको मनोरथ पुरानी पढ़नी चाहिए जो पालि भाषा में लिखी किताब है। भगवान बुद्ध के बड़े चाचा पापा पारसनाथ परंपरा के अनुयायी थे। इस किताब में भारत के इतिहास का बहुत कुछ लिखा है। हज़ारों साल से समेत शिखर पर जैनियों के हक़ को ठुकराया नहीं जा सकता।
@@mahabirmajhi2683 भगवान पारसनाथ से पहले हमारे 19 और तीर्थंकर इस पहाड़ से मोक्ष में गए। भगवान आदिनाथ के अनुयायी को आदिवासी कहा जाता था और कई सारे आदिवासी शर्मन प्रथा से जुड़े थे। लेकिन आपको शर्म प्रथा के बारे में कुछ मालूम ही नहीं करना ? आपको भोमिया जी दादा जो पारसनाथ भगवान के अनुयायी थे और उसको पर मालूम नहीं करना? कई आदिवासी लोग कहते हैं की मारंग गुरु भोमिया जी दादा का प्रवर्तन था और उनकी आस्था भोमीयाजी दादा पड़ती। संताल आदिवासी भी भोमीयाजी दादा को मानते हैं और हम भी मानते हैं।
आप का समाचार गरीब आदिवासियों को कम से कम बता तो रहा है बाकि किसी को इन लोगों को जगह ही नहीं आपनी बात रखने के लिये धन्यवाद आप का बहुत बहुत
मोनिका मरांडी से प्रार्थना है कि आप अधिक संख्या में आदिवासी संताल को संवाददाता बनने के लिए प्रोत्साहन देने की कृपा कीजिए
अशिक्षा,,, गरीबी का फायदा सभी धर्मालम्बियों ने उठाया है,,, हिन्दू,, मुस्लिम,, इसाई
1000 साल बाद कुछ लोगों को समझ में आरही है,,
जंगल उजाड़ कर मंदिर महल नहीं बना चाहिए। जब आदिवासियों के पक्ष में फैसला एवं कागजात है तो दुसरे समुदाय इसे लालच क्यों करता। धर्म के नाम पर ऐसा उचित नहीं है
Right 👍
Jay mulnivasi
जैन के अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चलवाये प्रशासन। ।जोहार। ।
Sahi m bhai!!
Bilkul sahi
Full Support
jay Adivasi
Jay sarna
Janio ko bhagavo to bhala hoga nato bhavishya me muskil he jarkhande khatre me rehega
सच कहा आपने| supreme court में case डालो
आदिवासियों जागो ? मतलब नहीं समझे , सरकार ,देश ,कानून को हर चीज लिखा मिलना चाहिए अन्यथा मुद्द
All India Adivasi political party bana kr adaivasi samaj ko bachane per kam kren.
आदिवासियों की आस्था से सरकार खिलवाड़ ना करे,आदिवासियों को अपनी जगह वापस मिलनी चाहिए!
संथाल लोग का मरांगबूरु हैं जो कि अभी भी jaher स्थान है जहां पर अभी भी बाली पूजा करते रहें हैं संथाल लोग का सबसे बड़े भगवन हैं हमलोग हर समय याद करते हैं।
जोहार मारंग बुरू। ।
मोनिका जी को रिपोर्टिंग के लिए बहुत बहुत जोहर धन्यवाद ।
कानूनी कार्रवाई तो यही करती है जो पहले से यह रहा उसका मगर यहां तो सब ऊल्टा फुलका सा लग रहा है ऐसा क्यों सवाल
Parasnath sirf Aadiwasiyo ka h.
Sarkari jamin hai
@@shah6792झारखंड की सरकारी जमीन मे जैन भाई क्या कर रहा है,,,
@@kunurammahato5142 pure desh ki sampati hai , jain bhai vaha garib ko chaval, kapda Dene aate hai aur punya kamate hai
@@shah6792 जैन भाई चावल कपड़ा दान कर के पुन्य कमा रहा है ,,,,
ईसाई भाई गरिबों को शिक्षा,,बिमार लोगों का इलाज करके पुन्य कमा रहा है,,,,
आदिवासी मुलवासी नेता गरीब जनता को भड़का रहा है ,,,
अरे भैया भारत मे आदिवासियों का इतिहास सबसे पुराना है
पढाऔ लिखाऔ आदिवासियों को ऐसा गरीब आदमी को परेशान मत करो
गरीब कोई नहीं होता आदिम आदिवासियों को क्यो समक्ष नहीं आता
हजारों साल से जैन धर्म के समुदाय हैं तो कहाँ है ये लोग खतियानी। सर्वे सेटलमेन्ट में तो ये लोग का नाम होना चाहिए। सारा सर गलत बोल रहे हैं जैन समुदाय लोग ।
सादर जोहार।
महाराष्ट्र के भीमाशंकर वन क्षेत्र में भीमाशंकर मंदिर से संलग्न वहाँ के स्थानिय आदिवासीयों का कलमजाई (कमलजा + आई (माँ) कलंब के पेड का टोटेम) का प्राचीन मंदिर है। आठवी सदी के बाद भीमाशंकर मंदिर बनाए जाने के बावजूद आज भी कलमजाई का मंदिर आज भी अस्तित्व में है।
आज यह मंदिर बाहरी लोगों के भीमाशंकर मंदिर आने के कारण बदल रहा है।
कलमजाई का नाम अब कमलजाई हो रहा है और हिंदू पुराण की एक बकवास कहानी यहाँ पर थोपी जा रही है।
आदिवासी टोटेम का अब हिंदू देवी में परिवर्तन किया जा रहा है। परंतु वहाँ के कई स्थानीय आदिवासी युवा तथा आदिवासी संघटन इस बदलाव के विरोध में डटे हुए हैं।
आप भी डटें रहें, हेमंत भैया से भी उम्मीद है कि वे आदिवासी संस्कृति के प्रति अपना कर्तव्य जरूर निभाएंगे।
केसरियाजी उदयपुर और नागफनी डूंगरपुर भी आदिवासियों से छीन लिया गया है🙏
Me udaipur se hu, kuch bhi bakwas mat kar, BTP wala lagta h tu
@@joykumar3665 तेरे बाप को पुछ लेना
बीटीपी नहीं है हर कोई
@@Gebimalja383 mere baap se pucha unhone bola, tere se jagda mat kar, kyunki tera hi nazayaz bhai he
@@joykumar3665 bkwas kon kar raha ham jo sahi he vo bata rahe to pet me dard kyo hota he.
Jai aadiwasi jai johar
Johar marang buru jai adivasi
आपका video न्यूज जैसा ही प्रतीत हो रहा है... Keep it up monika ji
तहे दिल से शुक्रिया मोनिका
Reflect which religion gives education and dignity as human person to Aadivasi and poor people?
बहुत दिन के बाद दिखा रहे हैं मैम क्या बात है
आदिवासीयों का भी हक है पारसनाथ पर.....
Johar marań buru
Monika Jee Johar.
Jamshedpur se.
Marangburu आदिवासी का है आदि काल से पूजा करते आ गया है
daram k nam par dhanda / bijness
bond karo jain. jain bahut chalak admi adiwasi jamin kistara horop liya. ye adiwasi bordas nahi karega.
बहुत अच्छा रिपोर्टिंग किए हो 👌
राँची बोकारो जमशेदपुर और धनबाद जासे शहरों के बाहर हज़ारों लाखों फ़ॉरेस्ट की ज़मीनों पर आज बड़ी बड़ी इमारतें बन रही है। गोंडा में क्या हो रहा है? इन सभी बातों पर झारखंड का मीडिया चुप क्यों है?
Jay Adivasi🙏
Jay johar kaa nara hai bharat desh hamara hai
मन्दिर धर्मशाला की जरूरत सबसे पहले है
स्कूल कालेज का क्या काम है ना ऐसा प्रतीक हो रहा है
और भारत सरकार को भी समक्षा चाहिए कि ऐसा क्यो हो मगर सब उल्टा हो रहा है बडा सवाल
कानून आज बना है, शिखर जी तब से है जब पृथ्वी पर 5 इन्द्रिय जीवन भी नहीं था।
Thanks mam
आदिवासी बॉयहा मिसि को नुकू महतो कोदो वोट आलो पे एमा कोवा नुकू दो मिद्धव को जितव ले खान कुर्मी को आदिवासी बेनाव रैना को रिकाया पोरे ते पे बुझावा
Parasnath pahar yani marang buru ye sirf adiwasi ka h
Sarkar ka pura dosh hai..
Free me kuch nhi le rhe h , jiski jameen h usko paise deke le rhe h.
Kanun aaplog bhi jante ho land registry ki process aaplog bhi jante ho, iss baat pe behes ya andolan karna bekar h
Hul johar🇮🇳🇮🇳🙏🙏🥰💓🏹🏹🏹🥰
Agar jain samaj dusro ke astha ka respect nahi kar sakte toh adivasi ka pura haq hai ki wah unki astha ko nakar sakte hai...KOI BHI ST KE JAMEEN nahi khareed sakta ..jitne bhi illegal ashram hai Nasht Kar Dena chahiye..
Jai aadivasi 💪
Johar marang buru
Hirla Marang Buru 🙏🏽🙏🏽⛰️
Jay aadivasi
Sahi video banayahe
Aek bar gujarat me mangahddahm me jaye itihas milega jay johar
CNT, S P T land hai jain kaise aj resturant, hotels bana rahe hai
👍👍👍👍👍👍🙏🙏
Humko Rona aa raha h kiu hamesha adiwasi ke saath aisaa hota h managburu...
Johar ge ayma sarhaw
I like ur video
जागो आदिवासी जागो
Ai serep adibasi ka he🙏🇮🇳🏹💓🥰🥰🥰💓💓🏹
पहाड़ को कौन ले जा रहा है मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा ,कैसे ले जायेगा ,उठाने सकेगा क्या ?
Jai parsanath
Johar had,hapan👍👍👍👍👍👍
Jay johar
Johar johar adiwasi
Yah Marang buru pahar hay.
Johar Marang buru.
Jab yahan C.N.T. S.P.T.Act,forest act ete act hone ke baad Jharkhand government, forest department ne is atikaraman ko dekh kar bhi andekha kiya.Aur sab kuch sarkar aur forest dept.ke samne hua.Yahi kaam koi adiwasi karta jarurat ka saaman jaise lakri patta etc.le kar jata to Forester itna active ho jaata.Hai na kamaal ki baat.
बिल्कुल कमाल ही है! आदिवासियों की हक को मारने में ये जरा भी नहीं हिचकिचाते हैं । इतना गैरकानूनी दंग से मारांग बुरु में कंसट्रक्शन हुआ है और सब चुप हैं। RTI करके रिकॉर्ड निकालकर सबके खिलाफ केस दर्ज करना होगा ।
@@bishwanathhansda6873 Yahan D.F.O.ke upar case karna hi behtar upai hai.Baki sab chhahe Sarkar hi kyon na ho apne aap jhuk jayegi.
Han mere bhai Sahi bol rahe hai. Hamare Jharkhand me jitne bhi Adhikari hai sb bahri hai.es BJH se jharkhand ka naukari or jal, jangal, jameen, sb lutne ka kaam kar rhe hai es liye Sidhu Kanu ko Naman karta hoon es chetro me angrejo ko sason nhi sobikara.
Inse bolo pavitrta ko chhodo aur swachhta pe dhyan do.
Parasnath nahi eya ha Maragburu sristi karta ishwar ki pabitra sthan hai.Hirla Maragburu.
Sabhi comments karene wala
Se puchna Chate Hain PARESHNATH BURU me
Pahle Adibashi Mulnivasi
Niwasi Aya to JAIN Badme
Aya it is absolutely right
And legal so why Jain
Demand that it is our
Holle palace Jain Bhai
It is totally wrong
Please don't raise such
Types of problems
JAI Adibashi Mulnivasi
Esliye aadiwasi bahri logo ki gussa krta
B's inhe apni aastha ki padi hai
Aur aadiwasiyo ka kya
Very nice didi for reporting
Bahri apko daya karega keya inlogon ko jharkhand se keya lenadena.
हिरला माराङ बुरु । PRIVY COUNCIL OF LONDON AUR SANTAL RAIYAT SETTLEMENT.
मारंग बुरु m सभी लोग एक डेट मे मुर्गा का बलि का आयोजन किया जाए
यहां के आदिवासी कोई काम था पर नहीं उठा के ले जाना चाहिए सब बरसना दर्शन करने वाले अपने आप जाएंगे तब प्रश्नों के साथ छाती पीछे भी
Aadhiwasi ka neta log ka v bhala nhi karega!! Aadhiwasi ko safed angrej jis tara desh se bahgaya tha use tara kale angrej ko desh se bagana parega!!!!!????
Aadivasion. Ki. Bhi raxa. Honi. Chahiy.
जागो आदि वासी अपना हक़ अधिकार को
पारसनाथ नाम ही जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ के नाम पर है यह हज़ारों सालों से जैन धर्म का तीर्थ स्थल है पहाड़ पर जो मंदिर बने है वे हज़ारों साल प्राचीन है भारत सरकार और भारतीय संविधान के अनुसार आजादी के पहले जो तीर्थ स्थल या मंदिर जिस जगह पर बने है वह उसी धर्म का माना जाता है
सारे सबूत और एतिहासिक प्रमाण सिद्ध करते है कि पारसनाथ पहाड़ जैन धर्म का है और यह बात सारी दुनिया जानती है चाहो तो Google पर पारसनाथ सर्च कर लो वहा कहीं marang buru का जिक्र नहीं है वहा जैन तीर्थ स्थल बताया गया है पता नहीं किसने यह झूठी अफवाह फैलाया
Mokh ki parapti paharmky pahar par hi why. Any other place jharkhand chor ky panjab ,hariniya, rajasthan,gujrath ,maharastar why hi.chouty samj rakha hi ,(chirstisn+ sarna ,adivasi,moulwssi ,kar jharkhand ko barbad koro. )Jis din only we are adivasi no firation chr.,and sarna to all india my ak ho ji jharkhand my ,world my koyi vi hamy bal baka nahi kar pay ga.
Prasanath adiwasi ka hai
Ham nahi chorenge
Jo yahe video bana rahe hai.use pahale morning me 3 am utkar nage pav aur bina Kaye piya yatra kare .phir bat kare
Intaa din se ye jain intaa mandir banaa rhey thhey . Shuru se hi virodh kyon nahin huaa.
Jai johar
Adiwasi ke sath kaha tuta hai Adiwasi ke sath nahi tutega
aadiwasi bhai aakta ho
aapna hak ko le ke rahege
Ye Marangburu Adibasiyo ka hai, Jain ne yeha sharnaarthi ke tara aye the, aur uss tara hi rahe, uska dakhaldari nai chalega,
Marangburu Adibasiyo ka hai
Jain samaj ka virodh sarkar se tha aadivasiose nahi tha, fir bhi bina soche samje jaino ke samne befam aur nimna batebol rahe hai to jainsamaj kaise madad karenge.joki jain samaj ne madad ki thi, fir bhi...kuchh socho, virodh karna ho to sarkarka karo.
Sammed sikhar nhi, marang buru bolo tb hi sahi rahega,
Agar marang buru ke naam se pahad ko sambodhit kroge to, hm adiwasi ki pahchan Or astitwa se dur kr rhe ho
Vivad ka shantipurn samadhan ho.
Marang buru santhal aor muladibasi ka Hai.
आदिवासी k sath अन्याय हुआ है
कोई कीसीकी मनमानी नहीं सुनता / पारसनाथ जैनियों का था***हैं****रहेगा/ -------जय सममे्दशिखर🙏🏻
जैन लोग झारखंड में ही पैदा हुवा था क्या पारसनाथ सिर्फ आदिवासियों का है
झारखंड समेत पुरे भारत में जैन पैदा होते हैं/ और पुरा भारत हमारा है/ आदिवासी से पहले भ. आदिनाथ जन्मे हैं/ वहीं हमारे परम पिता हैं/*******जय पारसनाथ🙏🏻
जैनियों का कभी नहीं हो सकता।
Hamare jain logo ke pass isse bhi jyada hazaro saal purana likhit proof hai aap logo ko to sanvidhan ne bolne ka hap diya jabi aap log aakh dikha rahe ho.
Santhaladiwasiyo tum achhi tarah jante ho ki yeh pahaad kewal Jain tirthankaron ke hone se pavitra hua hai nahin to pahaad to bharat me bahut hain Jaini wahan kyo nahin jaate Tum ligjhagda karoge aur Jainiyon ki aane se rokoge to tum kewal bhooke maroge kyonki Parasnath ke bhakton se ladne ka Dand jaroor milega.Bhomiyaji to Parasnath ka sewak hai jise tum bhagwan samajhte ho.Tum log dharm ke naam par bali dete ho aur narak me jaane ka rasta bana rahe ho.Parasnath ka vikas Jaini hi kar rahe hain,Jain guru yehan bahut shandar vikas kar rahe hain jo tumko achha nahin lag raha kyoki tumhari aur netaaon ki akal Mari gayi hai Tumhare Jharkhand ka bhi haal badrinath aur joshimath jaisa hoga kyoki unhone bhi Jain mandiron par kabja Kiya tha.Ab bhi sudhar jaao aur jhagda band karo.Phir kewal Rona padega tumhari puuri jaati ko.
Sarkari jamin ka malik koi nahi ban sakta. Sab ko Pooja ka hak hai
Jain log kyu yehan rahte ho. Aap tou jante hain na, ki ye pahar adiwasion ka hai aur yehan bali deta hai.
Marang buru jug jaher than humare he adiwasi logo ka or hm leke rshenge bahri log daku lutero ko hm bhagayenge
Jaino. Ki. Baat. Ko. Manna. Chahiy. Sarksar. Ko.
Marang buru jitkar jain ko Hathaw marang buru bachaw.
Marang Buru hamara hai
Parshnath Santal adibasi ka hai johar jharkhand
Jain bad me aaya hai marang buru me,esiliye aadiwasi ko apna puja karne ka pura hak hai.jain ko problem hai to jain ko bhag jana chahiye....
Jain baad me aye hai?😂
Are bhai history padh lo hajaro saal ka history hai jaino ka waha par samjhe
Bas population kaam ho gayi hai abhi
Pehle bohot jyada population thi jaino ki
Jain Kam ho Gaye hai lekin kamjor nahi samjhe
ये आखिरी वाली आंटी सारासर झूठ बोल रही है...
लिमिट में रहो
Teri Amma ki
Tu sala madar chod, kanha ka h be, sachai ko tum jhut bol rhe ho
Iss aurat ko ek do video m phle v dekh chuke h kitna jalan h iske maan m jaino k baare m. Khali neta banna h sbko
जाओ जाके मुसलमानों के मका में जाकर वहाँ के सबसे बड़े मौलवी का अपमान करो, या अयोध्या में जाकर शंकराचार्य का अपमान करो तो यह अमृतसर में जाकर वहाँ गुरु का अपमान करो तो हम तुमको मान जाएंगे। हमारा सबसे बड़े तीर्थ में साधना कर रहे हैं हमारे जैन मुनी का अपमान किया गया फिर भी हमारा समाज चुपचाप सब कुछ सहन कर रहा। संविधान और बाबा साहब ने हमें भी हक़ दिया है।
Marang buru ( Paras nath hill) is the most sacred place for santals . Their place of worship jahergaal is situated there since time immemorial but now Jains are trying to capture it and imposing restrictions in area beyond sammed shikharji which is illegal . Large scale constructions taking place in Paras nath hill violating law of the state. Jains have failed to enforce guidelines/ principles for sammed shikharji for which there is indiscipline and chaos among the people visiting the shrine !!! This is total failure on the part of Jain community and trust / committee managing the daily affairs ; they need to learn from management / committee of Tirupati Balaji temple, Vaishno Devi etc . Also , Jain community must learn to respect sentiments/ traditions of other communities. Let ( part of ) Paras nath hill remain pilgrimage centre for Jains but can not be owner / land lord in Giridih district over looking the interest of tribals .
@@mahabirmajhi2683 भगवान पारसनाथ का जन्म 3000 साल पहले हुआ था। आपको मनोरथ पुरानी पढ़नी चाहिए जो पालि भाषा में लिखी किताब है। भगवान बुद्ध के बड़े चाचा पापा पारसनाथ परंपरा के अनुयायी थे। इस किताब में भारत के इतिहास का बहुत कुछ लिखा है। हज़ारों साल से समेत शिखर पर जैनियों के हक़ को ठुकराया नहीं जा सकता।
@@mahabirmajhi2683 भगवान पारसनाथ से पहले हमारे 19 और तीर्थंकर इस पहाड़ से मोक्ष में गए। भगवान आदिनाथ के अनुयायी को आदिवासी कहा जाता था और कई सारे आदिवासी शर्मन प्रथा से जुड़े थे। लेकिन आपको शर्म प्रथा के बारे में कुछ मालूम ही नहीं करना ? आपको भोमिया जी दादा जो पारसनाथ भगवान के अनुयायी थे और उसको पर मालूम नहीं करना?
कई आदिवासी लोग कहते हैं की मारंग गुरु भोमिया जी दादा का प्रवर्तन था और उनकी आस्था भोमीयाजी दादा पड़ती। संताल आदिवासी भी भोमीयाजी दादा को मानते हैं और हम भी मानते हैं।